/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Monday, April 6, 2015

मांझी के छूने से अपवित्र हुई लोहिया की मूर्ती ?

मांझी के छूने से अपवित्र हुई लोहिया की मूर्ती ?

नई दिल्ली। राममनोहर लोहिया को भारत की राजनीति में जात-पात, छूआछूत, भेदभाव दूर करने के दिशा में काम करने वाले क्रांतिकारी और दार्शनिक का दर्जा हासिल है। लेकिन बिहार में लोहिया की विचारधारा को मानने वालों ने जो कुछ किया, उसके लिए शर्मनाक जैसे शब्द भी कम पड़ सकते हैं। खुद को लोहिया का सिपाही कहने वाले बेशर्मों ने जीतन राम मांझी के माल्यार्पण करने से उनकी मूर्ति को छूत का शिकार मान लिया।

उत्तर बिहार के सुपौल में जो हुआ वो हर सच्चे समाजवादियों को शर्मसार करने वाला है। जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा राममनोहर लोहिया की मूर्ती को माल्यार्पण करने से उनकी मूर्ति को छूत का शिकार मान लिया।  ।

 मांझी के जाने के बाद गंगाजल और पूजा पाठ से उसका शुद्धिकरण कर दिया

गंगाजल से शुद्ध किया, अगरबत्ती जलाकर और मिठाई चढ़ाकर शुद्धिकरण करते जो दिखे गए

 मूर्ति शुद्धिकरण करने वालों की जमात भले ही खुद को लोहिया विचार मंच का बताए, लेकिन असलियत ये है कि इनमें से ज्यादातर लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी के नेता हैं। सवाल ये है कि जिंदगी भर छूआछूत, कर्मकांड और आडंबर का विरोध करने वाले लोहिया की मूर्ति के सामने कर्मकांड की जरूरत क्यों पड़ी।



बिहार में सुपौल जिले के लोहियानगर चौक पर महान समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया की प्रतिमा पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के माल्यार्पण करने व बाद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ताओं की ओर से प्रतिमा धोए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में सुपौल के सदर थाना में मामला दर्ज कराई गई है। मांझी का कहना है कि जिन्होंने प्रतिमा धोई, वो समाजवादी नहीं हो सकते।