टीईटी में हजारों होंगे वंचित (Thousands of candidates deprived of TET UP Examination)
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के बड़ी संख्या में आवेदकों के प्रवेश पत्र जारी नहीं हुए हैं। वेबसाइट पर इनके प्रवेश पत्र शो नहीं कर रहे हैं। मुश्किल यह कि इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय पहुंचने वाले आवेदकों को स्पष्ट जवाब भी नहीं मिल रहा। प्रतियोगियों का आरोप है कि उनके फार्म स्वीकार हुए हैं या नहीं इसके बारे में भी कुछ नहीं बताया जा रहा है। ऐसे में इन्हें 13 नवंबर को होने वाली परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा। इसको लेकर प्रतियोगियों में निराशा के साथ नाराजगी भी है।
डाक विभाग की लापरवाही के कारण भी हजारों फार्म रिजेक्ट हो चुके हैं। विभाग के विभिन्न फ्रेंचाइजी से सप्ताह भर पहले बुक फार्म भी समय से नहीं पहुंचे। इसकी वजह से उन्हें वापस कर दिया गया है। इसको लेकर प्रतियोगियों ने परिषद और डाक विभाग दोनों ही जगह गुहार लगाई लेकिन उन्हें कहीं से राहत नहीं मिली।
इससे उनकी उम्मीदें भी धूमिल हो गई हैं। टीईटी के साथ इसी साल 72 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती से भी उन्हें वंचित होना पड़ेगा। आगे भी ज्यादा उम्मीद नहीं है। टीईटी की अगली परीक्षा के लिए अब इन्हें छह महीने बाद मौका मिलेगा लेकिन तब तक प्राथमिक विद्यालयों में बीएड के आधार पर शिक्षकों की भर्ती पर रोक की बात कही जा रही है। ऐसे में इन्हें एक बड़े अवसर से वंचित होना पड़ेगा तथा आगे मात्र टीजीटी के रूप में ही मौका शेष रहेगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी का कहना है कि देर से पहुंचने या गड़बड़ी के कारण फार्म रिजेक्ट हुए हैं। हालांकि इनकी संख्या कितनी है इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। जिनके प्रवेश पत्र वेबसाइट पर शो नहीं कर रहे हैं उनके फार्म रिजेक्ट हो गए हैं। दो-तीन दिनों में ऐसे लोगों की संख्या भी सामने आ जाएगी।
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रिजल्ट के एक महीने बाद मिलेगा प्रमाण पत्र
डायट से होगा वितरण, पांच साल के लिए ही होंगे पात्र
इलाहाबाद। यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र के लिए रिजल्ट के बाद भी एक महीने इंतजार करना पड़ेगा। माध्यमिक शिक्षक परिषद ने सफल अभ्यर्थियों की योग्यता जांचने तथा प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक महीने का समय मांगा है। इसके बाद ही सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे जो पांच साल के लिए मान्य होंगे। प्रमाण पत्रों का वितरण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से होगा।
टीईटी में 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले सामान्य तथा 55 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले एससी-एसटी अभ्यर्थी ही सफल माने जाएंगे। प्रमाण पत्र के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र और पहचान पत्र की मूल कापी भी साथ लानी होगी। इनके फोटो स्टेट स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
टीईटी में समय प्रबंधन की भी परीक्षा
0 एक सवाल के लिए मिलेंगे सिर्फ 36 सेकेंड
इलाहाबाद। यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) में शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों को समय प्रबंधन की कसौटी पर भी खरा उतरना होगा। परीक्षा में एक-एक सेकेंड बहुत कीमती है। दोनों परीक्षाओं में 150-150 सवाल होंगे, जिन्हें हल करने के लिए मात्र 90-90 मिनट मिलेंगे। यानि एक सवाल को पढ़ने, समझने और जवाब देने के लिए अभ्यर्थियों को मात्र 36 सेकेंड मिलेंगे।
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को सफल होने के लिए कम से कम 90 सवालों का सही जवाब देना होगा। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह है कि सभी सवाल हल करने के चक्कर में न पड़ें। जिनके उत्तर आते हों उन्हें पहले हल करें। प्राथमिक स्तर की परीक्षा में हिंदी, गणित, अंग्रेजी, बाल विकास और पर्यावरण विषय से सवाल पूछे जाएंगे। जूनियर स्तर की परीक्षा में कला वर्ग में सामाजिक विज्ञान के साथ हिंदी, अंग्रेजी, बाल विकास से जुड़े सवालों के जवाब देने होंगे। विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों से सामाजिक विज्ञान के स्थान पर विज्ञान और गणित के सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा की तैयारी कराने वाले डॉ.परवेज अंसारी और अरुण मिश्रा का कहना है कि जो प्रश्न न आता हो, उस पर समय न बर्बाद करें। एक क्रम से प्रश्नों को हल करते जाएं। समय बचने पर उलझाऊ सवालों को हल करें। नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान का नहीं है इसलिए एक भी प्रश्न छोड़ें नहीं।
News Source : http://www2.amarujala.com/city/Allahabad/Allahabad-12375-8.html
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