मौअल्लिम को न लागू करें टीईटी
(UPTET : Moallim - Urdu teacher upset with TET Exam)जागरण संवाददाता, सम्भल : मौअल्लिम-ए -उर्दू वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक आफताब पठान ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने मौअल्लिम उर्दू डिग्रीधारकों के साथ धोखा किया है। इसका परिणाम उसे विधान सभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
सोमवार को बेगम सराय में हुई बैठक में कहा गया कि जिस तरह केन्द्र ने मदरसों को शिक्षा अधिकार कानून के दायरे से बाहर कर दिया उसी तरह सूबे में 1997 तक के मौअल्लिम डिग्रीधारकों को टीईटी परीक्षा लागू न किया जाये।
इस मौके पर संगठन की भीमनगर इकाई का गठन किया गया। अब्दुल कादिर जीलानी जिलाध्यक्ष, इकबाल मौहम्मद वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मौ. गुल एजाज उपाध्यक्ष, शफीकुर्रहमान बरकाती महामंत्री, मौ. हाजिक जिला मीडिया प्रभारीके अलावा शहरोज अख्तर, मौ. मुरसलीन, तसद्दुक अली और अजहर कादरी को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया।
News : Jagran (16.1.12)
अगर आप लोग शिक्षक बनना चाहते है तो पात्रता परीक्षा से क्यो बचना चाह रहे हैँ ।
ReplyDeleteऔर फिर इसमे उर्दू का भी एक खण्ड जोड़ा गया है तो आप लोगो को क्या परेशानी है। पात्रता परीक्षा से योग्य लोगो का चयन होगा ।
muskan ji
ReplyDeleteaapne mere pareshani ke baare me koi suggestion nahi diya pls give any suggestion as i am suffering so tensnised
SINGHANIYA ji,
ReplyDeleteye log ab rajniti pr utr aaye hain, aise log prt banne ke yogya hi nh h.
Jo log jodna(+), ghatana(-), ABCD, alif,be,pe, te nahi jante(tet qlfy nahi kr skte) vo bchhon ko kya padhayenge.
Pramod ji,
ReplyDeleteapki pareshani kya hai ?
S.D. JI
ReplyDeletemera mool draft ka form wapis aa gaya hai jisko maine 29/12/2011 ko bheja tha ab mere sare form reject ho jayenge
Pramod Ji, ye tort of negligence ka case hai iske khilaf aap ne jis post office se letter post kiya taha uske khilaf case dayar kar sakte hain. lekin advocate bahut achha hona chahiye tabhi kuchh hopayega.
ReplyDeleteanju ji
ReplyDeletethanks mai bhi yahi soch raha tha kyoki aur koi rasta nahi hai
tort ko samjhne wale advocate kam hain is liye bakkel theek dekhlena jyadatar bakeelon ko pata nahin hota
ReplyDeleteगलत मांग कर रहे हैं मुअल्लिम डिग्री वाले, इनको ये मांग करनी चाहिए की इन्हें मुअल्लिम की डिग्री लिए बिना ही अध्यापक बनाया जाना चाहिए | यही हाल बी.टी.सी. और विशिष्ट बी.टी.सी. का है वो तो कोर्ट पहुँच गए हैं | कायदे से सरकार को इन लोगो को ही टीचर बनाना चाहिए क्योंकि टी.ई.टी. पास लोगों को शिक्षा विभाग में झाड़ू मारने के लिए रखा जायेगा|
ReplyDeleteये सब सड़क छाप हैं जो ये मांग कर रहे हैं, चूँकि तफरीह कर कर के थक चुके हैं तो अब इन्हें अध्यापक बना दो | इसमे ज्यादातर लोग ऐसे होंगे जिन्हें ठीक से उर्दू तक नहीं आती होगी|
तनख्वाह लेने के समय नहीं मांग करेंगे की हमें कोइ मेहनताना नहीं दिया जाना चाहिए |
खाली स्थान का “हाँ” या “नहीं” में जवाब दें-
ReplyDelete१॰ ॰॰॰॰॰, मैं इन्सान नहीं बन्दर हूँ।
२॰ ॰॰॰॰॰, मैं ही पागल हूँ।
३॰ ॰॰॰॰॰, मेरे दिमाग का कोई ईलाज नहीं।
४॰ ॰॰॰॰॰, मुझे पागलखाने ही भेज दो।
हा, हा, हा, हा॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰मुझे आपके उत्तर का इन्तजार रहेगा।
Moallim waalo ke liye mera sawal h agar iska jawab haa me de diya to aap par tet laagu nahi hoga agar naa me diya to bhi laagu nahi hoga....
tort waise to first sem me padhya jaata par apne india me iske twist ko jaanne wale jara kam hai.pramod jee case daakhil karne ke alaawa koi chaara nahee hai sir.
ReplyDeleteखाली स्थान का “हाँ” या “नहीं” में जवाब दें-
ReplyDelete१॰ ॰॰॰॰॰, मैं इन्सान नहीं बन्दर हूँ।
२॰ ॰॰॰॰॰, मैं ही पागल हूँ।
३॰ ॰॰॰॰॰, मेरे दिमाग का कोई ईलाज नहीं।
४॰ ॰॰॰॰॰, मुझे पागलखाने ही भेज दो।
हा, हा, हा, हा॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰मुझे आपके उत्तर का इन्तजार रहेगा।
Moallim waalo ke liye mera sawal h agar iska jawab haa me de diya to aap par tet laagu nahi hoga agar naa me diya to bhi laagu nahi hoga....
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