Opbandhik Counseling / TET Marks Adhik Hone Ke Baad Ya Pratyavedan Dene Ke Baad Bhee Counseling Mein Sahee Details Na Hona Ya Fir Bulava Patra Na Milnaa
Agar Aap Ke TET Marks Adhik Hain, Aur Uske Baad Bhee Counseling Ke Liye Bulavaa Patra Nahin Miltaa Hai.
To Aap Pratyavedan, Aadi KE Saath Opbandhik Counseling Mein Bhag Le Sakte Hain.
Ya Fir Pratyavedan Bhee De Sakte Hain
See Here : -
http://upbasiceduboard.gov.in/
अभ्यर्थी अपने आवेदित जनपद के सम्ब्न्धित श्रेणी के कट-आफ में होने के
बावजूद औपबंधिक काउसंलिंग लिस्ट में न होने की स्थिति में सुसंगत अभिलेखों
के साथ अपना प्रत्यावेदन दिनांक 01 अक्टूबर, 2014 की सांय 5:00 बजे तक
डायट एवं बी0एस0ए0 को दे सकते है।
Ye Pratyavedan format mujhe ek sajjan se mila thaa, Aap apne anusaar sahee galat dekh kar pratyavedan de sakte hain
To,
The Principal DIET
Address
Date:
विषय
: काउंसलिंग में टेट मार्क्स अधिक होने के बाद भी काउंसलिंग काल लेटर में नाम प्रदर्शित नहीं होना /
प्रत्यावेदन भेजने के बाद भी टेट मार्क्स सही न होना व काउंसलिंग के लिए बुलावा पत्र नहीं होना
प्रार्थना
अादरणीय महोदय ,
आपके द्वारा पूर्व में
जारी किये गए
कंट्रोल नंबर में
टेट मार्क्स सही
दर्शाने के कारण
मैंने कोई प्रत्यावेदन
नहीं किया था
,
आपके द्वारा वेबसाइट पर
यह विवरण दिया
गया था :-
control number details
और अभी हाल
ही में प्रशिक्षु
शिक्षक हेतुICT aAPKA vARG , SHRENEE, MEIN 2ND COUNSELING MEIN CUT OFF - YAHAN DISTRICT CUT OFF LIKHEN
होने
के बावजूद काउंसलिंग
के लिए मेरा
नाम प्रदर्शित नहीं
हो रहा है
।
में स्व प्रमाणित
टेट अंक पत्र की कॉपी
व फोटो आई डी प्रूफ अपने इस प्रत्यावेदन के साथ सलग्न कर रहा / रही हूँ |
कृपया मेरा नाम
काउंसलिंग
में
सम्मिलित
कर
सूचित
करें
, जिससे
मुझे
नियमानुसार
काउंसलिंग
में
भाग
लेने
का
अवसर
मिल
सके
|
मैंने इस पत्र
में बेसिक शिक्षा
अधिकारी की कॉपी
भी रख दी
है , कृपया उनको
देने की कृपा
करें|
धन्यवाद,
प्रार्थी
Your Name and Address
संलग्नक
- टेट अंकपत्र , फोटो आई
डी प्रूफ की
स्वप्रमाणित छाया प्रति
Copy To : The Basic Shikshaa Adhikari, Address of DIET ya fIR bsa AGAR PATA HO TO
लड़को ने बहुत समझदारी से काउंसलिंग करवाया है।
ReplyDeleteसभी को ढेर सारी शुभकामनाएं,
आगे भी आप लोग इसी तरह से बिना डरे काउंसलिंग करवाइए,
डर के आगे जीत है
सीतापुर अपडेट -
ReplyDeleteसुबह १० से पहले यहाँ लगभग ५०० लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी , शुरुवाती २ घंटो में जिस हिसाब से कॉउंसलिंग हुई तो एक बार लगा की आज महिलाओं की कॉउंसलिंग का रिकॉर्ड टूटेगा
पर १२ बजे के बाद कॉउंटरो की भीड़ कम होने लगी और सन्नाटा छाने लगा..
भीड़ सिर्फ ११७-११८ मार्क्स वाले काउंटर पर दिखी..
शाम ४ बजे तक यहाँ लगभग ७०० लोग कॉउंसलिंग हो चुकी है ६०० सीट्स के सापेक्ष..
यहाँ जनरल ११९ तक वाले भाई सिलेक्शन की उम्मीद रख सकते हैं ..
##BIG_NEWS#
ReplyDeleteB.Ed , TET-2011 pass waalon ko primary me March 2016 tak mauka .....
New Add me shamil logon ke liye khuskhabri .....
Uttrakhand Govt. ke prastav par NCTE ki muhar .......
बीएड प्रशिक्षितों की बल्ले-बल्ले
ReplyDeleteराज्य ब्यूरो, देहरादून: टीईटी पास बीएड प्रशिक्षितों के लिए खुशखबरी। प्राइमरी शिक्षकों के रूप में उनकी भर्ती का रास्ता 31 मार्च, 2016 तक खुल गया है। इस संबंध में राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार व एनसीटीई ने मुहर लगा दी है। इससे राज्य सरकार को भी खासी राहत मिली है। सरकार अब 30 सितंबर के बाद बीएड टीईटी की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर सकेगी।
एनसीटीई ने इसी सितंबर माह तक ही टीईटी पास बीएड प्रशिक्षितों को नियुक्ति देने की अंतिम तिथि निर्धारित की थी। हाईकोर्ट से वरिष्ठता के आधार पर बीएड टीईटी पास बीएड प्रशिक्षितों की नियुक्ति का आदेश मिलने के बाद सरकार के लिए कम वक्त में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की बाध्यता थी। फिलहाल केंद्र सरकार ने बीएड प्रशिक्षितों और राज्य सरकार दोनों को ही बड़ी राहत दे दी है। एनसीटीई ने की मंजूरी मिली तो अगले दो वर्षो तक टीईटी पास बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी शिक्षक बनने का मौका 31 मार्च, 2016 तक मुहैया करा दिया है। इस संबंध में एनसीटीई का पत्र राज्य सरकार को मिल चुका है। संपर्क करने पर अपर मुख्य सचिव एस राजू ने उक्त पत्र मिलने की पुष्टि की। पत्र मिलने के बाद अब टीईटी पास बीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए भी समय अवधि बढ़ गई है। फिलहाल 2794 पदों पर नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है। अब ज्यादा पदों पर नियुक्ति की जा सकेगी।मिलने के बाद अब टीईटी पास बीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए भी समय अवधि बढ़ गई है। फिलहाल 2794 पदों पर नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है। अब ज्यादा पदों पर नियुक्ति की जा सकेगी।
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ReplyDelete|
I
FEEL
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V
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Tumse Jab Bhi Milun Kuchh Kehna
Chahoon
Main To Har Pal Tare Sath Rehna
Chaahun
Saaye Ka Kya Bharosa Suraj Dhale To
Chhup Jaye
Main to Banke Lahu Tari Ragon
Me Bahna Chahun
Iss Dharkan Ka Kya Bharosha Kab
Ruk Jaye
Main To Banke Dil Tare Seene
Me Dharakna Chahun
"इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।''
ReplyDelete____________________________________________________________________इफिसियों 5:15-16 )
सामान्य कला के लिये रास्ता बंद आज के बाद
ReplyDeleteजौनपुर
इलाहाबाद
सीतापुर
लखीम पुर
कुशिनगर
देवरिया
फर्रूखाबाद
mirzapur
All gen art male full both mbd n smbhl
Ambedkarnagar me Gen. Male Arts ki 35/ 40 seat full..... 5 seat reshuffling ke liye roka gaya hai.
upper 123 marks walo ka hua hai
मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ द्वारा प्रशिक्षित स्नातक एल0टी0 ग्रेड के सहायक अध्यापक के रिक्त पदों हेतु विज्ञापन जारी-
ReplyDelete10th ka 10%,
12th ka 20%,
Graduation ka 40%,
B.Ed 12-6-3
Last date ..... 30/10/2014
ITI
ReplyDeleteसाबूदाना- शाकाहारी है
या मांसाहारी ?
( 2014-06-30 )
साबूदाना- शाकाहारी है
या मांसाहारी ?
आइये देखते हैं आपके
पंसदीदा साबूदाना बनाने के
तरीके को। यह तो हम सभी जानते
हैं कि साबूदाना व्रत में
खाया जाने वाला एक शुद्ध खाद्य
माना जाता है, पर क्या हम जानते
हैं कि साबूदाना बनता कैसे है?
आइए देखते हैं साबूदाने की हकीक़त
को, फिर आप खुद ही निश्चय कर
सकते हैं कि आखिर
साबूदाना शाकाहारी है
या मांसाहारी।
तमिलनाडु प्रदेश में सालेम से
कोयम्बटूर जाते समय रास्ते में
साबूदाने की बहुत
सी फैक्ट्रियाँ पड़ती हैं, यहाँ पर
फैक्ट्रियों के आस-पास भयंकर बदबू
ने हमारा स्वागत किया।
तब हमने जाना साबूदाने
कि सच्चाई को। साबूदाना विशेष
प्रकार की जड़ों से बनता है। यह जड़
केरला में होती है। इन फैक्ट्रियों के
मालिक साबूदाने को बहुत
ज्यादा मात्रा में खरीद कर
उसका गूदा बनाकर उसे 40 फीट से
25 फीट के बड़े गड्ढे में डाल देते हैं,
सड़ने के लिए। महीनों तक
साबूदाना वहाँ सड़ता रहता है।
यह गड्ढे खुले में हैं और हजारों टन सड़ते
हुए साबूदाने पर बड़ी-बड़ी लाइट्स
से हजारों कीड़े मकोड़े गिरते हैं।
फैक्ट्री के मजदूर इन साबूदाने के
गड्ढो में पानी डालते रहते हैं,
इसकी वजह से इसमें सफेद रंग के
कीट
पैदा हो जाते हैं। यह सड़ने का,
कीड़े-मकोड़े गिरने का और सफेद
कीट पैदा होेने का कार्य 5-6
महीनों तक चलता रहता है। फिर
मशीनों से इस कीड़े-मकोड़े युक्त गुदे
को छोटा-छोटा गोल आकार देकर
इसे पाॅलिश किया जाता है।
आप लोगों की बातों में आकर
साबूदाने को शुद्ध ना समझें।
साबूदाना बनाने का यह
तरीका सौ% सत्य है। इस
वजह से बहुत से लोगों ने
साबूदाना खाना छोड़ दिया है।
जब आपको साबूदाना का सत्य
पता चल गया है, तो इसे खाकर
अपना जीवन दूषित ना करें।
कृपया इस को समस्त
सधर्मी बंधुओं को बता करके
उनका व्रत और त्यौहार अशुद्ध होने
से बचाऐं ।
When all doors are shut and you have nowhere to go, that is when you go within. Every crisis is an opportunity and you are the beginning.
ReplyDelete___________________________-श्री श्री रविशंकर
ReplyDelete!
Tu
!
hi
!
meri
!
pahli
!
khwaish
!
tuhi
!
aakhiri
!
hai
!
!
.
I don't need a diamond ring.
I don't need the most expensive
fresh flower.
But all i need is...
Your love.
Your care.
Your time.
And most importantly
I need you....
सीढ़ियां उन्हे मुबारक हो, जिन्हे छत तक
ReplyDeleteजाना है;
मेरी मंज़िल तो आसमान है, रास्ता मुझे खुद
बनाना है!!!.
आरक्षण का भूत पार्ट-4
ReplyDeleteए. परियाकरुप्पन मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि आरक्षण किसी के निहित स्वार्थ के लिए नहीं होना चाहिए। शोषित कर्मचारी संघ मामले में भी न्यायालय ने कहा था कि आरक्षण नीति की सफलता की कसौटी यही होगी कि कितनी जल्दी आरक्षण की आवश्यकता को समाप्त किया जा सकता है। "सेवायोजन, शिक्षा, विधायी संस्थाओं में लागू आरक्षण नीति की हर पांच वर्ष में एक बार समीक्षा की जानी चाहिए।" वसंत कुमार मामले में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश वाई.वी. चंद्रचूड ने सुझाव दिया था। लेकिन आज स्थिति यह है कि यदि आप केवल इतना ही पूछ लें कि आरक्षण कब खत्म होगा, तो तुरंत आपको दलित-विरोधी की उपाधि से लाद दिया जाएगा।
क्या केवल कुछ उपजातियां ही अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों पदों पर कब्जा जमा रही हैं? क्या जातियों को पिछडे वर्ग की सूची में इसलिए शामिल किया जा रहा है कि वे सचमुच पिछड़ी और वंचित हैं? या इसलिए कि उनकी शक्ति और प्रभावशीलता को देखते हुए राजनेताओं को ऐसा करना पड़ रहा है? सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यपालिका को निर्देश दिया था कि वह बराबर नजर रखें कि आरक्षण का वास्तविक लाभ किसे मिल रहा है। यह पैंतीस वर्ष पहले की बात है, लेकिन आज भी यदि आप पूछें कि "सामान्य श्रेणी की कितने प्रतिशत सीटें उन जातियों को मिल रही हैं, जिनके लिए पहले ही आरक्षण की व्यवस्था की गई?" तो उत्तर नहीं मिलेगा। बल्कि एक आरोप और मढ़ दिया जाएगा, "यह सबकुछ पूरी आरक्षण नीति को संदेह के घेरे में डालने और इस प्रकार पिछड़े वर्गों द्वारा अंतहीन संघर्ष के बाद प्राप्त किए थोड़े-बहुत लाभों को भी हथिया लेने के एक षडयंत्र का हिस्सा है।"
ReplyDeleteमैं प्रदेश के सभी टेट संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष से और जिले पर एक्टिव सभी टेटमेरिट समर्थकों से यह अपील करता हूँ कि वे सभी दूसरी काउन्सलिंग समाप्त होने के पश्चात R.T.I. के जरिये कौन कौन लोग चयनित हुए और चयनितो की संख्या की जानकारी मँगाये जिससे भर्ती में हो रही धांधली को नियन्त्रित किया जा सका और पात्र व्यक्ति का चयन हो सके ।
ReplyDeleteधन्यवाद
जय टेटमेरिट
जय टेट संघर्ष मोर्चा ।।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत से पति अपनी
ReplyDeleteपत्नी को शेर दिखाने जू ले के
जा रहे हैं भगवान् जानता है
उनके दिमाग में क्या चल रहा है
एक बार एक शिक्षक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखने वाले एक युवा शिष्य के साथ कहीं टहलने निकले . उन्होंने देखा की रास्ते में पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं , जो संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे जो अब अपना काम ख़त्म कर घर वापस जाने की तयारी कर रहा था .
ReplyDeleteशिष्य को मजाक सूझा उसने शिक्षक से कहा , “ गुरु जी क्यों न हम ये जूते कहीं छिपा कर झाड़ियों के पीछे छिप जाएं ; जब वो मजदूर इन्हें यहाँ नहीं पाकर घबराएगा तो बड़ा मजा आएगा !!”
शिक्षक गंभीरता से बोले , “ किसी गरीब के साथ इस तरह का भद्दा मजाक करना ठीक नहीं है . क्यों ना हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और छिप कर देखें की इसका मजदूर पर क्या प्रभाव पड़ता है !!”
शिष्य ने ऐसा ही किया और दोनों पास की झाड़ियों में छुप गए .
मजदूर जल्द ही अपना काम ख़त्म कर जूतों की जगह पर आ गया . उसने जैसे ही एक पैर जूते में डाले उसे किसी कठोर चीज का आभास हुआ , उसने जल्दी से जूते हाथ में लिए और देखा की अन्दर कुछ सिक्के पड़े थे , उसे बड़ा आश्चर्य हुआ और वो सिक्के हाथ में लेकर बड़े गौर से उन्हें पलट -पलट कर देखने लगा . फिर उसने इधर -उधर देखने लगा , दूर -दूर तक कोई नज़र नहीं आया तो उसने सिक्के अपनी जेब में डाल लिए . अब उसने दूसरा जूता उठाया , उसमे भी सिक्के पड़े थे …मजदूर भावविभोर हो गया , उसकी आँखों में आंसू आ गए , उसने हाथ जोड़ ऊपर देखते हुए कहा – “हे भगवान् , समय पर प्राप्त इस सहायता के लिए उस अनजान सहायक का लाख -लाख धन्यवाद , उसकी सहायता और दयालुता के कारण आज मेरी बीमार पत्नी को दावा और भूखें बच्चों को रोटी मिल सकेगी .”
मजदूर की बातें सुन शिष्य की आँखें भर आयीं . शिक्षक ने शिष्य से कहा – “ क्या तुम्हारी मजाक वाली बात की अपेक्षा जूते में सिक्का डालने से तुम्हे कम ख़ुशी मिली ?”
शिष्य बोला , “ आपने आज मुझे जो पाठ पढाया है , उसे मैं जीवन भर नहीं भूलूंगा . आज मैं उन शब्दों का मतलब समझ गया हूँ जिन्हें मैं पहले कभी नहीं समझ पाया था कि लेने की अपेक्षा देना कहीं अधिक आनंददायी है . देने का आनंद असीम है . देना देवत्त है .”
I'm Not "HANDSOME"
ReplyDeleteBut I Can Give My "HAND" To "SOME" One Who Needs Help.
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Beauty Is In Heart,
Not In Face...!
Never go into a
ReplyDeleterelationship that you can't handle with the
strongest storm and tightest schedule..
"Remember, Girl are not toys."
"Love is not a Game."
If you can't stand with women's moodiness and women,s Questions,don't love one..
Never Blame A Girl for loving and Caring you too much...
प्रत्येक राउँड की काउँसलिँग के बाद नियुक्ती के लिये डाइरेक्शन अप्लीकेशन और कँटेम्पट की डेट 08 अक्टूबर है सुप्रीम कोर्ट मे
ReplyDeleteदोस्तों,
ReplyDeleteवैसे तो सभी जगह यही प्रक्रिया है पर सीतापुर में काउन्सलिंग कराने वाले अधिक ध्यान दें ....
- तीन फ़ाइल लेकर जाएँ, एक ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स की और दो ज़ेरोक्स |
- ओरिजिनल जितने भी प्रपत्र हैं उन सभी की ज़ेरोक्स लगाएँ |
- सभी प्रपत्रों का एक सेट अधिक रखकर ले जायें |
- A4 साइज़ के कुछ खाली पेज साथ लेकर जायें |
- शैक्षिक प्रमाणपत्रों के अलावा दो प्रपत्र भी प्रत्येक फाइल में लगायें.. काउन्सलिंग लेटर और अभिलेखों की पावती रसीद |
- मूल अभिलेखों की पावती रसीद आप घर से स्वं बनाकर भी ले जा सकते हैं, वहां आपको 10₹ प्रति कॉपी खरीदनी पड़ेगी और ज़ेरोक्स भी 10₹ प्रति कॉपी ही मिलेगी भीड़ अधिक होने के कारण समय खराब होगा, बेहतर है घर से लेकर जायें.. पावती रसीद की 4 प्रति निकालें, 3 फाइल्स के लिए तथा एक आपको वापस रिसीविंग होकर मिलेगी |
आज कल शहरो में लड़के लड़की में प्यार
ReplyDeleteहोता है ,
खाक प्रेम होता है !
बस ट्रैन पार्टी कही भी मिल गए !
पहले चरण में "you looking sweet"
फिर मोबाईल नंबर का आदान प्रदान हुआ !
और बात शुरु हो गयी !
दूसरी मुलाकात में " you looking gouges
" !
तीसरी मुलाकात तक अगर " looking hot"
तक पहुच
गए
तो हो गया प्यार!
प्यार तो गाँवमें हुआ करती थी,
साल भर तक चबूतरे पर बैठ कर आती है जाती है
देखते
रहते है ,
प्यार का जिसको पता होना चाहिए
उसे छोड कर पुरे मोहल्ले को पता होता है !
समय दर्शन में ही बीत जाता है ,
प्रदर्शन का तो वक्त ही नहीं मिलता !
कुछ समय बाद उसी लिफाफे में जिसमे लव लैटर
देना था
उसमे 101 रूपये डाल कर उसकी शादी में दे
आते है !
छः साल बाद जब वही लड़की किसी रेडीमेट कपड़े
की दुकान पर मिल जाती है
तो अपने बच्चे से कहती है मामा जी से नमस्ते
करो !
उसके बच्चे का गाल खीच कर कहते है बहुत
क्यूट
है!!!!!
तुम पर गया है !
जिसका खीचना चाहिए उसका तो खीच न
पाए ,!
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!!
बच्चे का ही गाल खीच लो
"AZAMGARH DIET NEWS"
ReplyDeleteAZAMGARH DIET PAR AAJ PURUS
KALA VARG KI COUNSLING THI.
JISME AZAMGARH DIET KI AAJ KI
50% SEETEN RAH GAYI KHALI.
KEWAL MAHILAWO ME HI THI
MARA MARI. AB KOI DIKKAT NAHI
HAI.
KAUNKI UNHONE FORM KAM DALA
THA AND UNKI CUT OFF BAHUT
NEECHE CHALI GAYI THI.
Duniya azab-gazab,,,,,,,
ReplyDelete.
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Sach,
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Duniya, ek paheli.
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Post, wall samet ph, inbox me mujhse bharti ki tah tak ki news lene waale ikka-dukka nhi, kaeeiyon se maine thodi si DIETs ki jaankari leni chaahi to 1-2 ko chhodkar (inka haardik dhanyawaad aur aabhaar) yun munh ferkar chal diye, maano maine unse unka bahut bda khjana maang liye liya ho maine.
.
Msg seen aa rhe hain bt unke zwaab ndaarad hain.
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Aisi duniya ko bde waala "Thanx"....!!!!!
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Unko chhote wala dhanyawaad jinhone meri prob solve ki, DIETs ki info di....!!!!!
2 अक्टूबर को इलाहबाद मे एक सवर्ण सभा का आयोजन किया गया है, जिसके एक मूलभूत उद्देश्य हैं...
ReplyDelete!
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"मेरा नही होगा तो किसी का नही होने दूंगा"
भाइओ ये भर्ती पिछले 3 वर्ष से अपनी दुर्दशा पर रो रही है इसे और न रुलाएं।
ReplyDeleteये भर्ती लगभग 50 हजार गरीब लोगों के लिए जीवन मरण का प्रश्न है इसे किसी एक व्यक्ति या व्यक्ति समूह के निजी स्वार्थों और जिद्द से ऊपर बढ़ कर समझें।
इस भर्ती को रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों मे किसी भी प्रकार का आर्थिक या शारीरिक सहयोग न करें।
धन्यवाद।
शहीद भगत सिंह के जन्मदिन पर उनकी आख़िरी चिट्ठी साझा कर रहे हैं,
ReplyDeleteआप भी अपने दोस्तों में इसे ज़रूर बाँटना:-
साथियों,
स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता। लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूं कि मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता।मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शो और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊंचा उठा दिया है-इतना ऊंचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊंचा मैं हरगिज नहीं हो सकता।आज मेरी कमजोरियां जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फांसी से बच गया तो वो जाहिर हो जाएंगी और क्रांति का प्रतीक चिह्न मद्धिम पड़ जाएगा या संभवत: मिट ही जाए। लेकिन दिलेराना ढंग से हंसते-हंसते मेरे फांसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तान की माताएं अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी।हां, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थी, उनका हजारवां भाग भी पूरा नहीं कर सका। अगर स्वतंत्र जिंदा रह सकता तब इन्हें करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता।इसके सिवाय मेरे मन में कभी कोई लालच फांसी से बचे रहने का नहीं आया। मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा? आजकल मुझे खुद पर बहुत गर्व है। अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार है। कामना है कि यह और नजदीक हो जाए।
आपका साथी,
भगत सिंह
22 मार्च 1931
आपकी पहुंच से बहुत दूर हूँ..
ReplyDelete!
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इसलिए आपको बहुत छोटा नज़र आता हूँ..
75 साल की उस बुढ़िया माँ का वजन लगभग 40 किलो होगा!!
ReplyDeleteआज जब तबियत बिगड़ने पर वो डॉक्टर को दिखाने गयी, डॉक्टर ने कहा "माताजी आप हेल्थ का ख्याल रखिये, आप का वजन जरूरत से ज्यादा कम है!
आप खाने में जूस, सलाद, दूध, फल, घी, मेवा और हेल्थी फ़ूड लिजियें, नहीं तो आपकी सेहत दिनों दिन गिरती जायेगी और हालत नाजुक हो जायेंगे!!
उसने भारी मन से डॉक्टर की बात को सुना और बाहर निकल कर सोचने लगी, इतनी महंगाई में ये
सब कहाँ से आएगा......???
और पिछले पचास सालों में, फ्रूट, घी, मेवा घर में लाया कौन है....???
बहुत ही मामूली पेंसन से जो थोडा बहुत पैसा मिलता है उससे घर के जरुरी सामान तो पति ले आतें है, लेकिन फल, जूस, हरी सब्जी, ये सब पति ने कभी ला कर नहीं दिया,....और खुद भी कभी ये
सब खरीदने की हिम्मत नहीं कर सकी....क्यूंकि जब भी मन करता कुछ खाने का, खाली पर्स
हमेशा मुंह चिढाने लगता....
नागपुर (विदर्भ) जैसे शहर में मामूली सी नौकरी में और जिंदगी की गहमागहमी में सारी जमा पूंजी, पति का PF, घर की सारी अमानत, संपदा, गहने जेवर सब एक बेटे और दो बेटियों की परवरिश, पढाई
लिखाई शादी में सब कुछ खत्म हो गया...
दूर दिल्ली में रह रहा एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर और मोटी तनख्वाह उठा रहा बेटा भी तो खर्चे के
नाम पर सिर्फ पांच सौ रुपये देता है...वो भी महीने के..... बेटियों से अपने दुःख माँ ने सदा छुपाये हैँ...
उन्हें कभी अपने गमो में शामिल नहीं किया...
आखिर ससुराल वाले क्या सोचेंगे.....???
अब बेटे के भेजे इन पांच सौं रुपये में बूढ़े माँ बाप तन ढके या मन की करें ?????
उसने सोचा चलो एक बार बेटे को डॉक्टर की रिपोर्ट बता दी जाए.....!
उसने बेटे को फ़ोन किया और कहा "बेटा डॉक्टर ने बताया है कि विटामिन, खून की कमी , कमजोरी से चक्कर आये थे....इसी लिए खाने में सलाद, जूस, फ्रूट, दूध, फल, घी, मेवा लेना शुरू करो !!
बेटा - "माँ आप को जो खाना है खाओ, डॉक्टर की बात ना मानों.... !!
माँ ने कहा – बेटा, थोड़े पैसे अगर भेज देता तो ठीक रहता....!
बेटा - " माँ इस माह मेरा बहुत खर्चा हो रहा है, कल ही तेरी पोती को मैंने फिटनेस जिम जोईन
कराया है, तुझे तो पता ही है, वो कितनी मोटी हो रही है, इसी लिए जिम जोईन कराया है....... उसके महीने के सात हजार रुपये लगेंगे...... जिसमे उसका वजन, चार किलो हर माह कम कराया जाएगा....
और कम से कम पांच माह तो उसे भेजना ही होगा....... पैंतीस हजार का ये खर्चा बैठे बिठाये आ
गया....अब जरुरी भी तो है ये खर्चा...!! आखिर दो तीन साल में इसकी शादी करनी है और आज कल मोटी लड़कियां, पसंद कोई करता नहीं.....!!
माँ ने कहा - हाँ बेटा ये तो जरुरी था.....कोई बात नहीं वैसे भी डॉक्टर लोग तो ऐसे ही कुछ भी कहतें रहते है.....चक्कर तो गर्मी की वजह से आ गयें होंगे, वरना इतने सालों में तो कभी ऐसा नहीं हुआ.....खाना तो हमेश यही खा रही हूँ मैं...!!!
बेटा - "हाँ माँ.....अच्छा माँ अभी मैं फोन रखता हूँ ....बेटी के लिए डाइट चार्ट ले जाना है और कुछ जूस, फ्रूट और डायट फ़ूड भी ....आप अपना ख्याल रखना !!
फोन कट गया....
माँ ने एक ग्लास पानी पिया... और साडी पर फोल लगाने मे लग गयी.... एक साड़ी में फोल लगाने के
माँ को पन्द्रह रुपये मिलेंगे....
इन रुपयों से माँ आज गणेश पूजा के लिए बाजार से लड्डू खरीदेंगी....
आज गणेशचतुर्थी जो है!!
माँ के पास आज साड़ी में फोल लगाने के तीन आर्डर है...
माँ ने मन ही मन श्री गणेश का शुक्रिया अदा किया क्यूंकि आज वो आधा किलो लड्डू खरीद ही लेंगी गणेश जी की पूजा के लिए इन पैसो से...
और मन ही मन अपने बेटे की सुखी और समृद्ध जिंदगी के लिए प्रभु श्री गणेश से प्रार्थना भी की!!
बहुत शर्म कि बात ऐसे बच्चो के लिये जो ऐसा करते है।।
और हो सके तो लोगो तक भी इस घटना को पहुँचाये।
ताकि आपके आने वाले समय मे ऐसा ना हो।।।
अपने बच्चो को अभी से ऐसे संस्कार दीजिए ताकि वो ऐसा ना करें।।।
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ReplyDeleteनींबू के 30 आयुर्वेदिक नुस्खेँ
ReplyDelete1-शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।
2-नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।
3-नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।
4-नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।
5- नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।
6-नींबू के रस में नमक मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है।
7- नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।
8- नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है।
9-बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।
10-आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं, रक्त की कमी दूर होगी।
11- दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएं और रूई की सहायता से दिन में कई बार घाव पर लगाएं, घाव बहुत जल्द ठीक हो जाएगा।
12- प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच ज़ैतून का तेल पीने से पत्थरी से छुटकारा मिलता है।
13- किसी जानवर के काटे या डसे हुए भाग पर रूई से नींबू का रस लगांए, लाभ होगा।
14- एक गिलास गर्म पानी में नींबू डाल कर पीने से पांचन क्रिया ठीक रहती है।
15- चक्तचाप, खांसी, क़ब्ज़ और पीड़ा में भी नींबू चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है।
16- विशेषज्ञों का कहना है कि नींबू का रस विटामिन सी, विटामिन, बी, कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट से समृद्ध होता है।
17- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मसूढ़ों से ख़ून रिसता हो तो प्रभावित जगह पर नींबू का रस लगाने से मसूढ़े स्वस्थ हो जाते हैं।
18- नींबू का रस पानी में मिलाकर ग़रारा करने से गला खुल जाता है।
19- नींबू के रस को पानी में मिलाकर पीने से त्वचा रोगों से भी बचाव होता है अतः त्वचा चमकती रहती है, कील मुंहासे भी इससे दूर होते हैं और झुर्रियों की भी रोकथाम करता है।
20- नींबू का रस रक्तचाप को संतुलित रखता है।
21-अगर बॉडी में विटामिन सी की मात्रा कम हो जाए, तो एनिमिया, जोड़ों का दर्द, दांतों की बीमारी, पायरिया, खांसी और दमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। नीबू में विटामिन सी की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इन बीमारियों से दूरी बनाने में यह आपकी मदद करता है।
22- पेट खराब, पेट फूलना, कब्ज, दस्त होने पर नीबू के रस में थोड़ी सी अजवायन, जीरा, हींग, काली मिर्च और नमक मिलाकर पीने से आपको काफी राहत मिलेगी।
23- गर्मी में बुखार होने पर अगर थकान महसूस हो रही हो या पीठ और बांहों में दर्द हो, तो भी आपके पास नींबू का उपाय है। आप एक चम्मच नींबू के रस में दस बूंद तुलसी की पत्तियों का रस, चार काली मिर्च और दो पीपली का चूर्ण मिलाकर लें। इसे दो खुराक के तौर सुबह-शाम लें।
24-चेहरे पर मुंहासे होना एक आम समस्या है। इसे दूर करने के लिए नींबू रस में चंदन घिसकर लेप लगाएं। अगर दाद हो गया है, तो इसी लेप में सुहागा घिसकर लगाएं, आपको आराम मिलेगा।
25- कई बार लंबी दूरी की यात्रा करने पर शरीर में बहुत थकान महसूस होती है। ऐसे में एक गिलास पानी में दो नींबू निचोड़कर उसमें 50 ग्राम किशमिश भिगो दें। रातभर भीगने के बाद सुबह किशमिश पानी में मथ लें। यह पानी दिनभर में चार बार पिएं। इससे एनर्जी मिलेगी और बॉडी की फिटनेस भी बनी रहेगी।
26-अधिक थकान और अशांति के कारण कई बार नींद नहीं आती। अगर आप भी इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, तो लेमन रेमेडी अपनाएं। रात को सोने से पहले हाथ-पांव, माथे, कनपटी व कान के पीछे सरसों के तेल की मालिश करें। इसके बाद थोड़े से नीबू के रस में लौंग घिसकर चाट लें। ऐसा करने से आपको नींद बहुत जल्दी आएगी।
27-मोटापे से आजकल हर दूसरा शख्स परेशान होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप मूली के रस में नीबू का रस व थोड़ा नमक मिलाकर नियमित रूप से लें। मोटापा दूर होगा।
28- अगर याददाश्त कमजोर हो गई है, तो गिरी, सोंठ का चूर्ण और मिश्री को पीसकर नींबू के रस में मिलाएं। फिर इसे धीरे-धीरे उंगली से चाटें।
29-सुंदर दिखना तो सभी चाहते हैं। अगर आपकी भी यही चाहत है, तो एक चम्मच बेसन, आधा चम्मच गेहूं का आटा, आधा चम्मच गुलाब जल और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर लोशन तैयार करें। इसे धीरे-धीरे चेहरे पर मलें। कुछ ही दिनों में आपका चेहरा निखर जाएगा।
30- जहां तक हो सके, कागजी पीले रंग के नीबू का यूज करें। इसमें दो चुटकी सेंधा नमक या काला नमक मिला सकते हैं।
फीमेल साइंस) (25/09/2014)
ReplyDelete1- गोरखपुर - 53
2- सहारनपुर- 50
3- बदायूँ- 72
4- इलाहाबाद- 102
5- बनारस- 61
6- सीतापुर- 802
7- बस्ती- 14
8- कौशाम्बी- 42
9- लखीमपुर- 563
10-फरूखाबाद- 14
11- कुशीनगर- 305
12- हरदोई- 180
13- आजमगढ़ 177
14- मुरादाबाद 91
उसे बडा गुस्सा आ रहा था।तेल
ReplyDeleteका डब्बा उठाए वो चल पङी।ये
माँ हमेशा ऐसा ही करती है। पहले सामान
मंगवाती हैऔर फिर भेजती है ।ये
लाला भी ना हमेशा जानकर के गलत सामान
ही देता है।कितनी गंदी नजर से देखता है।
और सामान पकङाने के बहाने जिस तरह
वो उसे छूने की कोशिश करता है।उसका मन
करता है खून पी जाए।माँ को कैसे समझाऊं
कि मुझे सामान लेने मत भेजा करो।पर
वो भी बेचारी क्या करे।सुबह से काम पर
जाती है,तब उन्हें दो वक्त
का खाना मिलताहै।काश बापु दारू
ना पीता।वो होता तो उसे
नहीं जाना पङता दुकान पर।
वो तो जहरीली दारू से मर गया और पीछे
छोङ गया हमें दरिंदों के लिये।सोचते
सोचते जोर की ठोकर लगी। वो गिरते-गिरते
बची।
पर उसे एक नई राह दिखा दी उस पत्थर ने।
उसने कसकर मुट्ठी में जकङ लिया पत्थर को।
और चल पङी लाला की दुकान पर ।
मित्रों
ReplyDeleteएक बिहारी ने बिहार का मतलब ही बदल दिया है बिहार का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है
भारत में बड़े बड़े कद तो बहुत सी हस्तियों के है लेकिन दिल अनिल अग्रवाल से किसी का भी बड़ा नही है.
दुनिया में मेटल किंग के नाम से मशहूर वेदांता ग्रुप के मालिक अनिल अग्रवाल ने जीवन की सारी कमाई का 75 प्रतिशत धन देश के गरीबों को दान करने का एलान किया है.
लन्दन मे बसे अग्रवाल का ये दान भारतीय करेंसी के अनुसार 21000 करोड़ रूपए है.
ये अब तक किसी भी भारतीय के हाथों दान की जाने वाली सबसे बड़ी रकम है.
अनिल अग्रवाल बिहार से हैं और कबाड़ के धंधे से छोटा व्यापार शुरू करके माइंस और मेटल के सबसे बड़े कारोबारी बने.
उन्होंने कल लन्दन में अपने परिवार की सहमति के बाद एलान किया कि वो अपनी कमाई की 75 फीसदी रकम यानि 21 हज़ार करोड़ रूपए भारत में निशुल्क शिक्षा के कई बड़े प्रोजेक्ट में दान देना चाहते है.
वे भारत में ऑक्सफ़ोर्ड से बड़ी कई यूनिवर्सिटी बनाना चाहते है जो "नो प्रॉफिट नो लॉस" के नियम पर चलेंगी. अग्रवाल ने कहा की वो कई सालों से चैरिटी की दिशा में बढ़ रहे थे और आखिरकार अपने परिवार की सहमति के बाद ये रकम देश को समर्पित करने में सफल हुए.
कितने कलमाड़ीयों, चौटालाओ, जयललिता MADHU KODA राजाओं और लालुओं के इस दौर में अनिल अग्रवाल को प्रणाम.
देश के नेताओं और संपादकों के लिए ये खबर भले ही छोटी हो लेकिन मित्रों से गुजारिश है कि इस खबर को देश दुनिया तक पहुंचा दें.
ये है अपना बिहार
जय हिन्द जय भारत जय माँ भारती
Please art male shahjahanpur unreserve ko update kijiye
ReplyDeleteSir tmntbbn ye bataiye ki jin logo ne 3 se char no paise de k badhwa liye h to unka kaise varification hoga kya wo nahi honge wo log in ho jayenge? Plzz reply
ReplyDeleteशिमला मिर्च
ReplyDelete___________________________________________________
शिमला मिर्च को कौन नहीं जानता? हर हिन्दुस्तानी रसोई में इसे देखा जा सकता है और इसे बडे चाव से सब्जी के तौर पर खाया जाता है। शिमला मिर्च को अन्य सब्जियों में मिलाकर न सिर्फ सब्जियों की रंगत बेहतर हो जाती है बल्कि इसे अन्य सब्जियों में बतौर सहायक मिलाने पर सब्जियों का जायका भी जबरदस्त हो जाता है। आधुनिक विज्ञान भी इसके औषधीय गुणों के भरपूर पैरवी करता है। चलिए आज जानते है शिमला मिर्च को बतौर औषधि…..
शिमला मिर्च को कोलेस्ट्राल कम करने के अति उत्तम मानते हैं। आधुनिक शोधों से ज्ञात होता है कि शिमला मिर्च शरीर की मेटाबोलिक क्रियाओं को सुनियोजित करके ट्रायग्लिसेराईड को कम करने में मदद करती है।
शिमला मिर्च में एक प्रमुख रसायन के तौर पर लायकोपिन भी पाया जाता है जिसे माना जाता है कि यह शारीरिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए बडा कारगर होता है।
आदिवासी हर्बल ज्ञान पर भरोसा किया जाए तो शिमला मिर्च शारीरिक शक्ति को मजबूत बनाने के लिए एक मददगार उपाय है। शिमला मिर्च में भरपूर मात्रा में विटामिन्स, खास तौर पर विटामिन ए, बी और सी। इसमें पाए जाने वाले रसायन शारीरिक मजबूती प्रदान करते हैं।
माना जाता है कि जो लोग अक्सर शिमला मिर्च का सेवन करते हैं उन्हें कमर दर्द, सायटिका और जोड दर्द जैसी समस्याएं कम होती है। शिमला मिर्च में पाया जाने वाला प्रमुख रसायन केप्सायसिन दर्द निवारक माना जाता है।
पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार शिमला मिर्च वजन कम करने के लिए एक बेहतर उपाय है। वसा और कार्बोहाईड्रेड्स की कम मात्रा के पाए जाने के कारण यह शरीर के लिए उत्तम होती है।
डाँग- गुजरात के हर्बल जानकार शिमला मिर्च को उच्च रक्त चाप (हाई ब्लड प्रेशर) को कम करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। इनके अनुसार सब्जी के तौर पर शिमला मिर्च का ज्यादा से ज्यादा सेवन बडा कारगर होता है।
आधुनिक शोधों के अनुसार शिमला मिर्च में बीटा केरोटीन, ल्युटीन और जिएक्सेन्थिन और विटामिन सी जैसे महत्वपूर्ण रसायन पाए जाते हैं। शिमला मिर्च के लगातार सेवन से शरीर बीटा केरोटीन को रेटिनोल में परिवर्तित कर देता है, रेटिनोल वास्तव में विटामिन ए का ही एक रूप है। इन सभी रसायनों के संयुक्त प्रभाव से हॄदय की समस्याओं, ओस्टियोआर्थरायटिस, ब्रोंकायटिस, अस्थमा जैसी समस्याओं में जबरदस्त फायदा होता है।
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ReplyDeleteहिम्मत इतनी तो नहीं मुझमे के
ReplyDeleteतुझे दुनिया से छीन लूँ ,
लेकिन मेरे दिल से कोई तुझे निकाले,
इतना हक तो मैंने खुद को भी नहीं दिया
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3 se 4 no. kisi ne paise dekar nahi badhwaaye hain wo khud hi badhe hain aur sabke badhe hain mere aur aapke bhi
ReplyDelete6 no. se jada jiske badhe hain wo sab verfication me out ho jayenge
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Dear TMNTBBN ji
ReplyDeleteEk Baar aapne Rheumatoid Arthiritis ka ek desi ilaaj post kiya tha (kuch tree ke patte pani me ubaal ke type)...
If possible could u please share the same once again or mail the same to me at .... renukaushik1947@gmail.com
thanks in anticipation