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Sunday, June 23, 2013

From Facebook : Indian Temples Should Open Their Treasure for Uttrakhand Disaster

From Facebook : Indian Temples Should Open Their Treasure for Uttrakhand Disaster



देश का सबसे ज्यादा दौलतमंद मंदिर तिरुपति बालाजीका मंदिर है इस मंदिर की कुल संपत्ति 5200 करोड़ रुपए है, शिरडी साईं बाबा का मंदिर आय के मामले में भारत का दूसरा सबसे दौलतमंद मंदिर है, तीसरे नंबर पर माता वैष्णों देवी कामंदिर है जिसकी सालाना आय 500 करोड़ रुपए है, जबकि सिद्धि विनायक मंदिर को 46 करोड़ रुपए सालाना दान में मिलते हैं।
उत्तराखंड की भयानक त्रासदी के कई दिन बाद भी किसी धर्मस्थल के प्रबंधकों द्वारा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किसी बड़े सहायता कार्यक्रम की शुरुआत नहीं की है. मंदिरों के पास जो अकूत दौलत है वो जनता की संपत्ति है. उसका जनहित में इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा धार्मिक और मानवीय कर्म होगा आखिर धन के खजाने में पडे रहने या उसका गलत इस्तेमाल करने को कैसे स्वीकर किया जा सकता है जबकि लोग मर रहे हैं?


7 comments:

  1. @ Admin ji

    I am satisfied with you.
    iske sath sath desh ke sabhi bade udyogpatiyo ko bhi sahyog karna chahiye.

    jaise tata samuh kr raha hai.

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  2. uttrakhand me is samay sabse jyada avasyak hai jivit vyaktio ko surashit sthano par pahuchana

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  3. jisme rajya sarkar puri tarah se fail hai .army aur para mf ne jis tars se karya kiya hai vakai me kabile tareef hai.rajya sarkar ka ek mantri svikar kar raha hai ki ydi samay rahte kadam uthaya jata to yah estithi na hoti.ab yadi bahuguna ji ke ander tanik bhi naitikta hai to unhe tatkal estifa de dena chahiye jisse vanha ki jantako alsi aur sust cm se chhutti mil sake

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. AGAR TET MERIT SE BHARTI NAHI HOTI HAI TO BHARTI SHURU NAHIN HONE DI JAYEGI

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  6. yessssssssssssssssssssssssssss
    sushil G

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  7. वाह रे ढोँग एक मन्दिर के लिए इतना प्रबन्ध करना कहा तक उचित है इसी धन से किसी गरीब बस्ती का विकास किया जा सक्ता है लेकिन धर्म के ठेकेदार ऐसा नहीँ करेँगेँ वो तो अपनी दुकान बनायेगे और फिर लग जायेगा अन्धे भक्तो का ताँता

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