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Tuesday, April 24, 2012

Haryana / HTET : अनुबंध आधार पर ही होगी शिक्षक भर्ती

Haryana / HTET : अनुबंध आधार पर ही होगी शिक्षक भर्ती


चंडीगढ़, 23 अप्रैल। हरियाणा के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करने को लेकर प्रदेश सरकार कोई दिशा तय नहीं कर पा रही है। सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उसे करना क्या है। कभी नियमित भर्ती की बात करती है तो कभी कांट्रेक्ट (अनुबंध) आधार पर शिक्षक रखने का फैसला लिया जाता है। हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा संशोधित किए गए सेवा नियमों ने एक बार फिर से सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में 25 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की तैयारी में सरकार जुटी है किंतु यह भर्ती अनुबंध आधार पर होगी।
सरकार अगर इसी तरह से बार-बार नियम बदलती रही तो आने आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में तस्वीर कुछ बदली-बदली सी नजर आ सकती है। चूंकि अभी कुछ ऐसे नियम हैं, जो अधिसूचित किए जाने हैं और कुछ अधिसूचित किए जा चुके हैं। जो नियम अधिसूचित किए जा चुके हैं, उन्हें एक बारगी देखने से तो ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में तीन तरह के शिक्षक मौजूद होंगे। एक वो जो पूर्णतया स्थाई हैं और उन्हें तमाम तरह की सुविधाएं सरकार से मिल रही हैं। दूसरे वो जो गेस्ट टीचर के नाम पर जाने जाते हैं और उन्हें एकमुश्त वेतन दिया जाता है। उनकी संख्या प्रदेशभर में लगभग 15000 के आसपास हैं। तीसरे वो अध्यापक हैं, जो पांच साल के अनियमित आधार पर बेसिक पे + ग्रेड पे व साल दर साल वेतनवृद्धि पर लगाए जाएंगे और हर साल उनका मूल्यांकन होगा। इस सबके बावजूद देखने में यह भी आ सकता है कि आज अलग-अलग मोर्चे पर लड़ रहे गेस्ट टीचर व पात्र अध्यापक शायद एक ही मंच पर आ जाएं।

खैर, यह सब तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल हम चर्चा कर रहे हैं हाल ही में टीचर भर्ती के लिए बनाए गए नए नियमों की, जिनमें स्पष्ट लिखा है कि भर्ती ठेके पर होगी और 5 साल के लिए होगी, जिसमें प्रत्येक वर्ष भर्ती किए गए शिक्षक का मूल्यांकन होगा। यहां यह भी बता देना आवश्यक है कि हो सकता है कि कुछ अध्यापक को प्रथम वर्ष पूरा होने पर ही पैवेलियन लौटना पड़े और यह सिलसिला जारी रहे। परंतु फिर भी लगातार मूल्यांकन होगा और पांच साल मूल्यांकन करने के बाद अगर उक्त शिक्षकों को रखा गया तो अगला साल भी ‘प्रोबेशन पीरियड’ का होगा। उसके बाद तय होगा कि भर्ती किए गए शिक्षक रेगुलर आधार पर रखे जाने योग्य हैं या नहीं। गजब की बात तो यह है कि इस दौरान इन भर्ती किए गए शिक्षकों को बेसिक पे + ग्रेड पे ही मिलेगी व प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि के अलावा अन्य कोई भी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। हां, बस छुट्टियां जरूर दस मिलेंगी और महिला शिक्षकों को ‘मेटरनिटी लीव’ भी मिलेगी। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब सरकार को अनुबंध आधार पर ही शिक्षक नियुक्त करने थे तो फिर शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन करने की क्या जरूरत थी?
कांट्रेक्ट पर पहले से है लफड़ा : यहां यह बता दें कि हरियाणा में पहले भी सरकार द्वारा पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर कांट्रेक्ट पर लगाए हुए हैं। गेस्ट टीचरों का विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। हाईकोर्ट तो इन शिक्षकों को तुरंत रिलीव करने के आदेश भी दे चुकी है किंतु सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को थोड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को करीब एक वर्ष का समय देते हुए नियमित शिक्षकों की भर्ती करने के आदेश दिए हैं। उधर, हरियाणा पात्रता परीक्षा पास शिक्षक गेस्ट टीचरों को हटाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। ऐसे में अगर फिर से सरकार शिक्षकों की भर्ती कांट्रेक्ट पर ही करेगी तो भविष्य में उनको लेकर दिक्कत नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है।



हरियाणा सरकार ने शिक्षा का मजाक बना दिया है। शिक्षा विभाग को एक प्रयोगशाला बनाया हुआ है। अनुबंध आधार पर तो शिक्षकों की भर्ती पहले भी की हुई है। ऐसा लगता है मानो सरकार शिक्षा विभाग का भी निजीकरण करना चाहती है।    
-कृष्ण कुमार निर्माण, हरियाणा राजकीय विद्यालय संघ
अनुबंध का जमाना तो बहुत पीछे जा चुका है। अब तो सरकार को चाहिए कि शिक्षा जैसी बुनियादी चीज, जहां बच्चों की प्रतिभा उभरती है वहां नियमित भर्ती हो। जिस शिक्षक को लगातार पांच-छह वर्ष तक अपने भविष्य की ङ्क्षचता सताएगी, वह पढ़ाई पर ध्यान कैसे दे पाएगा।
    -राजेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ
 शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार रोज नए-नए फार्मूले अपना रही है। प्राइमरी एजुकेशन का स्तर दिन-प्रतिदिन गिर रहा है। हालात यह है कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की भी पचास प्रतिशत से अधिक सीटें रिक्त पड़ी हैं। यूनिवर्सिटी खोलने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधरा करता। जरूरत तो इस बात की है कि मौजूदा व्यवस्था में ही सुधार किया जाए। सरकार के कुप्रबंधन की वजह से देश के कर्णधारों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
    -अजय सिंह चौटाला, इनेलो प्रधान महासचिव
शिक्षा में सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है। शिक्षकों की भर्ती अनुबंध आधार पर जरूर हो रही है किंतु उन्हें सभी सुविधाएं मिलेंगी और भर्ती भी शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में भी शिक्षकों की भर्ती अनुबंध आधार पर ही की जा रही है। पांच वर्ष के अनुबंध के बाद शिक्षकों के काम को देखते हुए उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। शिक्षकों की परफार्मेंस व गुणवत्ता बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।
    -गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा


News : Denik Tribune / dainiktribuneonline.com (23.4.12)

3 comments:

  1. hume sirf tet merit ke liye hi andolan karna hai jabse visith b.t.c. start hua hai tub se sirrf cbse board ko teacher banaya gaya hai sabhi jante hai b.ed ke practical me sirf paise de ker no liye jate yadi bharti tet merit se ho to walo ki andhadhund paise ki vasuli band ho jayegi tub jo ministro ko B.Ed college se milne wala paisa band ho jayega bhrastachar bana rahe isliye acd ki baat ho rahi hai mera dawa hai ki yadi entrence exam se bharti hogi to barastachar band hoga or baache up board ke qualified teacher milenge.or AAJ HI H.C NE PRACHARYO KI BHARTI RUD KI HAI KYONKEE USME ENTRENCE KI JAGAH ACD MERIT KE AADHAR PER NIYUKTI HUI THI ATAH HIGH COURT NE NIYUKTI AAJ HI RUD KI HAI AAJ BADLOW KE IS DOUR ME EK TET MERIT KE LIYE BADA ANDOLUN JAROORI HAI ATH 28 KO LUKNOW CHALO LUKNOW CHALO LUKNOW CHALO LUKNOW CHALO

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  2. hum aaj sarkar se aar paar ki ladai ladenge

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