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Saturday, July 11, 2015

UPTET SARKARI NAUKRI News - - एलटी ग्रेड भर्ती : एलयू की ही अब तक 175 मार्कशीट फर्जी मिलीं, प्रदेशभर में हजारों की हो रही जांच

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एलटी ग्रेड भर्ती : एलयू की ही अब तक 175 मार्कशीट फर्जी मिलीं, प्रदेशभर में हजारों की हो रही जांच
एलयू की फर्जी मार्कशीट से हरियाणा में वकालत
संवाददाता, एलयू : लखनऊ यूनिवर्सिटी ने हरियाणा बार काउंसिल द्वारा जांच के लिए भेजी गईं एलएलबी की 26 में तीन मार्कशीट्स को फर्जी करार दिया है। बार काउंसिल के अधिकारी खुद यूनिवर्सिटी में मार्कशीट्स का वैरिफिकेशन कराने आए थे। मामला इसलिए भी गंभीर है कि जिन तीन लोगों की मार्कशीट्स फर्जी पाई गई हैं, वे हरियाणा में विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस करते हैं। पिछले महीने हरियाणा बार काउंसिल ने विभिन्न यूनिवर्सिटीज द्वारा जारी 50 से अधिक एलएलबी की मार्कशीट्स का वैरिफिकेशन कराने का फैसला किया था। इनमें 26 मार्कशीट्स एलयू की थीं। जांच में तीन मार्कशीट्स फर्जी पाई गई हैं। यूनिवर्सिटी ने बार काउंसिल से एफआईआर दर्ज कर जांच कराने को कहा है।

संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा लखनऊ मंडल द्वारा मार्कशीट्स वैरिफिकेशन के लिए भेजी गई हैं। यूनिवर्सिटी इनकी जांच करा रही है। इस बारे में अभी और कुछ कहना उचित नहीं होगा।

- शैलेश कुमार शुक्ल, 

परीक्षा नियंत्रक, एलयू

अभी 34 मार्कशीट की जांच एलयू ने की है, लेकिन अब तक हमें वापस नहीं की हैं और न कोई लिखित जांच सौंपी है। इससे भी ज्यादा की जांच अभी हो रही है। जो भी रिपोर्ट आएगी, उसे हम शासन को सौंप देंगे।

- सुत्ता सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल• प्रमुख संवाददाता, लखनऊ

राजकीय हाईस्कूलों में शिक्षकों के लिए एलटी ग्रेड भर्ती फर्जी मार्कशीट के बढ़ते मामलों से उलझती जा रही है। अलग-अलग मंडलों से जांच के लिए आईं लखनऊ विश्वविद्यालय की ही करीब 175 मार्कशीट फर्जी निकल चुकी हैं। कई अन्य विश्वविद्यालयों की मार्कशीट भी फर्जी होने की शिकायतें आ रही हैं। वहीं, काफी संख्या में मार्कशीट की अभी जांच हो रही है। प्रदेशभर से ऐसी ही शिकायतें आ रही हैं। भर्ती से जुड़े अफसरों को आशंका है कि फर्जी मार्कशीट बनाने वाला कोई बड़ा गिरोह सक्रिय है। यही वजह है कि काउंसलिग कराने के बाद फिलहाल भर्ती रोक दी गई है। 

राजकीय हाईस्कूलों में 6,145 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी। पहले ये भर्तियां दिसंबर में पूरी करने के आदेश दिए गए थे। उसके बाद 31 मार्च और फिर 30 जून तारीख तय हुई, लेकिन अभी तक भर्तियां नहीं हो पाईं। इसकी वजह है कि इसमें लगीं मार्कशीट में 30 फीसदी यानी करीब आठ लाख मार्कशीट फर्जी हैं। शक के आधार पर फिलहाल पदों की संख्या से दोगुनी मार्कशीट ही जांच के लिए भेजी गई हैं। इतनी मार्कशीट की जांच में ही भारी फर्जीवाड़े की आशंका सच होती जा रही है। मेरठ विश्वविद्यालय की काफी मार्कशीट फर्जी पाई गई थीं। अब लखनऊ विश्वविद्यालय की भी मार्कशीट फर्जी निकल रही हैं। प्रदेशभर से अब तक एक हजार मार्कशीट तो फर्जी पाई जा चुकी हैं। इसके
फर्जी मार्कशीट में उलझती भर्ती• संवाददाता, एलयू

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में 200 और मार्कशीट्स यूनिवर्सिटी के राडार पर हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा लखनऊ मंडल की ओर से यूनिवर्सिटी में 200 और मार्कशीट्स वैरिफिकेशन के लिए भेजी गई हैं। गुरुवार को एलयू प्रशासन ने संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा लखनऊ मंडल द्वारा जांच के लिए भेजी गईं 34 मार्कशीट्स को फर्जी करार दिया था। इसके बाद विभाग की ओर से एलयू की 200 और मार्कशीट्स को वैरिफाई करने के लिए भेजा गया है।

कहां से आया हालमार्क वाला पेपर

यह भी बात आ रही है कि इन मार्कशीट्स की छपाई के लिए आने वाला पेपर एलयू बहुत गोपनीय स्टेशनर्स के यहां से मंगवाती है। यह पेपर विशेष तौर पर यूनिवर्सिटी के लिए ही होता है और उस पर यूनिवर्सिटी का हालमार्क भी होता है। इसलिए यह बात अधिकारियों की समझ से भी परे है कि यह हॉलमार्क वाला पेपर गिरोह के पास कैसे पहुंचा। अधिकारी इसमें यूनिवर्सिटी के लोगों की मिलीभगत की बात से भी इनकार नहीं कर पा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के 15 से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ चंडीगढ़ विजिलेंस की जांच के साथ मुजफ्फरनगर की जिला अदालत में ऐसे ही मामले में मुकदमा भी चल रहा है। 

ज्यादातर के 80% मार्क्स 

यूनिवर्सिटी में वैरिफिकेशन के लिए आईं मार्कशीट्स 2002 से 2013 के बीच की हैं। इनमें बीए और बीएड की मार्कशीट्स सबसे ज्यादा हैं। ज्यादातर कैंडिडेट्स के बीए में भी 80 फीसदी के करीब मार्क्स हैं। ऐसे में अधिकारियों को इन मार्कशीट्स के सीधे तौर पर फर्जी होने की आशंका है, क्योंकि यूनिवर्सिटी में इतने मार्क्स पर गोल्ड मेडल मिल जाता है।

200 और मार्कशीट्स जांच के लिए भेजीं• सं, एलयू : लखनऊ यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट के जरिए बीए में एडमिशन के लिए आवेदन करने का मामला सामने आया है। यूपी बोर्ड के पांच कैंडिडेट्स ने सिलेक्टेड लिस्ट में शामिल होने के लिए फर्जी मार्कशीट्स लगाई थी। मामले में एडमिशन कोऑर्डिनेटर को रिपोर्ट दे दी गई है। वहीं, ओवरऑल लिस्ट के सभी कैंडिडेट्स का डेटा फिर वैरिफाई करने का निर्देश दिया गया है। यूनिवर्सिटी में बीते दिनों 500 कैंडिडेट्स के डेटा में गड़बड़ी पाई गई थी। इस पर एडमिशन कोऑर्डिनेटर ने इन कैंडिडेट्स का डेटा वैरिफाई करने का निर्देश दिया था। जांच में कई कैंडिडेट्स की मार्कशीट और बोर्ड से जारी मार्क्स में भारी अंतर पाया गया। आईएएसी बोर्ड के कैंडिडेट्स के मार्क्स में बेस्ट फोर की गलती थी, लेकिन यूपी बोर्ड के कैंडिडेट्स की मार्कशीट्स के फर्जी होने की आशंका जताई गई थी। जांच में फौरी तौर पर पांच कैंडिडेट्स की मार्कशीट्स फर्जी पाई गई हैं।
12वीं की भी पांच फर्जी मार्कशीट पकड़ीं
संयुक्त शिक्षा निदेशक ने जताई मार्कशीट्स के फर्जी होने की आशंका
अलावा 10 हजार से ज्यादा संदिग्ध मार्कशीट की जांच चल रही है। इन भर्तियों के प्रभारी सभी मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। उनका कहना है कि मामला प्रदेश स्तर का है। ऐसे में जांच पूरी होने पर शासन स्तर से ही जो निर्देश दिए जाएंगे, उसके अनुसार