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Monday, March 5, 2012

UPTET : No Charm for B.P. Ed Course

बीपीएड से छात्रों का मोहभंग


वाराणसी। पहले विशिष्ट बीटीसी और फिर टीईटी में बीपीएड धारकों को शामिल नहीं किए जाने का असर दिखने लगा है। इस पाठ्यक्रम का क्रेज ऐसा घटा कि इस साल कालेजों की सीटें ही नहीं भर सकीं।
विद्यापीठ से संबद्ध कालेजों में करीब 20 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं। खाली सीटों को भरने के लिए कालेजों ने अब ओपेन एडमीशन का सहारा लिया है। विज्ञापन निकालकर लोगों को एडमीशन के लिए बुलाया जा रहा है। सत्र बीतने को है पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। ऐसी हालत में कब पढ़ाई शुरू होगी और कब होंगी परीक्षाएं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और आधा दर्जन संबद्ध कालेजों की बीपीएड की कुल 420 सीटों के लिए जून-जुलाई में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी। लिखित परीक्षा के बाद कई महीने तक प्रायोगिक परीक्षा लटकी रह गई।
नवंबर में इस पाठ्यक्रम के लिए काउंसिलिंग हुई। विद्यापीठ परिसर की 50 सीटें तो सबसे पहले भर गईं लेकिन कई कालेजों की सीटें खाली रह गईं। काउंसिलिंग कराने के बाद एडमीशन के लिए कालेज पहुंचे विद्यार्थी भारी-भरकम फीस सुनकर भाग खड़े हुए। पिछले साल तक जहां खासी रकम देने के बाद भी एडमीशन के लिए मारामारी होती थी, वहीं इस साल विद्यार्थियों ने कोई रिस्क नहीं लिया। मेरिट लिस्ट के सबसे निचले पायदान तक के विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए कालेजों ने बुलाया लेकिन विद्यार्थी नहीं पहुंचे। लगभग 20 फीसदी सीटें अभी भी खाली हैं। इस संबंध में शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं समन्वयक डा. सुशील गौतम का कहना है कि पिछले एक दशक में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई। लाखों रुपये के घाटे से परेशान कालेज प्रबंधन ने इस संकट से उबरने के लिए विद्यापीठ प्रशासन से अनुमति लेकर अब ओपेन प्रवेश शुरू किया है।



2 comments:

  1. hahaha kachara hai b.p.ed. sala ek dim raddi hai ais me koai free sheet v nahi hoti

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