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29334 junior teacher vacancy in up latest news, 3rd Counseling Junior Science Math Teacher, UPTET,
गणित की तीसरी काउंसलिंग भी पूरी फिर भी 53 पद खाली
फतेहपुर :
गणित विज्ञान भर्ती में विभाग को आवेदक ढूंढे नहीं मिल रहे। तीसरी काउंसलिंग में सरकार के निर्देश पर एक पद पर दस अभ्यर्थियों को मौका दिया गया। बावजूद इसके जिले में 53 पद खाली रह गए। इन पदों के लिए काउंसलिंग कराने के लिए आवेदक डायट में पहुंचे ही नहीं।
गुरुवार को गणित विज्ञान भर्ती के लिए तीसरी काउंसिलिंग डायट में पूरी की गयी। पहले दिन केवल गणित विषय के आवेदकों को बुलाया गया था। 127 रिक्त पदों के सापेक्ष मात्र 74 आवेदक काउंसलिंग कराने पहुंचे। इस प्रकार इस वर्ग में अब भी 53 पद रिक्त रह गए। डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप और बीएसए ओपी त्रिपाठी की देखरेख में पटल प्रभारी विवेक द्विवेदी ने काउंसिलिंग की प्रक्रिया को पूरी कराया।
अफसरों की माने तो एक एक आवेदक ने कई कई जनपदों से आवेदन किया है। जैसे जैसे मेरिट गिर रही है वह अपने मनचाहे जिले में मौका पा रहे है। इस लिए फतेहपुर के लिए वही आ रहा है जिसका और कहीं नाम नहीं आया है। इस लिए पदों के सापेक्ष आवेदक नहीं आ पा रहे है। उम्मीद है कि अभी इस विषय के लिए चौथी काउंसिलिंग भी बुलानी पड़ेगी।
विज्ञान की 191 सीटों पर मौका आज
पटल प्रभारी विवेक द्विवेदी के अनुसार विज्ञान विषय के 191 रिक्त सीटों के लिए काउंसलिंग शुक्रवार को बुलाई गयी है। सुबह दस बजे से डायट में काउंसलिंग कराई गयी है। कुल 1910 आवेदकों को बुलाया गया है। उम्मीद है कि विज्ञान वर्ग की सीटें भर जाएगी
News Sabhaar : Jagran ( Publish Date:Thu, 21 Aug 2014 08:38 PM (IST) | Updated Date:Thu, 21 Aug 2014 08:38 PM (IST))
मेरा निजी विचार .... contempt पर सुनवाई की तारीख तक यदि भर्ती शुरू नही होती है तो contempt की कार्यवाही का औपचारिक आरम्भ होना ही चाहिए ,,,,, यदि भर्ती शुरू हो जाती है तो कोई अच्छा वकील तब तक कोर्ट जाने की सलाह नही देगा जब तक सरकार रिक्त पदों के लिए काउंसिलिंग कराने में आना-कानी नही करती .... वैसे तो contempt में किसी सीनियर काउन्सिल की जरूरत नही पड़ती लेकिन टेट मोर्चे के पैरवीकारों को 3 -4 लाख प्रति पेशी खर्च किये बिना तसल्ली मिलना मुमकिन नही है ,,, तीनों गुटों को चाहिए मुझे अपना दुश्मन मानकर आपस में गठबंधन कर लें और किसी एक सीनियर काउन्सिल पर सहमति बना लें ,,,, अनावश्यक में वकीलों के जखीरे की रसद हेतु चन्दा जमा करने से परहेज करें क्योंकि जिन कम टेट मेरिट वालों के रुपयों से वकीलों की फ़ौज खड़ी होती है वो वो लोग पुरुष-महिला ,विज्ञान -कला वर्गीकरण समेत रैंक देखने के बाद डाटागिरी करके मनमाने तरीके से मेरिट गिराने वालों को लाठी लेकर खोजेंगे .
ReplyDeletemerit high h. proffeshnial ko bhar caro.
ReplyDelete72825 बी.एड. शिक्षक भर्ती मामला .....
ReplyDeleteमित्रो, ,,जिस तरह से 19 अगस्त को जी.ओ. आने की चर्चा जोरो पर थी, ,परन्तु शासन की वादाखिलाफी व डायटो की लापरवाही के कारण यह सम्भव न हो सका । scert की तालाबन्दी एवं उच्च अधिकारियो से बार -बार आश्वाश्सनो की घुट्टी मिलने के बाद आथिर मोर्चे ने contempt की कार्यवाही प्रारम्भ कर ही दी, ,जिसका टी.ई.टी. उत्तीर्ण सभी बेरोजगार समर्थन कर रहा था ।
कल 20 अगस्त को ही सारी औपचारिकताओ को पूरा करके फाइल सबमिट कर दी गई ।
इसी बीच शासन के हाथ -पॉव भी फूल गये और आनन -फानन 21 डायट्स, जिन्होने अपना डाटा नही भेजा था उनको कङे निर्देश दिये गये कि हर हालत मे 21 की शाम 4:30 तक डाटा पहुँच जाये ।
>.>>>> मित्रो, 23 अगस्त को शासन स्तर पर काउन्सिलिंग की तिथि सम्बन्धी अन्य पहलुओ पर अन्तिम निर्णय लेने के लिए मीटिंग भी रख दी गई है .....
... इस मीटिंग मे सितम्बर के प्रथम सप्ताह मे काउन्सिलिंग कराने पर सहमति बनेगी ।
अब ये चाहे काउन्सिलिंग समय से कराये अथवा विलम्ब, ,,,,कन्टेम्प्ट से बच नही पायेगे ....
धन्यवाद ..जय टी.ई.टी.
मैं सरकार पर रत्ती भर का भी भरोसा नहीं कर रहा, न ही मैं Contempt का विरोध कर रहा हूँ लेकिन अगर सरकार 31अगस्त से पहले काउंसलिंग और ज्वाइनिंग की समय सारणी बिना किसी और नौटंकी के जारी कर देती है तो मैं कभी Contempt का समर्थन नहीं करूँगा, क्योंकि चलती हुई काउंसलिंग में Contempt का केस खारिज हो जाएगा और बेरोजगारों के पैसो से कुछ लोगों का बैंक बैलेंस लाखों में चला जाएगा।
ReplyDeleteअगर सरकार बिना काउंसलिंग शुरू किये समय बढ़ाने की याचिका दायर करती है तब भी Contempt किया जा सकता है, यह किस कानून की किताब में लिखा है कि हम तब अवमानना याचिका दायर नहीं कर सकते।
मुझे गुस्सा इस बात का आ रहा है हमारे भोले भाले मित्रों की भावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश में कुछ लोग लग गए हैं।
अगर काउंसलिंग शुरू हो जाती है और उस दौरान आप लोग Contempt का हथियार चला दिये तो हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखियेगा। सरकार को एक बहाना मिल जाएगा काउंसलिंग रोकने का और फिर कोर्ट में पैसे का गंदा खेल शुरू हो जाएगा जो हम लोग तीन साल से देखते आ रहे हैं।
काउंसलिंग के कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद अवमानना की याचिका का समर्थन करना आत्महत्या के समान होगा।
समझने की कोशिश कीजिए अवमानना की याचिका अंतिम विकल्प है और बहुत खतरनाक।
मित्रों कल मैं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अमरेंद्र शरण जी चैंबर गया था ,अवमानना (contempt ) विषयक जानकारी लेने लिए ,वहाँ मेरी बातचीत श्री शरण जी से और AOR विवेक जी हुई। मैंने उनसे पूछा क्या हम 31 अगस्त के पहले कंटेम्प्ट का केस दाखिल सकते हैं ,उन्होंने साफ़ कहा नहीं आप कंटेम्प्ट का केस 31 अगस्त के पहले नहीं दाखिल कर सकते हैं। कोई भी कंटेम्प्ट केवल हाइपोथेटिकली नहीं उठ जाता है। मैंने श्री शरण साहब से विनती किया कि आप हमारे अवमानना केस बहस करिये ,इस पर उनका जवाब था कि आपका केस तो शीशे की तरह साफ़ है ,और आपकी अवमानना का केस स्वयं दत्तू साहब सुनेंगे आप लोगों को सीनियर वकील की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अवमाना की ड्राफ्टिंग के सम्बन्ध विवेक सिंह जी को यह निर्देशित किया कि इनका 25 मार्च का आदेश 20 नवम्बर के आदेश के क्रम में है अर्थात इनकी भर्ती का आदेश आये हुए 9 माह हो चुके है,यह तथ्य कंटेम्प्ट याचिका में लिखा जाए। विवेक जी कुल ड्राफ्टिंग का खर्च 60000 (साठ हज़ार रूपये ) और प्रति पेशी की उनकी फीस 20000 रुपया बताया। हमने आज विवेक जी से फोन पर पूछा कि कोई वकील 31 अगस्त के पहले कंटेम्प्ट केस दायर कर सकता है तो उन्होंने कहा नहीं कर सकता है ,अगर डिफेक्टिव रखते हुए दाखिल कर दिया और ये तकनिकी विषय कोर्ट के संज्ञान में आ गया तो ये आपको भारी पड़ जायेगा।
ReplyDeleteआज हर प्रकार के केस करने महारथी (जूनियर भारांक ,शिक्षा मित्र रोको ),डेट डेट विशेषज्ञ शिव कुमार पाठक जी ने अपनी वाल पर पोस्ट किया कि उन्होंने कंटेम्प्ट का केस दाखिल कर दिया है।
मै भाई पाठक जी पूछना चाहता हूँ कि अगर आपने श्रेय लेने के चक्कर में अपने पैरों कुल्हाड़ी मार ही ली है , कृपया कंटेम्प्ट फाइलिंग का डायरी नंबर सार्वजनिक करें। साथ साथ जूनियर वेटेज और शिक्षा मित्र केस की स्तिथि पर भी प्रकाश डालें।
टेट के प्रावधान ने मुख्यतः तीन संगठनों को जन्म दिया है ... एकेडमिक संघ ,शिक्षामित्र संगठन और टेट संघर्ष मोर्चा ,,,इन तीनों संगठनों के गठन का उद्देश्य क्रमशः एकेडमिक मेरिट से 72825 चयन ,sm को टेट से मुक्ति और टेट मेरिट से 72825 चयन के साथ-साथ एकेडमिक का नामोनिशान मिटाना है ,,, टेट संघर्ष मोर्चा अन्य दोनों संगठनों से इस मायने में भिन्न है कि इसमें केन्द्रीय नेतृत्व पर आँख बंद करके विश्वास नही किया जाता बल्कि कठोर आलोचनाओं द्वारा उन्हें आम समर्थकों के प्रति जवाबदेही स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जाता है जिससे वो किसी भी हालत में संगठन के मूल उद्देश्यों के साथ समझौता करने का प्रयास ना कर सकें ,,,,,,
ReplyDeleteअब आप ही फैसला कीजिए कि इन तीनों संगठनों में से कौन सबसे बेहतर है और कौन अपना लक्ष्य हासिल करने में सफल हो सकेगा .......
एक समय था जब महीनों तक हम-आप जान ही नही पाए थे कि हम थर्ड पार्टी हैं या नही ,,एक समय था कि यह पता करने का प्रयास भी गुनाह था कि किस काम के लिए कितना पैसा लिया जा रहा है और कौन कितना पैसा दे रहा है ,एक समय था जब टेट मेरिट के लिए लड़ने वालों को समझा दिया जाता था कि सरकार को नीतिगत मामले में निर्णय लेने का अधिकार है इसलिए टेट मेरिट बन ही नहीं सकती ,चाहो तो 20-25% वेटेज मिल सकता है ,,, एक समय था जब पैरवीकार और उनके करीबी लोगों को समझाने में कामयाब हो गए थे कि जो व्यक्ति 7-12-12 में फ़ार्म नही भरेगा वो चयन प्रक्रिया से बाहर हो जाएगा .........
ReplyDeleteऔर एक समय आज है जब नेतृत्व के सभी गुटों में सबसे पहले फेसबुक पर सूचना और स्पष्टीकरण देने की होड़ है ,,, सभी नेता अपना वजूद और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक-एक रूपये का हिसाब सार्वजनिक करते है ,,,,,, ये सार्वजानिक आलोचनाएँ ही हैं जिनके बल पर टेट संघर्ष मोर्चा भारत में अब तक गठित हुए हित समूहों में सबसे बेहतर संगठन बन सका है ,,टेट संघर्ष मोर्चे ने वो कर दिखाया है जिसके होने की कल्पना ना तो मोर्चे के नेताओं ने की थी,ना उसके वकीलों ,जजों और सरकार ने ,,,,
ReplyDeleteरैंक जारी होते ही इस महान संगठन का वजूद संकट में आ जाएगा क्योंकि डाटागिरी से टेट मेरिट नही गिरती ,,,वर्गीकरण समेत रैंक आते ही जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक सभी नेताओं की कलई खुल जायेगी ,,,,,, रैंक आते ही उत्तर प्रदेश में एक बहुत ही बड़ा सामाजिक और मानवीय संकट आने वाला है लेकिन मुझे उम्मीद है कि सभी लोग उसका सामना दिलेरी से करेंगे .....
ReplyDeleteलड़के ने एक लड़की से पूछा - तुम खाली पेट कितने सेब खा सकती हो?
ReplyDeleteलड़की- मैं 6 सेब खा सकती हूं।
लड़का- गलत। तुम खाली पेट केवल एक सेब खा सकती हो,
क्योंकि जब तुम दूसरा सेब खाओगी तो तुम्हारा पेट
खाली कहां रहेगा, उसमें पहला सेब जा चुका होगा।
लड़की- सुपर जोक। मैं अपनी फ्रेंड को सुनाऊंगी।
थोड़े दिनों बाद लड़की ने यह जोक अपनी फ्रेंड को सुनाया -
तुम खाली पेट कितने सेब खा सकती हो?
लड़की की फ्रैंड - मैं 10 सेब खा सकती हूं।
लड़की- धत तेरे की। अगर तू 6 बोलती तो मस्त जोक सुनाती।
dosto contempt ka dar ab gov. Ko satane lga hai tbi tatkal 23 ke pahle tak har hal me 21 diet walo jinka data avi scert ke pas nai pahucha unhe pahuchane ka sakht aadesh diya gya hai.
ReplyDeletedosto 23 ko basik siksha vibhag ,scert,aur n.i.c ke adhikariyo ki meeting hai aur us din schedule jari kar diya jayega aisi puri sambhavna hai..dosto ab 1 click me hi aap 1 page par 45 dist ki rank ek sath dekhege jo 45 dist se jyada bhara hai wo 2nd page me any dist ka apna rank ek sath dekh payega..
dosto sbhi dist ka ek rank aap apna tet roll no. Aur d.o.b dalkas ek sath dekh payege..is software se lgta hai ki sarkar online counseling krakar prakriya jald purn krna chahti hai.
dosto ab samay aa gya hai ek bar fir sarkar ke sath frunt foot par aakar bating krne ka ..tet morcha ke sbhi sadasy apna matbhed bhula kar counseling purn hone tak ek jut rahe..virodhi(s.m, acd.gov.) hmari fut ka fayda na uthaye ise lekar satark rahne ki jarurat hai..
dosto kal high court me scert nideshak sarvendra vikram bahadur singh se hamare tet morcha k vidhik salahkar aur high court wakil navin sharma ji mile to unhone btaya 31 august ke pahle ham ek counseling krane ki puri kosis me hai aap log hamara sahyog kre..kal tak wo 53 dist k data pahuchne ki bat kah rahe the..hamare liye rahat wali khabar ye hai ki jyada seat wale dist(sitapur lakimpur aur hardoi) ka data pahuch chuka hai..jo bache hai unme jyadatar dist me kam form hai.
Thanx
******लक्ष्य ७२८२५******
ReplyDeleteजैसा कि आप सबको ज्ञात हो ही चुका है कि ७२८२५ मामले के मुख्य याची एस के पाठक द्वारा सरकार के खिलाफ आज अवमानना याचिका माननीय सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी गई है।
किन्तु जब से यह खबर जंगल में आग की तरह फैली है तब से हमारे वीर भाईयों के मन में कई तरह के नकारात्मक विचार उत्पन्न हो रहे हैं जिसपर मैं कुछ स्पष्टीकरण देना चाहता हूँ।
.....................................
*****अवमानना वाद का सकारात्मक पक्ष********
(१)हम सरकार को फिर से ऐसा मौका नहीं देना चाहते कि वह फिरसे समय बढ़ाने हेतु कोर्ट जा सके ,अपितु अब उसे इस भर्ती को कम से कम समय में पूरा करके अवमानना से बचने का उपाय करना होगा।
(२)-कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार के आदेश का एक सप्ताह और इन्तजार कर लेना चाहिए था तो मेै उन भाईयों से यह पूछता हूँ कि इस बात की क्या गारंटी है कि सरकार GO जारी करके भर्ती पूरी करेगी पर पिछले दरवाजे से समय बढ़वाने कोर्ट नहीं जायेगी?
मान लीजिए वह २३ को आदेश जारी करके एक काऊंसिलिंग कराके बैठ जाती है तब आप क्या करेंगे ,अवमानना भी नहीं कर पायेगें और रोज दूसरी काऊंसिलिंग की खबर अखबारों में तलाशने के साथ गालियां दोगे कि साले नेताओं ने अपनी काऊंसिलिंग करा ली अब चुप बैठे हैं?
(३)-इस याचिका से अब सरकार के लिए भागने व प्रक्रिया में देरी करने के सारे दरवाजे बंद हो गए हैं।
(४)यदि आवश्यकता पड़ी तो अवमानना कोर्ट में डेट लगवाकर सरकार के पिछले ०६ माह के काले कारनामों का चिठ्ठा हम खोल सकते हैं जब कि Time Extension में केवल सरकार की प्रार्थना पर ही विचार होता पर हमें अपनी बात रखने का समय न प्राप्त होता।
(५)समय से आप न घबरायें ,यह RTE से जुड़ा मामला है अत: एक माह में ही एक दर्जन अधिकारियों के सिर पर पैर जम आयेंगे।
*****नकारात्मक पक्ष*****
ReplyDeleteइस अवमानना याचिका का एक और एक ही मात्र नकारात्मक पक्ष यह है कि अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी तो भर्ती पूरी होने में ०२ माह और लग जायेंगे ,इससे अधिक कुछ नहीं।
मेरे वीर TET भाईयों ,दवा चाहे मीठी हो या कड़वी हो फायदा आपके शरीर को ही करेगी ठीक उसी प्रकार इस याचिका से हमें फायदा ही है ,नुकसान नहीं।
अत: अच्छा ही सोचे। आपका अहित करना अब इस सरकार के वश में नहीं ।
2 mah se ooper to vaise bhi lg jayenge bade bhai.
DeleteHa AVMANNA se yeh fayda jroor hoga ki bharti me 2 hi mah sirf lagenge.aur niyukti ptr bhi mil jayega.
Pathak ji ne jo AVMANNA DAYR KIY H.vh sahi smy pr kiya h.aur isase sirf fayada hi hoga n ki nuksan.
एक सच्ची घटना { शेयर जरुर करे }
ReplyDeleteरोहित ,प्रभात और चिराग कोचिंग से लौट रहे
थे .
प्रभात की नज़र तभी सुनसान पड़ें खाली प्लॉट में
चार
लड़कों से घिरी मदद के लिए पुकारती लड़की पर
गयी .
प्रभात ने अपना बैग कंधें से उतार कर सड़क पर
फेंका और
''मेरी बहन को छोड़ दो कमीनों '' कहता हुआ
उसी दिशा में दौड़ पड़ा .
रोहित और चिराग प्रभात की बात सुनकर
अपना बैग
वहीँ फेंककर उसके पीछे दौड़ पड़े .
तीन लड़कों को गुस्से में दौड़कर अपनी ओर आते
देख
वे
चारों लडकें लड़की को छोड़कर भाग लिए .
उनमे से केवल एक ही को प्रभात पकड़
पाया और फिर
वही पहुंचे रोहित व् चिराग ने उसकी जमकर
लातों -
घूसों से खातिरदारी कर दी .
वो भी किसी तरह खुद को छुड़ाकर भाग निकला .
प्रभात को उस पीड़ित लड़की से उसका नाम-
पता पूछते
देखकर चिराग ने प्रभात से पूछा -''तू तो ये
कहकर
भागा था मेरी बहन को छोड़ दो ...
ये तेरी बहन नहीं है ...
यूँ ही अपने साथ हमारी जान भी दांव पर
लगा दी!!''
प्रभात मुस्कुराता हुआ बोला -'' मैं ऐसा न
करता तो तुम बहाना बनाकर निकल लेते और हम
भाइयों के होते एक बहन की अस्मत लुट
चुकी होती .''
रोहित प्रभात की बात सुन मुस्कुराता हुआ
बोला -
'' कुछ भी कहो ..मुझे भगवान ने कोई बहन
नहीं दी थी आज प्रभात के कारण एक बहन मिल
गयी .''
रोहित की बात सुनकर प्रभात ने उसे गले
लगा लिया और पीड़ित लड़की की आँखे भर
आई ....
दोस्तो अगर आपके सामने भी ऐसा कुछ
हो तो इन्सानियत के नाते आपका फर्ज बनता है
कि आप लडकियोँ की जरूर मदद करेँ..
क्योकि हमारी अपनी भी बहनो के साथ मेँ
ऐसा हो सकता है.....!!!
Ye JOKE Padhoge To Haste-Haste Gir Jaoge..
ReplyDelete.
.
.
.
.
.
.
Isliye Bheja Hi Nahi..
Gir Gaye To..?
I Care For U !!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteJivan Me 3 Baat Kisi Ko
ReplyDeleteNahi Batani.. ...
.
1)
2)
3)
Nahi Batani Matlab Nahi Batani...
Kisi Ko Bhi NahI to kisi ko bhi nahi
G
O
O
D
.
.
N
I
G
H
T
. . . . . .9. . . . . . . . . .8. . . . Ko bhi nahi
Great sir
ReplyDeleteआपकी बाते वास्तव में बड़ी सांत्वना प्रदान करती हैं
Great sir
ReplyDeleteआपकी बाते वास्तव में बड़ी सांत्वना प्रदान करती हैं
Vaise to AVMANNA DAKHIL HO CHUKI H.FIR BHI COUNSLING 16 SIPTEMBER K BAD HI SMBHAV H.
ReplyDeletePATHAK JI N SRAHNIY KARY KIYA H.ISME NAKARATM JAISI KOI BAT HI NAHI H.
Q KI JB COURT NE 31 TK COUNSLING POORD KARNE KA AADESH DIYA H.TO AAP YE KAH KR BACH NAHI SAKTE KI HAME COUNSLING SURU (31se) KR DI H.
koi ye clear krega k jo shikshamitron ko sashart niyukti patra diye ja rahe hain unme shart kya h?
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआन्दोलन करो तो इन्हें खुजली , एस सी आर टी का घेराव करो तो इन्हें खुजली , कोर्ट - कचहरी मामले को निपटाने के लिए लोगों से सहयोग देने की बात करो तो इन्हें खुजली , अवमानना करो तो भी इन्हें खुजली ।
ReplyDeleteये स्वघोषित ,स्वनामधन्य विद्वान् भी हैं मतलब ये जनाब जो कहें वही सत्य बाकी तो मिथ्या है।
ReplyDeleteएक समय ऐसा भी था जब इनका विधिक ज्ञान ये कह रहा था कि टेट मेरिट अपने मूल स्वरुप में कभी भी बहाल नही हो सकता ।इनका कहना था कि नये विज्ञापन पर टेट मेरिट आरोपित होगा बाकी शर्तें नये विज्ञापन की ही रहेंगी ।आज कल इनके मन में कौन सी खुराफात चल रही है ये तो वही जाने लेकिन एक बात तो तय है कि ये किसी भी सही काम को कभी भी सही कह ही नही सकते उसमे अपनी विद्वता से कुछ न कुछ गलती अवश्य ही खोज निकालेंगे ।
इनकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि जब कभी भी टेट मोर्चे को पैसे की जरुरत पडती है तो इनके हाथ की खुजली बढ़ जाती है और ये लोगों के रहनुमा बनने का ढोंग करते हुए लोगों से किसी भी प्रकार की सहयोग राशि देने को मना करते हैं और ये प्रचारित करने में कोई कोर-कसर नही छोड़ते कि चंदे की लूट हो रही है । इनके अनुसार दुनिया के सबसे ईमानदार ये और बाकी सब बेईमान ।इनके अनुसार टेट नेताओं को चाहिए कि वो अपना घर-बार बेच कर कानूनी लड़ाई लड़ें और लडकों से पैसा न लें ।आज - कल तो ये महानुभाव टेट मेरिट को महंगाई की तरह बढ़ाते ही जा रहे हैं ।इन्हें अच्छी तरह मालूम है कि जब मेरिट हाई बताई जाएगी तो लोग खुद ब खुद टेट मोर्चे से किनारा करते चले जायेंगे और मोर्चा टूट कर बिखर जाएगा ।इसके पीछे इनकी क्या मंशा है ये तो सिर्फ ये ही बता सकते हैं ।
मित्रों नौकरी आप को करनी है । क्या करना है क्या नही इसका निर्णय आप को लेना है । किसी के बहकावे में आ के दूसरों को गलत समझना या इलज़ाम लगाना सर्वथा अनुचित है और इसकी निंदा ही की जानी चाहिए ।
ReplyDeleteजो लोग हमारे लिए लड़ रहे हैं उनका हर तरह से भरपूर सहयोग किया ही जाना चाहिए
सूच्याग्रम नैव दास्यामि विना युद्धेन केशवः
ReplyDeleteहे केशव!
!
!
!
!
बिना युद्ध के सुई के नोक बराबर भी नहीं दूंगा, तो ठीक है हम युद्ध के लिए तैयार हैं।
अपने विचारो को प्रकट करना कोई सामान्य कार्य नही।
ReplyDeleteजो साथी लेखन के माध्यम से पुरे प्रदेश को बाधें हुए है बधाई के पात्र है।
हमारे आन्दोलन और संघर्ष का ये भी महत्वपूर्ण अंग है।
मेरी तरफ से सभी को धन्यबाद।
मैंने एक बात को महसूस किया है फेसबुक/BLOG पर लिखने वालों का जो विरोध करते हैं वो कभी कुछ नहीं लिख पाते, सिर्फ अपने मन की कुंठा को दूर करने के लिये लिखने वाले पर भड़क जाते हैं, अच्छा होता वो खुद भी कुछ लिखकर अपने विचारों को रखते, हम अध्यापक लोगों के द्वारा कुछ भी लिखना कोई गलत काम की श्रेणी में नहीं आता।
ReplyDeleteअध्यापक का काम सिर्फ जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाना ही नहीं होता बल्कि अपने विचारों को लेखन द्वारा रखना भी होता है।
इसलिए अगर जिन्हें मुझसे व्यक्तिगत समस्या है वो मेरे इनबाक्स में आकर बहस करें और जिन्हें मेरे विचारों से असहमति है वो अपने विचार रखकर तर्क के आधार पर बात करें। यह कोई तर्क नहीं हुआ कि फेसबुक/BLOG पर लिखना आसान है, चाहे फेसबुक /BLOG पर लिखूँ चाहे कलम द्वारा लिखूँ दोनों ही तरीके से अपने विचारों को रखना कोई आसान या कठिन काम नहीं बल्कि एक कला है।
इसलिए अपने मन की कुंठा को दूर करते हुए खुद भी कुछ लिखिये, लिखना पढ़ना हमारे पेशे का महत्वपूर्ण अंग है इससे भागने की कोशिश न कीजिए।
अवनीश यादव जी एक ऐसे इंसान है जिस पर मै विश्वास करता हूँ,
ReplyDeleteअगर इस व्यक्ति को केवल टीईटी वालों का पैसा खाना होता तो यह इंसान एटा, भदोही, फीरोजाबाद, हरदोई डायट पर फीडींग के लिए न गए होते,
यह इंसान टी ई टी साथी लकी के भतीजे को ब्लड दिए, जो कि एक बेईमान आदमी नही कर सकता है
मै किसी आदमी पर विश्वास करु या न करूँ लेकिन अवनीश यादव पर आँख बंद करके विश्वास करता हूँ।
जूनियर की प्रत्येक काउंसलिंग में लगभग 7 हजार सीटे भरने का रिकार्ड मिल रहा है । इस हिसाब से 3rd काउंसलिंग के बाद जूनियर की लगभग 21 हजार [+_ 1हजार] सीटे भरने का अनुमान है । इस हिसाब से अभी एक और काउंसलिंग होने का अनुमान है जिसमे एक बार फिर 10 गुना तक अभ्यर्थियों को बुलाया जा सकता है। 4th काउंसलिंग में भी जनरल साइंस 67+ और मैथ 66+ रहने की उम्मीद है ।4th काउंसलिंग के बाद जनरल सीटे बचना मुश्किल है । बाकि छिटपुट बची सीटो पर काउंसलिंग कोई श्योर नहीं है और वो पूर्णतः शासन की मंशा पर निर्भर रहेगा । लेकिन इस सब में सबसे बड़ा ट्विस्ट प्राइमरी भर्ती की काउंसलिंग सुरु होने और 4 सितम्बर को प्रोफेसनल कोर्स पर संभावित हाई कोर्ट के निर्णय के बाद हो सकता है । अगर उसके पहले जूनियर में नियुक्ति से रोक नहीं हटी तो । फ़िलहाल ये बात भविष्य के गर्भ में है की असली स्थिति क्या होगी । आशा है दोनों बाते जल्द क्लियर हो जाएँगी ।
ReplyDeleteजूनियर केश प्रमोशन की अगली तिथि
ReplyDelete4 सितंबर
स्टे बरकरार
Case Status - Allahabad
Pending
Special Appeal / 622 / 2014 [Allahabad]
Petitioner: ANIL KUMAR SINGH
Respondent: STATE OF U.P. AND 8 ORS.
Counsel (Pet.): SHAILESH UPADHYAY
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-AgainstFinal Order Of Single Judge In Writ Petition
Date of Filing: 04/07/2014
Last Listed on: 07/08/2014 in Court No. 36
Next Listing Date (Likely): 04/09/2014
बताओ आपके टूथपेस्ट मे क्या है ?
ReplyDelete2010- kya aapke toothpaste me
namak hai..??
.
2013- kya aapke toothpaste me
namak or nimbu hai..??
.
2016- kya aapke toothpaste me
namak, nimbu or chaatmasala hai..??
.
2020- Colgate Dal fry special,,
.
Colgate butter masala,,
.
Colgate lemon tea flavor,,
.
Colgate mix veg,,
.
Spicy Colgate,,
.
Colgate butter chicken flavor..
.
.
.
2021- kya aapke muh me dant
hai..??
.
NAHI..!!
To le aaiye ready made Colgate teeth..!!
क्या आपने कभी सोचा है
ReplyDeleteकी
औरतें मांग क्यूं भरती हैं
....
औरतें मांग इसलिये
भरती है
ताकि लोगों को पता चल
जाये
की इस प्लॉट की रजिस्ट्री हो
चुकी है..
पुरूष कभी मांग नही भरता है
क्यूंकी ये तो
गोचर भूमि है इसकी रजिस्ट्री
नहीं हो सकती ............
शादी के समय
आपने देखा होगा वरमाला के
समय
में जब एक लडकी आती है
तो उसके
साथ में तीन चार लडकीयां आती है
उसका क्या तात्पर्य
है..........
उसका तात्पर्य है
कि
जिस प्लॉट की रजिस्ट्री
हो
रही होती है...........
उस नक्शे में आस पास
खाली प्लॉट दिखाने पडते हैं
............... .......
उसमें भी एक समस्या है
की
कुछ की रजिस्ट्री हो चुकी
हो चुकी होती है
और
कईयों
पर अवैध कब्जा चल रहा होता
है
Very interesting. Just see d results. Try to match with all near and dears. I got the 90 percent accuracy.
ReplyDeleteA' अक्षर वाले होते हैं स्वीट|
'B' अक्षर वाले होते हैं कंजूस
'C' अक्षर वाले होते हैं हर दिल अजीज |
'D' अक्षर वाले कभी समझौता नहीं करते
'E' अक्षर वाले होते हैं दिल-फेंक |
'F' अक्षर वाले होते हैं बेहद चार्मिंग
'G' अक्षर वालों के दिल में मैल नहीं |
'H' अक्षर वाले होतें हैं संकोची
'I' अक्षर वाले दिल से सोचते हैं |
'J' अक्षर वाले होते है बेहद नखरीले
'K' अक्षर वाले होते है मुँहफट |
'L' अक्षर वाले होते हैं प्यारे-प्यारे
'M' अक्षर वाले होते हैं भावुक |
'N' अक्षर वाले होते है बिंदास
'O' अक्षर वाले होते है छुपे रूस्तम |
'P' अक्षर वाले होते है उसूलपसंद
'Q' अक्षर वाले होते है क्रियेटिव |
'R' अक्षर वाले होते है मनमौजी
'S' अक्षर वाले होते है बेहद रोमाटिंक |
'T' अक्षर वाले होते हैं मेहनती
'U' अक्षर वाले होते हैं मस्तमौला |
'V' अक्षर वाले होते हैं आजाद ख्याल के
'W' अक्षर वाले होते हैं अड़ियल |
'X' अक्षर वाले होते हैं जल्दबाज
'Y' अक्षर वाले बोलते हैं कड़वा |
'Z' अक्षर वाले होते हैं सादगी पस
वाह मोदी जी वाह!!!!मोदी जी के 4 नये और बडे फरमान........
ReplyDelete.
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1- कोई भी विदेशी दौरे पर पत्रकारों की भीड़ को साथ लेकर नहीं जाएगा...... पत्रकारों की मौज खत्म हुई.
2-सरकारी कर्मचारी,बाबू, उच्च अधिकारी, अफसर,IAS, IPS, मंत्री,संतरी, इन सबको अब अपनी पत्नी और अपने बच्चो की सम्पति का भी ब्यौरा टेक्स विभागको देना होगा.. और उनकी जाच टेक्स विभाग करेगा...... लग गई वाट.
3- सरकारी बड़े अधिकारियों को विदेश का दौरा करने से पहले PMO को 10 दिन पहले आवेदन करना पड़ेगा और विदेश दौरे का पूरा ब्यौरा देना पड़ेगा.....क्यूँ जा रहे हो, क्या करने जा रहे हो.. लग गई वाट.
.4- कोई भी सरकारी मंत्रालय के अफसर 5 सितारा होटल में कॉन्फ्रेस आयोजित नहीं करेगा...उनको सरकारी भवनों मेंही किया जा सकेगा .......लो लग गई वाट 5 सितारा का खाना भी बन्द कर दिया
नरन्द्र भाई इधर भूटान गये तो चीन घबराया,
. ब्रिक्स मे ब्रिक्स बैक की बात
की तो अमेरिका घबराया,
• जापान के साथ युद्धाभ्यास किया तो चीन तिलमिलाया
. उधर अमेरिका से C-17 global master plane खरीद कर सेना मे शामिल करने से
पाकिस्तान घबराया,वाह वाह...
→ उधर चीन जापान को कमजोर करना चहता है.
→ उधर अमेरिका चीन को कमजोर
करना चाहता है
और सब के सब भारत से निकट्ता चाहते हैं
फ़ुटबाल बना दिया पुरे विश्व को......
मोदी ने....वाह क्या कूटनीति और क्या विदेश नीति है....!!!
भाई बात को समजो खाली टमाटर सस्ते होने से अच्छे दिन नही आएंगे आप का रोब दुनिया पर चलेगा वो दिन कितना अच्छा होगा जब
दुनिया भारत को बडा भाई मानेगी ओर आंख उठा कर नही सर झुका कर बात करेगी !
"आजादी के दीवाने भगत सिंह जी"..
की फोटो को नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने 5 और 10 रुपये के सिक्के पर ढालने का आदेश दिया है ।
बिना बुलेटप्रूफ केबिन के भाषण सुनकर पता चल गया होगा 56
इंच का सीना किसे कहते हैं और बिना कागज़
लिखे भाषण से ये भी जान ग
टेट संघर्ष मोर्चा,एटा के जिला संयोजक तैफीक आलम जी ने अभी फोन पर बताया कि 12:30 बजे कासगंज का डाटा भी SCERT को मेल कर दिया गया है।
ReplyDelete15th संशोधन अल्ट्रा वायरस किये जाने के बाद से सरकार के पास सिर्फ एक
ReplyDeleteविकल्प था कि वो किसी ना किसी बहाने
भर्ती को लटका सके ,,,,समानता के मूल अधिकार
के आधार पर 15th संशोधन अल्ट्रा वायरस
किये जाने का विधिक परिणाम यह है कि जब तक
टेट मेरिट गुणांक को हटाकर बेसिक
शिक्षा नियमावली में नही आ जाती तब तक
ना तो कोई नया विज्ञापन जारी होगा और
ना ही किसी विज्ञापन की संशोधित विज्ञप्ति ,,
यही वजह है कि उर्दू की शेष
बची भर्ती का संशोधित विज्ञापन रद्द कर
दिया गया था ,,,, दत्तू साहब ने time
extension application पर सुनवाई में
ही स्पष्ट कर दिया था कि अगली बार time
extend करवाने आने पर वो इसे contempt
के रूप में देखेंगे ,,,
अब सरकार के पास
दो विकल्प बचते हैं ,
या तो extension
application डालकर दत्तू
जी को गुस्सा दिलाये और अपनी slp डिसमिस
कराकर बरबाद हो जाए ,,
या फिर 31 से पहले
भर्ती शुरू करने के लिए जीओ जारी करने हेतु
हीरा लाल गुप्ता को आवश्यक प्राधिकार दे
जिसेवो सभी BSAs को डेलीगेट कर सकें ,,,
ऐसा करने की जगह यदि सरकार BTC वालों के
लिए 15000 का विज्ञापन 15th संशोधन से
लाती है तो इस बार सारी दुनियाँ जान
जायेगी कि 72825 की भर्ती शुरू होने से पहले
शुरू की भर्तियों का क्या हश्र होता है ....
बहुत से कट्टर और वास्तविक टेट मेरिट समर्थक कल एस के पाठक द्वारा डाली प्री-मेच्योर contempt application के कारण भर्ती लटकने की अफवाहों से भयभीत हैं लेकिन मैं एक बात जानता हूँ कि ऐसी फालतू की कार्यवाही से हमारी भर्ती लटक सकती तो ये काम हमारे दुश्मन ही कर डालते ,,,,
ReplyDeleteअगर उन्होंने 31 से पहले या उसके बाद भी भर्ती शुरू होने पर अपनी application डाल भी दी तो अपनी और अपने वकील ही बेईज्जती करायेंगे ,,, ऐसा नही है कि अकेले पाठक ही छुपे रुस्तम हैं ,, पाठक ये काम नही करते तो अवनीश ,संतोष प्रजापति उर्फ़ निरहुआ या सुजीत सिंह एवं उनके सहयोगी कर डालते .... सच तो यह है कि ये सभी लोग जानते हैं कि भर्ती लटकाने की अंतिम सीमा आने वाली है इसलिए भर्ती शुरू होने से पहले उसे शुरू कराने का श्रेय लेना चाहते हैं ,,
ReplyDeleteपाठक ने अनजाने में काम तो अच्छा कर ही दिया है
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और
ReplyDeleteराज्य सरकार को नोटिस
अनुच्छेद 35ए मामलें में जम्मू-कश्मीर सरकार
और केंद्र को नोटिस।
जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के ज़मीन खरीदने और
ऐसे ही दूसरी पाबंदियों को चुनौती देने वाली जनहित
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार
और केंद्र को नोटिस जारी किया है। याचिका में
संविधान की धारा 370 और 35-ए के
प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।
अदालत ने इस मामले में राज्य और केंद्र दोनों से
आठ हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति एस ए
बोबडे की खंडपीठ ने याचिकार्कता ‘वी द सिटीजन्स’
के वकील के एन भट्ट की दलीलें सुनने के बाद केंद्र
और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी करके
जवाब तलब किया।
के एन भट्ट की दलील थी कि राष्ट्रपति के आदेश
अर्थात प्रेसिडेंशियल ऑर्डर के जरिये संविधान में
अनुच्छेद 35(ए) का प्रावधान
किया जाना गैरकानूनी है, क्योंकि कानून
बनाना या नहीं बनाना संसद का विशेषाधिकार
होता है।
उनकी दलील है कि 14 मई 1954 के ‘द
कंस्टीट्यूशन (एप्लीकेशन टू जम्मू-कश्मीर) ऑर्डर,
1954’ के जरिये अनुच्छेद 35 को संशोधित
किया जाना असंवैधानिक है। भट्ट ने शीर्ष अदालत
से आग्रह किया कि संशोधित अनुच्छेद 35(ए)
को असंवैधानिक ठहराया जाना चाहिए।
अनुच्छेद 35(ए) जम्मू-कश्मीर के बाहर के
व्यक्ति को राज्य में अचल सम्पत्ति खरीदने,
छात्रवृत्ति हासिल करने, राज्य सरकार
की नौकरियां प्राप्त करने जैसी सुविधाओं से वंचित
करता है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इन मामलों में राज्य
विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून
को चुनौती भी नहीं दी जा सकती है।
क्या है धारा 370
धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार
एक बड़ा राजनैतिक मुद्दा रहा है। लेकिन अब सुप्रीम
कोर्ट संविधान की धारा 370 और 35-ए
की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर
सुनवाई करेगा। इस जनहित याचिका में संविधान
की धारा 35-ए को चुनौती दी गई है।
धारा 35-ए के तहत जम्मू-कश्मीर से बाहर के
व्यक्ति को राज्य में जमीन खरीदने पर रोक है।
संविधान की धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर
विधानसभा को विशेष अधिकार दिया गया है कि वह
रक्षा, विदेश, संचार और मुद्रा को छोड़ अन्य
सभी मामलों में अलग कानून बनाने के लिए आजाद है।
धारा 370 के तहत प्राप्त इसी अधिकार का प्रयोग
करते हुए जम्मू- कश्मीर विधानसभा ने धारा 35-ए
पारित किया था जिसे 1954 में राष्ट्रपति ने
संविधान में शामिल करने का आदेश दिया था।
जम्मू- कश्मीर के घरेलू कानून को लेकर एक विवाद
ये भी रहा है कि किसी दूसरे प्रदेश के व्यक्ति से
शादी करने पर महिलाओं को राज्य में
अपनी संपत्ति पर अधिकार खोना पड़ता है।
ऊँची आवाज़ से सजदे में असर नहीं होता,
ReplyDeleteवो देर से सुनता है, ऊँचा नहीं सुनता
केवल सीमा पर जाकर
ReplyDeleteगोली खाना ही देश सेवा नही है,
अगर गुटखा खाकर हर जगह थूकना छोड़
दो तो भी देश पर बहुत बड़ा एहसान होगा.!!
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"मुहब्बत" में हम जिए है, और जियेंगे, ...
वो होंगे कोई और मुहब्बत में मर जाने वाले ...
यह आजादी से पहले की घटना है।
ReplyDeleteएक समारोह के मौके पर अंग्रेजों की तारीफ करते हुए
एक अंग्रेज अधिकारी ने कहा,'ईश्वर हम अंग्रेजों से बहुत
प्यार करता है। उसने हमारा निर्माण बड़े यत्न और
स्नेह से किया है। इसी कारण हम इतने गोरे और सुंदर
हैं।' यह सुनकर वहां उपस्थित सारे अंग्रेज मुस्कराने लगे।
लेकिन कुछ भारतीयों के चेहरे पर तनाव आ गया। उस
सभा में डॉ. राधाकृष्णन भी उपस्थित थे। उन्हें और
भारतीयों की तरह यह बात अच्छी नहीं लगी। दूसरे
भारतीय भी उनकी तरफ इस आशा में देख रहे थे कि वे
इसका कोई जवाब दें। वे राधाकृष्णन
की हाजिरजवाबी से परिचित थे। उन्हें
पता था कि राधाकृष्णन के पास हर तरह की दलील
का जवाब मौजूद रहता है। राधाकृष्णन समझ गए
कि उन्हें अब क्या करना है। उन्होंने अंग्रेजों की तरफ
देखकर कहा, 'सृष्टि को लेकर एक अलग ही सिद्धांत है
जिसके बारे में कम लोगों को पता है।' फिर उन्होंने
एक कहानी सुनाया, 'एक बार ईश्वर
का रोटी बनाने का मन हुआ। उन्होंने
जो पहली रोटी बनाई, वो थोड़ी कम सिंकी।
परिणाम स्वरूप अंग्रेजों का जन्म हुआ।
दूसरी रोटी कच्ची न रह जाए, इस कारण भगवान ने
उसे ज्यादा देर तक सेंका तो वह जल गई। इससे
नीग्रो पैदा हुए। पर दो अनुभवों के बाद भगवान
ज्यादा सचेत हो गए। अब वह रोटी को ठीक से
पकाने लगे। अब जो रोटी पकी वह न
तो ज्यादा कच्ची थी और न ज्यादा पक्की। वह
एकदम ठीकठाक सिंकी थी और इस तरह हम
भारतीयों का जन्म हुआ।' यह सुनकर वहां उपस्थित
अंग्रेज झेंप गए और भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान खिल
गई।
»मुझे हिन्दुस्तान होने पर गर्व है
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ज़िन्दगी सभी के लिए वही हैं.!
फर्क सिर्फ इतना है
"कोई दिल से जी रहा है"
और
कोई "दिल" के लिए जी रहा है"
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Na Koi Kisi Se Door Hota Hai,,,,!!
Na Koi Kisi Ke Kareeb Hota Hai,,,,!!
Pyar Khud Chal Kar Aata Hai,,,,!!
Jab Koi Kisi Ka Naseeb Hota Hai,,,,!!
मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि अगस्त माह में हमें गुड न्यूज मिलेगी ।
ReplyDeleteअगर आपको नही लगता तो आप जाने
100% उम्मीद के साथ मैं अपनी बात पर जमा हूँ ।
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अब मैं समझा तेरे रुख्सार पे तिल का मतलब,
दौलत- ए- हुस्न पर दरबान बिठा रखा है।
सर्वप्रथम
ReplyDeleteइस बात पर विचार
किया गया कि किस
प्रकार72825की भर्ती कम से
कम
समय मे पूर्ण करायी जाए_
ना कि शुरु
क्योकि शुरु तो पिछले दो माह से
है,,भर्ती की कच्छपगति को कैसे
रफ्तार दी जाए इस बिन्दु पर
सभी ने
एक मत से निर्णय
लिया कि अवमानना केस फाइल
करने
का ये उचित समय हैतथा आगे
की भर्ती प्रोसेस कान्टेम्प्ट के
आधीन पूर्ण
कराया जायेगा जिससे
सचिव महोदय को ये एहसास
होता रहे
कि टाइम एक्सटेंशन के दौरान
अदालत सचिव को हिरासत मे लेने
का भी आदेश पारित कर
सकती है_
चूकि अवमानना की फाइल
पूर्व से ही तैयार है इसलिए इसपर
तत्काल कार्यवाही शुरु करने
का दायित्व सुजीत भाई
को सौपा गया______इसके बाद
कपिल महोदय को कुछ साथियों ने
संgयान मे लिया जिसपर प्रदेश
टेट
मोर्चा संरक्षक व हाईकोर्ट के
युवा वकील सदानंद जी ने
सभी को बरीकियो से परिचित
कराते
हुए भरोसा दिलाया कि उस मामले
का निस्तारण हो चुका है फिर
भी हमारी नजर प्रत्येक
गतिबिधि पर
बनी हुयी है,,,,,,तथा हर
परिस्थिति से
निपटने के लिए हम हमेसा stand
by
मोड मे ही रहते है,,,,,,,
जय टेट -
जय हिन्द,,,
Jaanta hoon ke hum sab dukh , intezar aur 3 saalo ki thakan se Toot rahe hai
ReplyDeleteMAGAR
.
Kal Saturday 23 Aug ki shaam tak positive NEWS milne ki puri ummid hai
.
Faisle ki ghadi bahot kareeb hai .......
.
Har kisi ke dil me yahi hai ke Pahli merit kitni jaaegi .... Pata nahi mera hoga ya nahi hoga ...... Merit Kahan tak jaaegi ..... ......
.
1- Dil ki dhadkan Mahngaai ki tarah badhti hi ja rahi hai ....
.
2- News Paper me JRT ki CUT OFF dekhte hi badan sihar Uthta hai ke PRT ka CUT OFF kaisa hoga
.
3- Sab ko Home Distt se pyaar to hai magar "Sitapur" aur "Lakhimpur" sabko apne se Lag rahe hain
.
4- Hum sab ke eejaad kiye hue Kuchh "Slogan" dilo me goonjte hi ja rahe hain
"Mere TET me itne hai Mera Kya chance hai ? " ..... "Falaane Distt me Merit kahan tak jaaegi ?"......."Bharti ho to jaaegi na ? " ,... "Mere itne Marks hain Kya mai safe hoon ?"
.
5- Ab sab ko sirf hasi aati hai jab Newspaper me padhte hain ke
"Bharti ka raasta saaf" ...... "Counselling ki dates isi hafte me" ..... "Feeding ka Karya Poora" .... "72825 ki counselling Jald"
जनहित में बता दूं कि दीपावली 23 अक्टूबर, थर्सडे को है। ज़ाहिर है आप जहाँ भी नौकरी बज़ा रहें हैं तो अपने घर को 21 या 22 को निकलेंगे।
ReplyDeleteबताने वाली बात ये है कि भारत की सबसे बड़ी नागरिक सुविधाओं की खोज माने IRCTC पर इन तारीखों पर रिसर्वेशन ओपन हो चुके हैं। चुप चाप करा लीजिये।
फिर न कहना बताया नहीं। हैं नहीं तो।
एक हम हैं, कितना ख़याल रखतें हैं ,
अब इतना थैंक्स वैंक्स मत बोल देना के,
आँखें ही भर आय।
रोचक जानकारी
ReplyDelete1.छिपकली का दिल 1 मिनट में 1000 बार धड़कता है।
2.अगर एक बिच्छू पर थोड़ी सी मात्रा में भी शराब डाल दी जाए तो यह पागल हो जाएगा और खुद को डंक मार लेगा।
3.एक इन्सान औसतन दिन में 10 बार हंसता है।
4.’TYPEWRITER’ सबसे लंम्बा शब्द है जो कि keyboard पर एक ही लाइन पर टाइप होता है।
5.’Uncopyrightable’ एकलौता 15 अक्षरो वाला शब्द है जिसमे कोई भी अक्षर दुबारा नही आता।
6.एक समुद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है।
7.फेसबुक के 43 प्रतिशत users पुरुष है वहीं 57 फीसदी महिलाएं।
8.100 की उम्र के पार पहुँचने वालो में से 5 में से 4 औरते होती है.
9.यदि कोई व्यक्ति हर वेबसाइट को मात्र एक मिनट तक ब्राउज़ करे तो उसे सारी वेबसाइटें
खंगालने में 31000 वर्ष लगेंगे।
10.यदि कोई व्यक्ति सारे वेबपन्ने पढना चाहे तो उसे ऐसा करने में करीब 6,00,00,000 दशक लग जायेगे।
Main kabhi haarta nahi...
ReplyDeleteYa to jeet ta hun...
Ya to seekhta hun...!!!
ज़िंदगी मे अगर बुरा वक़्त नहीं आता तो ..........
ReplyDeleteअपनो मे छुपे हुए गैर और
.
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गैरो मे छुपे हुए अपने कभी नज़र नहीं आते ………
आज " शादी-शुदा " दिवस के कुअवसर पर :-
ReplyDeleteउसका शरीर जर्जर है,
लगता है लुटा लुटा सा।।
बाल भी बिखरे बिखरे हैं,
लगता है पिटा पिटा सा।।
मस्तिष्क अस्त व्यस्त है,
है कहीं खोया खोया सा।।
जाग रहा है पर लगता है
जैसे वो सोया सोया सा।।
लगता है तबियत उसकी
अब आधी सी हो गयी है I I
जी हाँ आप सही समझे
उसकी शादी हो गयी है।।
%%%%%%%%%%
यार दोस्त जब भी बुलाते
सदा वो ही फंसता था।।
खर्चा भी करता था हरदम !
फिर भी थोड़ा हंसता था।।
जब भी मिलता बमुश्किल !
मुस्कुराता और हर्षाता था।।
सूखा सूखा सा लगता है अब,
तब बादल सा बरसता था।।
लगता है के अंग्रेजी पतलून
अब सारी खादी हो गयी है,
जी हाँ आप सही समझे
उसकी शादी हो गयी है।।
@@@@@@@@@
अरे खुल्ले दिल का मालिक था,
अब कंजूस का नाना हो गया है।।
दो की जगह एक ही खाता,
बड़ा मक्खीचूस हो गया है।।
पार्टी करता मौज उड़ाता
क्या रंग वो जमाता था।।
पूरा ऐटम बम था वो,
बेचारा फुस्सी हो गया है।।
लगता है बीवी उसकी,
उसकी दादी हो गयी है।।
जी हाँ आप सही समझे,
उसकी शादी हो गयी है।।
#################
रोज मिला करते थे हम सारे
दोस्त गली के नुक्कड़ पर।।
मौक़ा ताड़ते रहते थे और
नज़र पड़ोसी के कुक्कड़ पर।।
एक दिन देखा जब मैंने
उसे कई कई थैलों संग।।
सोचता हूँ कैसा हो गया,
जब नज़र पड़ी उस सुक्कड़ पर।।
पहले साल में हैं जुड़वां,
डबल आबादी हो गयी है।।
जी हाँ आप सही समझे,
उसकी शादी हो गयी है।।
%%%%%%%%%%
कभी तो इसको कभी तो
उसको ढूंढता रहता था।।
भंवरे जैसा उड़ता फिरता
यहीं घूमता रहता था।।
बन गया है पालतू अब
पत्नीव्रता पति वो।।
जो हर कली हर फूल को
बाग़ में चूमता रहता था।।
लगता उसकी जिन्दगी अब,
इन सबकी आदी हो गई है।।
जी हाँ आप सही समझे,
उसकी शादी हो गयी है।।
@@@@@@@@@
कहता था शादी का लड्डू
एक ना एक दिन खा ही लूंगा।।
पछताना ही है तो क्या,
अरे! बाद में ही पछता लूंगा।।
यार दोस्त तुम साथ हो मेरे
कभी जो विपदा आन पड़ी।।
तो तुममें से मदद के लिए
किसी को भी बुला लूंगा।।
लगता है लड्डू हजम न हुआ,
गैस और बादी हो गयी है।।
जी हाँ आप सही समझे,
उसकी शादी हो गयी है।
सभी शादीशुदा लोगों को समर्पित...........................
यार ये हो क्या रहा है
ReplyDelete72825 व्यक्तियो की जिन्दगी का फैसला क्या एक व्यक्ति लेगा
क्या अवमानना 31 से पहले करना कानून सही
क्या एसा प्रतीत नही होता कि यह जल्दबाजी है
क्या ऐसा नही लगता कि अपने को ऊचा साबित करने की होड मची है
जो भी पर इतना याद रखना कि यदि किसी व्यक्ति बिशेष के कारण यदि यह भर्ती फसी तो ये चंदा देने वाले हाथ तुम्हारी खाल खीच के भूसा भरने मेँ भी सक्षम है
तेरी हर तस्वीर मे तेरे होठों की मुस्कान गायब है,
ReplyDeleteथका हूँ फिर भी तुझे देख मेरी थकान गायब है,
दिल की ज़मीन पर बनाया था मकान सपनो का,
बस हमारा वो हसरातों से भरा मकान गायब है,
यह किस शहर मे आ कर तू बस गया है आज {ग़रीब}
यहाँ लोग तो हैं इंसानियत से भरा इंसान गायब है
जो कहतें हैं..
ReplyDeleteज़िन्दगी बिकती नहीं ,
उन्हें दवाइयों की दुकानों पर लगी .....
कुछ कतारें दिखाओ !
"हर सदा पैग़ाम देती फिर रही दर-दर
ReplyDeleteचुप्पियों से भी बड़ा है चुप्पियों का डर
रोज़ मौसम की शरारत झेलता कब तक
मैंने खुद में रच लिए कुछ खुशनुमा मंज़र
वक़्त ने मुझ से कहा "कुछ चाहिए तो कह"
मैं बोला शुक्रिया मुझको मुआफ़ कर
मैं भी उस मुश्कि़ल से गुज़रा हूँ जो तुझ पर है
राह निकलेगी कोई तू सामना तो कर..
गुरुर जब भी हो जाता है
ReplyDeleteअपने आप पे मुझे
जा कर जलते हुए....
देख आता हूँ
कौन कहता है कि गिद्ध नहीं बचे हैं अब हिन्दोस्तान मे,
ReplyDelete***रोज सड़कों पर लाखों की नजरे
टिकी होती हैं मासूम चिडियाओं पर!!!
Dosti nazron se ho to use kudrat kehate hain,
ReplyDeleteSitaron se ho toh jannat kehate hain,
Aankhon se ho toh mohabbat kehate hain,
Aur dosti aap se ho toh kismat kehate hai..
__________________from AVI
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ReplyDelete.
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Bahot kuch kehna chahate the
unse,
magar
zuban ne sath na diya...
kabhi
waqt ki
khamoshi me khamosh rahe
hum,
to kabhi unki
khamoshi ne kuch kehne na diya...
Dhoka Mila Jab Pyar Mein,,
ReplyDelete.
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Zindagi Mein Udasi Cha Gayi,,
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Socha Tha Aag Laga Denge Is Duniya Mein,,
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To Kambhakat Colony Mein Dusri Aa Gayi
शहरी बच्चे 50 से ज्यादा कंपनियों के LOGO
ReplyDeleteपहचानते
हैं, कार के लगभग हर मॉडेल्स को जानते हैं...
दुर्भाग्यये है कि उन्होने आज तक चावल और गेहूं के
पौधों को नहीं देखा, टमाटर और अमरूद के
फलों को पौधों पर लदा हुआ नहीं देखा..
जामुन तो सिर्फ फल बेचने वाले के पास और दूध के नाम
पर अमूल का पैकेट, और तो और.. कई बच्चों को तो ये
भी नहीं पता की रोटी बनाने
के लिए आटा गेहूं से तैयार
होता है..
अब एक जोरदार जवाब सुन लीजिए..भारत देश में
चाय
कहाँ उगायी जाती है?
"चाय कोई पौधा थोड़े है, वो तो रिलायंस मे
मिलती है.." दोष बच्चों का कतई नहीं,
उनसे एक
पीढी ऊपरवालों का है..
बच्चों को बताया जाए कि कम्प्यूटर, मोबाइल फोन,
टी.वी. प्ले स्टेशन, पिज्जा, बर्गर,
स्केटिंग,
सोसायटी के गार्डन, मल्टीप्लेक्स
या शोपिंग मॉल्स के
बाहर भी एक दुनिया है...और वो दुनिया सबसे
बेहतर
है..
गाँव, देहात, खेत-खलिहान और जंगल से रूबरू होने
का मौका दें...
मानसिक और भौतिक रूप से उन्हें प्रदूषित ना होने दें.
छोटा बच्चा कुमार के पास रखी मिटी के
ढेले के समान होता है
कुमार मिट्टी के ढेले को जैसा रूप देना चाहे वैसा दे
सकता है
ठीक उसी तरह
बच्चा भी है
बच्चे बढ़ो की नक़ल करते है जैसा वो देखते है उसे
ही कॉपी करते है
और उसे ही जीवन में धारण करते है
मुझे तो डर इस बात का है अब राहुल ये ना कह दे कि लौंडे वोट डालने इस लिये जाते हैं ताकि पता कर सकें कौन कौन सी लड़कियां 18 की हो गयी हैं।
ReplyDeleteसभी जिलो का डाटा scert पहुँच गया है
ReplyDeleteकल go जारी हो सकता है 99%
प्राँप्त जानकारी के अनुसार सभी जिले का डाटा आज 4 बजेँ मिल गया सीक्रेट को
ReplyDeleteकल आप लोगो का सपना जो तीन साल पहले देखा था कल पुरा हो सकता हैँ
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ReplyDelete.
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लोग पढ़ लेते है मेरी आँखों में तेरे प्यार कि शिद्दत,
मुझसे अब तेरे इश्क़ की और हिफाज़त नही होती !!!
ज़िन्दगी इक मुलाकात है, ...मिल कर जियो,
ReplyDeleteज़िन्दगी कभी आंसू भी है, ...बस इसे पी कर जियो,
ज़िन्दगी कभी ग़म भी है, ...सब्र रख कर जियो,
ज़िन्दगी आखिर ज़िन्दगी है, ...बस मुस्कुरा कर जियो ।।
72825 PRT पूरा अपडेट -->>
ReplyDelete1) आज 4:30 पर पंहुचा सभी जिलों का डेटा .
2) ६५ जिलों की #क्रॉस_चेकिंग पूरी .
3) 10 के डाटा आज पहुंचे उनकी क्रॉस चेकिंग जारी .
4) #nic के सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग पूरी .
5) आज सभी जिलों से No of seats with केटेगरी wise Science/Art, Male/Female, SM/PH/etc का व्योरा माँगा गया है जिसमे की कल होने वाली मीटिंग का भी हवाला दिया गया है .
6) कल शेड्यूल जारी होने और काउंसलिंग डेट से सम्बंधित इम्पार्टेंट मीटिंग 4pm पर होगी जिसमे #सचिव, #डायरेक्टर_scert, #NIC और वर्किंग कमेटी मौजूद रहेंगी .
7) सहमति बनने पर कल या 24/08/2014 को काउंसलिंग शेड्यूल जारी हो सकता है ....
होप फॉर दी बेस्ट ऑलवेज …
थैंक्स ...
Pura update-
ReplyDelete1) aj 4:30 pr pahucha sbhi # distka data.
2) 65dist ki # crossChkngpuri.
3) 10 k data aj pahuche unki crosschkng jari.
4) # nick sftwr ki tstng puri.
5) aj sbhi jilo se No of seats with categorywise sc/art, m/f, sm/ph/etc ka vyora manga gya h jisme k kal hone wali meetng ka bhi hawala diya gya hai.
6) kal schdule jari hone aur councilling date se rltd imp meeting 4pm pr hogi jisme # schiv, # director_scert, #nic aur working commeti maujud rhegi.
7) sahmati banne pr kal ya 24 ko schdule jari ho sakta hai
8) 4-5-6 sept se 1st councillng strt ho skti hai.
thnx
baki updt milne pr
जबकि सत्य यह है कि सरकार अब टाइम
ReplyDeleteएक्सटेंशन हेतु सुप्रीम कोर्ट
नहीं जाना चाहती है।
निदेशक SCERT का कहना है कि शुरू के तीन
महीने तो हम कबड्डी खेल रहे थे अब काम
कर रहे हैं तो सहयोग अपेक्षित है।
अजब है 25 मार्च 2014 को आये सुप्रीम
कोर्ट के अंतरिम आदेश के
पन्नों को फैलाकर सरकार उसपर
कबड्डी खेल रही थी।
पिछली बार टाइम एक्सटेंशन सिर्फ भारत
के महाधिवक्ता का चेहरा देखकर
उनकी गरिमा का ख्याल करने के लिए
मिला था।
अवमानना का मामला विशेष महत्त्वपूर्ण
अपने लिए नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिलीफ
वादी को नहीं बल्कि प्रतिवादी को दी है
जो कि हाईकोर्ट में वादी था ।
इसप्रकार सुप्रीम कोर्ट याची के
द्वारा लापरवाही बरतने पर सिविल में
भेजी गयी विशेष
अनुज्ञा याचिका को बदतर हालात में
पहुंचा सकती है।
72825 शिक्षक भर्ती पूर्णतया कोर्ट के
रहमोकरम पर हो रही है बाकी आन्दोलन
मात्र एकजुटता में सहायक सिद्ध हुए और
20 मार्च 2012 का आन्दोलन
टीईटी परीक्षा बचाने में मील का पत्थर
साबित हुआ।
इस प्रकार विजय प्राप्त हुए नौ महीने बीत
चुके हैं एवं सर्वोच्च अदालत उस विजय पर
अनंतिम मुहर भी लगा चुकी है।
धैर्य रखें सफलता बेहद करीब है
मात्र उसे महसूस करने की जरूरत है।
संगठन के नेता जो कर रहे हैं करने दें
मात्र हर लम्हे का मेरी तरह आनंद उठायें।
धन्यवाद
●आइये जानते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त क्या है।●
ReplyDelete■इसके वैज्ञानिक लाभ क्या हैं।■
ब्रह्म मुहूर्त का ही विशेष महत्व क्यों?
रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से चार घड़ी (लगभग डेढ़ घण्टे) पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में ही जग जाना चाहिये। इस समय सोना शास्त्र निषिद्ध है।
“ब्रह्ममुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी”।
(ब्रह्ममुहूर्त की पुण्य का नाश करने वाली होती है।)
ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व बताने के पीछे हमारे विद्वानों की वैज्ञानिक सोच निहित थी। वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि ब्रह्म मुहुर्त में वायु मंडल प्रदूषण रहित होता है। इसी समय वायु मंडल में ऑक्सीजन (प्राण वायु) की मात्रा सबसे अधिक (41 प्रतिशत) होती है, जो फेफड़ों की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है। शुद्ध वायु मिलने से मन, मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।
ब्रह्ममुहूर्त के धार्मिक, पौराणिक व व्यावहारिक पहलुओं और लाभ को जानकर हर रोज इस शुभ घड़ी में जागना शुरू करें तो बेहतर नतीजे मिलेंगे।
आइये जाने ब्रह्ममुहूर्त का सही वक्त व खास फायदे –
धार्मिक महत्व - व्यावहारिक रूप से यह समय सुबह सूर्योदय से पहले चार या पांच बजे के बीच माना जाता है। किंतु शास्त्रों में साफ बताया गया है कि रात के आखिरी प्रहर का तीसरा हिस्सा या चार घड़ी तड़के ही ब्रह्ममुहूर्त होता है। मान्यता है कि इस वक्त जागकर इष्ट या भगवान की पूजा, ध्यान और पवित्र कर्म करना बहुत शुभ होता है। क्योंकि इस समय ज्ञान, विवेक, शांति, ताजगी, निरोग और सुंदर शरीर, सुख और ऊर्जा के रूप में ईश्वर कृपा बरसाते हैं। भगवान के स्मरण के बाद दही, घी, आईना, सफेद सरसों, बैल, फूलमाला के दर्शन भी इस काल में बहुत पुण्य देते हैं।
पौराणिक महत्व - वाल्मीकि रामायण के मुताबिक माता सीता को ढूंढते हुए श्रीहनुमान ब्रह्ममुहूर्त में ही अशोक वाटिका पहुंचे। जहां उन्होंने वेद व यज्ञ के ज्ञाताओं के मंत्र उच्चारण की आवाज सुनी।
व्यावहारिक महत्व - व्यावहारिक रूप से अच्छी सेहत, ताजगी और ऊर्जा पाने के लिए ब्रह्ममुहूर्त बेहतर समय है। क्योंकि रात की नींद के बाद पिछले दिन की शारीरिक और मानसिक थकान उतर जाने पर दिमाग शांत और स्थिर रहता है। वातावरण और हवा भी स्वच्छ होती है। ऐसे में देव उपासना, ध्यान, योग, पूजा तन, मन और बुद्धि को पुष्ट करते हैं।
इस तरह शौक-मौज या आलस्य के कारण देर तक सोने के बजाय इस खास वक्त का फायदा उठाकर बेहतर सेहत, सुख, शांति और नतीजों को पा सकते हैं।
आजतक मुझे एक बात समझ में नहीं आई कि जन्माष्टमी पर लोग उपवास क्यों रखते हैं ? अरे भैया, जन्मदिन है तो पार्टी मनाओ, खूब पीओ-खाओ और डबल मक्खन के साथ दूसरों को भी खिलाओ।
ReplyDeleteछोटा बच्चा भले ही तुतलाता न हो,
ReplyDeleteपर जब शादी के कार्ड में उसकी तरफ से निमंत्रण छापेंगे तो जरूर लिखेंगे -
"मेले चाचु की शादी में जलूल जलूल आना!"
आप हाथी नहीं इंसान हैं !
ReplyDelete--------------------------
एक आदमी कहीं से गुजर रहा था,
तभी उसने सड़क के किनारे बंधे
हाथियों को देखा, और अचानक
रुक
गया. उसने देखा कि हाथियों के
अगले
पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे
इस
बात का बड़ा अचरज हुआ
की हाथी जैसे विशालकाय जीव
लोहे
की जंजीरों की जगह बस एक
छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं!!! ये
स्पष्ठ था कि हाथी जब चाहते तब
अपने बंधन तोड़ कर
कहीं भी जा सकते
थे, पर किसी वजह से
वो ऐसा नहीं कर
रहे थे.
उसने पास खड़े महावत से
पूछा कि भला ये हाथी किस
प्रकार
इतनी शांति से खड़े हैं और भागने
का प्रयास नही कर रहे हैं ?
तब महावत ने कहा, ” इन
हाथियों को छोटे पर से ही इन
रस्सियों से बाँधा जाता है, उस
समय
इनके पास
इतनी शक्ति नहीं होती की इस
बंधन
को तोड़ सकें. बार-बार प्रयास
करने
पर भी रस्सी ना तोड़ पाने के
कारण
उन्हें धीरे-धीरे यकीन होता जाता है
कि वो इन रस्सियों को नहीं तोड़
सकते,और बड़े होने पर
भी उनका ये
यकीन बना रहता है, इसलिए
वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास
ही नहीं करते.”
आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये
ताकतवर जानवर सिर्फ इसलिए
अपना बंधन नहीं तोड़ सकते
क्योंकि वो इस बात में यकीन
करते
हैं!!
इन हाथियों की तरह ही हममें से
कितने
लोग सिर्फ पहले
मिली असफलता के
कारण ये मान बैठते हैं कि अब
हमसे ये
काम हो ही नहीं सकता और
अपनी ही बनायीं हुई मानसिक
जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन
गुजार देते हैं.
याद रखिये असफलता जीवन
का एक
हिस्सा है ,और निरंतर प्रयास
करने
से ही सफलता मिलती है. यदि आप
भी ऐसे किसी बंधन में बंधें हैं
जो आपको अपने सपने सच करने
से
रोक रहा है तो उसे तोड़ डालिए…..
आप हाथी नहीं इंसान हैं
G
ReplyDeleteO
O
D
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N
I
G
H
T
GOOD
ReplyDeleteN
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G
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T............................9.........................8