एक ही दिन दो परीक्षाएं, अभ्यर्थी परेशान
काफी प्रतियोगी छात्रों ने दोनों परीक्षाओं के लिए किया आवेदन
टालने की मांग
इलाहाबाद
लोक सेवा आयोग की राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2014 की तिथि घोषित होने के बाद प्रतियोगी छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। आयोग ने इस परीक्षा को 25 जनवरी को कराने का निर्णय लिया है जबकि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पहले से ही इस दिन टीजीटी-पीटीजी 2013 परीक्षा कराने की घोषणा कर चुका है।
ऐसे परीक्षाथियों की संख्या बहुत ज्यादा है जो इन दोनों परीक्षाओं में शामिल होंगे। प्रतियोगी परीक्षाथियों की मांग है कि इनमें से एक परीक्षा को टाला जाए।
आयोग की ओर से राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा पहले बार कराई जा रही है। इस पर आयोग ने कहा है कि 25 जनवरी को परीक्षा दो सत्रों में होगी। पहले सत्र की परीक्षा 9.30 से 11.30 और दूसरे सत्र की 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। 617 पदों पर भर्ती के लिए ऑन लाइन आवेदन लिए गए हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है कि इसके लिए पांच लाख से अधिक आवेदन पत्र मिले हैं। दोनों परीक्षाएं स्नातक स्तरीय हैं।
इस कारण काफी संख्या में ऐसे छात्र हैं जिन्होंने दोनों के लिए आवेदन किया है। अब इनकी मुश्किल यह है कि एक साथ पड़ी परीक्षा में से वे कौन सा देंगे और कौन सा छोड़ेंगे।
दोनों परीक्षाओं के लिए इलाहाबाद सहित कई जिलों में केंद्र बनाए जाएंगे।प्रतियोगी छात्र संजय पांडेय, छात्र नेता आनंद कुमार सिंह, देवमणि मिश्र, अभिषेक सिंह चौहान ने दोनों में से एक परीक्षा को टालने की मांग की है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा की घोषणा पहले हो चुकी है और बोर्ड इसकी तैयारी कर चुका है इसलिए लोक सेवा आयोग को अपनी परीक्षा टालनी चाहिए। दोनों परीक्षाएं एक ही दिन पड़ जाने से छात्रों का काफी परेशानी हो रही है। खासतौर से उन छात्रों को जिन्होंने दोनों परीक्षाओं के लिए आवेदन कर रखा है।
दोस्तो सुप्रभात !
ReplyDelete.
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सपा का शिक्षक भर्तियोँ का फिल्मी नामकरण -
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SM भर्ती -बिन ब्याही माँ
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72825 भर्ती - एक फूल कई माली
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JRT भर्ती -कटी पतंग
:D
DeleteHi Ekta....Hw r u??
DeleteEm gud Dolly ji ..hwz u?
DeleteI m also fine...
DeleteBADE BHAI KO ANUJ KA PRDAM
DeleteSm-ISKA JBAB NHI
PRT-CHAL CHALA CHAL
JRT-JBAB NAHI DOONGA
Bade bhai blog editer mahody ne blog pr kuchh nya aur achhha krne hetu sujhav aamntrit krne ko kaha tha.
Deleteaapke anuj ne ek sujhav usi blog pe podt kiya tha pr uska prti-utter nhi mila.so plz prti-utter me aapka anuj.
Ekta!!! Can u tell me the meaning of "podt"...pata nahi kya Matlab hai iska..
DeleteOnline dictionary me bhi search kr liya pr aisa koi word nahi show ho raha hai...
Parametric optical design tools
Deleteit's a software..
Good!! ;-)
DeleteSbdo k vishesgyo ka kuchh kaha nhi ja skta.
Deletebhla ho unka jo mra ko bhi ram padh lete h.
मित्रो
ReplyDeleteआज मंगलवार है इसलिए आशा ही नहीं पूर्ण विश्वाश है की हमारा कुछ भी अहित नही होगा । इसलिए निश्चिंत रहिये और थोड़ी बात टाइम ऐडजर्नमेंट अप्लिकेसन की कर लेते है ।
मित्रो जब किसी को खुजली हो जाती है तो वो जादा देर तक बिना खुजाये नहीं रह सकता । यही हाल पाठक का भी है उसे कोर्ट का चक्कर लगाने की खुजली हो गयी है ।
हर काम के लिए कोर्ट । मुझे समझ में नहीं आता टेट मोर्चा और पदाधिकारी इस बात का विरोध क्यों नहीं करते है की टेट मोर्चा का पैसा केवल टेट की लडाई के लिए वो भी सर्वसम्मति से लिए गये निर्णय के अनुसार करे ।
लेकिन खुजली हो गयी है तो मजबूरी है कोर्ट के चक्कर लगाना ।
पाठक ने समय से पहले अवमानना दाखिल कर दी जिसकी भी सभी लोगो ने भर्त्सना की लेकिन हमारी मजबूरी है की हमारा हित पाठक के साथ जुडा हुआ है और हमें न चाहते हुए भी उनका साथ देना मजबूरी है ।
मै जादा ज्ञानी तो नहीं हूँ लेकिन अगर यही सुनवाई पिछले हफ्ते ही हो जाती तो क्या होता । मतलब हमारी तयारी नहीं थी । ये तो हमारी किस्मत अच्छी है और भगवान हमारे साथ है तो हमें मौका मिल गया ।
इसलिए आगे किसी भी ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले से तयारी जरुरी है । हमारे लिए शर्म की बात है की हम 60 हजार लोग काउंसलिंग करा चुके है लेकिन एक सीनियर वकील खड़ा करने में दिक्कत महसूस करते है और जो हार चूका है वो बार-बार हमें हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहा है । वो भी अच्छे वकीलों के द्वारा । कुछ जगह पाठक सही भी है जैसे साधना के मामले में केवल पाठक ने ही वकील खड़ा किया जबकी सच्चाई की बात करने और सबको चंदाचोर बताने वाले सूचना देकर गायब हो गये । जिसे निश्चित रूप से इंकार नहीं किया जा सकता
आज के लिए हमारे लिए आदर्श स्थिति यही होती की एक राकेश दिवेदी के टक्कर का वकील हम भी कोर्ट में खड़ा कर देते और राम प्रकाश के मामले को निपट जाने देते । अगर मामला हमारे केस तक आता या फिर दुश्मन वकील कोई चाल चलने की कोसिस करता तो उसे मुहतोड़ जवाब मिलता । हमारे पास सबसे अच्छा बहाना है की अभी अंतरिम आदेश का पालन नहीं हुआ है इसलिए फाइनल बहस नहीं हो सकती फिरभी अगर बहस करनी पड़ती तो बहस के लिए समय मिलना तो तय था ।
फ़िलहाल अब जो हो रहा है उसकी बात करते है । टाइम बढवाने के लिए जो अप्लिकेसन डाली गयी वो भी सही कदम है मुझे उसमे भी कोई कमी नजर नहीं आती जिसमे कितना टाइम मिले इसका कोई उल्लेख नही है और गेंद सरकार के पाले में डाल दी गयी गई है कि बिना सर्विस कम्प्लीट हुए सरकार और विपक्षी फाइनल बहस की मांग ही न करे फाइनल बहस हो भी तो पहले जवाब सरकार को लगाना पड़े अंतरिम आदेश का पालन करने के बारे मे !
I would like to request all tet supporter whether they have taken part in counselling or yet to take part must support tet morcha in all respect, let it be physically, morally or financially. As you all have noticed that everyday writs and cases are being filed, in this situation we, being a tet supporter have to respond strongly by electing a experienced and reputed lawyer for which tet morcha needs to spend handsome amounts of money. For grooming of ours future we should support tet morcha physically and financially. Those, like me cannot support physically must support financially as tet morcha is spending a lot of money for hiring lawyer. I request tiger to tell me the procedure to help tet morcha financially as I want to support because I feel inferior that I am not supporting morcha in any way.
DeleteI request each n every supporter to help tet morcha financially so that morcha can afford a experienced and reputed lawyer. Thanxx
Jo bandhu mere vichharo se sahmat nahi hai kripaya negative comment na kare.
Dhanyavaad..
Totally agree wid u Sanjay ji....i also want to contribute...so please tiger ji....help
Deleteआशा यही है आज के कोर्ट रूम में पाठक को इतनी सदबुद्धि आ जाये और सुजीत भाई द्वारा दाखिल टाइम एडजर्नमेंट अप्लिकेसन के आधार पर ही सुनवाई टालने की अपील करे । और अंत में मित्रो अब हमारे लिए सबसे उचित गेम प्लान यही है की जब तक हो सके और जितना लम्बा हो सके फाइनल सुनवाई को हमें टालना है । पूरी कोसिस करनी है की ये सुनवाई 2017 से पहले ना हो फिर भी अगर मजबूरी में करानी ही पड़े फाइनल बहस तो नियुक्ति के पहले तो किसी हाल में न हो । क्योकि मित्रो एक कहावत है कि " कही मारे वीर तो कही भागे वीर " ।
ReplyDeleteमतलब अब हमें सिर्फ भागना है जब तक हो सके । नियुक्ति के बाद तो हम सब मिलकर इस सरकार को छठी का दूध याद दिला देंगे !
लेकिन ये सब तभी संभव है जब पाठक की कोर्ट के चक्कर लगाने की खुजली कुछ कम हो ।
ReplyDeleteअतः मेरी सभी अग्रणी लोगो से आग्रह है की हर बात में कोर्ट के चक्कर लगाना बंद कर दीजिये और व्यर्थ में धन और उर्जा मत बर्बाद कीजिये । जहाँ प्राइमरी को कोई नुकसान हो वही पर अपनी शक्ति लगाईये ।
धन्यवाद
मै इन आरोप लगाने वालो से आम अभ्यर्थी की हैसियत से पूंछना चाहता हूँ कि क्या पाठक ही अकेले प्रतिवादी है जहाँ तक मै जनता हूँ २८५ लोगो को अख़बार के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने पक्ष रखने के लिए सूचित किया था | सब के सब पाठक पर आश्रित होकर क्यों बैठे है कोई आगे क्यों नहीं आ रहा है|
ReplyDeleteक्या इनका ही विधिक ज्ञान अपने चच्छु खोल पता है |
साधना वाली rit पर भी अगर कोई दिखा तो सिर्फ पाठक और राकेश यादव
क्या पाठक ७२८२५ जिंदगियों के मालिक बन गए है उनको इसकी छूट क्यों दी गयी है |
एक औरत अपनी पड़ोसन
ReplyDeleteको बता रही थी...
औरत : “तुझे पता है , 20
साल तक मेरी कोई औलाद
नहीं हुई.....
पड़ोसन हैरानी से :
“तो फिर तूने
क्या किया...?
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औरत : “फिर मैं 21 साल
की हुई तो मेरे पापा ने
मेरी शादी कर दि फिर
जाके ये मुन्ना हुआ !
गाँव में किसी के भी मरने पर शमशान के पास बने सरकारी स्कूल में छुटटी कर दी जाती थी और बच्चों की मौज हो जाती थी।
ReplyDelete.
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आज भी कोई मर गया था इस लिए सभी बच्चे अपने अपने घर जा रहे थे ..
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रास्ते में दो बूढे चौपाल पर हुक्का पी रहे थे ..
चुन्नू मुन्नू ने उन्हें देखा तो हँसने
लगे ..
एक बूढे ने हँसने का कारण
पूछा ..
चुन्नू ने बताया - बाबा मुन्नू कह रहा है "सामने देख 2 छुट्टीयां हुक्का पी रही हैं।
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ReplyDelete.
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ग
ज
रे
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वा
ली
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गुज़र गया कल का दिन पहले की तरह
ना हम को फुरसत मिली ना उनको ख्याल आया ।।...
मानदेय कम करने के खिलाफ याचिका
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कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के पार्ट टाइम टीचर्स ने अपना मानदेय कम करने के खिलाफ अब संसद के समक्ष याचिका दी है। केजीबीवी के पार्ट टाइम टीचर्स का मानदेय केंद्र सरकार ने 7200 से घटकार 5000 रुपये कर दिया है। इसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं। अतुल कुमार बंसल के अनुसार पार्ट टाइम शिक्षकों का मानेदय कम करना जन विरोधी कदम है। अब हम लोग संसद में याचिका दाखिल करके केजीबीवी शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
UPTET 2011 me 82 no. par pass ki Yachika par Lucknow High Court me hearing aaj .......
ReplyDeleteHappiness starts with one word, one joke, one text, one phone call, one song, one hug, one kiss and can stop with...
ReplyDelete. . . . one mistake.
प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों के अभिलेख जांचने का सिलसिला इसी हफ्ते शुरू होगा।
ReplyDelete.
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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्य सभी अभ्यर्थियों की सूची बनवा रहे हैं। जल्द ही संबंधित केंद्रों पर यह भिजवा दी जाएगी और फिर रिपोर्ट आने के बाद नियुक्ति पत्र मिलने का सिलसिला तेज हो जाएगा।
एक जनरल का दर्द
ReplyDelete.
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इतने जुल्म के बाद भी हमे गर्व है की हम जनरल केटेगरी के प्रतिभागी है !!
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क्या और किसीको भी है .... ??
प्रदेश सरकार के निर्देश पर 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया में अब तक तीन चरणों की काउंसिलिंग हो चुकी है, तैयारी है कि चौथे चरण की काउंसिलिंग भी अगले महीने करा ली जाए। इसी बीच नियुक्ति पत्र देने की मांग जोर पकड़ रही है। ऐसे में शासन ने अब निर्देश दिया है कि पहले एवं दूसरे चरण में काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच करा ली जाए।
ReplyDeleteराज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह ने सभी जनपदों के प्राचार्यो को इस संबंध में पत्र जारी किया है।
इलाहाबाद डायट के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने बताया कि निर्देश मिल गया है। अब तेजी से काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों की सूची बन रही है। इसी हफ्ते उन्हें जांच के लिए भेज दिया जाएगा !
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की चौथी काउंसलिंग दिसम्बर में
ReplyDelete.
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प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की 72,825 पदों पर चल रही भर्ती में चौथी काउंसलिंग दिसम्बर में होगी।
तीन चरण की काउंसलिंग पूरी होने के बाद भी अभी तकरीबन 20 हजार पद रिक्त हैं, इनमें अनारक्षित श्रेणी के पदों की संख्या सबसे कम है जबकि एससी-एसटी व अन्य आरक्षित वर्ग के पदों की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा है। 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों के पदों को भरने के लिए तीन चक्र की काउंसलिंग हो चुकी है। इसके बाद पहले दो चरण की काउंसलिंग में शामिल आवेदकों के नियुक्ति पत्र जारी करने की तैयारी थी, लेकिन अभी शासन से हरी झण्डी नहीं मिल पायी है। सूत्रों का कहना है कि आरक्षित श्रेणी के पदों पर भी अभ्यर्थी नहीं मिलने से भर्ती प्रक्रिया को अगले
चरण में ले जाने में दिक्कत हो रही है। उधर तीन चरणों के बाद भी टीईटी उत्तीर्ण करने वाले आवेदक मेरिट गिरने का इंतजार कर रहे हैं। शासन ने चौथे चक्र की काउंसलिंग के लिए जिलों से बची रिक्तयों को मंगाने की शुरुआत कर दी है, लेकिन अभी भी काउंसलिंग की तिथि तय नहीं हो पायी है। मालूम हो कि एक अभ्यर्थी के कई जिलों में आवेदन करने हर बार काउंसलिंग में दस-दस गुना लोगों को मौका देने के बाद भी पद खाली रह जा रहे हैं। इन पदों को भरने के लिए प्रक्रिया बेहद लम्बी और ऊबाऊ हो चुकी है। विज्ञान वर्ग में आरक्षितश्रेणी के अभ्यर्थी नहीं मिल पा रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति महिला वर्ग के सभी श्रेणी की है।
फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र के तार भी यूनिवर्सिटी कर्मियों से जुड़े
ReplyDelete.
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इसी की जांच में पड़ा था मनोज तिवारी के घर छापा,
अभ्यर्थियों को ठगने के लिए फर्जी वेबसाइट भी बनाई
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टीईटी के फर्जी प्रमाणपत्र के गोरखधंधे का केंद्र भी डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय था। इसके कई कर्मचारियों ने नंबर बढ़वाने के नाम पर अभ्यर्थियों को ठगा। अब जब इसकी जांच आगे बढ़ रही है तो ये पुलिस के निशाने पर हैं। ये फर्जी मार्कशीट बनाने वाले रैकेट से भी जुड़े हैं।
चर्चित मार्कशीट फर्जीवाड़ा मनोज तिवारी के घर पड़े जिस छापे के बाद सामने आया वह टीईटी प्रमाणपत्र मामले में ही पड़ा था।
तीन साल से अटकी 72,825 शिक्षकों की भर्ती करीब दो माह पहले शुरू हुई। पहली काउंसलिंग में ही कुशीनगर में दो टीईटी प्रमाणपत्र जाली मिले। पूछताछ में संबंधित अभ्यर्थियों ने कबूला कि उन्होंने आगरा के मनोज तिवारी (फिलहाल फरार) से ये प्रमाणपत्र लिए थे।
उसने टीईटी की वेबसाइट पर उन्हें बढे़ हुए नंबर भी दिखाए। तब शासन के निर्देश पर डीआईजी ने जांच के लिए विशेष टीम बनाई। पता चला मनोज तिवारी ने अभ्यर्थियों को ठगने के लिए फर्जी वेबसाइट बना ली थी। आगरा निवासी मनोज मैनपुरी के एक कालेज का पूर्व प्राचार्य है।
टीम ने जब गत 21 अक्तूबर को उसके घर छापा मारा तो विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीटों का जखीरा मिला। तब जांच इस दिशा में मुड़ी।पुलिस सूत्र बताते हैं कि पड़ताल में विश्वविद्यालय के कई कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। ये टीईटी में नंबर बढ़वाने का ठेका भी लेते थे। पुलिस इनमें से एक की मनोज तिवारी के साथ बातचीत भी रिकॉर्ड की है। जल्द ही इस मामले में कई की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस के मुताबिक मुख्य पड़ताल टीईटी रैकेट की ही हो रहीहै, फर्जी मार्कशीट मामले की जांच साथ-साथ चलेगी। एक निजी कॉलेज का संचालक रैकेट का सरगना है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
क्या था टीईटी घोटाला
टीईटी 2011 में हुई थी। परीक्षा के बाद आगरा के कुछ शिक्षक भारी रकम के साथ इटावा में पकड़े गए। इनके पास टीईटी के रोल नंबर भी थे। इन्होंने कबूला कि यह रकम नंबर बढ़वाने के लिए ली गई है। बवाल मचा तो दोबारा मूल्यांकन कराया गया।कुछ के नंबर बढ़े तो कुछ के घटे भी। इस दौरान ही सक्रिय आगरा रैकेट ने नंबर बढ़वाने के ठेके लिए लिए लेकिन फर्जी साइट और प्रमाणपत्र के नाम पर ठगी ही की।
*विवि की फर्जी मार्कशीट मिलीं तो जांच इधर भी घूमी
•अब शक की सुई कई अन्य विश्वविद्यालय कर्मियों पर
kuch mahine pahle maine yahi kaha tha ki agar sarkaar SM ko 2001 se niyukti maankar TET free karegi to SM ka puraani pension par bhi adhikaar ho jaayega......kahi ye sach to nahi hone wala ?
ReplyDeleteसहायक अध्यापक बने शिक्षा मित्रों ने मांगी पेंशन
लखनऊ। सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्रों ने भी पुरानी पेंशन देने की मांग की है। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की सोमवार को एक बैठक पटेल पार्क हजरतगंज में हुई। संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा कि जब तक सभी शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन नहीं हो जाता उन्हें 3500 के स्थान पर 10,000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाए।
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी। पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा। वह व्यक्ति दुचित्ता है, ॥''
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याकूब 1:5-8
अभिलेखों के सत्यापन को बन रही सूची
ReplyDeleteप्राथमिक शिक्षकों की काउंसिलिंग
पहले एवं दूसरे चरण में आए अभ्यर्थियों के अभिलेख जांचे जाएंगे
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प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों के अभिलेख जांचने का सिलसिला इसी हफ्ते शुरू होगा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्य सभी अभ्यर्थियों की सूची बनवा रहे हैं। जल्द ही संबंधित केंद्रों पर यह भिजवा दी जाएगी और फिर रिपोर्ट आने के बाद नियुक्ति पत्र मिलने का सिलसिला तेज हो जाएगा।
Counseling ki date December ke first week me aa gayi hai but jyada seat vishesh arakshan aur sm ki hai.
ReplyDeleteHar bar ki bhanti ess baar bhi ek ya do din pahle cut off aayegi koi kary nahi ho raha scert me jab do din bachenge to cut off aa jaega wo bhi ulta seedha jisse afra tafri hogi.
Maine bade star ke logo ko fail hue log jo farji tarah se in hai 124-125 mark karwake jinka sakshy Milne wala hai .
Government aupbandhik counseling me lagbhag 9000-10000 farziyon ko in karane ke liye puri takat laga di hai isiliye kewal aupbandhik walo ka diet star pe correction ho raha hai n ki nic se scert dwara .
Netao ko koi matlab nahi hai ki jakar farjiyon ko jald se jald bahar karwaye scert jaenge bhi to niyukti patr ke bare me puchhne ke liye.
mujhe to lagta hai ki neta etne swarthi ho gaye hai kahi enke swarth se aur low merit ki baddua se sab kuchh ulta n ho jaye.
Niyukti patr puri bharti hone ke baad milna chahiye . lekin tet ke verification ke baad.
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Ess bar kisi diet se second counseling ki Tarah intrim cut off nahi aayega 1,2,3 counseling me participate karne wale sabhi logo ki list scert bhej di gayi hai aur wahi se resufling replacing aur kai jagah counseling karane wale en sabka hal nikalkar cut off jari hogô.
Dhandhli rokni hai to Himansu Rana ka sath de
Thanks.
Jrt pe se dec me stay hat jane ke pure sanket.
ReplyDeleteJan me mil sakti hai nukti.
Souce basic ke ek prmukh adikari
एलटी ग्रेड भर्ती :
ReplyDeleteजनवरी से पहले नहीं आएगी मेरिट
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एलटी ग्रेड के शिक्षकों की भर्ती के लिए जनवरी तक मेरिट आएगी। अभी तक उम्मीद थी कि सरकार के निर्देश पर कुछ विषयों की मेरिट 28 नवंबर को ही जारी की जा सकती है। लेकिन सभी लिफाफे नहीं खुलने के कारण ऐसा नहीं हो सकता है।
मेरठ मंडल में करीब एक लाख 70 हजार आवेदन फॉर्म प्राप्त हुए हैं। जिनको फाड़ने से लेकर उनकी कैटेगरी और सब्जेक्ट के हिसाब से छंटनी करने के काम ही बहुत है जो एक नवंबर से लेकर आज तक जारी है।
अभी 4 th काउन्सिलिंग मे समय है, परन्तु सबसे पहले चयनित अभ्यर्थियो के प्रमाणपत्रो के सत्यापन की कवायद प्रारम्भ हो गयी है, किसी भी अफवाहो से दूर रहे ।
ReplyDelete""""""""" लहरों को शांत देख कर यह मत
समझना कि समंदर में रवानी नहीं है;
जब भी उठेंगे तूफ़ान बन कर उठेंगे, अभी उठने
की ठानी नहीं है । """""""""" —
कुछ लोग मेरे खिलाफ आग उगलते हैं
ReplyDeleteशायद उनको पता नहीं कि मै किसी लीक में बंधना पसंद नहीं करता हूँ।
TET मेरिट को सिर्फ इसलिए तरजीह देता हूँ कि ऐसे लोग जिनकी उम्र निकल गयी परन्तु योग्यता के बाद भी नौकरी नहीं पाये ।
उनके बच्चों को भी अवसर मिल जाता अच्छे स्कूल में पढ़ने का ,
आज बड़े अफ़सोस की बात है कि जिस 14 वर्षीय बच्ची ने मुझसे रोते हुए कहा था कि चाचा अखिलेश ने अकादमिक मेरिट कर दिया है तो अब मेरे पापा कभी टीचर नहीं बन पायेंगे??
मैंने कहा कि बेटा टेट मेरिट के लिए आकाश-पाताल एक किया जा रहा है ।
आज वही बच्ची एक दिन मुझे देखकर हंस रही थी और उसके पिता जी ने कहा कि हर भर्ती में धांधली होती है चुपचाप बैठ जाओ नियुक्ति मिलने दो
अब तुम्हारा भी चयन नहीं होगा संतोष कर लो।
एक और जनाब लखनऊ के जिस आन्दोलन में आंसू लिए थे तथा उनको अनशन पर बैठाने पर मेरी आँखें भी भर आयीं थीं क्योंकि वे ओवर ऐज के कारण तथा
कम गुणांक के कारण भर्ती से बाहर हुये थे जैसे ही प्रतापगढ़ में काउंसिलिंग करायी मोबाइल स्विच ऑफ़ कर दिया।
मै कोई शिकायत नहीं कर रहा हूँ बस वक़्त का फेर बता रहा हूँ।
शायद इस पोस्ट पर कई कमेंट्स वालों को आने को बाध्य होना पड़े।
धन्यवाद !
एवं क्षमा प्रार्थी हूँ !
अब हम चलते हैं
आपका दिन शुभ हो !
अब आज के कोर्ट मे ही मिलेंगे !
hi friends aap log nischint rahe eswar per bharosha hai..bus ..har kam aache hoge ...dhairya banay rakhe ..galat aur farzio ka ant jaroor hoga...hamare low merit wale bhaio...mai aap ko viswash dilata hoon...aap logo ki jeet awasya hogi...en diet walo ki kya aukad hai...aap logo ka huk chheen le....ek jut rahe....apna sangathan majboot banay...dhanyabad...
ReplyDeleteS.Bhole tum phir a gay,sale tumhari yahan par koi jaroorat nahi hai.
ReplyDeleteTumhara kam sirf aur sirf pakane ka hai.
ReplyDeleteIs spammer 24365 Online Service kee complaint yahan kar do - support.google.com/blogger/answer/42577
ReplyDeleteSeedhe apne aap yeh black listed ho jayegaa
Are tiger saheb mere gen sci male 111 no. Hai ab koi chance hai plz bta de koi nhi btata kab se puchh rha hu
ReplyDeleteAre tiger saheb mere gen sci male 111 no. Hai ab koi chance hai plz bta de koi nhi btata kab se puchh rha hu
ReplyDeleteAre tiger saheb mere gen sci male 111 no. Hai ab koi chance hai plz bta de koi nhi btata kab se puchh rha hu
ReplyDeleteAre tiger saheb mere gen sci male 111 no. Hai ab koi chance hai plz bta de koi nhi btata kab se puchh rha hu
ReplyDeleteAre tiger saheb mere gen sci male 111 no. Hai ab koi chance hai plz bta de koi nhi btata kab se puchh rha hu
ReplyDeletelow merit ki jeet pakki hogi...jise ab koi nahi rok sakta hai...court me farzi aur invalid ka pardafaas hoga...ab darne ki koi jaroorat nahi....hai...bahut saare kutte raste per milege...per tum logo ko ghabraane ki jaroorat nahi hai...enka kaam hi bhaokna....enko jindki pher bhokna hai..enk sabdo se aap log pata kar sakte hai....kis ester per enka janm hua hai...vastav me ye kutte ki aulaad hai...jisme ek naam veeryodhya ka aata hai...dusaro ko sale bolne se kucch nahi hoga...jab bheekh maagega...ka to mai hi tujhe dooga..chutiye.sbhole sabka ka hai...sabki help karta hai
ReplyDeleteDost shailendra singh full chance hai.Lage raho bus munna bhai ki tarah se.
ReplyDeleteThanx veeryodhyaji
ReplyDeleteDost shailendra tum lage raho bus,tumhari jeet pucki hai.
ReplyDeletes bhole mera apne muh me le le.
ReplyDeleteveeryodhya kutte jyada lamba ho gaya ho to ghuma k peeche gaand me daal le aur baith ja...battameech...mai to pahle he jaan gaya tha...ki tu kutte k beez se paida hai...eslea low merit walo ka majaak uda raha hai...
ReplyDeleteDekho S.Bhole meri aapse koi niji dushmani nahi hai,bus mujhe aapse ye sikayat hai ki ek hi baat baar karte ho,agar apko kuch sikayat hai toh fir sc jao .
ReplyDeleteAre mai bhi low merit wala hi hoon.
ReplyDeleteAapne mere bare me jo bhi kaha usko sun ke mujhe bilkul bhi bura nahi laga. kasam se
ReplyDeletePar aapki tarah se ek hi baat ko bar bar rata nahi hoon.
ReplyDeletekapil ki aulad hai tu veerodhya ....tera ant nikat hai...bheekh maangne ki tayaari suru kar de...hotel me chai bech ...kucch kaam kar khali dimaak saitaan ka hota hai...eslea ..tu aisi baate karta hai....
ReplyDeleteSahi bola tu kutrya kailashnath(a dialouge from picture silsila starring amitabh bachhan)
ReplyDeleteTere saat hi bheekh maangoga.
ReplyDeleteMr.s bhole i will sit along with and then both of us will beg together.
ReplyDeleteAb chalta tujh jaise pakao sebaat karke kuch nahi milne wala.
ReplyDeleteveeryodhya accha apne tet marks bata sahi batana hero mat banna...
ReplyDeleteकिसी राजा के पास एक बकरा था. एक बार उसने एलान किया कि
ReplyDeleteजो कोई मेरे इस बकरे को जंगल में चराकर तृप्त करेगा, मैं उसे आधा राज्य दे दूंगा. किंतु बकरे का पेट पूरा भरा है या नहीं इसकी परीक्षा मैं खुद करूँगा. इस एलान को सुनकर एक आदमी राजा के पास आकर कहने लगा कि बकरा को चराकर उसका पेट भरना कोई बड़ी बात नहीं है. वह बकरे को जंगल में ले गया और पूरा दिन उसे चराता रहा. शाम तक उसने बकरे को खूब घास खिलाई और फिर सोचा कि दिनभर इसने इतनी घास खाई है अब तो इसका पेट भर गया होगा. अब इसे राजा के पास ले चलना चाहिए. बकरे को लेकर वह राजा के पास गया. राजा ने थोड़ी-सी हरी घास बकरे के सामने रखी तो बकरा उसे खाने लगा. इसपर राजा ने उस आदमी से कहा – “तुमने उसे पेट भर खिलाया ही नहीं वर्ना वह घास क्यों खाने लगता.” बहुतों ने बकरे का पेट भरने का प्रयत्न किया किंतु ज्योंही दरबार में उसके सामने घास डाली जाती कि वह खाने लगता. एक होशियार व्यक्ति ने सोचा - इस एलान का कोई रहस्य है, तत्व है. मैं एक युक्ति से काम लूँगा.” वह बकरे को चराने के लिए ले गया. जब भी बकरा घास खाने के लिए जाता तो वह उसे लकड़ी से मार देता. पूरे दिन में ऐसा कई बार हुआ. अंत में बकरे ने सोचा कि यदि मैं घास खाने का प्रयत्न करूँगा तो मार खानी पड़ेगी. शाम को वह होशियार व्यक्ति बकरे को लेकर राजदरबार में लौटा. बकरे को उसने बिलकुल घास नहीं खिलाई थी फिर भी राजा से कहा, मैंने इसको भरपेट खिलाया है. अत: यह अब बिलकुल घास नहीं खायेगा. कर लीजिये परीक्षा. राजा से घास डाली लेकिन उस बकरे ने उसे खाना तो दूर उसे न ही देखा न ही सूंघा. बकरे के मन में यह बात बैठ गयी थी कि यदि घास खाऊंगा तो मार पड़ेगी. अत: उसने घास नहीं खाई.
यह बकरा हमारा मन ही है. बकरे को घास चराने ले जाने वाला जीवात्मा है. राजा परमात्मा है. मन को मारो, मन पर अंकुश रखो. मन सुधरेगा तो जीवन सुधरेगा. मन को विवेकरूपी लकड़ी से रोज पीटो. भोग से जीव तृप्त नहीं हो सकता. भोगी रोगी होता है. भोगी की भूख कभी शांत नहीं होती. त्याग में ही तृप्ति समाई हुई है
Dost S.Bhole mai bhagwan ki kasam khakar kehta hoon ki mai kisi ka bhi mazak nahi le raha tha aur na hi leta hoon.
ReplyDeleteनिकम्मे लोग सिर्फ खाने पीने के लिए जीते हैं, लेकिन सार्थक जीवन वाले जीवित रहने के लिए ही खाते और पीते हैं.
ReplyDeleteज्ञान में पूंजी लगाने से सर्वाधिक ब्याज मिलता है.
ReplyDeletethanks veeryohdya ji...aaj aap sach me veer ban gai..
ReplyDeleteMai toh aap se maskari kar raha tha s.bhole tum toh bura man gaye.
ReplyDeleteveerji suruat aap ne he ki thee
ReplyDeleteसबसे बड़ा दाता
ReplyDeleteराजपुर नगर में दो व्यक्ति शामू और झामु रहते थे. दोनों ही थोड़े आलसी थे और भाग्य पर विश्वास करते थे. शामू कहता - यदि राजा विक्रम सिंह मुझे कुछ देता है तो गुजारा हो जाता है अन्यथा मेरे पास कुछ भी नहीं है. झामु कहता - भगवान भोलेनाथ मुझे कुछ देते हैं तो मेरा गुजारा हो जाता है नहीं तो मेरे पास तो कुछ भी नहीं.
एक दिन राजा ने दोनों को बुलाया और यह बातें उनके मुंह से सुनी.
राजा विक्रम सिंह ने एक गोल कद्दू मंगाया और उसके बीज निकाल कर शामू को दे दिया जिसका मानना था कि राजा ही उसे जो कुछ देता है उसी से उसका गुजारा होता है. राजा को भी लगने लगा कि सच में वही दाता है.
शामू उस कद्दू को पाकर बड़ा खुश हुआ और बाजार में जाकर उसे चार पैसे में बेच आया. थोड़ी देर बाद उधर से झामु गुजरा जो सोचता था कि भगवान् शिव ही उसे जो कुछ देते हैं उसी से उसका गुजारा होता है. झामु ने वह कद्दू छह पैसे में खरीद ली.
कद्दू लाकर जब उसे सब्जी बनाने के लिए काटा तो पैसों की बारिश होने लगी. उसे बड़ा आश्चर्य हुआ. बात राजा तक पहुंची. राजा का घमंड टूट चुका था. सारी बातें जानने के बाद उसने कहा - भगवान् ही असली दाता हैं. उनसे बड़ा कोई नहीं. उसे इसका बोध हो चुका था.
यह कथा कर्नाटक की एक प्रसिद्द लोक कथा है.
चार मूर्ख
ReplyDeleteयह काशी की प्रसिद्ध लोक कथा है.
एक बार काशी नरेश ने अपने मंत्री को यह आदेश दिया कि जाओ और तीन दिन के भीतर चार मूर्खों को मेरे सामने पेश करो. यदि तुम ऐसा नहीं कर सके तो तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाएगा.
पहले तो मंत्री जी थोड़े से घबराये लेकिन मरता क्या न करता. राजा का हुक्म जो था. ईश्वर का स्मरण कर मूर्खों की खोज में चल पड़े.
कुछ मील चलने के बाद उसने एक आदमी को देखा जो गदहे पर सवार था और सिर पर एक बड़ी सी गठरी उठाये हुए था. मंत्री को पहला मूर्ख मिल चुका था. मंत्री ने चैन की सांस ली.
कुछ और आगे बढ़ने पर दूसरा मूर्ख भी मिल गया. वह लोगों को लड्डू बाँट रहा था. पूछने पर पता चला कि शत्रु के साथ भाग गयी उसकी बीबी ने एक बेटे को जन्म दिया था जिसकी ख़ुशी में वह लड्डू बाँट रहा था.
दोनों मूर्खों को लेकर मंत्री राजा के पास पहुंचा.
राजा ने पूछा - ये तो दो ही हैं? तीसरा मूर्ख कहाँ है?
महाराज वह मैं हूँ. जो बिना सोचे समझे मूर्खों की खोज में निकल पड़ा. बिना कुछ सोचे समझे आपका हुक्म बजाने चल पड़ा.
और चौथा मूर्ख ?
क्षमा करें महाराज? वह आप हैं. जनता की भलाई और राज काज के काम के बदले आप मूर्खों की खोज को इतना जरुरी काम मानते हैं.
राजा की आँखें खुल गयी और उनसे मंत्री से क्षमा मांगी.
सुबह जब उठा तो देखा
Deleteभगवान सोया हुआ है
गहरी नींद में
मैने जगाया और पूछा ऐ खुदा
सुबह हो चुकी है
और तुम सो रहे हो
खुदा ने कहा कि
आजकल मुझे कोई पूछता
ही नहीं
आज लोग सुबह मुझे याद
नहीं करते
पूजा भी नहीं करते
लोग सुबह सुबह उठकर पहले
Whats app aur FB पे
सभी को GM भेजते हैं
मुझे भूल चुके हैं
मुझे प्रणाम तक नहीं करते
आदमी डूब रहा है
कोई उसे बचाता नहीं
लोग उसकी फोटो लेते हैं
WA पे मित्रों को भेजते है
बहुत बड़ी आग लगती है
लोग फोटो लेते है
WA pe send karte है
कोई आग बुझाता नहीं
शेर आदमी को खा रहा हैं
लोग देखते है
Click करते है
कोई कुछ नहीं करता
WA pe भेज देते है
अपने दोस्तों को
कुछ अनजान लोगो को
ये बताने के लिए कि
I am the first
giving u the best news
और मुझे सभी भूल चुके है
आज मैं सिर्फ फोटो में हूं
मंदिरों में हूं
लोगों के दिलों में नही।
मैने इंसान बनाया अपने लिये
अपनों के लिए
आज वही इंसान मुझे
Use कर रहा है
कितनी अजीब बात है
सत्यमेव जयते आज फिर
शुरू हो रहा है
जिसमें दिखाया है कि
एक गरीब मरीज 250 रूपये
न होने के कारण इस्पताल
में दम तोड़ देता है
और
ये सब public को बताने के
लिए आपका प्यारा
आपका दुलारा star plus
से 2.5 करोड़ रूपये लेता है
और सभी educated लोग
वाह वाह करते हैं
और अपना कीमती वक्त
निकालकर उसे शान से
देखते हैं
खुदा ने कहा
मुझे कोई नहीं पूछता
मैंने कहा
ये सच है रब्बा
शायद मैं भी उन्हीं में से
एक हू
कृपया आप अपना समय निकाले और सुबह उठते ही सबसे पहले भगवान का नाम ले
इस मेसज को आप को 3 लोगो को भेजना है , उनको आगे 3 लोगो को भेजने के लिए कहीए । इस तरह एक कडी जुड जाएगी आप भी इस कडी में शामिल हो जाएँ।और भगवान का नाम लेने और लोगो की मुसीबत के समय फोटो खीच के Whatsapp और Facebook पर डालने की जगह सचे मन से सेवा और सहायता करनी शुरू कीजिए । यह एक अच्छी शुरूआत होगी समाज सुधार परिवरतन के लिए । आऔ अच्छी शुरूआत करे ।
धन्यवाद
अपने केस का नंबर आने वाला है कोर्ट नंबर 5 केस नंबर 12 चल रहा है अगला नंबर अपना !
ReplyDeleteI would like to request all tet supporter whether they have taken part in counselling or yet to take part must support tet morcha in all respect, let it be physically, morally or financially. As you all have noticed that everyday writs and cases are being filed, in this situation we, being a tet supporter have to respond strongly by electing a experienced and reputed lawyer for which tet morcha needs to spend handsome amounts of money. For grooming of ours future we should support tet morcha physically and financially. Those, like me cannot support physically must support financially as tet morcha is spending a lot of money for hiring lawyer. I request tiger to tell me the procedure to help tet morcha financially as I want to support because I feel inferior that I am not supporting morcha in any way.
ReplyDeleteI request each n every supporter to help tet morcha financially so that morcha can afford a experienced and reputed lawyer. Thanxx
Jo bandhu mere vichharo se sahmat nahi hai kripaya negative comment na kare.
Dhanyavaad..
Absolutely agreed Sanjay ji.
DeleteTPRT sir please give a/c no. Of TET morcha,s. And appeal to all tet supporter to help financialy.
Even we will also appeal.
But court me exp. And intellgnt vakil ko hire kiya jana chahiye.
यदि
ReplyDeleteजानते
हो
तो
तुम
कर
सकते
हो।
यदि
नही
जानते
तो
बेहतर
कर
सकते
हो ।
"mujhko nehi to kisi ko bhi nehi" this concept is not good .....kisi ka to bhala ho.
ReplyDeleteप्रिय अखिलेश जी , TET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए यह अनुरोध आप से कर रहा हूँ। … इनकी पीड़ा अनुभव कीजिये … ये हमारे यूपी के ही बच्चे हैं। कहीं दूसरे देश के नही !....
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट का निर्णय आपके पास है ....
इन्हे नियुक्ति दीजिये .......... सियासत में दुआओं की बड़ी भूमिका होती है .......
दुआएं भी कमानी चाहिए …पुलिस की लाठियां अपयश लाती हैं ………सादर।
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अमिताभ अग्निहोत्री !
समाचार प्लस चैनल
आज रात यू पी टी ई टी रिजल्ट घोसित होगा--
ReplyDelete_ _ _ _संजय मोहन
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25 नवम्बर 2011
याद है ये लाइन ? ?
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आज के ठीक 3 वर्ष पूर्व यही तारिख थी यही महीना था !
हे प्रभु!
ReplyDelete.
आज भी S.C में ध्यान रखना!
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और,
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H.C. मे भी,
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अब चौथे चरण की काउंसिलिंग अगले महीने करा ली जाए। इसी बीच नियुक्ति पत्र देने की मांग जोर पकड़ रही है। ऐसे में शासन ने अब निर्देश दिया है कि पहले एवं दूसरे चरण में काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच करा ली जाए। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह ने सभी जनपदों के प्राचार्यो को इस संबंध में पत्र जारी किया है।
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इलाहाबाद डायट के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने बताया कि निर्देश मिल गया है। अब तेजी से काउंसिलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों की सूची बन रही है। इसी हफ्ते उन्हें जांच के लिए भेज दिया जाएगा।
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ReplyDeleteकचहरी न जाना
ReplyDelete.
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भले डांट घर में तू बीबी की खाना
भले जैसे -तैसे गिरस्ती चलाना
भले जा के जंगल में धूनी रमाना
मगर मेरे बेटे कचहरी न जाना
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कचहरी न जाना
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कचहरी न जाना
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कचहरी हमारी तुम्हारी नहीं है
कहीं से कोई रिश्तेदारी नहीं है
अहलमद से भी कोरी यारी नहीं है
तिवारी था पहले तिवारी नहीं है
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कचहरी की महिमा निराली है बेटे
कचहरी वकीलों की थाली है बेटे
पुलिस के लिए छोटी साली है बेटे
यहाँ पैरवी अब दलाली है बेटे
कचहरी ही गुंडों की खेती है बेटे
यही जिन्दगी उनको देती है बेटे
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खुले आम कातिल यहाँ घूमते हैं
सिपाही दरोगा चरण चुमतें है
कचहरी में सच की बड़ी दुर्दशा है
भला आदमी किस तरह से फंसा है
यहाँ झूठ की ही कमाई है बेटे
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यहाँ झूठ का रेट हाई है बेटे
कचहरी का मारा कचहरी में भागे
कचहरी में सोये कचहरी में जागे
मर जी रहा है गवाही में ऐसे
है तांबे का हंडा सुराही में जैसे
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लगाते-बुझाते सिखाते मिलेंगे
हथेली पे सरसों उगाते मिलेंगे
कचहरी तो बेवा का तन देखती है
कहाँ से खुलेगा बटन देखती है
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कचहरी शरीफों की खातिर नहीं है
उसी की गवाही लो जो हाज़िर नहीं है
है बासी मुहं घर से बुलाती कचहरी
बुलाकर के दिन भर रुलाती कचहरी
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मुकदमें की फाइल दबाती कचहरी
हमेशा नया गुल खिलाती कचहरी
कचहरी का पानी जहर से भरा है
कचहरी के नल पर मुवक्किल मरा है
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मुकदमा बहुत पैसा खाता है बेटे
मेरे जैसा कैसे निभाता है बेटे
दलालों नें घेरा सुझाया -बुझाया
वकीलों नें हाकिम से सटकर दिखाया
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धनुष हो गया हूँ मैं टूटा नहीं हूँ
मैं मुट्ठी हूँ केवल अंगूंठा नहीं हूँ
नहीं कर सका मैं मुकदमें का सौदा
जहाँ था घरौदा वहीं है घरौदा
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कचहरी का पानी कचहरी का दाना
तुम्हे लग न जाये तू बचना बचाना
भले और कोई मुसीबत बुलाना
कचहरी की नौबत कभी घर न लाना
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कभी भूल कर भी न आँखें उठाना
न आँखें उठाना न गर्दन फसाना
जहाँ पांडवों को नरक है कचहरी
वहीं कौरवों को सरग है कचहरी ||
kal se SC me final hearing suru
ReplyDeleteआज नहीं हो पाई सुनवायी । अब कल होगी फाइनल हीयरिंग --------।
ReplyDeleteकल से सुनवाई जारी फाइनल हियरिंग के लिए
जज ने कहा कल से फाइनल हियरिंग होगी
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है। और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा॥''
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1 यूहन्ना 2:15-17
People are illogical, unreasonable, and self-centered.
ReplyDeleteLove them anyway.
If you do good, people will accuse you of selfish ulterior motives.
Do good anyway.
If you are successful, you will win false friends and true enemies.
Succeed anyway.
The good you do today will be forgotten tomorrow.
Do good anyway.
Honesty and frankness make you vulnerable.
Be honest and frank anyway.
The biggest men and women with the biggest ideas can be shot down by the smallest men and women with the smallest minds.
Think big anyway.
People favor underdogs but follow only top dogs.
Fight for a few underdogs anyway.
What you spend years building may be destroyed overnight.
Build anyway.
People really need help but may attack you if you do help them.
Help people anyway.
Very true...
DeleteLike it..
Ekta us din Chewingum kuch zyada ho gaya tha..to baad me Maine use spit kr diya...n I m feeling better now...
DeleteWell done.... :) ;) :D
DeleteGoof evening everyone except one...
ReplyDeleteGud evening to u too...
DeleteExcept whom dolly ji, n y?
DeleteIff i m guessing correctly then perhaps tprt.
Am i right?
Absolutely not!!!
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteएक धमाकेदार आगमन ! !
ReplyDeleteअब आप लोग ऊपर की ओर चले आएँ !
ReplyDelete