निरस्त हो टीईटी, सीबीआई जांच भी
See about cases of Sampoornnad University - http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/01/uptet-btc-good-news-for-tet-qualified.html
However some candidates are good and some are bad, But these Bad candidates makes its reputation highly down.
वाराणसी : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) शुरू से विवादों में घेरे में रही। कभी फार्मो की किल्लत, तो कभी परिणाम को लेकर सवाल उठते रहे। अब तो टीईटी की परीक्षा में माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी ने परीक्षा की पवित्रता ही तार-तार कर दी है। संजय मोहन दोषी हों, न हों यह अलग बात है पर घटना तो यह संकेत तो दे ही रही है कि प्रदेश के बेरोजगार युवा किस प्रकार छले जा रहे हैं। उनकी उम्मीदों व सपनों के साथ खिलवाड़ किया गया। गिरफ्तारी के बाद टीईटी के अभ्यर्थियों ने दोबारा परीक्षा कराने की आवाज मुखर की है। साथ ही सीबीआइ जांच व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जागरण प्रतिनिधि से बातचीत में अभ्यर्थियों ने टीईटी प्रकरण पर बेवाक टिप्पणी की। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के साकेत शुक्ला टीईटी की पूरी परीक्षा निरस्त करने की मांग कर बैठे। कहा कि गत 25 नवंबर को आनन-फानन में परिणाम घोषित किया गया। इसका सही जवाब नेट पर जारी हुआ तो कई सवालों के उत्तर गलत थे। स्पष्ट है कि आयोजक संस्था को भी सवालों का सही उत्तर नहीं मालूम। ऐसे में योग्य उम्मीदवारों के साथ खिलवाड़ होना तय था। विद्यापीठ के आलोक कुमार सिंह ने टीईटी को मजाक की संज्ञा तक दे डाली और कहा कि बेरोजगारों को छला गया है। ऐसे में इस परीक्षा को निरस्त कर दोबारा परीक्षा कराना ही बेहतर होगा। रमरेपुर की अंकिता चतुर्वेदी कहती हैं कि टीईटी में धांधली की गई है। परीक्षा की सुचिता की राग अलापने वालों को युवा बेरोजगारों की योग्यता से ज्यादा धन लूटने से ही सरोकार है।
परीक्षा में पास कराने के लिए 9694900 रुपये की बरामदगी की बात मीडिया में भी आ चुकी है। ऐसे में गरीब व योग्य अभ्यर्थियों का चयन तो नामुमकिन ही लगता है। इस परीक्षा को निरस्त कर पुन: परीक्षा कराना ही उचित होगा। नाटी इमली की श्रीमती रश्मि पाठक कहती हैं कि पहले टीईटी परीक्षा में हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व बीएड को आधार बनाने की बात कही गई। बाद में टीईटी परीक्षा के प्राप्तांक को आधार बनाया गया। इसके पीछे धांधली की मंशा ही रही है जो अब उजागर हो चुकी है। संस्कृत विश्वविद्यालय के सचीव कुमार मिश्र का कहना है कि टीईटी की परीक्षा का फार्म भोर में लाइन लगाने के बाद देर शाम मिला। चार स्थानों से फार्म भरने में लगभग तीन हजार रुपये खर्च हो गए। अब परीक्षा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। कहते हैं कि परीक्षा दोबारा कराई जाए और दोबारा परीक्षा फार्म भरने के लिए कोई शुल्क न वसूला जाए।
News : Jagran (10.2.12)
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टीईटी परीक्षा में हुई धांधली से छात्रों में रोष
(UPTET : Candidates demand cancellation of TET due to Coruption)
छात्रों ने की टीईटी परीक्षा निरस्त करने की मांग
टूण्डला, निज प्रतिनिधि: यूपी टीईटी के रिजल्ट में हुए घोटाले की आग नगर में भी फैलने लगी है। टीईटी के रिजल्ट का विरोध करते हुए टीईटी की परीक्षा दे चुके छात्रों ने इसे स्थगित किये जाने की मांग की है।
टीईटी के परिणामों में हुई धांधले बाजी के विरोध में टीईटी परीक्षा में बैठे छात्रों की एक बैठक एटा रोड पर संपन्न हुयी। बैठक में टीईटी परीक्षा को निरस्त कर दोबारा निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करवाये जाने की मांग की गयी। बैठक में छात्रा अंजली शर्मा ने कहा कि टीईटी परीक्षा अच्छी होने के बावजूद भी रिजल्ट मनमाफिक नहीं आया जिसकी पोल अब आकर खुली है। शिक्षा माफिया पैसों के लालच में छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। इस परीक्षा परिणाम को निरस्त कर सरकार को दोबारा पारदर्शी टीईटी परीक्षा आयोजित करानी चाहिये। छात्रा अनुराधा का कहना है कि भले ही उन्होंने इस परीक्षा को पास कर लिया है लेकिन यह नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं है। टीईटी परीक्षा में अनियमितता का पाया जाना इस बात का द्योतक है कि टीईटी परीक्षा में घूसखोरी जमकर चली है। अभ्यर्थी शैलेश सिकरवार का कहना है कि टीईटी परीक्षा में हुयी अनियमितताओं की कलई खुलकर सामने आने लगी है। इस परीक्षा को निरस्त कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए । बैठक में अरूण कुमार, राधा उपाध्याय, नीलम उपाध्याय, ज्ञानेन्द्र, अमित कुमार, वीनेश कुमार, प्रिया पाराशर, सुमित कुमार, आरती, अनीता, नीशू गुप्ता, अखिल कुमार आदि उपस्थित थे।
News : Jagran (10.2.12)
Friends.......
ReplyDeleteYe sab POLITICS hei....
~COURT k judge ko to 90 hajar Rs mil jaate hein har mahine....
~Use hum jaise GAREEB BEROJGARON ka kya.........?
~Meine pahle hi bola tha date badhegi.....
~Ye sab CONGRESS k isaron par ho raha hei......
Jisse BSP ko koi vote mein fayda na ho.....
YE CONGRESI NETA SAB CHAUR
HEIN.........
DESH ko to khaa gaye ab U.P ko khaana chahte hein.......
~ Aap padhe likhe hokar, Itna khuch khokar (10,000Rs, 6-7 Months ki mehnat aur Mentally disturbation )
fir bhi MERI MAYAWATI/MERA MULAYAM/ MERI CONGRES/MERI BJP........
ka raag alap rahe ho
YE KAHO YE NATA SAB CHAUR HAIN.......
Ye keval janta ko baant kar GANDI RAJNEETI karte hein......
INKO KISI KO BHI VOTE MAT DO.......
~IN SABSE to PRESIDEN T RULE achha option lag raha hei......
~Aage aap ki marji...
~Agar aap inko vote dete ho to aap bhi DOSHI ho DESH ko khaane/BARBAD karne mein......
THANKS.........
THIS is my last comment on this blog ....
GOOD BYE......
टीईटी : यूपी बोर्ड को कमान सौंपने को आतुर थे अफसर
ReplyDeleteFeb 10, 09:15 pm
बताएं
-तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने जतायी थी असहमति
-नियमों की भी की गई अनदेखी
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : सवालों के घेरे में आयी अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आयोजन का प्रस्ताव शासन कोपहले राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने भेजाथा लेकिन यूपी बोर्ड को यह जिम्मेदारी सौंपने में शासन के आला अधिकारियों ने भी आतुरता दिखायी। न सिर्फ तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र ने यूपी बोर्ड को टीईटी के आयोजन की बागडोर थमाने के प्रस्ताव पर असहमति जतायी थी बल्कि बोर्ड को यह जिम्मेदारी सौंपनेमें नियमों की भी अनदेखी की गई।
टीईटी के प्रारूप के बारे में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 11 फरवरी 2011 को राज्यों को दिशानिर्देश जारी किया था। यह दिशानिर्देश जारी होने के तकरीबन तीन महीने बाद तक यही माना जा रहा था कि उप्र में टीईटी का आयोजन बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन एससीईआरटी ही करायेगा। एनसीटीई के दिशानिर्देशों पर अमल करते हुए एससीईआरटी ने मई 2011 के पहले सप्ताह में उप्र अध्यापक पात्रता परीक्षा का प्रारूप तैयार कर उसके आयोजन का प्रस्ताव शासन को मंजूरी केलिए भेज भी दिया। विगत 12 मई को बेसिक शिक्षा मंत्री धर्म सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई विभाग की मासिकसमीक्षा बैठक में मंत्री और सचिव ने विभागीय अफसरों को बताया कि टीईटी केआयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी जाएगी। तर्क यह दिया गया कि एससीईआरटी के पास टीईटी के आयोजन के लिए न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न हीविशेषज्ञता।
चूंकि यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन हैं, इसलिए मई में ही सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार को पत्र लिखकर टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपे जानेके बारे में सहमति मांगी थी। अगस्त में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र ने यूपी बोर्ड को टीईटी के आयोजन का दायित्व सौंपे जाने के प्रस्ताव से असहमति जताते हुए संबंधित पत्रावली बेसिक शिक्षा विभाग को वापस भेज दी थी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री का तर्क था कि दिसंबर से यूपी बोर्ड की प्रायोगिक और मार्चसे मुख्य परीक्षाएं शुरू हो जाती हैं। इन परीक्षाओं में 50 लाख से अधिक परीक्षार्थी बैठेंगे। परीक्षा की तैयारी में काफी समय लगता है, इसलिए यूपी बोर्ड के लिए टीईटी का आयोजन करा पाना संभव नहीं है। इस पर शासन के रसूखदार अफसरों ने सितंबर केपहले हफ्ते में टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री से अनुमोदित करा लिया। सात सितंबर को इस संबंध में शासनादेश भी जारी हो गया।
गौरतलब यह भी है कि जब बेसिक शिक्षा विभाग ने टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपे जानेके बारे में माध्यमिक शिक्षा महकमे से सहमति मांगी थी तो उस पर शासन ने यूपी बोर्ड से अभिमत मांगा था। इस पर बोर्ड के सभापति और माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने शासन को पत्र लिखकर बताया था कि यदि शासन यूपी बोर्ड को टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपना चाहता है तो वह इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 कीधारा-9(4) के तहत बोर्ड को यह निर्देश दे सकता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि यूपी बोर्ड का कार्यक्षेत्र और उसके अधिकार इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 कीधारा-7 द्वारा निर्धारित किये गए हैं। धारा-7 में स्पष्ट कहा गया है कि बोर्ड को प्रदेश में सिर्फ हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित कराने, उनमें परीक्षार्थियों को प्रवेश देने, परीक्षाओं के प्रयोजन से संस्थाओं को मान्यता देने, पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तकें संस्तुत करने का ही अधिकार है। धारा-9(4) के तहत शासन को बोर्ड को तत्काल आदेश देने या कार्यवाही करने का अधिकार तो है लेकिन ऐसे आदेश अधिनियम के प्रावधानों से असंगत नहींहोने चाहिए। उनका कहना है कि बोर्ड को यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए अधिनियम में संशोधन करना चाहिए था जोकि नहीं हुआ।
Sare chor to yahi sampoornanand university me hi hain. Poore bharat me yahi university sabse gandi hai. Isme sanjay mohan ke baap baithe hain. Media paise khakar inki tarif kar raha hai.
ReplyDeleteYe us university ke chor log hai jiski v.btc me sabse jyada farji marksheet pakdi gayi hai. Aakhir university ki kyu?
ReplyDeleteIsliye tet pass morcha ye mang karta hai ki is UGC is university ki manyata radd kare.
Recently Supreme Court gives Judgment against General V.K Singh.
ReplyDeleteBut they don't know, to gain top position, what people have to do for their Political Masters under pressure.
Many Candidates are waiting to become General (Only One Post), And whoever best according to their Politcal Master will be selected.
Public is No-Where in Decision Making.
And Judges, whose decision is Good / matched with Government openion may become Governor, Vice President, President, MP of Rajya Sabha etc.
I am not against Judgement, But those persons who had not checked/verify his age as per form submitted, And after that not corrected this Mistakes are punished OR Not.
Why action has Not against Wrong Doers.
I myself felt flattery, bribe systems at so many places in India.
And it had done openly at many places, But where people will Go.
Corrupt persons not punished many times due to lack of evidence,
And honest people harassed by the system.
MUSKAN JI,
DeleteU really did a gud job but the problem of dis country is that people having important and responsible posts, have lost their sprit of servicing people though they r appointed for them only. Despite a public servant they assume themselves as a dictator. Poor public will never get justice until the spirit will not appear. U know teachers r called nation builder but afterall they r human being. They also need employment to live in. A hunger hermit never delivers a speech on ethics. First he try to fulfill his requirement. Same with these guys who completed their education according to procedure without indulging any forgery yet they r still in an endless queue. It is zenith of their patience. Now including me, they will never have been nation builder forever. Thanks
KEHNA BAHUT HI ASAAN HAI KYA YE SAB JYADA NHI HAI SAB AISE TREAT KARTE HAI JAISE SAB KE SAB NE PAISE DIYE HAI KUCH TO SAMAJ ME AAYE AAP LOG PAISE DENE WALE KA NAM PTA KARO BAKI UNHE KYO SAZA DETE HO JO ISKE HISSEDAR NHI ...AUR HA BLOG NHI AB SEEDHE KUCH KARNA HOGA BECAUZ YOU ARE GOING TO DECIDE YOUR FUTURE .............IS DESH ME JAB BHI KUCH ACCHA HUA HAI USE PURE JORE -SHORE SE KUCHLNE KI KOSIS KI GAYI HAI CHAHE JO BHI HO JAB TET SE MERIT BANANA TAY HUA TO YE EK NYA BAWAL HO GYA AUR IS PE BHI POLITICS SURU HO GYI AB AISA HI HOGA KUKI HAUM LOG YE BHOOL GYE KI SYSTEM USI KI SUNTA HAI JO BHED -BAKRI KI TARAH SE HAI AUR UNKO VOTE ME CONVERT KARTE HAI MAI KUCH QUESTION KARTA HU PLZ AAP LOG APNE VICHAR JARROR BATAYE AUR HA AAP APNE NETAO SE BHI POOCHE SAB SE POOCHE .....
ReplyDeleteQ.1----KYA SABHI BOARD KI MARKING SAME HAI.
Q.2----KYA SABHI BOARD EXAM SANDEH SE PARE HAI .
Q.3---KYA NAKAL BIHIN EXAM KABHI BHI SAMBHAV HUE HAI.
Q.4---KYA B.ED. ME SAB UNIVERSITY KI MARKING SAME HAI
HA AB AAP LOG KYA KARTE HAI AUR KYA NHI COURT KYA KARTA HAI YE BHI PTA NHI LEKIN EK BAAD YAAD RAKHNA HOGA AGAR KISI CHEEZ SE AAP KHUS NHI HAI TO USKO BADLNE KI SOCHO YA PHIR USE SAHO
YOU HAVE TWO CHOICE ....
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
Ye us university ke chor log hai jiski v.btc me sabse jyada farji marksheet pakdi gayi hai. Aakhir isi university ki marksheet farzi kyu?
ReplyDeleteIsliye tet pass morcha ye mang karta hai ki UGC is university ki manyata radd kare.
rah rah k jaag rahe hai sab kamino muh me kalikh poot k ganga me naha lo gadhaho yahi demand pahele kyo nahi kye
ReplyDeleteI felt - Anna Hazare's Demand of JanLokPal is very Good.
ReplyDeleteJudiciary, PMO (Prime Minister Office) etc. must come under JanLokPal.
So Many candidates are in India to fill these Posts. But Corrupt person Must expelled from System.
Honest people runing with Evidence and nobody listens.
Flattery, Bribery, Cheating - Who Stop All These.
What is the problem - Not to Approve JanLokPal,
Govt., Political parties should speak Openly to Public.
ye khamosh mijazi tumhe jine nai degi,
ReplyDeleteGar jina h shan se to qohram macha do
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ReplyDeleteabe tujhe b aur kuch nahi h kya.
DeleteKya ghanta kamai hogi isse.
Bhag dk.boss.dk
tet ranker wale maaf karana mera tet me 111 hai obc me lekin ab dhandhali ko lekar ummid ek dum khatm ais liye ab merrit honi chahiye merit,
ReplyDelete@ muskan ask these ques by your blog editorial and let you all know i am not a BED/BTC degree holder ..but i felt we all know abt these social issues......
ReplyDeleteटीईटी अभ्यर्थियों के फंसे 55 करोड़
ReplyDeleteFeb 10, 09:42 pm
बताएं
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के 55 करोड़ रुपये फंस गए हैं। ये पैसे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापकों के पदों के लिए लिए गए आवेदन शुल्क के हैं, जिन्हें विभाग को अभ्यर्थियों को वापस करने थे, पर अभी तक नहीं किए गए।
बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के पदों पर शिक्षक पात्रतापरीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन करने के लिए अधिकतम पांच जिलों में आवेदन करने की छूट दी गई। इस फैसले के खिलाफसरिता शुक्ला व अन्य ने हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर कर दी। अभ्यर्थियों का कहना था कि सभी जिलों में आवेदन करने की छूट दी जानी चाहिए। इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा 12 दिसंबर 2011 कोदिए गए आदेश में पांच जिलों से आवेदन की व्यवस्था को निरस्त कर दिया गया और कितने भी जिलों से आवेदन करने की छूट दे दी। हालांकि जब तक हाईकोर्ट का आदेश आया अधिकतर अभ्यर्थियों ने पांच जिलों में आवेदन कर दिया। आवेदनपत्र के साथ प्रत्येक जिले में 500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट लगाना था। इस तरह पांचों जिलों में आवेदन करने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी के 2500 रुपये खर्च हुए। हाईकोर्ट के आदेश केबाद अभ्यर्थियों से कहा गया था कि जो अभ्यर्थी सभी जिलों में आवेदन कर सकते हैं वे किसी एक जनपद के साथ लगाएगए डिमांड ड्राफ्ट की कॉपी लगाकर आवेदन कर सकते हैं। बाकी चार जिलों के आवेदन शुल्क अभ्यर्थियों को वापस कर दिए जाएंगे, पर अभी तक यह पैसे वापस नहीं हो पाए हैं। इधर, यह मामला हाईकोर्ट में चला गया और टीईटी चयन प्रक्रिया पर रोक लग गई। ऐसे में डायटों में भी काम ठप पड़ा है। अभी आवेदन पत्रों की छंटाई और डाटा फीडिंग का काम अधूरा है। ऐसे में प्रत्येक अभ्यर्थियों का दो-दो हजार रुपया कब और किस तरह वापस होगा इस पर संशय हैं। कोई विभागीय अधिकारी मामलेपर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। प्राथमिक स्तर में दो लाख 70 हजार सेअधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस तरह कुल अभ्यर्थियों का सरकार के पास लगभग 55 करोड़ रुपये अनायास ही पड़ा है। कब वापस होगा कुछ नहीं पता। टीईटी अभ्यर्थी पैसा डूबने की आशंका जता रहे हैं
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ReplyDeleteenglish fonta use karo dost
ReplyDeleteChahe Court ho Ya Kahin Aur,
ReplyDeleteGovernment / Sattadharee Kabhee Nahin Harte.
Citizen Charter / JanLokPal
jaisee baten Public ko Dena Bahut Muskil hai.
Aam Janta Kathputlee hai.
Who will Investigate against Your Boss. People live like slaves.
Pehle Jammendaree Prathaa thee, Jiske Unmoolan Ke Liye Log Sangarsh Karte The.
Aaj Contract Pratha Aa Gayee,
Regular Permanent Teacher Gets So Much Salary, And Contract Teachers gets so less , No Leaves Benefits
very gud musknji u use hindi.
DeleteI request u to that always use hindi in ur comments.
Kyoki hindi jaldi samajh me aati hai.
@muskan ji
ReplyDelete"kamayi ka naya funda"by-avinash gupta,abhishek
ye comments hai ya apne add ki permission di hai inhe...
Ye hame irritate kar rahe hai,plz inhe block kijiye...
Muskan ji aap bhi majak ke mood me hai. Neta hi bill pass karte hain aur ye janlokpall bill pass kar apne gale me phanda thode hi dalenge. Aapne anna aur ramdev ka hashra to dekh hi liya. Muskan ji isi desh aur society par aapko garv hai n. Garib, kisan aur aam janta roj dum tod rahe hain aur aatmhatya kar rahe hain.
ReplyDeleteye kaise officers hai jinhe ye nhi pta k vigyapan kon jari karega. ya tet up board conduct kara sakta h ya nhi.
ReplyDeletegalti in logo ne ki ghoos b khayi or paresan ho berojgar log.
Aakhir kab tak ye sab sahan kiya jayega.
PLZ SABHI SE APPEAL HAI K KOI B IS PROCESS ME HUI PARESANI KO SAHAN KARKE NA BAITHE.
ye kaise officers hai jinhe ye nhi pta k vigyapan kon jari karega. ya tet up board conduct kara sakta h ya nhi.
ReplyDeletegalti in logo ne ki ghoos b khayi or paresan ho berojgar log.
Aakhir kab tak ye sab sahan kiya jayega.
PLZ SABHI SE APPEAL HAI K KOI B IS PROCESS ME HUI PARESANI KO SAHAN KARKE NA BAITHE.
Mujhe Bhee Ye - Abhishek, Avinash Comments Irritate kartee hai.
ReplyDeleteLekin agar mein ek feature enable karoon to sab logon ko problem hogee,
Usmen Comment display hone se pehle Mera Approval jarooree hoga , Aur Aap Log Info fastly share nahin kar payenge.
Lekin ek naya fature aur hai , jisko muje test karne ke baad, Spam/Abusive users Permanently Block hone lagenge. Aur Google ke kiss bhee blog par comment nahin de paynge, and their repuation becomes very low on NET.
Abhee Google bhee Supreme Court ke decison ke baad nayee Privacy Policy lekar aa raha hai.
Muskan ji apka second option better hai,kyoki ham yahan is blog par latest info.ke liye hi aate hai,aur apke first opt.me wo possible nahi hoga...
ReplyDelete@MUSKAN ji
ReplyDeletemedia ne bhi hamari bhavanao ka majak banaya.jagran un logon ke bayan le raha hai jinke khilaf CBCID farji marksheets ke liye inquiry kar raha hai.wow jagran kitne pese liye iske?is media se ham kaya umeed lagaye?apka kaya wichar hai in media walo ke bare main.passed candidates be united.
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete@MUSKAN JI
ReplyDeleteplz tell ur views on the role of media in ill speaking against tet .
Pliticians pehle ye dekhenge kee - Jyada Vote kaise Mil Sakte Hain,
ReplyDeleteIsliye Koi Politician Khul Kar TET ka Support Kyon Kare.
Kisee Politician ne ye Nahin Kaha kee Sirf Doshion Ko Saja Do Aur TET Ko Nirast Mat Karo,
Balki Har Party kee Maang hai kee - TET Nirast ( BSP ko Chodkar, Usne bhee pata nahin TET ke Paksh mein Bola Kee Nahin) aur ham Satta mein aa kar naye sire se bhartee (Shayad apne logon ka)
karenge.
---------------
Aur Kitnee Political parties ne Annajee ke JanLokPal ka Sehyog kiya, ham log jante hee hain,
Apnee Gardan kon fansaye.
@naved sir,
ReplyDeletekya aap 'hinsa' me belive karte hai,agar ham padhe likhe log bhi hinsa par utar gaye to fir to koi bhi surachchit nahi rah payega...
Politicians pehle ye dekhenge kee (First the check) - Jyada Vote kaise Mil Sakte Hain, (Vo kuch nahin Bolenge)
ReplyDeleteIsliye Koi Politician Khul Kar TET ka Support Kyon Kare.
Kisee Politician ne ye Nahin Kaha kee Sirf Doshion Ko Saja Do Aur TET Ko Nirast Mat Karo,
Balki Har Party kee Maang hai kee - TET Nirast ( BSP ko Chodkar, Usne bhee pata nahin TET ke Paksh mein Bola Kee Nahin) aur ham Satta mein aa kar naye sire se bhartee (Shayad apne logon ka)
karenge.
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Aur Kitnee Political parties ne Annajee ke JanLokPal ka Sehyog kiya, ham log jante hee hain,
Apnee Gardan kon fansaye.
Tet pass candidate ki bhabnoyon ka majak udaya ja raha hai. Tet mein nakam nakalchee besharmee kar rahe hain. Gadhon Chullu bhar pani mein doob maro. Ant mein jeet such ki hogi jhooth ki nahi.
ReplyDeleteAgar BSP ne koi achha kam bhee kiya hoga, to Vipakshee partian ya nahin dekhengee,
ReplyDeleteKamiyan Dhoodengee aur apne ko sahee sabit karne kee jee tod koshish karengee.
Navedjee,
ReplyDeleteHave patience.
I felt he shows Only Anger.
He is very good person and gives superb comments.
I appreciate his efforts.
Thanks
~Muskan
Ye Sampurna Nand university wale kitne pak saf hain ye kya media ko pata nahi. Sabse jayada farzi marksheet yahi se bante hai. Inke khilaf case bhi chal raha hai. Is university ke students ko kise bhi exam ke liye ban kar dena chahiye. Govt ko ho sake to is university ke manyata hi radd kar dena chahiye. Ye TET ko nirast karne ki baat kar rahe hain, to is university ki bahut sari marksheet farzi paye gaye hain, aur bahut ghotale huye hai, to kyon na in students ke/university ke pichle 20 saal ke exam nirast kar diye jaye. Jo khud chor hain, unhe doosron par unglee uthane ka adhikar nahi.
ReplyDeleteJustice is highly expected to he honourable High Court. Plz do something for these honest candidate. u r the only authority to whom we can faith.........
ReplyDeleteGonda mein kal ek Tet pass candidate ne phansi laga lee hai. Sanjay mohan ki giraphtari ke baad woh sadme mein tha lekin paper mein Chapa hai ki miya bibi ka jaghda tha isliye pahansi laga lee hai. Doston Kuch Karte kyon nahi.
ReplyDelete@ .said ji
ReplyDelete(February 10, 2012 10:55 PM)
It is only a metaphor, simile (figure of speech) - alankaar(rupak,upma,atishyokti,etc)
@naved sir,
ReplyDeleteare sir agar aap aise upma/alankar denge to log josh me hosh kho baithenge
Gali gali chor hai
ReplyDeleteGali gali chor hai
Corruption
Corruption
Corruption ka shora hai
Choron ka zhora hai
Choron ka zhora hai
Choron ka dhora hai
Choron ka dhora hai
Choron se bandhi hui
Choron ki dhora hai
(Choron se bandhi hui
Choron ki zhora hai)
Gali gali chor hai
Gali gali chor hai
Corruption mein likhi hai
Saari kahani
(Corruption mein likhi hai
Saari kahani)
Bina ghus khori na
Bijli na pani
(Bina ghus khori na
Bijli na pani)
Dhisha koi bhi ho
Looteron ka zhora hai
(Dhisha koi bhi ho
Looteron ka zhora hai)
Gali gali chor hai
Gali gali chor hai
TET NIRSAT KARNE KA KOI KARAN NAHI HE. EXAM ME KOI DHANDHLI NAHI HE.JO KUCH HUA H SANSODHAN KE TIME ME HUA IS KARAN RECHECKING KARA LI JAY.AVEDKO KA PESA AUR TIME DONO BEKAR CHALA JAYEGA.ROZ KI MANSIK PARESHANI ALAG JHEL RAHE HE.
ReplyDeleteTET PASS EKTA ME HI H
JALDI HI COURT ME WRIT DALI JAY AUR APNE ANE WALE KAL KO SURKCHIT KIYA JAY KIYUOKI
"ABHI NAHI TO KABHI NAHI" MO.
9759299752
Tet nirast ki ct karne valon tum log kan ke andhe aur aankh ke bahqe ho tum lo degree ki dukan se degree kgareede ho. Tum log chillate rahoge kuch nahi hoga. Tumhara kalyan kahi nahi hoga.
ReplyDeleteAKY.tet pass conditate ko court me appeal dayar kana chahiye ki omr sheet ek bar phir chek ho taki sahi conditate ka future bach sake aur doshiyo ko saja mile. agar court nahi gaye to ye chor apni makasad me kamyab ho jayenge.
ReplyDeleteFaizabad mandal ki marksheet GGIC me 9 feb se 16 feb tak batengi 18 counter bane hain
ReplyDeletehaan lelo lelo
Deletewaise b agar ye election k result tak na mili to kabi nahi milegi.
Meerut mai uper primary tet markseat 13 february se milengi
ReplyDeleteab sampurnanand k gunde b bolne lage.
ReplyDeleteSaale tet pass nahi kar sake.
Kutte k bachche farji aur riswat ki marksheet par 90-95% marks prapt kar lete hai.
Suwar k bacho tumhara bolne ka muh nahi.
Ye univrsity fake hone wali hai.
Kai bar jyada samajdar hona hanikark hota hai
ReplyDeletekapil apni thap buddhi ka parichai dete hue court gya aur niradhar point par kamyabi uske charan choom rahi hai
hum log itne samjdar hai ki
ghar baithe hi ye bol rhe hai ki kis aadhar par court mai jaye, jaise hum kanoon ke prakand vidwan ho
muskan ji agar tet fail morcha hume hijda bolta hai to wo kisi point par hi bol rha hai
aaj bhi supreme court mai aise aise lawyer hai jo hari hui bazi jeet jate hai
lekin wo lawyer sare case nahi pakrte
unse request karni padti hai
aur fees bhi unki bahut mahangi hoti hai
tet ki omr sheets ko government ne seal karwa diya hai aur sabhi ye maan b rahe hain ki jo b dhandhli hui hai wo results me hui hai exam ki omr sheets ko dowara check karwa k naye result se match kiya jayega to paise dekar no badwane wale saamne aa hi jayenge. hum sabhi tet paas students ko court se yahi demand karni chihiye ki wo paper cancel na karwake sheets ki rechecking karwaye.
ReplyDeletejahan tak academic ki baat hai to har jagah marking ka alag haal hai hum log cbse walon ki to barabari b nahi kar sakte qki unka marking system bilkul alag hai academic me agar up board aur cbse board ki list alag alag nhi banti to academic wale b bahut sare candidate naukri se banchit ho jayenge.
friends kuch paane k liye kuch khona to padta hi hai. court k chhakkar kaatna aur lawyers ki fees dena koi chhoti baat nahi par agr hum sabhi tet paas candidates milkar contribution karenge to jarur kamyab honge. jab fail hue log itna kuch kar rahe hain to hume b milkar kuch karna chahiye kyunki ye problem kisi ek ki nahi hum sabhi ki hai. hum sabhi ko baribari se har ek jagah ek ya do din sunischit karke contribution karna chahiye taki hum jis maksad ko lekar chal rahe hain usme koi rukawat na aaye. agr aap is vichar se sahmat hain to krapya apne comments dein. thank you all
ReplyDeleteसाथियों मैं ये कहना चाह्ती हूं यदि टीईटी परीक्षा में शुचिता की कमी है तो यह किस बात की गारन्टी है कि सभी परीक्षायें जैसे हाईस्कूल ईन्टर मीडीयेट स्नातक में भ्रष्टाचार ना हुआ हो । समय गवाह है कि उत्तर प्रदेश ऐसी परीक्षाओं का केन्द्र विगत दस वर्श्रो से बन हुआ है । पूर्व की समाजवादी सरकार के इस प्रवृत्ति का खूब पोषण किया था अब अखिलेश जी कहते है कि टीईटी की परीक्षा खतम कर देगे जिससे उनके समय के अकदमिक मेरिट होल्डर ही नौकरी के पात्र हो सके। दूसरी तरफ़ पार्टी ने अपने घोषणापत्र मे साफ़ साफ़ शिक्षामित्र को ही नियमित करने को कहा है
ReplyDeleteदोस्तो इससे इन राजनैतिक दलों की मंशा साफ़ ज़ाहिर है ये बसिक शिक्षा परिषद से बी एड की नस्ल खतम कराना चाह्ते है कुछ समय तक शिक्षा मित्रों से काम चला कर प्राईवेट बी.टी.सी. कालेज से अपनी जेबें गर्म करेगे और अपने समय के नकलचियों का उध्धार भी करेगें
परन्तु दोस्तो यह प्रण करो कि हम ऐसा अन्नाय नही होने देगे चाहे इसके लिये हमको सडको पर आना पडे
9956203248