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Tuesday, July 9, 2013

UPTET 2011 : Article / Info By Shaswat Pathak - कौन हराएगा हमे ???


UPTET 2011 : Article / Info By Shaswat Pathak - कौन हराएगा हमे ??? 

कौन हराएगा हमे ??? 

हमे जीतने के लिए किसी जज की कृपा की आवश्यकता न कल थी और न आज है । 
हमारे केस पर 4 फरवरी को जो हरकौली जी ने किया अगर अखिलेश यादव भी जज की कुर्सी पर होते तो उन्हे भी वही सब लिखना पड़ता जो हरकौली जी ने लिखा । दुनिया का कोई जज prospective amendment का प्रभाव retrospective होना स्वीकार नही कर सकता । 

दुनिया का कोई जज किसी चलती हुई प्रक्रिया के नियम बदलने को सही नही ठहरा सकता और न किसी सरकार को ऐसा करने की छूट या अनुमति दे सकता है । 

नियमावली मे प्रशिक्षु शब्द न लिखा होना भूषण जी हरकौली जी और फिर पूर्ण पीठ मे शाही जी अंबानी जी और बघेल जी महत्वहीन स्वीकार कर चुके है ।
 दुनिया का कोई जज धाँधली धाँधली चिल्लाने मात्र से धाँधली होना स्वीकार नही कर सकता हर जज सबूत माँगेगा और जो हुआ ही नही उसका सबूत कहाँ से आएगा ।

 झूठे सबूत छोटे मोटे कोर्ट मे पेश कर दिए जाते है लेकिन इतने महत्वपूर्ण केस मे ऐसा करने की कोई हिम्मत भी नही कर सकता । 

उक्त बातों के अलावा हमारे केस मे कोई नया बिंदु परिभाषित नही होना है । बेँच और जज बदलने से फैसला नही बदलता । सभी जजो के लिए कानून की किताब एक है । संविधान की रक्षा करना ही उनका धर्म है । बिना वजह अपना BP मत बढाइए । जरूरत महसूस हो तो 4 फरवरी 12 मार्च और 31 मई का आदेश खुद पढ़िए और अकेडमिक वालों को भी पढ़वाइए । टैंसन लेने की बजाय देने की ताकत हर टेट सपोर्टर मे कूट कूट कर भरी है । उसे बाहर लाने भर की जरूरत है । आज से कल तक बेँच तय हो जाएगी । और 15 अगस्त आप अपने अपने स्कूलो मे ही मनाएँगे 

**************************
Mera ek point aur add karne kaa hai, agar koee saboot hai bhee to jo candidate log dhandhlee mein shamil hain unheee ko bahar kiya jaye na.

Jisne TET exam mein mehanat se marks hasil kiya hai aur jo chyan ka patr bana uska kya DOSH

25 comments:

  1. Tet sangharsh morcha ke vidhi adhyax par jan leva hamala karne wale acd suporter hai jo apni sambhavit har ke karan baukhala gaye hai.

    ReplyDelete
  2. .acd wale savdhan ho jaye kyuki aise hamale karne wale jald police ki giraft me hoge..ek banda jo daily uptron chauraha (govindpur) ke pas papernews ki dukan par axar tet walo se mar peet karta hai aur sbko gali deta hai ham use shak ki dristi se avi v dekh rahe hai,agar uske khilaf sakshy mila to ham tet suporter jald use uski bhasha me samjhayege...uske khilaf kai tet sathi hamase sikayat karte hai ki wo daily paper ki dukan par news padh rahe tet suporter ko ulta sidha kahta hai...aur s.k.pathak ,sujeet bhai..aur hame gali deta hai...wo ek acd grup ka admin v hai..ab ham uska serch karne me jut gaye hai..uski aukat dikha ke hi dam lege....wo hi vanda hai jo s.k.pathak,akhilesh tripathi aur any tet fi8ter ka ghar janta hai kyuki wo shivkuti ka hai aur kailashpuri jaha s.k.pathak rahte hai wo just 1 k.m ki duri par hai.

    ReplyDelete
  3. Dosto bench change hone se hame koi fark ni
    padne wala,meri ap seg gujarish h ki ap shanti
    aur dherya ka parichay de.

    Mene pahle kai war kaha h hame niyay chahiye
    niyayadhish nahi.

    Koi b h.c ka jude retrospective effect se add radd
    krne ko sahi nahi tahra sakta, ye usi prakar saty
    h jis prakar suraj west se ni nikal sakta ye satya
    h.

    Add ki 2 main kami single bech k anusar

    1. Prashikshu shikshak word

    2. Tathakathit dhandli

    dono samasya ka samadhan d.b kar chuka h.
    Ye bt av lagbhag pakki h ki hamara case
    mahapatra ji hi final kr k decision denge.

    ओखली (केस) मेँ सिर दे दिया फिर मूसर( तारीख) से
    क्या डरना?
    बारिश होने से( निर्णय)पहले मटके न फोङे( जीत न
    माने)
    लालटेन बुझने से पहले तेज जलने लगती हैँ ।

    KAL SANGTHAN k sakriya sadashya s.k. Pathak ji k
    sath hue prakaran ki ghor ninda krte hue, me acd
    walo se kahna chahta hun ki wo is prakar ka
    karya kr k apni nichta ka parichay de rahe h.
    Unka ye apradh akshamya h unko isi saza jarur
    milegi.

    Me unke jaldi swasth hone ki kamna krta hun.

    ReplyDelete
  4. Something Personal about me @>>> ......


    My Name >>… MOHAMMAD SHAKEEL

    [ ALI is my nick name ]


    Vill >>… HARCHANDPUR


    DISTRICT >>… RAEBARELI


    UTTAR PRADESH


    UP TET (1-5) >> 122

    UPTET ( 6-8 ) >> 114

    CTET 2011 ALSO QUALIFIED

    ACD GUDANK >> 60.94 ( OBC )

    CONTACT NO. >> 96 48 20 73 47

    81 82 80 33 09


    [ YOU CAN CHECK MY PROFILE ]

    ReplyDelete
  5. लो दरोगा जी भी लपेट लिए सरकार को-------

    दरोगाओं की शारीरिक भर्ती परीक्षा पर रोक

    Updated on: Tue, 09 Jul 2013 07:46 PM (IST)

    - कोर्ट में तर्क-'खेल के नियमों में बीच में बदलाव
    नहीं किया जा सकता'

    ReplyDelete
  6. कल जो भी हुआ वो बिल्कुल अप्रत्याशित
    था जिसकी किसी ने कल्पना तक
    नहीं की थी,,,,,,जब कुछ अप्रत्याशित अचानक
    हो जाता है तब मस्तिष्क की सोचने समझने और
    चिन्तन करने की शक्ति और क्षमता,,,,,क्षी
    णता के निम्नतम स्तर तक चली जाती है,,,,,ये
    मनोवैज्ञानिक होता है लेकिन जैसे
    ही बदली परिस्थितियों के साथ आप समायोजन कर लेते
    हैं तो वो अप्रत्याशा समान्य हो जाती है|
    मै इसमे यकीन नहीं रखता कि कोर्ट मे भ्रष्टाचार
    और दबाब नहीं चलता लेकिन इतना मानता हूँ कि ये
    हर किसी पर और हर कोर्ट मे
    नहीं चलता क्योंकि अगर यह सत्य हो जाएगा कि हर
    जगह भ्रष्टाचार हर किसी पर लागू होता है
    तो व्यवस्था के मायने ही बदल जायेंगे,,,,,संव
    िधान,संघीय व्यवस्था और न्याय जैसे शब्दों का औचित्य
    ही खत्म हो जाएगा, केंद्र सरकार के पास पैसे और
    दबाब की कमी है क्या? वो आंध्रा हाईकोर्ट
    की खंडपीठ के फैसले को क्यों नहीं बदलवा पाई
    जिसमे धार्मिक आधार पर आरक्षण देने को गलत
    बताया गया ???
    टू जी लाइसेन्स याद हैं??? उसमे इतना धन
    था कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से लेकर
    चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक
    सबको खरीदा जा सकता था लेकिन क्या हुआ बताने
    की जरूरत नहीं है,,,,,2 दिन पहले इसी इलाहाबाद
    हाईकोर्ट ने सरकार के वीआईपी जिलों के तमगे
    वाले क्षेत्रों को मिल रही 24 घंटे
    बिजली आपूर्ति के फैसले को फटकार के साथ रद्द कर
    दिया,,,,,अब बताओ पूर्ण बहुमत वाली सरकार
    का मुख्यमंत्री अपने क्षेत्र मे अपने मन से
    बिजली भी नहीं दे सकता,,,इससे आप लोगों कों इस
    सरकार की औकात
    का अंदाजा नहीं हो रहा क्या???
    ये शिक्षक भर्ती तो कुछ नहीं है,,,,नोयडा आवास
    विस्तारीकरण परियोजना याद है लोगों को ??? 8000
    हजार करोड़ का निवेश था व्यावसायिक
    कंपनियों का जिसमे सबसे सम्पन्न वर्गों मे से एक
    बिल्डर लाबी का 5000 करोड़ रुपया विभिन्न
    मदों और निर्माण कार्य मे खर्च
    हो चुका था,,,,,हजारों करोड़ की मालियत
    वाली संस्थाएं अपने एक फैसले
    को नहीं बदलवा पायीं जब कि सरकार उनके साथ
    थी और कंपनियों के लिए उसने नियमो मे
    बकायदा मंत्रिमंडल के द्वारा बदलाव
    किया था,,,,,,और
    मंत्रियों अधिकारियों कों भी कंपनियों ने खरीद
    लिया था,,,,,,,नतीजा क्या हुआ???? उस 5000 करोड़
    की अमीरी के निर्माण पर बुलडोजर चलाकर
    गिराने का आदेश देते हुए इसी इलाहाबाद हाईकोर्ट
    ने किसानो कों उनकी जमीन वापस करने का आदेश
    सरकार के मुँह पर दे मारा था|

    ReplyDelete
  7. भ्रष्टाचार के भी अपने दायरे होते हैं एक व्यक्ति से
    जुड़े मामले मे भ्रष्टाचार आसान होता है लेकिन
    हजारों लोग जहाँ प्रतिरोध करने के लिए खड़े हों और
    उस पर भी संवैधानिक नियम, परिस्थितियाँ,
    दलील, साक्ष्य सब चीख चीख कर समर्थन कर रहे
    हों वहाँ भरष्टाचार कैसे संभव है????
    कहने का तात्पर्य ये है कि जनता से जुड़े विषय पर
    सरकार के गलत कार्य या फैसले के लिए
    भी संवैधानिक नियमों और सर्वमान्य द्रढ़
    आधारों की जरूरत होती है,,,,,कोई जज वो आधार कहाँ से
    लाएगा???? टंडन महोदय ने अपने अंतिम फैसले मे
    ऐसी ही कोशिश की थी नकारात्मक काल्पनिक
    तथ्य जोड़कर,,,, भले ही उन्होने सरकार के द्वाब मे
    ऐसा किया,,,,,,लेकिन उनका हश्र क्या हुआ ???
    खंडपीठ मे पोस्टमार्टम,,,,,, और ये साबित भी हुआ
    कि वो गलत थे| यदि दबाब डाला भी गया हो ,उसके
    बाद भी हरकौली का सरकार के पक्ष मे फैसला न
    देना, ये साफ दर्शाता है कि अब सरकार के पक्ष मे
    निर्णय होना नामुमकिन है| केस को रिलीज करके
    उन्होने सरकार के रहे बचे सारे रास्ते बंद कर
    दिये,,,,,अगर हरकौली सरकार के दबाब को मानते
    हुए सरकार के पक्ष मे फैसला दे देते तो हरकौली पर
    प्रश्न चिन्ह लगाना प्रासंगिक भी था,,,,,,,,,उन्ह
    ोने ये मामला छोडकर इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक
    खलबली मचा दी है,,,,,,महापात्र और श्रीवास्तव
    साहब को अभी से ये महसूस हो रहा होगा कि अब
    उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवा तथा समस्त जज,
    वकील ही नहीं बल्कि भारत के मुख्य न्यायाधीश
    की नजर भी उन पर होगी क्योंकि अब ये केवल
    समग्र सार्वजनिक हित
    का मामला नहीं रहा बल्कि सार्वजनिक न्याय और
    घटिया राजनीति के बीच एक युद्ध मे तब्दील
    हो चुका है|

    ReplyDelete
  8. आपको ये ध्यान रखना है कि इस तथ्य का परीक्षण
    नहीं होना है कि कानूनन टेट मेरिट बन सकती है
    या नहीं,,,,,,इसमे किसी को शक नहीं होना चाहिए
    कि टेट मेरिट बनने मे कोई नियम कभी आढ़े
    नहीं आया,,,,खुद कोर्ट इस नियम को हरी झंडी दे
    चुका है,,,,,पात्रता-पात्रता चिल्लाने वालों का मुँह
    भी 31 मई को बंद हो चुका है,,,,,और फिर सोचने
    वाली बात ये है कि अगर टेट मेरिट बनने मे कोई
    नियम बाधा होता तो सरकार
    धांधली का ढिंढोरा क्यों पीटती??? सीधे
    वही नियम लेके कोर्ट न पहुँच जाती,,,,मामला खत्म
    हो जाता| अब परीक्षण इस बात का हो रहा है
    कि क्या एक नई गठित सरकार
    अपनी पूर्ववर्ती सरकार के संवैधानिक
    फैसलों को किसी काल्पनिक आधार या विद्वेष के
    आधार पर बदल सकती है या नहीं ???? इसका जबाब आप
    सब को पता है| धांधली जो कि आज तक साबित
    ही नहीं हुई, को पहले ही कोर्ट स्पष्ट कर चुका है
    कि अगर ऐसा हुआ है तो सही गलत को छांटकर
    पूर्ववत प्रक्रिया को पूर्ण
    करें,,,उस्मानी कमेटी की चीड़ फाड़ भी सब लोग
    देख चुके हैं,,,विज्ञापन को भी हरी झंडी मिल
    चुकी है खंडपीठ से,,,तो अब बाधा क्या है????
    मै कल से एक ही बात सोच रहा हूँ कि आखिर अब जब
    पूरी बात आईने की तरह हरकौली ने साफ कर
    दी है तो कैसे कोई द्वि खंडपीठ अन्तरिम आदेशों मे
    लिखे गए शब्दों को ठीक उसके विपरीत
    (नकारात्मक) शब्दों मे बदल सकती है ???? सर्वोच्च
    न्यायालय अपने परीक्षण मे देखेगा कि जब तक
    पहली खंडपीठ मामले को देख रही थी मामला एक
    दिशा मे चल रहा था और जैसे ही दूसरी खंडपीठ मे
    गया मामले की दिशा विपरीत कैसे हो गई ???
    क्या इसीलिए खंडपीठ बदली गई थी और जज
    साहब अन्तरिम आदेशों के विपरीत जाकर फैसला देने
    का आधार क्या बताएँगे ???? बताइये,,,,क्या ये
    कि सरकारी दबाब था या ये कि मुझे
    ऐसा करना अच्छा लगता है? सनद रहे केवल पीठ
    बदली है भारत का संविधान और न्यायिक
    प्रक्रिया नहीं,,,,,,,न ही बदले हैं न्याय देने के
    नियम| संघीय व्यवस्था मे अधिकारों और
    शक्तियों का विकेन्द्रीकरण होता है जिससे
    किसी को भी उन अधिकारों और शक्तियों के
    दुरुपयोग की आजादी नहीं मिलती,,,,,अधिका
    रों और शक्तियों का मतलब
    निरंकुशता कदापि नहीं है|
    आप क्या समझते हैं सरकार कोर्ट मे ये साबित कर दे
    कि धांधली हुई है और कहे धांधली किसने की है
    हमे नहीं पता इसलिए समस्त 72825 टेट मेरिट से
    चयनित होने वालों संभावितों को सजा दे दी,,,,,तो कोर्ट
    कह देगा हाँ भाई ठीक है भारतीय न्याय व्यवस्था के
    नैसर्गिक सिद्धान्त “भले ही सौ गुनहगार बच जाएँ
    लेकिन एक बेगुनाह को सजा नहीं दी जा सकती”
    को उत्तर प्रदेश सरकार के एक अदने से वकील के
    कहने पर इस सिद्धान्त का प्रतिपादन करने वाले
    सर्वोच्च न्यायालय, के प्रशासन के अधीन कार्य करने
    वाले कोर्ट द्वारा बदला जाता है,,,,,,और सर्वोच्च
    न्यायालय उस जज की पीठ थपथपाएगा कि वाह!
    क्या फैसला दिया है?
    संदेह का लाभ हमेशा आरोपी को मिलता है न
    कि अभियोजन को,,,,,क्या आप कोई मामला बता सकते
    हैं जिसमे केवल संदेह के आधार 72000
    लोगों को सजा दी गई हो वो भी तब जबकि संदेह
    उत्पन्न करने वाले आधार का ही अता पता न हो|
    केवल कुछ समय का नुकसान किया जा सकता है
    हमारा लेकिन इससे ज्यादा कोई कुछ नहीं बिगाड़
    सकता है अगर किसी को वो आधार पता हो जिसके
    द्वारा हमारा नुकसान किया जा सकता है
    तो यहाँ जरूर लिखें,,,,,,,,,,और एक बात हमेशा याद रखें
    संगठन और एकता से ही लड़ाई
    लड़ी जाती है,,,,सबकुछ करें लेकिन इस एकता पर आंच
    न आने दें यही हमारा हथियार है,,,,वो कहते हैं न
    कि अंगूर तभी तक सुरक्षित रहता है जब तक गुच्छे
    मे है,,,,,,,,,धन्यवाद
    सत्यमेव जयते!

    ReplyDelete
  9. koi batayega ki jb acd supp. bench
    change hone se jeet rahe hain to phir
    third party banne ke liye chanda kyun
    juta rahe hain..??? kya gov. ne unka
    sath dene se mana kr diya hai...??? ya
    unhe gov. dwara nirdharit ki gayi
    bebch ke judgo pe bharosa nahi
    hai..???

    ReplyDelete
  10. EK AUR KAHANEE SUNO,
    TEACHER BHARTI PER TO COURT NE STAY LAGA
    RAKHA HAI. LEKIN EK DUSAREE BHARTI (POLICE
    SI) PER BHI COURT NE STAY LAGA DEYA.LEKIN
    DONO KA MUDDA EK HI HAI. ki kya kisi bharti ke
    beeech me base of selection badla ja sakta hai.
    kul mila kar sarkaar janbhoojh kar aisa kam rahi
    ha

    ReplyDelete
  11. आप जो पसंद करते हैँ , उसे पाने का प्रयास कीजिए
    अन्यथा आपको जो प्राप्त होगा.. उसे पसन्द करने के
    लिए आपको विवश किया जाएगा।(G.B. SHAW)

    JEET KA WINNING SHOT CHAHE JO BHI LAGAYE
    BUT ISS HISTORICAL MATCH K ''MAN OF THE
    MATCH" TO HARKAULI JI RHENGE...

    *if any doubt..??


    Plz explain here.

    ReplyDelete
  12. UP GOVERMENT KE OFFICER KITNE HOSYAAR HAI
    YE isi se pata lagta hai ki jo uptet 2013 ke answer
    mai mistake thi use bhi. Abhi tak sahi nahi kar
    paye .

    Jab paper setter hi 5 din mai 10 question
    nahi kar paye to 2.30 ghante mai 150 question
    kaise karenge. l

    Do you agree with me.

    Sab
    laparvah hai harmari goverment bhi


    ReplyDelete
  13. उ.प SI भर्ती को COURT ने रोक कर
    अच्छा काम किया है
    इसमें भ्रस्टाचार की बू आ
    रही थी क्यूंकि असफल एवं अनुपस्थित
    लोगों को भी एक और
    मौका दिया जा रहा था ।
    जो की बिलकुल गलत था / है ।।
    बात 72,825 की करें तो हम टेट पासों COURT ने
    एक FOOTBALL समझ लिया है
    कि जो भी आता एक जोर से किक जमा देता है
    और गेंद कभी मिडफील्डर तो कभी कार्नर
    की तरफ जाती है
    लेकिन गोल होने से पहले ही GOALKEEPER
    ( CHIEF JUSTICE ) बीच में आ जाते हैं ।
    और फिर गेंद आगे पास हो जाती है ।।
    आखिर इस भर्ती का गोल कब होगा ये
    कहना उतना ही कठिन है जितना की अनपढ़
    को पढना सिखाना ।।
    इलाहाबाद HIGH COURT में आधे से
    ज्यादा जजों के सामने हमारा MATTER पहुंच
    चूका है ।
    और सभी नामी वकील भी इसमें शामिल हैं ।
    लेकिन इस मामले का हल किसी को नही सूझ
    रहा ।।
    आप सब से यही कहना चाहूँगा की आप केवल
    इसी JOB को अपना अंतिम विकल्प न समझे
    क्यूंकि अपने जीवन के बहुमूल्य 2 वर्षों को आप
    इसके पीछे गवां चुके है ।
    जिसमे अगर जितना ध्यान इस पर
    लगाया था हमने सोते जागते , खाते पीते ,
    नहाते धोते , और तो और पढ़ते पढ़ाते भी ।
    उस समय तथा मेहनत में लोग IAS / PCS का exam
    भी cross कर लेते हैं ।

    ReplyDelete
  14. Kapildev Yadav >>

    dosto mere khate me abhi tak sirf 1000 hi jama
    hue baki kai logo ne paise seedhe le liye aur
    mujhe nahi diye mujhe pata chala hai ki guddu
    singh ne 20 se 30 hajar jama kar liye hai

    ReplyDelete
  15. Ab 15 ko hamara case mahapatraje aur rakesh shrivastav je ki bench me suna jayega ye tay ho gaya hai.ye bench bhi achchi hai par sabse achche hum hain aur hamari mang hai,
    hamari ladai hai.

    Mahapatra hon ya harkauli,
    ant me bolenge such ki boli.

    ReplyDelete
  16. Harkaulije retire ho rahe hain aur uske bad army tribunal join karenge.bachi chuttiyan katne ke mood me hain,
    ye sub profsnl hain imtnl nahin.

    ReplyDelete
  17. Aur ek bat,

    kya le gaye tandan kya de gaye harkauli,
    kya chhin paye akhilesh,
    kab tak samay nahi bolega hamari boli.

    Bas डटे raho ek dushre ke sath,
    milakar boli se boli,
    sirf naukri na kar shikshak banoge,
    aur tub badloge desh ki boli.

    Shikshak ki naukri mangne chale the,
    sangarsh ne purn shikshak bana diya,
    sarkar se lekr court tak ki gandagi samajhne ka
    ek achcha mauka diya.

    Ab sudhro aur sudharo,
    sangharsh ko har pal apne jeevan me utaro,

    sangharh sangarsh sangarsh . . . . .=vijay

    jai hind jai tet . . .

    ReplyDelete
  18. दिल्ली में हुई बारिश की मनमोहन सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा नहीं की,

    ReplyDelete
  19. ☞ छछूंदर एक रात में लगभग 300 फीट की दूरी तक खोद सकती है

    ☞ एक आदमी साल भर में औसतन 1460 सपने देखता है

    ☞ कॉकरोच सिर कटने के बाद भी कई सप्ताह तक जिंदा रह सकता है।
    दरअसल वह सिर कटने से नहीं, भूख से मरता है।

    ☞ गधे की आंखों की स्थिति कुछ
    ऐसी होती है कि वह अपने
    चारों पैरों को एक साथ देख सकता है

    ☞ ऊंट की आंख में तीन पलकें होतीं हैं
    जो उन्हें रेगिस्तान में उड़ने वाली रेत से बचाती हैं

    ☞ बिजली की कुर्सी का आविष्कार
    एक दंत चिकित्सक ने किया था।

    ☞ बिल्ली की पेशाब अंधेरे में
    चमकती है।

    ☞ सूर्य, धरती से 330,330
    गुना बड़ा है

    ☞ हर साल लगभग 2500 बांए हाथ से काम करने वाले लोग,
    उन वस्तुओं व उपकरणों का उपयोग करने से मारे जाते हैं जिन्हें दांए हाथ से काम करने वाले लोगों के लिए बनाया जाता है

    ☞ किसी भी वर्गाकार सूखे कागज
    को आधा-आधा करके 7 बार से अधिक बार नहीं मोड़ा जा सकता

    ☞ दुनिया के लगभग आधे अखबार अकेले अमेरिका और कनाडा में प्रकाशित होते हैं

    ☞ एक वायलिन बनाने में लकड़ी के 70 विभिन्न आकार के टुकड़े लगते हैं

    ☞ आकाशीय बिजली कड़कने से
    जो तापमान पैदा होता है वह सूर्य
    की सतह पर पाए जाने वाले तापमान से पांच गुना ज्यादा होता है

    ☞ जब कांच टूटता है तो इसके टुकड़े 3000 मील प्रति घंटा की गति से छिटकते हैं।

    ☞ यदि कभी आप आइसलैण्ड जाएं तो वहां कभी भी रेस्त्रां में बैरे
    को टिप न दें।
    ऐसा करना वहां अपमान
    समझा जाता है।

    ☞ लास वेगास के जुआघरों में
    घड़ियां नहीं होतीं

    ☞ मनुष्य के शरीर में हर सेकेण्ड 15 मिलियन लाल रक्त कणिकाएं
    पैदा होतीं हैं और मरती हैं।

    ☞ अपनी गुफा से निकलते समय,
    चमगादड़ हमेशा बाईं तरफ को ही मुड़ते हैं.

    ☞ जिराफ की जीभ इतनी लंबी होती है कि वह अपने कान साफ़ कर सकता है

    ☞ जापान के शहर टोकियो में, 50 मिनट से कम दूरी वाली यात्रा के लिए एक साइकिल कार से ज्यादा तेज मानी जाती है

    ReplyDelete
  20. Sashwat pathak ka lekh pura bakwash aur chutia type k logo k liye hai... Are bhai niyam bech me nhi badla gya, prakiya (add) radd krk nya laya gya hai... Agar old add me sanshodhan hota to galt tha lekin jb old add hai hi to galt kya... Puri prakiya rule k anusar hai... Ab acd merit ko koi nhi rok sakta ,...

    ReplyDelete
  21. up. gov. ko court ka ek aur tamacha,

    sub. inspe.
    bharti par stay ka lagna, sarkar ki wrong neetiyon
    ka ek aur example hai,

    yeh theek apne tet merit
    ki tarah ka matter hai jisme process ko beech me
    badla gaya jo ki galat hai.

    running me ek avedak
    ki death ke bad gov poora process change kar
    deti hai, parntu hamare 20 se jyada tet sathiyon
    ki jaan ki koi keemat nahi.

    hamare sabhi sathiyon
    ko court ke is faisle ka swagat karna chahiye,

    jai tet merit

    jai old add

    ReplyDelete
  22. Tet merit sup ko Good morning >>

    parso jo hua aap log jan
    chuke hain aur isme kuch nakaratmak nahi hai
    stay laga hua hai aur koi bhi bench sunwai kare
    tet merit ko koi nahi rok sakta hai aur

    jo gadhank sup
    ne parso s . k .pathak par hamla kiya hai usse unki
    har spast dikh rahi hai aur hum log aur majboot
    hue hain aur gu gu walo ke liye ratnesh pal ki
    writ sc main pahle se hi pending hai

    to gov aur
    gu gu walo ke liye har nishchit hai

    parso gadhank aise khush
    hue jaise stay hat gaya ho aur bhrti chalu ho gayi
    ho

    jay tet merit.

    ReplyDelete
  23. श्रीलंका को रौंदकर फाइनल में पहुंचा भारत,
    भुवनेश्वर कुमार रहे जीत के हीरो

    ReplyDelete

  24. श्रीलंका को 81 रन से हराया, भारत पहुंचा फाइनल में.

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  25. Mujhe pura yakin hai team india final bhi jitegi

    CHAK DE INDIA

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