इलाहाबाद : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खाली विज्ञान एवं गणित शिक्षकों की भर्ती के लिए चौथे चरण की काउंसलिंग बृहस्पतिवार को शुरू हो रही है। काउंसलिंग शुक्रवार को भी होगी। जिले में काउंसलिंग के लिए सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में अभ्यर्थियों को बुलाया गया है।
18 सितंबर को विज्ञान में दृष्टि बाधित विकलांग 60.04, श्रवण बाधित 60.69, चलन क्रिया विकलांग 67.50, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित 43.41 को तथा गणित में दृष्टि बाधित विकलांग 58.54, श्रवण बाधित 57.12, चलन क्रिया विकलांग 64.89 और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित 51.87 को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है। विशेष आरक्षण श्रेणी में भूतपूर्व सैनिक के कोटे में गणित और विज्ञान में कोई आवेदक नहीं है। 19 सितंबर को काउंसलिंग के लिए विज्ञान में सामान्य में 69.67, अनुसूचित में 62.09, ओबीसी में 68.23 और गणित में सामान्य 66.69,अनुसूचित 57.54, ओबीसी 65.13 है। अनुसूचित जनजाति के गणित और विज्ञान दोनों विषयों में आवेदक नहीं है। इलाहाबाद में विज्ञान के 204 एवं गणित के 231 पदों के सापेक्ष 15 गुना अभ्यर्थियों को बुलाया गया है
News : Amar Ujalka (18.9.14)
http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
http://joinuptet.blogspot.com/
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[1] एक राज़ बताना है आपको 5 देखो.
[2] उत्तर 11 है.
[3] गुस्सा मत हो 15 को देखो.
[4] शांत हो जाओ और 13 को देखो
[5] अरे पहले 2 को तो देखो।
[6] फिर गुस्सा हो रहे हो।12 को देखो यार
[7] बस यही कहना चाहता था कि काऊंसलिंग की तैयारी पूरी रखे।
[8] जवाब 14 पर है
[9] सब्र रखो और देखो 4.
[10] इस बार पक्के से 7.
[11] आशा है की 6 देख रहे होगे।
[12] माफ़ करना।। ज़रा 8 देखना
[13] तूफ़ान थम के रखो10 देखो
[14] हम्म मुझे लगता है की 3.
[15] आपको 9 देखना चाहिए
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ReplyDeleteकाउंसलिंग की तारीख आगे बढ़ने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
ReplyDeleteतारीख आगे बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन अभी तक इस प्रकार की कोई खबर नहीं है। फिलहाल 22 सितंबर से ही काउंसलिंग करवाने की तैयारी की जा रही है।
कट ऑफ 19 या 20 को जारी किये जाने की तैयारी की जा रही है।
एक छोटा सा अनुरोध है कि सिर्फ काउंसलिंग से संबंधित सवाल करें,
ReplyDeleteकट ऑफ और मेरिट कितनी जाएगी इसका जवाब मैं नहीं दे पाऊंगा।
धन्यवाद।
मित्रों,
ReplyDeleteइस भर्ती में नियति ने जिसके हक़ में जो लिख दिया उसे बदला नहीं जा सकता और इसलिए शांत होकर इस भर्ती को उसकी मंज़िल हासिल हो जाने दें |
मित्रों ,
ReplyDeleteएक बात की कोशिश कीजिएगा की सवाल दुहराया न जाए एक बार कमेन्ट में देख लीजियेगा शायद वैसे ही किसी सवाल का जवाब दिया जा चुका है।
काउंसलिंग में लगने वाले सभी डाक्यूमेन्टस की लिस्ट और लगाने का तरीका वाली पोस्ट मैंने कई बार ग्रुप में डाल चुका हूँ
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ReplyDeleteप्रदेश के प्राथमिक एवं जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में जिस तरह शिक्षा विभाग काउंसिलिंग में छानबीन कर रहा है, ठीक वैसे ही शिक्षक बनने के दावेदार भी अर्हता रखने वालों को ही मौका दिए जाने को लेकर खासे गंभीर हो गए हैं। राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति ने एससीईआरटी को जो सुझाव दिए हैं उन्हें कोई खारिज न करा पाए इसलिए टीईटी संघर्ष मोर्चा ने हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल किया है।
ReplyDeleteप्राथमिक स्कूलों में इन दिनों 72825 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग चल रही है। इसके पहले चरण के दौरान ही तमाम तरह के मामले सामने आये। उन मामलों को संकलित करके राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने राज्य स्तरीय समस्या निवारण समिति को भेजा था, ताकि सुझावों पर अमल किया जा सकें। वैसे तो तमाम बिंदुओं पर समिति ने रिपोर्ट दी है, लेकिन सामान्य वर्ग के लिए स्नातक परीक्षा में 45 प्रतिशत एवं आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत के अर्ह होने का मामला खासा चर्चा में है। दरअसल टीईटी पास ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या हजारों में है जो स्नातक में तो 45 फीसदी अंक हासिल नहीं कर पाए, लेकिन परास्नातक योग्यता के आधार पर बीएड किए हुए हैं, उन्हें समिति ने अर्ह नहीं माना है। समिति के इस सुझाव पर अमल के लिए एससीईआरटी ने सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को भेज दिया है, ताकि दूसरे चरण में यह समस्या न आने पाए।
ReplyDeleteइसी बीच टीईटी संघर्ष मोर्चा के संजीव मिश्र ने मंगलवार को हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की है कि यदि समिति के सुझाव को कोई टीईटी अभ्यर्थी चुनौती दे तो उन्हें भी सुना जाए। संजीव का कहना है कि जो सुझाव समिति ने दिया है वही अर्हता टीईटी 2011 के भर्ती के समय भी थी। इसलिए इसमें कोई फेरबदल नहीं हो अन्यथा हजारों अभ्यर्थियों का नुकसान होगा।
ReplyDelete72 हजार 825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में कल
ReplyDeleteदूसरी मेरिट कट आफ आएगी।
इस बार दस
गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जा रहा है।
पहली काउंसिलिंग में कट आफ ऊंची देख ज्यादातर
अभ्यर्थियों के चेहरे की हवाईयां उड़ गईं थीं।
अभ्यर्थी दूसरी कटआफ को लेकर कयास लगाने लग
गए हैं। ज्यादातर का कहना है कि पहली मेरिट पुरूष
127 अंक पर रही थी। महिला की न्यूनतम 118
रही थी। सामान्यत इतनी मेरिट को ज्यादातर
माना जा रहा है। जानकारों का कहना है
कि किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में
अस्सी फीसदी से ज्यादा अंक पांच फीसदी के
भी नहीं आते हैं।
अब गुरूवार को दूसरी कट आफ आने वाली है। इसमें
लगभग 67 हजार पदों के सापेक्ष छह लाख सात
हजार आवेदकों को बुलाया जा रहा है।
पहली काउंसिलिंग में 73 हजार पदों के सापेक्ष छह
हजार अभ्यर्थी शामिल हो पाए थे। अब अनुमान
लगाया जा रहा है कि इस बार सामान्य पुरूष की मेरिट
112 से 115 के मध्य रह सकती है यानी 12 से 15 अंक तक मेरिट को गिरना चाहिए। इसी अनुपात में अन्य कट जानी चाहिए।
कुशीनगर अपडेट
ReplyDeleteजैसा कि विदित है कि कुशीनगर के फीडिंग को लेकर टेट मोर्चे के पदाधिकारी आज डायट प्रभारी से मिले तथा इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त की...
डायट प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि आज हर हाल मे कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा आप लोग निश्चिन्त रहें और काउंसिलिंग की तैयारी करें....
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दुसरा प्रश्न काउंसिलिंग करा चुके लोगों के बारे मे पूछा गया तो उनका कहना था प्रथम चरण मे काउंसिलिग करा चुके लोगों की लिस्ट scert को भेजा चा चुका है...13 लोगों को इस काउंसिलिंग में तकनीकी कारणों से शामिल नही किया गया है......
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डेट बढने की कोई सूचना के विषय मे पूछने पर उन्होने कहा ऐसी कोई जानकारी नही है..
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कुशीनगर टेट मोर्चा ने निर्णय लिया था कि जिले स्तर की मीटिंग के साथ-साथ अब ब्लाॅकवाईज मीटिंग भी की जायेगी इसी क्रम में आज कसया ब्लाॅक में सफल मीटिंग की गयी जिसमेउपस्थित टेटियन्स के समस्यायों का समाधान भी किया गया...
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मीटिंग के उपरान्त कसया थाने में फर्जी अभ्यर्थियों के उपर अब तक की पुलिस द्वारा की गयी विवेचना की जानकारी टेट मोर्चे के विधि सलाहकार व एडवोकेट के द्वारा प्राप्त की गयी जो संतोषजनक रही....
A Sinner's prayer
ReplyDeleteHeavenly Father,
I know that I have sinned against you and that my sins separate me from you. I am truly sorry. I now want to turn away from my past sinful life and turn to you for forgiveness. Please forgive me, and help me avoid sinning again. I believe that your son, Jesus Christ, died for my sins, was resurrected from the dead, is alive, and hears my prayer. I invite Jesus to become the Lord of my life, to rule and reign in my heart from this day forward. Please send your Holy Spirit to help me obey You, and to do Your will for the rest of my life. In Jesus' name I pray !!!!!
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Amen
dosto hamari lucknow team lagbhag roj scert nideshak, sachiv aur n.i.c ke sampark me hai..ku6 log counseling ki date talne ki afwah uda rahe hai unka dhyan na de..agar aisa ku6 hoga to apko ham suchna tet morcha ki taraf se jarur dege..
ReplyDeletedosto acording to tet morcha pradesh ganesh dixit..domecile sambandhi afwah par dhyan na de..ku6 log kah rahe hai ki domecile old add ke last date 9 jan 2012 ke pahle ka na hone par counseling se bahar ho jayege..aisa ku6 v nahi hai..3 sal me kitno ki niwas badal gyi hai to ku6 ki niwas pramad patra kho gyi hai..niwas sambandhi afwah matr afwah hai..agar aisa ku6 aadesh aaya to tet morcha use dabav dalkar khatm kra dega..kisi ki counseling nai rukegi, tet morcha har kadam par apke sath hai..
ReplyDelete5) Merit 18 se 20 ke andar kavi v aa skti hai..avi n.i.c ka kafi kam baki hai atah merit 1st counseling ki tarah 2 din pahle aane ki jyada sambhavna hai..filhal counseling talne ke khabar afwah hai..aisa ku6 hoga to suchna di jayegi..
ReplyDeletethanx
Our Father,
ReplyDeletewho art in Heaven, Hallowed be Thy name. They Kingdom come, Thy Will be done, On earth as it is in Heaven. Give us this day our daily bread, And forgive us our debts as we forgive our debtors.
Lead us not into temptation,
But deliver us from evil
For Thine is the kingdom, and the power,
And the glory forever.
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Amen!
प्यारे दोस्तों
ReplyDeleteआपके आनेवाले सभी दिन शुभ और मंगलमय हों.
दोस्तों,
कम मेरिट(ART/ 097) होने के बावजूद कभी भी निराश नहीं हुआ हूँ न ही सम्बंधित टीईटी सिपाहियों को कभी निराश होने
दिया है.
टीईटी संघर्ष मोर्चे का इतना विकृत स्वरुप पिछले तीन वर्षों में कभी देखने को नहीं मिला जितना आज दिखाई दे रहा है.जिसने वास्तव में संघर्ष किया वह हासिए पर पहुँच गया और कुकुरमुत्ते की तरह उगे नए विद्वान
जो संघर्ष में कभी नज़र नहीं आये लेकिन अब जब जीत मिल गई तो बिलों से निकलकर राजनीती कर रहे
हैं.किसी को अंदर किसी को बाहर कर रहे हैं.
अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता यह सब ऐसी सोच के मालिक हैं.
दोस्तों हम चाहते हैं जिस भाई या बहन ने
ReplyDeleteटीईटी 2011 पास किया है और स्नातक एवं बी.एड
नियमानुसार , 2011 से पहले पूरा कर लिया है और
आवेदन भी किया है उनको कौंसिलिंग में मौका अवश्य
मिलना चाहिए और उन्हें मिलेगा भी.हम तो यह चाहते हैं
की 2011 टीईटी पास
सभी भाइयों बहनों को समायोजित करवाने
वाली हमारी सोंच होनी चाहिए अगर हम खुद
को मोर्चे का नेता या सिपाही कहते हैं तो.
क्योंकि अब बी.एड को प्राथमिक में
मौका नहीं मिलेगा और 2016 में टीईटी सर्टिफिकेट
2011 एक्सपायर हो जायेगा.
"सबका भला हो सबका कल्याण हो"
ReplyDeleteइस सोंच के साथ संगठनकर्ता को कार्य करना चाहिए.और टीईटी संघर्ष से जुड़े किसी व्यक्ति को कम मेरिट वालों का उपहास नहीं करना चाहिए.क्योंकि बंधु ज्यादा मेरिट से आप न तो बड़े अद्यापक बन जाओगे
और न ही कम मेरिट से कोई छोटा अध्यापक बनेगा.
नियुक्ति के बाद सभी सहायक अध्यापक ही बनेगे.
सच क्या है.?????
ReplyDeleteसच यह है की तथाकथित लोगों को टेंशन देने बाले
कुकुरमुत्ते वह है जो या तो टीईटी मेरिट में 91 या 83
नंबर ला पाये हैं या "औकात" से कुछ ज्यादा पा गए
हैं.
या अकेडमिक के समर्थक या सड़कछाप लफंगे हैं.
टेंशन देने के लिए बुढ्ढों के साथ
बुढ़िया भी मौजूद हैं जो तरह तरह के घटिया विचारों से
टीईटी वीरों का ध्यान भ्रमित करते रहते हैं.
दोस्तों
ReplyDeleteअपनी अपनी जॉब पर ध्यान दीजिये इन बहुरूपियों से मिल रही टेंशन को किनारे रखकर आपस में प्यार से रहिये.
जिन भाइयों को समस्याएं आ रही हैं
उनकी यथासंभव मदद करिये.
हिंदुस्तान 2011 का टीईटी मेरिट पर दिया गया डाटा अपनी सच्चाई प्रदर्शित करने के लिए बेताब है मीडियम मेरिट वाले भाई
बहन दूसरी कौंसिलिंग में अपना चयन कराइये और कम
मेरिट वाले दोस्त तीसरी और चौथी कौंसिलिंग
का इंतज़ार धैर्य और परमपिता परमेश्वर का ध्यान करते
हुए करिये सबका कल्याण होगा सबका भला होगा.
उन हिम्मती लोगों से कहना चाहता हूँ
ReplyDeleteजो लोगों का नाम लेकर संघर्षरत साथियों जिन्होंने घर
की जिम्मेदारियों को साइड में रखकर हमें जीत दिलाने
के लिए अपने जीवन का बेस्ट दिया है, उनका अपमान
करके , उनके सीने पर लात रखकर अपनी राजनीतिक
फील्ड तैयार कर रहे हैं भविष्य के टीईटी मोर्चे में
नेता बनने के लिए, उनसे यही कहना चाहता हूँ
की भाइयों नेता बनने योग्य गुण अपने अंदर पैदा करिये
लोगों का भला करिये, किसी को अपशब्द न कहिये और
पहले अवनीश यादव जैसा त्याग और परिश्रम करके
दिखाइए फिर सपने देखिये ..............
दोस्तों मेरिट 100 तक आ सकती है इससे कम
ReplyDeleteभी हो सकती है हर वर्ग में.
कम मेरिट वालों के लिए यह समय भगवन का स्मरण करने का है करिये वो बहुत दयालू हैं.
हम सब को अध्यापक बनाएंगे क्यों यह योग्यता भी उन्ही की कृपा से
मिली है.
जय जय टीईटी मेरिट
जय जय टीईटी संघर्ष मोर्चा
आपका भाई दोस्त!
Mr. тεт мεяιт ηαнι тσ внαятι внι ηαнι
याचिकाकर्ता द्वारा स्वतः वापस लेना उनकी वैधता को नही दर्शाता ।
ReplyDeleteUPTET 2011 के GO के अनुसार तो वे परीक्षा के लिए ही अहर्य नही थे ।
काउंसलिंग की तारीख आगे बढ़ने की कोई
ReplyDeleteआधिकारिक सूचना नहीं है।
तारीख आगे बढ़ने की संभावना से इनकार
नहीं किया जा सकता लेकिन अभी तक इस प्रकार
की कोई खबर नहीं है। फिलहाल 22 सितंबर से
ही काउंसलिंग करवाने की तैयारी की जा रही है।
जब तक आपकी काउन्सलिंग सम्पन्न नही हो जाती तब तक आपका नाम हर बार अगले चरण की कटआँफ में आयेगा एक बार काउन्सलिंग करा लेगें और जब वह सीट लाँक हो जायेगी तभी आपका रोलनंबर हटाया जायेगा सभी जगह से सेक्रेट द्वारा ।।
ReplyDeleteRavi :- Maa ! ,............... Kya baat hai ? ...Tu Bahot pareshan Lag rahi hai ..
ReplyDelete.
Maa:- Ravi ! ............... Kal PRT ka doosra CUT OFF aa raha hai ....
Na jaane kyu mera dil bahot ghabra raha hai ....
Pata nahi Vijay ka hoga ya ....
.
Ravi :- Arre Maaaaaaa ! ............ Tu kyu chinta karti hai ...... Bhaai ka kisi na kisi Distt me ho jaaega ........
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Maa :- Nahi re ................ Chinta to hogi hi ........ Bachpan se lekar aaj tak Vijay ne Bahot Mehnat ki hai .......... Magar GEN 110 Sci Grp hai ...... Darr to Lagta hai Re .....
.
Ravi :- Offo Maaaaaaa .............. Dekh ... Agar tu Kamzor Pad jaaegi to un Maao ka Kya hoga Jinke bachcho ke 109 , 108 , 107 etc. hain ....
Dekhte hain ........ Waise bhi abki ye 10 guna bula rahe hain .....
.
Maa:- Tu theek kahta hai re ................ Ravi ! ... Mera ek kaam karega beta
.
Ravi :- Haan Maa ........... Bolo
.
Maa:- Jab tak doosra CUT OFF nahi aata , Tu VIJAY ka Sim aur Modem kahin chhupa de ..... Saara din aur Saari raat FB se chipka rahta hai ..
Mujhe darr hai ke kisi galat khabar ya afwaah se wo koi galat kadam na utha Le .... BLOG par aaj kal aise bahot se Log sakriya hain
#From :: DEEWAR -MOVIE
टेट मेरिट शैक्छि्क मेरिट से उत्तम है
ReplyDeleteएक तुलना इस प्रकार-----
यदि किसी का १०० अंक है तो १०० से १०१ अंक के बीच एक अंक पर २०० या ४०० लोग हो सकते है परन्तु शैच्छिक मेरिट मे यदि किसी का ६०% है तो ६०-७०% क बीच के दशमलव के ९९ अंकों (६०.१, ६०.२ ,६०.३ ..........६०.९९ , ७० ) में प्रत्येक अंक पर २००-४०० लोग है
अत: टेट मेरिट का समर्थन करें ।
व्यापक समर्थन वर्तमान भर्ती को कुशलता पूर्वक पूर्ण होने तथा आगे की भर्तियों का मार्ग सुनिश्चित करेगा ।
"कड़ी मेहनत कभी थकान नहीं लाती, वह सदैव संतोष लाती है...!!!"
ReplyDeleteक्या ये गर्व करने योग्य है???
ReplyDelete*****************
महाभारत के युद्ध के दौरान जब कर्ण और अर्जुन का भीषण युद्ध चल था ; तो एक दिन अर्जुन अत्यंत क्रोधित होकर कर्ण से युद्ध करने लगे।
अपने वाणों को #प्रचंड वेग से कर्ण की ओर छोड़ने लगे जिससे कर्ण का रथ #सहस्रों हाथ पीछे चला गया।
फिर कर्ण ने भी अपनी पूरी #शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अर्जुन के रथ पर वाणों से भीषण प्रहार किया।
इतना जबरदस्त प्रहार की अर्जुन का रथ #2/5 हाथ पीछे हट गया।
ऐसा भीषण प्रहार देख कर भगवन श्री #कृष्णा भी कह ""उठे वाह कर्ण वाह""!!!!!
इस पर #चकित होते हुए अर्जुन ने पूछा हे प्रभु मेरे वाणों के प्रहार से कर्ण का रथ सहस्रों हाथ पीछे चला गया तब तो आपने #प्रशंशा नहीं की!!
परन्तु जब कर्ण के प्रहार से मेरा रथ सिर्फ 2/5 हाथ ही पीछे हटा तो आपने उसकी प्रशंसा की????
जबकि #वीर तो मई हुआ!!!!
इस पर भगवन श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया हे अर्जुन देखो कर्ण का रथ ;उसका सारथि सब #साधारण है फिर भी तुम उसका रथ ही पीछे हटा पाए परन्तु तुम्हारे रथ पर #शेषनाग और #परमवीर बजरंग बली विराजमान है और सारथि #स्वयं मई हु फिर भी उसने तुम्हारा रथ 2/5 हाथ पीछे हटा दिया!!!
तो क्या उसकी प्रशंशा करके मैंने #गलत किया???
अर्जुन #निरुत्तर हो गए और मस्तक झुका लिया।
---------
अब जरा गौर करिए जिस #पार्टी की देश में सर्कार हो।
जिस पार्टी की राजस्थान और गुजरात में भी सर्कार हो।
जिस पार्टी का pm उत्तर प्रदेश का #सांसद भी हो एवं गुजरात का पूर्व cm भी हो।
जिस पार्टी का #गृहमंत्री up का निवासी और संसद भी हो उसके सामने कमजोर पार्टियां सीटें जीत लें ये क्या #गर्व करने योग्य है??
क्या 14 सीटें जीतकर #खुश होना चाहिए??
या इस पर विचार करना चाहिए की वीर योद्धाओ से सुसज्जित पार्टी के सामने कमजोर पार्टीज ने सीटें कैसे निकाल ली??
अर्जुन की तरह अपनी कमी का अहसास करने की आवश्यकता है भाजपा #आला कमान को।
आत्मा मंथन करिए की आखिर इतना सब कुछ होते हुए भी कमजोर पार्टी कैसे जीत गयी??
सोचिये कही अब वाणों की #तीव्रता कम तो नहीं हओ गई कही???
कमियां दूर करिए #तीव्रता बढाइये और पुनः #आक्रमण करके विरोधियो के परखच्चे उडा दीजिये।
अपनी जीत पर खुश के बजाये विरोधियो की जीत पर चिंतित होइये की आखिर ऐसा हुआ क्यों??
२०११ के शासनादेश के अध्ययन से लगता है कि
ReplyDelete१) शैक्षणिक प्रमाणपत्र ०९-०१-२०१२ के पूर्व के होने चाहिए
२)विशेष आरक्षण तथा जाति प्रमाण पत्र (कुछ संदेह है) भी ०९-०१-२०१२ के पूर्व के होने चाहिए
३)निवास प्रमाणपत्र काउंसलिंग के समय माँगा जाने को कहा है यानि ये ०९-०१-२०१२ के पूर्व का हो या इसके बाद का मान्य होगा
४)व्यक्ति की जाति नहीं बदलती अतः उपरोक्त क्रम (२) में मेरी राय ये है कि जाति प्रमाणपत्र अगर ०९-०१-२०१२ के बाद का भी बना है तो कोई समस्या नहीं होगी
ये देखें शासनादेश...........
सुप्रभात,
ReplyDeleteआपका दिन मंगलमय हो !
नयन का नयन से, नमन हो रहा है
लो उषा का आगमन हो रहा है
परत दर परत, चांदनी कट रही है
तभी तो निशा का, गमन हो रहा है
क्षितिज पर अभी भी हैं, अलसाये सपने
पलक खोल कर भी, शयन हो रहा है
झरोखों से प्राची की पहली किरण का
लहर से प्रथम आचमन हो रहा है
हैं नहला रहीं, हर कली को तुषारें
लगन पूर्व कितना जतन हो रहा है
वहीं शाख पर पँक्षियों का है कलरव
प्रभाती-सा लेकिन, सहन हो रहा है
बढ़ी जा रही जिस तरह से अरुणिमा
है लगता कहीं पर हवन हो रहा है
मधुर मुक्त आभा, सुगंधित पवन है
नये दिन का कैसा सृजन हो रहा है।
Ati sunder!!!
Deleteसब लोग सीतापुर की मेरिट को आधार बनाकर कयास लगा रहे है कि यहाँ की मेरिट सबसे कम जाएगी,
ReplyDeleteजबकि मेरा अनुमान है कि बाकी हर जिलों की तरह ही मेरिट यहाँ पर रहेगी,
अंतिम काऊंसलिंग तक सीतापुर की मेरिट सबसे कम जाएगी।
ऐसा क्यों ???????
1- ऐसा इसलिए क्योंकि सीतापुर मे लगभग सब लोगों ने फार्म भरे है, तो जब मेरिट आएगी तो वह सभी अभ्यर्थियो की आएगी।
2- 120 न. पाने वाले अधिकतर लोग अपने आस पास के जिले मे लेंगे, लेकिन चूँकि 120 न. वाले ने भी सीतापुर मे फार्म भरा है अत: उसको भी काऊंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा जिससे मेरिट अभी ऊँची रहने का अनुमान है।
As a child of God, you've got to know that nothing is impossible because everything and we mean everything, is possible with the Lord. There is always a way out of life's problems. And, that "way out" always starts with God's Word.
ReplyDeleteसेवा में
ReplyDeleteकलेक्टर महोदय
विषय- शराब के रेट कम करने के लिए आवेदन
श्रीमान जी,
निवेदन यह है की हम सब शराब दुकान के नियमित उपभोक्ता है। इन दिनो शराब के मूल्य काफी अधिक बढ़ चुके है जिससे हमारी आर्थिक स्थिति काफी गड़बड़ा गई है। नियमित दारू न पीने के कारण हमारे जीवन मानसिक एवम शारीरिक में असुविधायें हो रही है।जिससे आज कल कार्यालय के कार्यो पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है।चुकि अधिक मूल्य पर दारू पीने से परिवार के भरण पोषण में परेशानिया आ रही है। यही नहीं दारु के अकारण ही दाम बढ़ने के सामाजिक परिणाम भी देखें जा रहे है। जैसे की देश भर ख़ास कर दिल्ली पंजाब हरियाणा के इलाको में अंग्रेजी बोलने वालो की संख्या में भारी कमी आई है। साथ ही दारु के मूल्य बढ़ने के पश्चात् शादी इत्यादि में नाचने वालो की संख्या भी काफी कमी आई है। और नागिन डान्स तो देखने को ही नही मिलता
अतः आप महोदय से निवेदन है की शराब दुकानदार को शीघ्र निर्देशित कर शराब के मूल्य कम कराये जाये जिससे हम उपभोक्ताओ को राहत मिले।
भवदीय
समस्त सम्मानीय पियक्कड़ गण।
मेरे सभी सनातनी मित्रों...
ReplyDeleteमैं मर जाऊ तो मेरी सिर्फ इतनी पहचान लिख देना
मेरे खून से मेरे माथे पे "मेरा भारत महान" लिख देना
कोई पूछे तुमसे स्वर्ग के बारे में तो
एक कागज के टुकड़े पे "हिन्दुस्तान" लिख देना....
!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
!
!
जिधर
!
देखूं
!
उधर
!
तुम हो
!
नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
Agar Tum Us waqt Muskura Sakte
ho jab Tum puri tarah Toot chuke ho
To
"YAQEEN jano ke duniya Me tumhen
kabi koyi Tod nahi Sakta"....
Inko lagata he ki TET merit kisi vishesh judge ki mohataj hai.
ReplyDelete!
!
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!
!
Kunwar Gorki Yadav>
UPTET JUNIORSHIXAK SANGH(उ0 प्र0 जूनियर टॆट शिक्षक संघ )
टेटुओ के देवता समान माई--बाप..दत्तू ..यौन शोषण करते हुये पाये गये ..रॉ की महिला अधिकारी का हुआ यौन शोषण ....हाईकोर्ट ने .याचिका स्वीकार की है .और .सी बी आई जांच होगी ..टेटुओ के बुरे दिन आ गये..टॆट मेरिट जायेगी तेल लेने ..
कट आफ कल आएगा
ReplyDeleteDistrict Magistrate Uttar Pradesh CUG No's
ReplyDeleteSl.No District CUG No.
1 DM Agra 9454417509
2 DM Aligarh 9454417513
3 DM Aligarh 9454415313
4 DM Allahabad 9454417517
5 DM Ambedkar Nagar 9454417539
6 DM Amroha 9454417571
7 DM Auraiya 9454417550
8 DM Azamgarh 9454417521
9 DM Badaun 9415908422
10 DM Baghpat 9454417562
11 DM Bahraich 9454417535
12 DM Ballia 9454417522
13 DM Balrampur 9454417536
14 DM Banda 9454417531
15 DM Barabanki 9454417540
16 DM Bareilly 9454417524
17 DM Basti 9454417528
18 DM Bijnor 9454417570
19 DM Budaun 9454417525
20 DM Bulandshahar 9454417563
21 DM Chandauli 9454417576
22 DM Chitrakoot 9454417532
23 DM CSJM Nagar 9454418891
24 DM Deoria 9454417543
25 DM Etah 9454417514
26 DM Etawah 9454417551
27 DM Faizabad 9454417541
28 DM Farrukhabad 9454417552
29 DM Fatehpur 9454417518
30 DM Firozabad 9454417510
31 DM Gautambudh Nagar 94544
32 DM Ghaziabad 9454417565
33 DM Ghazipur 9454417577
34 DM Gonda 9454417537
35 DM Gorakhpur 9454417544
36 DM Hamirpur 9454417533
37 DM Hapur 8449053158
38 DM Hardoi 9454417556
39 DM Hathras 9454417515
40 DM J.P.Nagar 5922262999
41 DM Jalaun 9454417548
42 DM Jaunpur 9454417578
43 DM Jhansi 9454417547
44 DM Kannauj 9454417555
45 DM Kanpur Nagar 9454417554
46 DM Kashiram Nagar 9454417516
47 DM Kaushambhi 9454417519
48 DM Kheri 9454417558
49 DM Kushinagar 9454417545
50 DM Lalitpur 9454417549
51 DM Lucknow 9454417557
52 DM Maharaj Ganj 9454417546
53 DM Mahoba 9454417534
54 DM Mainpuri 9454417511
55 DM Mathura 9454417512
56 DM Mau 9454417523
57 DM Meerut 9454417566
58 DM Mirzapur 9454417567
59 DM Moradabad 9454417572
61 DM MRT 1212664133
62 DM Muzaffar Nagar 9454417574
63 DM Mzn 9454415445
64 DM PA Mujeeb 9415908159
65 DM Pilibhit 9454417526
66 DM Pratapgarh 9454417520
67 DM Raebareili 9454417559
68 DM Ramabai Nagar 9454417553
69 DM Rampur 9454417573
70 DM Saharanpur 9454417575
71 DM Sambhal 9454416890
72 DM Sant Kabir Nagar 9454417529
73 DM Sant Ravidaas Nagar 9454417568
74 DM Shahjhanpur 9454417527
75 DM Shamli 9454416996
76 DM Shrawasti 9454417538
77 DM Siddhathnagar 9454417530
78 DM Sitapur 9454417560
79 DM Sonbhadra 9454417569
80 DM Sultanpur 9454417542
81 DM Unnao 9454417561
82 DM Varansi 9454417579
सरदारजी, बारह बज गये
ReplyDelete###################
कुछ नादान लोग सिक्ख भाइयों को अपनी और से शायद व्यंग करते हुए कहते हैं कि सरदारजी बारह बज गए। वे शायद नहीं जानते कि बारह बजे क्या होता था ?? शायद सभी सिक्ख भाई भी पूरी जानकारी नहीं रखते हैं।
सिक्खों ने असहाय और कमजोरों की मदद के लिए कभी भी अपनी जान की परवाह नहीं की। सन 1737 से 1767 के बीच भारत पर नादिरशाह और अहमदशाह अब्दाली जेसे लुटेरों के अनेकों हमले हुए। मारकाट के बाद वे लोग सोना-चांदी और कीमती सामान के साथ-साथ सुन्दर लड़कियों और स्त्रियों को भी लूटकर साथ ले जाते और ग़जनी के बाज़ारों में टके टके में बेचकर उनकी इज्जत नीलाम करते थे। भारत भर में इन हिन्दू बहन-बेटियों की चीखोपुकार सुनने वाला कोई न था। खुद परिवार के लोग भी अपनी जान बचाते भागते फिरते थे। लूटपाट के माल और स्त्रियों के साथ इन लुटेरों को पंजाब से होकर गुजरना पड़ता था। यहाँ पर सिक्खों ने उन लुटेरों से स्त्रियों को बचाने की ठानी और संख्या में कम होने के कारण छोटे-छोटे दल बना कर अर्द्ध रात्रि बारह बजे हमले की व्यूह रचना बनाई। अपने दल को हमले हेतु तैयार व चौकन्ना करने, अपनी मुहीम को पूरी कामयाबी से अंजाम देने के लिए सिक्खों ने एक सांकेतिक वाक्य बनाया था "बारह बज गए"
इस तरह अर्द्ध रात्रि को नींद में गाफिल असावधान लुटेरों के कब्जे से अधिक से अधिक
स्त्रियों को छुड़ाकर वे स-सम्मान उनके घर पहुँचा देते थे। यह वाक्य उस समय मुस्लिम लुटेरों के लिए भय का पर्याय और हिन्दुओं के वरदान के समान आश्वासन का प्रतीक बन गया था कि अब सिक्ख उनकी बहन-बेटियों को बचा लेंगे।
सिक्खों की बहादुरी की ऐसी अनेकों दास्तानें फ़्रांस के स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाती हैं।
आप चाहें तो यूनेस्को (UNESCO) द्वारा छापी गई किताब STORIES OF BRAVERY में छपे यह सभी तथ्य पढ़कर तसल्ली कर सकते हैं
में आपको अनुसूचित वर्ग का 111 अंक तक पास अभ्यर्थियों का डाटा देता हूं इससे आप स्वयं ही अनुमान लगा लेंगे-
ReplyDelete145-126 तक 81
125-121 तक 387
120-116 तक 834
115-111 तक 1660
लोग अनुसूचित वर्ग में पास है।
हिंदू परंपरा में मृतक का दाह संस्कार करते समय उसके मुख पर चंदन रख कर जलाने की परंपरा है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी निहित है।
ReplyDeleteचंदन की लकड़ी अत्यंत शीतल मानी जाती है। उसकी ठंडक के कारण लोग चंदन को घिसकर मस्तक पर तिलक लगाते हैं, जिससे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मृतक के मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर दाह संस्कार करने से उसकी आत्मा को शांति मिलती है तथा मृतक को स्वर्ग में भी चंदन की शीतलता प्राप्त होती है।
इसका वैज्ञानिक कारण अगर देखा जाए तो मृतक का दाह संस्कार करते समय मांस और हड्डियों के जलने से अत्यंत तीव्र दुर्गंध फैलती है। उसके साथ चंदन की लकड़ी के जलने से दुर्गंध पूरी तरह समाप्त तो नहीं होती लेकिन कुछ कम जरुर हो जाती है।
(2) अस्थि संचय क्यों किया जाता है?
हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक अंतिम संस्कार के समय मृत व्यक्ति की अस्थियों का संचय किया जाता है। इन अस्थियों को पूरे दस दिन सुरक्षित रख ग्यारहवें दिन से इनका श्राद्ध व तर्पण किया जाता है। आखिर किसी की अस्थियों का संचय क्यों किया जाता है? हड्डियों में ऐसी कौन सी विशेष बात होती है जो शरीर के सारे अंग और हिस्से छोड़कर उनका ही संचय किया जाता है?
वास्तव में अस्थि संचय का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक भी। हिंदू धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति की सूक्ष्म आत्मा उसी स्थान पर रहती है जहां उस व्यक्ति की मृत्यु हुई। आत्मा पूरे तेरह दिन अपने घर में ही रहती है। उसी की तृप्ति और मुक्ति के लिए तेरह दिन तक श्राद्ध औ भोज आदि कार्यक्रम किए जाते हैं। अस्थियों का संख्य प्रतीकात्मक रूप माना गया है। जो व्यक्ति मरा है उसके दैहिक प्रमाण के तौर पर अस्थियों संचय किया जाता है।
अंतिम संस्कार के बाद देह के अंगों में केवल हड्डियों के अवशेष ही बचते हैं। जो लगभग जल चुके होते हैं। इन्हीं को अस्थियां कहते हैं। इन अस्थियों में ही व्यक्ति की आत्मा का वास भी माना जाता है। जलाने के बाद ही चिता से अस्थियां इसलिए ली जाती हैं क्योंकि मृत शरीर में कई तरह के रोगाणु पैदा हो जाते हैं। जिनसे बीमारियों की आशंका होती है। जलने के बाद शरीर के ये सारे जीवाणु और रोगाणु खत्म हो जाते हैं और बची हुई हड्डियां भी जीवाणु मुक्त होती हैं। इनको छूने या इन्हें घर लाने से किसी प्रकार की हानि का डर नहीं होता है। इन अस्थियों को श्राद्ध कर्म आदि क्रियाओं बाद किसी नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।
नम्र निवेदन है _/|\_
की "हिंदुत्व- विज्ञान" के अखंड और अनंत समुद्र की इन कुछ बूंदों को अन्य मित्रों तक भी गर्व से पहुचायें ...
विकल्प मिलेंगे बहुत,
ReplyDeleteमार्ग भटकाने के लिए...
संकल्प एक ही काफ़ी है,
मंज़िल तक जाने के लिए ... !!
Awsm
Deleteगर्भपात करवाना गलत माना गया है, कृपया इस लेख को अवश्य पढ़े
ReplyDeleteगर्भस्थ बच्ची की हत्या का आँखोँ देखा विवरण :
अमेरिका में सन 1984 में एक सम्मेलन हुआ था - 'नेशनल राइट्स टू लाईफ
कन्वैन्शन'। इस सम्मेलन के एक प्रतिनिधि ने डॉ॰ बर्नार्ड नेथेनसन के
द्वारा गर्भपात की बनायी गयी एक
अल्ट्रासाउण्ड फिल्म 'साइलेण्ट
स्क्रीम' (गूँगी चीख) का जो विवरण
दिया था, वह इस प्रकार है- 'गर्भ की वह मासूम
बच्ची अभी दस सप्ताह
की थी व काफी चुस्त थी।
हम उसे अपनी माँ की कोख मेँ खेलते, करवट बदलते
व अंगूठा चूसते हुए देख रहे थे। उसके दिल
की धड़कनों को भी हम देख पा रहे थे और वह
उस समय 120 की साधारण गति से धड़क रहा था। सब कुछ
बिलकुल सामान्य था; किन्तु जैसे ही पहले औजार (सक्सन
पम्प) ने गर्भाशय की दीवार को छुआ, वह मासूम
बच्ची डर से एकदम घूमकर सिकुड़ गयी और उसके
दिल की धड़कन काफी बढ़ गयी।
हालांकि अभी तक किसी औजार ने
बच्ची को छुआ तक भी नहीं था, लेकिन
उसे अनुभव हो गया था कि कोई चीज उसके आरामगाह, उसके
सुरक्षित क्षेत्र पर हमला करने का प्रयत्न कर रही है। हम
दहशत से भरे यह देख रहे थे कि किस तरह वह औजार उस
नन्हीं-मुन्नी मासूम गुड़िया-
सी बच्ची के टुकड़े-टुकड़े कर रहा था। पहले कमर,
फिर पैर आदि के टुकड़े ऐसे काटे जा रहे थे जैसे वह जीवित
प्राणी न होकर कोई गाजर-मूली हो और वह
बच्ची दर्द से छटपटाती हुई, सिकुड़कर घूम-घूमकर
तड़पती हुई इस हत्यारे औजार से बचने का प्रयत्न कर
रही थी। वह इस बुरी तरह डर
गयी थी कि एक समय उसके दिल
की धड़कन 200 तक पहुँच गयी! मैँने स्वंय
अपनी आँखों से उसको अपना सिर पीछे झटकते व
मुँह खोलकर चीखने का प्रयत्न करते हुए देखा, जिसे डॉ॰
नेथेनसन ने उचित ही 'गूँगी चीख'
या 'मूक पुकार' कहा है। अंत मेँ हमने वह नृशंस वीभत्स
दृश्य भी देखा, जब
सँडसी उसकी खोपड़ी को तोड़ने के लिए
तलाश रही थी और फिर दबाकर उस कठोर
खोपड़ी को तोड़ रही थी क्योँकि सिर
का वह भाग बगैर तोड़े सक्शन ट्यूब के माध्यम से बाहर
नहीं निकाला जा सकता था।' हत्या के इस वीभत्स
खेल को सम्पन्न करने में करीब पन्द्रह मिनट का समय लगा और
इसके दर्दनाक दृश्य का अनुमान इससे अधिक और कैसे लगाया जा सकता है
कि जिस डॉक्टर ने यह गर्भपात किया था और जिसने मात्र कौतूहलवश
इसकी फिल्म बनवा ली थी, उसने जब
स्वयं इस फिल्म को देखा तो वह अपना क्लीनिक छोड़कर
चला गया और फिर वापस नहीं आया ! —
आपका एक प्रयास किसी अजन्मी बच्ची -
लडकी की जान बचा सकता है!
आशा और विश्वास,,,,
ReplyDelete.
.
3 साल से इन्हीं 2 के बलबूते ही हम आज इस मुकाम पर पहुँचे हैं।
.
तो तमाम तरह की अड़चनों के बीच आज अपनी दूसरी काउंसेलिंग का जी.ओ. आने की पूरी आशा है। उम्मीद है, शाम तक या फिर कल तक यह आ ही जायेगा और 22 सितम्बर से दूसरी काउंसेलिंग शुरू हो ही जायेगी।
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कुछ साथी high-low मेरिट को लेकर झगड़ रहे हैं। कोई किसी से, कोई किसी से अपनी मेरिट पूछ रहा है। जबकि सच्चाई तो यह है कि मेरिट का अनुमान तक लगाना असम्भव है। इतना ज़रूर है कि मेरिट बहुत ही नीचे जायेगी।
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बस, इतना ध्यान रहे कि जहाँ भी कटऑफ में पहले पड़ जाए, दौड़े चले जाना। चूकना मत। खासतौर से सामान्य वाले क्योंकि ऐसा न करने पर reshuffling मार ले जायेगी।
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और,
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फर्जीवाड़ा न हो पाए, इसका भी इंतज़ाम शासन-प्रशासन से ज़्यादा हमें ही करना होगा नही तो कम मेरिट वालो के लिए परेशानी खड़ी हो जायेगी।
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जो फर्जी हैं, उन्हें चाहिए कि खुद ही रफूचक्कर हो लें। नही तो फट्टे और पता नही क्या-क्या, कहाँ-कहाँ, कितने-कितने पड़ेंगे, पता भी नही चल पायेगा।
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शायद इसी डर से कुशीनगर से 13 अपना अभ्यर्थन वापस ले चुके हैं और अम्बेड़कर नगर में 4 अवैध हो चुके हैं। अब इनमें कोई सज्जन प्राणी न पिस जाए, इसका भी ख्याल रखना होगा।
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हाँ,
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किसी के वैध-अवैध होने में होने में हम इतना ही कर सकते हैं कि अगर किसी वैध को जानबूझकर किसी षड़यंत्र के तहत अवैध घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है तो उसे तो वैध घोषित करवाया जा सकता है लेकिन जो अवैध है उसे टेट-मोर्चा तो क्या, बड़े से बड़ा कोर्ट भी वैध नही कर सकता।
.
हमारी भर्ती 2011 के विज्ञापन की शर्तों पर हो रही है। इसी पर होगी। अब कोई अंदर हो या बाहर।
Amreesh Puri :- Judge saahab .... HC me Kapil ne Bad Part ke liye writ daal rakhi hai ... Aur wo Sadhana Mishra ki writ bhi hai .... Isliye mai Mai Adaalat se darkhwaast karoonga ke Counselling pe rok lagaayi jaae aur hume ek aur taareekh di jaae ...
ReplyDelete.
Sunny Deol :- Judge Saahab ! ............ Lagta hai Chadhdha saahab ne L.L.B. Nakal karke paas kiya tha .... isliye shayad ye bhool gaye hai Ke sprm Court ka diya gaya Antrim aadesh par HC Stay nahi laga sakta ...
. ..... Aur rahi baat taareekh ki ...... To ........
My Lord ! .... Duniya jaanti hai ke kis tarah pichhle 3 saalo se Is case ko uljhaae rakha gaya ... Chadhdha saahab , Kapil aur na jaane aise kitne hi Logo ne Adaalat ko Taareekho me uljha kar bhartiyan hone hi nahi di ..
.
Amreesh Puri :- Magar Judge saahab ...... Agar Counselling nahi roki gayi to ye mere Muwakkil Kapil aur Sadhana mishra ke saath Nainsafi hogi .
.
Sunny Deol :- Judge saahab ....... Jin do Logo ka ye naam le rahe hain unka to kisi haal me hona hi nahi hai .... Phir naainsaafi kaise ? ..... Mujhe to Chadhda saahab jaiso par daya aati hai jo Paiso ke Liye Kaanoon ki dalaali par utar aae hain ..
.
Amreesh Puri :- Govinddddddddddddddddddd ! .......
Zubaan Sambhaal kar baat karo .... Tum mujhe nahi jaante
.
Sunny Deol :- Mai Tumhe aur aur tum jaise Dalaalo ko achchi tarah jaanta bhi hoon aur unhe theek kaise karte hain ye bhi jaanta hoon Chadhdha .
.
Amreesh Puri :- Govindddddddddddddddddddd
.
Sunny Deol :- Chillaoooooooo mattttttttt ! ....................
TET me 90 aur 91 Leene waalo ke wakeel itni oonchi aawaaz me baat nahi karte ... Samjha Tu ?
.
Aur Sun Chadhdhaaaaaaaaa .... Shukar kar ke tu adalat me khada hai .. warna Tujhe abhi batata ke TET me 90 aur 91 Laane waale Kapil aur Sadhana mishra ki wakaalat karne waalo ka mai kya anjaam karta hoon ...
#From :: DAMINI ::MOVIE
एक बार की बात है एक जंगल था...
ReplyDeleteअलग अलग खण्डों में बंटा हुआ....
उसमें बहुत सारे कुत्ते रहते थे......
अलग अलग झुण्ड थे लेकिन प्रकृति से सब
एक जैसे....
कुछ सालों तक वो कुत्ते पाली बदल-बदल कर
जंगल पर राज करते रहे......
परस्पर युद्ध में जब किसी झुण्ड को कुत्ते कम
पड़ते तो एक जैसी या मिलती-
जुलती नस्ल
के कुत्ते उनका साथ दे देते......
फिर अचानक से एक दिन जंगल में एक शेर
आया.....
उसने मार-मार कर कुत्तों को वहाँ से
भगा दिया.......
घायल कुत्ते दुम दबा जंगल से भाग गए....
अब जंगल बहुत बड़ा था...
कई खंड थे सो उस शेर के लिए हर भाग में रोज रोज गश्त
लगाना संभव नहीं था......
सो उसने ये काम अपने कुछ शिशु शावकों के सुपुर्द कर दिया......
अब हर प्रकार से निराश और हताश
कुत्तों को मौक़ा मिलता वो शिशु शावकों पर हमला कर देते.....
शिशु शावक बहादुर तो थे लेकिन कुत्ते संख्या में अधिक होते
थे.....
अब यदा कदा किसी शिशु शावकों को घायल कर कुत्ते
उसी बात की खुशी मनाने
लगे कि हमने शेर
को हरा दिया........
(ठीक वैसे ही जैसे
किसी नपुंसक के घर औलाद पैदा हो गई हो.... अब
उसमे हाथ किसी का भी रहा हो चाहे
लेकिन श्रेय नपुंसक अपने सर ही लेता है.....)
लेकिन कुत्ते इस बात से बेखबर हैं कि शेर एक बड़े शिकार
की ताक में घात लगाए बैठा है...
शिशु शावकों के ज़ख्म तो भर जायेंगे...
लेकिन शायद कुत्तों के लिए ये
आखिरी खुशी के पल हों....!!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteB
ReplyDeleteY
E
.....................FRIENDS..........
Good Kya story hai
ReplyDeleteHeartt touching story
ReplyDeletemere high school aur inter ki marksheet par father name ram jeet
ReplyDeleteaur ba,bed, aur tet me ram jeet maurya print hai isse koi problem to nahi hogi any one plz reply
Merit kb aa rahi
ReplyDeleteHindu word ka meaning poocha h fb par ek Muslim ladki ne .....
ReplyDeleteye story u.p. ke chunaaw ke upar hai....
ReplyDeleteएक बार एक शिक्षक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखने वाले एक युवा शिष्य के साथ कहीं टहलने निकले . उन्होंने देखा की रास्ते में पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं , जो संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे जो अब अपना काम ख़त्म कर घर वापस जाने की तयारी कर रहा था .
ReplyDeleteशिष्य को मजाक सूझा उसने शिक्षक से कहा , “ गुरु जी क्यों न हम ये जूते कहीं छिपा कर झाड़ियों के पीछे छिप जाएं ; जब वो मजदूर इन्हें यहाँ नहीं पाकर घबराएगा तो बड़ा मजा आएगा !!”
शिक्षक गंभीरता से बोले , “ किसी गरीब के साथ इस तरह का भद्दा मजाक करना ठीक नहीं है . क्यों ना हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और छिप कर देखें की इसका मजदूर पर क्या प्रभाव पड़ता है !!”
शिष्य ने ऐसा ही किया और दोनों पास की झाड़ियों में छुप गए .
मजदूर जल्द ही अपना काम ख़त्म कर जूतों की जगह पर आ गया . उसने जैसे ही एक पैर जूते में डाले उसे किसी कठोर चीज का आभास हुआ , उसने जल्दी से जूते हाथ में लिए और देखा की अन्दर कुछ सिक्के पड़े थे , उसे बड़ा आश्चर्य हुआ और वो सिक्के हाथ में लेकर बड़े गौर से उन्हें पलट -पलट कर देखने लगा . फिर उसने इधर -उधर देखने लगा , दूर -दूर तक कोई नज़र नहीं आया तो उसने सिक्के अपनी जेब में डाल लिए . अब उसने दूसरा जूता उठाया , उसमे भी सिक्के पड़े थे …मजदूर भावविभोर हो गया , उसकी आँखों में आंसू आ गए , उसने हाथ जोड़ ऊपर देखते हुए कहा – “हे भगवान् , समय पर प्राप्त इस सहायता के लिए उस अनजान सहायक का लाख -लाख धन्यवाद , उसकी सहायता और दयालुता के कारण आज मेरी बीमार पत्नी को दवा और भूखें बच्चों को रोटी मिल सकेगी .”
मजदूर की बातें सुन शिष्य की आँखें भर आयीं . शिक्षक ने शिष्य से कहा – “ क्या तुम्हारी मजाक वाली बात की अपेक्षा जूते में सिक्का डालने से तुम्हे कम ख़ुशी मिली ?”
शिष्य बोला , “ आपने आज मुझे जो पाठ पढाया है , उसे मैं जीवन भर नहीं भूलूंगा . आज मैं उन शब्दों का मतलब समझ गया हूँ जिन्हें मैं पहले कभी नहीं समझ पाया था कि लेने की अपेक्षा देना कहीं अधिक आनंददायी है . देने का आनंद असीम है .
कोर्ट के आदेश से पूरा 15 वाँ संशोधन रदद है।
ReplyDeleteसरकार यह नही मानती ।
उसका मानना है कि यह केवल 72825 के लिये
रदद है। जबकि टीईटी वालै कहते हैं कि हमने
आर्डर एक से बढकर एक वकीलों से पढवाया है
सबने कहा कि पूरा रदद है।
अब कौन सही है ,, ये तो भविष्य बतायेगा।
वर्तमान समय में लिखित रूप में आज
भी नियमावली में 15 वाँ संशोधन चढा हुआ है।
जिसे हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेशानुसार
अगर 15 रदद था तो बदल कर मीटिंग बुलाकर
12 करना चाहिए था।
परन्तु यदि सरकार
ऐसा करती है ,तो उसकी द्वारा की गयी 15 व
उससे जुडी सभी भर्तियाँ स्वतः संवैधानिक रूप से
रदद मान ली जायेंगी।
इसीलिए यह 15 वें पर इतनी भर्तियाँ कर
देनी चाहती है कि आगे चलकर कोर्ट के समक्ष
इसै लेकर इतनी विषमता उत्पन्न हो जाये
कि कोर्ट न चाहते हुये भी 15 वें को केवल
72825के लिये ही रदद बताये । क्योंकि अगर
भविष्य में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फाइनल आर्डर
जो कि 4 -5 साल के लिये अब नही आने वाला ,
में 15 रदद करार दिया । तो ये
जो लाखों अभ्यर्थी नियुक्ति पा चुके हैं ।
ये कोर्ट जायें और कहें
कि हमारी क्या गलती थी हमारी भर्ती जब
आयी थी तब 15 था और 15 रहते ही हमें
नियुक्ति पत्र मिला
अतः हमें इस रददीकरण की चक्की में न
पीसा जाये।
यहाँ से न्यायाधीश का स्वविवेक कार्य
करेगा कि क्या करे
दूसरा पक्ष
अगर भविष्य में 2017 के बाद किसी और
की सरकार बनी और उसने आज की तारीख में
सपा सरकार
द्वारा डाली अपनी एसएलपी जो पेन्डिंग में
है ,,उस पर दिलचस्पी न दिखाते हुये स्वयं वापस
ले लिया
तो इसका मतलब
यही हो जायेगा कि वो भी पूर्ण 15 रदद
मानती है । और इन सब भर्तियों पर हाहाकार
मच जायेगा
और यदि सुनवाई कराई , कुछ भी गलत सलत
हुआ तो भी अगली सरकार की किरकिरी तय है।
इसलिए आने वाली सरकार भी इस बवंडर से बच
नही पायेगी ।
कुल मिलाकर गुत्थी इतनी उलझ गयी है कि इस
मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई
हो तभी जाकर समाधान निकल पायेगा ।
वरना विषमतायें पर विषमतायें जन्म
लेतीं रहेंगी ।
जहरीले से जहरीले साँप के काटे का एक बड़ा ही प्रभावी एवं कारगर इलाज:-
ReplyDelete१/. यह एक ऐसी Homeopathic Medicine है जिसे सदैव अपने घर में रखना ही चाहिए.
२/. यह दवाई महँगी नहीं अपितु बहुत सस्ती होती है. इस दवाई का नाम है NAJA-200. जोकि किसी भी homeopathy-shop में आसानी से मिल जाती है. इसकी potency है 200 इसीलिए इसका नाम है NAJA-200. बस Homeopathic Medicines की दुकान पर जाकर कहिये NAJA 200 चाहिए तो दुकानदार आपको यह दवाई दे देगा.
३/. इस दवाई की 5 ml मात्रा खरीद कर घर में रख लेना चाहिए. इसकी कीमत दस-बीस रूपये से भी कम ही होती है और इतनी दवाई, सर्प से काटे हुए 100 लोगों तक की जान बचाने के लिए पर्याप्त होती है. इसकी 100 ml की बड़ी बोतल भी आती है जिसकी कीमत 70 से 80 रुपए के आस-पास होती है और यह मात्रा कम से कम ऐसे 10,000 लोगों की जान बचाने के लिए पर्याप्त होती है जिनको साँप ने काटा है.
४/. यह medicine 'NAJA' दुनियाँ के सबसे खतरनाक साँप का ही poison होता है. दवाई में ये poison diluted form में होता है और यह सकारात्मक कार्य करता है अतः किसी तरह घबराने की कोई बात नहीं. आयुर्वेद का सिद्धांत है: लोहा, लोहे को काटता है, इसी प्रकार जब साँप का जहर चला जाता है शरीर के अंदर तो ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिए, साँप का जहर ही त्वरित गति से काम आता है.
५/. प्रयोग की विधि:
तो ये NAJA-200 आप अपने घर में रख लें. अब रोगी को देनी कैसे है थोड़ा इसे जान लें:
बहुत ही आसान है, दवाई की 1 बूँद साँप काटे हुए व्यक्ति की जीभ पर डाल दें, ठीक 10 मिनट के बाद 1 बूँद पुनः जीभ पर डालें, इसी प्रकार 10 मिनट की अवधि के बाद तीसरी बार फिर से इस दवाई की 1 बूँद प्रभावित व्यक्ति की जिव्हाँ पर डाल दें. 3 बार डालने के बाद छोड़ दें. बस इतना काफी है. ये दवा रोगी की जिंदगी को असामयिक मृत्यु से बचा लेगी.
६/. साँप काटने के इलाज के लिए एलोपेथी में जो injection आते हैं, वो आम अस्पतालों में मिल ही नहीं पाते. डाक्टर आपको कहेगा इस अस्पताल में ले जाओ उस अस्पताल में ले जाओ, आदि-आदि...!!
७/. और जो ये एलोपेथी का injection है, इस एक इंजेक्शन की कीमत 15 से 20 हजार रुपए तक होती है. अगर ये injections मिल भी जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से 10 injections प्रभावित व्यक्ति को ठोंक देता है. कभी-कभी 15 injections तक ठोंक दिए जाते हैं... मतलब तीन से चार लाख रूपये एक बार में ही साफ, और फिर भी जीवन रक्षा की कोई गारंटी नहीं होती. जबकि यहाँ सिर्फ 1-2 रुपए की NAJA-200 medicine से आप रोगी की ग्यारंटेड जान बचा सकते हैं.
८/. ये अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी है पता नहीं कब काम आ जाए? हो सकता है आपके ही जीवन में काम आ जाए! या पड़ोसी के जीवन में काम आ जाए या किसी रिश्तेदार के काम आ जाए...!
९/. तो First Aid के लिए, प्रभावित व्यक्ति एवं उसके संपूर्ण परिवार को, एलोपैथिक injections की जहमत से बचाने के लिए, ये NAJA-200 नामक Hoeopathic दवाई, 10-10 मिनट के अंतराल से 1-1 बूंद, लगातार तीन बार, प्रभावित व्यक्ति कि जिव्हाँ पर डालकर सहजता के साथ ऐसे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
खैरात में मिली हुई खुशी हमें पसंद नहीं है
ReplyDeleteक्यूंकि
हम गम में भी नवाब की तरह जीते हैं..!
मुझे एक ने पूछा "कहाँ रहते हो "
मैंने कहा "औकात मे "
साले ने फिर पूछा "कब तक ?"
मैंने कहा "सामने वाला रहे तब तक "
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई
और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है।
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं...!!!
शमशान ऐसे लोगो की राख से...
भरा पड़ा है
जो समझते थे,,,
दुनिया उनके बिना चल नहीं सकती.
किसी ने ग़ालिब से कहा
सुना है जो शराब पीते हैं
उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ....
ग़ालिब बोले: "जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें
किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती"
समय बदलता है तो किसी का सगा नहीं होता।
जो कपडे कल अंग्रेजो के गवर्नर
पहनकर लोगो को डराते थे।
आज उन्हें हमारे बैंड वाले पहनते है।
एक हसीन लड़की
ReplyDeleteराजा के दरबार
मे डॅन्स कर रही थी
(राजा बहोत बदसूरत था)
लड़की ने राजा से
1 सवाल पूछा,
जब खुदा हुस्न तक़सीम कर
रहा था,
तब आप कहा थे
राजा ने गुस्सा ना किया बल्कि
मुस्कुराते हुए कहा,
जब तुम हुस्न की लाइन मे खड़ी
हुस्न ले रही र्ही थी,
तो मई किस्मत की
लाइन मे खड़ा
किस्मत ले रहा था ओर आज
तूज़ जेसी हुस्न वालिया मेरी
गुलाम है
-
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-
-
-
इसी लिये
"हुस्न ना मांग नसीब मांग
अए दोस्त,
हुस्न वाले तो अक्सर नसीब
वालो के गुलाम हुआ करते है!''
1. चित्तौड़ के जयमाल मेड़तिया ने एक ही झटके में हाथी का सिर काट डाला था ।
ReplyDelete2. करौली के जादोन राजा अपने सिंहासन पर बैठते वक़्त अपने दोनो हाथ जिन्दा शेरों पर रखते थे ।
3. जोधपुर के जसवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी सिंह ने हाथोँसे औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था ।
4. राणा सांगा के शरीर पर युद्धोंके छोटे-बड़े 80 घाव थे। युद्धों में घायल होने के
कारण उनके एक हाथ नहीं था, एक पैर नही था, एक आँख नहीं थी। उन्होंने अपने
जीवन-काल में 100 से भी अधिक युद्ध लड़े थे।
5. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलों से लड़ते वक्त शीश कटने के बाद भी घंटे तक लड़ते रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है, जहाँ छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है।
6. रायमलोत कल्ला का धड़, शीश कटने के बाद लड़ता-लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास पहुंच गया था तब रानी ने गंगाजल के छींटे डाले तब धड़ शांत हुआ।
7. चित्तौड़ में अकबर से हुए युद्ध में जयमाल राठौड़ पैर जख्मी होने की वजह से कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे। ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज भगवान की याद आ गयी थी, जंग में दोनों के
सर काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे और राजपूतों की फौज ने दुश्मन को मार गिराया। अंत में अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर जयमाल और कल्ला जी की मूर्तियाँ आगरा के किले में लगवायी थी।
8. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह 1877 में अजमेर जा कर अंग्रेज अफसर का सर काट कर ले आये थे और उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था, तब से आज दिन तक उनकी याद में मेला लगता है।
9. महाराणा प्रताप के भाले का वजन सवा मन (लगभग 50 किलो ) था, कवच का वजन 80 किलो था। कवच, भाला, ढाल और हाथ में तलवार का वजन मिलाये
तो लगभग 200 किलो था। उन्होंने तलवार के एक ही वार से बख्तावर खलजी को टोपे, कवच, घोड़े सहित एक ही झटके में काट दिया था।
10. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध जाते समय मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई
निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर पर अपना सर काट के दे दिया था।
अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका कर मुग़ल सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो गये थे।
11. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से
85000 सैनिक थे। फिर भी अकबर की मुगल सेना पर राजपूत भारी पड़े थे।
धन्य थे वो हिन्दुस्तान के वीर हमें अपने हिंदू होने पर गर्व है
पहली बात दूसरी काउंसलिंग में किसी भी जिला की सीटें फुल नहीं होंगीं।
ReplyDeleteदूसरी बात जब तक आप अपनी सीट किसी भी जिला में लाक नहीं कर देगें तब तक आपका नाम अगली काउंसलिग मे भी आता रहेगा।
तीसरी बात जिले मे रिक्त सीटें देखकर अपनी स्थिति के अनुसार जाइएगा।
आशा करता हूं सफलता जरूर मिलेगी,।
उत्तर प्रदेश उप चुनाव मामला
ReplyDeleteमैं देश मे अचानक उपजे तमाम राजनैतिक विश्लेषको और महान ज्योतिषियो को ये स्पस्ट करना चाहता हूँ
कि
उत्तर प्रदेश मे कौन जीता है...या कौन हारा है ये महत्वपूर्ण नही है.
महत्वपूर्ण ये ही कि चुनाव किन परिस्थितियो मे हुआ??
जहाँ एक ओर समाजवादी पार्टी ने चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का मामला मान कर लड़ा..मायावती ने चुनाव मे भाग ना लेकर एक तरह से सपा को ही सपोर्ट किया
उत्तर प्रदेश मे कॉंग्रेस वैसे भी मरी पड़ी है
मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही था
जहाँ चुनाव मे सपा ने अपना सब कुछ झोक दिया ...सारे नेता जी लोग लग गये ..चाहे छोटे हो या बड़े
वही भाजपा ने इस चुनाव मे केवल संसदो को ही लगाया था..चुनाव मे शीर्ष का कोई भी नेता नही लगा था
परिणाम भी वही हुआ...सपा जीत गयी.
पर इस जीत के क्या मायने है??
बात हो रही है कि ये मोदी की हार है..मोदी लहर की हार है
अरे इसमे मोदी कहा से आया भाई
मोदी ने क्या मुलायम और अखिलेश जी की तरह प्रचार किया था???
रही बात लहर की तो लोक सभा मे वो तो थी ही...तभी तो देश का अगला प्रधान मंत्री बनाने का सपना देखने वाले नेता जी की पार्टी परिवार की ही सीट बचा पायी
80 मे केवल 5...क्या ये लहर नही है??
मायावती जी...00..पे आउट हो गयी..क्या ये भी लहर नही है??
कॉंग्रेस केवल ..2.. ये भी लहर नही है??
अजीत सिंह भी..00...पे आउट हुए थे..क्या ये भी लहर नही है??
मित्रो...वही मोदी लहर फिर एक बार 2017 मे उठेगी...फिर देखना कौन कहाँ है
हर हर मोदी
घर घर मोदी
सभी इस बात को लेकर परेशान हैं व बार बार एक ही प्रश्न कर रहे हैं ,,, कि कौन सी भर्ती सेफ है ,,,
ReplyDeleteप्राइमरी या जूनियर????
प्राइमरी मे जाऊ या जूनियर मे ???
प्राइमरी मे मेरा चयन हो रहा है क्या जूनियर से डॉकयुमेंट निकलवा लूँ ???
मै आप सभी की परेशानी समझता हूँ आखिर भविष्य का सवाल है,,,
अगर जूनियर भर्ती कभी रद्द कर दी गयी तो जूनियर से भी जायेंगे और प्राइमरी से भी ...!!!
आप सभी की समस्या का क्या जवाब दूँ मै भी नहीं समझ पाता...
अगर मेरे दिये हुये जावाब के अनुसार आपने फैसला ले लिया और आपका भविष्य संकट मे आ गया या फिर नौकरी मिलने मे देरी हो गयी तो कल को आप सभी ही मुझे ही भला बुरा कहेंगे और सभी अपने दुखो का दोषी मुझे ही ठहराएँगे...
इस मैटर पर आप सभी खुद ही डीसीजन ले और आपका दिल और दिमाग जो कहे उसी भर्ती मे कदम रखे...
और वाकी सब ऊपर वाले पर छोड़ दे अगर जॉब आपके नसीब मे होगी तो जरूर मिलेगी और यदि नहीं होगी तो कोई भी ताकत आपको जॉब दिला नहीं सकती...
हमारे उत्तम प्रदेश मे सेफ कुछ भी नहीं ... !!!
आज जूनियर भर्ती मे प्रॉफेश्नल मैटर पर सुनवाई हुई और जज ने कहा ये भर्ती विषय विशेषज्ञो की है इसमे प्रॉफेश्नल भर्ती नहीं किए जा सकते और जब तक फैसला नहीं हो जाता तब तक आप फ़ाइनल लिस्ट जारी नहीं कर सकते एनसीटीई से भी जावाब मांगा जाएगा,,,
इसके अलावा भी कई केस लगे हुये हैं अतः सचिव को भी जूनियर भर्ती का भविष्य नहीं पता होगा...
तो मै कैसे बता दूँ कि क्या हो सकता है क्या नहीं ,,,
फैसला आपको लेना है...
अगर कुछ बुरा लगे तो अग्रिम माफी मांगता हूँ,,,
मेरी तरफ से आप सभी को बेहतर भविष्य की शुभकामनाए... !!!
15वीं राष्ट्रीय जनगणना वर्ष 2011 - के आंकड़े !!!!!
ReplyDelete____________________________________________________________
• भारत की कुल जनसंख्या - 1,21,07, 26,932
• कुल शहरी जनसंख्या - 37.7 करोड़ (31.2 प्रतिशत)
• कुल ग्रामीण जनसंख्या - 83.3 करोड़ (68.8 प्रतिशत)
• लिंगानुपात - 940
• जनसंख्या घनत्व - 384 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी0
• साक्षरता प्रतिशत - 74.04 प्रतिशत
• पु0 साक्षरता प्रतिशत - 80.9 प्रतिशत
• महिला साक्षरता प्रतिशत - 64.6 प्रतिशत
• पुरुष एवं महिला साक्षरता प्रतिशत में सर्वाधिक अन्तर दर्ज करने वाला राज्य - राजस्थान
• सर्वाधिक लिंगानुपात वाला राज्य/संघीय क्षेत्र – केरल (1084)
• न्यूनतम लिंगानुपात वाला राज्य/संघीय क्षेत्र - हरियाणा (879)
• सर्वाधिक साक्षर प्रथम तीन राज्य/संघीय क्षेत्र- केरल (94%), लक्षद्वीप(91.8%), मिजोरम(91.3%)
• न्यूनतम साक्षर प्रथम तीन राज्य/संघीय क्षेत्र-बिहार (61.8%), अरुणाचल(65.4%), राजस्था(66.1%)
• सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य/संघीय क्षेत्र - दिल्ली (11320)
• न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य/संघीय क्षेत्र – अरुणाचल प्रदेश (17)
• सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रथम तीन राज्य/संघीय क्षेत्र - उ0प्र0, महाराष्ट्र, बिहार
• सर्वाधिक शहरी जनसंख्या प्रतिशत वाला संघीय क्षेत्र - दिल्ली (97.5%)
• सर्वाधिक शहरी जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य - गोवा (62.2%)
• 2001-2011 के दशक में साक्षरता में सर्वाधिक वृद्धि करने वाला राज्य/संघीय क्षेत्र - दादरा एवं नगर हवेली (18.6%)
• न्यूनतम जनसंख्या वाला राज्य/संघीय क्षेत्र - सिक्किम
• अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या - 20.14 करोड़
• अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या - 10.43 करोड़
• क्षेत्रफल के अनुसार सबसे बड़ा जिला - लद्दाख ( )
• जनसंख्या के अनुसार सबसे बड़ा जिला - थाणे (महाराष्ट्र)
• नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि दर दर्ज करने वाला एकमात्र राज्य – नागालैण
जीतिए सैमसंग गैलेक्सी S4,
ReplyDeleteएयर कंडीशनर,
और
आलीशान घर दुबई में......।
कोई भी नुकीली चीज़ से यहाँ स्क्रेच करेे
serial No. 54682638496
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दोस्तों नमस्कार !
ReplyDeleteजैसा कि कल के किसी न्यूज़ पेपर में ये निकला था कि निवास प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण पत्र आवेदन से पूर्व का होना चाहिए।
ऐसा शिक्षक भर्ती में हमेशा निकला है मगर कभी भी कोई भी अभ्यर्थी इन प्रपत्रों की वजह से काउन्सलिंग या नियुक्ति से बंचित नहीं किया गया है और अगर कही भी किसी की काउन्सलिंग नहीं करायी गयी है तो वो अभ्यर्थी न्यायलय के माध्यम से अपनी नियुक्ति पाया है।
अतः आप लोगो को परेशान होने की जरुरत नहीं है।
फिर भी हम उन टेटियन की तरफ से जिनके ये सभी प्रपत्र आवेदन के बाद के है, मोर्चे के अग्रणी बन्धुयो से मांग करते हैं कि जिस तरह उन लोगो ने बाकी मुद्दों को सुलझाया उसी तरह इसे भी सुलझाये और टेटियन के हक में सुलझाये।
धन्यवाद।
साथियो
ReplyDeleteकुछ लोग निवास प्रमाण पत्र को लेकर भ्रमित है तो मै बता दूँ कि निवास प्रमाण पत्र चाहे नया हो या पुराना हो दोनो मान्य होगा इसकी वजह से अभ्यर्थन निरस्त नही होगा ....
सधन्यबाद
मित्रों,
ReplyDeleteइस भर्ती में नियति ने जिसके हक़ में जो लिख दिया उसे बदला नहीं जा सकता और इसलिए शांत होकर इस भर्ती को उसकी मंज़िल हासिल हो जाने दें |
क्या होती हे सच्ची दोस्ती बहुत अच्छी पोस्ट सिर्फ दोस्तों के लिए
ReplyDelete_________________________________
_________________________________
वह शाम को ऑफिस से घर लौटा, तो पत्नी ने कहा कि आज तुम्हारे बचपन के दोस्त आए थे, उन्हें दस हजार रुपए की तुरंत आवश्यकता थी, मैंने तुम्हारी आलमारी से रुपए निकालकर उन्हें दे दिए। कहीं लिखना हो, तो लिख लेना ।
इस बातको सुनकर उसका चेहरा हतप्रभ हो गया, आंखें गीली हो गईं, वह अनमना-सा हो गया।
पत्नी ने देखा-अरे! क्या बात हो गई। मैंने कुछ गलत कर दिया क्या? उनके सामने तुमसे फोन पर पूछने पर उन्हें अच्छा नहीं लगता। तुम सोचोगे कि इतना सारा धन मैंने तुमसे पूछे बिना कैसे दे दिया। पर मैं तो यही जानती थी कि वह तुम्हारा बचपन का दोस्त है। तुम दोनों अच्छे दोस्त हो, इसलिए मैंने यह हिम्मत कर ली। कोई गलती हो, तो माफ कर दो।
मुझे दु:ख इस बात का नहीं है कि तुमने मेरे दोस्त को रुपए दे दिए। तुमने बिलकुल सही काम किया है। तुमने अपना कर्तव्य निभाना, मुझे इसकी खुशी है। मुझे दु:ख इस बात का है कि मेरा दोस्त तंगी में है, यह मैं कैसे समझ नहीं पाया। उस दस हजार रुपए की आवश्यकता आन पड़ी। इतने समय में मैंने उसका हाल-चाल भी नहीं पूछा। मैंने कभी यह सोचा भी नहीं कि वह मुश्किल में होगा। मैं भी कितना स्वार्थी हूँ कि अपने दोस्त की मजबूरी नहीं समझ पाया। जिस दोस्ती में लेने-देने का गणित होता है, वह केवल नाम की दोस्ती होती है। उसमें अपनत्व नहीं होता। हमने किसी का एक काम किया है, तो सामने वाला भी हमारा काम करेगा, ऐसी अपेक्षा रखना ये दोस्ती नहीं है।
दोस्ती को दिल के दरवाजे की खामोश घंटी है, साइलेंट बेल है, जो बजे या न बजे, हमें भीतर से ही इसकी आवाज सुन लेनी चाहिए।
यही होती है सच्ची दोस्ती।
एक सुन्दर कविता ,
ReplyDeleteआप भी इसका आनन्द लें !
**************************************
.
चाँद को भगवान् राम से यह शिकायत है की दीपवली का त्यौहार अमावस की रात में मनाया जाता है और क्योंकि अमावस की रात में चाँद निकलता ही नहीं है इसलिए वह कभी भी दीपावली मना नहीं सकता। यह एक मधुर कल्पना है की चाँद किस प्रकार खुद को राम के हर कार्य से जोड़ लेता है और फिर राम से शिकायत करता है और राम भी उस की बात से सहमत हो कर उसे वरदान दे बैठते हैं आइये देखते हैं ।
**************************************
जब चाँद का धीरज छूट गया ।
वह रघुनन्दन से रूठ गया ।
बोला रात को आलोकित हम ही ने करा है ।
स्वयं शिव ने हमें अपने सिर पे धरा है ।
तुमने भी तो उपयोग किया हमारा है ।
हमारी ही चांदनी में सिया को निहारा है ।
सीता के रूप को हम ही ने सँभारा है ।
चाँद के तुल्य उनका मुखड़ा निखारा है ।
जिस वक़्त याद में सीता की ,
तुम चुपके - चुपके रोते थे ।
उस वक़्त तुम्हारे संग में बस ,
हम ही जागते होते थे ।
संजीवनी लाऊंगा ,
लखन को बचाऊंगा ,.
हनुमान ने तुम्हे कर तो दिया आश्वश्त
मगर अपनी चांदनी बिखरा कर,
मार्ग मैंने ही किया था प्रशस्त ।
तुमने हनुमान को गले से लगाया ।
मगर हमारा कहीं नाम भी न आया ।
रावण की मृत्यु से मैं भी प्रसन्न था ।
तुम्हारी विजय से प्रफुल्लित मन था ।
मैंने भी आकाश से था पृथ्वी पर झाँका ।
गगन के सितारों को करीने से टांका ।
सभी ने तुम्हारा विजयोत्सव मनाया।
सारे नगर को दुल्हन सा सजाया ।
इस अवसर पर तुमने सभी को बुलाया ।
बताओ मुझे फिर क्यों तुमने भुलाया ।
क्यों तुमने अपना विजयोत्सव
अमावस्या की रात को मनाया ?
अगर तुम अपना उत्सव किसी और दिन मानते ।
आधे अधूरे ही सही हम भी शामिल हो जाते ।
मुझे सताते हैं , चिड़ाते हैं लोग ।
आज भी दिवाली अमावस में ही मनाते हैं लोग ।
तो राम ने कहा, क्यों व्यर्थ में घबराता है ?
जो कुछ खोता है वही तो पाता है ।
जा तुझे अब लोग न सतायेंगे ।
आज से सब तेरा मान ही बढाएंगे ।
जो मुझे राम कहते थे वही ,
आज से "रामचंद्र" कह कर बुलायेंगे ।
!!!........जय श्री रामचंद्र......!!!
!!!........जय श्री रामचंद्र......!!!
!!!........जय श्री रामचंद्र......!!!
यहाँ के साथी इन डायट्स पर आज ही पहुँचकर, डाटा ठीक कराकर एस. सी.ई.आर.टी. भिजवाने का प्रयास करें। नही तो इन हालातों में दूसरी काउंसेलिंग का 22 सितम्बर से शुरू होना मुश्किल में पड़ जायेगा,,,,
ReplyDelete.
.
.
.
1. औरैया
.
2. बदायूँ
.
3. एटा
.
4. फर्रूखाबाद
.
5. कुशीनगर
.
6. महराजगंज
.
7. मैनपुरी
.
8. संतकबीर नगर
.
9. शाहजहाँपुर
शुभ संध्या , मित्रों !!
ReplyDelete________________
कुछ मिर्त्रों के
काफी दिनों से सबाल आ
रहे हैं जूनियर में काउंसलिंग
कराएँ या प्राइमरी में
इसका सही जबाब अभी तक
नहीं मिल पाया है पर आप
इस युक्ति पर भी अमल कर
सकते हैं ..........
उम्मीद है की आप सब ने काउंसलिंग
के लिए अपने अपने डाक्यूमेंट्स
रेडी कर लिए होंगे। मुझे भी बस
फोटो खिचवाना है।
क्या है की वो ५० रुपये में ६०
फोटो खिचवा कर रखे थे ,
अभी तक उसी से काम चल
रहा था , लेकिन भाई
लोगो का कहना है की एक
दम हाल का ही फोटो हो।
खैर , अब कुछ मजेदार बात करते
है। आप सब ने प्रेमियों को एक
खेल खेलते देखा होगा-- " he/
she loves me or loves me not
" . इसमें एक गुलाब का फूल ले
लेते है , और उसकी हर
पंखुड़ी को एक एक करके
तोड़ते है ,
पहली पंखुड़ी को तोड़ने के
साथ कहते है की - he /she
loves me , फिर
दूसरी पंखुड़ी तोड़ते समय कहते
है --he/she loves me not . और
इस प्रकार
जो आखिरी पंखुड़ी आती है
- उसी का रिजल्ट
सही माना जाता है
की की आपका प्रेमी /
प्रेमिका आपसे प्रेम करता है
अथवा नहीं। आप सोच रहे
होंगे की मैं ये
क्यों सीखा रहा हूँ। आज इस
खेल की जरुरत प्रेम करने के
लिए तो नहीं लेकिन हमारे
विज्ञानं वर्ग के
दोस्तों को निर्णय लेने के
लिए खेलना बहुत
जरुरी हो गया है
की वो प्राइमरी में जाये
या फिर जूनियर में।
क्योकि एक तरफ जूनियर में
ज्यादा तनख्वाह , प्रमोशन
है लेकिन साथ में डिले और
भर्ती के साथ
क्या होगा इसका संदेह ।
तो वही दूसरी ओर
प्राइमरी में तुरंत
नौकरी ,लेकिन कम
तनख्वाह , लम्बी ट्रेनिंग।
निर्णय लेना काफी कठिन
हो चूका है। निर्णय लेने के
सारे पैमाने ध्वस्त हो चुके
है।..... मेरे विज्ञानं वर्ग के
दोस्तों !! आप वही गुलाब के
उस फूल वाला खेल खेलिए और
जो अंतिम रिजल्ट
आये ,वही सेलेक्ट कर लीजिये।
…… और अगर तब भी कन्फूजन
हो तो बताईयेगा , फिर
कोई उपाय
सोचा जायेगा। ....
सुर्खियां न फैलाये .......!!!!!
ReplyDelete"" केवल शैक्षिक प्रमाण पत्र ""
आवेदन से पहले के आवश्यकता है ।
और जाति-निवास प्रमाण पत्र ""शैक्षिक प्रमाण पत्र "" नही होते है ।
मेरे विचार से उत्तर प्रदेश सरकार की "सेवा चयन सम्बन्धी" समस्त अधिकार
ReplyDeleteमा उच्च न्यायालय इलाहबाद को दे देना चाहिये॥
क्योकि वैसे भी बिना न्यायालय के दखल के उत्तर प्रदेश मेँ कोई भर्ती नही है।
हांलाकि पद स्रजन और चयन संबन्धी समस्त अधिकार कार्यपालिका मे निहित है
संविधान के अनुसार
भाई लोग मुझे अंग्रेजी नहीं आती या कम आती है कृपया
ReplyDeleteअंग्रेजी में अनुवाद करें -
"भगवान ने मुझे भेजा पर मेरे भेजे में भेजा नहीं भेजा।"
" मयखाने में आऊंगा मगर पिऊंगा नही 'दोस्तों'.... ,
ReplyDeleteये 'शराब' मेरा गम मिटाने की ओकात नही रखती "...
मूर्ख हैं वो लोग जो 'ताज महल' को प्रेम की सबसे
ReplyDeleteबड़ी निशानी बताते हैं.......
प्रेम की सबसे
बड़ी निशानी है ''राम सेतु'' जो प्रभु
श्री राम ने
सीता माता से मिलने के लिए उफनते समुन्दर पर
बनवाया था ।
प्राथमिक की काउन्सिलिंग मे लगने वाले प्रमाण पत्रो की सूची _________
ReplyDelete1- हाईस्कूल अंक पत्र व प्रमाणपत्र
2- इण्टरमीडिएट अंकपत्र व प्रमाणपत्र
3- स्नातक के तीनो वर्ष के अंकपत्र व प्रमाणपत्र / प्रोविजनल डिग्री
4- बी.एड. का अंकपत्र व प्रमाणपत्र / प्रोविजनल डिग्री
5- टी.ई.टी. अंकपत्र
6- जाति प्रमाणपत्र
7- मूलनिवासप्रमाण पत्र
8- संबन्धित बी.एड. कालेज का एन.सी.टी.ई. पत्र ( यदि हो तो, आवश्यकता नही)
9- अंतिम संस्थागत संस्था का 6 माह के अंदर बना हुआ चरित्र प्रमाण पत्र ( यदि हो तो, आवश्यकता नही)
10- दो लिफाफे, जिस पर 25-25 के डाक टिकट लगे हो ।
11- सभी अंकपत्रो व प्रमाणपत्रो की 2-2 सेट मे स्वप्रमाणित छायाप्रतियॉ
12- 4-5 स्वयं के नवीनतम फोटो
13- ओरिजिनल डाक्यूमेंट रखने के लिए एक अच्छी फाइल तथा छायाप्रतियो को रखने के लिए 2 सस्ती फाइल
14- 2011 मे भेजे गये आवेदन की छायाप्रति तथा ड्राफ्ट की छायाप्रति ( यदि हो तो, आवश्यकता नही)
15- एक आई.डी.प्रूफ
डाक्यूमेंट जमा करने के बाद रिसीविंग अवश्य ले
मित्रो, कुछ छूट गया हो, तो जरूर बताये, जिससे किसी भी मेम्बर को काउन्सिलिंग स्थल पर कोई परेशानी न हो ।
जय हिन्द, जय टी. ई.टी.
लखीमपुर में रिक्त सीट है 5756 का 10% घटाने पर बची सीट 5181
ReplyDeleteसामान्य की सीट है 2564 का 10 गुना 25640 रैंक जिसमे से 50 %महिलाये 12820 रैंक और उतने ही पुरुष
25640 में 14871 (58%) रैंक पुरुष है और 10768 महिलाये 42% है
पुरुषो में 8179 sci और 6692 आर्ट है
महिलाये 6999 आर्ट और 3769 sci की है
तो काफी कशमकश के बाद मेरिट इस प्रकार हो सकती है सामान्य पुरु sci 116 आर्ट 114
महिला sci 104 आर्ट 107
(1-2 अंक उपर निचे संभव है)
ओबीसी की कुल सीट है 1398 का 10 गुना 13980 में पुरुष 7934 (4363 sci आर्ट 3571) महिलाये 6046 (3929 sci आर्ट 2117)
तो मेरिट एस प्रकार हो सकती है
पुरु sci 110 आर्ट 107 महिलाये sci 100 आर्ट 102
यहा ओबीसी को फायदा मिलेगा रिस्फलिंग का और सामान्य में 35% भी जायेंगे
तो ओबीसी 107 + वाले तयारी रखे कम से कम 7 जगह की
ये मेरे व्यक्तिगत जुटाए आंकड़ो पर आधारित आकलन है गलती हो सकती है और यह कोई अंतिम मेरिट न्ही है इसमे नही हुवा तो तीसरी में तो श्योर है
अंत में 72825 की आखिरी सीट भरते समय obc 98 सामान्य 103 पक्का
किसी की भावना को ठेस लगी हो या किसी को गलत प्रयास लगा हो तो क्षमा प्राथी हु
वैसे तो मैं मेरिट के बारे में चुप ही रहना पसंद करता हूँ क्योंकि इसका कोई भी अंदाज़ा नही लगाया जा सकता। फिर भी बहुत से साथियों द्वारा कई प्रकार से मेरिट के बारे में पूछने पर ये बातें अपने स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर लिख रहा हूँ,,,,
ReplyDelete.
आप भी इनकी सत्यता अपने स्तर से, किसी भी प्रकार के सभी स्रोतों से जाँच लें। मेरे द्वारा लिखी गई बात पर आँख मूंदकर ही विश्वास न कर लेना,,,,
.
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आप सब जानते ही हैं और ख़बरों में भी आ चुका है कि टेट पास अभ्यर्थियों की संख्या 2,70,000 हैं। इनमें से 60,000 बी.पी.एड़., सी.पी.एड़, डी.पी.एड़ +25,000 टेट-2012 वाले +20,000 बी.टी.सी. = 1,05,000 पहले ही बाहर हो चुके हैं जिनमें high और low मेरिट वाले दोनों ही तरह के हैं।
.
अब बचे,
.
1,65,000 में 1 लाख से भी ज़्यादा अभ्यर्थी 83 और 89 के बीच के हैं।
.
कहा जा सकता है कि,
.
1 सीट के लिए 2 अभ्यर्थी भी दौड़ में नही हैं। 90 से ऊपर के अभ्यर्थियों की संख्या 72,825 से भी कम है। मतलब, 90+ वाले भी दौड़ में हैं लेकिन,
.
इस दौड़ का यह मतलब बिल्कुल नही कि मेरिट के नीचे गिरने का इंतज़ार करते रहें। पता चला कि आपके उस चहेते जिले की सारी सीटें ही भर गई।
.
इसीलिए जहाँ भी नं पड़े, लपकने में देरी न करें। खासतौर से ज़्यादा सीटों वाली जगह। पता चला, किसी जिले में सम्बंधित वर्ग की सीटें 50 ही हैं और पहुँच गये 60 । इंकार नही किया जा सकता कि कहीं-कहीं यह संख्या 100 से भी ऊपर हो सकती है क्योंकि 50 का 10 गुना पूरे 500 तो मुश्किल हैं कि पहुँच जाएं।
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तो ऐसे में अब तीसरी काउंसेलिंग का कटऑफ़ कितना गिरेगा, स्वयम् अंदाज़ा लगा सकते हैं।
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.
लेकिन यह तभी सम्भव है जब फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जाये। इसके लिए हम सबको तैयार रहना होगा। कोई भी फर्जी दिखाई पड़े, ठुकाई-पिटाई करके, अच्छे से बैंड़ बजाकर ही उसकी असली जगह पहुँचाने में पूरा सहयोग करना मत भूलना। यह भी हमारी काउंसेलिंग का ही एक महत्वपूर्ण भाग है।
जब पहले ही डाटा ठीक से नही भेजा था तो पहली काउंसेलिंग में गड़बड़ी तो होनी ही थी। ऐसी गड़बड़ी कि पता नही किन कारणों से जिसे अभी तक भी सुधारा नही जा सका है जिसके चलते दूसरी काउंसेलिंग शुरू होने में देर हो रही है।
ReplyDelete.
ये वो डायट्स हैं जिनका डाटाज़ में गड़बड़ी पाई गई है,,
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1. औरैया
2. बदायूँ
3. एटा
4. फर्रूखाबाद
5. कुशीनगर
6. महराजगंज
7. मैनपुरी
8. संतकबीर नगर
9. शाहजहाँपुर
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यहाँ के साथी इन डायट्स पर पहुँचकर जल्द से जल्द डाटा ठीक कराकर एस. सी.ई.आर.टी. भिजवाने का प्रयास करें। नही तो इन हालातों में दूसरी काउंसेलिंग का 22 सितम्बर से शुरू होना मुश्किल में पड़ जायेगा।
ज़लील कर के जिस फ़कीर को किया तूने रुखसत...
ReplyDeleteवो भीख लेनें नहीं....
तुझे रोज़ दुआएँ देने आता था.......
१. शतरंज के खेल की खोज भारत मे हुई थी।
ReplyDelete२. भारत ने अपने इतिहास में किसी भी देश पर कब्जा नहीं किया।
३. अमरिका के जेमोलोजिकल संस्थान के अनुसार1896 तक भारत ही केवल हीरो का स्त्रोत था।
४. भारत 17वीं सदी तक धरती पर सबसे अमीर देश था इसलिए यह सोने की चीड़िया कहलाता था।
५.भारत में हीं संख्या पद्धति का आविष्कार हुआ और आर्यभट्ट ने शून्य की कल्पना की।
६.नाविक विद्दा की खोज 6000 पूर्व भारत में सिन्ध नदी में हुई थी।
७.विश्व का पहला विश्वविद्दालय तक्षशिला700 बीसी में भारत में स्थापित किया गया था।
८.संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है।
९.भास्कराचार्य ने पृथ्वी द्वारा सूर्य का ग्रह पथ का समय ३६५.२५८७५६४८४ दिन पांचवी शताब्दी में हि दिया था यानी न्यूटन के दादा के जन्म से पहले।
१०.आयुर्वेद का जन्म भारत में हुआ।
११.अर्थशास्त्र का जन्म भारत में चाण्क्य के द्वारा।
१२. विश्व का सबसे पुराना पुस्तक "वेद" भारत मे।
१३.मानव जाती का विकाश भारत में।
१४. सभ्यता संस्कृति का विकाश भारत में।
१५.विज्ञान का विकाश भारत में।
१६.वायुयान का आविष्कार शिवकरवापूजी तलपड़े ने 1895 में किया था।
१७. पायथागोरस परिमेय का सुत्र उपनिषदों में पाया गया है।
१८.बैटरी निर्माण बिधि का आविष्का रसर्वप्रथम महर्षि अगस्त्य ने किया था (अगस्त्य संहिता ) बेंजामिन फ्रेंक्लिनके जन्म से पहले
१९.सबसे पहले व्याकरण की रचना भारत में महर्षि पाणिनी द्वारा
२०.लोकतंत्र का जन्म भारत मे...
२१.सबसे पुराना शहर काशी (भारत)
२२.प्लास्टिक सर्जरी का आविष्कारकऋषि सुश्रुत भारत में
२३. सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भारत में
संस्कृत के चोर अंग्रेज -
ReplyDeleteमनु = मैन
पितर = फादर
मातर = मदर
भ्रातर =ब्रदर
स्वसा = सिस्टर
दुहितर = डाटर
सुनु = सन
विधवा = विडव्
अहम् = आई एम
मूष = माउस
ऋत =राइट
स्वेद = स्वेट (पसीना )
अंतर =अंडर (नीचे ,भीतर )
द्यौपितर = जुपिटर (आकाश , बृहष्पति)
पशुचर =पाश्चर (चरवाहा )
दशमलव =डेसिमल
ज्यामिति = ज्योमेट्री
पथ =पाथ (रास्ता )
नाम =नेम
वमन=vomity=उल्टी करना
द्वार > डोर (door)
हृत > हार्ट (heart)
द्वि > two
त्रि > three
पञ्च > penta > five
सप्त > hept > seven
अष्ट > oct > eight
नव > non > nine
दश > deca > ten
दन्त > dent
उष्ट्र > ostrich
गौ > cow
गम् > go
स्था > stay
.............आदि-आदि ।
संस्कृत ही मूल भाषा है ,
अन्य सभी उसके अपभ्रंश एवं विकृत
रूप हैं।
मेरा विरोध करना आसान है पर मेरा विरोधी बनना संभव नही, क्यूंकि जब जब मैं बिखरा हूँ दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ।।।
ReplyDeleteमैँ उन तमाम सामान्य वर्ग के लोगोँ से कहना चाहता हूँ कि जिस जिले मेँ नं0 आ जाये दूसरी काउन्सलिँग मेँ वहाँ तुरन्त ले लेँ अन्यथा रिशफलिँग खा जायेगी । जितनी सीँटे भरेँगी वो सब सामान्य मेँ ही गिनी जायेँगी ।
ReplyDeleteजूनियर की कट आफ मेँ देख लो ज्यादातर जिलोँ मेँ सामान्य खत्म ।
"फिर तू कहेगा डालियां इसलिये तोड़ी गई, कि मैं साटा जाऊं। भला, वे तो अविश्वास के कारण तोड़ी गई, परन्तु तू विश्वास से बना रहता है इसलिये अभिमानी न हो, परन्तु भय कर। क्योंकि जब परमेश्वर ने स्वाभाविक डालियां न छोड़ीं, तो तुझे भी न छोड़ेगा। इसलिये परमेश्वर की कृपा और कड़ाई को देख! जो गिर गए, उन पर कड़ाई, परन्तु तुझ पर कृपा, यदि तू उस में बना रहे, नहीं तो, तू भी काट डाला जाएगा।''
ReplyDelete__________________________________________________________________________ रोमियो 11:19-22
पिज्जा... 🍕
ReplyDeleteपत्नी ने कहा - आज धोने के लिए ज्यादा कपड़े मत निकालना…
- क्यों?? उसने कहा..
- अपनी काम वाली बाई दो दिन नहीं आएगी…
- क्यों??
- गणपति के लिए अपने नाती से मिलने बेटी के यहाँ जा रही है, बोली थी…
- ठीक है, अधिक कपड़े नहीं निकालता…
- और हाँ!!! गणपति के लिए पाँच सौ रूपए दे दूँ उसे? त्यौहार का बोनस..
- क्यों? अभी दिवाली आ ही रही है, तब दे देंगे…
- अरे नहीं बाबा!! गरीब है बेचारी, बेटी-नाती के यहाँ जा रही है, तो उसे भी अच्छा लगेगा… और इस महँगाई के दौर में उसकी पगार से त्यौहार कैसे मनाएगी बेचारी!!
- तुम भी ना… जरूरत से ज्यादा ही भावुक हो जाती हो…
- अरे नहीं… चिंता मत करो… मैं आज का पिज्जा खाने का कार्यक्रम रद्द कर देती हूँ… खामख्वाह पाँच सौ रूपए उड़ जाएँगे, बासी पाव के उन आठ टुकड़ों के पीछे…
- वा, वा… क्या कहने!! हमारे मुँह से पिज्जा छीनकर बाई की थाली में??
तीन दिन बाद
… पोंछा लगाती हुई कामवाली बाई से पति ने पूछा...
- क्या बाई?, कैसी रही छुट्टी?
- बहुत बढ़िया हुई साहब… दीदी ने पाँच सौ रूपए दिए थे ना.. त्यौहार का बोनस..
- तो जा आई बेटी के यहाँ…मिल ली अपने नाती से…?
- हाँ साब… मजा आया, दो दिन में ५०० रूपए खर्च कर दिए…
- अच्छा!! मतलब क्या किया ५०० रूपए का??
- नाती के लिए १५० रूपए का शर्ट, ४० रूपए की गुड़िया, बेटी को ५० रूपए के पेढे लिए, ५० रूपए के पेढे मंदिर में प्रसाद चढ़ाया, ६० रूपए किराए के लग गए.. २५ रूपए की चूड़ियाँ बेटी के लिए और जमाई के लिए ५० रूपए का बेल्ट लिया अच्छा सा… बचे हुए ७५ रूपए नाती को दे दिए कॉपी-पेन्सिल खरीदने के लिए… झाड़ू-पोंछा करते हुए पूरा हिसाब उसकी ज़बान पर रटा हुआ था…
- ५०० रूपए में इतना कुछ??? वह आश्चर्य से मन ही मन विचार करने लगा...
उसकी आँखों के सामने आठ टुकड़े किया हुआ बड़ा सा पिज्ज़ा घूमने लगा, एक-एक टुकड़ा उसके दिमाग में हथौड़ा मारने लगा… अपने एक पिज्जा के खर्च की तुलना वह कामवाली बाई के त्यौहारी खर्च से करने लगा… पहला टुकड़ा बच्चे की ड्रेस का, दूसरा टुकड़ा पेढे का, तीसरा टुकड़ा मंदिर का प्रसाद, चौथा किराए का, पाँचवाँ गुड़िया का, छठवां टुकड़ा चूडियों का, सातवाँ जमाई के बेल्ट का और आठवाँ टुकड़ा बच्चे की कॉपी-पेन्सिल का..
आज तक उसने हमेशा पिज्जा की एक ही बाजू देखी थी, कभी पलटाकर नहीं देखा था कि पिज्जा पीछे से कैसा दिखता है… लेकिन आज कामवाली बाई ने उसे पिज्जा की दूसरी बाजू दिखा दी थी… पिज्जा के आठ टुकड़े उसे जीवन का अर्थ समझा गए थे…
MORAL:: “जीवन के लिए खर्च” या “खर्च के लिए जीवन” का नवीन अर्थ एक झटके में उसे समझ आ गया…
एक महिला / लड़की अपनी सुरक्षा के लिए बहुत
ReplyDeleteकुछ कर सकती है –ध्यान से पढ़ें और शेयर करें --
1 - अगर आप रात ऑटो या टैक्सी ले रही हैं तो ऑटो में
बैठने से पहले उसका नंबर नोट
कर लें ,और अपने किसी परिवार के सदस्य या मित्र
को कॉल करें और बताएं (ऐसे
की ड्राईवर सुने ) कि आप किस नंबर की ऑटो में , किस
स्थान पर कितने समय बैठी हैं
और अनुमानित कितने समय परपहुँच जायेंगी , अगर कॉल
नहीं भी लगती या कोइ
नहीं उठाता फिर भी ऐसा दिखाएँ की आप वास्तव में
ये डिटेल्स बता रही हैं किसी को !
अब वो आपको सुरक्षित एवं सावधानी पूर्वक घर
छोड़ने पर विवश होगा (A potential
attacker is now your de facto protector!)
2-अगर ड्राईवर किसी अनजान जगह ऑटो ले
जाता प्रतीत हो ,( you feel you are
entering a danger zone)> अपने पर्स
का हत्था या अपना दुपट्टा लीजिये और
पीछे से उसके गले में फंसा की जोर से खींचिए वो थोड़े
ही देर में ही वो असहाय
हो जायेगा , फिर उतर के भाग लीजिये ....या अगर
दुपट्टा नहीं है तो उसकी कॉलर ही खूब जोर से पकड़ के
खींच लीजिये !!
3-अगर रात में आपका कोई पीछा कर रहा है ---
=>तो पास के किसी घर या दूकान में घुस जाइए
औरस्थिति बताइए ,अगर रात ज्यादा हो गयी हो और
पास कोई एटीएम
बॉक्स हो तो वहां चले जाइये..अक्सर शहरों में
वहां गार्ड्स होते हैं या फिर
कैमरा तो होता ही है,और पहचाने जाने की डरसे कोई
भी अटैक करने
की नहीं सोचेगा !!
4-जब कोई अपरिचित आदमी आप पर हमला करने
की कोशिश करे,और आप घर में
अकेली हो -- => बाथरूम /बेडरूम /ड्राइंगरूम में घुसने के
बजाय किचेन के तरफ भागिए
क्यूंकि आपको पता हैकी चाक़ू कहाँ है
या पिसा मिर्चा या बेलन ,कुकरकहाँ रखा है
जिससे आप भी उस पर अच्छा खासा हमला कर सकती हैं
या कम से कम बर्तन ही फेंक के मार सकती हैं ! और
चिल्लाइये तो ज़रूर ,एक ऐसे हमलावर की सबसे
बड़ी दुश्मन आपकी चीख होतीहै ,
क्यूंकि वो भी नहीं चाहेगा की वो पकड़ा जाए !
5-अगर लिफ्ट में आप अजीब महसूस करें
किसी आदमी की उपस्थिति तो ---=> लिफ्ट
में घुसने के बाद अगर आपको 13वि मंजिल पर जाना है
तो सारे बटन दबा दीजिये 13 तक
के ,इस तरीके से लिफ्ट हर फ्लोर पर खुलेगी और कोई
हमला करने की सोचेगा भी नहीं ! अगर आप
भी महिलाओं की इज्ज़त करते हैं तो मित्रों इसे
जितना शेयर कर सकें करें !!
मुश्किल के क्षणों में किसी भी लड़की या महिलाके लिए
ये बहुत ही कारगर साबित हो सकता है !!!
#महिला_हित में
द्वितीय काऊंसलिंग मे
ReplyDeleteजिनका जिस भी जिले मे
चयन हो रहा है, वह मौका न
छोड़े,
क्योंकि द्वितीय
काऊंसलिंग के बाद एक बैच
प्रशिक्षण के लिए
बुला लिया जाएगा।
जो मौके को बर्बाद
करता है,
बाद मे मौका उन्हें बर्बाद
कर देता है।
बहुत साल बाद दो दोस्त रास्ते में मिले .
ReplyDeleteधनवान दोस्त ने उसकी आलिशान गाड़ी पार्क की और
गरीब मित्र से बोला चल इस गार्डन में बेठकर बात करते है .
चलते चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहा
तेरे में और मेरे में बहुत फर्क है
हम दोनों साथ में पढ़े साथ में बड़े हु
मै कहा पहुच गया और तू कहा रह गया
चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया .
अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ?
गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी?
अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोला
ये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी
गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गया
जिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी .
गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकला और
आकाश में आज़ाद कर दिया .
अमीर दोस्त ने आतुरता से पुछा
तुझे तितली की आवाज़ केसे सुनाई दी?
गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा
" तेरे में और मुझ में यही फर्क ह
तुझे "धन" की सुनाई दी और मुझे "मन" की आवाज़ सुनाई दी .
"यही सच है "
MORAL::
.इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,
धरती पराई लगने लगे l
इनती खुशियाँ भी न देना कि,
दुःख पर किसी के हंसी आने लगे ।
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ l
नहीं चाहिए ऐसा भाव कि,
किसी को देख जल-जल मरूँ
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने लगे
ऐसी चतुराई भी न देना जो,
लोगों को छलने लगे ।
MORAL -2::
: खवाहिश नही मुझे
मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
3
अच्छे ने अच्छा और
बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों की जीसकी जीतनी
जरुरत थी उसने उतना ही
पहचाना मुझे।
4
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल
गुज़रते चले जा रहे हैं....!
5
एक अजीब सी
दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई
अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने
ही पीछे छोड़ जाते हैं।.....
मुश्किलें केवल बेहतरीन लोगों के हिस्से में ही आती हैं .!!!!
ReplyDeleteक्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन तरीके से अंजाम देने की ताकत रखते हैं !!
जब हकीकत है की हर जर्रे मेँ तू रहता है....
ReplyDeleteफिर जमी पर कहीँ मस्जिद कहीँ मंदिर क्यूँ है
आज का सबसे बड़ा सवाल...............
ReplyDeleteटी ई टी देने के लिए न्यूनतम अर्हता स्नातक मे 50% या 45% होने चाहिए या बी एड होने चाहिए??
बेचारा बेरोज़गार कपिल देव यादव से पूछना चाहता है कि
ReplyDeleteक्या एकेड्मिक मेरिट से उनका हो जाता जो कम मेरिट वाले है??
क्या जूनियर भर्ती मे अकेदमिक़ मेरिट कम हुई??
क्या जो लोग जूनियर भर्ती मे शामिल हुए है क्या वो प्राथमिक शिक्षक भर्ती मे शामिल नही हुए है??
जब जूनियर की मेरिट किसी भी जिले मे 65% से नीचे नही आई
तो क्या अगर प्राथमिक भर्ती अकेदमिक मेरिट से होती तो क्या मेरिट 60% से नीचे आ जाती??
नही ......कभी भी नही
क्योकि एक ही केंडिडेट ने दोनो मे ही फॉर्म डाला हुया है
अरे कपिल महाराज अब बंद करो अकेदमिक मेरिट का रोना
क्योकि अकेदमिक मेरिट का असर जूनियर मे आराम से दिख रहा है
अकेदमिक बंधुओ से निवेदन है कि अपने विवेक का प्रयोग करे
कपिल देव यादव हर जगह से....हर बार ..हारा है और हारता ही रहेगा
टेट मेरिट हमेशा ही विजेता रही है
सोचो क़ि हारने वालो के साथ रहना है
कि उनके साथ जिनको जीतने की आदत हो गयी है
अब हम
ReplyDelete!
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"समय के साथ बदली बच्चों की दुनिया"
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वाली खबर पर मिलेगे ।