/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Wednesday, December 7, 2011

Youths angry for teacher selection based on UPTET merit

टीईटी को रिक्तियों में आधार बनाने से युवा नाराज (Youths angry for teacher selection based on UPTET merit)

शिकोहाबाद। शासन द्वारा टीईटी परीक्षा के बाद इसे रिक्तियों में आधार बनाने की प्रक्रिया से प्रशिक्षित बेरोजगारों में निराशा है तथा उन्हाेंने इस निर्णय को गलत करार दिया है। इस निर्णय के खिलाफ न्यायालय में जाने की तैयारी भी की जा रही है
मंगलवार हुई बैठक में डा. जयदेव सिंह ने कहा कि शासन व एनसीटीई द्वारा टीईटी परीक्षा कराते समय इसे केवल पास करने की बात कही थी लेकिन अब आने वाली रिक्तियों में मुख्य आधार इसी को बनाया जा रहा है जो कि सरासर गलत है। इससे हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन तथा बीएड डिग्री का कोई मतलब ही नहीं रह जायेगा। बैठक में कहा गया कि सरकार बेरोजगारों के साथ छलावा कर रही है। पहले सरकार द्वारा बीपीएड डिग्री धारकों को इस परीक्षा में शामिल नहीं किया। अब टैट को अंकों के आधार नौकरी देने का कार्य कर रही है। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि इस प्रक्रिया को नहीं बदला गया तो हम लोग कोर्ट की शरण लेंगे। बैठक में राघवेंद्र सिंह राना, राजीव यादव, मयंक यादव, विकास पालीवाल, सारिका सिंह, नीलिमा, प्राची आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
उधर अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिला अभ्यर्थियों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करायी गई। उसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति महिलाओं की पात्रता में प्राप्त अंकाें का प्रतिशत अधिकांशत: कम रहा है, जिसमें ज्यादातर महिलाओं ने 75 से 82 फीसदी तक अंक प्राप्त किये हैं जो उत्तीर्ण होने के प्रतिशत से कम रहे हैं। इस कारण महिलायें इस पात्रता परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर सकीं और वह शिक्षिका की रिक्तियों को नहीं भर सकतीं। मांग की गई कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं का पात्रता प्रतिशत 55 प्रतिशत से घटकर 50 प्रतिशत कर दिया जाये जिसमें इन महिलाओं को इस शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण मान लिया जाये। मांग करने वालों में सत्या कुमारी, नीरज कुमारी, शिखा कुमारी आदि शामिल हैं।
News : Amar Ujala (7.12.11)

5 comments:

  1. veri gud gentle man
    Sc aur st ke liye sarkar ko sidhe exam na dene ki chhut de deni chahiye.aur yahi nahi jab inka selection ho jaye to sarkar dwara viddyalay na jane ki bhi chhut de di jaye.

    ReplyDelete
  2. सही कहा अनुज इन लोगो को मुफ्त की खाने की आदत पड़ गयी है ।
    सोचो जो 55% अंक नही ला सकता वो शिक्षक बनकर बच्चो का भविष्य क्या बनाएगा ।
    मेरा तो मानना है कि आरक्षण खत्म कर देना चाहिये, अरे मुफ्तखोरो आरक्षण लेना हो तो बैंक ड्राफ्ट मे आरक्षण लो,
    आवेदन फार्म मे आरक्षण लो ।
    दिमाग नही है तो बिना दिमाग वाला काम ढूँढो बच्चो का भविष्य मत खराब करो ।

    ReplyDelete
  3. waise amit agar tm kuch jada hi tej ho to dkh lo bht se gen candidate k no. bhi kam hai number aur rahi baat reservation ki to tum itna tej samajhte ho to primary ki naukri chodho aur tgt aur pgt ki vacancy ayi h usme try kar lo aur aage se jaatiya tipiddi apne tak seemit rakhna aise bolna nai chahiye

    ReplyDelete
  4. Are bhai take it positively-
    TET exam is made to maintain quality.Are reservation to already Govt. dwara diya jaa raha hai.
    Reservation ka ye matlab to nahin ki failed candidates ko bhee naukri de do otherwise aise teacher kya padaynge.
    Kya aap aise Doctor se surgery karana pasand karenge jisko Doctrika ata pata nahin ho.

    ReplyDelete
  5. saaale pagal ho gye ye UP Board wale......TET TET chilla re hai... ispe to merit hi nahi banni chahiye... merit acadmic record pe hi banni chahiye ....chahe TET ke kuch % number jod diye jaye..or pradesh star pe merit ho..court jana chahiye iske liye...aap sehmat haiBTC pe betech walo ko apply karwane ke liye bhi hum case lad chuke hai or faisla aap log jante hi hai hamare haq me aaya tha.....dekhe 27 september ka amar ujala dainik jagran
    8899264597

    ReplyDelete

Please do not use abusive/gali comment to hurt anybody OR to any authority. You can use moderated way to express your openion/anger. Express your views Intelligenly, So that Other can take it Seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।