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Wednesday, May 8, 2013

http://www.mcdonline.gov.in/ East Delhi Municipal Corporation Primary Teacher Recruitment 2013 Apply Online

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http://www.mcdonline.gov.in/ East Delhi Municipal Corporation Primary Teacher Recruitment 2013 Apply Online

East Delhi Municipal Corporation, Primary Teacher Recruitment 2013
East Delhi Municipal Corporation (EDMC) Primary Teacher Recruitment 2013 Notification
East Delhi Municipal Corporation (EDMC) invites online applications from interested and eligible candidates for recruitment of Primary Teachers in the schools of EDMC for the year 2013-14 on temporary and contractual basis upto 10.05.2014 or till the selection list received from DSSSB, whichever is earlier.
Vacancy Detail:
Post Name : Teacher (Primary)
No. Of Post : 708 post
Primary Teacher East DMC - Number of posts = 708 Post, Job Id - 10470
Qualification : 
A). Senior Secondary (10+2) or intermediate or its equivalent from a recognised Board / University / Institute.
B). Must have passed Hindi as a subject at Secondary Level
C). Must have passed English as a subject at Secondary or Senior Secondary level.
Two years diploma / Certificate course in ETE / JBT or equivalent or B.El.Ed from a recognised institution
Must have qualified in CTET conducted by CBSE
Age Limit : 
For General Candidates : 30 years
For SC Candidates : 35 years
For ST Candidates : 35 years
For OBC Candidates : 33 years
For PH Candidates : 40 years
The crucial date of determination of age:20/05/2013
Important Dates:
Website Line Open for Registration : 06.05.2013
Closing Date for Online Registration : 20.05.2013
Tentative Date for Short Listed Candidates :between 29.05.13 to 07.06.13

How To Apply: The eligible and interested candidates may apply through online on www.mcdonline.gov.in between 06.05.2013 to 20.05.2013






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30 comments:

  1. कांग्रेस सरकार का लगातार लहराता परचम व भाजपा की डूबती नैया देख कभी कभी मन होता हैं की कांग्रेस समर्थक बन जाऊ|
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    फिर ख्याल आता हैं यार घर में आइना भी तो हैं , खुद से नज़र............................................

    ReplyDelete
  2. रिजल्ट आने पर दो साल में करा लें संशोधन
    वाराणसी (ब्यूरो)। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट आने पर यदि अंकपत्र और प्रमाणपत्र में कोई त्रुटि है तो दो साल में संशोधन करा लें। यदि इसमें लेटलतीफी की तो फिर आपको मुख्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ेगी। यूपी बोर्ड ने अंकपत्र और प्रमाणपत्र में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए दो साल की अवधि निर्धारित कर दी है। बोर्ड के सचिव ने इस बारे में क्षेत्रीय कार्यालयों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
    यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों में परीक्षा परिणाम आने के बाद विद्यालय से विद्यार्थी अंकपत्र और प्रमाणपत्र लेकर चले जाते हैं। त्रुटियों पर जल्दी ध्यान देते नहीं। जब कभी आवश्यकता पड़ी तो उसमें माता, पिता के नाम या जन्मतिथि आदि में गड़बड़ी को दुरुस्त कराने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय का चक्कर काटने लगते हैं। इसमें ज्यादातर परीक्षा परिणाम घोषित होने के पांच से 10 साल बाद तक के मामले होते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय कार्यालय को इनके रिकार्ड ढूंढने में काफी दिक्कतें होती है। खासतौर से वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय में, क्योंकि बोर्ड के चार क्षेत्रीय कार्यालयों में यह सबसे बड़ा है और यहां से 26 जिले जुड़े हुए हैं। रिकार्ड या उत्तर पुस्तिका नहीं मिलने पर विद्यार्थी कोर्ट की शरण में चले जाते हैं, जिससे बोर्ड को झेलना पड़ता है।
    यहीं नहीं फर्जी विद्यार्थी भी इसका लाभ उठा लेते हैं। इन दिक्कतों को ध्यान में रखकर बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालय से संशोधन के लिए दो साल की अवधि निर्धारित की है। क्षेत्रीय सचिव अर्चना सिंह ने बताया कि परीक्षार्थी जिस वर्ष परीक्षा उत्तीर्ण करेगा, उसके दो साल तक संशोधन का मौका दिया जाएगा। इसके बाद इलाहाबाद स्थित बोर्ड मुख्यालय के दिशा-निर्देश पर ही प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई होगी।
    •यूपी बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालय को जारी किया निर्देश

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  3. आईएएस बनने की राह में हिंदी सबसे बड़ा रोड़ा!

    संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 62 वीं वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा

    नई दिल्ली। क्या भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने की राह में हिंदी रोड़ा बन रही है? बीते कुछ बरसों के उसके नतीजों को देखें तो ऐसा ही लगता है। चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि सिविल सेवा परीक्षा (आईएएस) की पहली सीढ़ी यानी प्रारंभिक परीक्षा में हिंदी माध्यम से उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या लगातार घट रही है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 62 वीं वार्षिक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।

    रिपोर्ट के मुताबिक 2009 की आईएएस प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले कुल 11,504 परीक्षार्थियों में से 4,861 हिंदी माध्यम के थे। इसी तरह 2010 में मुख्य परीक्षा देने वाले कुल 11,859 में से 4,194 हिंदी के थे। 2011 में सी-सैट लागू किए जाने के बाद हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वालों की मुश्किलें बढ़ने लगीं। 2011 में मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले कुल 11,230 परीक्षार्थियों में से अंग्रेजी के 9,316 परीक्षार्थी थे और उसके मुकाबले हिंदी के सिर्फ 1,700 थे। जानकारों की मानें तो हिंदी भाषी परीक्षार्थियों के नाकामी की वजह प्रारंभिक परीक्षा के पैटर्न में किया गया बदलाव है।

    प्रश्नों का अनुवाद कठिन होता है

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  4. आज मेरा मूड कुछ ज्यादा ही अच्छा है इसलिए सोच रहा हूँ सिर्फ अच्छी-अच्छी बाते लिखूँ ,,,,, आपमें से अधिकाँश या यूं कहें लगभग सभी साथी संविधान पीठ का सुरक्षित फैसले, जिसका आना और जिसका परिणाम दोनों ही निश्चित हैं, के आने में हो रही देरी से अधीर हैं,,,,अधीर होना स्वाभाविक भी है,,,, लेकिन चिंतित बिलकुल भी नहीं होगे ,,,,जब चिंता की कोई बात ही नहीं है तो चिंतित होगे भी क्यों,,,, अधीरता से अधिक आपकी भावनाओं को बेसब्री कहा जाना उचित प्रतीत होता है,,आखिर संविधान पीठ के फैसले के बाद हमें जीत की ओर निर्णायक कदम जो बढाना है ,,न्यायमूर्ति हरकौली साहब की अदालत की ओर ,,,,,,,

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  5. टेट मेरिट से चयन तो निश्चित ही है ,,,पूर्व विज्ञापन बहाल करके हो या नए विज्ञापन से जुड़े पदों को नए विज्ञापन पर पूर्व विज्ञापन के फार्मों को आरोपित करके ,,जैसा कि SCERT विवरण वाले आदेश की मूल भावना थी,,,,, अब मैं यह सोच रहा हूँ कि टेट मेरिट से चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के उन पैसों का क्या होगा जो उन्होंने नए विज्ञापन को भरने में खर्च कर दिए ,,,आखिर दो-दो विज्ञापनों की बाजीगरी में उनका नुकसान क्यों,,,, वो भी इतना भारी नुकसान,,आज तक तो इतने पैसे किसी ने खर्च नहीं किये होंगे किसी फ़ार्म को भरने के लिए,,,,, कई लोगों ने तो फ़ार्म भरने के लिए कर्ज तक लिया है,,,तो सवाल यह है कि क्या अखिलेश सरकार का हाजमा इतना मजबूत है कि वो उत्तर प्रदेश के श्रेष्ठतम अध्यापकों की खून पसीने की कमाई हजम कर सके,,,,,? मुझे तो लगता है कि नहीं.....

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  6. एक नियम है,,ज्यादातर लोगों को शायद पहले से पता हो,,, कोई व्यक्ति जिस पद पर चयनित हो चुका है उसी पद के लिए आने वाली दूसरी विज्ञप्ति में फ़ार्म नहीं डाल सकता ,,,,, उदाहरणस्वरूप यदि किसी क टेट मेरिट से अपने जिले में चयन ना होकर कहीं और होता है और उसका गुणांक अधिक है तो वह भविष्य में गुणांक से भर्ती होने पर भी उसमें apply नहीं कर सकता ,,,,,, शायद इसी बात को मद्देनजर रखते हुए टण्डन ने अपने SCERT विवरण वाले आदेश में उन लोगों के बारे में बाद में निर्णयन करने को कहा था जिन्होंने उस वक्त तक नए विज्ञापन में फ़ार्म दिया था,,,,,,

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  7. बात को ज्यादा घुमाफिराकर कहने की बजाय सिर्फ इतना ही कहे दे रहा हूँ कि नए विज्ञापन को भरने के लिए बनवाए अपने-अपने चालानों का लेखाजोखा तैयार रखना ,,,चवन्नी-चवन्नी वापस मिलेगी ,,,,, जैसे ही आपका टेट मेरिट से चयन होगा आपसे नए विज्ञापन में भरे फार्मों का विवरण माँगा जाएगा और आपका नाम वहां से उड़ा दिया जाएगा ,,फीस वापसी होगी ये अलग से बताने की कोई जरूरत है क्या?आप लोग SCERT विवरण वाले आदेश को हलके में लेते हो और मैं उसी आदेश के सहारे बिना एक भी फ़ार्म भरे निश्चिन्त बैठा हूँ ,,,, मात्र एक पेज का आदेश था और उसमें वो लिखा था जिसे पढ़ने के बाद न्याय विभाग ने सरकार को सलाह दी कि "अब आवाज मत निकालना,,अपील करने के बारे में तो सोचना भी मत ,,,इस आदेश को लिखने वाला तुम्हारे बाप का भी बाप प्रतीत होता है,,,"

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  8. लेकिन क्लास 5 को पढाने का ख्वाब देखने वाले तीन लाख से अधिक लोग इस प्रकार के प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाए थे ,,,,, अगर टेट बीच में ना आया होता तो उनके गुणांक देखते हुए टेट में फेल होने वाले 72825 में से आधे से अधिक नियुक्त पत्र ले जाते ,,,फेल वालों के गुणांक कुछ ज्यादा ही अच्छे हैं,,,

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  9. PRT की टेट मेरिट से भर्ती में "यदि" लगाने की कोई जरूरत नहीं है,,,,,वो तो टेट मेरिट से होंगी ही,,,,, अव्वल तो जूनियर में सीधी भर्ती होना ही मुश्किल है,,,अगर हो भी गई तो जूनियर की भर्ती के टेट मेरिट से होने की संभावना ना के बराबर ही है ,,,

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  10. संविधान पीठ का फैसला आने के बाद अपना केस हरकौली साहब के यहाँ ही जाएगा इसका कारण यह है कि सर्विस मामले की प्रापर बेँच उन्ही की है अन्य कोई प्रापर बेँच नही है।

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  11. सुबह से शाम तक सचिव को उच्च न्यायालय में खड़े देखना कितना सुखद अनुभव होता होगा ,,,,, कार्यपालिका को न्यायपालिका की हैसियत बताने का ये अच्छा तरीका है ,,,,,, बड़े-बड़े अधिकारियों की सारी हेकडी निकल जाती है खड़े खड़े

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  12. 2-2 सचिव कस्टडी मे लिये गये अब सरकार उस्मानी को बचाने के लिये सविधान पीठ के नान टेट के फैसले के बाद कोर्ट मे सरेन्डर करेगी या उस्मानी जी भी कोर्ट के कन्टेम्ट का मजा लेगे ।

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  13. सही कौन है और गलत कौन ये संविधान पीठ के फैसले को पड़ने के बाद निश्चित होगा ,,,,, फिलहाल किसी पर आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं,,,शान्ति के साथ फैसला आने का इन्तजार कीजिए ,,,,,,,,अब अगर इस ग्रुप में कोई तमाशा खड़ा किया या किसी भी पैरवीकार पर कोई आरोप लगाया तो अपने आप ही ग्रुप से चले जाना ,,अगर किसी ने शुद्ध टेट मेरिट के साथ धोखा करने का प्रयास भी किया है तो वो उसका परिणाम अवश्य भुगतेगा ,,चाहे वो कोई भी हो

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  14. संविधान पीठ में हुयी कार्यवाही के बारे में आपको जो भी जानना है वो संविधान पीठ का फैसला आने पर स्वतः ही पता चल जाएगा ,,,,,,मुझे भी जानना है ,,
    बहुत कुछ मुझे पता भी चल चुका है ,,,,

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  15. Bhai mai b.sc.(math)se hu.kya mai junior me score badane k lia mai tet k lia apply karu?2011 ka pass hu.

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  16. "JAAN ke Badle JAAN "...

    भारतीय जेल में हमले के शिकार
    पाकिस्तानी कैदी की मौत...

    SanaUllah ki Muat se ab Pakistan ko Sabak milega Ki Humari Government (Congress) Napunsak hai hum nahi....

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  17. गुणों से भरी है रसीली लीची::

    ऊपर से लाल और अंदर से सफेद लीची न केवल रस और स्वाद की खान है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। गर्मियों में ठंडक घोलने वाली लीची में क्या-क्या गुण हैं, यहां इस बारे में विस्तार से बताया जा
    रहा है।

    फलों की रानी कही जाने वाली लीची गर्मियों की जान है। लीची का नाम आते ही मुंह में मिठास और रस घुल जाता है। यह देखने में जितनी सुंदर है, खाने में उतनी ही स्वादिष्ट, इसीलिए यह सभी का पसंदीदा फल है। यह रसीला फल गर्मियों में शरीर में पानी के अनुपात को संतुलित बनाए रखता है और ठंडक पहुंचाता है। लीची को बतौर फल ही नहीं खाया जाता, इसका जूस और शेक भी बहुत पसंद किए जाते हैं। जैम, जैली, मार्मलेड, सलाद और व्यंजनों की गार्निशिंग के लिए भी लीची का इस्तेमाल किया जाता है।

    स्ट्राबेरी की तरह दिखने वाली हार्ट-शेप लिए छोटी-सी लीची न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्यवर्ध्क गुणों की खान भी है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉसफोरस, लौह जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं, जो इसे हमारी सेहत का खजाना बना देते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने तो लीची को ‘सुपर फल‘ का दर्जा भी दिया है।

    कैंसर सेल्स के विकास को रोकता है::
    अध्ययनों से साबित हुआ है कि विटामिन सी, फ्लेवोनॉयड, क्यूरसीटीन जैसे तत्वों से भरपूर लीची में कैंसर, खासतौर पर स्तन कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से हमारे शरीर में कैंसर के सेल्स ज्यादा बढ़ नहीं पाते। लीची एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसमें मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण और लोहे के अवशोषण में भी मदद करता है, जो एक प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

    रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक::
    लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी काफी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया के लिए जरूरी है। इससे बीटा कैरोटीन को जिगर और दूसरे अंगों में संग्रहीत करने में मदद मिलती है। फोलेट हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। इससे हमारा तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है।

    वजन कम करने में सहायक::
    लीची हमारी सेहत के साथ ही फिगर का भी ध्यान रखती है। इसमें घुलनशील फाइबर बड़ी मात्रा में मिलता है, जो मोटापा कम करने का अच्छा विकल्प है। फाइबर हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है और आंत्र समस्याओं को रोकने में मदद करता है। यह वायरस और संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए हमारे शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह फाइबर कमजोर और बुजुर्गों को स्वस्थ रहने में मदद करता है।

    ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत::
    लीची ऊर्जा का स्त्रो त है। थकान और कमजोरी महसूस करने वालों के लिए लीची बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद नियासिन हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए आवश्यक स्टेरॉयड हार्मोन और हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, इसलिए काम की थकावट के बावजूद लीची खाने से आप दोबारा ऊर्जावान हो जाते हैं।

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  18. पानी की कमी नहीं होने देती::
    लीची का रस एक पौष्टिक तरल है। यह गर्मी के मौसम से संबंधित समस्याओं को दूर करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है। लीची हमारे शरीर में संतुलित अनुपात में पानी की आपूर्ति करती है और निर्जलीकरण से बचाती है।

    पेट और अन्य बीमारियों की रोकथाम में असरदार::
    लीची शरीर की अम्लता के उच्च स्तर को कम करके पाचन संबंधी विकारों को दूर करती है। गैस्ट्रो आंत्र विकार, हल्के दस्त, उल्टी, पेट की खराबी, पेट के अल्सर और आंतरिक सूजन से उबरने में लीची का सेवन फायदेमंद है। यह कब्ज या पेट में हानिकारक टोक्सिन के प्रभाव को कम करती है। गुर्दे की पथरी से होने वाले पेट दर्द से आराम पहुंचाती है। मधुमेह के रोगियों के तंत्रिका तंत्र को होने वाली क्षति को रोकने में मदद करती है।

    सर्दी-जुकाम के वायरस के संक्रमण से बचाव::
    लीची विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत होने के कारण खांसी-जुकाम, बुखार और गले के संक्रमण को फैलने से रोकती है। यह संक्रामक एजेंटों के खिलाफ प्रतिरोधक के रूप में काम करती है और हानिकारक मुक्त कणों को हटाती है। गंभीर सूखी खांसी के लिए तो लीची रामबाण है। ऑलिगनॉल नामक रसायन की मौजूदगी के कारण लीची एन्फ्लूएंजा के वायरस से आपका बचाव करती है।

    त्वचा के निखार के लिए::
    लीची में सूरज की अल्ट्रावॉयलेट यूवी किरणों से त्वचा और शरीर का बचाव करने की खासियत होती है। इसके नियमित सेवन से ऑयली स्किन को पोषण मिलता है। साथ ही मुंहासों के विकास को कम करने में मदद मिलती है। चेहरे पर पड़ने वाले दाग-धब्बों में कमी आ जाती है।

    बच्चों के विकास में सहायक::
    लीची में पाए जाने वाले कैल्शियम, फॉसफोरस और मैग्नीशियम तत्व बच्चों के शारीरिक गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मिनरल्स अस्थि घनत्व को बनाए रखते हैं। ये ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करते हैं।

    सूजन की दर्द से राहत::
    लीची तंत्रिका तंत्र की नसों और जननांगों की सूजन के इलाज में फायदेमंद है। इससे दर्द से राहत मिलती है।

    बीज और छिलका भी है फायदेमंद::
    लीची बीज के पाउडर में दर्द से राहत पहुंचाने के गुण हैं। पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए बीज के पाउडर की चाय पीना फायदेमंद है। ऐसी चाय पीने से तंत्रिका तंत्र में होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है। पेट के कीड़े मारने के लिए शहद में यह पाउडर मिला कर खाया जाता है। किसी भी अंग में सूजन कम करने के लिए लीची बीज के पाउडर का लेप लगाने से आराम मिलता है। लीची के छिलके वाली चाय सर्दी-जुकाम, दस्त, वायरल और गले के इंफेक्शन के इलाज में मददगार है। हर्बल चाय में लीची पेड़ की जड़ों, फूल और छाल उबाल कर पीने से चेचक जैसे संक्रामक रोगों में राहत मिलती है।

    औषधि और अल्कोहल के निर्माण में सहायक::
    दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने लीची के पल्प और छिलके में मौजूद फिनॉलिक कम्पाउंड से वजन कम करने, ब्लड प्रैशर नियंत्रित करने और हृदय रोगों की सप्लिमेंट्री दवाइयों का निर्माण किया है। इनमें हाईड्रोक्सीकट, लीची-60 सीटी और एक्स्रेडीन प्रमुख हैं। लीची से स्किन क्रीम भी बनाई गई है, जिससे चेहरे की झुर्रियां घटाई जा सकती हैं। इसे अल्कोहल बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

    सीमित मात्रा में सेवन::
    एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक कटोरी या 10-11 दाने लीची का सेवन हितकर है। ज्यादा खाने से नकसीर या सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार तो लीची की अधिकता से एलर्जी भी हो जाती है। शरीर में खुजली होना, जीभ तथा होंठ में सूजन आना और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं सामने आती हैं।

    रक्तचाप और हृदय रोगों से बचाव::
    लीची में मौजूद पोटेशियम और तांबा दिल की बीमारियों से हमारा बचाव करता है। यह हृदय की धड़कन की अनियमितता अथवा अस्थिरता और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। इससे हृदयाघात का जोखिम काफी कम हो जाता है। लीची में मौजूद लाभदायक रासायनिक तत्व शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती और रक्त का प्रवाह सुचारु ढंग से होता रहता है। इसी वजह से लीची का नियमित सेवन हार्ट अटैक की संभावना 50 प्रतिशत कम कर देता है।

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  19. Case Status - Allahabad
    Pending Special Appeal : 548 of 2013
    Petitioner: ARVIND KUMAR SHUKLA AND 3 ORS.
    Respondent: STATE OF U.P. AND 3 ORS.
    Counsel (Pet.): ANIL TIWARI
    Counsel (Res.): C.S.C.
    Category: Special Appeals
    Date of Filing: 09/04/2013
    Last Listed on: 29/04/2013 in Court No. 33
    Next Listing Date (Likely): 20/05/2013

    Next Date 20 May for B.ed.Pactical Marks diffrence.

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  20. एक शराबी पूरा टून्न हो कर घर जा रहा था!

    रास्ते में मंदिर के बाहर पुजारी दिखा!

    शराबी ने पुजारी से पूछा सबसे बड़ा कौन?

    उस से पीछा छुड़ाने के लिए पूजारी ने कहा ये मंदिर बड़ा

    शराबी बोला मंदिर बड़ा तो धरती पर कैसे खड़ा!

    पुजारी: धरती बड़ी!

    शराबी: धरती बड़ी तो शेषनाग पर क्यों खड़ी?

    पुजारी: शेषनाग बड़ा!

    शराबी: शेषनाग बड़ा तो शिव के गले में क्यों पड़ा!

    पुजारी: शिव बड़ा!

    शराबी: शिव बड़ा तो पर्वत पर क्यों खड़ा?

    पुजारी: पर्वत बड़ा!

    शराबी: पर्वत बड़ा तो हनुमान की ऊँगली पर क्यों पड़ा?

    पुजारी: हनुमान बड़ा!

    शराबी: हनुमान बड़ा तो राम के चरणों में क्यों पड़ा?

    पूजारी: राम बड़ा!

    शराबी: राम बड़ा तो रावण के पीछे क्यों पड़ा?

    पूजारी: अरे मेरे बाप तू बता कौन बड़ा?

    शराबी: इस दुनिया में वो बड़ा जो पूरी बोतल पीकर भी
    अपनी टांगो पर सीधा खड़ा!

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  21. चलो अब हो चुकी टेट 2013.....ये नेता इतने निकम्मे होते है जानबूझकर कोइ न कोइ लफ़डा लगा ही देते है........
    टीईटी-13 के शासनादेश
    को कोर्ट में चुनौती शिक्षक
    पात्रता परीक्षा का एक और
    मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।
    इस बार चुनौती टीईटी-13 के
    शासनादेश को दी गई है।
    प्रशिक्षु अभ्यर्थियों को जो अंतिम
    परीक्षा में शामिल हो चुके हैं मगर
    परिणाम घोषित नहीं हुआ है,
    टीईटी-13 में शामिल होने
    की अनुमति नहीं दी गई है। इसके
    खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
    की है। याचिका पर सुनवाई करते
    हुए न्यायमूर्ति एपी साही ने
    प्रदेश सरकार से प्रकरण पर
    जानकारी मांगी है।
    सुशील कुमार सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिका में
    17 अप्रैल 2013
    को जारी शासनादेश
    को चुनौती दी गई है। शासनादेश
    के अनुसार टीईटी-13 में ऐसे
    अभ्यर्थी जिन्होंने अंतिम वर्ष की परीक्षा दे दी है मगर
    परिणाम घोषित
    नहीं किया गया है, शामिल
    नहीं हो सकेंगे।
    याचियों का कहना है
    कि सीटीईटी और यूजीसी भी पात्रता परीक्षाएं
    ही हैं परंतु इसमें अंतिम वर्ष
    की परीक्षा में शामिल होने
    वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में
    बैठने की अनुमति होती है,
    जबकि प्रदेश सरकार ने टीईटी-13 में शामिल होने
    की अनुमति नहीं दी है। पंजीकरण
    फार्म भरने की अंतिम तिथि 13
    मई है। इसे लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं।
    याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश
    सरकार से जानकारी मांगी है।

    ReplyDelete
  22. एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के
    पास के गई और बोली,

    " डाक्टर मैँ एक गंभीर समस्या मेँ हुँ और मेँ
    आपकीमदद चाहती हुँ । मैं गर्भवती हूँ,
    आप किसी को बताइयेगा नही मैने एक जान
    पहचान के सोनोग्राफी लैब से यह जान लिया है कि मेरे गर्भ में एक बच्ची है । मै पहले से
    एकबेटी की माँ हूँ और मैं किसी भी दशा मे
    दो बेटियाँ नहीं चाहती ।"
    डाक्टर ने कहा ,"ठीक है, तो मेँ
    आपकी क्या सहायता कर सकता हु ?"
    तो वो स्त्री बोली," मैँयह चाहती हू कि इस गर्भ को गिराने मेँ मेरी मदद करें ।"
    डाक्टर अनुभवी और समझदार था।
    थोडा सोचा और फिर बोला,"मुझे लगता है कि मेरे
    पास एक और सरल रास्ता है जो आपकी मुश्किल
    को हल कर देगा।"
    वो स्त्री बहुत खुश हुई.. डाक्टर आगे बोला, " हम एक काम करते है
    आप दो बेटियां नही चाहती ना ?? ?
    तो पहली बेटी को मार देते है जिससे आप इस
    अजन्मी बच्ची को जन्मदे सके और
    आपकी समस्या का हल भी हो जाएगा. वैसे
    भी हमको एक बच्ची को मारना है तो पहले वाली को ही मार देते है ना.?"
    तो वो स्त्री तुरंत बोली"ना ना डाक्टर.".!!!
    हत्या करनागुनाह है पाप है और वैसे भी मैं
    अपनी बेटी को बहुत चाहती हूँ । उसको खरोंच
    भी आती है तो दर्द का अहसास मुझे होता है
    डाक्टर तुरंत बोला,"पहले कि हत्या करो या अभी जो जन्मा नही
    उसकी हत्या करो दोनो गुनाह
    है पाप हैं ।"
    यह बात उस स्त्री को समझ आ गई । वह स्वयं
    की सोच पर लज्जित हुई और पश्चाताप करते हुए
    घर चली गई । क्या आपको समझ मेँ आयी ?

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  23. टीईटी-2013 के शासनादेश को कोर्ट में चुनौती-------
    शिक्षक पात्रता परीक्षा का एक और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस बार चुनौती टीईटी-13 के शासनादेश को दी गई है। प्रशिक्षु अभ्यर्थियों को जो अंतिम परीक्षा में शामिल हो चुके हैं मगर परिणाम घोषित नहीं हुआ है, टीईटी-13 में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एपी साही ने प्रदेश सरकार से प्रकरण पर जानकारी मांगी है।
    सुशील कुमार सिंह और अन्य की ओर से दाखिल याचिका में 17 अप्रैल 2013 को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई है। शासनादेश के अनुसार टीईटी-13 में ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने अंतिम वर्ष की परीक्षा दे दी है मगर परिणाम घोषित नहीं किया गया है, शामिल नहीं हो सकेंगे। याचियों का कहना है कि सीटीईटी और यूजीसी भी पात्रता परीक्षाएं ही हैं परंतु इसमें अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति होती है, जबकि प्रदेश सरकार ने टीईटी-13 में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है। पंजीकरण फार्म भरने की अंतिम तिथि 13 मई है। इसे लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं। याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी है।

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  24. छिलकों के लाभकारी गुण

    प्राय: गृहणियां साग-सब्जियों और फलों का उपयोग करते समय उनके छिलकों को बेकार समझकर फेंक देती है। लेकिन वास्तव में वे छिलकें बेकार नहीं उपयोगी भी होते हैं। उन छिलकों में कई चमत्कारिक गुण छिपे होते हैं, जिससे सौंदर्य ही नहीं निखरता, बल्कि कई रोगों को दूर करता है।

    - खरबूजे को छिलका समेत खाने से कब्ज दूर होती है।
    - खीरे के छिलके से भी कीट और झींगुर भागते हैं।
    - पपीते के छिलके सौंदर्यवर्धक माने जाते हैं। त्वचा पर लगाने से खुश्की दूर होती है। एड़ियों पर लगाने से वे मुलायम होती हैं।
    - सेब के छिलके में उच्च रक्तचाप से मुकाबला करने के लिए आवश्यक रसायनिक तत्वों की छह गुना मात्र तक मौजूद होती है.
    - चोट लगने पर केले के छिलके को रगड़ने से रक्तस्राव रुक जाता है।
    - कच्चे केले के छिलकों से चटपटी सब्जी बनती है।
    - मटर के मुलायम छिलकों की भी स्वादिष्ट सब्जी बनती है।
    - लौकी के छिलकों की चटनी -- लौकी को ऊपर ऊपर से कद्दूकस कर ले . अब तडके के लिए तेल लें और इसमें धीमी आंच पर छिल्कें भूरे होने तक भून लें . पानी ना डाले . इसके बाद इसमें थोड़े तिल , दाने , कसा हुआ खोपरा , नमक थोड़ी शकर आदि दाल के थोड़ी देर भून ले. स्वादिष्ट चटनी तैयार है.
    - टमाटर और चुकंदर के छिलकों को चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और होठों की लालिमा बढ़ती है।
    - करेला जितना गुणकारी होता है उसके छिलके भी उतने फायदेमंद होते हैं। अलमारी में रखने से कीट भागते हैं।
    - तोरी और घीया के छिलके की सब्जी भी पेट रोगों में फायदा पहुँचाती है।
    - अनार का छिलका : जिन महिलाओं को अधिक मासिक स्राव होता है वे अनार के सूखे छिलके को पीसकर एक चम्मच पानी के साथ लें। इससे रक्त स्राव कम होगा और राहत मिलेगी। जिन्हें बवासीर की शिकायत है वे अनार के छिलके का 4 भाग रसौत और 8 भाग गुड़ को कुटकर छान लें और बारीक-बारीक गोलियां बनाकर कुछ दिन तक सेवन करें। बवासीर से जल्दी आराम मिलेगा। अनार के छिलके को मुंह में रखकर चूसने से खांसी का वेग शांत होता है। अनार को बारीक पीसकर उसमें दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर सिर पर मलें। इससे बाल मुलायम होते हैं।
    - काजू का छिलका : काजू के छिलके से तेल निकालकर पैर के तलवे और फटे हुए स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
    - बादाम का छिलका : बादाम के छिलके व बबुल की फल्लियों के छिलके व बीज को जलाकर पीसकर थोड़ा नमक डालकर मंजन करें। इससे दांतों के कष्ट दूर होते हैं, मसूढ़ें स्वस्थ एवं दांत मजबूत बनता है।
    - नारियल का छिलका : नारियल का छिलका जलाकर महीन पीसकर दांतों पर घिसने से दांतें साफ होते हैं।
    - नारंगी का छिलका : दूध में नारंगी का छिलका छानकर दूध के साथ नियमित सेवन करने से खून साफ होता हैं।
    - पपीते का छिलका : पपीते के छिलके को धूप में सूखाकर, खूब बारीक पीसकर ग्लिसरीन के साथ मिलाकर लेप बनावें व चेहरे पर लगाये, मुंह की खुश्की दूर होती है।
    - आलू का छिलका : आलू के छिलके मुंह पर रगड़ने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती।

    - लौकी का छिलका : लौकी के छिलके को बारीक पीसकर पानी के साथ पीने से दस्त में लाभ होता है।
    - तोरई का छिलका : तोरई का ताजा छिलका त्वचा पर रगड़ने से त्वचा साफ होती है।
    - इलायची का छिलका : इलायची के छिलके चाय की पत्तियां या शक्कर में डाल दें तो चाय स्वादिष्ट बनेगी।
    - संतरे का छिलका : संतरे के छिलके को दूध में पीसकर छान लें। इसे कच्चे दूध व हल्दी में मिलाकर चेहरे पर लगाये। इससे जहां चेहरे के दुश्मन मुहांसों-धब्बों का नाश होता है, वहीं त्वचा जमक उठता है।
    - तरबूज का छिलका - दाद, एकजीमा की शिकायत होने पर तरबूज के छिलकों को सूखाकर, जलाकर राख बना लें। तत्पश्चात् उस राख को कड़ुवे तेल में मिलाकर लगाये।
    - नींबू का छिलका : नींबू का छिलका दांत पर मलने से दांत चमकदार बनता है और मसूढ़ें भी मजबूत बनता है। नींबू का छिलका जूते पर रगड़े व कुछ देर के लिए धूप में रख दें। फिर जूतों पर मालिश करें। जूतों में चमक आ जायेगी।निम्बू के छिलके पर नमक लगा कर पीतल और ताम्बे के बर्तन और मूर्तियाँ घिसकर धोने से चमकने लगते है| नींबू व संतरा के छिलकों को सूखाकर, खूब महीन चूर्ण बनाकर दांत पर घिसें। दांत चमकदार बनते हैं।
    - नींबू और संतरे के छिलकों को सुखाकर अलमारी में रखा जाए तो इनकी खुशबू से झिंगुर व अन्य कीट भाग जाते हैं।ऐसे सूखे छिलकों को जलाने से जो धुआं होता है उनसे मच्छर मर जाते हैं।

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  25. आपके सोच की तरंगे


    अच्छा सोचेंगे तो अच्छा होगा ,बुरा सोचेंगे तो बुरा होगा । आपके साथ वोही होगा जो आप दिनभर सोचते है ।

    आपका अवचेतन मन आपके साथ बहस नही करता । जो आपका चेतन मन कहता है वोही चुपचाप मान लेता है । अगर आपका चेतन मन कहता है की "मेरे पास पैसे नही आ रहे हैं या मेरा हर काम रुक रहा है " तो आपका अवचेतन मन उसे चुपचाप सुन लेगा और आपके चारो ओर ऋणात्मक वातावरण ऐसा बनाएगा की आपको पैसे नही आयेंगे ।

    आप अपने शब्दों को ध्यान दे ।"मैं दुखी हु ,मुझे पता नही की मेरी नौकरी मिलेगी या नही । मेरे सम्बन्ध बिगड़ते जा रहे है । " आपका अवचेतन मन मजाक नही समझता है ,वो तो आपके चेतन मन को मान लेता है।

    ये तो आपके ऊपर है की आप क्या चुनने वाले है । सुख या दुःख । बीमारी या स्वस्थ जीवन । पैसे या गरीबी ।

    आप जो चुनेंगे उसी तरह की तरंगे आपके चारो ब्रम्हांड में फैलेगी । और आपको वोही प्राप्त होगा जो आपने इस ब्रम्हांड को दिया है ।

    आपके सोच की तरंगे , ग्रहों के विपरीत प्रभाव से कट सकती है ,इसलिए उन ग्रहों को जाने जो आपके सोच के तरंगो को तोड़ने की कोशिश कर रहा है।

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  26. UP Government ka ek aur drama
    •शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए केंद्र को फिर लिखा जाएगा पत्र

    लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने बुधवार को शिक्षक संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया। शिक्षा मित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 7300 रुपये करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार भेजा गया था, जिसे खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि फिर से इस प्रस्ताव को भेजा जाएगा।

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  27. आपने कभी गौर किया कि जब आप सेल से बात
    करते
    हैं
    तो बाएं कान पर रखकर सुनते हैं या दाएं कान
    पर...अभी तक जो करते आए हैं सो ठीक...लेकिन
    आगे से
    कोशिश कीजिएगा कि सेल को बाएं कान से ही सुनें.
    सेल को दाएं कान से सुनने से आपका मस्तिष्क
    प्रभावित हो सकता है. एक बात और ध्यान रखें, जब
    आप सेल पर किसी दूसरे को कॉल मिलाएं, तो डायल
    करने के बाद एकदम सेल को कान से
    नहीं सटा लें...जब
    आप निश्चित हो जाएं कि दूसरी तरफ़ से किसी ने
    बात शुरू कर दी है, तभी सेल को कान के नज़दीक
    लाएं...डायलिंग के बाद सेल अधिकतम सिगनल पावर
    ( 2 watts=33dbi) का इस्तेमाल करता है...ये
    अपोलो की रिसर्च टीम का निकाला हुआ निष्कर्ष

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  28. एक बार किसी गाँव में एक बुढ़िया रात के अँधेरे में अपनी झोपडी के बाहर कुछ खोज रही थी .तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी , “अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे क्या ढूंढ रही हो ?” , व्यक्ति ने पूछा.
    ” कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ.”, बुढ़िया ने उत्तर दिया.
    फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला की मदद करनेके लिए रुक गया और साथमें सुई खोजने लगा. कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल होगए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.
    सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा !ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?”
    ” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”, बुढ़िया ने ज़वाब दिया.
    ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा , ” कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी, आखिर सुई वहां खोजने की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?

    ” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”, बुढ़िया बोली.
    मित्रों, शायद ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है ; हमारी सुई कहाँ गिरी है .
    हमेंचाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़ चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .

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  29. फिजशिियन डॉ.एसके मजूमदार बताते हैं कि कोल्डड्रिंक की पीएच वेल्यू उतनी ही होती है, जितनी टॉयलेट साफ करने वाले तेजाबों की होती है।

    सोडियम बेंजोइट मिथाइल बेंजोइट नाम के प्रिजरवेटवि इसलिए मिलाए जाते हैं ताकि कोल्ड ड्रिंक में फंफूदी न पडे। इन रसायनों से बेंजीन अलग हो जाते हैं और कैंसर की आशंका गहरा जाती है। ये मनुष्य के डीएनए को भी बदल सकता है।

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  30. to fir cold drink ham piyege aur toilet cleaer tum apane liye reserve lkar lo gadu

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