वाराणसी। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के आवेदनपत्रों की भरमार के चलते डाक विभाग की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। आरएमएस में डाक के बंडलों का अंबार लगा हुआ है। करीब 10 लाख स्पीड पोस्ट डंप पड़े हैं। इनमें पासपोर्ट, बैंक ड्राफ्ट और चेक जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी शामिल हैं। महकमे के कर्मचारी और अधिकारी असहाय नजर आ रहे हैं। ऐसे में अंतिम तिथि तक लाखों फार्मों का पहुंचना मुश्किल है। प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की भर्ती शुरू होने के बाद डाक विभाग को करोड़ों रुपये की आय तो हुई, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों की फजीहत हो रही है। एक-एक अभ्यर्थी के 50-50 या 70-70 जनपदों से आवेदन करने के चलते स्पीड पोस्ट का अंबार लग गया है। हब सेंटर होने के कारण विभिन्न जनपदों से कैंट स्टेशन स्थित आरएमएस में प्रतिदिन डेढ़-दो लाख स्पीड पोस्ट आ रही है। जबकि निस्तारण केवल 35-40 हजार का ही हो पा रहा है। इस वजह से पूरा कार्यालय बंडलों से भरा हुआ है। बाथरूम और प्लेटफार्म तक में बंडलों के ढेर लगे हैं। एक हफ्ते से पहले के भी बंडल इस ढेर में दबे हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या फार्मों की है। अधिकारियों ने बताया कि इस हालत में लाखों फार्म अंतिम तिथि तक नहीं पहुंच पाएंगे। इसके चलते यहां आने वाली डाक भी काफी प्रभावित हो रही है। 21 दिसंबर तक की डाक अभी तक वितरित नहीं हो सकी। इसमें किसी का पासपोर्ट फंसा हुआ है तो किसी का नौकरी के लिए बुलावा या प्रतियोगी परीक्षा का प्रवेशपत्र।
नहीं दिखा रोक के आदेश का असरवाराणसी। प्रदेश में सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर न्यायालय के रोक लगाने के बावजूद अभ्यर्थियों पर कोई असर नहीं दिखा। आरएमएस, प्रधान डाक घर कैंट और विश्वेश्वरगंज में सुबह चार बजे से ही अभ्यर्थी लाइन में लग गए। देर रात तक मारामारी की स्थिति रही और सैकड़ों को निराश लौटना पड़ा।
News : Amar Ujala (06.1.12)
ye sarkar k galti hai ...jab 70 form bharwaogi to ye to hona hi tha..kyo nahi single form bharwana chayiye tha...na to students ko dikkat hoti na hi post office ko n na hi gov ko....lekin bat vahi hai na andher nagri chupat raja......
ReplyDeleteMr Amit, You are right.
ReplyDeleteWhy all selection is not on state level. Process can be completed in 2-3days ONLINE with Epayment option.
District Prefernce can be fill through ONLINE. After that filtering/selection based on Merit easily. All details fill by Candidates and DIET only verify these details INSTEAD of details FEEDING by EACH DIET in there Center.
Now Process becomes clumsy/complex.
ager ek form bharwaya hota to aaj tak to bharti puri ho gayi hoti aur ye jo log court ja rahe hain ye bhi shant ho gaye hote.
ReplyDeleteniymawali koi ambedkar to likh kar gaye nahi the jo sudhar na sake samay aur jaroorat ko dekh kar he niyam bante hain is ssmay sabse badi jaroorat hai qualityof education ki jiske liye tet test huaa tha marksheet me number ke adhar par naukari milne se hi education ka kabada huaa hai.
ReplyDeletesunil kumar tiwari
sinil bhai
ReplyDeletebilkul sahi kah rahe hai par ye baat inko kaise samjhayee jaye,jo court jaa rahe hai wo to munna bhai hai aur jo court ke andar bathe hai wo bhi munna hi lagte hai hum sabhi log munna bhaiyo se ghire hai.pata nahi judge ko kya chahiye.