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Friday, May 4, 2012

GTET / Gujarat TET : टेट की भी "रेट"


GTET / Gujarat TET : टेट की भी "रेट" 

सूरत। गुजरात शिक्षा विभाग ने प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तरीय शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर नियमों के बदलाव किया है। इसके तहत टेट (टीचर इलीजीब्लीटी टेस्ट) परीक्षा के अंकों का "मोल" तय किया गया है।

वहीं स्नातक एवं स्नातकोत्तर जैसी योग्यताओं के भी अलग से अंक निर्घारित किए गए हैं, जो पदोन्नति के दौरान भी लागू होंगे। आम सूचना के तहत बदलाव नियमों को विभागीय वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। गुजरात में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टेट की अनिवार्यता तय की गई है।

इस हिसाब से नियमों में बदलाव किया गया है। सूची में चित्रकला शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, संगीत शिक्षक तथा क्राफ्ट एंड इन्डस्ट्री ट्रेनिंग शिक्षक की योग्यता का माप दंड आंका गया है। वहीं नियुक्ति से लेकर बर्खास्तगी तक के नियमों का उल्लेख भी किया है। नियमों में शिक्षकों के शैक्षणिक योग्यता एवं टेट परीक्षा परिणामों के अंकों को जोड़कर योग्यता तय की जाएगी। 

यह रहेगी जोड़-बाकी - 
परिवर्तित नियमों के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक के उम्मीदवार की स्नातक डिग्री के 10 अंक, पीजी डिग्री के 10, प्रोफेशनल डिग्री कोर्स के 5 अंक और प्रोफेशनल पीजी डिग्री के 5 अंक तय किए गए हैं, जो अधिकतम 30 अंकों तक होंगे। इसी तरह चित्रकला शिक्षक की योग्यता के लिए डिप्लोमा डिग्री के 15 अंक, स्नातक डिग्री के 15 अंक, व्यायाम शिक्षक की योग्यता के लिए एचएसएस के 5 अंक, सी.पी के 5 अंक, डी.पी के 5 अंक, स्नातक डिग्री के 10 अंक और डिप्लोमा के 5 अंक, तथा क्राफ्ट एंड इन्डस्ट्री शिक्षक की योग्यता के लिए एचएससी के 10 अंक, डिप्लोमा के 10 अंक और स्नातक डिग्री के 10 अंक और संगीत शिक्षक की योग्यता के लिए एचएससी के 15 अंक और स्नातक डिग्री के 15 अंक के अनुपात को मिलाकर शैक्षणिक योग्यता के 30 अंकों को मापदण्ड बनाया गया है। वहीं टेट परीक्षा में से उम्मीदवार को 70 अंक प्राप्त करने होंगे। इस आधार पर 70 एवं 30 अंकों को जोड़कर मेरिट सूची बनाई जाएगी

News : Patrika (4.5.12)

7 comments:

  1. राज्य सरकार का शिक्षामित्रों पर दांव
    लखनऊ, जागरण ब्यूरो : नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लागू होने के दो वर्ष बाद भी प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में 2.58 लाख शिक्षकों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को समायोजित करने की योजना है। इस योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को दो वर्षों में दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने का इरादा है। वहीं इंटर पास शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से अनुमति मांगने की योजना तैयार की है। समाजवादी पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में एलान किया था कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को दो वर्षों में समायोजित कर दिया जाएगा। सूबे में सत्तारूढ़ हुई सपा सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें शिक्षकों की कमी दूर करने को यही नुस्खा सुझाया गया है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 1.70 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से 1.24 लाख शिक्षामित्र स्नातक उत्तीर्ण हैं जबकि शेष 46 हजार इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हैं। एनसीटीई ने सरकार को स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा विधि से बीटीसी कराने की अनुमति जनवरी 2011 में दी थी। इसी आधार पर 62 हजार शिक्षामित्रों के पहले बैच की ट्रेनिंग जुलाई 2011 से शुरू कर दी गई थी।

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  2. टीईटी चयनित साढ़े पांच लाख अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर
    निर्णायक फैसला ले सकती है सरकार
    लखनऊ (एसएनबी)। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के रिजल्ट में गड़बड़ी कामामला और उलझ गया है। मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में लगातार टीईटी अभ्यर्थी गुहार लगा रहे हैं। साढ़े पांच लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को भविष्य दांव पर होने के चलते अब सरकार इस परीक्षाके भविष्य पर निर्णायक फैसला ले सकती है। टीईटी की मेरिट से प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त 72825 और सम्बद्ध प्राथमिक स्कूलों में आठ हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। इसके लिए 13 नवम्बर को परीक्षा करायी गयी और 25नवम्बर को रिजल्ट घोषित कर दिया गया। एक दिसम्बर को बेसिक शिक्षा विभाग नेपदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन टीईटी की मेरिट और निदेशक माध्यमिक शिक्षा रहे संजय मोहन की गिरफ्तारी से टीईटी पर ग्रहण लग गया। टीईटी की भर्ती को लेकर इसमें सफल करीब साढ़े पांच लाख अभ्यर्थी राजधानी में धरना-प्रदर्शन से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। टीईटी परीक्षा के आयोजक माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी और अब फिर उसके राजधानी से पकड़े गये एक रिश्तेदार के यहां से लाखों रुपये बरामद होने के बाद अब फिर इसके रिजल्ट को लेकर
    सवाल खड़े होने लगे हैं। मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में टीईटी को लेकर दो अलग अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मण्डल ने गुहार लगायी तो सरकार भी अब सख्त फैसला ले सकती है। नये सिरे से परीक्षा कराने सहित चयन का मानक बदलने तक पर विचार हो रहाहै। टीईटी में शामिल अभ्यर्थियों को भी इस बावत कोई रास्ता नहीं दिखरहा है।
    मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को लेना है फैसला
    लखनऊ। टीईटी में सफल अभ्यर्थियों ने नियुक्तिको लेकर दबाव बनाने की कोशिश की। राजधानी आकर पिछले दिनों धरना- प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आकर गुहार लगायी तो सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एकसमिति बना दी है। इस समिति को 14 मई के पहले निर्णय लेना है। इसी महीने हाईकोर्ट में इसी मामले की सुनवाई भी होनी है। सूबे में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से सरकार के सामने शिक्षकों की भर्ती करना चुनौती है। करीब डेढ़ लाखपरिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के एक लाख से ज्यादा पद खाली हैं और शिक्षक लगातार रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में टीईटी पर सरकार को जल्द ही कोई फैसला लेना होगा।
    कहां से उत्पन्न हुआ विवाद
    अध्यापक पात्रता परीक्षा(टीईटी) में गड़बड़ी का खुलासा तो परीक्षा के तत्काल बाद हो गया था। कक्षा एक से पांच तक के लिए परीक्षा में छह और आठतक के लिए परीक्षा में आठसवाल ऐसे आये, जिनके उत्तर एक से अधिक सहीं थेया फिर सभी गलत दिये गये थे। अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की इसी गलती पर कोर्ट मेंगुहार लगायी तो हाईकोर्ट ने दोनों परीक्षाओं के सभी सवाल सहीं मानकर रिजल्ट में सुधार के निर्देश दिये। इसी सुधार के बहाने खेल शुरू हो गयाऔर फिर मेरिट में गड़बड़ीके भी आरोप लगे। कानपुर देहात की पुलिस ने एक गिरोह को पकड़ा, जिसने मेरिट सुधारने में लाखों रुपये के सौदे की बात कहीऔर निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन की मिलीभगत को भी स्वीकारा। इसके बाद पुलिस ने निदेशकसंजय मोहन को गिरफ्तार करलिया, विभाग ने उन्हें निलम्बित कर दिया और अभी तक वह जेल में ही हैं।

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  4. एलपीएस में लगे हैं संजय मोहन के करोड़ों
    पकड़े गये लखनऊ पब्लिक स्कूल के कर्मचारी ने किया खुलासा दस फरवरी को करीबी के माध्यम से पहुंचाये गये थे रिश्वत के 17 लाख रुपये देव कुमार पाण्डेय
    लखनऊ (एसएनबी)। टीईटी घोटाले में जेल की हवा खारहे पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन के करोड़ों रुपये राजधानी के वृन्दावन योजना स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल (एलपीएस) में लगे हैं। इस बात का खुलासा डीआईजी आशुतोष पाण्डेय ने पकड़े गये संजय मोहन के करीबी देव कुमार पाण्डेय उर्फ देवेन्द्र पाण्डेय से पूछताछ में किया। देव कुमार लखनऊ पब्लिक स्कूल का कर्मचारी है। उसका कहना है कि संजय मोहन ने गिरफ्तारी से तीन दिन बाद(10 फरवरी) 17 लाख रुपयेएक अन्य करीबी जीजा- सालेकी मदद से छिपाने के लिए भेजे थे। रिश्वत के रुपयों के साथ देव कुमार पाण्डेय को गुरुवार देर रात गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस फरार आरोपित अशफाक निवासी वाल्दा रोड, निशातगंज व उसके जीजा फारूख निवासी नाका की तलाश कर रही है। गाजीपुर पुलिस ने एक व्यक्ति की सूचना पर बृहस्पतिवार को संजय गांधीपुरम निवासी देव कुमार पाण्डेय उर्फ देवेन्द्र पाण्डेय को गिरफ्तार कर 17 लाख रुपये बरामद किये थे। इसके बाद देर रात अधिकारियों ने देव कुमार से गहन पूछताछ की तो सनसनीखेज खुलासा हुआ कि यह रुपये जेल में बंद संजय मोहन ने टीईटी के अभ्यर्थियों से लिये थे। डीआईजी ने मीडिया को बताया कि आरोपित देव कुमार पाण्डेय एलपीएस में लगे हैं संजय मोहन..
    सेक्टर-बी वृन्दावन योजना स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल का स्टॉफ है। स्कूलसीपी सिंह का था, लेकिन उनकी हत्या के बाद स्कूल का पूरा काम उनका बेटा लोकेश सिंह संभाल रहा है।आरोपित देव का काम स्कूल के निर्माण कार्य से संबंधित काम कराना है। वेतन के रूप में उसे नौ हजार रुपये मिलते थे। फरार अशफाक उसी स्कूल मेंसुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है। डीआईजी ने बताया कि टीईटी घोटाले में जेल में बंद संजय मोहन के करोड़ों रुपये लखनऊ पब्लिक स्कूल में लगे हैं। वह अक्सर देव व अशफाक से बात कर रुपये भेजता रहता था। यही नहीं वह बीच-बीच में आकर काम भी चेक करता था। डीआईजी की मानें तो 7 फरवरी को रमाबाई नगर पुलिस ने जब संजय मोहन को गिरफ्तार किया तो उन्हें डर था कि कहीं रिश्वत के रुपये पुलिस के हाथ न लग जाएं, इसलिए उसने तीन दिन बाद यानि 10 फरवरी को रिश्वतके रुपयों से भरा सूटकेस करीबी फारूख शेख के माध्यम से उसके साले अशफाक के पास भेजा था। अशफाक ने इस बैग को देव कुमार के पास रखवा दिया था। डीआईजी ने बताया कि बरामद सूटकेस के ऊपर 26 गुने 1 लिखा है। इसे देखकर आशंका जतायी जा रहीथी सूटकेस में 26 लाख रुपये थे, लेकिन छापे मेंसिर्फ 17 लाख ही मिले। उनका मानना है कि बचे नौ लाख रुपयों की हेर-फेर कीगयी है।

    फैजाबाद जाएगी टीम
    लखनऊ। डीआईजी ने बताया किबरामद रुपयों की गड्डी परफैजाबाद स्थित एसबीआई बैंक की मोहर लगी है। पूछताछ में भी आरोपित देवकुमार ने बताया था कि फैजाबाद स्थित एसबीआई में संजय मोहन के दूसरे करीबी अशफाक के खाते हैं।इस
    आधार पर गाजीपुर पुलिस कीएक टीम जल्द ही रवाना की जाएगी। वहीं, अशफाक का एकअन्य खाता हजरतगंज स्थित पुराने आयकर आफिस के सामने स्थित इण्डियन मर्केन्टाइल को-आपरेटिव बैंक में भी है, उसकी भी जांच की जाएगी।
    प्रबंधक से होगी पूछताछ लखनऊ। डीआईजी आशुतोष पाण्डेय का कहना है कि वृन्दावन योजना स्थित एलपीएस स्कूल में संजय मोहन के करोड़ों रुपये लगे थे। इस बात का खुलासासंजय के करीबी व स्कूल केस्टाफ ने किया। इस आधार पर
    स्कूल मैनेजमेंट से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा फरार आरोपितों, पकड़े गये देव कुमार व जेल में बंद संजय मोहन समेत कई लोगों के मोबाइल और लैण्ड लाइन नम्बर के आपस में क्या रिश्ते हैं,इसकी जांच सर्विलांस से की जाएगी।

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  5. Ab kya hoga,ek tarf to ncte hum b.ed+tet pass ko prt k yogy nai man rahi dusri or inter pas siksa mitro ko prt k liye permisin de rai hai,
    up govt 5 lac tet pas trend teacher ko najar andaj kar k croro rupye un trend siksa mitro k training pe barbad kar rai hai kya in trend siksa mitrao ko tet pas hona jaruri nai hoga.

    jab nakal se ye siksa mitra apni traing ka exam pas kar rahe hai to ye desh k bawisy bacho ko kya siksa denge.

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  6. Ab kya hoga,ek tarf to ncte hum b.ed+tet pass ko prt k yogy nai man rahi dusri or inter pas siksa mitro ko prt k liye permisin de rai hai,
    up govt 5 lac tet pas trend teacher ko najar andaj kar k croro rupye un trend siksa mitro k training pe barbad kar rai hai kya in trend siksa mitrao ko tet pas hona jaruri nai hoga.

    jab nakal se ye siksa mitra apni traing ka exam pas kar rahe hai to ye desh k bawisy bacho ko kya siksa denge.

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  7. shiksha mitro ki news se daren nahin. abhi unhe btc ki training puri karni hai. phir tet paas karna hai. tab khin jakar ve prt ki eligibility dhaaran kar paayenge. abhi bahut samay hai. tab tak sabhi tetians ekta banaye rakhen. jeet sunischit hai.

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