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Thursday, July 31, 2014

UPTET शिक्षक भर्ती में 12 तक ठीक करनी होंगी गलतियां

UPTET शिक्षक भर्ती में 12 तक ठीक करनी होंगी गलतियां

 





लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए जिलेवार आए प्रत्यावेदनों के आधार पर 12 अगस्त तक गलतियां सुधारी जाएंगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने इस संबंध में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को निर्देश दे दिया है। उनसे कहा गया है कि गलतियां ठीक करने के लिए नेशनल इंफारमेटिक सेंटर (एनआईसी) से तैयार किए गए साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि एक जिले में गलतियां ठीक होने के साथ ही सभी स्थानों पर ठीक हो जाएं
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीईटी मेरिट के आधार पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलेवार आए आवेदनों में गलती सुधारने के लिए अभ्यर्थियों से दो चरणों में पहले 7 जुलाई फिर 21 जुलाई तक प्रत्यावेदन मांगे। विभागीय जानकारों की मानें तो 70 लाख से भी अधिक प्रत्यावेदन जिलों को प्राप्त हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में आए प्रत्यावेदनों के आधार पर डायट प्राचार्यों को मूल प्रत्यावेदन ठीक करने हैं।
इसके लिए एनआईसी से एक विशेष साॅफ्टवेयर तैयार कराया गया है। एससीईआरटी ने इस साॅफ्टवेयर को जिलों को भेज दिया है और वेबसाइट पर भी डाल दिया है। डायटों में इस साॅफ्टवेयर के माध्यम से गलतियां ठीक की जाएंगी। इसके लिए 12 अगस्त का समय दिया गया है। इसके बाद शिक्षक भर्ती के लिए मेरिट बनाने का काम होगा। मेरिट बनने के बाद जिलेवार काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी।



News Sabhaar : Amar Ujala (31.7.14)

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टीईटी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

UPTET  टीईटी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन







 


लखनऊ : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में विभिन्न मांगों को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों ने बुधवार को एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों के अनुसार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बहुत से अभ्यर्थी फर्जी मार्कशीट के सहारे हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें प्रक्रिया से बाहर किया जाना चाहिए। टीईटी-2011 का रिजल्ट सभी डायटों को भेज जाना चाहिए। इससे फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा। वहीं एससीईआरटी को 12 अगस्त के आगे का शेड्यूल भी जारी करना चाहिए ताकि अभ्यर्थियों के अंदर शिक्षक भर्ती को लेकर भ्रम दूर हो सके। कहा कि यदि सरकार ने 31 अगस्त तक भर्ती प्रक्रिया नहीं पूरी की तो हम सब उन्हें अवमानना नोटिस देंगे

News Sabhaar : Amar Ujala (31.7.14)

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UP Recruitment News :खाद्य विभाग में 40 साल वाले भी कर सकेंगे आवेदन

UP Recruitment News :खाद्य विभाग में 40 साल वाले भी कर सकेंगे आवेदन
भर्ती नियमावली में बदलाव, पदों के नाम बदले, वेतन भी बढ़ा


लखनऊ। खाद्य रसद विभाग ने विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए भर्ती नियमावली में बदलाव कर दिया है। साथ ही नौकरी के लिए आवेदन की अधिकतम उम्र सीमा 32 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी है। न्यूनतम आयु सीमा पहले की तरह 21 वर्ष ही रहेगी। अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित श्रेणियों के आवेदकों को सरकारी नियमों के तहत अधिकतम आयु सीमा में पूर्ववत छूट मिलती रहेगी। इसी के साथ पदनाम में भी बदलाव कर दिया है और अभी तक समकक्ष पदनाम में काम कर रहे अधिकारियों का वेतन भी बढ़ाने का फैसला किया है। कुछ संवर्गों में पदों की संख्या भी बढ़ाई गई है। प्रमुख सचिव बीएम मीना ने बताया कि नई नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है।
अब यूं होगी व्यवस्था : उप संभागीय विपणन अधिकारी अब जिला खाद्य विपणन अधिकारी कहलाएंगे। इनके मौजूदा 55 पदों को बढ़ाकर 73 कर दिया गया है। इनमें 5 पद अस्थाई प्रकृति के निर्धारित किए गए हैं। संभागीय विपणन अधिकारी/ उप संभागीय खाद्य नियंत्रकों का पदनाम अब संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी होगा। इनके 18 पद निर्धारित किए गए हैं। पहले इनके 21 पद थे। पर, मंडलों की संख्या 18 ही होने के नाते पदों की संख्या नए सिरे से निर्धारित की गई है। संभागीय खाद्य नियंत्रकों के पद में अभी तक दो पद विभागीय कोटे के थे। नई नियमावली में इन्हें बढ़ाकर आठ कर दिया गया है।
अब दो वर्ष पर ही मुख्य विपणन अधिकारी पद : राज्य मुख्यालय पर तैनाती वाले मुख्य विपणन अधिकारी के पदनाम और संख्या मेें कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह पद पहले की तरह एक ही रहेगा। अलबत्ता इस पद पर पदोन्नति के लिए संभागीय खाद्य नियंत्रक (विभागीय), संभागीय विपणन अधिकारी और उप संभागीय खाद्य नियंत्रक के रूप में सात वर्ष की सेवा पूरी करने की शर्त हटा ली गई है। अब संभागीय खाद्य नियंत्रक (विभागीय) के पद पर दो वर्ष की सेवा पूरी कर लेने वाले भी मुख्य विपणन अधिकारी पद पर पदोन्नति के पात्र माने जाएंगे।
वेतनमान में बदलाव :-

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Wednesday, July 30, 2014

TET EXAM IS MANDATORY FOR SHIKSHA MITRA

शिक्षामित्रों के लिए टीईटी जरूरी'
TET EXAM IS MANDATORY FOR SHIKSHA MITRA




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इलाहाबाद : प्रदेश सरकार भले ही बड़े पैमाने पर शिक्षामित्रों का समायोजन कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन मंत्रालय और शैक्षिक संस्थान प्रदेश सरकार के इस कदम से सहमत नहीं है। एनसीटीई ने जन सूचना के जवाब में कहा है कि शिक्षामित्रों को भी टीईटी की परीक्षा से गुजरना होगा। इन टिप्पणियों से भले ही अभी नियुक्ति प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन कोर्ट में जो याचिकाएं लंबित हैं, इससे संघर्ष समिति को बल मिलना तय है।

प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए बीते 19 जून को शासनादेश जारी किया था। इस प्रक्रिया में शिक्षकों की नियुक्ति की नियमावली भी बदली गई है। उसके आधार पर जुलाई महीने में जनपदवार शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग हुई और विकल्प मांगे जा रहे हैं। 58 हजार शिक्षामित्रों को 31 जुलाई तक नियुक्ति पत्र दिया जाना है। उधर, बीटीसी संघर्ष समिति और टेट मोर्चा उत्तर प्रदेश ने समायोजन की इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। बताते हैं कि इस प्रकरण में तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। वैसे कोर्ट ने अभी तक समायोजन प्रक्रिया को रोका नहीं है

इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी एक जनसूचना के जवाब में स्पष्ट किया है कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति में टीईटी करवाना जरूरी है, इसमें यूपी सरकार को कोई राहत नहीं दी गई है। मंत्रालय के साथ ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई ने भी इस पर मुहर लगायी है। मथुरा के तालाब शाही कोसीकलां निवासी ब्रजेश कुमार को जनसूचना के जवाब में एनसीटीई ने स्पष्ट किया है कि शिक्षामित्रों को भी टीईटी की परीक्षा से गुजरना होगा।

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ASSAM TET : Time Schedule for Special TET for High School Level , 2014 , Assam

ASSAM TET : Time Schedule for Special TET for High School Level , 2014 , Assam

LAST DATE : 11 AUGUST 2014




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How to Apply :
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देश की न्यायपालिकाएँ / INDIAN JUDICIARY SYSTEM

देश की न्यायपालिकाएँ / INDIAN JUDICIARY SYSTEM

अगर हमारे देश में त्वरित और अच्छे न्याय मिलने लगें तो भ्रस्टाचारियों पर तेजी से लगाम लगेगी ।

जो भी गलत काम करे , शासन के कार्यों में लापरवाही बरते उसको कुछ दंड अवश्य मिले , इस से स्वत : ही भृष्टाचार कम होने लगेगा ,और अच्छा व्यवस्था परिवर्तन आएगा ।


दुखद स्थति तब होती है , जब न्याय पाने के लिए सालों लग जाते हैं ऐसे में न्याय का महत्व कम हो जाता है , और अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं
 

 न्यायपालिकाओं में भी हम जैसे इंसान ही काम करते हैं और न्यायाधीश हम इंसानो के बीच से ही चुन कर आते हैं , उनसे भगवान / न्याय के देवता जैसी कल्पना तो नहीं की जा सकती

लेकिन देश की व्यवस्था में कुछ ऐसा होना चाहिए , जिस से न्याय देने की समय सीमा तय हो और यह केस के समय ही बता दिया जाये ,
यदि विशेष परिस्थतियों में समय बढ़ाया जाये तो उसका कारण भी बताया जाये ।

अगर न्याय पालिकाओं की जवाब देही तय हो जाये तो शायद त्वरित और अच्छे न्याय समय के साथ मिलने लगें |

निचली अदालतों में फैसले त्वरित हों , उसके बाद तो ऊपरी अदालतें भी हैं , इस से याची को फोरी राहत तो मिल सकती है |
यह  देश में व्यवस्था परिवर्तन के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है



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UP-TET 2011असली-नकली ‘सीडी’ में फंसी नौकरी अकबरपुर पुलिस ने एजेंसी को अभी नहीं दी अंकपत्रों की सीडी

UP-TET 2011असली-नकली ‘सीडी’ में फंसी नौकरी
अकबरपुर पुलिस ने एजेंसी को अभी नहीं दी अंकपत्रों की सीडी




 

 इलाहाबाद : अफसर असली-नकली सीडी का खेल खेल रहे हैं। ऐसे में टीईटी-2011 में शामिल अभ्यर्थियों की नौकरी पाने की उम्मीदें अभी परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। अंक पत्र का पेंच अब भी फंसा है। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद भी अकबरपुर पुलिस ने एजेंसी से जब्त की गई अंक पत्रों की सीडी सौंपी नहीं है। वहीं पर पूर्व सचिव ने माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय को जो सीडी सौंपी है उसे प्रामाणिक नहीं बताया जा रहा। इससे मामला सुलझने के बजाय निरंतर उलझता ही जा रहा है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 करवाई थी। 1 परीक्षा के बाद छात्रों को अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र मंडल स्तर पर शिक्षा विभाग के कार्यालयों से बांटे गए थे। तमाम अभ्यर्थियों को अंक पत्र व प्रमाणपत्र मिले तो कईयों को नहीं मिल पाए। जिन्हें मिले भी उनमें जन्मतिथि, पिता का नाम, अंक, पता आदि की तमाम गड़बड़ियां थीं। यही नहीं कई अभ्यर्थियों के अंकपत्र कहीं गिर गए थे। ऐसे में हजारों की तादात में अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय में गलतियां ठीक कराने व नए अंक पत्र पाने के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाथ में कुछ करने के लिए नहीं है, क्योंकि टीईटी परीक्षा में हुई धांधली पर कानपुर देहात यानी अकबरपुर पुलिस ने सारे अभिलेख सीज कर दिए थे और एजेंसी से अंक पत्र की सीडी लेकर जब्त कर दी थी। परिषद द्वारा नया अंक पत्र न देने से अभ्यर्थियों में गुस्सा रहा और कईयों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अंकपत्र में गड़बड़ी के हजारों मामले सामने आने पर शासन ने भी मौजूदा और पूर्व माध्यमिक शिक्षा सचिव को तलब करके बातचीत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। बताते हैं कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2011 की तत्कालीन सचिव ने एक सीडी विभाग को सौंपी है लेकिन लिखकर दिया है कि यह प्रामाणिक नहीं है। 1 हाईकोर्ट ने एक अभ्यर्थी की अर्जी पर निर्णय दिया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद या तो उसे अंक पत्र मुहैया कराए अथवा सचिव परिषद और सीओ अकबरपुर पुलिस व्यक्तिगत रूप से 30 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होकर स्थिति स्पष्ट करें। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अकबरपुर पुलिस को पत्र भेजकर कोर्ट के निर्देश से अवगत कराया जिस पर गतिविधियां कुछ तेज हो गईं। पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि एजेंसी को वह जब्त सीडी उपलब्ध करा देगी लेकिन अभी तक यह कार्रवाई नहीं हुई है और हाईकोर्ट में हाजिर होने की तिथि निकट आ गई है। अब देखना है कि क्या होता है। स्थिति जो भी हो लेकिन जिनके अंक पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद में फंसे हैं उनकी नौकरी पर जरूर बन आई है



News Sabhaar : Jagran (30.7.14)
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UPTET / Shiksha Mitra : टीईटी की अनिवार्यता से शिक्षामित्रों में मायूसी

UPTET / Shiksha Mitra : टीईटी की अनिवार्यता से शिक्षामित्रों में मायूसी
Shiksha Mitra Who worked like temporary / guest teacher having fear of TET necessity as
 UP Govt. appointed them on 9300-4200-34800 pay scale with condition of final decision in Allahabad High Court.




 

शिक्षामित्रों को डर है कि कहीं खुशियां काफूर न हो जाएं। कारण कि तमाम शिक्षामित्र मानते हैं कि टीईटी की परीक्षा पास कर लेना उनके वश की बात नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि टीईटी की फांस नियुक्ति में न रहे


फतेहपुर: मानदेय के आधार पर नौकरी कर सहायक अध्यापक की मोटी पगार वाली नौकरी से शिक्षामित्र खुशी के मारे फूले नहीं समां रहे हैं। टीईटी अनिवार्यता को लेकर इनमें कहीं खुशी कहीं गम का माहौल व्याप्त है। शासनादेश के मुताबिक नियुक्ति पत्र पा रहे तमाम शिक्षामित्र खुद मानते हैं कि अगर टीईटी अनिवार्य हो गई तो खुशियां काफूर हो सकती है।
जिले में प्रथम बैच के 1013 शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग पूरी हो गई है। आधे शिक्षामित्रों ने विकल्प पत्र भी भर दिए हैं। 31 जुलाई के पहले इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने के शासनादेश के अनुपालन में शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है। नियुक्ति पत्र में हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले का हवाला शिक्षामित्रों की नींद उड़ाए था। एक बार फिर टीईटी की अनिवार्यता ने इनके नींद दो गुना हराम कर दी है। बतातें चलें शिक्षामित्रों का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिसके चलते शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने के नियुक्ति पत्र में हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर नियुक्तियां तय होंगी का जिक्र किया जा रहा है। टीईटी को लेकर संगठन कुछ कह रहा है तो प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट और शासनादेश के अनुपालन की दुहाई दे रहे हैं। कुल मिलाकर शिक्षामित्रों के सामने स्पष्ट तस्वीर उभरकर सामने नहीं आ पा रही है। शिक्षामित्रों को डर है कि कहीं खुशियां काफूर न हो जाएं। कारण कि तमाम शिक्षामित्र मानते हैं कि टीईटी की परीक्षा पास कर लेना उनके वश की बात नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि टीईटी की फांस नियुक्ति में न रहे




News Sabhaar : Jagran (30.7.14)

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Big Breaking News : B Ed 2012 Vaalon ko Ek Aur Bada Jhatka

UPTET Big Breaking News : B Ed 2012 Vaalon ko Ek Aur Bada Jhatka
Shocking News for B Ed 2012


B Ed 2012 Vaalon Ko Pehle Jhatka 72825 Shkshkon ka Purana Vigyapan Bahal Hone Par Laga Tha,
Samanya Sabhee Ahrtaayen / Qualfcations, Vigyapan / Advertsement se Pehle Kee Honee Chahiye.


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Lekin Ab to Unki TET 2011 Qualification ko Avedh / Galat Bataya Gaya Hai


विज्ञान-गणित शिक्षकों का प्रकरण 
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने आरटीआइ में किया खुलासा

अभ्यर्थियों में खुलासे के बाद मचा हड़कंप

इलाहाबाद : विशेषज्ञ शिक्षक बनने की प्रक्रिया भले ही बेहद धीमी गति से चल रही हो, लेकिन इसमें कई ऐसे अभ्यर्थियों ने भी दावेदारी पेश की है, जो ‘अयोग्य’ हैं। यह खुलासा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एक आरटीआइ के जवाब में किया है। ऐसे में तय है कि पहले टीईटी और बाद में बीएड पास करने वालों का शिक्षक बनने का मंसूबा पूरा नहीं हो पाएगा। शिक्षा विभाग भी ऐसे लोगों की छंटनी करने जा रहा है। 1प्रदेश सरकार के निर्देश पर इन दिनों परिषदीय स्कूलों के उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित के शिक्षकों की भर्ती चल रही है। 29334 शिक्षकों की भर्ती करने के लिए जनपदों को लक्ष्य बांट दिया गया है व जनपदवार ही कट ऑफ मेरिट प्रकाशित कराई गई। बीते सात-आठ जुलाई को पहला और बाद में 23-24 जुलाई को दूसरा कट ऑफ जारी किया। हालांकि इन दोनों बार की काउंसिलिंग में अपेक्षा से काफी कम अभ्यर्थी पहुंचे। इसमें कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने वर्ष 2011 में टीईटी की परीक्षा पास की और 2012 में बीएड उत्तीर्ण किया। ताज्जुब यह है कि जब टीईटी परीक्षा में बैठने के योग्य ही नहीं थे तब वह शामिल कैसे हो गए
बात यहीं तक सीमित नहीं रही बल्कि ऐसे अभ्यर्थियों में से कई ने विज्ञान व गणित का शिक्षक बनने के लिए काउंसिलिंग में दावा ठोंक दिया है। उन्हीं में से कुछ अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद से आरटीआइ के जरिये यह सूचना मांग ली
जिसमें स्पष्ट रूप से पूछा गया कि क्या 2012 में बीएड परीक्षा पास करने वाले छात्र भी अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 में शामिल होने के लिए अर्ह थे। इस पर परिषद ने जवाब दिया कि 2011 के टीईटी में शामिल होने के लिए उसी वर्ष बीएड पास हों या फिर 2011 की बीएड परीक्षा में शामिल हो रहे हों। इस खुलासे से हड़कंप मच गया
शिक्षा विभाग भी अब विज्ञान-गणित की काउंसिलिंग में शामिल होने वालों की पड़ताल करने जा रहा है, ताकि जो अभ्यर्थी 2011 के टीईटी और 2012 के बीएड पास हों उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। इससे यह भी तय है कि अब विज्ञान-गणित की मेरिट और नीचे जाएगी, साथ ही विशेषज्ञ शिक्षकों के लिए काउंसिलिंग की तीसरी सूची भी अगस्त में आने की उम्मीद है



News Sabhaar : Jagran (30.07.2014)










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