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सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Wednesday, September 3, 2014
72825 Teacher Training Government Order (G.O) Released , 6 Month Training शासनादेश जारी
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31 comments:
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;;;;;;;;;;;;;Good Afternoon ;;;;;;;;;;
ReplyDelete;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;All My;;;;;;;;;;;;;;;;;
;;;;;;;;;;;;;;;;;;Friend's;;;;;;;;;;;;;;;;;
;;;;;;;;Happy Teacher Day;;;;;;;;;;;;;;;;;
"गुरु ब्रह्मा,गुरुर्विष्णु,गुरुर्देवो महेश्वरः।
ReplyDeleteगुरुः साक्षात परब्रह्म, तस्मैः श्री गुरुवेः नमः।"
आप सभी को गुरु उत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं
मेरा जीवन कोरा काग़ज़, कोरा ही रह गया !!!
ReplyDelete.
किस्मत मेँ लिखा था सरकारी शिक्षक बनना,
प्राइवेट भी न रह गया....।
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शिक्षक दिवस की पूर्व सन्ध्या पर हार्दिक शुभकामनाएँ ।।
Dhyan de ..merit kitni jayegi iska answer to kewal bhagwan ko pta hai..atah hmse merit ke bare me na pu6e kyuki mai v khud merit ke bare me ku6 andaza nai lga skta..har koi tetian chahe wo 100 mark wala ho ya 120 wala ,sbhi 1st counseling ki merit dekh kar dare hai.?
ReplyDeletejo v hoga dekha jayega..par itna to tay hai female ki merit male se 5 ya 7 mark down rahegi..jbki science aur art ki lgbhag barabar ..kahi kahi science ki merit jyada ho skti hai..
ReplyDeleteFilhal jrt counseling ka science walo ko koi labh milta nai dikh rha..kyuki jrt se dacument niklwane ka silsila jari hai?
ReplyDeleteFilhal agar mere kahne matra se sbka ho jay to bhagwan kare mai kahta hu merit 92 aa jay..
kyonki 91 par ek hero wait kar raha hai... KAPIL DEV wo bhi YADAV
thanx
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ReplyDelete.
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उसको रब से इतनी बार माँगा है,
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो,
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
सत्र 2007-08 के बी.एड डिग्री धारको के ध्यानार्थ
ReplyDeleteदिनांक 10 दिसम्बर 2007 को जारी एन सी टी ई द्वारा जारी मान्यता/ मान - दंड एवं क्रिया विनियम 2007 के अनुसार बी.एड की पात्रता में न्यूनतम योग्यता स्नातक 45% अथवा परास्नातक निर्धारित की गयी है (पेज २६-३२ का अवलोकन करें)
कई स्थानो से मिली सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश बी.ऎड प्रवेश परीक्षा सत्र 2007-08 में काउंसलिन्ग कुछ बैच में 50% स्नातक/परास्नातक के आधार पर कराई गयी अन्य अभ्यर्थियों को तत्पश्चात उपरोक्त नियमानुसार प्रवेश दिया गया ऐसी स्थिति में बेसिक शिक्षा परिषद को 72825 की भर्ती में सत्र 2007-08 को शामिल करना ही पडेगा अन्यथा की स्थिति में नागरिकों के समानता के अधिकार का हनन है ।
आप कतई परेशान न हो हम सब आप के साथ है ...
दोस्तों एक मजेदार प्रश्न...
ReplyDelete72825 भर्ती में
HL to HL
का क्या मतलब है ?
लडकों के साथ हमेशा अन्याय क्युं भाई........
ReplyDelete.
1. अगर लड़की ज्यादा बात करे -
कितनी मीठी बातें करती है.
अगर लडकें करें - कितना दिमाग खाता है
.
2. अगर लड़की लम्बी हो - क्या हाइट है
मॉडल जैसी
अगर लड़का लम्बा होतो - क्या बांस
टाइप दिखता है बे
.
3. अगर लड़की को पसीना आये -
क्या अच्छी लगती है यार गर्मी में
अगर लड़का हो तो - जा बे साले दलिद्दर
नहा के आ
.
4. अगर लड़की के नाख़ून लम्बे होतो -
क्या खूबसूरत नाखून है
अगर लड़के के होंतो - साले इनसे
मिटटी खोदता है क्या. .
.
5. अगर
लड़की की उंगलियाँ लम्बी हो तो -
तुम्हारे हाथ कितने खूबसूरत हैं.
अगर लड़का होतो -
क्या चिम्पांजी टाइप हाथ है बे
.
और अंत में-
.
6. अगर लड़की की आँखे बड़ी होंतो -
मृगनयनी
अगर लड़के के होतो - साले ये आखें है या बटन.....
पदचिन्हों के पीछे-पीछे,
ReplyDeleteआजीवन चलता जाऊँगा |
जो राह दिखाई है तुमने ,
मैं औरों को दिखलाऊंगा ||
सूखी डाली को हरियाली ,
बेजान को जीवनदान दिया |
काले अंधियारे जीवन को ,
सौ सूरज से धनवान किया ||
परोपकार, भाईचारा,
मानवता, हमको सिखलाई |
सच्चाई की है दी मिसाल ,
है सहानुभूति क्या दिखलाई ||
कान पकड़ उठक- बैठक ,
थी छड़ियों की बरसात हुयी |
समझ न पाया उस क्षण मैं, अनुशासन की शुरुआत
हुयी ||
मुखमंडल पर अंगार कभी ,
आँखों में निश्छल प्यार कभी|
अंतर में माँ की ममता थी,
सोनार कभी, लोहार कभी ||
जीवन को चलते रहना है ,
लौ इसकी झिलमिल जलती है |
जीवन के हर चौराहे पर, बस
कमी तुम्हारी खलती है ||
जीवन की कठिन-सी राहों पर,
आशीष तुम्हारा चाहूँगा|
जो राह दिखाई है तुमने,
मैं औरों को दिखलाऊंगा
HAPPY TEACHERS DAY.....
सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय सामाजिक संस्कृति सेओतप्रोत एक प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक,उत्कृष्ट वक्ता और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे।वे स्वतन्त्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। इससे पूर्व वेउपराष्ट्रपति भी रहे। राजनीति में आने से पूर्व उन्होंनेअपने जीवन के महत्वपूर्ण ४० वर्ष शिक्षक के रूप मेंव्यतीत किये थे। उनमें एक आदर्श शिक्षक के सारे गुणमौजूद थे। उन्होंने अपना जन्म दिन अपने व्यक्तिगतनाम से नहीं अपितु सम्पूर्ण शिक्षकबिरादरी को सम्मानित किये जाने के उद्देश्य से शिक्षकदिवस के रूप में मनाने की इच्छा व्यक्त की थी जिसकेपरिणामस्वरूप आज भी सारे देश में उनका जन्म दिन (5सितम्बर) को प्रति वर्ष शिक्षक दिवस के नाम सेही मनाया जाता है।
ReplyDeleteडॉ० राधाकृष्णन समस्त विश्व को एक शिक्षालयमानते थे। उनकी मान्यता थी कि शिक्षा केद्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोगकिया जाना सम्भव है। इसीलिए समस्त विश्व को एकइकाई समझकर ही शिक्षा का प्रबन्धनकिया जाना चाहिये। एक बार ब्रिटेन केएडिनबरा विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए उन्होंनेकहा था कि मानव की जाति एक होनी चाहिये। मानवइतिहास का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव जाति की मुक्ति है।यह तभी सम्भव है जब समस्तदेशों की नीतियों का आधार विश्व-शान्ति की स्थापना का प्रयत्न करना हो। वेअपनी बुद्धिमतापूर्ण व्याख्याओं,आनन्ददायी अभिव्यक्तियों और हँसाने व गुदगुदानेवाली कहानियों से अपने छात्रों को मन्त्रमुग्ध करदिया करते थे। वे छात्रों को प्रेरित करते थे कि वे उच्चनैतिक मूल्यों को अपने आचरण में उतारें। वे जिस विषयको पढ़ाते थे, पढ़ाने के पहले स्वयंउसका अच्छा अध्ययन करते थे। दर्शन जैसे गम्भीरविषय को भी वे अपनी शैली की नवीनता से सरल औररोचक बना देते थे।
ReplyDeleteशिक्षा के क्षेत्र में डॉ. राधाकृष्णन ने जो अमूल्ययोगदान दिया वह निश्चय ही अविस्मरणीय रहेगा। वेबहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। यद्यपि वे एक जाने-मानेविद्वान, शिक्षक, वक्ता, प्रशासक, राजनयिक,देशभक्त और शिक्षा शास्त्री थे, तथापि अपने जीवनके उत्तरार्द्ध में अनेक उच्च पदों पर काम करते हुएभी वे शिक्षा के क्षेत्र में सतत योगदान करते रहे।उनकी मान्यता थी कि यदि सही तरीके सेशिक्षा दी जाये तो समाज की अनेकबुराइयों को मिटाया जा सकता है।डॉ० राधाकृष्णन कहा करते थे कि मात्रजानकारियाँ देना शिक्षा नहीं है।यद्यपि जानकारी का अपना महत्व है और आधुनिकयुग में तकनीक की जानकारी महत्वपूर्ण भी हैतथापि व्यक्ति के बौद्धिक झुकाव औरउसकी लोकतान्त्रिक भावना का भी बड़ा महत्व है। येबातें व्यक्ति को एक उत्तरदायी नागरिक बनाती हैं।शिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पणकी भावना और निरन्तर सीखते रहने की प्रवृत्ति। यहएक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति को ज्ञान औरकौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन मेंउपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है। करुणा, प्रेमऔर श्रेष्ठ परम्पराओं का विकास भी शिक्षा केउद्देश्य हैं।वे कहते थे कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पितऔर प्रतिबद्ध नहीं होता और शिक्षा को एक मिशननहीं मानता तब तकअच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती।उन्होंने अनेक वर्षोँ तक अध्यापन किया। एक आदर्शशिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे।उनका कहना था कि शिक्षकउन्हीं लोगों को बनाया जाना चाहिये जो सबसे अधिकबुद्धिमान हों। शिक्षक को मात्र अच्छी तरह अध्यापनकरके ही सन्तुष्ट नहीं हो जाना चाहिये अपितु उसेअपने छात्रों का स्नेह और आदर भी अर्जितकरना चाहिये। सम्मान शिक्षक होने भर सेनहीं मिलता, उसे अर्जित करना पड़ता है।
ReplyDeleteक्या हुआ ...अरे भाई क्या ...हुआ ..........
ReplyDelete............................................
सर्दी खाशी न मलेरिया हुआ ......
भैया जूनियर में stay देने में जज साहब को २ मिनट भी नहीं लगे
में उनसे पूछना चाहता हूँ की पूरी असैंवधानिक भर्ती मतलब शिक्षामित्रों का समायोजन ...
को रद्द करने में इतना समय क्यों लिया जा रहा है ......कम से कम stay ही दे देते ...
जूनियर पर stay देने में तो पहलवान थे साहब अब क्या हुआ ..
वाह रे न्यायपालिका ...की जय हो........
सभी वर्त्तमान शिक्षको व भावी शिक्षको को शिक्षक दिवस की ढेरो बधाईयाँ| एक शिक्षक समाज और देश का निर्माता होता हैं| इसके हाथो में देश का भविष्य होता हैं| शिक्षक का समाज में आदरणीय व सम्माननीय स्थान होता है। किताबो में छुपे खजाने को पाने का तरीका सिखाता हैं शिक्षक|
ReplyDelete.
आदर्शों की मिसाल बनकर
बाल जीवन संवारता शिक्षक,
सदाबहार फूल-सा खिलकर
महकता और महकाता शिक्षक,
नित नए प्रेरक आयाम लेकर
हर पल भव्य बनाता शिक्षक,
संचित ज्ञान का धन हमें देकर
खुशियां खूब मनाता शिक्षक,
पाप व लालच से डरने की
धर्मीय सीख सिखाता शिक्षक,
देश के लिए मर मिटने की
बलिदानी राह दिखाता शिक्षक,
प्रकाशपुंज का आधार बनकर
कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक,
प्रेम सरिता की बनकर धारा
नैया पार लगाता शिक्षक।
- तरुणा खुराना
दुनिया में सबसे बड़ी फ़ौज सोवियत संघ के पास थी ,जिसका खर्चा वह भारत जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार बेच कर उठाता था ,परन्तु जब अमेरिका और फ़्रांस उससे बहुत कम कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत का बाजार टूट गया और ९० के दसक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में असमर्थ हो गया परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी इस प्रकार सोवियत संघ का पतन हो गया .चीन के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है .लगभग रोज चीन भारतीय सीमा में घुस आता है, परन्तु वह बियात्नाम युद्ध के बाद इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई लड़ सके, यदि चीन को बिना एक गोली चलाये सबक सिखाना है तो सबसे अच्छा तरीका यही है की हर भारतीय चीनी सामानों का बहिस्कार करे, क्योकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत है ,कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छीन जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.मै हर भारतीय से अनुरोध करता हु की वह चीनी सामान लेना बंद कर दे...!!
ReplyDeleteक्या दूँ तुमको गुरु दक्षिणा,
ReplyDeleteमन ही मन ये सोचूं, ।
चुका ना सकूंगा क़र्ज़ तुम्हारा,
अगर जीवन भी अपना दे दूँ।
शिक्षक दिवस की शुभ कामनायें!
"शिक्षक दिवस की हादिॅक शुभकामनाएँ "
ReplyDelete"५सितम्बर"
डा०सर्वपल्ली राधा कृष्णन की कहानी ...
डा॰राधा कृष्णन का बचपन -
साधारण बच्चों की तरह न था । बचपन से ही उनकी बुद्धि बड़ी तीव्र थी . इनके दिमाग में ऐसी बातें आती थीं कि सुनने वाला आश्चर्य में पड़ जाए।
इनके बाल्यवस्था की एक घटना तुम्हें बताती हूँ ---
यह घटना उन दिनों की है जब वे मद्रास के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ते थे ।उनके ईसाई अध्यापक बहुत ही संकीर्ण विचारों के थे । एक दिन वे पढ़ते -पढ़ाते बोले -हिन्दू धर्म अंधविश्वास और रुढ़िवादी विचारों पर टिका है ।
बालक राधा कृष्णन निधड़क होकर बोले -सर क्या ईसाई धर्म दूसरे धर्मों की बुराई करने में विशवास करता है । अध्यापक कब हार मानने वाले थे । वे तपाक से बोले -हिन्दू धर्म भी तो दूसरे धर्म का सम्मान नहीं करता !
-सर यह एकदम गलत है । गीत़ा में भगवान् कृष्ण ने कहा है कि पूजा के अनेक मार्ग हैं । हर मार्ग का एक ही लक्ष्य है -समानता ,एकता व प्रेम । क्या इस भावना में सब धर्मों को स्थान नहीं मिलता !एक सच्चा धार्मिक ब्यक्ति वही है जो सभी धर्मों का आदर करे और उनकी अच्छी बातों को अपनाए।
अध्यापक एक बालक के मुंह से इतनी गंभीर बातें सुनकर हैरान थे .।
अपने देश अपनी संस्कृति को प्यार करनेवाला यही बालक बड़ा होकर ---
सर्व पल्ली डा. राधा कृष्णन कहलाये और सन 1952 मेँ भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति चुने गए और देश की सेवा करते हुए विश्व में अपने यश का झंडा गाड़ दिया ।
भारत के प्रथम प्रधान मंत्री प . जवाहर लाल नेहरू
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डा राधा कृष्णन
वे स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी मनोनीत किये गए (1962-1967)।भारतीय इतने योग्य व शिक्षित राष्ट्रीय कर्णधार को पाकर धन्य हो उठे ।
डा० राधाकृष्णन अपने अंगरक्षकों व विशिष्ट नेताओं के साथ
वे जब राष्ट्रपति बने तो उनके कुछ छात्रों और मित्रों ने प्रार्थना कि उनके जन्मदिन 5 सितंबर को मनाने की इजाजत दी जाए ।
-मेरा जन्मदिन मनाने की बजाय 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप मेँ मनाया जाय तो मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा । वे बोले ।
बस तभी से ------
शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा । वे एक आदर्श शिक्षक थे . उनका विशवास था कि नई पीढी देश को संभालेगी और उसका मार्ग दर्शन करना शिक्षकों के हाथ में है। दोनों का एक दूसरे को समझना बहुत आवश्यक है .।
शिक्षा मित्रों का केस आज नहीं सुना गया ,
ReplyDeleteआज पी.आई.एल सुनी जाएँगी बस |
अब नेक्स्ट टाइम १००% शिक्षा मित्रों का केस उठेगा |
धन्यवाद
ममता बनर्जी भी उमर अब्दुल्ला की राह पर
ReplyDeleteपश्चिम बंगाल स्कुलो में भी मोदी जी का भाषण नहीं दिखेगा
गिरीराजसिंह गलत नहीं थे,पा______ भेजो सबको ।
लेकिन मेरा एक सुजाव है
youtube पर nrendra modi नाम का चेन्नल है आप उस पर live देख सकते है
जानिए आखिर राहुल गाँधी को क्यों कहा जाता है 'पप्पू'
ReplyDeleteआज राहुल गाँधी ने कहा कि 'यूपी में बिजली के लिए हाहाकार मचा है और मोदी जापान में ड्रम पीट रहे हैं'। राहुल गाँधी को इतना भी नहीं पता कि यूपी की जनता को बिजली नहीं मिल रही है, इसके लिए उन्हें राज्य की आलोचना करनी चाहिए या केंद्र की। अगर केंद्र की ही भूमिका होती है तो पिछले दस साल तक बिजली न देने के लिए राहुल गाँधी को यूपी की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।
एक बात में साफ़ साफ़ बता दूँ चाहे गर्दन मेरी कटे या किसी की भी , भर्ती नियम से होने दो वर्ना दुश्मन घात लगाये बैठा है |
ReplyDeleteअगर नियमों के विरुद्ध गए तो वैसे आपको इस बार दुशमनो की भी जरुरत नहीं पड़ेगी
Hindi feature film- uptet
ReplyDeleteFilm ka nam - uptet
Lekhak - kapil sibbal
Nirmata- mayawti
Nidesak -Rangnath mishra
Shayak nidesak - sanjay mohan
Geetkar - Prabha tripathi
Sangeetkar - Anil sant
Mukhya kalakar- sarita shukla, yadav kapil dev,V.K.Agrawal,Arun tandan, V.k. Shukla,Akhilesh tripathi, Akhilesh yadav,Ram govind chaudhary,O.p sharma, Ashok khare, Sidharth khare,Ratnesh pal.
Sahayak kalakar-v.btc2010, btc,sikshamitra, Tet pass Tet fail, b.ed apperaing,b.ed appeared.
Film ka sarans - vaise to ye film 13 nov. 2011 ko release ho gyi thi bt aupcharik rup se 30-11-11 ko bazar me aayi kuchh khamiyo ke chlte sansor board ne iss pr rok lga di, kintu release hone ke15 din ke ander box office me super hit ho gyi aur karib 100 caror ka munafa kmaya.....sansor board se parit hone me kareeb 1 year ka samay lg gya aur punh nirdesan ka karya nav nirmata Akhilesh yadav ne kiya aur punh release hui 07-12-12 ko, film release hote hi super duper hit ho gyi !!!!! aur box office per bissnus hua hua 450 caror.......wah re up sarkar......lal topi walo.....
Tmntbbn bhai aap ke vichar achchhe aur preranatmak hai,tatha naitiktapoorn hai.mai aapko dhanywad karta hoon.
ReplyDeleteमेरे प्यारे सनातनी मित्रों एक दिल चीर देने वाली खुशखबरी खोजकर लाया हूँ आप सब केलिए जिसे सुनकर आप सबकी छाती भी मेरी तरह 560 इंच की हो जाएगी Nasa वालों ने सार्वजनिक तौर पर यह सिद्ध कर दिया है मान लिया है की आज का परमाणु बम महाभारत काल के "ब्रह्माश्त्र" का ही दूसरा रूप है और हमारे भारत भूमि की संतानें ही सबके पूर्वज हैं और हमारे पूर्वज सबसे अधिक बुद्धिमान थें जी हाँ! Nasa एवं Worlds Historical Evidence की टीम ने अपने खोज में अह सिद्ध कर दिया की "ब्रह्माश्त्र" ही आज का परमाणु बम है और आज के जितने भी आधुनिक हथियार हैं वो हज़ारो वर्ष पहले महाभारत के युद्ध में प्रयोग किये जा चुके हैं मोहंजोदारो की दुबारा खुदाई में नासा की टीम को वहाँ 5300 वर्ष पुराने परमाणु हथियारों के अंश मिले हैं उन्होंने यह भी माना की "सनातन धर्म" हिन्दू भारतीय ही सबके पूर्वज हैं सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है की इसे नासा और UNESCO की टीम ने हज़ारों वैज्ञानिकों के सामने खुक्लर प्रेजेंट किया नासा एवं WHE के संयुक्त मुख्य अधिकारी 'डॉ विल्लिंस' मोर्गे ने कहा- "मुझे पता है की हमे जो तथ्य मिले हैं वो काफी चौकाने वाले हैं परन्तु यह जानकार हमे बहुत ख़ुशी हुई की हमारे पूर्वज जो भारत भूमि के थें वो हमसे काफी बुद्धिमान थें मोहंजोदारो की खुदाई में मिले तथ्य अवाक कर देने वालें हैं की जिन चीजों का अविष्कार करके आज हम इतना गर्व महसूस करते हैं और खुद को इंटेलीजेंट कहते हैं उन सबका उपयोग भारत के लोग खिलौनों की तरह करते थें महाभारत एक ज्वलंत उदाहरण है की भारतीय ही हमारे पूर्वज थें" और सबसे ख़ुशी की बात की इसे एक अंतर्राष्ट्रीय टीवी चैनल पर भी दिखाया गया है।
ReplyDeleteTHANKS ...........
ReplyDeleteSHAILENDRA.......................G
शिक्षा मित्र कोर्ट की हियरिंग ना होने की ऐसे खुशी मनाते हैं जैसे बकरे की अम्मा चाँद ना निकलने के कारण ईद ना मनाने की ख़ुशी मनातीं हैं .......
ReplyDeleteपर आज नहीं तो कल चाँद भी निकलेगा , ईद भी मनेगी और बकरा भी कटेगा
शिक्षा जैसे महत्ब्पूर्ण मुद्दे पर टेट में छूट मिलना बहुत मुस्किल है क्यूँ की मुद्दा बच्चों के भविष्य से जुड़ा है !!
प्रथम काउन्सलिंग करा चुके अभ्यर्थियो के नाम द्वितीय काउन्सलिंग में नही होगें।
ReplyDeleteTmntbbn sir aapka q tha
ReplyDeleteH.l vs hl
Mai btata hu iska matlab
First h.l means h.l.dattu supreme court judge
Second h.l.
Hira lal gupta
hi
ReplyDelete