/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Saturday, April 5, 2014

72825 Teacher Recruitment : टीईटी अभ्यर्थियों ने कराया कन्या भोज

72825 Teacher Recruitment : टीईटी अभ्यर्थियों ने कराया कन्या भोज


UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
UPTET PASS GIRL CANDIDATE can JOIN THIS GROUP : https://www.facebook.com/groups/uptetgirlsgroup/

UPTET PASS CANDIDATE can JOIN this GROUP :https://www.facebook.com/groups/uptetteachersgroup


 अजीतमल(औरैया)  : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से टीईटी अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल है। शुक्रवार को अजीतमल स्थित शंकर बगिया में रामचरित मानस का अखंड पाठ कराया गया, उसके बाद कन्या भोज का आयोजन हुआ।

संघर्ष मोर्चा के उपाध्यक्ष दीपक सविता ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से सरकार नौकरी देने को विवश हो रही है। टीईटी अभ्यर्थियों की यह बड़ी जीत है।

72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order,

News Source/ Sabhaar : Jagran(Sat, 05 Apr 2014 01:01 AM (IST))

10 comments:

  1. Sabhi newschannels ko mail kare is government ki mishkriysta btayen
    11 days bad bhi koi action nahi

    ReplyDelete
  2. Tomorrow is sunday to kam se kam so mail kare news channels ko bheje gaye mail 100 se kam na ho

    ReplyDelete
  3. Counseling sayad hi april me ho paye.

    ReplyDelete
  4. Shashwat Pathak टेट साथियों आज की दैनिक जागरण की न्यूज से परेशान न हों। संबंधित पत्रकार महोदय नेकानूनी जानकारी के अभाव मे 25 मार्च के अंतरिम आदेश केखिलाफसरकार द्वारा पुनर्विचार याचिका डाले जानेकी संभावना व्यक्त की है । सच्चाई यह है कि sc मेअंतरिमआदेश केखिलाफ पुनर्विचार याचिका नही डाली जा सकती । अगर कोर्ट खुद चाहे तो अपने अंतरिम आदेश को बदलसकता है । अंतरिमआदेश बदलनेका अधिकार भीकेवल उसी बेँच को अगली सुनवाई होने पर है जिसने वह अंतरिमआदेश दिया था । भारतके इतिहास मे अपने जैसा बड़ा कोईअंतरिम आदेश शायद ही आज तक बदला गया हो । कोर्ट सोच समझकर फैसले देते है । हमारेमामलेमे कोर्ट को अगर हाई कोर्ट के आदेश मेजराभीबदलाव की गुंजाइश होती तो 84 दिन मेसंबंधित आदेश कापालन करतेहुए एक दोनही पूरे 72825 शिक्षकों की भर्ती हर हालतमे पूरी करने का आदेश कदापि नही देती । वैसेयह भर्ती मीडिया को नही सरकार को करनी है । विभागअपना काम कर रहा है । भर्ती की औपचारिक घोषणा तब तक संभव नही जबतक कैबिनेट द्वारा 15 वाँ संशोधन निरस्तकर 12 वाँसंशोधन बहालनहीकिया जाता । यह काम सरकार करेगी भी मगर कबइसके बारेमे कोई कुछ भी कहनेमे सक्षमनही हैमगर भर्ती 84 दिन मेहर हालत मे पूरी होगी । खुश रहे निश्चिँत रहेअखबारोंकी सोच को हँसकर टाल दे उन्हेबार बार पढ़कर अपना रक्तचाप न बढ़ाएँ । आपके अगर टेट मे अंक अच्छेहैतो आपको जुलाई मेनियुक्ति अवश्य मिलेगी । इनसे निपटनेके लिए न्याय केदेवता माननीय दत्तू सर हैं ना

    ReplyDelete
  5. "Sadanand Mishra Tet se sambandhit divya atmao.aj jagran ki khabar ko padh k kuchh mitr paresan hai ki gvt punarvichar yachika dalne ki soch rahi hai.mine pahle hi ye bat spast kar di thi ki antarim ades k viruddh punarvichar yachika nahi padti.dusar bat ki yadi jagran ki puri khabar ko padhe to ye bat sapst ho jati hai ki gvt bhi sc k adea k bad kuchh kar rahi hai.usme ye likkha hai ki sinha ji ne scert se ankado ko manga hai.atah ham aur ap samachar patra ka avalokan karte samay puri khabar ka avalokan kare.

    ReplyDelete
  6. Article 137 of the Constitution provides that subject to provisions of any law and rule made under Article 145 the Supreme Court of India has the power to review any judgement pronounced (or order made) by it. Under Supreme Court Rules, 1966 such a petition needs to be filed within 30 days from the date of judgement or order. It is also recommended that the petition should be circulated without oral arguments to the same bench of judges that delivered the judgement (or order) sought to be reviewed.

    ReplyDelete
  7. there is no cause to worry about review.i am quite hopeful that government will give indication to start selection procedure by the 10th april. so don`t worry,be happy.

    ReplyDelete
  8. Supremcourt se bade nahi hai mullamulayam jitana der karenge utana hi ghusega inke under kyoki tet,academic, shikshamitra sabhi ke dhusaman ban gya hai ye gov.jai maa vindhyavasini, jai baba vishwanath sada sahay

    ReplyDelete

Please do not use abusive/gali comment to hurt anybody OR to any authority. You can use moderated way to express your openion/anger. Express your views Intelligenly, So that Other can take it Seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।