मोदी सरकार में सरकारी कर्मचारियों के आएंगे बुरे दिन
Now, Central employees may have to work six days a weekमोदी सरकार ले सकती है नया फैसला
जल्दी ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के आराम भरे अच्छे दिन कामकाज वाले मेहनत के दिनों में बदल सकते हैं। राजीव गांधी सरकार का एक बड़ा फैसला बदलकर मोदी सरकार केंद्र सरकार के कार्यालयों में पांच दिन की जगह फिर छह दिन के काम का सप्ताह लागू करने पर विचार कर रही है।
मोदी सरकार के इस विचार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी सहमत है। संघ नेतृत्व मानता है कि राजीव गांधी ने यह व्यवस्था पश्चिमी देशों केमॉडल से प्रभावित होकर की थी, जिसे बदला जाना चाहिए।
यह जानकारी देने वाले सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सरकारी दफ्तरों के खुलने का समय सुबह साढ़े नौ बजे से बढ़ाकर दस बजे और बंद होने का समय शाम छह बजे से घटाकर साढ़े पांच बजे करने या शनिवार को आधा दिन का कार्यदिवस करने या महीने में पहला और तीसरा शनिवार पूरा अवकाश रखने के विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है। हालाकि इस व्यवस्था को बदलने में अभी कुछ वक्त लग सकता है।
मोदी ने मांगी अधिकारियों से सलाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों की सलाह मांगी है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि� प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी रोज सुबह आठ बजकर पचास मिनट पर कार्यालय पहुंच रहे हैं।
वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार के सभी अधिकारी और कर्मचारी इसी मुस्तैदी से काम करें। इसी सिलसिले में उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों और सलाहकारों से यह चर्चा की है कि क्यों न केंद्र सरकार के दफ्तरों को उसी तरह सप्ताह में छह दिन खोला जाए जैसे अधिसंख्य राज्य सरकारों के दफ्तर खुलते हैं या फिर पहले केंद्र सरकार के दफ्तर खुलते थे।
इससे सरकारी कामकाज में एक दिन और बढ़ जाएगा। जबकि अभी पांच दिन केसप्ताह की वजह से केंद्र सरकार केदफ्तर शनिवार और रविवार दो दिन बंद रहते हैं
राजीव गांधी के समय में लागू हुआ था नियम
गौरतलब है कि पहले केंद्र सरकार के दफ्तर छह दिन खुलते थे। लेकिन 1984 में जब राजीव गांधी चुनाव जीतकर आए तो उन्होंने यूरोप और अमेरिका की तर्ज पर भारत में भी केंद्र सरकार के दफ्तरों में सप्ताह में पांच दिन के कामकाज की व्यवस्था लागू की।
इसके लिए सरकारी दफ्तरों में सुबह दस की बजाय साढ़े नौ बजे कामकाज शुरु होने और शाम साढ़े पांच बजे की बजाय छह बजे काम बंद होने का समय कर दिया गया। इससे सप्ताह में काम के कुल घंटों पर फर्क नहीं पड़ा लेकिन कर्मचारियों को एक दिन की जगह सप्ताह में दो दिन का अवकाश मिलने लगा।
राजीव सरकार का तर्क था कि इससे कर्मचारियों की काम की क्षमता बढ़ेगी, क्योंकि एक दिन के साप्ताहिक अवकाश में कर्मचारी छह दिन के काम के बोझ से इतना थक जाते हैं कि अवकाश का दिन उनके आराम में निकल जाता है और वह अपने पारिवारिक व घरेलू काम के लिए समय नहीं निकाल पाते। तब दफ्तरों से गायब होकर निजी काम करने की प्रवृत्ति बढ़ती है
क्या चाहते हैं मोदी?
लेकिन इस व्यवस्था के खिलाफ तर्क यह है कि दफ्तर खुलने का समय सुबह 9.30 बजे होने के बावजूद आमतौर पर कर्मचारी सुबह दस बजे ही पहुंचते हैं और शाम को छह बजे से पहले ही दफ्तर से निकलने लगते हैं।
साथ ही शुक्रवार को दोपहर बाद से ही दफ्तर खाली होने लगते हैं और अगर शुक्रवार को कई सरकारी अवकाश हो गया तो गुरुवार से ही दफ्तरों के ज्यादातर कर्मचारी आकस्मिक अवकाश लेकर तीन चार दिनों के लिए बाहर निकल जाते हैं।
ऐसे में कई बार सप्ताह में सिर्फ दो या तीन दिन ही काम हो पाता है। इसलिए पांच दिन का सप्ताह होने से कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढऩे और सरकारी काम जल्दी निबटने की बजाय काम लंबित रहने की प्रवृत्ति ज्यादा बढ़ गई है।
मोदी चाहते हैं कि केंद्र सरकार के कामकाज में चुस्ती लाने और क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ व्यवस्थागत परिवर्तन जरूरी हैं। इनमें से एक सप्ताह के कार्यदिवस बढ़ाने का भी सुझाव है।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (01.06.2014)
It is certainly not so good news for the Central government employees as Prime Minister Narendra Modi is contemplating to revert to the six-days-a-week work culture.
Till now the employees were just working for five days a week ever since late Prime Minister Rajiv Gandhi reduced the number of working days to five days a week at the Centre in 1984.
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It is certainly not so good news for the Central government employees as Prime Minister Narendra Modi is contemplating to revert to the six-days-a-week work culture.Till now the employees were just working for five days a week ever since late Prime Minister Rajiv Gandhi reduced the number of working days to five days a week at the Centre in 1984.
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Till now the employees were just working for five days a week ever since late Prime Minister Rajiv Gandhi reduced the number of working days to five days a week at the Centre in 1984.
Modi, it seems, has decided to reverse the order and now employees may have to work for six days in a week.
The decision has also got the backing of the RSS as they believe that this approach was inspired from the Western culture and should be changed.
The PM has sought suggestions from his officers regarding this.