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Monday, January 25, 2016

UPTET SARKARI NAUKRI News -News Today -

UPTET SARKARI NAUKRI   News -News Today 



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◆◆◆◆सोमवार-25-01-2016◆◆◆◆
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सफ़र में मुश्किलें आयें तो हिम्मत और बढ़ती है,
कोई अगर रास्ता रोके तो जुर्रत और बढ़ती है।
बिकने पर आ जाऊँ तो दाम घटते हैं अक्सर,
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है।
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आंदोलन होगा
सहारनपुर। उप्र माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक संघ की बैठक में समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। जिलाध्यक्ष राजवीर सिंह ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। प्रदेश महासचिव लोकेश पंवार ने कहा कि 29 जनवरी को लखनऊ में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। सुखपाल सिंह, विजेंद्र सिंह, पंजाब सिंह, अनुज शर्मा, निर्दोष पंवार, ब्रिजेश शर्मा, शक्ति सिंह आदि रहे।



पीएचडी एंट्रेंस का पहला पेपर तय
मेरठ। पीएचडी एंट्रेंस के फॉर्म ऑनलाइन भरवाने के बाद विवि ने पेपर की तैयारी कर दी है। पहला पेपर जो सबके लिए कॉमन होगा, उसके सिलेबस पर डींस की सहमति बन चुकी है। विवि इस जानकारी को जल्द वेबसाइट पर अपलोड करेगा।
मेरठ और सहारनपुर मंडल से 31 विषयों में पीएचडी करने के लिए कुल 8022 आवेदन हुए हैं। एंट्रेंस मेरठ, सहारनपुर, बागपत, बुलंदशहर और गाजियाबाद में 20 मार्च को होगा। आवेदन करने वालों के लिए सलाह है कि सब कुछ तय समय पर होना है। तैयारी में जुट जाएं। एंट्रेंस में दो पेपर होंगे। पहला पेपर 100 नंबर का कॉमन होगा। दूसरा पेपर विषय का 200 नंबर का होगा। ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर एंट्रेंस होगा।
पिछले सप्ताह डींस की बैठक में पहले पेपर का सिलेबस तय हुआ है। पहले पेपर में मुख्य रूप से करंट अफेयर्स, रिसर्च एप्टीट्यूट और रीजनिंग के सवाल पूछे जाएंगे। सामान्य अध्ययन से भी कुछ सवाल होंगे। दोनों पेपर में 40-40 प्रतिशत नंबर लाना अनिवार्य होगा। एग्रीगेट 50 प्रतिशत होना चाहिए, तभी एंट्रेंस पास माना जाएगा। विवि ने विषयों के पेपर पहले ही तैयार करा लिए हैं। एंट्रेंस नेट के सिलेबस पर आधारित हो रहा है। पहला पेपर भी कुछ वैसा ही है। प्रतिकुलपति प्रो. एचएस सिंह का कहना है पेपर की तैयारी पूरी हो चुकी है। एंट्रेंस होने के ठीक एक महीने बाद रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
अंतिम तिथि की रही छुट्टी
फॉर्म एक जनवरी से 20 जनवरी तक भरे गए। फॉर्म की हार्डकॉपी विवि पहुंचने की अंतिम तिथि 24 जनवरी थी। इस दिन रविवार की छुट्टी थी। लिहाजा सोमवार को पहुंची डाक स्वीकार की जाएंगी। विवि ने अंतिम तिथि के दिन छुट्टी का ध्यान पहले नहीं रखा। सूत्रों के मुताबिक 23 जनवरी तक हुई स्पीड पोस्ट और पंजीकृत डाक को स्वीकार किया जाएगा।
NEWS WORLD✒: -

टीईटी संघर्ष मोर्चा ने किया प्रदर्शन
अमर उजाला ब्यूरो
अंबेडकरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने समायोजन की मांग को लेकर रविवार को कलेक्ट्रेट के निकट धरना दिया। वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों का निस्तारण नहीं होता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। यदि प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया तो उसे इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा।
अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष आनंद रमन ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी लंबे समय से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश सरकार सिर्फ समायोजन किए जाने का वायदा कर रही है, लेकिन इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। सभी टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का समायोजन किए जाने का वायदा किया गया था, लेकिन अब तक इस तरफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। कुछ अभ्यर्थियों का समायोजन कर प्रदेश सरकार ने महज औपचारिकता ही निभाई है। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों का शीघ्र ही समायोजन किए जाने की मांग की। वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो उसे इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। संघर्ष मोर्चा चुप बैठने वाला नहीं है। वह अपना हक लेकर ही रहेगा। इस दौरान अवधेश, अशोक, सीमा, अजय, अरुण, विक्रमाजीत, शिवराम, रामअनुज, सत्यवान, अनुराग आदि मौजूद रहे।

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नौकरी के लिए बीपीएड डिग्रीधारकों का प्रदर्शन
खेल शिक्षक के पद पर तैनाती की मांग
अमर उजाला ब्यूरो
अंबेडकरनगर। बीपीएड संघर्ष मोर्चा ने रविवार को कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन किया। कहा गया कि लंबे समय से परिषदीय विद्यालयों में खेल शिक्षक के रूप में तैनाती किए जाने की मांग की जा रही है, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही दिया है। अमांग की गई कि बीते दिनों आंदोलन के दौरान जिन बीपीएडधारकों पर फर्जी ढंग से केस दर्ज किया गया है, उसे तत्काल वापस लिया जाए। तय किया गया कि आगामी 27 जनवरी को लक्ष्मण मेला मैदान लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बनवारीलाल गुप्ता ने कहा कि बीपीएड डिग्रीधारकों के साथ लंबे समय से उपेक्षा की जा रही है। बीते विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रैली में वादा किया था कि सत्ता में आने पर सभी बीपीएड डिग्रीधारकों की तैनाती खेल शिक्षक के रूप में की जाएगी। अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है। विगत 1 सितंबर 2015 को जब मांगों को लेकर लखनऊ में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया गया था तो उस दौरान न सिर्फ लाठीचार्ज किया गया था, बल्कि 100 से अधिक डिग्रीधारकों पर फर्जी ढंग से मुकदमा दर्ज किया गया था। कहा कि जिन डिग्रीधारकों पर केस दर्ज किया गया है। उसे तत्काल वापस लिया जाए। सचेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो 27 जनवरी को लक्ष्मण मेला मैदान लखनऊ में धरना दिया जाएगा। इस दौरान शैलेंद्र दुबे, इंद्रजीत यादव, विपिन मौर्य, हरिश्चंद्र, विवेक, अमरनाथ, वीरेंद्र, विक्रम यादव, राजेश कुमार, मनोज पाल, धर्मेंद्र आदि मौजूद रहे।

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परिषदीय स्कूलों में हजारों शिक्षकों की पदोन्नति फंसी
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पदोन्नति के लिए अनुभव पांच वर्ष से कम करके तीन वर्ष किए जाने के बाद भी 2011 तक नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के बावजूद अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, जिससे उनका अवसर खत्म हो रहा है। बीएसए की ओर से मनमानी किए जाने के खिलाफ प्रदेश भर के प्राथमिक शिक्षक कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
शिक्षकों का कहना है कि अकेले इलाहाबाद में ही उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित के 676 पद रिक्त हैं, जबकि सामान्य चयन के 1352 पद सामान्य विषयों के खाली हैं। 1400 प्राथमिक स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापक संचालित कर रहे हैं। इसके बाद भी बीएसए कह रहे हैं कि पद रिक्त नहीं हैं। आदर्श शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रुद्र प्रभाकर मिश्र का कहना है कि जिले में 3428 पद रिक्त हैं, इन पदों पर 2011 बैच तक के शिक्षकों की पदोन्नति हो सकती है। सरकार की ओर से पदोन्नति के नियम में ढील दिए जाने के बाद भी सबी बीएसए मनमानी पर उतारू हैं। बीएसए ने विद्यालयों आवंटन में भी मनमानी की है। इस कारण से पदोन्नति के बाद भी कुछ शिक्षकों ने ज्वाइनिंग से मना कर दिया। प्राथमिक शिक्षकों ने 31 जनवरी तक पदोन्नति पर निर्णय नहीं होने की दशा में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।
[4:42am, 1/25/2016] ✒अनुज सैनी🇮🇳NEWS WORLD✒: -

सीधी भर्ती पर होगा आयोग का जोर
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस और लोअर सबार्डिनेट जैसी बड़ी परीक्षाओं के आयोजन के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब सीधी भर्ती की परीक्षाओं पर फोकस करेगा। इसके लिए तैयारियां पूरी हैं और आयोग में चल रहे साक्षात्कार पूरे होने के बाद ही इसमें तेजी आ जाएगी। रिक्त पदों के लिए अधियाचन भेजने का आग्रह आयोग विभागों से पहले ही कर चुका है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सदस्य संक्या पूरी होने की स्थिति में साल में लगभग पचास से अधिक सीधी भर्ती की परीक्षाएं आयोजित कराता है। अनिल यादव की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद के बाद सीधी भर्ती वाली परीक्षाएं लगभग ठहर सी गई थीं। कार्यकारी अध्यक्ष डा. सुनील कुमार जैन ने इसकी शुरुआत तो कराई लेकिन अभी इसमें अपेक्षित तेजी नहीं आ सकी है। हालांकि चिकित्सा विभाग के कई पदों के परिणाम पिछले एक महीने में जारी किए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार अब इसमें तेजी लाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि डा. अनिल यादव के कार्यकाल में लगभग दो सौ परीक्षाएं हुई थीं। उनकी ओर से इस आशय का हलफनामा भी हाईकोर्ट में दिया गया था। हालांकि उनके कार्यकाल में अनियमितताओं के भी तमाम आरोप लगे थे। इस बार आयोग व्यवस्था को पारदर्शी रखने के साथ ही कुछ नियमों में बदलाव भी कर रहा है। इसी कड़ी में ऑफलाइन आवेदन भी मांगे जा रहे हैं। आयोग से जुड़े लोगों के अनुसार यदि प्रक्रिया पटरी पर आ गई तो लगभग एक हजार पद भरे जा सकेंगे। इनमें सबसे अधिक पद चिकित्सा शिक्षा विभाग के ही हैं। वैसे आयोग की एक बड़ी समस्या इस विभाग के अनारक्षित पदों को न भरा जाना है। हाल ही में घोषित किए गए परीक्षा परिणाम में भी कार्डियोलॉजी और रेडियोलॉजी में आरक्षित वर्ग के कई पद रिक्त रह गए हैं।

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यूपीपीएससी में फिर शुरू हुई आरक्षण की मांग
इलाहाबाद (ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव में अभी एक साल से भी अधिक समय बाकी है, लेकिन आरक्षण के मुद्दे को गरमाने की तैयारी फिर शुरू हो गई है। सामाजिक न्याय मोर्चा की ओर से रविवार को आयोजित आरक्षण चेतना सम्मेलन में लोक सेवा आयोग की भर्तियाें में त्रिस्तरीय आरक्षण समेत छह सूत्रीय मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की गई। निर्णय लिया गया कि अगला आरक्षण चेतना सम्मेलन वाराणसी में आयोजित होगा। विज्ञान परिषद में आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने घोषणा की कि त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को विधेयक पारित करने के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। वक्ताओं ने जजों की नियुक्ति में आबादी के अनुपात में 85 फीसदी प्रतिनिधित्व, प्रमोशन में आरक्षण, ओबीसी के लिए क्रीमीलेयर का प्रावधान खत्म करने, पिछड़ी जाति के जनगणना के आंकड़े प्रकाशित करने की मांग उठाई। मुख्य वक्ता न्यायमूर्ति रविंद्र सिंह ने नौकरियों में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व कम होने का मुद्दा उठाया। न्यायमूर्ति ने त्रिस्तरीय आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के फैसले को उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय आरक्षण वापस लेने का सरकार का निर्णय एकदम उचित था, क्योंकि, यदि हाईकोर्ट द्वारा त्रिस्तरीय आरक्षण को रद्द किया जाता तो भविष्य में सरकार कभी भी इस संबंध में कानून नहीं बना पाती, इसलिए सरकार द्वारा स्वयं आयोग के इस फैसले को रद्द करने का फैसला अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में है। बीएचयू के प्रोफेसर ओमशंकर ने दलितों, पिछड़ों के हक के लिए व्यापक रणनीति बनाकर आंदोलन की बात कही। सम्मेलन में हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र की आत्महत्या प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की गई। साथ में दो मिनट का मौन रखकर मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। मनोज यादव ने छह सूत्रीय मांग का प्रस्ताव रखा। रमाधार यादव ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। संचालन जीपी यादव ने किया। सम्मेलन में डॉ.धनंजय, अजीत यादव, पीसी कुरील, पंचम लाल, धीरेंद्र, अविनाश विद्यार्थी, संदीप यादव, राजेश भारती आदि शामिल रहे।
सामाजिक न्याय मोर्चा के आरक्षण चेतना सम्मेलन में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा


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प्रमोशन में पिछड़े यूपी के आईएफएस अफसर
अपने ही बनाए नियमों का पालन नहीं कर रही राज्य सरकार
अजीत बिसारिया
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अफसर पदोन्नति पाने में काफी पीछे रह गए हैं। नियम है कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के जिस बैच के अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है, उससे एक साल सीनियर बैच के आईएफएस अफसरों को भी समकक्ष पद पर पदोन्नति दे दी जाए, लेकिन यहां आईएफएस अफसर 6-7 साल पीछे चल रहे हैं।
स्थिति यह है कि पदोन्नति में बैच के लिहाज से महानिदेशक (डीजी) व प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) में तीन वर्ष, एडीजी व एपीसीसीएफ में सात वर्ष, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) व मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) में 9 वर्ष और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) व वन संरक्षक (सीएफ) में पांच वर्ष का अंतर है, जबकि यह अंतर एक वर्ष से अधिक का नहीं होना चाहिए।
अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी में आईएफएस अफसरों की स्थिति और भी खराब है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 1989-1991 बैच के आईएफएस अधिकारियों को अपर प्रमुख वन संरक्षक का पद मिल चुका है। 1996 बैच तक के अधिकारी मुख्य वन संरक्षक बन चुके हैं।
सूबे के आईएफएस अधिकारियों का कहना है कि आईपीएस से एक साल सीनियर बैच के आईएफएस अफसर को समकक्ष पद पर रखने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के स्तर से अनुमोदन मिला है, लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा। पदोन्नति का हकदार होने के बावजूद उच्चतर पद का वेतनमान तक नहीं दिया जा रहा है। इससे आईएफएस अफसरों में हीनता की भावना पैदा हो रही है। पदोन्नति में देरी को लेकर भारतीय वन सेवा एसोसिएशन भी विभिन्न फोरम पर अपना ऐतराज दर्ज करा चुकी है।
क्या कहता है नियम
नियम कहता है कि भारतीय पुलिस सेवा, उत्तर प्रदेश संवर्ग के जिस बैच के अधिकारियों को पदोन्नति मिली है, उससे एक बैच पहले के भारतीय वन सेवा के पदाधिकारी को भी समकक्ष पद पर पदोन्नति दी जानी चाहिए। यानी, 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अगर डीजी बन चुके हैं, तो 1984 बैच के आईएफएस अफसर पीसीसीएफ का पद पाने के हकदार हैं।
आईपीएस और आईएफएस अफसरों की पदोन्नति की तुलनात्मक स्थिति
समकक्ष पदआईपीएसआईएफएस
डीजी/पीसीसीएफ19851982
एडीजी/एपीसीसीएफ19911984
आईजी/सीसीएफ19981989
डीआईजी/सीएफ20021997


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संगीत प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी को लेकर असमंजस में स्कूली विद्यार्थी
परीक्षा दें या संगीत सुनाएं!
आलोक पराड़कर
लखनऊ। संगीत सीखने वाले स्कूली विद्यार्थी असमंजस में हैं कि वे उन कक्षाओं की परीक्षा दें जिनमें अध्ययनरत हैं या फिर संगीत में अपनी प्रतिभा साबित करने के लिए संगीत प्रतियोगिताओं में हिस्सा लें। दरअसल उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने ऐसे समय संभागीय और प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिताएं रखी हैं, जो परीक्षाओं का सीजन होता है।
प्रथम चरण में अकादमी की संभागीय प्रतियोगिताएं शुरू हो गई हैं, जो 18 मार्च तक चलेंगी। लखनऊ में संभागीय प्रतियोगिता 18 मार्च को होनी है। संभागीय प्रतियोगिता में विजयी रहने वाले प्रतिभागियों के बीच प्रादेशिक स्तर की प्रतियोगिता 25 से 28 मार्च तक राजधानी लखनऊ में होगी। 29 मार्च को लखनऊ में ही होने वाले उल्लास उत्सव में विजेताओं की प्रस्तुति और पुरस्कार वितरण होगा।
इस बीच बहुत सारे विद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं।
वहीं यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 18 फरवरी से, आईसीएसई की 22 फरवरी से और सीबीएसई की परीक्षाएं एक मार्च से शुरू हो रही हैं। इसी प्रकार विद्यालयों की अन्य कक्षाओं की अपनी परीक्षाएं भी फरवरी-मार्च में होती हैं। ऐसे में संगीत सीखने वाले बाल, किशोर और युवा कलाकार और प्रशिक्षु दुविधा में हैं कि वे स्कूली परीक्षाएं दें, उनकी तैयारी करें या अकादमी की संगीत प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी निभाएं। ऐसे में बड़ी संख्या में संगीत सीखने वाले किशोर और युवा इन संगीत प्रतियोगिताओं से किनारा कर सकते हैं।
चार दशक से हो रहीं संगीत प्रतियोगिताएं ः
वर्ष 1975 से आयोजित हो रहीं इन संगीत प्रतियोगिताओं को काफी प्रतिष्ठापरक माना जाता है। आठ से 30 वर्ष की उम्र के प्रतिभागियों के लिए संगीत की नौ श्रेणियों में ये प्रतियोगिताएं होती हैं। पहले संभागीय प्रतियोगिताएं जिला या नगर स्तर पर होती हैं। फिर इनके विजेताओं के बीच प्रादेशिक स्तर पर लखनऊ में प्रतियोगिताएं होती हैं।


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अनुदानित कॉलेजों के शिक्षकों को मिला आश्वासन
लखनऊ। प्रदेश के अनुदानित महाविद्यालयों के अनुमोदित शिक्षकों ने रविवार को विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा मुख्यालय के सामने धरना दिया। सुबह से धरना दे रहे शिक्षकों को हटाने केलिए पुलिस ने भी काफी प्रयास किया, लेकिन शिक्षक नहीं माने। बाद में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने शिक्षकों के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को अंदर बुलाकर बातचीत की। अनुदानित महाविद्यालय व विवि स्ववित्त पोषित अनुमोदित शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. केएस पाठक ने बताया कि शिक्षकों की समस्याओं से अवगत होने के बाद सपा मुखिया ने प्रदेश के अनुदानित महाविद्यालयों के अनुमोदित शिक्षकों को जल्द ही नियमित कराने का आश्वासन दिया है। पाठक ने बताया कि सपा सुप्रीमो ने इस संबंध में फोन से मुख्यमंत्री से भी बात की और कहा कि 331 अनुदानित कॉलेजों के स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों को अनुदान में लेकर कार्यरत अनुमोदित अध्यापकों को जल्द नियमित किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. पुष्पलता, डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. दिलीप शुक्ला लोग शामिल थे।


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शिक्षकों का पीएफ न काटने पर रोष
लखनऊ। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन की बैठक में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त 2.5 लाख शिक्षकों का पीएफ न काटने व पेंशन योजना का लाभ न दिए जाने पर नाराजगी जताई गई। प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह व महामंत्री आशुतोष मिश्र ने कहा कि इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके खिलाफ फरवरी-मार्च में आंदोलन किया जाएगा।
[4:46am, 1/25/2016] ✒अनुज सैनी🇮🇳NEWS WORLD✒: -

व्यावसायिक कॉलेजों के लिए फीस निर्धारण का बदलेगा फॉर्मूला
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। व्यावसायिक कॉलेजों की फीस तय करने के लिए प्रदेश सरकार ने फॉर्मूले में बदलाव किया है। इसके तहत अब इन कॉलेजों की बैलेंस शीट की क्रॉस चेकिंग होगी और महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में लागू फीस स्ट्रक्चर को आधार मानकर सूबे में भी फीस निर्धारित की जाएगी।
अब तक हर तीन साल के लिए फीस निर्धारण सिर्फ कॉलेज प्रबंधनों द्वारा शासन को उपलब्ध कराई गई बैलेंस शीट के आधार पर कर दिया जाता है। लिहाजा कॉलेज संचालक मनमाफिक बैलेंस शीट तैयार करवाकर शासन को भेज देते हैं। इसमें वास्तविक खर्च को अधिक दिखाकर उसके आधार पर फीस का निर्धारण करवा लेते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि कॉलेज संचालकों को जहां अधिक मुनाफा मिलने लगता है, वहीं छात्रों की जेब अधिक ढीली होती है। इस तरह की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए ही सरकार ने इस बार फीस निर्धारण की प्रक्रिया में बदलाव किया है । इस संबंध में शासन स्तर पर गठित फीस निर्धारण समिति की 23 जनवरी को हुई मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है कि कुछ व्यावसायिक कॉलेजों की बैलेंस शीट की क्रॉस चेकिंग कर यह देखा जाएगा कि उनके दिखाये गए खर्च वास्तविक हैं या नहीं। वहीं कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं का भौतिक सत्यापन भी कराया जा सकता है। इस बात पर भी सहमति बनी है कि महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में निर्धारित फीस के ढांचे को भी आधार बनाया जाए। फीस निर्धारण समिति का कोई सदस्य जल्द ही इन तीनों प्रदेशों में लागू फीस स्ट्रक्चर का अध्यन करेगा। प्रक्रिया में बदलाव के चलते सूबे के व्यावसायिक कॉलेजों के लिए नए फीस ढांचे की घोषणा अगले महीने होने की संभावना है।


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अवर अभियंताओं को मिलेगा
4800 ग्रेड पे
लखनऊ (ब्यूरो)। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष एके गुप्ता ने कहा कि 4800 रुपये ग्रेड पे की अवर अभियंताओं की मांग जायज है। इसको पूरा करवाने के लिए वे शासन स्तर पर हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने अवर अभियंताओं से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने का आह्वान भी किया। वे रविवार को उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के 94वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विभाग की छवि अवर अभियंताओं के गुणवत्तापूर्ण कामों से ही निर्धारित होती है। प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन सलेक चंद्र ने कहा कि अवर अभियंताओं ने गुणवत्तापूर्ण कार्य करके कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस परंपरा को बनाए रखना चाहिए। वहीं संघ के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि अवर अभियंता पूरी इमानदारी से अपना काम करते हैं। यही वजह है कि महत्वपूर्ण कामों के लिए लोक निर्माण विभाग को ही याद किया जाता है । उन्होंने अवर अभियंताओं को गैर तकनीकी काम में लगाने पर नाराजगी जताई। कहा, जल्दी ही यह सिलसिला नहीं रुका तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। स्थापना दिवस समारोह में सेवानिवृत्त अवर अभियंताओं को शॉल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इंजीनियर विश्वनाथ त्रिपाठी को संघ रत्न से सम्मानित किया गया।
पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष बोले- शासन में रखेंगे बात
स्थापना दिवस समारोह में गैर तकनीकी कार्यों में लगाने पर जताई गई नाराजगी



NEWS WORLD✒: -

मानदेय नहीं मिलने पर शिक्षक करेंगे बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार की ओर से वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को मानदेय की घोषणा में हो रही देरी ने शिक्षकों को नाराज कर दिया है। वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों के अलग-अलग समूहों ने मानदेय के लिए प्रदेश सरकार के बजट में कोई प्राविधान नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की है। प्रदेश भर के वित्तविहीन शिक्षकों ने 28 जनवरी तक मानदेय के बारे में फैसला नहीं होने पर यूपी बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
प्रदेश सरकार ने 2015 में बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले शिक्षकों की अनेक मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। उन्हीं मांगों में से एक मांग मानदेय की घोषणा करना भी था। सरकार ने शिक्षकों की कई मांगें मूल्यांकन पारिश्रमिक सहित कई अन्य तो पूरा कर दिया परंतु मानदेय के बारे में आंकड़ा जुटाने के बाद भी घोषणा नहीं की गई। वित्तविहीन शिक्षकों का कहना है कि सरकार की ओर से जनवरी से मानदेय देने की घोषणा की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार के बजट में मानदेय के लिए धन की व्यवस्था नहीं किए जाने से शिक्षकों ने सरकार से दो-दो हाथ करने की घोषणा की है। शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार की घोषणा के साथ ही 29 जनवरी को विद्यालय बंद करके लखनऊ में विधानसभा के घेराव की घोषणा की है।
स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कल्याणी देवी में वित्तविहीन शिक्षकों की एक बैठक विद्याधर द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई, इसमें प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही वादाखिलाफी पर आक्रोश व्यक्त किया गया।
बैठक में वित्तविहीन शिक्षकों से 29 जनवरी को लखनऊ पहुंचने की अपील की गई। बैठक में प्रबंधक महासभा के सुनील पांडेय, प्रदेश प्रधानाचार्य महासभा के चंद्रिका प्रसाद त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट के जिलाध्यक्ष ननकेश बाबू ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। वित्तविहीन शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मानदेय देने पर निर्णय नहीं हुआ तो वह परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। ऐसे में वित्तविहीन शिक्षकों के सहयोग के बिना सरकार को बोर्ड परीक्षा से जुड़ा कोई काम करना संभव नहीं होगा।
बजट में मानदेय की व्यवस्था न करने पर जताई नाराजगी
[4:46am, 1/25/2016] ✒अनुज सैनी🇮🇳NEWS WORLD✒: -

कैमरे की निगरानी में होगी एमबीबीएस परीक्षा
कानपुर (ब्यूरो)। छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस फाइनल पार्ट-द्वितीय प्रोफ (सप्ली) की परीक्षाएं 11 फरवरी से शुरू होंगी। 22 फरवरी तक चलने वाली परीक्षाएं सुबह 10 से 1 बजे तक कराई जाएंगी। परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होंगी। यूनिवर्सिटी के पर्यवेक्षक भी तैनात रहेंगे।
यूनिवर्सिटी से संबद्ध जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, सैफई मेडिकल कॉलेज इटावा और मेजर एसडी सिंह मेडिकल कॉलेज फर्रुखाबाद की एमबीबीएस फाइनल परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. टीबी सिंह ने बताया कि 11 फरवरी को मेडिसिन फर्स्ट और 12 फरवरी को मेडिसिन सेकेंड का पेपर होगा।
15 फरवरी को सर्जरी फर्स्ट और 16 फरवरी को सर्जरी सेकेंड की परीक्षा कराई जाएगी। 18 फरवरी को ओबस्ट एंड गायनाकोलॉजी फर्स्ट और 19 को सेकेंड पेपर होगा। 22 फरवरी को पिडियाट्रिक्स ए और बी की परीक्षा कराई जानी है। परीक्षा में सभी तरह के इलेक्ट्रानिक्स गैजेट (मोबाइल फोन, कैलकुलेटर और पेजर) का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा।


NEWS WORLD✒: -

2017 तक सूबे में बढ़ जाएंगी एमबीबीएस की 500 सीटें
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में दो चिकित्सा संस्थान और दो मेडिकल कॉलेज 2017 से शुरू हो जाएंगे। इससे सूबे में एमबीबीएस की 500 सीटें और बढ़ जाएंगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने टाइम लाइन सेट कर दिया है। इसी के अनुसार काम भी शुरू किया गया है। वहीं, इस साल बांदा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यहां एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी।
सीएम अखिलेश यादव की कैबिनेट ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा में आयुर्विज्ञान संस्थान को मंजूरी दी थी। यहां एमबीबीएस की 150 सीटें होंगी लेकिन पढ़ाई 2017 से ही शुरू हो पाएगी। अभी फैकल्टी रखने से लेकर कई सारे इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने हैं। इसके बाद एमसीआई में एमबीबीएस की मान्यता के लिए आवेदन किया जाएगा। साथ ही नजदीक के किसी विश्वविद्यालय से संबद्धता ली जाएगी।
वहीं, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में भी 2017 से ही पढ़ाई शुरू हो पाएगी। यहां लोहिया अस्पताल के विलय का निर्णय काफी पहले हो चुका है लेकिन इसकी औपचारिकता पूरी होने में अभी समय लगेगा। यहां भी एमबीबीएस की 150 सीटें उपलब्ध रहेंगी। इसी प्रकार जौनपुर व बदायूं मेडिकल कॉलेज भी अगले वर्ष से शुरू हो जाएंगे। यहां भी एमबीबीएस की पढ़ाई 2017 से शुरू हो जाएगी।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनूप चन्द्र पांडेय ने बताया कि विभाग ने मेडिकल कॉलेज शुरू करने का टाइम लाइन सेट कर दिया है। इसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इन संस्थानों में हर काम समय पर करने के निर्देश दिए गए हैं। एमसीआई में भी समय से आवेदन करने के लिए कह दिया गया है।
कहां कितनी सीटें
ग्रेटर नोएडा आयुर्विज्ञान संस्थान-150
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ -150
जौनपुर राजकीय मेडिकल कॉलेज-100
बदायूं राजकीय मेडिकल कॉलेज-100
दो नए मेडिकल कॉलेज व दो संस्थानों में अगले साल शुरू होगी पढ़ाई
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में 150 सीटें होंगी
[4:46am, 1/25/2016] ✒अनुज सैनी🇮🇳NEWS WORLD✒: -

मॉक टेस्ट से जाने कैसें दें जेईई मेन ऑनलाइन परीक्षा
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। आगामी अप्रैल में होने वाली जेईई-मेन की परीक्षा में अगर आप पहली बार शामिल होने जा रहे है। आपने ऑनलाइन परीक्षा देने का विकल्प चुना है। इस पूरी परीक्षा प्रक्रिया की जानकारी के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) मॉक टेस्ट की सुविधा दे रही है। इससे आप परीक्षा की प्रक्रिया के साथ पैटर्न भी समझ पाएंगे। साथ ही सीबीएसई आवेदकों को अपने फॉर्म में बदलाव की सुविधा भी दे रहा है।
बीते साल सीबीएसई ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था। इसकी सफलता को देखते हुए इसे इस बार भी लागू किया गया है। छात्रों को मॉक टेस्ट देने के लिए www.jeemain. nic.in पर जाना होगा। जहां होमपेज पर ही मॉक टेस्ट का विकल्प मिलेगा, जिसमें ऑनलाइन टेस्ट की पूरी प्रक्रिया के साथ परीक्षा के पैटर्न पर आधारित प्रश्नपत्र भी मिलेंगे।
बताते चलें कि जेईई-मेन की आगामी परीक्षा अप्रैल में होनी है। बीई और बीटेक के लिए ऑफलाइन परीक्षा 03 अप्रैल को होगी। इसके बाद ऑनलाइन परीक्षा 9-10 अप्रैल के बीच आयोजित होगी। ऑनलाइन परीक्षा देने में किसी भी तरह की समस्या न हो इस लिए मॉक टेस्ट की सुविधा दी गई है।
फॉर्म में बदलाव की सुविधा 31 जनवरी तक
सीबीएसई ने अप्रैल में होने वाली जेईई-मेन की परीक्षा में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराने वाले छात्रों को अपने ऑनलाइन फॉर्म में बदलाव की सुविधा भी दी है। यह सुविधा 22 जनवरी से 31 जनवरी तक ही मिलेगी। छात्र इस दौरान सीबीएसई की वेबसाइट पर जाकर अपने फॉर्म में बदलाव कर सकते है। हालांकि इसमें बेसिक जानकारी में ही बदलाव की सुविधा मिलेगी। वह तीन चीजों के साथ बिल्कुल छेड़छाड़ नहीं कर सकते है जिसमें परीक्षा के लिए चुना गया सेंटर और मोड ऑफ एग्जामिनेशन मसलन अगर ऑनलाइन या ऑफलाइन का जो विकल्प पहले चुन चुके है वही विकल्प आपके पास रहेगा।
बीते साल पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुई थी मॉक टेस्ट की सुविधा

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