/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Wednesday, November 9, 2011

Decision on TET petition may come out on 11 November 2011

टीईटी परीक्षा की याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित

Decision on TET petition may come out on 11 November 2011
इलाहाबाद। अध्यापक अर्हता परीक्षा (टीईटी) में शामिल किए जाने और टीईटी के दायरे बाहर रखने आदि मांगों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। याचिकाओं पर सुनवाई न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता कर रहे हैं। इस पर अब 11 नवंबर को निर्णय सुनाया जाएगा। बीपीएड/डीपीएड डिग्री धारकों की ओर दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि राज्य सरकार ने टीईटी के लिए जारी विज्ञापन में इन डिग्री धारकोें को बाहर रखा है जबकि विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा के अध्यापकोें की आवश्यकता है। इसी प्रकार से विशिष्ट बीटीसी 2004 के अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2004 के एक बैच को बिना टीईटी में शामिल हुए नियुक्ति दी जा चुकी है इसलिए उन्हें भी टीईटी की बाध्यता से मुक्त रखा जाना चाहिए। इसी प्रकार से बीटीसी 2008 और 2010 के अभ्यर्थियों ने भी टीईटी की बाध्यता को चुनौती दी है। संस्कृत भाषा को भी टीईटी परीक्षा में शामिल करने को लेकर याचिका दाखिल की गई है। याचियों का कहना है कि अंग्रेजी और उर्दू को द्वितीय भाषा के तौर पर शामिल किया गया है जबकि संस्कृत को शामिल न करके भेदभाव किया जा रहा है। उर्दू मोअल्लिम के अभ्यर्थियों ने भी याचिका के माध्यम से टीईटी के विज्ञापन और एनसीटीई की अधिसूचना को चुनौती दी है।
बीटीसी 2004 के अभ्यर्थियों की एक और याचिका न्यायमूर्ति अरुण टंडन की अदालत में लंबित है। इस पर न्यायालय ने प्रमुख सचिव से कारण बताते हुए निजी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई होगी। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक अर्हता परीक्षा (टीईटी) उर्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है। इस क्रम में टीईटी परीक्षा का आयोजन 13 नवंबर को किया जा रहा है।
News source : Amar Ujala (09-Nov-2011)