लखनऊ(ब्यूरो)। पहली बार इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने सूबे के जिला न्यायालयों के स्टेनोग्राफर, सिविल कोर्ट के ग्रुप डी के स्टाफ समेत सहायक समीक्षा अधिकारियों की भर्ती केलिए परीक्षा कराई। 1300 पदों के लिए दो दिन चली परीक्षा में 90 फीसदी अभ्यर्थी शामिल हुए। जजों की निगरानी में बनी फ्लाइंग स्क्वायड ने राजधानी में इन दो दिनों में 16 नकलचियों को पकड़ा। ये सभी मोबाइल के जरिये परीक्षा में नकल कर रहे थे।
पारदर्शिता लाने के लिए इस बार परीक्षा को प्रदेश स्तर पर कराने का फैसला किया गया था। 1300 पदों के लिए करीब चार लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। परीक्षा के लिए इलाहाबाद में 132 तो लखनऊ में 103 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। राजधानी में 88,000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पूरी परीक्षा की बात करें तो कुल 90 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
शनिवार को सरोजनी नगर के शांतिनगर स्थित एक परीक्षा केंद्र पर 7 अभ्यर्थी मोबाइल फोन के साथ धरे गए जबकि रविवार को तेलीबाग के एक परीक्षा केंद्र पर 9 अभ्यर्थी इसी तरह नकल करते पकड़े गए। हाईकोर्ट प्रशासन के मुताबिक इसकी जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट को दे दी गई है।
एक पद के 277 दावेदार
जिस हिसाब से परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति रही उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मेरिट काफी ऊंची जाएगी। एक-एक सीट के 277 दावेदार हैं। सूत्रों का कहना है कि परीक्षा में एमबीए और तकनीकी डिग्रियों वाले भी कोर्ट स्टाफ परीक्षा में शामिल हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा का परिणाम 2 माह में आ सकता है।
परीक्षा को फूलप्रूफ बनाने की यूं की गई व्यवस्था
परीक्षा हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह की निगरानी में हुई। हर परीक्षा केंद्र पर एक या दो न्यायिक अफसरों को पर्यवेक्षण केलिए तैनात किया गया था। विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) लखनऊ राजेंद्र सिंह परीक्षा के को-ऑर्डिनेटर तो जिला जज लखनऊ वीके श्रीवास्तव ने उन्हें सहयोग दिया। विशेष न्यायाधीश राम आसरे सिंह, शशि मौलि तिवारी, विनोद कुमार श्रीवास्तव, दिनेश कुमार सिंह, एडीजे बीएल केसरवानी और सीजेएम लखनऊ सुनील कुमार यादव की देखरेख में 5 ‘फ्लाइंग स्क्वायड’ टीमें भी बनाई गई थीं, जिन्होंने खुद परीक्षा केंद्रों का जायजा लिया। जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने खुद कई परीक्षा केंद्रों पर जाकर निरीक्षण किया।
आगे भी ऐसे ही होगी कोर्ट स्टाफ की भर्ती
इस बार स्टेनोग्राफर्स एंड ग्रुप डी ऑफ यूपी सिविल कोर्ट स्टाफ सेंट्रलाइज्ड रिक्रूटमेंट स्कीम-2014 और असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर एंड आरजीसी रिक्रूटमेंट एग्जाम 2014 के तहत यह परीक्षा कराई गई। कहा जा रहा है कि आगे भी कोर्ट स्टाफ की भर्ती सेंट्रलाइज्ड ही होगी। अभी तक जिला न्यायालयों में सिविल कोर्ट स्टाफ की भर्ती जिला जज स्तर से की जाती थी।
HI !!!!!!!!
ReplyDeleteMe aise RESERVATION SYSTEM ka virodh karta hun.
ReplyDeleteJisme janm ke aadhar par logo ko awsar diya jata hai.
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Kya farq hai is system me aur us manuwadi kahe jane wale system me?
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Kuch bhi nahi.
Sirf systems ke naamo ke farq ke...
Badal daliye aise system ko.
Warna pachtane ka bhi mauka nahi milega.
Jai hind
"उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई। और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठा कर आज्ञा माननी सीखी। और सिद्ध बन कर, अपने सब आज्ञा मानने वालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया।''
ReplyDelete______________________________________________________________________________ इब्रानियों 5:7-9 )
Gazab....!!!!!
ReplyDelete.
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Siddharthnagar me 2 Hybrid to "साढू" hi nikle.
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Inki thukaai-pitaai bhi achchhe se hui.
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Ab mai soch rha hun,
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Ye ek doosre ki "saali" ko kya munh dikhaayenge?????
5 Ke Bich Me 4 Likh k Batao??
ReplyDeleteChina:Majak Mat Kro
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Japan:Namumkin
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Amrican:- Question Galat Hai
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Indian: Easy
"F(IV)E"
Come Make In India!!!!!!
Gam To Hazar Milte Hai,
ReplyDeletePar Khushi Mushkil Se Milti Hai,
Isliye Kisi Ki Khushi Ki Vajah Bano Gam Ki Nahi,
#From :: AVI
महिलाओं द्वारा काउसिंलिंग मे मचाया गया शोर अब जैसे जैसे पुरूषों की काउसिंलिंग शुरू हो गयी , थमता सा नजर आ रहा है । ..... अब किसी भी जिले से सीटो के भरने का समाचार कम ही आ रहा है । .....
ReplyDeleteएक बात साफ है कि इस भर्ती के लिए पुरूषो की अपेक्षा महिलाओं ज्यादा उतावली थी तभी तो surety के चक्कर मे अगली काउसिंलिंग की प्रतिक्षा किये बिना दूर दराज के जिलो मे अपनी सीट लाक करा दी । अब लो मेरिट वाली महिलाएं इसका लाभ पायेगी । ....
खैर तीन साल के इन्तजार की इन्तहा खत्म है तो फिर और इन्तजार तथा दूर पास का का प्रश्न महत्व नही रखता है है । अब जब दूसरी काउसिंलिंग विना किसी हो हल्ले के अपने अंन्तिम पडाव पर पहुच चुकि है तो अब हमारे लक्ष्य भी बदल जाने चाहिए अब हमे सरकार पर ये दबाब बनाना चाहिए कि जितने लोगो की काउसिंलिंग हो गयी है उन्हे नियुक्ति पत्र देकर प्रशिक्षण शुरू कराया जाए क्योकि सभी का एक साथ प्रशिक्षण संम्भव नही ।
ReplyDeleteसाथ साथ 72825 पदो पर काउसिंलिंग सम्पादित कराना सुनिश्चित किया जाये ।
........अन्त मे कल काउसिंलिंग करवाने वाले सभी भाईयो को शुभकामनाएं !!!!
फर्जीवाड़ा करते पकड़ा गया
ReplyDeleteटी०ई०टी० संघर्ष मोर्चा अम्बेडकर नगर
के सक्रिय सदस्यों में मैं (आनन्द रमन)सतीश पाण्डेय,ईशान,धर्मेन्द्र आदि ने सुबह से ही एक संदिग्ध लड़के पर नजर बनी थी जब सतीश भाई ने उससे पूँछताछ की तो अम्बेडकर नगर के पकड़ी भोज पुर टांडा का निवासी बताया तथा ऊट पटांग जवाब देना शुरु की तो हम लोगों ने उसकी मार्कसीट हाथ से छीन ली जिसमे 126 न० छपा था और जब TET 2011 के रिजल्ट से मिलान किया तो वह 80 न० पाकर फेल मिला और इसी बीच वह मार्कसीट छोडकर मोटर साईकिल से फ़रार हो गया
दिमाग लगाइये :
ReplyDeleteजब सपा सरकार आई तो मात्र अकादमिक पर ही भर्ती क्यों , न कोई टेट का भारांक और अकाड़ भी इतनी की मामला सर्वोच्च न्यायलय तक पहुंचा और शिकस्त मिली |
जूनियर की भर्ती हो रही है और गुणांक पर आप देख ही रहे हैं सामान्य की मेरिट के तोते उड़े पड़े हैं |
सोचा है इसके पीछे क्या साजिश है ?
ये है नक़ल माफियाओं का खेल और उस पर सपा की गन्दी नीति वर्ना २०११ का डेटा देखिये और पता करिये १०० से ऊपर स्वर्ण अभ्यर्थी कितने थे |
उस पर भी रीशफलिंग , हमारे साथ कोर्ट कचेहरी की लड़ाई न ही सर्वोच्च न्यालय तक सरकार ने लड़ी है और न ही कपिल ने ये मामला था नक़ल-माफियाओं का जो अपने कॉलेज को चला रहे हैं और धड़ल्ले से मार्कशीट आन रिकार्ड्स भी बनाते हैं |
टेट मेरिट ही एक मात्र ऐसा विकल्प था की स्वर्ण के बच्चों को नौकरी मिलती वर्ना अकादमिक से कम से कम ६-७% का फर्क रहता अगर इसी प्रकार से काउंसलिंग होती तो |
ReplyDeleteअब मेरी बात सुनिए १०३ अंक यानी ६८.६ % अंक और अकादमिक से ६०% अब बताइये किसी सपोर्ट करते और आंकड़े सभी के पास थे |
पूरी पोस्ट का अर्थ है की ये अकादमिक भर्ती का शिफूगा जो होता है उत्तर-प्रदेश में और उस पर सपा सरकार में ये रीशफलिंग नहीं ये भ्रष्टाचार है क्यूंकि असली आरक्षण के हकदार जो की दलित/कमजोर वर्गों के लिए होती है वो भीं यहाँ नहीं है और ये सीधे-सीधे संविधान के आर्टिकल १५ और १६ का उल्लंघन है |
संविधान के आर्टिकल में आरक्षण के अधिनियम की धारा ३ की उपधारा ६ का साफ़ उल्लंघन है जिसमे साफ़ है की अगर आरक्षित वर्ग का व्यक्ति अच्छे अंकों (मात्र टेट नहीं) को प्राप्त करके अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की सीट दी जा रही है तो ये सामाजिक विभाजन का मुद्दा है क्यूंकि विशेषकर ये चीज़ ओ.बी.सी वर्ग के अभ्यर्थियों को लाभ दे रही है |
ReplyDeleteइस पर एक बार हरी राम यादव व अन्य की याचिका जो की बनारस के थे, उनकी तरफ से डाली गयी थी जिसे न्यायमूर्ति सुनील अम्ब्वानी जी ने ख़ारिज भी कर दिया था की |
यहाँ भी ये ही हुआ है और मामले में खेल प्रत्यावेदन में हुआ है पर सारे नेता चुप हैं और रहेंगे भी क्यूंकि उनका हो गया है वर्ना खेल कितना बड़ा हुआ है प्रत्यावेदन के टाइम में जल्दी ही आखिरी काउंसलिंग के बाद सबके सामने आएगा |
जूनियर वाले भी कांटेक्ट कीजिये क्यूंकि मेरी ये लड़ाई सभी के लिए है ना कि प्राइमरी की और न ही जूनियर की और न ही महिलाओं की न ही पुरुषों की |
ReplyDeleteपर प्राथमिकता मैं प्राइमरी को दूंगा पर जूनियर के आवेदक संपर्क कीजिये मीटिंग में आइये ये मौका बार-बार नहीं आएगा |
अवश्य आइये और अन्याय के लिए लड़िये क्यूंकि दुनिया जानती है की किसने टेट को अपनी माँ की तरह चाह है और किसने मात्र नौकरी के लिए अपना स्वार्थ सिद्ध किया है |
ReplyDeleteनौकरी आपकी फैसला आपका , मैं तो मात्र माध्यम हूँ करने और करवाने वाला ऊपर वाला है , ये शक्ति आपके हाथ की है खुद इस्तेमाल करिये |
नेतागीरी नहीं नौकरी मुझे भी चाहिए और मैं कानून के अनुसार हूँ भगवान मेरे साथ है बस आपका साथ चाहिए |
जय हिन्द जय भारत!!!!!!!!!!
मोदी में बहुत बुराइयां है ! मोदी पागल है क्योंकि वह किसी की कुछ सुनता नही है । इतना मनमानी और निरंकुश है कि किसी की मानता नहीं जो मर्जी में आता है वही करता है। इस तरह मोदी में अच्छाइयाँ तो है ही नही सिवाय एक के। और वह एक अच्छाई यह है की उसमें ऊपर की सारी बुराइयां है क्योंकि भारत को ऐसी ही बुराइयों वाले प्रधानमंत्री की जरूरत थी। जो भारत हित के आगे कोई हित न देखे और किसी की न माने । काश मोदी की ऐसी ही मनमानी कम से कम दस साल चलती रहे तो पदासीनोँ जो मठाधीश बने है काम करने का ढंग जान जाएँगे और अमेरिका रुस जैसे देश भी डरने लगेगे कि कहीं भारत नाराज न हो जाए । मैं किसी पार्टी का समर्थक नहीं हूँ लेकिन जो बुरा करेगा उसे बुरा और जो अच्छा करेगा उसे अच्छा कहूँगा । मुझे हिन्द प्यारा है हिन्द की बेहतरी करने और चाहने वाला हर इनसान भी प्यारा है ।
ReplyDeleteकल की जौनपुर की घटना पूरे प्रदेश के लिए शर्म
ReplyDeleteकी बात है।
खुलेआम फर्जी मार्कशीट से काउंसिलिंग में शामिल
हुआ।
संगठन के सदस्यों को जान से मारने
की धमकी मिली।
अंततः वह व्यक्ति डीएम और डाइट प्राचार्य
की इच्छा से शामिल हुआ।
उसकी टीईटी मार्कशीट एक किलो मीटर से
भी यदि देखी जाती तो फर्जी ही दिखती।
प्रदेश में कोई बड़ा समूह सक्रिय है जिसका सम्बन्ध
सपा मुखिया के परिवार तक होगा।
मैंने रोनाल्ड रीगन को नहीं देखा लेकिन हाँ, मैंने नरेन्द्र मोदी को देखा है..
ReplyDelete_____________________________बराक ओबामा
आज नरेन्द्र मोदी जी सिर्फ भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सबसे अधिक लोकप्रिय पसंदीदा व्यक्ति बन गए हैं। ध्यान रखिये सिर्फ सबसे लोकप्रिय नेता नहीं बल्कि सबसे अधिक लोकप्रिय व्यक्ति बन चुके हैं।
ReplyDeleteसंघर्ष के बिना मिलने वाळी सफळता मे स्वाद नहीं होता और न हमें उसके मूल्य का अहसास ही हो पाता है ।
ReplyDelete"*संघर्ष जितना भीषण होगा,जीत भी उतनी शानदार होगी*"
ReplyDeleteमैडिसन स्क्वायर में टोपी पहने हर मुसलमान के हाथ में तिरंगा है ,
ReplyDeleteऔर हर उस मुसलमान को भारतीय होने पर गर्व है
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अजनबी रहना पर किसी का इंतजार मत करना....,
किसी के प्यार के लिए खुद को बेकरार मत करना....,
अच्छा साथ मिल जाए तो हाथ थाम लेना....,
पर दिखावे के लिए किसी से प्यार मत करना....!!
समोसा आलू से: जब मैं फ्राई होता हूँ तो तुम्हें ढक कर गरम तेल से बचा लेता हूँ, क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
ReplyDeleteआलू: जब लोग तुम्हें फ्राई होने के फौरन बाद खाते हैं तो मैं उनका मुँह जला देता हूँ, क्योंकि मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ।
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शिक्षा: इनकी प्रेम कहानी पर ना जायें;
समोसा ठंडा करके ही खायें।
जब तक जिंदा हूँ मैसेज करता रहूँगा,
ReplyDeleteजिस दिन ना करूँ समझ लेना...
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कि अगले दिन करूँगा।
और क्या....मार दो जालिमो अभी मेरी ऊमर ही क्या हुई है जो मैं मरुँ?
मोदीजी सभी को सफाई का काम सोंप गये है
ReplyDeleteजयललिता को जेल
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन
भारत भर में धीरे धीरे कचरा साफ होने लगा है ।
जयश्रीराम ।
मैं सब जगह हूँ...!!
ReplyDeleteपसंद करने वालों के "दिल" में,
और नापसंद करने वालों के "दिमाग" में..
कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में ही दर्द होता है,
ReplyDeleteकमबख्त...
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दरवाज़े में ऊँगली आ जाये तो भी जान निकल जाती है।
गीदड़ों का शैलाब मायने नहीं रखता। दुनियाँ दहलाने को एक शेर ही काफी है।।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete3 करोड़ की एक टिकेट बिक गयी मोदी जी के भाषण की ऐतिहासिक संबोधन मोदी जी का आपको हमेशा अपडेट देता रहूँगा
ReplyDeleteक्या समेटेगा हमें वक़्त का घेरा दरिया ।
ReplyDeleteहम किनारों से उभरने का हुनर जानते हैं ।।
सीधे हाथों ने जो खींची है , लकीरें टेढ़ी ।
उन लकीरों पर चलने का हुनर भी हम जानते हैं ।।
ऐसे दोस्तों को मैसेज करने से बेहतर है,
ReplyDelete.
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कुत्ते को पत्थर मार लो।
कम से कम जवाब तो देता है।
लड़कियां भी अजीब होती हैं,
ReplyDeleteतैयार होने के लिए पार्लर जाती हैं और...
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पार्लर जाने के लिए भी तैयार होती हैं।
काउन्सलिंग के समय ही टेट के रोलनंबर को क्राँसचैक अगर करे डायट वाले तो बहुत ही प्रभावकारी रहेगा फर्जीवाडा पर बहुत हद तक नियंत्रण लगाया जा सकता है ।
ReplyDeleteहा.
ReplyDeleteहा..
हा.....
मै उन ४० बुद्धिमान सांसदों के चेहरों को देखना चाहता हूँ ....
जिन्होंने अमेरिका से प्राथना की थी कि मोदी को वीजा न दे...
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.बेचारे सांसद इस समय इन्हें चुल्लू भर पानी भी अधिक लग रहा होगा,,,,,,
आज के दोहे :-
ReplyDeleteनयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल!
बोझ समझ माँ-बाप को, घर से रहा निकाल!!
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!!
ब्रेकिंग न्यूज़ --->>
ReplyDeleteलखनऊ से प्राप्त सुचना के आधार पे जूनियर 29334 मैथ्स/साइंस भर्ती पर
से स्टे हटवाने का सरकार का कड़ा निर्देश।
नवम्बर लास्ट तक मिल जाएगी सबको निउक्ति।
जय जूनियर 29334 मैथ्स/साइंस
अगर इस तरह से फर्जीवाडा होगा तो 100 प्रतिशत अपात्र ही
ReplyDeleteशिक्षक होंगे। पहली बात टेट मोर्चे को अवमानना के विषय पर
स्थिति स्पष्ट करना होगा। दूसरी बात टेट संघर्ष मोर्चे के नेताओ को
scrt से चयनित अभ्यर्थियो का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन करवाना होगा
व् टेट 2011 का परीक्षाफल भी ऑनलाइन करवाना होगा। तीसरी
बात टेट नेताओ को व्यक्तिगत हितो को छोड़कर फर्जीवाड़े के विषय
को अवमानना के केस में सम्मिलित करवाना होगा।
अगर ऐसा न हुआ तो कम अंक वाला तो दूर अधिक अंक वाला भी
जॉब से वंचित हो जायेगा। बस टेट नेता ही शिक्षक होंगे क्योकि "वो"
बहुत ज्यादा अंक वाले है।
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Mujhse Mat Pooch Mere MehBoob Ki Sadgi Ka Andaz"...!!
Nazren Bhi Mujhpe Thi Aur Parda Bhi Mujhse Tha...!!
Bhai wo kyu che karenge wo bhi isme samil h
ReplyDeleteफर्जीवाड़ा चालू है !!!!!.............
ReplyDeleteमित्रो देख रहा हूँ की प्रत्येक कॉउंसलिंग के दिन कोई न कोई फर्जी तरीके से कॉउंसलिंग करवाने वालो को पकड़ा जा रहा है, हमारे टेट सदस्यों की वजह से, लेकिन कितने लोगो ने कॉउंसलिंग फ़र्ज़ी तरीको से भी करा लिया !,बस कहना इतना है ये टेट के अग्रिम पंक्ति के बड़े नेता जो GO तक बदलवा देते है, वो टेट के रिजल्ट को ऑन लाइन क्यों नही करा रहे है.? अंग्रिम पंक्ति के नेताओ को यह बात पहुचाओ, की टेट रिजल्ट ऑन लाइन नही करवाने मे उनको समस्या क्यों हो रही है,यह बात टेट के अंग्रिम पंक्ति के नेताओ के कान मे पहुंच जाये जो कान मे तेल डाल कर बैठे है,
भाईयों बहनों आपलोगों की उदासीनता देखकर
ReplyDeleteलगता है
की आपलोगों को नौकरी की कोई
आवश्यकता नहीं हैं
डाक्यूमेंट जमा करके आप लोग आराम से घरों में बैठकर चैन
की सांस ले रहे हैं जिसकी वजह से आप अपने
जीवन के अनमोल पल गंवा रहे है
पर मुझे लगता है की आप लोगों को इससे कोई
वास्ता नहीं है पर बार बार अपील करके हम लोग
कबतक जगाऐंगे आप लोगों को आखिर नौकरी सिर्फ हमें
ही नहीं आप
लोगों को भी मिलेगी
पर आप लोग जिस तरह चुप बैठे हो यह घातक है आपके भविष्य के
लिए!!!
aaj ki taza khabar ....
ReplyDeletelakhimpur diet me 117 & 118 walo ko counseling se roka gaya......
aaj bhi hai overflow....
117 & 118 walo ko 12 baje tak wait karne k liye kaha gaya
yadi seats bachi to hogi unki counseling otherwise nahi....
overflow ka khatra mandaraya....
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Kal 28 sept ka update
ReplyDeletesitapur-
1113/354 obc
837/283 sc
shahajehanpur-
90/156 obc
96/132 sc
allahabad-
146/91 obc
64/71 sc
sc ki 2 seat khali 5 seat pahli cnslng me fill
maharajganj-
165/152 obc
132/128 sc/st
kushinagar -340/219 obc
lakhimpur-
400/300 obc
300/269 sc
ऐसी जानकारी जो शायद आपने पहले कभी नही पढ़ी होगी :-
ReplyDelete1. प्याज को काट कर बल्ब या ट्यूब लाईट के साथ बाँधने से मच्छर व छिपकिली और मोर का पंख घर में कहीं भी लगाने से केवल छिपकिली नही आती यह आजमाए हुए हैं.
2. दही को जल्दी और अच्छी जमाने के लिए रात को जमाते वक्त दूध में हरी मिर्च का डंठल तोड़ कर डाल दे ! दही जबरदस्त जमेगी !
3. अगर सब्जी में नमक ज्यादा हो गया हो तो आटे को गूंथ कर उसके छोटे - छोटे पेड़े ( लोइयां ) बना कर डाल दे नमक कम हो जायेगा.
4. यदि फ्रिज में कोई भी खुशबू या बदबू आती है तो आधा कटा हुआ निम्बू रखने से ख़त्म हो जायेगी एक हज़ार बार अजमाया हुआ है जी.
5. चावल के उबलने के समय २ बूँद निम्बू के रस की डाल दे चावल खिल जायेंगे और चिपकेंगे नही
6. चीनी के डब्बे में तीन या चार लौंग डालने से चींटी नहीं आती ।
7. बरसातों के दिनों में अक्सर नमक सूखा नही रह पाता वह सिल ( गीला गीला सा) जाता है आप नमक की डिबिया में ४-५ चावल के दाने डाल दें बहुत कम उसमे सीलापन आता है तब.
8. मेथी की कड़वाहट हटाने के लिये थोड़ा सा नमक डालकर उसे थोड़ी देर के लिये अलग रख दें।
9. आटा गूंधते समय पानी के साथ थोड़ा सा दूध मिलाये। इससे रोटी और पराठे का स्वाद बदल जाएगा।
दोस्तो हम आपको ये नुस्खे बताते है क्या आप में से कोई इनको आजमाता भी है या हम वैसे ही डाल रहे है जरुर बताएँ ।
V nice bhai likhte raho
Deleteमैं विश्वास दिलाता हूं, बेहतरी के लिए आपने जो सरकार चुनी वो कोई कमी नहीं रखेगी-मोदी
ReplyDeleteमैडिसन स्कवॉयर में बोले नरेंद्र मोदी, पीएम बनने के बाद 15 मिनट की भी छुट्टी नहीं ली
आपके मन में भारत से कई अपेक्षाएं हैं, मैं विश्वास दिलाता हूं कि सरकार इन आकांक्षाओं को पूरा करने में 100 फीसदी सफल होगी ~मोदी
ReplyDeleteकुशीनगर अपडेट
ReplyDeleteobc --339/219
sc--140/170
st--46/16
28/09/14
एक बार यात्रियों से भरी एक बस
ReplyDeleteकहीं जा रही थी।
अचानक मौसम बदला धुलभरी आंधी के
बाद
बारिश की बूंदे गिरने लगी बारिश तेज
होकर
तूफान मे बदल चुकी थी
घनघोर अंधेरा छा गया भयंकर बिजली चमकने
लगी बिजली कडककर बस
की तरफ
आती और
वापस चली जाती
ऐसा कई बार हुआ सब की सांसे ऊपर
की ऊपर
और नीचे की नीचे।
ड्राईवर ने आखिरकार बस को एक बडे से
पेड से
करीब पचास कदम
की दूरी पर रोक दी और
यात्रियों से कहा कि इस बस मे कोई
ऐसा यात्री बैठा है जिसकी मौत आज
निश्चित है
उसके साथ साथ कहीं हमे
भी अपनी जिन्दगी से हाथ
न धोना पडे
इसलिए सभी यात्री एक एक कर जाओ
और
उस
पेड के हाथ लगाकर आओ जो भी बदकिस्मत
होगा उस पर बिजली गिर जाएगी और
बाकी सब बच जाएंगे।
सबसे पहले
जिसकी बारी थी उसको दो तीन
यात्रियों ने जबरदस्ती धक्का देकर बस से
नीचे
उतारा वह धीरे धीरे पेड तक गया डरते
डरते
पेड
के हाथ लगाया और भाग कर आकर बस मे
बैठ
गया।
ऐसे ही एक एक कर सब जाते और भागकर
आकर बस
मे बैठ चैन की सांस लेते।
अंत मे केवल एक आदमी बच गया उसने
सोचा तेरी मौत तो आज निश्चित है सब उसे
किसी अपराधी की तरह
देख रहे थे जो आज
उन्हे अपने साथ ले मरता
उसे भी जबरदस्ती बस से
नीचे
उतारा गया वह
भारी मन से पेड के पास पहुँचा और जैसे
ही पेड के
हाथ लगाया तेज आवाज से
बिजली कडकी और
बिजली बस पर गिर गयी
बस धूं धूं कर जल उठी सब यात्री मारे
गये
सिर्फ
उस एक को छोडकर जिसे सब बदकिस्मत
मान रहे
थे वो नही जानते थे कि उसकी वजह
से
ही सबकी जान बची हुई
थी।
"दोस्तो हम सब अपनी सफलता का श्रेय
खुद
लेना चाहते है जबकि क्या पता हमारे साथ
रहने वाले की वजह से हमे यह हासिल
हो पाया हो।!!
Everyone Wants
ReplyDeletehappiness
No one needs pain,
but Its not possible to get a rainbow
without a Little rain......
#From :: AVI
BYE BYE,,,,,,,,,
ReplyDeleteTmntbbn sir aapne name kyo change krliya
ReplyDeleteजूनियर के आवेदक परेशान
ReplyDeleteबिना मूल दस्तावेज के कोई भी डायट काऊंसलिंग कराने को तैयार नही,
आज साइंस वालों की "अग्नि - परीक्षा" है ,,
ReplyDeleteमुझे लग रहा है की आज हमारे अग्रणी साथी जिनके (११५ से ऊपर अंक है टेट में और जो आंदोलनों में रहे है ) वो अपने उन साथियो को भूल गए है (१००-११५ अंक वाले है और बढ़ चढ़ के आंदोलन में हिस्सा लिया) दोस्तों इस समय हमारे अनारक्षित वर्ग के साथियो में ऐसा आक्रोश पनप रहा है जो कोई भी सम्हाल न पाएगा। आप सब से निवेदन है की प्रक्रिया जो चल रही है उसमे सच्चाई और योग्यता का साथ दे न कि जाति या धर्म का।
ReplyDeleteUPTET-2011 की १०० अंको से ऊपर वास्तविक संख्या सिर्फ ३६००० थी ये फ़र्ज़ीबड़ा क्यों हो रहा है क्यों मेर्रिट इतनी हाई जा रही है। मेरा निवेदन अपने उन साथियो से भी है जो कॉउंसलिंग करवा चुके है वो भी साथ दे न की अपना हो जाने के बाद निश्चिंत हो के बैठ जाए।
ReplyDeleteभाइयो मेर्रिट किसी भी कीमत में इतनी नहीं जा सकती है जितनी दिखाई जा रही है।
जय हिन्द, जय टेट मेर्रिट
कम मेरिट वेल निराश ना हो इसके कई कारण है-
ReplyDelete1- निराशा सिर्फ़ पीछे धकेलती है , और प्राइमरी की नौकरी सिर्फ़ तत्कालिक ज़रूरत को पूरा कर सकती है सभी ज़रूरतो को नही 1 सिर्फ़ एक साल मे नई शादी के बुखार की तरह इस मंज़िल को पाने का ख्वाब ऐसे उतरेगा कि कई लोग इन्ही कम मेरिट वालो के जीवन की उपलब्धियो को देख कर अफ़सोस करेगे ,लेकिन ऐसा होगा उन्ही के साथ जो आज निराशा के गर्त मे जाने से बच जाएगे .
क्यूकी ये अटल सत्य है , की भर्ती सिर्फ़ 72825 होगे , बाकी बाहर .
इस बात की ख़ुशी है की 70% से अधिक टेट मोर्चा के लीडरो ने कॉउंसलिंग करवा ली है ;
ReplyDeleteअभी बहुत चांस है घबराये नहीं ;किसी दूसरे से अपडेट ना ले आपको मिसगाइड किया जा सकता है कितनी सीटें भरी व् कितनी खली रही इसका अनुमान तीसरी कट ऑफ़ से मिलेगा जब कट ऑफ़ नीचे गिरेगी तब मालूम पड जायेगा की अभी तो खेल शुरू हुआ है
अगर आप चाहते है हम आपकी मदद करें ?
ReplyDeleteलेकिन कभी आंदोलन तो किया नहीं; ना ही टेट मोर्चा से आपका कोई सम्बन्ध ही रहा और अगर होगा तो फेसबुक ;
फेसबुक का प्रथम उपयोग अकादमिक लोगो ने किया था लेकिन आज ये घर बैठ कर अपडेट ले रहे है ;अगर भर्ती के समय आपका बी पी बढ़े तो हम दुआ करेंगे की स्पीड और तेज़ हो ;जैसी हमारी बी पी;
जब हम कोर्ट से अपडेट लेते थे सीतापुर व् लखीमपुर में लड़कियों की बाढ़ आ गई ;अगर यही बाढ़ आंदोलन में होती तो हम आपका फेसबुक से भी सहयोग करते ;
अब अच्छा है आप ऑनलाइन रहे हम ऑफलाइन
उत्तर प्रदेश में जब जब समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तब तब घोटाला चरम पर होता है .......
ReplyDeleteयहाँ चल रही भर्ती में फर्जी मार्क्सशीट से लोगो को खुलेआम भर्ती में शामिल किया जा रहा है ........
फर्जी मार्क्सशीट से लोगो को भर्ती में शामिल किया जा रहा है ......tet मोर्चे के नेताओं को कोर्ट के जरिये सरकार से मूल सी.डी तुरंत ऑनलाइन करवाया जाना चाहिए और चयनित लोगो का विवरण सार्वजानिक किये जाने की मांग की जानी चाहिए .....सरकार खुद ऐसा नहीं कर रही है तो इसका मतलब इस सरकार का कोई बड़ा मंत्री पैसे लेकर ऐसा करवा रहा है ........सब जानते है कौन इस तरह के कार्यों में पूर्व में कुख्यात रहा है .
ReplyDeleteहाई मेरिट वाले तो अपना सिलेक्शन पक्का करवा कर चुपचाप बैठ गए अब समय है लो मेरिट वाले अगर आगे नहीं आये तो उनके संघर्ष पर ये हाई मेरिट वाले सरकार से मिलकर पानी फेरने को तैयार बैठे है ....
ReplyDeleteआश्चर्य है कुछ tet मोर्चे के नेता पीजी बेस पर बाहर होने वालों को भर्ती में शामिल करवा लेते है स्नातक में ५० % से कम वालों को भर्ती में शामिल करवा लेते है क्योकि इससे उनके चयन प्रभावित हो रहे थे ......लेकिन भर्ती में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे है .......इस पोस्ट को सच्चाई सब तक पहुचे
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ReplyDeleteLagta h pilibhit me counselling Kara li aapne....
ReplyDelete72,825 प्राथमिक शिक्षक चयन के लिए प्रथम चरण या द्वितीय चरण में सामिल न होने वाले साथी निराश ना हो। काउंसलिंग के 3 से 4 चरण ऒर आना अभी बाकी है। हां बस सतर्क रहने की आवश्यकता है और द्वितीय चरण पूर्ण होते ही प्रत्येक डाइट से तथा SCERT से RTI के माध्यम से चयनित अभ्यार्थियो की जानकारी अवश्य प्राप्त करें तथा टेट रिजल्ट २०११ से उनके टेट रोल नंबर तथा मार्क्स का मिलान कर लें और फर्जी अभ्यार्थियो को चिन्हींत कर जिलाधिकारी को सूची प्रदान कर उचित कारवाई का निवेदन करें। बहुत हद तक तो आप यही सफल हो गये होंगे शेष को नियुक्ति पत्र देने के बाद FIR करके सही स्थान(जेल) तक पहुंचवाए। फेसबुक या फोन पर हाई मेरिट का रोना छोडकर प्रयास करें मेरिट निश्चित ही कम हो जाएगी। मेरिट को लेकर गंभीर तो रहें लेकिन परेशान नही।
ReplyDeleteमाता रानी सभी का कल्याण करेंगी।
आप सभी का आने वाला हर पल मंगलमय हो।
आज तीन वर्षों के बाद जब दस गुना लोगों को बुलाया गया तो एकदम अफरा तफरी का माहौल बन गया। लोग अच्छे मार्क्स होने के बाबजूद अपने गृह जनपद को छोड़कर सुरक्षित होने के कारण ज्यादा सीटो वाले जिलों की ओर भाग रहे है और अपने गृह जनपद को छोड़ रहे हैं। हालाँकिइससे नुकसान कुछ नहीं है। बस कम अंको वाले अपने जिलो में मौज लेंगे और अधिक अंको वाले वियोग का आनंद उठायेंगे।
ReplyDeleteआखिर तीन वर्षों बाद मौके को कौन छोड़े।
इससे फायदा ये होगा कि जितनी सीटें अधिक लाक होंगी अगली काउन्सिलिंग में मेरिट उतनी नीचे गिरेगी। और अगली काउन्सिलिंग में फिर यही प्रक्रिया होगी, लोग फिर अपनी सीट सुरक्षित करने के लिये अफरा तफरी मचायेंगे। और फिर अधिक से अधिक सीटें लाक होगी और इस प्रकार भर्ती प्रक्रिया जल्दी पूरी होने की आशा लगती है।
आप लोगों की क्या राय है?
abhi mera 3rd me hoga.....
ReplyDeleteप्रथम काउन्सिलिंग के बाद SCERT ने 800 फर्जी लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया था। देखते हैं द्वितीय काउन्सिलिंग के बाद कितने फर्जी लोगों को बाहर किया जायेगा ।
ReplyDeleteआपका क्या अनुमान है?
4-5 hazaar farzi hoge..2012 wale bhee hai esme...sir ji
ReplyDelete22.9.14 ko hui counsilling ki kuch jilo detail is
ReplyDeleteprakar hai.
Isme jo kami ho ya apko kisi aur jilo ki jankari
ho to please share.
Sitapur-ph site tino me lagu ph7-m.27 p.28 ful ph6-m.28 p.27 ful ph5-m26. p.27 bhotpurvsanik 16 fidam f 21 or sm 26 sabhi kategri ki dusri c me bhari sit 126
Lakhimpur-ph site tino me lagu ph7-m.25 p.27 p ful ph6-m.18 p.27 p ful ph5-m15. p.23 bhotpurvsanik 13 fidam f 19 or sm 26 sabhi kategri ki dusri c me bhari sit 193
SCERT द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि निवास और जाति प्रमाण -पत्र चाहे जब का हो मान्य होगा l
ReplyDeletepilibheet sir ji..shiksha mitra ki 5 hazaar seat to baki hai uska chayan ka prakar kya hoga...to merit aur low karne me madad gar ho sakti hai...pls rply
ReplyDeleteसर्वप्रथम आज काउंसलिंग में शामिल होने वाले सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनायें.. जहाँ तक मुझे ज्ञात है कि विभिन्न डाईट द्वारा प्रत्येक व्यक्ति के docs लिए जा रहे हैं फिर वो व्यक्ति चाहे prt की अहर्ता रखता हो या नहीं..२०१०-११ ४५/५० % से कम स्नातक हो या फिर २०११-१२ बी एड या फिर फर्ज़ी टेट प्राप्तांक वाले लोग.. परन्तु इससे घबराने जैसी कोई बात नहीं है, आप लोगों को ज्ञात ही है कि प्रथम काउंसलिंग के बाद prt से निकाले गए लोगों का प्रतिशत लगभग १७% था. कुछ लोग बेवजह फेसबुक पर ही बैठकर सीटें फुल किये दे रहे हैं जोकि वास्तविकता से परे है.. आप सभी लोग २-३ अक्टूबर का इंतज़ार करें जबतक कि scert द्वारा ऑफिशियली लॉक्ड सीटों की संख्या नहीं आ जाती.. उसके बाद आप सभी लोग अपना आकलन करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र हैं..
ReplyDeleteमंगल कामनाओं सहित,
दिल तो दिल है दिल की बातें समझ सको तो बेहतर है
ReplyDeleteदुनिया की इस भीड़ में ख़ुद को अलग रखो तो बेहतर है
ख़ामोशी भी एक सदा है अकसर बातें करती है
तुम भी इसको तनहाई में कभी सुनो तो बेहतर है
जाने कैसा ज़हर घुला है इन रंगीन फ़िज़ाओं में
प्यार की ख़ुशबू से ये मंज़र बदल सको तो बेहतर है
मोड़ हज़ारों मिलेगें तुमको, कई मिलेगें चौराहे
मंज़िल तक पहुँचाने वाली राह चुनो तो बेहतर है
क़दम क़दम पर यहाँ सभी को बस ठोकर ही मिलती है
थाम के मेरा हाथ अगर तुम संभल सको तो बेहतर है
#From :: A ριℓιвιт яєѕєяνє тιgєя
एक मेहनती और ईमानदार नौजवान बहुत पैसे कमाना चाहता था क्योंकि वह गरीब था और बदहाली में जी रहा था। उसका सपना था कि वह मेहनत करके खूब पैसे कमाये और एक दिन अपने पैसे से एक कार खरीदे। जब भी वह कोई कार देखता तो उसे अपनी कार खरीदने का मन करता।
ReplyDeleteकुछ साल बाद उसकी अच्छी नौकरी लग गयी। उसकी शादी भी हो गयी और कुछ ही वर्षों में वह एक बेटे का पिता भी बन गया। सब कुछ ठीक चल रहा था मगर फिर भी उसे एक दुख सताता था कि उसके पास उसकी अपनी कार नहीं थी। धीरे – धीरे उसने पैसे जोड़ कर एक कार खरीद ली। कार खरीदने का उसका सपना पूरा हो चुका था और इससे वह बहुत खुश था। वह कार की बहुत अच्छी तरह देखभाल करता था और उससे शान से घूमता था।
एक दिन रविवार को वह कार को रगड़ – रगड़ कर धो रहा था। यहां तक कि गाड़ी के टायरों को भी चमका रहा था। उसका 5 वर्षीय बेटा भी उसके साथ था। बेटा भी पिता के आगे पीछे घूम – घूम कर कार को साफ होते देख रहा था। कार धोते धोते अचानक उस आदमी ने देखा कि उसका बेटा कार के बोनट पर किसी चीज़ से खुरच – खुरच कर कुछ लिख रहा है। यह देखते ही उसे बहुत गुस्सा आया। वह अपने बेटे को पीटने लगा। उसने उसे इतनी जो़र से पीटा कि बेटे के हाथ की एक उंगली ही टूट गयी। दरअसल वह आदमी अपनी कार को बहुत चाहता था और वह बेटे की इस शरारत को बर्दाश्त नहीं कर सका । बाद में जब उसका गुस्सा कुछ कम हुआ तो उसने सोंचा कि जा कर देखूं कि कार में कितनी खरोंच लगी है। कार के पास जा कर देखने पर उसके होश उड़ गये। उसे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वह फूट – फूट कर रोने लगा। कार पर उसके बेटे ने खुरच कर लिखा था ,
"I love you. my Papa"
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी के बारे में कोई गलत राय रखने से पहले या गलत फैसला लेने से पहले हमें ये ज़रूर सोंचना चाहिये कि उस व्यक्ति ने वह काम किस नियत से किया है।
आज बड़े भाई Avanish Yadav जी ने अपने साथियों के
ReplyDeleteसाथ हरदोई डाइट में विज्ञान सामान्य वर्ग में काउंसिलिंग संपन्न
करा ली। अवनीश यादव व् अन्य भाइयो को मेरी तरफ से हार्दिक
शुभकामनाये आप सबको हमेशा ऐसे ही सफलता मिलती रहे।
आज डाइट में इस अवसर पर Ashutosh Shukla Satendra Kumar Prajapati शैलेन्द्र सिंह, विद्याराम,
Saurabh Singh Anil Mishra Rahul
आदि बहुत से टेट वीर उपस्थित रहे।
जय हिन्द जय टेट।
आज सिद्धार्थनगर डाइट पर एक और
ReplyDeleteसंदिघ्द मुन्ना भाई धरा गया।
जिसका नाम विनीत कुमार
यादव जिला मऊ । टेट संघर्ष
मोर्चा के जागरूक
सिपाहियों की तेज नजरों ने
उसके हाव भाव को देखकर
उसका रोल नंबर और टेट मार्कशीट
मांगी। पहले उसने
आनाकानी की बाद में
उसका रोल नंबर चेक करने पर
उसका सिद्धार्थनगर में कण्ट्रोल
id व् कंप्यूटर id नहीं मिला।
महोदय का टेट में 121 अंक था।
किसी तरह से वो भाग निकला
आरक्षण धारा 370 की तरह यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर नए सिरे से बहस होनी चाहिए। आज आरक्षण ऐसा बर्र का छत्ता बन चुका है कि उस पर हर कोई चुप्पी साधे रहना ही बेहतर समझता है। यह भी नहीं देखा जाता कि आरक्षण व्यवस्था को जब लागू किया गया था तब से लेकर अब तक परिस्थितियों में बदलाव आ चुका है। किसी दौर में अपने को ऊंचा समझने वाली जातियों में आज खुद को पिछड़ा साबित करने की होड़ क्यों मची हुई है।
ReplyDeleteदेखा जाए तो आज आरक्षण सामाजिक न्याय का जरिया न होकर जाति आधारित राजनीति का कारगर हथियार बन चुका है। इसी का नतीजा है कि हर जाति अपने को गोलबंद करके आरक्षित वर्ग के दायरे में आने की जुगत में लगी है। इसका ज्वलंत उदाहरण है सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत जाति जाट की आरक्षण की मांग। चूंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में जाटों का मजबूत वोट बैंक बन चुका है इसलिए कोई भी राजनीतिक पार्टी जाटों की आरक्षण की मांग को नकारने या उस पर तार्किक बहस का साहस नहीं दिखा पा रही है। इस आधार पर देखें तो उत्तर भारत की शायद ही कोई जाति ऐसी हो जिसे आरक्षण की जरूरत न हो।
ReplyDeleteसिद्धांतत: आरक्षण को गलत नहीं ठहराया जा सकता है। भेदभाव से परिपूर्ण भारतीय समाज में पिछड़ों के उत्थान के लिए संविधान निर्माताओं ने आरक्षण का प्रावधान कर बराबरी पर आने का मौका मुहैया कराया था। दक्षिण भारतीय राज्यों में आरक्षण व्यवस्था के सकारात्मक नतीजे निकले; लेकिन आगे चल कर इसमें इतनी विकृतियां पैदा हो गर्इं कि आरक्षण की मूल भावना खंडित होने लगी। इसे दूर करने के लिए कई राज्यों ने पिछड़े और दलित समुदायों के आरक्षण को कई श्रेणियों में बांट कर सभी वर्गों को इसका लाभ देने की नीति अपनाई। ऐसा करने वाले राज्यों में बिहार उल्लेखनीय है। इसके बावजूद इस व्यवस्था में खोट विद्यमान हैं। इस खोट की असली वजह है कि आरक्षण को सामाजिक उत्थान के हथियार के बजाए वोट बैंक का जरिया बना दिया गया। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में दलितों की कितनी उपजातियां हैं और हरेक विधानसभा क्षेत्र में उनकी तादाद कितनी है यह आंकड़ा भारत के निर्वाचन आयोग के पास भले ही न हो, लेकिन प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पास जरूर है। इसी आधार पर वे चुनावों में उम्मीदवार खड़े करती हैं। ऐसे में यदि जाति के बजाए आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया जाता है तो बहुजन समाज पार्टी का वजूद ही मिट जाएगा। कमोबेश यही हालत अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की भी होगी। ऐसे में कौन चाहेगा कि आरक्षण व्यवस्था की निष्पक्ष समीक्षा की जाए?
ReplyDeleteवैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि प्रतिभा किसी नस्ल या जाति की बपौती नहीं होती इसके बावजूद सामाजिक एकता के पक्षधर स्कूल, कॉलेज, तकनीकी शिक्षा, वैज्ञानिक सोच, समावेशी विकास आदि के बजाए आरक्षण के सहारे पिछड़ापन दूर करने का ख्वाब दिखा रहे हैं। वे यह नहीं देखते कि छह दशकों की आरक्षण व्यवस्था ने दलितों में एक ऐसा शहरी नव ब्राह्मण वर्ग पैदा किया है जो सुख-सुविधाओं में मुसलमानों और अन्य पिछड़े वर्गों तो क्या, ब्राह्मणों को भी मात देता है, लेकिन दुर्भाग्यवश वह ब्राह्मणवादी सोच का शिकार बन चुका है। ये नव ब्राह्मण इस बात की पूरी कोशिश करते हैं दलितों का सर्वांगीण उत्थान न होने पाए अन्यथा उनकी मलाई का नया हिस्सेदार पैदा हो जाएगा। इसे उत्तर भारत के किसी भी गांव में देखा जा सकता है।
ReplyDeleteदरअसल, परिश्रम का पहाड़ लांघने की जगह लघु पगडंडी (आरक्षण) से न तो समाज का पिछड़ापन दूर होगा और न ही सामाजिक समानता आएगी। इसके बावजूद आजादी के बाद से ही आरक्षण का झुनझुना बजाया जा रहा है तो इसका कारण है कि यह वोट की फसल काटने का सबसे कारगर हथियार बन चुका है। ऐसे में फिलहाल आरक्षण पर किसी तार्किक बहस या इसमें बदलाव की उम्मीद बेमानी होगी।
ReplyDeleteLike....
DeleteKuch Log Dil Pe Aisa Asar Kar Jate Hai..
ReplyDeleteTute Sheeshe Me Bhi Poore Nazar Aate Hai..
Milte Hai Kuch Pal K Liye..
Aur
Zindagi Bhar K Liye Dil Me Utar Jate Hai..
#From :: Shasant
Like.....
ReplyDeleteNever blame a girl for loving you too much.
ReplyDeleteIf you can't stand her moods and emotions, Then don't be with her.....
एक सच्चा दारूबाज़ वो नही जो रात को ठेके से आख़िरी बोतल खरीदे..
ReplyDelete;
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बल्कि वो है जो ठेका खुलते ही बोहनी करवा दे..
एटीएम की लाइन में लगे हुए आपको महसूस होता है कि जो वक़्त आप बैंक की लाइन में लगकर बर्बाद होने से बचाना होना चाहते थे उसका बखूबी सदुपयोग यहाँ हो रहा है, और वहां खड़े-खड़े नजर दौडाने पर आपको कुछ विशेष लोग दिखते हैं..
ReplyDeleteकुछ लोग एटीएम मशीन के सामने इतना वक़्त बिताते हैं कि लगता है नानी के घर गर्मी की छुट्टियां मनाने आए हैं|
कुछ लोग अपने अगल-बगल खड़े लोगों को बड़े अविश्वास से देखते हैं, इन्हें लगता है कि एटीएम से बाहर निकलते ही आप इनके गले पर छुरी रखकर सारा पैसा लूट लेंगे|
जब आप सबसे ज्यादा जल्दी में होते हैं तब आपसे ठीक पहले वाले भाई साहब को अपना पासवर्ड भूल जाता है और वो घर फोन कर पिन नंबर मांगते हैं, ये बात और है कि वहां खड़े-खड़े फोन पर वो इतनी बार खुद का पिन नम्बर दोहरा डालते हैं कि अगली बार आप उन्हें देखकर दो किलोमीटर दूर से ही उनका पिन नंबर बता सकते हैं|
कुछ लोग अपने व्यवहार से एटीएम मशीन ऑपरेट करने में इतनी दक्षता दिखाते हैं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है वो एटीएम से पैसे नहीं निकाल रहे बल्कि अन्तरिक्ष यान को देहात की पगडण्डी पर उतार रहे हैं|
कुछ लोग एटीएम से पैसे निकालने की इतनी जल्दी में होते हैं कि उन्हें देखकर शक होता है कि उनकी जेब खाली है
कईयों को एटीएम मशीन जल्दी-जल्दी ऑपरेट करते देख दिमाग में ‘अगर आप आधे घंटे में डेढ़ लाख रुपयों का बंदोबस्त कर सकें तो हम इनकी जान बचा सकते हैं’ वाला डायलॉग बजने लगता है|
एक वो जोड़ा होता है जिसमे पहला खुद एक बार पैसे निकालकर दिखाता है और फिर दूसरे को यही दोहराने को कहता है, पंद्रह मिनट बाद जब वो कुल जमा तीन सौ रुपये निकाल के मशीन छोड़ते हैं तब आप शुक्र मनाते हैं कि भला हो पहले को यहीं पर भागविधि से 3969 का वर्गमूल निकालने की नहीं सूझी|
यहीं आपको दुनिया के सबसे जिज्ञासु युवक के दर्शन होते हैं ये वो होता है जो एक बार पैसे निकालने से पहले और दूसरी बार पैसे निकालने के बाद बैलेंस चेक करता है|
एक वो सयाने से अंकल होते हैं जो इतना डर-डरकर हर बटन दबाते हैं कि कहीं कोई गलत बटन दबा देने पर उनके पैसे किसी और के अकाउंट में न चले जाएं, यहाँ तक तो ठीक पर उनके सारे सुरक्षा उपायों की पोल तब खुल जाती है जब नए तरह के इनपुट मेथड से परिचित न होने पर पिन नम्बर वो आपके हाथों डलवाते हैं|
सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कुछ एक इतनी अधीरता से पैसे निकलने की जगह की ओर हाथ बढ़ाते हैं कि लगता है दो सेकण्ड में नोट निकलने लगेगे |
एक वो जिन्हें एटीएम और पैसों से ज्यादा रूचि सामने लगे कैमरे में होती है,
एक वो जो एटीएम से ट्रांजैक्शन की रसीद निकलते ही उसे बिन में ऐसे मसलकर फेंकते हैं मानो एटीएम की स्लिप नहीं एक्स-गर्लफ्रेण्ड का वैलेंटाइन डे पर दिया ‘LubBBbb uHhhh 4evAA’ वाला नोट हो|
दूसरे वो जो एटीएम से ट्रांजैक्शन की रसीद निकलते ही उसे पर्स में ऐसे संभालकर रखते हैं मानो अगली बार वो मंगतराम पंसेरी की दूकान पर दिखाने पर आधा पाव आमचूर में दस रूपए छूट मिलेगी|
डा0 नीरज कुमार के अनुसार लखीमपुर एक्सल मे science male का डाटा इस प्रकार है
ReplyDelete140-105के बीच अभ्या0 का विवरण
समा0 पु वि --9848(8100पदो के सापेक्ष)
अ पि व -10027(4374 पदो के सापेक्ष )
एस सी +एस टी 1264(3402पदो के सापेक्ष)
मेरिट की गणना स्वयँ कर ले
आज जनपद लखीमपुर खीरी में 3 बजे तक लगभग 350 अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग करा लिया था। करीब 100 लोगों की भीड़ उस समय शेष थी। प्रारम्भ में 117 एवं 118 अंक वालों को रोका गया लेकिन 12 बजे अभ्यर्थियों की संख्या कम देखते हुए उनकोभी शामिल कर लिया गया।अनुमान है कि आज शाम तक कुल अभ्यर्थियों की संख्या 450 के आस-पास रहेगी।
ReplyDeleteअन्त में आगामी चरणों में काउंसिलिंग कराने वाले समस्त अभ्यर्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
72825 बी0एड0 प्रशिक्षु भर्ती की तृतीय काउन्सलिंग दीवाली के बाद, 28 अक्टूबर के बाद हो सकती है काउन्सलिंग -
ReplyDeleteवर्तमान में 72825 बी0एड0 प्रशिक्षु भर्ती की द्वितीय काउन्सलिंग 22 सितम्बर से 30 सितम्बर तक चल रही है, जो कि 30 सितम्बर 2014 को समाप्त हो जायेगी, द्वितीय काउन्सलिंग में 10 गुना अभ्यर्थियों को मौका दिया गया, प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिक सीटों वाले जनपदों में पदों से ज्यादा अभ्यर्थी काउन्सलिंग करा रहे है, अब तक जानकारी के अनुसार महिला विज्ञान वर्ग को छोड़कर सभी वर्गो में अभ्यर्थियों की संख्या 60 से 70 प्रतिशत रही है। काउन्सलिंग में बड़ रही अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए अग्रिम काउन्सलिंग की दीवाली के बाद होने की सम्भावना बड़ गई है। आप अवगत ही है कि काउन्सलिंग के उपरान्त 02 अक्टूबर से 07 अक्टूबर को सरकारी विभागों में अवकाश रहेगा। इस कारण जनपदों का डाटा निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद, लखनऊ को भेजने में विलम्ब होगा। सभी जनपदों से चयनित डाटा एन0आई0सी0 द्वारा मर्ज किया जायेगा, चयनित अभ्यर्थियों के सूची से नाम मिलान करने के उपरान्त नवीन कटआफ जारी किया जायेगा। द्वितीय काउन्सलिंग में लगभग 30000 से अधिक अभ्यर्थियो के द्वारा प्रतिभाग किया गया है, विभागीय जानकारी के अनुसार उक्त कार्य में समय विलम्ब होना स्वाभाविक है। तृतीय काउन्सलिंग के अभ्यर्थियों के लिए इन्तजार लम्बा हो जायेगा।
We Choose the wrong people in
ReplyDeletefirst time..!!
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And
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When the right person arrives,
we Just stop trusting people....
#From :: AVI
उसकी जीत से हुई है ख़ुशी मुझ को
ReplyDeleteयही जवाब है अपनी हार का मेरे पास.....
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अन्त में आगामी चरणों में काउंसिलिंग कराने वाले समस्त अभ्यर्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
शुभरात्रि
एक बार फिर पढ़ा लिखा युवा लुटने के लिए तैयार हो जाये....
ReplyDeleteसपा की हर भर्ती में प्रत्येक जिले के लिए आवेदन शुल्क 500 का होगा...
कई जिलो में आवेदन के बाद बेमानी होगी...सीट्स बिकेंगी...सामान्य फिर ठगा जायेगा
Sir plz plz plz tell me 112 science general female n Maine lakhimpur counselling karai hai am I safe or not
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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E
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हसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी
पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता है!!
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G
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N..I..N..E..T..Y__ __ E..I..G..H..T
EKDUM SAFE HO...........
ReplyDeleteA plibit sir
ReplyDeleteapne news mai likha hai ki mahila sci ko chodker. sab bergo mai 70 peraent seat bhari hai plz tell me ki mahila vigyan mai aur vergo se jyada seat bhari hai ya. kam
Please koi aaj ki gonda aur baharaich ki update bata sakata hai.
ReplyDeleteFemale obc sci sitapur main counseling karai hai kitne % safe hai
ReplyDeleteFemale obc sci sitapur main counseling karai hai kitne % safe hai 104 marks hai
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