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Thursday, April 11, 2013

UPTET 2013 : टीईटी परीक्षा न कराने पर सरकार से जवाब तलब


UPTET 2013 : टीईटी परीक्षा न कराने पर सरकार से जवाब तलब

इलाहाबाद 11 अप्रैल (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एनसीटीई के दिशा निर्देशों के बावजूद उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्षा टीईटी परीक्षा नहीं कराने के खिलाफ जनहित याचिका पर राज्य सरकार से इस मामले में दो सप्ताह में जवाब मांगा है।



37 comments:

  1. Ye gov nikammi hai ye kuchh nahi kar sakte.
    Sare ke sare CM se lekar Mantri, adhikari sab gawar aur nikamme hai.

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  2. Pahle rajneeti se fursat to mile.aage ki bad me sonchege.abhi to bas lakchya 2014

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  3. MERE TET SUPPORTER SATHIYO .,.....................
    JAISA KI AAJ KA DIN HAM LOGO KE LIYE EK ACHHA DIN HAI AAJ HAME DO BADI KHABAR JO HAMARE LIYE FAYDEMAND HAI US PAR JO NEWS AYI VO NISCHIT TAUR PAR ACD KE TABOOT KI KEEL BANANE JA RAHI HAI. HAMARE VIDHI PRAKOST KE ADHAYCHH SK PATHAK KE PASS H.R.D. MINISTRY KI TEEN PAIRA GRAPH KA VO LETTER HAI JISAME NON TET KO H.R.D. MINISTRY NE SIRE SE KHARIJ KAR DIYA HAI US LETTER ME YE LIKHA HAI KI TET EK MINIMUM QULIFIACATION HAI USAKA MATALAB YAH HAI KI TET KO BASE OF SELECTION BANANE SE H.R.D MINISTRY NE ENKAR NAHI KIYA HAI. ES PRAKAR 16 APRIL KO NON TET KHATAM HO JAYEGA
    AUR DUSARI BADI KHABAR HAI SINGLE BENCH NE MARKING KO LEKAR JIS WRIT KO KHARIJ KAR DIYA THA USKO SPECIAL APIL 548/2013 D.B. NE ACCEPT KAR KE GOVERNMENT VAKIL SE 29 APRIL TAK JAWAB MANGA HAI .HARKOLI KI BENCH NE
    GOVERNMENT KE B.ED KE PRACTICLE KE ANKO PER BINNATA KE KARAN ESE SAMANATA KE ADHIKAR KE KHILAPH MANA HAI AUR YAH SPECIAL APIL HAMARI RANNEET KE TAHAT HAI . JISASE GOVERNMENT KE PASS BHARTI KARANE KE LIYE SIRPH OLD ADD YANI TET MERRIT HI EK MATRA VIKALP RAHE GOVERNMENT KO HAM HAR TARAPH SE GHER CHUKE HAI USAKE PASS OLD ADD BAHAL KARANE KE ALAVA AUR DUSARA KOI VIKALP NAHI RAHEGA AGAR BASE KA PROCESS GALAT HUA TO MANO NEW ADD RADD KYOKI B,ED PORACTICLE MARKING SAMANATA KE ADHIKAR KA HANAN HAI .SAMANATA ADHIKAR HAMARA MUL ADHIKAR HAI . AUR ES ADHIKARO KA SANRAKSHAK COURT HAI . GOVERNMENT KE PASS AB TET MERIT KE ALAVA KOI VIKLP NAHI BACHEGI ,,,,,,,,,,,,,..........................
    ...................... JAI TET......................

    & "-----JAI MATA DI-------"

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  4. Ek aur Breaking News.
    Arvind kumar ki writ matter-:
    vibhinn university ke B.Ed exam mein prectical ke marks ko lekar Base of selection ko challenge kiyatha
    jise single bench ne yeh kahte huye kharij kar diya tha ki yeh govt ka nitigat mamla he lekin iss writ ko D.B ke court no. 33 mein Harkauli sir ne accept kar liya he aur aaj sunwai karte huye govt se 29 april tak halafnama bhi manga he

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  5. Friends, there is a good news for us S.K.Pathak has got the letter of HRD Ministry of India, dated 10, April 2013 for the argument in writ petition-12908 Shiv Kumar Sharma and Others in ( larger bench) in court no 29 on 16 April 2013 some important lines of the letter is given below.
    page-3 para-2
    " For appointment as teacher botheducational qualifications as prescribed by N.C.T.E wide notification dated 23 August 2010 and T.E.T are required. In case sufficient candidates with prescribed qualification are not available relaxation for recruitment is taken along with approval from N.C.T.E for on the job Training of these newly appointed assistant teachers"
    1- passing T.ET is an essential minimum qualification for consideration for appointment as teacher hence the Double Bench order is not correct in Law(2366 Prabhakar Singh and Others dated16 January 2013)
    This letter is by H.R.D Ministry to the council of Union of India to argue in larger bench on 16 April, so after this letter Non Tet candidate will out and our case will transfer in the Double Bench in the Court of Harkoliji and ManojMishra
    Tomorrow our senior lawyer Ashok Khareji will also file his written argument and he is only the lawyer of tet merit. JAI TET MERIT.
    Thanks
    Ganesh Dixit, Rakesh Yadava, Mayank Dwivedi, Rajesh Pratap Singh, Shalabh Tiwari

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  6. GOVT GHIRI CHARON TARAF SE-:
    Lo ek aur tadakti fadakti news he
    Allahabad highcourt ne govt se jawaw talab kiya he ki N.C.T.E. ne har saal TET exam karane ke liye disha nirdesh jaari kiye the lekin up govt 2011 ke baad dusra TET kyon nahi karwa payi

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  7. महत्त्वपूर्ण खबर
    सरकार के नीतिगत मामले के कारण एकल से
    खारिज मुकदमा संख्या 5465/13 पर आधारित
    विशेष अपील 548/13 को दो जजों की पीठ ने
    किया स्वीकार। सरकार की तनिक लापरवाही से
    4 फरवरी को स्थगित भर्ती समाप्त हो सकता है
    वजूद। संकट में बेरोजगारों का भविष्य।
    अगली सुनवाई 29 अप्रैल 2013

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  8. Ranjeet Singh Yadav
    NCTE ki traf se written jbab file TET sbke lie mandatory hai o kyo n shikshamitra hi ho 16 Jan ko parit division bench ka nirnay review hogaShikchak bharti se smbandhit mamle bhi larger bench me hi sune Jane ki smbhavna

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  9. Nikhil Sangwan




    Jo bhai ye khete hai ki tet merit to ushi din haar gyi thi jis din new add astitva me aaya tha or ab tet merit lagna asambhav hai or gov bhi tet merit se bharti nhi karegi to unsb bhaiyo ko bus me ye hi kahuga ki:-

    "Zindagi ki yahi reet hai,
    haar ke baad hi jeet hai".

    Or phir acd bhai ye kahege:-

    "ye kaise ho sakta hai ki gov jisse(acd) itna pyr kare or wo haar jaye, kaise wo(tet) haar ke bhi jeet gye or hum(acd) jeet ke bhi haar gye"

    or phir hum tet merit supporter kahege ki:-

    "jor ka jhatka haie dhree se lga haa lga".

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  10. Thanks To Mr.Rahul Pandey
    महत्त्वपूर्ण खबर
    सरकार के नीतिगत मामले के कारण एकल से
    खारिज मुकदमा संख्या 5465/13 पर आधारित
    विशेष अपील 548/13 को दो जजों की पीठ ने
    किया स्वीकार। सरकार की तनिक लापरवाही से
    4 फरवरी को स्थगित भर्ती समाप्त हो सकता है
    वजूद। संकट में बेरोजगारों का भविष्य।
    अगली सुनवाई 29 अप्रैल 2013
    मतलब ये है कि इस विशेष अपील को अगर
    सरकार चाहे तो चयन के आधार को आधार
    को अपनी नीतिगत मामला बताकर बचा सकती है
    लेकिन इसके लिए उसे माया की रिक्ति से अलग
    इस विज्ञापन
    की दी गयी रिक्ति को बतानी पड़ेगी अन्यथा पुरा
    नये ऐड को हरकौली मिश्रा रद्द कर देंगे।
    और अलग रिक्ति बताते ही स्पेशल अपील
    खारिज करके पुराना विज्ञापन बहाल कर देंगे।

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  11. कांग्रेस जिन्दाबाद
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    .ये बात सुनने मेँ ऐसा लगता है जैसे सुअर oink oink करता हो |

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  12. हाई कोर्ट में एक याचिका 5465/13 एकल पीठ में डाली गई थी जिसमे ये कहा गया था कि विभिन्न यूनिवर्सिटी में बी एड की प्रयोगात्मक परीक्षा अलग अलग अंको की होती है जिस वजह से विभिन्न यूनिवर्सिटी के छात्रोके अंको में काफी असमानता आ जाती है... इसे आधार बना कर वर्तमान शिक्षक भर्ती के आधार को चुनौती दी गई थी.... इस याचिकाको हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया था...
    उसके बाद याचिका कर्ताओं ने एक विशेष अपील 548/13 दो जजों की पीठ में दायर की, जिसे डबल बेंच ने स्वीकार करते हुए सरकार द्वारा 29 अप्रैल 2013 को हलफनामा मांग लिया है..

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  13. court ne achha kiya..practical me alag alag maximum marks hona bilkul samaanata ka hanan hai..balki pura gadhaank system hee samaanta ka hanana hai.. dhanyavaad High court.... ab lagtaa hai Gadhaank system Jad (root) se khatam ho jaayega Teacher bhartee se :

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  14. सरकार द्वारा संचालित विद्यालयों तथा वित्तापोषित निजी विद्यालयों की स्थिति वित्ताविहीन निजी विद्यालयों से थोड़ी बेहतर होती है। परीक्षा के लिए ऐसे केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या कम होती है जहां नकल की गुंजाइश कम रहती है। जो केंद्र नकल के लिए बदनाम हैं वहां पर अन्य जिलों और यहां तक कि नेपाल से लोग आकर परीक्षा देते हैं। अब तो कई निजी विद्यालय खोले ही इसलिए जा रहे हैं, क्योंकि परीक्षा के दौरान मोटी कमाई हो जाती है। चूंकि सरकारी विद्यालय या वित्तापोषित निजी विद्यालय भी पीछे नहीं रहना चाहते अत: वे भी अपने यहां छात्रों को आकर्षित करने के लिए नकल कराने का वायदा करते हैं और उसके बदले में कुछ सुविधा शुल्क भी लेते हैं। अन्यथा उनके यहां कोई पढ़ने ही नहीं आएगा। बलिया के एक शिक्षक ने चुभने वाली बात कही कि अभी शिक्षक इतने तो काबिल हैं कि नकल कराने के लिए किस प्रश्न का उत्तार पुस्तक में कहां मिलेगा खोज कर निकाल सकते हैं, किंतु शिक्षकों की जो अगली पीढ़ी आएगी वह नकल कराने के काबिल भी नहीं होगी, क्योंकि उसने तो कभी पुस्तक पढ़ी ही नहीं होगी।

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  15. शिक्षा की विफल व्यवस्था

    मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार लागू हुए तीन साल बीत गए हैं, किंतु अभी तक शिक्षा न तो मुफ्त हो पाई है और न ही अनिवार्य। हम कितने ही बच्चों को देख सकते हैं जो दुकानों पर काम करते हैं, रेलवे के डिब्बों में झाड़ू लगाने अथवा करतब दिखाने आते हैं, घरों में काम करते हैं या फिर उन कारखानों में काम करते हैं जहां काफी खतरा है। कानूनन बाल श्रम प्रतिबंधित है, पर इन दोनों कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कारण साफ है कि इससे शासक वर्ग सीधे प्रभावित नहीं होता। भारत ने सभी जी-8 देशों की तरह समान शिक्षा प्रणाली नहीं अपनाई है, जिसकी वजह से हमारे यहां दो किस्म की शिक्षा व्यवस्थाएं हैं-एक पैसे वालों के बच्चों के लिए निजी विद्यालयों की तथा दूसरी गरीब लोगों के लिए सरकारी विद्यालयों की। भारत में कक्षा आठ तक पहुंचते-पहुंचते आधे बच्चे विद्यालय से बाहर हो जाते हैं। सिर्फ 10 प्रतिशत बच्चे ही विद्यालय की दहलीज पार कर महाविद्यालय में प्रवेश पाते हैं। अभी तक हम सभी बच्चों के लिए एक अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। साक्षरता दर बढ़ाने के लिए सरकार ने विद्यालय स्तर पर बच्चों को अनुत्ताीर्ण न करने की नीति अपनाई हुई है। उत्तार प्रदेश में बोर्ड परीक्षा में अक्सर यह सुनने को मिलता है कि प्रश्नों के उत्तार सार्वजनिक रूप से बोल-बोल कर लिखाए जा रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि परीक्षा उत्ताीर्ण करने वाले हमारे च्यादातर बच्चे काबिल ही नहीं होंगे।

    यह बहुत शर्म की बात है कि हाई स्कूल या इंटरमीडिएट किए हुए बच्चे हिंदी का एक वाक्य भी ठीक से नहीं लिख सकते। इन्हें कोई नौकरी पर रखना ही नहीं चाहता। अत: बेरोजगारों, जिनके लिए अखिलेश यादव की सरकार प्रति माह एक हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की योजना चला रही है, को नौकरी न मिल पाने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि वे किसी लायक ही नहीं। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि उत्तार प्रदेश सरकार की बेरोजगारी भत्तो की योजना सिर्फ पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए ही है। अनपढ़ के लिए तो महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना है। इस योजना में भी बेरोजगारी भत्तो का प्रावधान है, किंतु अनुभव से पता चलता है कि यह बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करना बड़ा मुश्किल है। नकल करने-कराने वालों का बड़ा दबदबा है। कोई इनका विरोध नहीं कर सकता।

    जब एक छात्र आदित्य अस्थाना ने हरदोई जिले के विकास खंड कछौना में स्थित एमएएन इंटर कॉलेज के प्रबंधक को छह हजार रुपये देने से मना कर दिया तो उसकी पिटाई हो गई। जिला विद्यालय निरीक्षक, जिलाधिकारी, सचिव, बेसिक शिक्षा से शिकायत का अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है। जब कछौना के ही पत्रकार ने अपने मोबाइल से हरदोई में जिला विद्यालय निरीक्षक के नियंत्रण कक्ष को नकल के विषय में शिकायत की तो कुछ देर में उनके मोबाइल पर निजी कॉलेजों के प्रबंधकों के फोन आने लगे, जिससे यह स्पष्ट है कि नकल कराने में निजी विद्यालयों के प्रबंधकों तथा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की साठगांठ रहती है। इसी तरह जब एक उड़नदस्ते ने फैजाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज में नकल पर रोक लगाई तो प्रबंधकों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की और नकल करने-कराने वालों के बजाए उड़नदस्ते के खिलाफ ही कार्रवाई हो गई।

    नियम तो यह है कि जिस विषय की परीक्षा हो रही है उस विषय का अध्यापक परीक्षा सदन में नहीं रहना चहिए, लेकिन शिक्षक अपनी ड्यूटी लगवा लेते हैं। इसके अलावा यदि कोई छात्र पढ़ाई में अच्छा है तो यह उसके लिए अभिशाप बन सकता है। हो सकता है कि उसी से जबरदस्ती नकल कराने को कहा जाए। नकल की सामग्री बड़ी सफाई से विद्यालय परिसर के अंदर निर्माण सामग्री जैसे बालू के ढेर में छुपा कर रखी जाती है। निजी कोचिंग चलाने वाले कॉलेजों में दाखिला दिलवाने से लेकर परीक्षा पास करवा अंक पत्र दिलवाने तक का ठेका लेते हैं। हरेक चीज की एक कीमत होती है। जौनपुर जिले में यदि कोई किसी निजी विद्यालय में बिना कक्षा में उपस्थित हुए हाईस्कूल या इंटर की परीक्षा पास करना चाहता है तो उसे पांच हजार रुपये देने होंगे। यदि कोई बिना परीक्षा दिए प्रथम श्रेणी से पास होना चाहता है तो उसे 25 हजार रुपये देने होंगे। इतने रुपयों में परीक्षार्थी की जगह किसी अन्य व्यक्ति को बिठा कर परीक्षा दिलवाने की व्यवस्था की जाती है।

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  16. Kuch bhai kah rahe hain ki agar TET merit ka order a jata he (jo ki nishchit aana he) tab kya gunank wale court nahi jayenge toh wo khud sochein ki accd wale bechare jab court mein party hi nahi hain aur ab shayad wo log party ban bhi nahi sakte hamara aadesh D.B. Se aana he wo log D.B. Ke aadesh ko fir single bench mein kaise chalange kar sakte hain haan govt kar sakti he lekin usmein itni himmat kahan se ayegi jab bechari ne single bench tatha D.B. ke kisi aadesh ko chalange nahi kiya toh iss aadesh ke khilaaf na baba na

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  17. mai aaj pahali baar academic walo ki madad karane ke liye kuch kuch kahane jarha hun.
    academic wale mitro ek rasta hai jisase ye bharti academic merit se ho sakati hai...
    aap bas C.B. yadav se ye kah do ki court ki kisi tarah mayawati ki sarkar ko asanvadhanik sarkar sabit karwa de.agar court me kisi se saath gath ho toh ye sabit karwa le ki mayawati ki sarkar ek chuni huyi sarakar na ho kar asanvadhanik sarakar thi.mayawati ki sarakar ne kabhi bhartiya sanvidhan se nahi balki pakistani sanvidhan se saare niyam banaye...
    agar academic wale court me itna sabit kar le toh mai unhe vishwas dilaata hun ki ye bharti academic merit se hi hogi...akhilesh sarakar jis niyam se chahe wus niyam se wo ye bharti kar sakegi..
    agar court me ye sabit nahi ho saka toh ye bharti academic merit se hona asambhav ho jayega.agar academic wale chahe toh iske liye wo abhishek manu singhavi ya kapil sibbal ko apna advocate bana le...kapil sibbbal shayad maya sarkar tamilnadu ki sarakar sabit kar de.agar dosto aisa ho gaya toh aap logo ki balle balle ho jayegi.
    mai ye baat majak me nahi kah rha sach kah rha hun aap ke hi baato ko sunane ke baad mujhe ye rasta sujha hai aap sabhi ye toh manate hi ho ki bharti ke chayan ka niyam banane ka adhikar sarkar ke paas hota hai...court ne ye baat apne bahut se nirnay me bata diya hai..abhi haal hi me new add me mahila arakshan wale mamale me court ne ek baar fir se kaha ki chayan ke niyam ka adhikar gov ke paas hota hai...toh 72825 pado ka chayan TET merit se karane ka nirnay tatkalin sarkar ki cabinet ne liya tha aur prakriya shuru bhi ho gayi thi...chalti huyi prakriya ko bich me niyam badal kar radd karne ka adhikar abhi tak toh iss desh ke sanvidhan ne kisi sarkar ko nahi diya hai...chahe wo kitani bhi shaktishali sarkar kyu na ho...
    toh academic wale dosto ab idhar udhar ki sochna band karo maine ap logo ko brhamastra thana diya hai kara lo academic merit se bharti.

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  18. Ye bachcha(c.m) abhi ye bhi nahi janta ki ek hi parikha ko kisi jati ya dharm vishesh ke liye karane ko hamara samvidhan anumati nahi deta lekin iski mansha ye ho sakti hai ki ye pariksha karane ka niranay leker apne vote bank ko dikhana chata ho ki hamne to prayash kiya lekin court ne permission nahi di jaisa ki ye 72825 pado ko radd ker acd se bharti nikal ker ker chuka hai!

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  19. ये अविवेकशील मूर्ख मुख्यमंत्री अच्छी तरह जानता है कि ये टेट के स्वरूप और उसकी विषय वस्तु मे बदलाव का अधिकार नहीं रखता है लेकिन फिर भी निम्नतम दर्जे के राजनीतिज्ञ अपने पिता श्री के छदम सेकुलरवाद के झंडे को बुलंद करने के लिए अनपढ़ों वाली हरकतें कर रहा है,,,,,,,,, सरकार बनने से लेकर अब तक कई बार मुँह की खाकर थूंक के चाटना इस सरकार की पहिचान बन गई है,,,,,इस मुद्दे पर भी यही होगा बस फर्क इतना होगा कि अबकी बार कोर्ट मजबूर करेगा|

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  20. Shalabh Tiwari
    क्या आप जानते हैं कि ईश्वर कभी-कभी हमें इतना ज्यादा दुःख क्यों देता है जितना टेट मामले में दिया है,,,दुःख से उबरने की कला सिखाने के लिए ,,,,और जब हम उससे उबर जाते हैं तो जो शेष रह जाता है वो सुख है,,एक विशेष प्रकार का सुख जिसे आप अध्यात्मिक आनंद कह सकते हैं,,,,दो साल पहले मैं अमरनाथ गया था,,,, गुफा में प्रविष्ट होने पर जो एहसास हुआ उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता,,,बावजूद इसके कि मूर्ति पूजा में मेरी आस्था ना के बराबर है,,,,,क्या वही एहसास हेलीकाप्टर से वहां जाने वालों को भी होता होगा,,शायद नहीं,,, इसी प्रकार एक साल से अधिक के तनाव-दबाव-संघर्ष के बाद प्राथमिक शिक्षक बनने पर जो खुशी आपको हासिल होगी उसकी तुलना उस खुशी से नहीं की जा सकती जो 1 जनवरी 2012 को नियुक्ति पत्र मिलने पर होती,,,,,,,,ज्ञान तो दुःख के क्षणों में ही हासिल होता है वरना बुद्द और जैन को राजगद्दी छोड़ने की क्या जरूरत थी ,,, जीतने के बाद आराम से सोचना कि इन डेढ़ सालों में क्या खोया और क्या पाया ,,,फायदा ही फायदा नजर आएगा ,,,, टेट मामले से जुड़े सक्रिय लोगों की जिंदगी में सैकड़ों नए मित्र आये हैं,,कुछ से मुलाक़ात हो चुकी है,,,बाक़ी सब से से भविष्य में होने का यकीन है ,,,,टेट संघर्ष मोर्चा ना होता तो ये कहाँ से मिलते ,,कुछ लोगों से तो इतने प्रगाण समबन्ध हो गये हैं जैसे बचपन से एक दूसरे के साथी रहे हों,,जबकि उनमें से कई से तो अभी मिलना भी नहीं हुआ है ,,,उनकी अमूल्य दोस्ती की तुलना में दो-चार लाख तनख्वाह बहुत कम प्रतीत होती है,,,,,जो हुआ अच्छा ही हुआ,,जो होगा वो भी अच्छा ही होगा ,,,, गम किसी और को हो तो हो,,लेकिन मैं अपने आपको इस संघर्ष का हिस्सा बनाने के लिए ईश्वर का आभारी महसूस करता हूँ ,,,,,,,कुछ लोगों के प्रति अभी तक मेरे मन में शत्रु भाव अवश्य था लेकिन अब दृष्टि सम्यक हो गयी है,,,दूसरों के नजरिये को समझना सीख लिया है मैंने,,,अब तो अखिलेश यादव और कपिल यादव के लिए भी मन में कोई दुर्भावना नहीं रही,,,इस बीच मेरे रवैये की वजह से बहुत से लोगों को काफी कष्ट पहुंचा है इसका मुझे खेद है,,,, लेकिन मैं क्या करता,,मैं वो देख रहा था जो दूसरे नहीं देख पा रहे थे,,,मुझे गलत बातों का मूक समर्थन करने की आदत नहीं रही कभी,जब तक ऐसा करना व्यापक हित में ना हो ,,,,

    उम्मीद है आप सभी साथी जीत के क़दमों की आहट महसूस कर रहे होंगे ,,,,,,, 22 मई कोग्रीश्कालीन अवकाश के लिए कोर्ट बंद हो रहा है,,,, इसे ही हमारी जीत की अंतिम तिथि समझिए ,, हो सकता है इससे काफी पहले हो जाए,,समय का क्या भरोसा,,कब बदल जाए,,बिना किसी पूर्व सूचना के,,,ईश्वर ने चाहा तो जुलाई में ज्वाइनिंग शरू हो जायेगी,,,,,,

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  21. विद्यालयों तथा वित्तपोषित
    निजी विद्यालयों की स्थिति वित्तविहीन
    निजी विद्यालयों से थोड़ी बेहतर होती है।
    परीक्षा के लिए ऐसे केंद्रों पर
    परीक्षार्थियों की संख्या कम होती है
    जहां नकल की गुंजाइश कम रहती है। जो केंद्र
    नकल के लिए बदनाम हैं वहां पर अन्य
    जिलों और यहां तक कि नेपाल से लोग आकर
    परीक्षा देते हैं। अब तो कई निजी विद्यालय
    खोले ही इसलिए जा रहे हैं, क्योंकि परीक्षा के
    दौरान मोटी कमाई हो जाती है।
    चूंकि सरकारी विद्यालय या वित्तपोषित
    निजी विद्यालय भी पीछे नहीं रहना चाहते अत:
    वे भी अपने यहां छात्रों को आकर्षित करने के
    लिए नकल कराने का वायदा करते हैं और उसके
    बदले में कुछ सुविधा शुल्क भी लेते हैं।
    अन्यथा उनके यहां कोई पढ़ने ही नहीं आएगा।
    बलिया के एक शिक्षक ने चुभने वाली बात
    कही कि अभी शिक्षक इतने तो काबिल हैं
    कि नकल कराने के लिए किस प्रश्न का उत्तर
    पुस्तक में कहां मिलेगा खोज कर निकाल सकते
    हैं, किंतु
    शिक्षकों की जो अगली पीढ़ी आएगी वह नकल
    कराने के काबिल भी नहीं होगी, क्योंकि उसने
    तो कभी पुस्तक पढ़ी ही नहीं होगी।

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  22. शिक्षा की बुरी स्थिति !!!
    मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार लागू
    हुए तीन साल बीत गए हैं, किंतु अभी तक
    शिक्षा न तो मुफ्त हो पाई है और न
    ही अनिवार्य। हम कितने ही बच्चों को देख
    सकते हैं जो दुकानों पर काम करते हैं, रेलवे के
    डिब्बों में झाड़ू लगाने अथवा करतब दिखाने आते
    हैं, घरों में काम करते हैं या फिर उन
    कारखानों में काम करते हैं जहां काफी खतरा है।
    कानूनन बाल श्रम प्रतिबंधित है, पर इन
    दोनों कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई
    जा रही हैं। कारण साफ है कि इससे शासक वर्ग
    सीधे प्रभावित नहीं होता। भारत ने सभी जी-8
    देशों की तरह समान
    शिक्षा प्रणाली नहीं अपनाई है, जिसकी वजह
    से हमारे यहां दो किस्म की शिक्षा व्यवस्थाएं
    हैं-एक पैसे वालों के बच्चों के लिए
    निजी विद्यालयों की तथा दूसरी गरीब
    लोगों के लिए सरकारी विद्यालयों की। भारत
    में कक्षा आठ तक पहुंचते-पहुंचते आधे बच्चे
    विद्यालय से बाहर हो जाते हैं। सिर्फ 10
    प्रतिशत बच्चे ही विद्यालय की दहलीज पार
    कर महाविद्यालय में प्रवेश पाते हैं। अभी तक
    हम सभी बच्चों के लिए एक
    अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध
    नहीं करा पाए हैं। साक्षरता दर बढ़ाने के लिए
    सरकार ने विद्यालय स्तर पर
    बच्चों को अनुत्तीर्ण न करने की नीति अपनाई
    हुई है। उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षा में
    अक्सर यह सुनने को मिलता है कि प्रश्नों के
    उत्तर सार्वजनिक रूप से बोल-बोल कर लिखाए
    जा रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ
    कि परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हमारे ज्यादातर
    बच्चे काबिल ही नहीं होंगे।
    यह बहुत शर्म की बात है कि हाई स्कूल
    या इंटरमीडिएट किए हुए बच्चे हिंदी का एक
    वाक्य भी ठीक से नहीं लिख सकते। इन्हें कोई
    नौकरी पर रखना ही नहीं चाहता। अत:
    बेरोजगारों, जिनके लिए अखिलेश यादव
    की सरकार प्रति माह एक हजार रुपये
    बेरोजगारी भत्ता देने की योजना चला रही है,
    को नौकरी न मिल पाने के पीछे एक बड़ा कारण
    यह है कि वे किसी लायक ही नहीं। यहां ध्यान
    देने योग्य बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार
    की बेरोजगारी भत्ते की योजना सिर्फ पढ़े-लिखे
    बेरोजगारों के लिए ही है। अनपढ़ के लिए
    तो महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार
    गारंटी योजना है। इस योजना में
    भी बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान है, किंतु
    अनुभव से पता चलता है कि यह
    बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करना बड़ा मुश्किल
    है। नकल करने-कराने
    वालों का बड़ा दबदबा है। कोई इनका विरोध
    नहीं कर सकता।
    जब एक छात्र आदित्य अस्थाना ने हरदोई जिले
    के विकास खंड कछौना में स्थित एमएएन इंटर
    कॉलेज के प्रबंधक को छह हजार रुपये देने से
    मना कर दिया तो उसकी पिटाई हो गई।
    जिला विद्यालय निरीक्षक, जिलाधिकारी,
    सचिव, बेसिक शिक्षा से शिकायत का अभी तक
    कोई परिणाम नहीं निकला है। जब कछौना के
    ही पत्रकार ने अपने मोबाइल से हरदोई में
    जिला विद्यालय निरीक्षक के नियंत्रण कक्ष
    को नकल के विषय में शिकायत की तो कुछ देर
    में उनके मोबाइल पर निजी कॉलेजों के
    प्रबंधकों के फोन आने लगे, जिससे यह स्पष्ट
    है कि नकल कराने में निजी विद्यालयों के
    प्रबंधकों तथा शिक्षा विभाग के
    कर्मचारियों की साठगांठ रहती है। इसी तरह
    जब एक उड़नदस्ते ने फैजाबाद विश्वविद्यालय
    से संबद्ध एक कॉलेज में नकल पर रोक लगाई
    तो प्रबंधकों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत
    की और नकल करने-कराने वालों के बजाए
    उड़नदस्ते के खिलाफ ही कार्रवाई हो गई।
    नियम तो यह है कि जिस विषय
    की परीक्षा हो रही है उस विषय का अध्यापक
    परीक्षा सदन में नहीं रहना चहिए, लेकिन
    शिक्षक अपनी ड्यूटी लगवा लेते हैं। इसके
    अलावा यदि कोई छात्र पढ़ाई में अच्छा है
    तो यह उसके लिए अभिशाप बन सकता है।
    हो सकता है कि उसी से जबरदस्ती नकल कराने
    को कहा जाए। नकल की सामग्री बड़ी सफाई
    से विद्यालय परिसर के अंदर निर्माण
    सामग्री जैसे बालू के ढेर में छुपा कर
    रखी जाती है। निजी कोचिंग चलाने वाले
    कॉलेजों में दाखिला दिलवाने से लेकर
    परीक्षा पास करवा अंक पत्र दिलवाने तक
    का ठेका लेते हैं। हरेक चीज की एक कीमत
    होती है। जौनपुर जिले में यदि कोई
    किसी निजी विद्यालय में बिना कक्षा में
    उपस्थित हुए हाईस्कूल या इंटर
    की परीक्षा पास करना चाहता है तो उसे पांच
    हजार रुपये देने होंगे। यदि कोई
    बिना परीक्षा दिए प्रथम श्रेणी से पास
    होना चाहता है तो उसे 25 हजार रुपये देने
    होंगे। इतने रुपयों में परीक्षार्थी की जगह
    किसी अन्य व्यक्ति को बिठा कर
    परीक्षा दिलवाने की व्यवस्था की जाती है।
    सरकार द्वारा संचालित

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  23. जब आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हमारी जीत की खबर मिलेगी तो सबसे पहले आप क्या करेंगे ??? उस दिन का शेष वक्त आप किस तरह बिताना चाहेंगे ,,,,,,उसके बाद के एक हफ्ते का क्या प्रोग्राम रहेगा ?क्या हम फेसबुक की दुनिया से बाहर निकलकर कभी एक दूसरे से रूबरू होना चाहेंगे ?क्या आप चाहेंगे कि जो इतिहास हम रचने जा रहे हैं उसे वक्त की धूल में खो जाने से बचाने के लिए लिपिबद्द किया जाए ?

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  24. By Shakul Gupta
    प्रतिवर्ष टीईटी परीक्षा न कराने पर सरकार से जवाब तलब
    Updated on: Thu, 11 Apr 2013 08:48 PM (IST)
    जाब्यू, इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकारसे प्रदेश में प्रतिवर्ष टीईटी परीक्षा कराने की एनसीटीई की गाइड लाइन का पालन न करने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खण्डपीठ ने मनीष कुमार की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि प्रतिवर्ष टीईटी परीक्षा कराने के दिशानिर्देशों के बावजूद राज्य सरकार विगत दो वर्ष से परीक्षा नहीं करा रही है तथा बीएड डिग्रीधारियों को यह कहते हुए सहायक अध्यापनबनाना चाहती है कि टीईटी प्रशिक्षु उपलब्ध नहीं हैं। गाइड लाइन के अनुसार प्रतिवर्ष परीक्षा करायी जानी चाहिए।

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  25. rahul bhai ke anusar aj harkauli ji ki bench me arvind kumar ki writ thi jo ki shahi ne dimis kar di thi harkauli ji ne use aceept bhi kiya aur cv yadav ki jabrdast khichayi karte hue 29 tareekh tak counter manga hai arvindra kumar ne diffent unvirsities ki marking par prashna chinh laga kar base of slection ko challenge kiya tha

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  26. jaagne waalon ko G.N.





    aur



    sone waalon ko G.M.

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  27. Jb aj tak bhrti acd se hoti thi to aj kya problem hai.., acd is best way for selection in upprt according to 1981 rule.... Aur isme koi b sansodhn theek nahi hai... Tet only eligbility test according to Ncert rules....

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  28. Court me kuch b ho, tet supportr ko lgta hai... Bs te te mert bn gye... Are bhai gunak walo ki writ acept k gye to isme te te wale q kud rhe hai.... Totaly mentaly khisk chuk hai,, te te krte krte

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  29. are kisi k paas anudeshak list ki koi news ho toh batao...plzzzzzzz

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  30. tet nahi to bharti nahi mai bhi ek tet saporter hoo mein aapka name aur jila janna chata hoon kya pata aap bhi mere jile ke ho.

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  31. Bhrti supportar dur rhe, abhi lamba time lag sakta hai., hc tet mattar me kabhi intrestet hai... Aur kai writ pending hai aur kai padne k liye taiyar hai.... So abhi ek lambi ladaye hogi... Sc tak... & then matter will finish

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  32. Is yudh me acd supportar yodha nischint rhe jeet hmari hi hogi... Jay acd

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  33. Kapil kamine teri vagah se TET vale aaj job ke liye safar kar rahe hai tum mil jao to tum ko [ chinta ka chita chita vale tarike se peet peet kar sahi kar denge.

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  34. Jo log is blog me gali jaise sabdo ka prayog kar rahe hai vo please aisa na kare

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  35. Mar pitae se kisi smasya ka hal nhi niklta hai... Maine jo kiya kiya lekin aj sb log mera anushrn kr rhe hai... Aur writ dal rhe hai.... Unme akal nhi hai naklzi hai.. Maine writ dali to unhone writ dali..

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