सशक्त लोकपाल के लिए अन्ना का अनशन शुरू
वायरल संक्रमण से पीड़ित हजारे अपने घनिष्ठ सहयोगियों अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया के साथ मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स में एमएमआरडीए मैदान पहुंचे तो पूरा मैदान उनके समर्थकों की हर्ष ध्वनि भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा।
हजारे ने वंदेमातरम और इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ अपना अनशन शुरू किया। अनशन स्थल पर पहुंचने से पहले 74 वर्षीय हजारे अपनी रैली के दौरान जूहू में महात्मा गांधी को श्रृद्धांजलि देने पहुंचे। रैली सांताक्रुत, टयूलिप स्टार होटल, मिठीभाई कालेज, एसवी रोड, विलेपार्ले, खार और बांद्रा राजमार्ग से होकर गुजरी। इसे अनशन स्थल तक पहुंचने में करीब ढाई घंटे का समय लगा।
हजारे गेस्ट हाउस से एक सुसज्जित खुले ट्रक पर तिरंगा लहराते हुए एमएमआरडीए मैदान के लिए निकले। बड़ी संख्या में लोग उनका समर्थन करने के लिए सड़कों पर खड़े थे।
जुहू बीच पर लगभग बीस लोगों के द्वारा काले झंडे दिखाए जाने और उनके काफिले को रोकने पर कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति जरूर बन गई थी। अन्ना के साथ उनके हजारों समर्थकों की भीड़ थी। अन्ना प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अनशन कर रहे है।
अन्ना अपने सहयोगियों किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल के साथ एक राजनीतिक रथ की तरह सुसज्जिात खुले ट्रक में अनशन स्थल के लिए रवाना हुए। इस दौरान लोग उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे।
ट्रक के आगे मोटरसाइकिल सवारों का एक समूह चल रहा था वहीं उनके पीछे हजारों समर्थक सुबह की सर्दी में पैदल चल रहे थे। उन्हे एमएमआरडीए तक की 15 किलोमीटर की यात्रा तय करनी थी।
रैली के दौरान मंगलवार सुबह अन्ना को काले झंडे दिखाए गए थे। उनके बांद्रा स्थित सरकारी गेस्टहाउस से जुहू के लिए निकलने के दौरान उन्हे काले झंडे दिखाए गए।
वहीं दिल्ली में लोकसभा में विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि दिल्ली में टीम अन्ना का आंदोलन आज हल्के अंदाज में शुरू हुआ। सर्दी की वजह से ज्यादा लोग आदोलन स्थल तक नहीं पहुंचे और अन्ना हजारे की गैर मौजूदगी के कारण भी लोग रामलीला मैदान पहुंचने को उतावले नजर नहीं आए।
रामलीला मैदान में आदोलन और क्रमिक अनशन सुबह दस बजे शुरू होना था, लेकिन यह 90 मिनट देर से शुरू हो पाया क्योंकि भीड़ उतनी नहीं थी जितनी कि अन्ना के पिछले आदोलन के दौरान दिखी थी। दिल्ली के आदोलन की अगुवाई कर रहे शातिभूषण खुद ही साढ़े दस बजे मंच पर नमूदार हुए।
हालाकि टीम अन्ना के अन्य सदस्य एवं शातिभूषण के पुत्र प्रशात भूषण आदोलनस्थल पर मौजूद थे और मीडिया को आदोलन के बारे में और इसके देर से शुरू होने के बारे में जानकारी दे रहे थे। शातिभूषण तकरीबन एक घटे तक मंच पर तनहा बैठे रहे और नेपथ्य में संगीत बजता रहा। प्रशात और टीम अन्ना के बाकी सदस्य बाद में उनके पास पहुंचे।
हजारे को दरअसल दिल्ली में ही अनशन पर बैठना था, लेकिन राजधानी में ठंड का प्रकोप देखते हुए उनका अनशन स्थल बदलकर मुंबई हो गया। प्रशात ने सुबह के समय बर्फीली ठंडक और कोहरे को लोगों की कम संख्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि लोग यहा आएंगे। आज सर्दी और कोहरा ज्यादा है। लोगों को यहा आने में थोड़ा समय लगेगा। वे आएंगे। चिंता मत कीजिए।
टीम के कार्यकर्ता गोपाल राय ने कहा कि सर्दी और हजारे की गैर मौजूदगी के कारण शायद कम लोग आ रहे हैं। उन्होंने भी ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद जताई। आदोलन की जरूरत का औचित्य समझाते हुए प्रशात ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में यह विधेयक अस्वीकार्य है। आदोलन और इसके साथ ही जेल भरो आदोलन जारी रहेगा।
मुंबई में पुलिस ने अनशन स्थल को किले में तब्दील कर दिया है। वहा दो हजार पुलिस कास्टेबल 200 उपनिरीक्षक, राज्य रिजर्व बल की छह प्लाटून, तीन त्वरित कार्रवाई दल और दो बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए हैं।
अन्ना के सामने चुनौतिया :
1.ठीक उसी समय संसद में लोकपाल पर चर्चा
2.संघ एजेंट होने का काग्रेसी आरोप
3.लगातार अनशन के बाद बिगड़ा स्वास्थ्य
4.मुंबई में आतंकवादी हमले का खतरा
1.संसद सही संशोधन कर दे तो आगे का आदोलन रोक दिया जाएगा।
2.पिछले 25 साल में ऐसे आरोप कई बार लगे हैं, परवाह नहीं।
3.तीन दिन से बुखार था, मगर अनशन के लिए वह भी ठीक हो गया।
4.पाकिस्तानी हमले के बाद की जिंदगी बोनस में मिली है, जाने का डर नहीं।
देश की खातिर मरने को तैयार हूं
यहां के एमएमआरडीए मैदान में प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए तीन दिवसीय अनशन शुरू करने के बाद जनसमूह को सम्बोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें हालांकि बुखार था, फिर भी लोगों के समर्थन ने उन्हें आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, "मुझे मृत्यु का भय नहीं है। मैंने निर्णय लिया है कि जब भी मरूं तो देश के लिए मरूं। मरते दम तक मैं देश की भलाई के लिए काम करूंगा।"
अन्ना हजारे ने कहा, "चिकित्सकों ने मेरी जांच की है। पहले मेरे शरीर का तापमान ठीक था लेकिन अब बढ़ गया है। आप सभी को यहां मौजूद देखकर मुझे प्रेरणा मिली है और मेरा मनोबल बढ़ा है।"
उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले 35 वर्षो से लड़ते आ रहे हैं। पहले तो वह अपने प्रियजनों की बात टालते रहे, आखिरकार समूचा देश उनका परिवार बन गया।
अन्ना हजारे ने कहा, "मैं इधर पांच साल से भ्रष्टाचार के लिखाफ लगातार लड़ता रहा हूं और किसी से कुछ लिया नहीं। मेरे पास एक थाली है, एक बिस्तर है और एक मंदिर के भीतर सोने के लिए थोड़ी जगह मिल जाती है। पिछले 35 वर्षो में मैं अपने परिवार के पास नहीं गया,अब तो समूचा देश ही मेरा परिवार है।"
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, ‘हमको तय करना है, आर या पार? जो भी हम कर सकते हैं, हमें करना है। हमें जेल जाने के लिए तैयार रहना होगा। आप लोगों को लोकपाल बिल ऐसे नहीं मिलेगा। आपको लंबी लड़ाई लड़नी होगी। पांच राज्यों में चुनाव है। ढाई साल बाद आम चुनाव आएंगे। मैं सरकार के खिलाफ प्रचार करूंगा। लोगों को बताऊंगा कि उसने कैसे धोखा दिया।’
उन्होंने कहा कि संसद को अपना गौरव फिर से हासिल करना होगा। 150 सांसद गुनहगार है। यदि राइट टू रिजेक्ट प्रावधान होता तो वे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाते। आज गुंडे और अपराधी राजनीति में आ गए हैं.. यदि हमारे पास राइट टू रिजेक्ट कानून हो तो गुंडे लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।News : Bhaskar epaper ( 27.12.11)
उल्लेखनीय है कि अन्ना का अनशन मंगलवार को एमएमआरडीए ग्राउंड में होना है। अन्ना का यह अनशन तीन दिनों का होगा। मैदान के बारे में आपको बताते चलें कि यह मैदान 30 हजार वर्ग फीट में फैला है। मैदान में अन्ना का पंडाल किस तरफ होगा, लोग किधर से आएंगे, कितने एंट्री गेट बनाए जाएंगे, वीवीआईपी की एंट्री कहां से होगी, ऐसे कई सारे मसलों पर कागजी प्लान तैयार कर लिया गया है और मैदान पर इसे अब रूप दिया जा रहा है।
सीएनएन आईबीएन के एक रिपोर्ट की मानें तो मैदान की क्षमता 60 हजार लोगों की है। मैदान के चारों तरफ पुलिस का घेरा होगा। टीम अन्ना के सदस्य में सुरक्षा में रहेंगे और निगरानी का काम देखेंगे। मैदान में 10 से ज्यादा एंबुलेंस और 20 से ज्यादा एंबुलेंस आस-पास के इलाकों में घूमते रहेंगे। फायर ब्रिगेड की 2 गाडि़यां होगी। गौरतलब है कि 20 दिसंबर को अन्ना का आंदोलन समाप्त होगा और उसके बार 30 दिसंबर से तीन दिन तक जेल भरो आंदोलन होगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन पर एक वेबसाइट शुरु की है जिसका नाम है जेल चलो आंदोलन। इस वेबसाइट पर जाने के बाद जो भी अन्ना के आंदोलन में जेल जाना चाहता है वह अपना नाम रजिस्ट्रेशन करा सकता है। टीम अन्ना की मानें तो अबतक इसमें 80 हजार लोग अपना नाम रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। अन्ना हजारे ने बताया कि इस बार अनशन पर उनके साथ उनके कुछ सदस्य भी बैठेंगे।
लोकपाल से स्वतंत्र होनी चाहिए सीबीआई : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि लोकपाल विधेयक पर अंतिम फैसला संसद करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) लोकपाल से स्वतंत्र होनी चाहिए। संसद में पिछले सप्ताह पेश लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विधेयक संसद की भावना के अनुरूप है।उन्होंने कहा कि सभी नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों को 'भ्रष्ट' अथवा 'बेईमान' बताना गलत है।
एक प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए मुम्बई में अनशन पर बैठे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का हवाला देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, "लोकपाल विधेयक को पारित करना एक गम्भीर मसला है और यह जिम्मेदारी हम सभी द्वारा निभाई जानी है क्योंकि संवैधानिक रूप से यह काम हमें सौंपा गया है।"
उन्होंने कहा, "अन्य लोग हमें केवल अपनी राय दे सकते हैं और उनकी बातें सुनी गईं लेकिन विधेयक पर अंतिम फैसला हम लोगों को लेना है।"
ज्ञात हो कि लोकपाल विधेयक पर संसद जहां 27 से 29 दिसम्बर तक चर्चा करेगी वहीं अन्ना हजारे इस दौरान मुम्बई में अनशन पर बैठे हैं।
सीबीआई पर अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरा मानना है कि सीबीआई का कामकाज लोकपाल से स्वतंत्र होना चाहिए। मेरा यह भी मानना है कि जांच एजेंसी को सरकार के नियंत्रण से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए लेकिन स्वतंत्रता का यह मतलब नहीं कि वह किसी के प्रति जवाबदेह न हो।"
उन्होंने कहा, "इसलिए, सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति के लिए हमने एक रूपरेखा तैयार की है। इसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामित सदस्य, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता शामिल हैं और इस प्रक्रिया की निष्ठा पर किसी को सवाल नहीं उठाना चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां तक सीबीआई के कामकाज को लोकपाल के दायरे में लाने की बात है, सरकार का मानना है कि इससे संसद के बाहर एक और कार्यकारी ढांचा उत्पन्न हो जाएगा जो किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होगा।
मनमोहन सिंह ने कहा, "विधेयक पर चर्चा के दौरान नौकरशाही निशाने पर रही है। मुझे नहीं लगता कि सभी सरकारी कर्मचारियों को एक ही डंडे से हांका जाना चाहिए और न ही सभी राजनीतिज्ञों को बेईमान अथवा भ्रष्ट समझना चाहिए।"
janlokpal bill har haal me paas hona chahiye aur iske dayre me lagbhag sbhi log aane chahiye yaha tak prime minister bhi
ReplyDeleteHame garv hai ki anna ji aur arvind kejriwal jaise log aaj bhi is desh me hai jo sirf dusro ke liye jite hai,
ReplyDeleteanna jika swasth thik nahi hai,fir bhi wo is desh ke garib varg ki bhalai ke liye ansan par hai,bhagwan na kare par agar anna jiko kuch ho gaya to public apne gusse ko kaise rokegi!
Anonymousji, Aap theek keh rahe hain- Jo log doosron ke liye itna kar rahe hain, Ve mahanta kee misal hain.
ReplyDeleteAnnaji ka swasthya thee rehna chaihe.
RTI and Janlokpal ke bahut bada yagdaan diya hai.
Sarkari lokbill pass, Kya hago Jan Lokpal Bill ka.
ReplyDeleteKya Sarkar apne khilaf hee kanoon banaygee.
इस खबर को यहाँ प्रकाशित करने करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद , मित्रोँ जैसा की हम सब भली भाँति परिचित है कि भ्रष्टाचार रुपी राक्षस आज हमारे देश को खोखला करता जा रहा है , हमारे माता पिता की गाढ़ी कमाई का धन देश के भ्रष्ट लोगोँ के हाथ मेँ जा रहा है . भ्रष्टाचार के मद मेँ डूबे लोग आज प्रतियोगी परीक्षाओँ मेँ भी अपना वर्चस्व दिखा रखे है और देश के नौजवानोँ के शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे है ।कृपया भ्रष्टाचार का भ्रष्टाचारियोँ का पुरजोर विरोध कर आने वाली पीढी को भ्रष्टाचार के दँश से बचायेँ ।"भ्रष्टाचारियोँ सावधान जाग उठा है नौजवान" इस बहस को जारी रखते हुए आप फेसबुक पर मिलेँ rahul_singhfzd@rediffmail.com पर या फिर 9454667854 वन्देमातरम जय श्री राम
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