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Sunday, November 16, 2014

BETET / STET : SALARY / MANDEY MEIN HOGEE BADOTTAREE 50% TET MARKS PAR HONGE PASS,

BETET / STET : SALARY / MANDEY MEIN HOGEE BADOTTAREE
50% TET MARKS PAR HONGE PASS,

50% TET MARKS PAR HONGE PASS MAGAR STET KE LIYE
BETET KE LIYE RTE NIYOM KE ANUSAAR HONGE 60% PAR PASS

BETET     टीईटी / CTET  / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News / 


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71 comments:

  1. सुप्रभात दोस्तोँ !!
    .
    .
    मेरे बयान(पोस्ट) की
    कोई औक़ात नहीं
    यदि यह मौखिक है
    तो तुम इसे अनसुना कर सकते हो...
    यदि यह लिखित है
    तो तुम इसे मुर्दा समझकर
    रद्दी की टोकरी में
    गुमशुदा कर सकते हो
    और
    तुम कर सकते हो इसे
    आग के सुपुर्द भी
    फिर मेरा बयान
    आग की
    गोद में से ही
    उठेगा
    चिंगारी की मानिंद...
    चिंगारी !
    जो बन सकती है
    कभी भी लपट...
    तब तुम कैसे
    झुठलाओगे इसे ??
    चिंगारी से शोला
    बन जाएगा फिर
    जब यह बयान
    तब तुम कैसे
    नकार पाओगे इसे ??
    यह बयान है
    सदियों से जारी
    अन्याय, उत्पीड़न
    और
    शोषण की
    अमानवीय परंपराओं के खिलाफ
    यह बयान है
    क्रूर, कपटी
    और
    अत्याचारी शोषकों के खिलाफ
    इसलिए यह महज एक
    बयान नहीं, बल्कि यह तो
    एक आहट है
    आपके जागने की........

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  2. आज का सुविचार

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    .
    जिंदगी में अगर बुरा वक़्त नहीं आता तो अपनों में छूपे हुए गैर और गैरो में छुपे हुए अपने कभी नजर नहीं आते|

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  3. आखिर क्या सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश देकर राज्य को अनीति करने की छूट दी है?
    बिलकुल नहीं मात्र लोगों का भ्रम है।
    आखिर निर्णायक आदेश मिलने में बाधा क्यों न आती??
    1. कला/विज्ञान वर्ग दोनों के लिए एक ही सिलबस पर एग्जाम लेने के बाद चयन में वर्ग विभाजन संविधान के आर्टिकल 14 का उलंघन।
    या तो फिर दोनों के लिए अलग-अलग टीईटी का सिलबस होता।
    2. नियुक्ति में शिक्षामित्र सहित समस्त वर्गीकरण समझ से परे।
    3. स्नातक प्रतिशतता का कोई स्पष्ट निर्देश का न होना।
    उपरोक्त के अतिरिक्त तमाम विषय हैं आखिर कितनी चर्चा की जाये ।

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  4. बिना बिस्वास का रिश्ता बिना नेटवर्क के मोबाइल की तरह हैं
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    क्योकि बिना नेटवर्क वाले मोबाइल के साथ लोग गेम ही खेलते हैं|

    ReplyDelete
  5. विज्ञान से भी अधिक वैज्ञानिकता हिंदू धर्म में है। उदाहरण से समझिए। एडिशन ने बल्ब की खोज की, अब आपको बल्ब की खोज नहीं करनी है। बल्कि बाजार से एक बल्ब लाकर घर में जला लेना है, रोशनी हो गई। विज्ञान में जिसे एक बार खोज लिया जाता है, वह सिद्धांत बन जाता है, फिर उसे बार-बार खोजने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन सनातन धर्म में राम हो, कृष्ण हों, रामकृष्ण परमहंस हों, विवेकानंद हों, आदि गुरु शंकराचार्य हों, गौतक बुद्ध हों, महिर्ष पतंजलि, कणाद, याज्ञवलक्य आदि जो भी हों, उन सभी को ईश्वर तक पहुंचने के लिए अपना मार्ग खुद चुनना पड़ा। एक की खाोज, दूसरे का खोज नहीं बना, बल्कि वह केवल एक रोशनी बनी, लेकिन चलना तो निजता के स्तर पर ही हुआ। एक का अनुभव, दूसरे का अनुभव नहीं हो सकता, इसीलिए हिंदू धर्म में ईश्वर तक पहुंचने के अनेक मार्ग हुए, जैसे प्रेम, ज्ञान, योग, ध्यान-- जिसे जो सूट किया, उसने उस मार्ग को चुना और उस मार्ग से ईश्वर तक पहुंचा।

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  6. .
    .
    .
    .


    रे
    .
    .
    वा
    ली
    .
    .
    हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना कर ।
    हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के अलावा ।।

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  7. I want to ply my boat, many times,
    Across the gulf-after-death,
    And return to earth’s shores
    From my home in heaven.
    I want to load my boat
    With those waiting, thirsty ones
    Who are left behind:
    And carry them by the opal pool
    Of iridescent joy—
    Where my Father distributes
    His all-desire-quenching liquid peace.
    Oh! I will come again and again!
    Crossing a million crags of suffering,
    With bleeding feet, I will come-
    If need be, a trillion times—
    As long as I know
    One stray brother is left behind.
    I want Thee, O God,
    That I may give Thee to all!
    I want salvation,
    That I may give it to all!
    Free me, then, O God
    From the bondage of the body—
    That I may show others
    How they can free themselves!
    I want Thine everlasting happiness,
    Only that I may with others—
    That I may show all my brothers
    The way to happiness,
    Forever and forever, in Thee.

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  8. Primary भर्ती में कुछ साइंस कैंडिडेट्स ऐसे भी हैं जो अपनी सीट पक्की मान रहे थे पर जूनियर कैंडिडेट्स को फोटो-कॉपी से काउंसलिंग कराने का मौका मिलने के बाद वो किनारे पर डूबते नजर आ रहे हैं.......
    अगर जूनियर का अपॉइंटमेंट पहले हो जाता है तो टोटल 10,000 के आस-पास सीट्स रिक्त हो जायेंगी , जिसमे 5000 के आस-पास जनरल साइंस , 3000 के लगभग Obc और 2000 के लगभग Sc साइंस के खाते में आएँगी ............
    जूनियर कैंडिडेट्स को अनुमति मिलने के बाद सभी गणित विगड़ गया है जो अपनी सीट सेफ मान रहे थे थर्ड काउंसलिंग में उन्हें भी सीट्स नहीं मिली .......
    वैसे उम्मीद पर दुनिया कायम है पर साइंस वर्ग को सबसे बड़ा लाभ जूनियर कैंडिडेट्स के अपॉइंटमेंट के बाद ही मिलेगा ......
    जहाँ मेल साइंस की मेरिट लो आयेगी वहां फीमेल साइंस की चाँदी ही -चांदी है .....
    वैसे जो किनारे पर हैं उन्हें रिशिफ्लिंग और sm सीट्स से भी उम्मीद हैं अभी वेरिफिकेशन में फर्जी कैंडिडेट्स भी बाहर होंगे, थर्ड काउंसलिंग में जो 2- 3 सीट्स पर काउंसलिंग करा चुके हैं वो भी सीट्स रिक्त करेंगे ।
    अगर जूनियर का अपॉइंटमेंट प्राइमरी के बाद किया जाता है तो 10000 से 15000 सीट्स बैकलॉग में चली जायेंगी, इससे बचने के लिए साइंस कैंडिडेट्स को यूनिटी बनानी होगी और अपना हक कोर्ट से लेना होगा ।

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  9. नौकर की पुत्री
    भारत के किसी राज्य में बहुत पहले एक राजकुमार था जो जल्द ही राजा बनने वाला था. राज्य की परंपरा के अनुसार राजा बनने से पहले उसे विवाह करना आवश्यक था.
    दरबार के एक बुद्धिमान व्यक्ति ने उसे सलाह दी कि वह राज्य की सभी विवाह योग्य युवतियों को बुलाकर उनमें से अपने लिए सुयोग्य वधु का चुनाव करे.
    राजकुमार के महल में एक स्त्री काम करती थी जिसकी पुत्री भी विवाह योग्य थी. जब उसने राजकुमार के विवाह के लिए की जा रही तैयारियां होते देखा तो उसका दिल डूबने लगा क्योंकि उसकी पुत्री राजकुमार से बहुत प्रेम करती थी.
    उसने घर पहुंचकर राजकुमार के विवाह की खबर अपनी पुत्री को दी. वह यह जानकर अचंभित हो गई कि उसकी पुत्री भी स्वयंवर में जाना चाहती थी.
    उसने अपनी पुत्री से कहा, “बिटिया, तुम वहां जाकर क्या करोगी? वहां तो पूरे देश से सुंदर और धनी लड़कियां राजकुमार का वरण करने के लिए आएंगी. राजकुमार से विवाह की इच्छा अपने मन से निकाल दो. मैं जानती हूं कि तुम्हें इससे दुख होगा लेकिन अपने दुख को खुद पर हावी करके अपने जीवन को व्यर्थ न होने दो!”
    पुत्री ने कहा, “मां, तुम चिंतित न हो. मैं दुखी नहीं हूं और मेरा निर्णय सही है. मुझे पता है कि राजकुमार मुझे नहीं चुनेगा लेकिन इसी बहाने मुझे कुछ समय के लिए उसके निकट होने का मौका मिलेगा. मेरे लिए यही बहुत है. मैं जानती हूं कि मेरी किस्मत में महलों का प्रेम नहीं लिखा है.”
    स्वयंवर की रात को सभी नवयुवतियां महल पहुंचीं. वहां सुंदर-से-सुंदर और धनी युवतियों का जमघट था जो सुंदर वस्त्रों और बहुमूल्य आभूषणों से स्वयं को सुसज्जित करके राजकुमार की नजरों में आने के किसी भी मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहती थीं.
    राजकुमार ने तब भरे दरबार में सभी युवतियों से कहा, “मैं तुममें से प्रत्येक को एक बीज दूंगा. इस बीज से पौधा निकलने के छः महीने बाद जो युवती मुझे सबसे सुंदर फूल लाकर देगी मैं उसी से विवाह करुंगा और वही इस राज्य की रानी बनेगी.”
    सभी युवतियों को गमले में एक-एक बीज रोपकर दे दिया गया. महल की नौकरानी की पुत्री को बागवानी या पौधे की देखभाल के बारे में कुछ पता नहीं था फिर भी उसने बहुत धैर्य और लगन से गमले की देखभाल की. राजकुमार के प्रति उसके दिल में गहरा प्रेम था और वह आश्वस्त थी कि पौधे से निकलनेवाला फूल बहुत सुंदर होगा.
    तीन महीने बीत गए लेकिन गमले में कोई पौधा नहीं उगा. नौकरानी की पुत्री ने सब कुछ करके देख लिया. उसने मालियों और किसानों से बात की, जिन्होंने उसे बागवानी की कुछ तरकीबें सुझाईं, लेकिन किसी ने काम नहीं किया. उसके गमले में कुछ नहीं उगा. इसी सब में छः महीने बीत गए.
    अपने खाली गमले को लेकर वह राजमहल पहुंची. उसने देखा कि बाकी युवतियों के गमलों में बहुत अच्छे पौधे उगे थे और हर पौधे में एक अद्वितीय फूल खिला था. हर फूल एक-से-बढ़कर-एक था.
    अंत में वह घड़ी आ गई जिसकी सभी बाट जोह रहे थे. राजकुमार दरबार में आया और उसने सभी युवतियों के गमलों और फूल को बहुत गौर से देखा.
    फिर राजकुमार ने परिणाम की घोषणा की. उसने नौकरानी की पुत्री की ओर इशारा करके कहा कि वह उससे विवाह करेगा.
    वहां उपस्थित सभी जन रोष व्यक्त करने लगे. उन्होंने कहा कि राजकुमार ने सुंदर फूल लेकर आई युवतियों की उपेक्षा करके उस युवती को चुना जो खाली गमला लेकर चली आई थी.
    राजकुमार ने शांतिपूर्वक सभी को संबोधित कर कहा, “केवल यही युवती रानी बनने की योग्यता रखती है क्योंकि उसने सच्चाई और ईमानदारी का फूल खिलाया है. जो बीज मैंने छः महीने पहले सभी युवतियों को दिए थे वे निर्जीव थे. उनसे पौधा उगकर फूल खिलना असंभव था.”

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  10. Waqt Ke Saath-Saath Bohat Kuch Badal Jaata Hai...Log Bhi...
    Raste Bhi...
    Ehsaas Bhi...
    Aur Kabhi-Kabhi....Hum Khud Bhi...!!!!

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  11. सुबह का समय था।
    किसी देश की राजधानी में एक भिखारी सबसे व्यस्त
    चौराहे पर भिक्षा के लिए बैठा था।
    उसी चौराहे से मंदिर जाने के लिए नगर के एक
    प्रसिद्ध सेठ गुजरे।
    भिक्षुक ने बड़ी आशा से उनके सामने अपने हाथ
    पसारे।
    यह देखकर सेठ धर्म संकट में पड़ गए।
    उनके पास उसे देने के लिए कुछ भी नहीं था।
    उन्होंने भिखारी के हाथ पर अपना हाथ रख कर कहा,
    भाई, मुझे बड़ा दुख है कि इस समय मेरे पास तुम्हें
    देने के लिएकुछ भी नहीं है।
    हां, कल जब मैं आऊंगा,
    तब निश्चित रूप से तुम्हारे लिए कुछ न कुछ लेकर
    अवश्य आऊंगा।'
    सेठ की बात पूरी भी नहीं हुई
    थी कि भिखारी की आंखों से आंसू बह निकले।
    भिखारी को रोता देख आसपास खड़े लोगों को लगा कि,
    सुबह की वेला में प्रथम व्यक्ति से भिक्षा न मिलने
    के कारण भिखारी को दुख हो रहा है।
    सभी ने उसे भिक्षा देनी चाही
    तो भिखारी और जोर से रोता हुआ बड़े विनम्र भाव
    से बोला,
    'मैं भिक्षा न मिलने के कारण नहीं रो रहा हूं।
    अब मुझे किसी से कुछ भी नहीं चाहिए।
    सेठजी ने आज मुझे वो सब कुछ दे दिया है
    जो आज तक किसी से नहीं मिला।
    भीख में आज तक मुझे न जाने कितने लोगों ने धन
    दिए, खाने को दिया।
    पर हर किसी के भीतर उपकार करने का भाव था।
    लेकिन सेठजी ने जो दिया वह दुनिया न दे सकी।
    वह है स्नेह।
    उन्होंने मुझे भाई कह कर पुकारा।
    मेरे हाथ पर हाथ रख कर मुझे संबल दिया।
    ठीक है कि मुझे भिक्षा चाहिए पर एक मनुष्य होने के
    नाते मनुष्योचित व्यवहार भी चाहिए।
    मुझे मधुर बोल भी चाहिए।
    आज मुझे जीवन में पहली बार किसी ने भाई कहा है।
    सेठजी आप जब भी इधर से गुजरें तो मुझे भाई
    अवश्य कहें।'

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  12. एक दिन पप्पू को अनजान नंबर से फोन आया |
    . फोन पर
    लड़की थी, जो बोली -
    हेलो आप कुंवारे हैं ?
    .
    पप्पू - हां, लेकिन आप कौन बोल रही हैं ?
    .
    लड़की - मैं
    तुम्हारी बीवी बोल
    रही हूं | आज घर आना तो बताऊंगी |
    .
    थोड़ी देर बाद पप्पू को फिर एक अनजाने नंबर से
    फोन आया | फिर से एक
    लड़की ही थी,
    जो बोली - क्या आप शादीशुदा हैं ?
    .
    पप्पू - हां, लेकिन तुम कौन ?
    .
    लड़की - तुम्हारी गर्लफ्रेंड, धोकेबाज !
    .
    पप्पू - सॉरी बेबी, मुझे
    लगा मेरी बीवी हैं |
    .
    लड़की -
    बीवी ही हूं | आज बस
    तुम घर आओ, फिर बताती हूं तुझे कमीने !

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  13. उस जीवन के वचन
    .
    .
    .
    .
    "मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ। और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर। सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है। और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ॥''
    __________________________________________________ इफिसियों 3:14-19

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  14. हर लडकी के लिए प्रेरक कहानी...
    और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा...,
    कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
    ...
    ...
    रमेश भाई ने घर मेँ पैर रखा....‘अरी सुनतीे हो !'
    आवाज सुनते ही रमेश भाई की पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली
    "अपनी बेटी का रिश्ता आया है,
    अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
    लडके का नाम युवराज है ।
    बैँक मे काम करता है।
    बस बेटी हाँ कह दे तो सगाई कर देते है."
    बेटी उनकी एकमात्र लडकी थी..
    घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था ।
    कभी कभार रमेश भाई सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और बेटी के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन
    रमेश भाई मजाक मेँ निकाल देते ।
    बेटी खूब समझदार और संस्कारी थी ।
    S.S.C पास करके टयुशन, सिलाई काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती ।
    अब तो बेटी ग्रज्येएट हो गई थी और नोकरी भी करती थी
    लेकिन रमेश भाई उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे...
    और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी ।'
    दोनो घरो की सहमति से बेटी और
    युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया.
    अब शादी के 15 दिन और बाकी थे.
    रमेश भाई ने बेटी को पास मेँ बिठाया और कहा-
    " बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई...उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज ।
    तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है।
    यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तू तेरे खाते मे जमा करवा देना.'
    "OK PAPA" - बेटी ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ चली गई.
    समय को जाते कहाँ देर लगती है ?
    शुभ दिन बारात आंगन में आयी,
    पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।
    फेरे फिरने का समय आया....
    कोयल जैसे कुहुकी हो ऐसे बेटी दो शब्दो मेँ बोली
    "रुको पडिण्त जी ।
    मुझे आप सब की उपस्तिथि मेँ मेरे पापा के साथ बात करनी है,"
    “पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खूब प्रेम दिया इसका कर्ज तो चुका सकती नही...
    लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।
    इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना
    और दूसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है...
    जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ,
    मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे !
    अगर मैँ आपका लडका होता तब भी इतना तो करता ना ? !!! "
    वहाँ पर सभी की नजर beti पर थी...
    “पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?"
    रमेश भाई भारी आवाज मेँ -"हां बेटा", इतना ही बोल सके ।
    "तो पापा मुझे वचन दो"
    आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओगे....
    तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे।
    सब की मोजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ ।."
    लडकी का बाप मना कैसे करता ?
    शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन
    आज तो बारातियो कि आँखो मेँ आँसुओ कि धारा निकल चुकी थी।
    मैँ दूर से उस बेटी को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था....
    रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था....
    साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??
    लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा,
    “भ्रूण हत्या करने वाले लोगो को ईस जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या" ???
    कृपया रोईए नही,आप प्रेरणा स्रोत बने और कन्याओं को बचाए ....

    ReplyDelete
  15. यदि
    हम
    सब
    साथ
    में
    मिल
    जाएं
    तो
    परिवर्तन
    ला
    सकते
    हैं,
    बेहतर
    समाज
    का
    निर्माण
    कर
    सकते
    हैं।

    ReplyDelete
  16. primary sci ki vacancy 3 points pr depend karegee
    1. junior out/niyukti patra
    2. farji bahar
    3. sm ki seats
    picture abhi baki h dost
    hopeless na ho ......
    bhagwan pr bharosa banaye rakhe

    ReplyDelete
  17. Diets-Principals की मीटिंग के बाद,
    Appointment-Letters कब से मिलेंगे, इस बात का ठीक से पता चल जायेगा ।
    हो सकता है की December के 1st या 2nd week मै Appointment - Letters मिलने शुरू हो जाये, लेकिन इस November के महीने मै तो कुछ खास नहीं होने वाला है।
    Appointment-Letters मिलने का जो भी Procedure होगा, वह अगले महीने मै ही हो पायेगा।
    वैसे इस बारे मै कुछ लोग नकारात्मक राय भी रखते है की Verification जैसी चीजों की वजह से Appointment - Letters का इतनी जल्दी मिलना सम्भव नहीं है।
    उन लोगों की राय भी अपनी जगह ठीक है,
    लेकिन अगर सरकार Appointment-Letters देने के लीये Serious हो जाये तो Appointment-Letters का दिया जाना असम्भव भी नही है।
    खैर, यह सरकार का काम है, की वह अपने इस Appointment-Letters दीये जाने के काम को कैसे निपटाती है।
    इस के लिए, आप को सिरदर्दी लेने की जरूरत नहीं है।
    लेकिन सिरदर्दी दूसरी बात से है,
    अरे, वही Supreme-Court मै Date लगने वाली बात।
    इसमें कोई NonTet का matter है जो की इस भरती के Order को प्रभावित कर रहा है।
    खैर, कल तक सब कुछ Clear हो जायेगा।
    वैसे तो, सब कुछ ठीक ही होगा ।
    कोई ज्यादा Tension लेने की जरूरत नहीं है।
    आप अपने जिले के Tet - Leader से Contact बनाये रखिये, यह सबसे अच्छा रहेगा।
    अच्छा अब मैं तो चला,

    ReplyDelete
  18. aaj gernal wala garduat pg or high qul. hona ke baad bhi pvt. job kar raha hi aur jo kam padra likha hi v sarkari officer ban raha hi q ki gernal wala ko aarkshan jasa anaya dikhi nahi deta

    ReplyDelete
  19. aaj gernal wala garduat pg or high qul. hona ke baad bhi pvt. job kar raha hi aur jo kam padra likha hi v sarkari officer ban raha hi q ki gernal wala ko aarkshan jasa anaya dikhi nahi deta

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  20. Pure blog par akele ulti kar rAha hai fir bolta hai main do teen page chod ke likhta hoon...kuch aur nahi bacha kya bhai jindagi mein

    ReplyDelete
    Replies
    1. Santosh ji agar likhne ko "ulti"Kaha jata hai to abhi apne kya kiya hai yaha pr???? Apko agar ye baate achchi nahi lgti to padhne ki zaroorat kya hai!!! Mat padhiye....Waise agar likhne ko "ulti" kahenge to usi likhe hue matter ko jise ap padh rahe ho kya kahenge??.

      Delete
    2. Mujhe pata hai ki mera ye comment apko nagawar laga hoga.... lekin ap ye sochiye ki jab isi tarah ke comment ap log bhi krte ho to agle bande ko kaisa Lagta hoga...

      Delete
  21. कसूर सिर्फ एक है कि सामान्य वर्ग में जन्म लिया है..................!!!!!!!!!!
    पीएचडी किया टॉप, हैंडीकेप्ट भी है, फिर भी 4 साल के नौकरी के लिए खा रही है धक्के !
    अब मांगी है मौत ???????
    कसूर सिर्फ एक है कि सामान्य वर्ग में जन्म लिया है

    ReplyDelete
    Replies
    1. Ye Kasoor apka h to aap tiger SIR ko ku abuse karte hain...bhai

      Delete
  22. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2013-14
    विषय - सामाजिक विज्ञानं
    कुल पद - 706
    सामान्य पद - लगभग 357
    रिजल्ट के एनालिसिस से ज्ञात हुआ की सामान्य के 357 पदों में 279 अरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों ने सेंध लगा दी है!!!
    यानि सामान्य के सीटों पे 78% अरक्षित वर्ग के लोग काबिज़ है!!!
    इस प्रकार कुल 78 सामान्य अभ्यार्थी ही सेलेक्ट हो पाये!!!
    सामान्य के 357 में 83 पद तो सामान्य महिला के है.. इनमे भी आरक्षित महिलाओं ने सेंध मार ली.. जबकि ये पद तो शुद्ध रूप से अनारक्षित वर्ग की महिलाओं के लिए अरक्षित है...

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  23. ये आरक्षण का कमाल है जो दुनिया के किसी देश में नहीं हो सकता .. जो खुद नहीं पढ़े वो बच्चो को पधायेगे ..

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  24. सामान्ये वर्ग आज भी ग़ुलाम है जबकि भारत 1947 में ही आजाद हुआ| आज भी सामान्ये वर्ग के लोगो के साथ भारत सरकार जातिय भेद-भाव कर रही है| जहा समानता होना चाहिए वहा सिर्फ़ Sc/St/OBC को आरक्षण, छात्रवृत्ति, सरकारी मदद, छूट दिया जा रहा है| और तो और गरीब से गरीब General वर्ग से भी ऊँची कीमत(Rs. 500/1000 )ली जा रही है Form का जबकि Sc/St के अमीर लोगो के लिए भी वही फार्म free में दिया जा रहा है| क्या यही है सामान अधिकार..???

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  25. जरा गौर से ऊपर देख बेवकुफ !
    दो पेज अभी भी छूटा हुआ है !
    जैसे तू कमेँट कर रहा है वैसे तो मैने कभी किसीको नही कहा है , लगता है तू भी फेल है टीइटी मे ?

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  26. खुद पुकारेगी मंजिल तो ठहर जाऊंगा..
    वरना मुसाफिर खुद्दार हूं......
    वर्ना यूँ ही गुजर जाऊंगा.
    BYE
    BYE

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  27. Santosh bhai yah baisaram he kisi ko bhe fail bata data he. Yeh lambi lambi baat karta he lakin apne ko nahe dekh raha ki yadi ye sc na hota to kya hota. Ab rajesh bhai jo hamasa point to point likhte the vo bhe 107 gen hoke parasan hai, blog par nahe ate. Ab bhai jiska selection na ho raha ho vo kaha se itna utsah laye ki, yaha blog pe likhe. Tiger ko dekho 97 mark lake aisa uchalta he jase ias top kiyo ho. Tiger ji general walo pe rahm karo. Tiger ji ab mulayam or akilesh to apko bade masum lagte hai, Jo karage theek karege. Apke ralative ban gaye hai.

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  28. Dekho Anil aur Santosh Singh mai bhi ek general candidate hoon,aur yahan par ye kehna chahta hoon ki tum logon ka tiger ke peeche padna galat hai,kyunki reservation pane wale wai akele nahi hain,unke jaise hazaron aur bhi hain,aur na hi ye kabhi khatma hoga,agar kar sakte ho toh fir supreme court jao,wahan se agar degree ho bhi gayi to fir

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  29. parliament iske against me law bana degi,so agar thodi si bhi akal ho toh samajh kar baat karo.

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  30. Aur agar rahi baat rajesh bhai ki toh fir he is very well established.

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  31. Sahi kaha sunil ji ab to yhi lagta h ki it's a curse for us to be general:-( 3rd cnslng me name aane k bad bhi cnslng nhi huyi:-( ab koi ummeed nhi bachi is bharti se.

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  32. B.K.SINGH AUR SANTOSH SINGH MAI AAP LOGON SE EK ANURODH KARNA CHAHTA HOON KI AAP DONO TIGER KE BARE ME KUCH BHI KEHNA CHOOD DOH YAHI SAHI HOGA.BY THE I AM ALSO FROM GENERAL CATEGORY.

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  33. Yaar tiger toh humari aur aapki hi tarah se ek candidate hi hai.

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  34. Apni asafalta or dusro ki safalta ko pachana har kisi ke bas ki baat nahe. Kabhe dusro ki saflta pe bhe khus hoke to dekho..... Muskil he..... Namumkin nahe.

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  35. Apni asafalta or dusro ki safalta ko pachana har kisi ke bas ki baat nahe. Kabhe dusro ki saflta pe bhe khus hoke to dekho..... Muskil he..... Namumkin nahe.

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  36. नमस्कार टी०ई०टी० साथियो,,,,,,,
    विगत दो-तीन सप्ताह से कुछ कामचोर एवं मानसिक रूप से विक्षिप्त प्रकार के लोगों द्वारा आरोप लगाने एवं अपशब्द प्रयोग करने का जो आधारहीन दौर शुरू किया गया है उसमे सारी सीमायें लांघी जा चुकी हैं और आरोप लगाने वालों द्वारा सभी मर्यादाएं भी......!!
    इन सभी आरोपों का जबाब सही समय पर और कानूनी तरीके से दिया जायेगा......,

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  37. साथियो 18/11/2014 की सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई से अधिक चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है उपरोक्त सुनवाई नॉन-टेट से संबंधित रामप्रकाश शर्मा के केस में होनी है किन्तु हमारे केस (सिविल अपील-4347-4375/2014) से कनेक्ट है, पिछली सुनवाई सितम्बर में हुई थी जिसमे हमारे केस से अलग करने कि मांग की गयी थी. हम लोग सारे मामले पर नजर बनाये हुए हैं. आज दोपहर बाद तक, 18/11/2014 की सुनवाई की गंभीरता का आंकलन करते हुए समुचित कदम उठाया जायेगा.

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  38. साथियो हम लोगों,,,,,, सुजीत जी, सदानन्द जी, अनिल पाण्डेय जी, विद्या सागर जी, दिलीप श्रीवास्तव जी, अनुराग तिवारी जी, विनोद वर्मा जी, सच्चीदानंद जी, दिग्विजय पाठक जी, देवेन्द्र राय जी, अभिषेक श्रीवास्तव जी, अतुल श्रीवास्तव जी, उमाशंकर पटेल जी, नवीन सिंह जी, आलोक श्रीवास्तव जी, अजय सिसोदिया जी, अतुल श्रीवास्तव जी, विक्रम यादव जी, विनोद सोनी जी, सचिन मिश्र जी आदि और स्वयं मैं लगातार SCERT जाकर काउंसिलिंग एवं पारदर्शिता से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए भरसक प्रयास किया है और आगे भी करते रहेंगे. सुजीत भाई 12/07/2012 के आन्दोलन एवं उसके संबंधित पुलिस केस के मामले को लेकर पिछले दो सप्ताह से अति व्यस्त हैं किन्तु जैसे ही 18/11/2014 की जानकारी हुई, पूरा समय दे रहे हैं.

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  39. साथियो आज जो घर बैठकर लम्बी-लम्बी पोस्ट लिखकर गाली दे रहे हैं, अपशब्दों का प्रयोग करके टेट के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं पर चंदाचोरी का आधारहीन आरोप लगा रहे हैं..... जल्द ही इनको कानूनी रूप से समुचित जवाब दिया जायेगा. ये लोग तब कहाँ थे जब हम सब अपना घर-परिवार, ऐशोआराम छोड़कर अल्लाहाबाद, लखनऊ एवं दिल्ली के लिए दिन-रात एक किये हुए थे. आज जब नियुक्ति का अवसर निकट देखकर कई लोगो के मन में टेट मेरिट का मसीहा बनने की तीव्र लालसा उत्पन्न हो रही हैं.....!!!

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  40. काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को,
    काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को,
    काबू में रखें - किसी के घर जाएं तो आँखों को,
    काबू में रखें - महफ़िल मे जाएं तो ज़बान को,
    काबू में रखें - पराया धन देखें तो लालच को,
    -----------------------------------------------
    भूल जाएं - अपनी नेकियों को,
    भूल जाएं - दूसरों की गलतियों को,
    भूल जाएं - अतीत के कड़वे संस्मरणों को,
    -----------------------------------------------
    छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना,
    छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना,
    छोड दें - दूसरों के धन की चाह रखना,
    छोड दें - दूसरों की चुगली करना,
    छोड दें - दूसरों की सफलता पर दुखी होना,

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  41. Yaar rajan tum mere saath ho ye jankar kushi hui.(mere vicharon)

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  42. Mai toh aise logon ko gali deta hoon jo ki agrim pankti ke leaders ko chor bolte hain,are bhi wai bhi humari hi tareah se ek candidate hi hai koi leader nahi ya koi officer hi.

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  43. एक पुलिस इंस्पेक्टर एक मुजरिम
    की थाने में पिटाई
    कर रहा था और बार-बार धमकी दे
    रहा था- “
    हरामजादे … आज तेरे ऊपर दो-चार झूठे
    केस
    लगाकर अंदर करवाता हूँ … आठ-दस
    साल बाहर
    नहीं आ पायेगा !!!” तभी इंस्पेक्टर के
    मोबाइल पर
    खबर आई कि उसे बेटा हुआ है. इंस्पेक्टर ने
    मुजरिम की पिटाई रोककर यह
    खुशखबरी अपने
    साथी पुलिस वालों को सुनाई –
    “साथियो,
    मेरी बीवी ने बेटे को जन्म
    दिया है !!!”
    अचानक
    मुजरिम जोर-जोर से चिल्लाने लगा –
    “डाल दे …
    डाल दे … .
    .
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    अब यह केस भी मुझ पर
    ही डाल दे
    कमीने !”

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  44. yaar tiger tum ish tarah ke logon ki baat chodo ye toh wahi log hai jinho ne na hi kabhi kisi aandalon me gaye aur na hi koi financial help hi ki,bus sale internet pe gali dete hain.

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  45. Kuch to log kahege, logo ka kam he kehna.

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    1. Vry nice bhai..
      Ek meri taraf se bhi...
      "Ek din bik jayega mati ke mol
      Jag me rah jayenge pyare Tere bol"

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  46. Amitabh :- Kis Soch me doobe ho yaar ? ....... Kya baat hai .? ...
    3rd counselling to ho chuki hai na tumhaari .... to phir kya baat hai ?
    .
    Shatrughan :- Yaar Vijay ! ...... Bachpan se aaj tak hum Logo ne na jane kitne exam diye .... Exam dene ke baad tension door ho jaati thi ... Khush bhi bahot hote the ... Magar .... Us khushi me ek Bechaini mili rahti thi .... Uske "RESULT" ki ! ........
    tak Result na aa jaaye ... Chain nahi milta tha ............. Aur wahi Aaj bhi hai ... Pata nahi Selected List me mera naam hoga ya nahi ....
    .
    Amitabh :- hmmmmm ....... To ye baat hai .....
    .
    Shatrughan :- Nahi VIJAY kewal ye baat nahi ....... 4th cnsllng ka intezaar karta chhota bhaai bhi hai mera .....
    .
    Amitabh :- To isme tension mat Lo yaar .......... Bahot Jaldi 4th cnsllng ki date bhi pata chal jaaegi
    .
    Shatrughan : Nahi VIJAY ! .......4th cnsllng ki date pata chal jaaye.... ye important nahi
    .
    Amitaabh :- Matlab ?
    .
    Shatrughan :- 4th cnsllng ka intezar karne waalo ke liye ye important nahi ke kab hogi . .......... Balki Ye important hai ke
    .
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    .
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    Theek theek pata chale ke Kis Distt me kitni Seats Khaali hain
    .
    Aur ye Koi Theek se nahi batata .....
    Na Newspaper waale aur na DIET waale .......
    Haan ..... Bachi hui seats ke liye kuchh groups ke zimmedaar ADMINs par to bharosa kar sakte hain .... Magar ......
    Newspaper waalo ..aur ... DIET waalo par to katai nahi ...NEVER !

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  47. Niyukti patre lene ki teji dikhane walo zara bi inko ferzi ni dikhta
    Inko to bas apni joining chahiye

    Itne selfish mat bno dosto

    Khair Himanshu Rana ne aaj writ dal diya h ferzi ke khilaf with evidence

    To dosto picture abhi baki h

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  48. कल जो सुप्रीम कोर्ट में डेट लगी है उसके बारे में चिंतित न हो वो नॉन टेट का मुद्दा है जिस पर हम लोगो का भी वकील खड़ा करने पर मोर्चे के सक्रिय सदस्य चर्चा कर रहे है ।।
    आप लोग सभी एक जुट रहिये जीत हमारी ही होगी ।।

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  49. 18 तारीख की डेट लगने के बाद गधांको को डेंचू डेंचू करने का एक और अवसर प्राप्त हो गया है । ......अपने अनुनायीयो को मामला समझाने के बजाय गधांक नेताओ के बीच अपना अपना अकाउन्ट नम्बर देने की होड मच गयी है ।.....पर यही उनका रोजगार है क्या करे वो भी तीन साल से यही जीविका का साधन है ।
    .....और अब तो इनके ग्राहको की लाइन भी कुछ लम्बी हो गयी है । खैर धंन्धा है तो करे धन्धा हमे क्या ।
    ....पर केस क्या है समझ ले ( मेरी समझ से)
    ये केस रामप्रकाश का है जिसने 2007-08 मे मायावती काल मे सबसे अखिरी काउसिंलिंग मे भाग लिया था पर ज्वाईनिंग से पहले टेट परीक्षा का आगमन हो गया और नियुक्ति के लिए टेट अनिवार्य कर दी गयी और इनकी नियुक्ति लटक गयी जबकि जिन लोगो ने इनसे पहले काउसिंलिंग करवायी उनकी नियुक्ति बिना टेट पास किये ही हो गयी ।
    अब एक ही भर्ती के दो अभ्यर्थियों पर अलग अलग नियम कैसे इसी को आधार बनाकर ये महोदय सुप्रीमकोर्ट बाया हाईकोर्ट गये है ।
    और इसी रिट के साथ अन्तरिम आर्डर के बाद जज महोदय ने हमारी रिट भी बंच कर दी थी .....चूकि रिट हमारे साथ बंच है तो हमे भी कान आँख खुले रखने है आखिर यहाँ तक आकर हम लापरवाह नही हो सकते है हमे भी थोडा सतर्क रहना है और हर वार का जबाव देना है ।
    .....इसलिए मोर्चा और अग्रणी नेता तैयार रहे आक्रमण के लिए हम साथ है ।

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  50. पहले जहा इस भर्ती के साथ लाखो परिवार की दुआए हुआ करती थी आज इस भर्ती के साथ उससे कही ज्यादा आज बद्द्वाये है ।

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  51. Dost tiger mujhe aapki ish baat pe sandeh hai,jahan tak mujhe lagta hai,iske sath wale log jyada hai aur virodhi kam.

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  52. Aaj bhi ish bharti se lakhon logon ki ummid judi hai aur rahegi.

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  53. tet netao ko bahut jald machi hui hai joinining lene k lea....chahe farzi .bhee le jai joinining...enko bharti radd hone ka dar bhee nahi rah gaya...hai..bilkul...lofar ho gai hai...jaise free me mil raha ho..bhaio aap log ek jut hokar aage aaiye...es bharti per sabka barabar huk ..koi farzi .aur invalid ..ghusne na pai...nahi...to bharti..per sankat aa sakta hai...agar kisi ne court me evidence...dekar..proof kar dea tab kya hoga...es bharti me farzi...kam se kam ..20%..to hai...ye to clear hai...aur ..invalid...30%se kam nahi hoge...invalid ..no..1...2012 wale..2...sm jo ki ..naukri karte hue..b.ed..bhee kar lea..hai..coun..me gov saamil kar rahi hai...3..%ka mudda..pg base...ye sab in hai...out karne k lea lucknow high court me ek meating kar...writ file kia jai...tabhi...es bharti ka kucch hoga......eslea...merit high ja rahi hai...nahi to..gen 105 ...obc...97...sc...all ...tabhi...yahi soch kar ...har bhai ne ..3saal tak sangarsh kia tha...aaj...kya hua...sab farzi...aur invalid 2012...jo out hai...gov...ne ..in kia hua hai...taaki...bharti...fasti rahe...aap log khud samajh daar hai....jai hind....apne apne view sab de..ye jindgi ka saaval ban chuka hai...koi baccha nahi hai..aap log aage aaiye....paise ki chinta na kare ...jrt ..se prt me sci wale aarahe hai....enki seat yogya...ko mile...kam merit walo ko seedha faida ho....hame ek writ dalni hogi...bhavisya me agat jrt prt me seat vacent hoti hai ...to us per bharti jaroor ho...backlog me seats na ki jai....eske lea aap logo ka sahyog aapechit hai...jald ...writ file kari hogi...kahi...kucch unhoni na ho jai....jai hind...aapka subh chintak...

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  54. tet netao ko bahut jald machi hui hai joinining lene k lea....chahe farzi .bhee le jai joinining...enko bharti radd hone ka dar bhee nahi rah gaya...hai..bilkul...lofar ho gai hai...jaise free me mil raha ho..bhaio aap log ek jut hokar aage aaiye...es bharti per sabka barabar huk ..koi farzi .aur invalid ..ghusne na pai...nahi...to bharti..per sankat aa sakta hai...agar kisi ne court me evidence...dekar..proof kar dea tab kya hoga...es bharti me farzi...kam se kam ..20%..to hai...ye to clear hai...aur ..invalid...30%se kam nahi hoge...invalid ..no..1...2012 wale..2...sm jo ki ..naukri karte hue..b.ed..bhee kar lea..hai..coun..me gov saamil kar rahi hai...3..%ka mudda..pg base...ye sab in hai...out karne k lea lucknow high court me ek meating kar...writ file kia jai...tabhi...es bharti ka kucch hoga......eslea...merit high ja rahi hai...nahi to..gen 105 ...obc...97...sc...all ...tabhi...yahi soch kar ...har bhai ne ..3saal tak sangarsh kia tha...aaj...kya hua...sab farzi...aur invalid 2012...jo out hai...gov...ne ..in kia hua hai...taaki...bharti...fasti rahe...aap log khud samajh daar hai....jai hind....apne apne view sab de..ye jindgi ka saaval ban chuka hai...koi baccha nahi hai..aap log aage aaiye....paise ki chinta na kare ...jrt ..se prt me sci wale aarahe hai....enki seat yogya...ko mile...kam merit walo ko seedha faida ho....hame ek writ dalni hogi...bhavisya me agat jrt prt me seat vacent hoti hai ...to us per bharti jaroor ho...backlog me seats na ki jai....eske lea aap logo ka sahyog aapechit hai...jald ...writ file kari hogi...kahi...kucch unhoni na ho jai....jai hind...aapka subh chintak...

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  55. S Bhole tum toh great ho yaar,tumhari kuch baaten sahi bhi hain,ab tak kahan chupe the.

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  56. कहने का मतलब जिनका नही हो रहा है उन लोगों की संख्या चयन होने वालों से अधिक है तो उनसे हम क्या उम्मीद कर सकते हैं कि वो लोग क्या सोच रहे होंगे !
    जैसे अभी 3 काउं॰ मे मान लो :- जनरल आर्ट पु॰/म॰115/105
    ओबीसी 110/102
    एस सी 105/ - -
    से कम लोगों का चयन होता नही दिख रहा है !

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  57. सबसे पहले सफलतापूर्वक तीसरी काउन्सलिंग करा चुके टेटियन्स को बधाईयाँ !
    जिनका हो गया अभी वो अपना पक्का चयन ना समझें क्योंकि अभी केवल पात्र अभ्यर्थियो की सूची ही बनायीं जा रही हैं ।
    ‪# अंतिम‬चयन सूची अभी बाद में जारी होगी और उसी के बाद नियुक्ति पत्र भी वितरित होंगे ।
    ‪# आपको ‬एक मुख्य जानकारी दे दूं कि काउंसलिंग लैटर टेट के अंतिम अपडेटेड रिजल्ट से निकाला गया है '
    किसी भी अभ्यर्थी के पुराने यानि घटे अंक दिखाए नही गए हैं । यदि ऐसा हुआ होता तो अब तक बवाल मच चुका होता कि मेरे तो पहले उतने थे और अब भी उतने ही हैं !
    और यदि किसी अभ्यर्थी के टेट रिजल्ट में सामान्य की जगह यानी पिछड़ा या पिता के नाम में गलती आदि कुछ समस्याएं थीं तो वो अभी भी यथावत बनी हुईं थीं ।
    मतलब साफ़ है सरकार के पास मूल रिजल्ट की सीडी और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध हैं जो कि रमाबाई नगर पुलिस के माध्यम से प्राप्त हो चुकी हैं !

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  58. यहाँ पर मैं चयन में धांधली को शून्य नहीं कह रहा,
    लेकिन इतना भी नहीं हो सकता कि अधिक अंक वाले सभी चयनित लोग फ़र्ज़ी ही हैं ,
    एक बात में दावे के साथ कह रहा हूँ कि सुप्रीम कोर्ट के अधीन हो रही इस भर्ती प्रक्रिया में सरकार धांधली करने की कोशिश तो क्या धांधली करने की बात अपने दिमाग में भी नहीं लाएगी ।
    लेकिन जो भी अनियमताएं हो रही हैं वो केवल और केवल डाइट वाले क्लर्कों की मिली भगत से हो रही है और वो धाँधली भी डायट लेवल तक ही सीमित है जिसमे की औपबंधिक काउंसलिंग का सहारा लिया जा रहा है ,
    अब कुछ लोग मुझसे पूछेंगे कि मेरिट इतनी हाई कैसे चली गयी ,
    तो उसके कुछ मुख्य कारण निम्न हैं,
    1- 72,825 कुल सीटों का कुल 8 अलग-अलग वर्गों में बंटवारा !
    अनारक्षित , आरक्षित -50%
    पुरुष , महिला - 50%
    विज्ञान, कला - 50%
    शिक्षा मित्र, अन्य विशेष आरक्षण
    - 10% , 5% ( लगभग )
    जिसमे केवल सामान्य पुरुष विज्ञान,कला की लगभग अलग अलग 8200 सीट्स ।
    ऐसे ही महिलाओं की भी 8200 सीट्स हैं ।
    और अन्य पिछड़ा वर्ग पुरुष/ महिला, विज्ञान/कला की लगभग
    3500 सीट्स अलग-अलग हैं ।
    अब आप ही सोचिये की 8200 सीट्स पर 82,000 लोग हैं क्योंकि महिलाएं कम हैं तो उनकी मेरिट काफी कम रही पुरुष की तुलना में,

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  59. इसलिए मै आप ‬लोगों से बस इतना कहूँगा की दिन-रात धांधली का राग अलापने से कुछ नहीं होगा,
    सभी एक्टिव साथी अपनी डाइट पर जाकर पात्र अभ्यर्थियों के डेटा में से रोल नंबर
    http:// upbasiceduboard. gov.in
    ,पर डालकर चेक करिये जिनमे से किसी का भी डेटा संदेह में हो ,
    मतलब उस जनपद की cutoff से कम या भिन्न हो ?
    उसको नोट करके सार्वजानिक करें एवम् गणेश दीक्षित , एस के पाठक और अन्य जुझारू लोगों की पोस्ट या कमेंट / मेसेज करें ।
    तभी इस भर्ती में विवादों का अंत हो सकता है ।
    धन्यवाद !

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