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Thursday, January 21, 2016

शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का मामला गरमाया - सोशल मीडिया में केजरीवाल और कांग्रेस पर दलित राजनीति करने का आरोप वहीँ दुसरी तरफ स्मृति ईरानी ने कहा की रोहित दलित नहीं है और गुमराह किया गया है , गरमाते मामले में चार दलित छात्रों का निलंबन वापस , ए बी वी पी कार्यकर्ता का भी मारपीट मामले में झूठ सामने आया

Breaking News शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का मामला गरमाया - सोशल मीडिया में केजरीवाल और कांग्रेस पर दलित राजनीति करने का आरोप 

वहीँ दुसरी तरफ स्मृति ईरानी ने कहा की रोहित दलित नहीं है और गुमराह किया गया है , गरमाते मामले में चार दलित छात्रों का निलंबन वापस ,

ए बी वी पी कार्यकर्ता का भी मारपीट मामले में झूठ सामने आया 

हैदराबाद विश्वविद्यालय ने 4 छात्रों का निलंबन वापस लिया, केजरीवाल बोले-केंद्र सरकार दलित विरोधी है

नाटकीय घटनाक्रमों से भरे दिन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले विश्वविद्यालय के 13 शिक्षकों ने अपने प्रशासनिक पदों को छोड़ने की घोषणा की। इन शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी।






दबाव के आगे झुकते हुए हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) ने आज उन चार दलित छात्रों का निलंबन वापस ले लिया जिन्हें 17 जनवरी को खुदकुशी कर लेने वाले पीएचडी छात्र रोहित वेमुला चक्रवर्ती के साथ निलंबित किया गया था।

नाटकीय घटनाक्रमों से भरे दिन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले विश्वविद्यालय के 13 शिक्षकों ने अपने प्रशासनिक पदों को छोड़ने की घोषणा की। इन शिक्षकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी।


एक और बात सामने आई है। रोहित समेत अंबेडकर छात्र संगठन के उसके साथी छात्रों पर एबीवीपी के छात्र नेता सुशील कुमार के साथ मारपीट के आरोप लगे थे। सुशील कुमार की मेडिकल रिपोर्ट से ये बात सामने आई है कि उसके शरीर पर डॉक्टरों को चोट के निशान नहीं मिले। पता चला है कि वह हॉस्पिटल में अपेंडिक्स के चलते भर्ती हुआ था, न कि चोटों के चलते।

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दलित नहीं है वेमुला?
मीडिया में इस सवाल को आहिस्ते से किनारे कर दिया गया है। कई मीडिया रिपोर्ट बताते है की रोहित दलित नहीं है, ओबीसी है। रोहित का दाखिला सामान्य कोटे से हुआ है। कुछ का कहना है की उसके पिता ओबीसी और माँ दलित है। इस सवाल को दरकिनार क्यों और कैसे किया गया, सबसे बड़ा सवाल यही है। सोशल मीडिया पे कुछ लोग पूछ रहे हैं कि रोहित दलित नहीं होता तो क्या इतना हंगामा होता..? एक सवाल यह भी है।
यूनिवर्सिटी से नहीं सिर्फ होस्टल से निकाला?
यह भी एक बड़ा सवाल है जिसे मुख्य मीडिया ने दरकिनार कर दिया और राहुल को यूनिवर्सिटी से निकले जाने की खबर प्लांट होती रही। वीसी अप्पा राव का कहना है की छात्र नेता राहुल को यूनिवर्सिटी से नहीं निकाला गया, बल्कि उसे होस्टल से निकाला गया और प्रशासनिक भवन में आने से प्रतिबंधित किया गया। 

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रोहित वेमुला हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था। वह यूनिवर्सिटी से 2012 में जुड़ा और कॉउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च से जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप प्राप्त की। हर महीने रोहित को 25000 छात्रव्रती के रूप में मिलते थे। वह एक विज्ञान का लेखक बनना चाहता था। रोहित अम्बेडकर स्टूडेंट असोसिएशन से जुड़ा हुआ था। उसके पिता सिक्योरिटी गॉर्ड है एक निजी अस्पताल में और माता सिलाई का काम करती है। रोहित की एक बड़ी बहन है और एक छोटा भाई है। यह तो हुआ रोहित वेमुला का छोटा सा परिचय।

रोहित और एबीवीपी का विवाद:-    


एएसए (अम्बेडकर स्टूडेंट असोसिएशन) और एबीवीपी ( अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ) में वैचारिक तौर पर कई विवाद थे, वो क्यों थे ? आइये जानते है। रोहित ने "किस ऑफ़ लव" का हैदराबाद यूनिवर्सिटी में आयोजन किया था। जिसमे लड़के और लडकिया खुले आम एक दूसरे को "लिप टू लिप" किस करते है। जिसपर एबीवीपी को और उसके नेता रहे सुशील कुमार को इस बात पर ऐतराज़ था।रोहित वेमुला ने बीफ पार्टी का आयोजन किया जिसपर एबीवीपी ने ऐतराज जताया लेकिन यह विवाद दोनों छात्र संगठनो में तब ज्यादा बढ़ गया। जब आतंकी याकूब मेमन की फांसी का विरोध रोहित और उसके साथियो ने किया।   
एक वीडियो में रोहित का एबीवीपी के छात्रों के साथ बहस हो रही है। जिसमे रोहित ने एबीवीपी का बैनर फाड़ा है। जब एबीवीपी के छात्र उससे उसका कारण पूछते है तो वह अड़ियल रवैये से जवाब देते हुए कहता है कि "उसे हिन्दू और हिंदुत्व से जुड़ा हुआ या सैफरॉन रंग दिखेगा उसे फाड़ दूंगा" जब उससे इसका कारण पूछते है, तो उसके पास इसका कोई कारण नहीं है। बोलता है कि यह उसकी मर्ज़ी है।   

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हैदराबाद विश्वविद्यालय में वेमुला की आत्महत्या मामले में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने दलित छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव डालने के आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने बुधवार को कहा कि यह कोई दलित बनाम गैर दलित मुद्दा नहीं है, जैसा कि कुछ लोग पेश कर रहे हैं। इस विषय को जाति संघर्ष बनाकर पेश करने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास किया जा रहा है, जो है ही नहीं।


विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में चारों शोधार्थियों का निलंबन वापस लेने का फैसला किया गया।

रोहित की खुदकुशी के मुद्दे पर आज राजनीति और गरमा गई । देश भर के काॠलेजों और विश्वविद्यालयों में चल रहे प्रदर्शन से समर्थन पाकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने इंसाफ की खातिर अपनी मुहिम तेज करने का इरादा जाहिर किया।

विश्वविद्यालय ने यहां एक बयान में कहा, विश्वविद्यालय में कायम असाधारण हालात को देखते हुए और इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद परिषद ने संबंधित छात्रों को दी गई सजा तत्काल प्रभाव से खत्म करने का फैसला किया है।

पिछले साल सितंबर में विश्वविद्यालय ने रोहित सहित पांच छात्रों को छह महीने (पूरे सेमेस्टर) के लिए निलंबित कर दिया था। उन पर अगस्त में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता सुशील कुमार पर हमले का आरोप था। इन छात्रों का निलंबन हालांकि बाद में वापस ले लिया गया।

बहरहाल, दिसंबर में उन्हें कक्षा में आने की अनुमति देते हुए विश्वविद्यालय ने उन्हें छात्रावास में दाखिल होने से मना कर दिया था।

एक संयुक्त कार्य समिति के बैनर तले पांचों शोधार्थियों ने (कक्षा और अध्ययन से जुड़े विषय की कार्यशालाओं को छोड़कर) छात्रावास से अपने निष्कासन को अलोकतांत्रिक और सामाजिक बहिष्कार करार दिया था। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में ही एक अस्थायी टेंट लगाकर सोने को मजबूर होना पड़ा था। रोहित की कथित खुदकुशी के बाद इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय में तीखी प्रतिक्रिया हुई है।

इस मुद्दे पर चौतरफा हमले का सामना कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अप्पा राव पोडाइल ने अपने बयान में अपील की कि परिसर में कायम असाधारण हालात को देखते हुए विश्वविद्यालय समुदाय सदभाव बनाए रखे और मसले को सुलक्षाने के लिए आंतरिक व्यवस्था में भरोसा बनाए रखे।

उन्होंने विश्वविद्यालय में सभी से अपील की कि वे नियमित कक्षाएं, शोध गतिविधियां और प्रशासनिक कार्यों को बगैर देरी के बहाल करने के लिए अपना योगदान करें।

पिछले कुछ दिनों से गैर-भाजपा पार्टियों के नेताओं का विश्वविद्यालय परिसर में लगातार आने का सिलसिला जारी है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज परिसर में आए। केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री स्मति ईरानी और बंडारू दत्तात्रेय को पद से हटाने की मांग की।

प्रदर्शनकारी छात्र दत्तात्रेय के इस्तीफे, कुलपति को पद से हटाने, रोहित के परिवार को पांच करोड़ रूपए के मुआवजे और उसके परिवार के एक सदस्य को रोजगार के अलावा चारों छात्रों का निलंबन खत्म करने की मांग कर रहे हैं।





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