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Thursday, December 4, 2014

RTET SARKARI NAUKRI News Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan अपात्रों को भी मिल गई नौकरी

RTET SARKARI NAUKRI News Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan अपात्रों को भी मिल गई नौकरी

    

http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/

 Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan,
अजमेर।पर्चा लीक प्रकरण का दंश झेल रहे राजस्थान लोक सेवा आयोग में एक और गड़बड़झाला सामने आया है। आयोग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2006 में कई अपात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति की सिफारिश सरकार से कर दी। इस आधार पर शिक्षा विभाग ने उन्हें नौकरी भी दे दी। हाल ही कई अभ्यर्थियों की पात्रता संदेहास्पद साबित होने पर आयोग प्रशासन के होश उड़ गएगत दिनों हुई फुल कमीशन की बैठक में आयोग ने सरकार को भेजे अनुशंसा पत्र प्रत्याहरित (वापस लेना) कर लिए। साथ ही आयोग ने इस प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले दो कार्मिकों को प्रथम दृष्ट्या दोष्ाी मानते हुए उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। मामला उजागर होने के बाद 600 से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। कानूनन गलत तरीके से नियुक्ति पाने पर उनकी नियुक्ति रद्द भी की जा सकती है


शिक्षा विभाग मौन रहा


अदालत का आदेश लेकर आए 600 से अधिक अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग ने नौकरी दे दी जबकि इन पदों की कोई रिक्तियां थी ही नहीं। आयोग की गलती रही सो रही लेकिन शिक्षा विभाग भी ऎसे लोगों को नौकरी देता चला गया जो पद ही नहीं थे

आयोग ने की समीक्षा


कोर्ट की अवमानना के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती गई तो आयोग ने इसकी समीक्षा की। मामला फुल कमीशन के सामने आया। प्रारंभिक जांच में आयोग के कार्मिकों की कमी सामने आई और फुल कमीशन में पांच अभ्यर्थियों को दिए गए नियुक्ति पत्र को प्रत्याहरित करने का फैसला कर दिया।

हो सकती है 16 सीसी की कार्रवाई


आयोग ने परीक्षा विभाग के सहायक सचिव ओम प्रकाश गुप्ता व अनुभाग अधिकारी महावीर रामावत को प्रथम दृष्टया दोष्ाी मानते हुए जांच शुरू कर दी है। दोनों के खिलाफ 16 सीसी की कार्रवाई संभव है। दोष्ाी पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई भी संभव है।

ऎसे हुई गड़बड़ी


n इन 5 अभ्यर्थियाें को जीवाजी राव विवि ने जो डिग्री दी उसमें दो तिथियां अंकित थीं। एक तो 2007 में परीक्षा का परिणाम घोçष्ात हुआ। दूसरी तिथि वह थी जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें बीएड बताया। इसके बाद 2010 में अभ्यर्थी आयोग गए और उन्होंने नियुक्ति की मांग की।
n आयोग ने यह बिना जांचे कि उनका बीएड परीक्षा परिणाम कब जारी हुआ, इनकी नियुक्ति की अनुशंसा कर दी। यही अनुशंसा पत्र आयोग के लिए मुसीबत बन गया।
n इसे आधार बनाते हुए 600 से अधिक उन अभ्यर्थियों ने भी नौकरी पा ली जो भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद बीएड योग्यताधारी घोçष्ात हुए थे। उन्होंने इन पांच अभ्यर्थियों के प्रकरण का हवाला देते हुए अदालत के जरिए नौकरी पा ली। इसी मामले में 50 अवमानना के प्रकरण लंबित चल रहे हैं।

यह है मामला

आयोग ने 2006 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा ली। अभ्यर्थियों के लिए बीएड होना अनिवार्य श्ौक्षणिक योग्यता थी। परीक्षा में पांच अभ्यर्थियों ने जीवाजी राव विश्वविद्यालय ग्वालियर से बीएड परीक्षा दी थी लेकिन उनका परिणाम नहीं आया था। आयोग ने 16 मार्च 2007 को शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। उक्त पांच छात्रों का बीएड परिणाम विश्वविद्यालय ने इस आधार पर रोक लिया कि वे मध्य प्रदेश के मूल निवासी नहीं थे। इस पर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए। कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला वष्ाü 2009 में सुनाया।

&मामला सामने आया है। फुल कमीशन में पांच अभ्यर्थियों वाले अनुशंसा पत्र को प्रत्याहरित कर लिया है। अदालती आदेश के आधार पर नियुक्तियां दी थीं। कहां चूक हुई है, यह जांच में सामने आ जाएगा।
नरेश कुमार ठकराल,
सचिव, राजस्थान लोक सेवा आयोग

News Sabhaar : dailynewsnetwork.in  Wednesday, December 03, 2014, 02:20 hrs IST