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Sunday, April 15, 2012

UPTET भद्दा मजाक (Article By - मनोज कुमार सिँह 'मयंक' )

भद्दा मजाक  (Article By - मनोज कुमार सिँह 'मयंक' )

Article related to UPTET (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test )
Published on Jagran Blog (Informed to me by Mr. Surypratap through email to publish this article)


अब तक परिस्थितियां बहुत ही बदल चुकी हैं|आज योग्यता पर संकट है और अयोग्यों ने सारे विधान को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं|न्यायपालिका का आश्रय लेकर टीइटी की वैधानिकता पर प्रश्न चिन्ह खड़े किये जा रहे हैं|मीडिया को भी बरगलाया जा रहा है और खेद का विषय है की मीडिया ने जिस तरह की नकारात्मकता इस परीक्षा को लेकर दर्शायी है उससे लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ से टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का मोहभंग होता जा रहा है|

”नहीं दरिद्र सम दुःख जग मांही” और ‘बुभुक्षितं कीं न करोति पापं” की तर्ज पर टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का एक बड़ा वर्ग आंदोलन की राह पकड़ने पर आमादा है|
कई सभाओं में खुलेआम आत्मदाह की धमकी दी जा रही है| आंदोलनकारी अभ्यर्थियों में से अधिकांश अंदर से निराश और टूटे हुए नजर आते हैं|यह तीव्र विप्लव का संकेत है, मैंने देखा है की अनेक ऐसे अभ्यर्थी हैं जो उच्च शिक्षा प्राप्त हैं और जिनके आने से वास्तव में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की संभावना है|

ख़बरों के मामले में जल्दबाजी के चक्कर में एक प्रतिष्टित समाचार पत्र ने अभ्यर्थियों के मन में जिस तरह के संशय का निर्माण किया है उसके लिए उस पर मानहानि का मुकदमा चलाया जाना चाहिए|

आज प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में १ लाख ९० हजार शिक्षकों की आवश्यकता है|मात्र इस वर्ष तकरीबन ८० हजार शिक्षक सेवामुक्त हो जायेंगे|इस तरह इस प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान कैसे चलेगा यह राम ही जाने|

उत्तर प्रदेश का शिक्षा विभाग याचिकाओं का दंश झेल रहा है|इनमे से कुछ याचिकाएं तो केवल प्रचार पाने के लिए अथवा दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर प्रक्रिया में जानबूझ कर अडंगा लगाने के उद्देश्य से दायर की गयी हैं और कुछ याचिकाएं ऐसी हैं जिनमे वास्तव में गंभीरतम समस्या परिलक्षित होती है किन्तु वे साक्ष्यों के अभाव में दम तोड़ देती हैं|

देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षा के अलग अलग मानदंडों का होना इसी तरह की एक समस्या है जिस पर किसी ने भी कभी भी गंभीर होकर विचार नहीं किया|उदहारण के लिए कई राज्यों में प्रशिक्षित स्नातक प्रवक्ता सामाजिक विज्ञान के लिए अभ्यर्थी के भूगोल,राजनीती शास्त्र,इतिहास और अर्थशास्त्रमें से किसी भी एक विषय के साथ स्नातक और शिक्षा स्नातक होने को मान्यता दी गयी है और कई राज्यों में इनमे से दो विषयों के साथ स्नातक को अर्ह माना गया है|क्या यह विसंगति नहीं है?

केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में अब बी.एड. डीग्री धारकों को अर्ह नहीं माना जा  रहा है,क्या २०१२ आते ही बी.एड. डीग्री धारक अयोग्य हो गए हैं?उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में टीइटी प्राप्तांको को ही चयन का आधार माना गया|इस पर अकादमिक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले किन्तु टीइटी परीक्षा में असफल लोगों का तर्क है की टीइटी प्राप्तांको को चयन का आधार मानना विधि का उल्लंघन है|
यह बात हमारी समझ में नहीं आती|विश्व के समस्त देशों में किसी भी सेवा के लिए चयन का आधार प्रतियोगी परीक्षाएं ही हुआ करती हैं|
क्या उत्तर प्रदेश की विधि संहिता इस नियम का अपवाद बनना चाहती है ? यदि हां, तो यह सरासर अन्याय है|चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से यह कहा गया था की वह सत्ता में आते ही टीइटी को निरस्त कर देगी|
उस समय वजह अनुत्तीर्ण छात्रों का मत पाना ही रहा होगा और इस तरह की लोक लुभावन चुनावी घोषणाओं के दम पर आज समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की राजनीती में सत्ता के शीर्ष पर है,किन्तु क्या ऐसा करना लोक कल्याणकारी होगा?कदापि नहीं|

कतिपय असफल विद्यार्थी इस परीक्षा में संजय मोहन द्वारा की गयीं धांधलियों के आधार पर इस परीक्षा को निरस्त किये जाने की मांग करने लगे हैं|
आज हालत यह हो गयी है की शिक्षा से नितांत असंबद्ध लोग भी युपीटीइटी को जानते हैं और उसमे तथाकथित घोटाले की चक्कलस में आसमान सर पर उठाये हुए हैं|
सच पूछिए तो इस परीक्षा में कोई धांधली हुई ही नहीं| वास्तविकता तो यह है की इतने बड़े पैमाने पर और इतनी सफल परीक्षा तो आज तक हुई ही नहीं|प्रत्येक अभ्यर्थी को उत्तर पुस्तिका के OMR शीट की कार्बन प्रतिलिपि साथ ले जाने को मिली ताकि अभ्यर्थी स्वतः और बाद में परिषद द्वारा जारी उत्तर कुंजी से अपने उत्तरों का मिलान कर स्वतः संतुष्ट हो सके अब इस पर भी यदि कोई यह कहे परीक्षा में धांधली हुई है तो फिर उसकी बुद्धि का भगवान ही मालिक है|

संजय मोहन ने जो कुछ भी किया परीक्षा के बाद माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में किया और सुनने में आ रहा है की इस आदेश का लाभ उठा कर कतिपय अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाये गए|
हालांकि मैंने स्वतः हजारों अभ्यर्थियों के अनुक्रमांक जांचे और किसी भी अभ्यर्थी के अनुक्रमांक में मुझे कोई भी अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को नहीं मिला|

अब प्रश्न यह उठता है की यह कैसी धांधली है जिसमे अंक बढ़ाने के लिए पैसे भी लिए जाएँ और दाता के अंकों में इजाफा भी न हो|
अनुत्तीर्ण छात्रों के पास इसका भी जवाब है, उनका कहना है की धांधली अत्यंत ही न्यून स्तर पर हुई है और किसी के मुताबिक ८०० तो किसी के मुताबिक १५० अभ्यर्थी लाभान्वित हुए हैं|
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है की परीक्षा में २ लाख ७० हजार अभ्यर्थी प्राथमिक स्तर पर सफल घोषित किये गए हैं और यदि कहीं कोई धांधली हुई है तो लाभार्थी इन दो लाख सत्तर हजार अभ्यर्थियों में से ही कोई होगा|
अब मजे की बात यह है की शासन के पास अभ्यर्थियों का उत्तर पत्रक और अभ्यर्थी के पास उसकी कार्बन कॉपी है…
कुछेक लोगों का कहना है की संजय मोहन के पास से ८०० अभ्यर्थियों की सूची भी बरामद हुई है और लाभार्थी यही है|
यदि इस बात में सत्यता है तो क्या परीक्षा निरस्त किये बिना उन ८०० अभ्यर्थियों  के  उत्तर पत्रक का पुनर्मूल्यांकन नहीं करवाया जा सकता?

क्या अखिलेश यादव वास्तव में बदले की राजनीती करते हुए इस परीक्षा को निरस्त करना चाहेंगे?
क्या अखिलेश यादव के चाहने मात्र से यह परीक्षा निरस्त की जा सकती है?
 क्या गारंटी है की अगली बार परीक्षा आयोजित किये जाने पर कोई धांधली नहीं होगी? 
अब इतनी बड़ी परीक्षा का पुनरायोजन कौन करवाएगा? 
क्या शिक्षा स्नातक अगली बार इस परीक्षा के लिए अर्ह होंगे?
 क्या उत्तर प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान का दारोमदार अप्रशिक्षित शिक्षा मित्र ही संभालेंगे ? 
क्या अगली बार यह परीक्षा अर्हता न होकर मात्र एक पात्रता परीक्षा ही होगी? क्या अगली परीक्षा के स्वरुप को लेकर अब कोई याचिका नहीं पड़ेगी? 
अगले सत्र में उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा क्या होगा?

फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और आगामी १६  अप्रेल  को इस पर सुनवाई होनी है किन्तु अभ्यर्थियों के धैर्य का बांध टूटने लगा है और यदि १६  अप्रेल   को कोई निर्णय नहीं आता है तो आगे क्या होगा यह कहना मुश्किल है|
मुझे तो यह लगता है की यह मुद्दा जनहित और सीधे सीधे रोजगार से जुडा होने के कारण आगामी सरकार के लिए लिटमस परिक्षण सरीखा है और 
यदि मामले का अभ्यर्थियों के हित में उचित हल न निकाला गया और पूर्व विज्ञप्ति के आधार पर शीघ्र ही नियुक्ति न की गयी तो तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है|


Article by - मनोज कुमार सिँह 'मयंक'

15 comments:

  1. Unke is article par mene jo comments padi vo is prkar hai :


    मित्रवर नमस्कार !
    आपने बहुत सुन्दर और समसामयिक लेख लिखा है ! बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो इस समय टी .इ .टी के माध्यम से शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं ! मेरी पत्नी भी इस आस में है ! मेरे यहाँ तो चलो मैं खुद घर चला लेता हूँ तो इतनी दिक्कत नहीं है लेकिन वो जो इसी के सहारे हैं , जिनका ये सपना है और जिन्हों ५-६ हज़ार रुपये भी खर्च कर दिए हैं जैसे तैसे उनके लिए बहुत ही मुश्किल वक़्त है ! शायद कुछ अच्छा हो , यही उम्मीद करी जा सकती है !

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    chaatak के द्वारा March 16, 2012
    उत्तर-प्रदेश की सरकार हमेशा से शिक्षा में राजनीतिक दखल इतना ज्यादा करती है कि इसमें विसंगतियां ख़त्म होने का नाम नहीं लेती| शिक्षा के साथ खिलवाड़ की शुरुआत मुलायम सिंह ने १९९१ में कर दी थी सिर्फ राजनीतिक हितों के साधने के लिए और तब से ये खेल अनवरत चलता चला आ रहा है| अब शिक्षको की भरती में भी खेल शुरू हो गया पहले परीक्षा दो फिर मुकदमा लड़ो फिर रिश्वत देकर नियुक्तियां कराओ| मित्र अभी तो अपने पहला चक्कर काटा है अभी तो लम्बे और झेलाऊ चक्कर बाकी हैं|
    टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की समस्याओं को मंच पर रखने का हार्दिक धन्यवाद!

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    santosh kumar के द्वारा March 14, 2012
    मनोज भाई,.सादर नमस्ते
    आपकी पीड़ा बहुत उचित है ,.मैंने भी सुना है कि यह परीक्षा बहुत अच्छे और पारदर्शी तरीके से हुई है ,.यदि संजय मोहन ने गडबडी की है तो उन आठ सौ परीक्षार्थिओं की जांच होनी चाहिए ,..सभी लायक युवाओं के भविष्य के साथ नौनिहालों के भविष्य के साथ खेलना निहायत ही गलत है ,.समाजवादी तो भार्तिओं में कमाई करने के लिए कुख्यात हैं ,.आशा करता हूँ कि ये कुछ समझदारी से काम लेते हुए स्थिति विस्फोटक बनने से पहले ही निराकरण करेंगे ,..हार्दिक शुभकामनाओ सहित

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  2. Unke article ka source :
    http://atharvavedamanoj.jagranjunction.com/2012/03/13/भद्दा-मजाक

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  3. Aap log naya chat box feature use karke dekheeye,

    Ye shayd aap logo ke leeye helpful hoga

    Mujhe feedback jarror deejeeye

    Thanks to all

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  4. is baat se main sahmat hun ki is exam ki tarah koie exam huwa hi nahi is liye sab isko radd karana chahte hain ki iske baad ab dhandhli ki ja sake

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  5. There is no doubt in every point and I am 100% agree with मनोज कुमार सिँह 'मयंक'.

    I am also requested to our CM kindly read this article very carefully (Akilash Yadav and Mulayam singh Yadav) than I think he will have some mind before taking any decision.


    Is lakh ko itna circulate karo or UP government kay email address par itna circulate karo ki yadi koi bhi isay pad lay to CM ko jajor pas karay.

    with love and regards

    Puneet Kumar

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  6. @Puneet ji,

    Is article mein SP Govt. kee virodh neeti bhee likhee hai,

    Sirf positive points le kar circulate hone chahiye

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  7. Prkria court mein 15 se 30 May tak chaltee rahegee,

    Uske baad to naya TET exam aane ke time ho jayega

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  8. DOSTO,

    ITNE DINO SE TETIONS 2011 JO TANAW JO AWSAD JHEL RAHE HAIN USE TO BAS HAM HI JAN JASKTE HAIN.

    MAYANK JI NE APNE BLOG ME IS BARE ME BAHUT KUCHH LIKHA HAI.

    LEKIN AB IS DRAMA KA ANT HONA CHAHIYE AKHIR HAMARA DOSH KYA HAI?

    KYA HANE TET DEKAR KOI GALTI KI?

    KYA HUMNE PRT KE LIYE APPLY KARNE ME GALTI KI?

    JAB HAMARI KOI GALTI NAHIN TO ISKI SAJA HUM KYON BHUHTEN?

    LEKIN SARKAR ISKI SAJA DEGI KYON?

    KYONKI SARKAR KO ISSE KOI MATLAB NAHIN KI AAP KITNA KAST JHEL CHUKE HAIN YA JHEL RAHE HAIN.

    VIGYAPAN KI TECHNICAL GALTI KI SAJA HAME MILEGI.

    SARKAR TET 2011+2012 KO MIX KARNA CHAHTI HAI.

    ACC MERIT BASIC SIKCHHA VIBHAG K ADHIKARION KE DIMAG KI UPAJ HAI.

    JISE WE FALTA HUA DEKHNA CHAHTE HAIN.

    SAKAR SABIT KARE KI TET MERIT SE ACADEMIC MERIT SAHI HAI.

    LEKIN EK KAHAWAT HAI- "ANDHE PEESEN KUTTE KHAYEN"

    BAS YAHI HO RAHA HAI.

    AAP SBHI LOG YADI KAM SE KAM 250 HI EK DISTT SE AA JAO TO 250*75=18750 LOG IKTHTHE HO JAOGE

    JAHA ITNA BADA HUJOOM HOGA ANDOLAN KI SAFALTA SUNISCHIT HAI.

    ISLIYE AAJ SE TAIYARI KAR LO AUR TET BACHAO.

    NARA DO -DO OR DIE LUCKNOW CHALO BHAI.

    "TEST IS BEST TET IS BEST"

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  9. Ab ya to sabhi galat tarike se pass logo ko bahar kiya jaye ya firse tet exam,lekin merit tet ki banegi to hi sahi hoga.

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  10. AJIT SHARMA (GORAKHPUR)
    Aap ne bilkul sahi kaha hai.Meri wife bhi (107)marks lekar kafi pareshan rahti hai UP TET ko lekar, roj Blog padhti hai aur tensionized ho jati hai.Kya hoga, kab hoga kaise hoga???????????
    Mai to kahta hun ki,KYON HAQ MANGTE HO GUNAHGAR BAN KER,HAQ CHHEEN LO HAQDAAR BAN KER.

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  11. Mayank ji aap sahi hai par Akhilesh ko kyo nahi samajh me aata lekin mera viswas hai ki hum jitege

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  12. Hello friends, u say right.govt ko jaldi hi dicision lena chahiye. jo bahut jaruri hi .hum sabke hit mi. thanks for all

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