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Friday, September 27, 2013

News : दागियों से जुड़े अध्यादेश को राहुल ने कहा 'बकवास'; पीएम करेंगे चर्चा


News : दागियों से जुड़े अध्यादेश को राहुल ने कहा 'बकवास'; पीएम करेंगे चर्चा

दागी नेताओं से जुड़े सरकार के अध्यादेश को उन्हीं की पार्टी कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बकवास करार देते हुए कहा है कि इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए। इधर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि इस मसले पर कैबिनेट में चर्चा की जाएगी।

नई दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करने पहुंचे राहुल गांधी ने अभूतपूर्व बयान देते हुए अपनी ही सरकार के फैसले पर सवाल उठा दिया और कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जा सकता और यह अध्यादेश लाना सरकार की गलती है। इस बीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, सरकार और कांग्रेस के बीच इस मतभेद के सामने आने के बाद अब सरकार इस अध्यादेश को वापस ले सकती है।

बीजेपी के नेता अरुण जेटली ने राहुल के बयान पर कहा कि ये बकवास कांग्रेस को पहले समझ में नहीं आई। अध्यादेश लाने वालों के खिलाफ कांग्रेस कार्रवाई करेगी? अब कांग्रेस क्राइसेस मैनेजमेंट में जुटी है।

वहीं मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सोनिया और राहुल से पूछे बिना कुछ नहीं होता तो वह उसी सरकार के अध्यादेश को फाड़कर कौन-सा नाटकीय मंचन कर रहे हैं। यह सरकार नहीं एक नौटंकी कंपनी बन गई है।

उधऱ, कांग्रेसी नेता अजय माकन ने कहा है कि अगर राहुल गांधी जी अध्यादेश का विरोध करते हैं तो अब कांग्रेस भी इसका विरोध करती है। वहीं राजीव शुक्ला ने कहा कि जो राहुल गांधी कह रहे हैं पार्टी वही मानेगी


उल्लेखनीय है कि कैबिनेट से राष्ट्रपति के पास भेजे गए इस अध्यादेश पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी फिलहाल दस्तखत न करने का मन बनाया है। सूत्र बता रहे हैं कि राष्ट्रपति ने सरकार से अध्यादेश की ज़रूरत के बारे में प्रश्न किए हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक के बारे में भी जानकारी तलब की है। गुरुवार शाम को राष्ट्रपति ने केंद्रीय कानूनमंत्री कपिल सिब्बल, कमनाथ और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को बिल की जरूरत पर राय जानने के लिए बुलाया था। देर शाम तीनों नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।

इस मुलाकात के बाद, सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति ने फिलहाल अध्यादेश पर अपनी मुहर न लगाने का फैसला किया है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इस बिल पर दस्तखत के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आने का इंतजार करेंगे। कहा जा रहा है कि इस अध्यादेश से सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि गुरुवार की शाम को भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता राष्ट्रपति से मिले थे और मांग की थी कि वह इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर न करें


Sabhaar : khabar.ndtv.com (27.9.13)
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Rahul Gandhi ji ne Dageeyon ko bacahne ke Bill ko Bakwaas Karar Diya,
Bahut Hee Achhee Baat Kahee Hai.
Mere Khyaal se Adhyadesh me Sangeen Apradhon - Rape, Ghotala, Anti Nationalism jaise apradhon/ apradheeyon ke chunav ladne par rok laga denee chahaiye.

Lekin Rajneeti se prerit jaise kabhee vipaksh virodh karta hai to Sarkari hastakshep jaise jurm aadi ko dhyaan mein rakhte hue aur kam saja 1 saal ya is se neeche valon ko Rajneeti mein nahin roka jaaana chahaiye.
दागियों से जुड़े अध्यादेश को राहुल ने कहा 'बकवास'; पीएम करेंगे चर्चा

Aap logon ki kya ray hai

2 comments:

  1. ये तो वही बात हुई की 'नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली इलेक्शन टाइम पर अपनी हaर देख कर हज को चली'.

    ReplyDelete
  2. hahahahahahahaha..............roz nayi nautanki ...kabhi haa kabhi naa ...ye to ladki ko
    propose karne se bhi jyada difficult ho gaya hai ....aakhir tak yahi hoga ki SM ko
    pataa hi nahi hoga ki tet de ya naa de ..............
    टीईटी पास करने पर ही शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक
    फिर भी दूसरे राज्यों की व्यवस्था का होगा परीक्षण
    लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक टीईटी पास शिक्षामित्र को ही स्थायी शिक्षक
    बनाया जा सकेगा। इसके बावजूद अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए अपनाई गई
    प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा। यदि कहीं शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट दी गई है तो राज्य सरकार इसे आधार
    मानते हुए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। शासन में बुधवार को हुई
    उच्चाधिकारियों की बैठक में यह सहमति बनी है। नियमावली के मुताबिक मोअल्लिम वालों की तर्ज पर
    शिक्षामित्रों को भी 62 वर्ष की आयु तक शिक्षक बनने का मौका दिया जाएगा।
    अन्य कई राज्यों की अपेक्षा प्रदेश में सर्वाधिक 1.76 लाख शिक्षामित्र हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू
    होने के बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने मई
    2013 में दिए आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि परिषदीय स्कूलों में टीईटी पास को ही शिक्षक
    बनाया जा सकता है।
    प्रदेश के शिक्षामित्रों को पत्राचार के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले चरण के
    60 हजार शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण जनवरी 2014 में समाप्त हो रहा है। इसके बाद इन्हें शिक्षक बनाने
    की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली संशोधित की जाएगी। बेसिक
    शिक्षा निदेशालय ने नियमावली को संशोधित करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। सचिव बेसिक
    शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बुधवार को इस संबंध में अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।

    ReplyDelete

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