माध्यमिक निदेशक के गिरफ्तारी से उलझ गया टीईटी
मेरठ : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीईटी) पास करके बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने का मामला अधर में लटक सकता है। परीक्षा कराने वाले बोर्ड के मुखिया माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन के परीक्षा में संलिप्तता के आधार हुई गिरफ्तारी से सारी प्रक्रिया संदेश के घेरे में आ गई है। इससे टीईटी की परीक्षा के भविष्य पर सवाल उठने लगा है।
टीईटी की परीक्षा से लेकर परिणाम घोषित होने तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। हर मंडल में अभ्यर्थियों के नंबर में गड़बड़ी का अंबार लग गया। मजबूरी में इलाहाबाद माध्यमिक शिक्षा परिषद को दो बार संशोधित रिजल्ट घोषित करना पड़ा। इसके बावजूद कई अभ्यर्थियों की शिकायत टीईटी को लेकर अभी भी जारी है। तमाम तरह की गड़बड़ियों को देखते हुए परीक्षा की सुचिता को लेकर संशय जताई जा रही थी। मंडल में एक लाख के करीब अभ्यर्थियों ने टीईटी की परीक्षा दी। इसमें 52 हजार के प्रमाण पत्र राजकीय इंटर कालेज से बंट रहा है।
प्राइमरी स्तर के प्रमाण पत्र बांटे जा चुके हैं, अपर प्राइमरी के प्रमाण पत्र 13 फरवरी से बांटे जाएंगे। ऐसे समय जब टीईटी का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद अभ्यर्थी शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, उस समय टीईटी परीक्षा में माध्यमिक निदेशक की संलिप्ता से टीईटी की पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में आ गई है। टीईटी के भविष्य पर एक बार फिर से संकट के बादल गहराने लगा है।
News : Jagran (9.2.12)
Now the matter and future is in dark.
ReplyDeleteधांधली के मुख्य सूत्रधार माने गए संजय मोहन
ReplyDeleteलखनऊ, 8 फरवरी (जाब्यू) : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अभ्यर्थियों को पास कराने में धन उगाही करने के मामले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा परिषद संजय मोहन को पुलिस ने मुख्य सूत्रधार माना है।एडीजी कानून-व्यवस्था सुबेश कुमार सिंह ने बताया कि संजय मोहन ने कोर गु्रप बना रखा था, इसी कोर ग्रुप के माध्यम से 800 अभ्यर्थियों से करीब 12 करोड़ रुपये एकत्रित करने की योजना बनी थी। एक अभ्यर्थी से दो से चार लाख रुपये लिए जा रहे थे। कोर ग्रुप के एक सदस्य एनपी सिंह के पास से वसूले गए पांच लाख रुपये और लखनऊ में खरीदी गई एक जमीन के दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इस मामले में पकड़े गए कई लोगों से संजय मोहन की बातचीत के सबूत भी एसटीएफ तथा पुलिस ने जुटाये हैं। संजय मोहन के कुछ अभ्यर्थियों का रिजल्ट अपग्रेड करने के आश्वासन का सबूत भी पुलिस को मिला है। जिसके आधार पर जल्दी ही कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जायेगी। इनका नाम उजागरकरने से सुबेश कुमार ने मना कर दिया। वह कहते हैं कि अभी जांच चल रही है। इन लोगों का नाम बताना अभी उचित नहीं है।
शुरू से ही उठने लगी थीं अंगुलियां
ReplyDeleteइलाहाबाद, 8 फरवरी (जाका) : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) शुरू से ही विवादों के घेरे में रही। पहले विज्ञप्ति, और फिर परीक्षा परिणाम में बार-बार किए गए संशोधनों से शुरू से ही टीईटी पर अंगुलियां उठने लगी थीं। परीक्षा केंद्रों से लेकर नंबर बढ़ाने और चयन पक्का कराने को लेकर हर स्तर पर धन उगाही की शिकायतें हुई। हद तब हो गई, जब ठगों ने टीईटी कीफर्जी वेबसाइट बनाकर अभ्यर्थियों के मनचाहे नंबर बढ़ा दिए और जमकर पैसा वसूला। मजे की बात यह है कि इस मामले का राजफाश होने के बाद भी माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से एफआइआर तक नहीं दर्ज कराई गई। बाद में फर्जी वेबसाइट को बिगाड़ दिया गया। मामले का राजफाश होने के बाद भी एफआइआर का दर्ज न कराया जाना परिषद के उच्चाधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में भी यूपी बोर्ड ने हर स्तर पर हड़बड़ी दिखाई। अध्यापक पात्रता परीक्षा कराए जाने के संबंध में पहला शासनादेश सात सितंबर 2011 को जारी हुआ। इस शासनादेश के मुताबिकवे अभ्यर्थी टीईटी में शामिल हो सकतेथे, जिन्होंने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीए/बीएससी/बीकॉम करने के साथ ही साथ बीएड भी किया हो। यह शासनादेश ठीक 12 दिन बाद 17 सितंबर को संशोधित कर दिया गया। बीए/बीएससी/बीकॉम को स्नातक कर दिया गया व न्यूनतम अर्हता को 50 की बजाय 45 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद तो शासनादेश में संशोधनों की झड़ी लग गई। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिघारकों को भी शामिल कर लिया गया। इसी संशोधन में बीएड व बीटीसी अपीयरिंग अभ्यर्थियों को भी परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई। बेसिक शिक्षा परिषदद्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों के चयन के लिए पहले अधिकतम आयुसीमा 35 रखी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 40 वर्ष कर दियागया। सबसे बड़ा संशोधन 9 नवंबर को हुआ। विज्ञप्ति में पहले टीईटी को पात्रता परीक्षा घोषित किया गया था। इस संशोधन में टीईटी की मेरिट को चयन का आधार बना दिया गया। कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक नियमावली 1981 के नियम 8, 14, 27 व 29 में संशोधन कर दिया। इससे हाईस्कूल, इंटर,स्नातक और परास्नातक परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को झटका लगा। संशोधन परीक्षा से चार दिन पहले किया गया। सात बार संशोधित हुआ परीक्षा परिणाम -टीईटी का आयोजन 13 नवंबर को किया गया था। पूर्व घोषित तिथि के अनुसार ही 25 नवंबर को देर रात परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया। इसके बाद परीक्षा परिणाम में संशोधनों का सिलसिला शुरू हुआ। 26 नवंबर को प्रतीक्षा सूची जारी की गई। इसके बादपहला संशोधन तीसरे दिन ही 28 नवंबर को कर दिया गया। दूसरा संशोधन 3 दिसंबर, तीसरा 7 दिसंबर, चौथा 19 दिसंबर, पांचवां 23 दिसंबर को पूरा परीक्षा परिणाम ही बदल दिया गया।
T.E.T UTTERIN EKTA SANGRASH MORCHA :-
ReplyDeleteRajesh singh :- 8423487344-Allahabad
Mayank kumar:- 9807122569- varansi
Devender km.:- 9560705898- delhi
Vivekanand km.:- 8081934675- Allahabad
Manoj km.gupta:-9548938754-Sharanpur
Dharmendar panwar:-9458778278-meerut
Shiv kumar:- 9368735257- Modinagar
Nitin Mehta:- 9639885609-Ghaziabad
Rajeev km.:- 8791142611-Bulendsahar
Varun sharma:-9045512773-Mawana
UPPER DIYE GAYE NUBMERO PER KOI BE STUDENT 24X7 BAAT KAR SAKTA HAI
चलो अच्छा हुआ अब 800 फर्जी लोगो का रिजल्ट कैंसिल हो जाएगा और मेहन्ती को फायदा मिलेगा । शिक्षा के मूल अधिकार की वजह से भर्ती तो होना ही है वह भी टीईटी पास मेँ ही से ।
ReplyDeleteबस याद रखो-
"एकता मेँ शक्ति है।"
T.E.T UTTERIN EKTA SANGRASH MORCHA :-
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Mayank kumar:- 9807122569- varansi
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UPPER DIYE GAYE NUBMERO PER KOI BE STUDENT 24X7 BAAT KAR SAKTA HAI