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Friday, September 5, 2014

Teachers Day : PM Modi Speech to Children

टीचर्स डे: पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
 Teachers Day : PM Modi Speech to Children 
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मोदी सर की क्लास' से पहले क्या बोले बच्चे ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीचर्स डे के मौके पर आज देशभर के स्कूली बच्चों को संबोध‍ित किया. पीएम का यह भाषण करीब 18 लाख स्कूलों में लाइव दिखाया गया. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्‍कूली बच्‍चों को संबोधित किया.
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि बच्चों के बीच भाषण सौभाग्य की बात है. श‍िक्षक के महत्व को समझे बिना बदलाव संभव नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि आख‍िर क्या वजह है कि अध‍िकतर लोग टीचर नहीं बनना चाहते?


इस अवसर पर लाखों विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि...

* स्कूलों में रोजगार परक शिक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
हमारे पास डिग्री के साथ हुनर भी होना चाहिए। बच्चों को भी स्किल डेवलपमेंट का अवसर मिलना चाहिए। स्किल डेवलपमेंट किसी भी देश और व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। जहां भी जिस तरह का काम है, वहां के युवकों को उसी तरह का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपने गांव के निकट ही काम मिल जाएगा। ऐसा होगा तो रोजगार बढ़ेंगे और देश का आर्थिक विकास भी होगा। हम ने स्किल डेवलपमेंट के लिए अलग से मंत्रालय बनाया है।

* आपकी हमसे क्या अपेक्षाएं हैं और हम आपके लिए क्या कर सकते हैं?
मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में ऊर्जा संकट है। बच्चे बिजली बचाने का काम कर सकते हैं। क्लास खत्म होने के बाद हम ध्यान रखें कि बिजली बंद हुई है या नहीं। हम बंद करें। हम छोटी छोटी चीजें समझकर पानी और बिजली बचा सकते हैं। सब मिलकर हम थोड़ा थोड़ा करेंगे तो बूंद बूंद से सागर भर जाएगा।

* लड़कियों की शिक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
हम चाहते हैं कि बालिकाओं के लिए निकटतम स्कूल मिले और उन्हें स्तरीय शिक्षा मिले। हम इसके लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं।

* काम का दबाव कैसे नियंत्रित करते हैं?
मोदी ने कहा कि राजनीति को प्रोफेशन नहीं मानना चाहिए। इसे एक सेवा के रूप में स्वीकार करना चाहिए। सेवा का भाव तब जगता है, तब अपनापन होता है। अपनापन नहीं होता तो सेवा का भाव नहीं जग सकता। 125 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। इनके लिए काम करते हुए मुझे कभी थकान महसूस नहीं होता। मुझे और ज्यादा काम करने के लिए प्रेरणा मिलती है। अपनापन लंबे समय तक चलता है। पद तो आते जाते रहते हैं।

* मुख्‍यमंत्री रहते हुए आपने 'गुजरात पढ़ो' अभियान शुरू किया था, क्या राष्ट्रीय स्तर पर भी आपकी कोई योजना है?
इस सवाल पर मोदी ने कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम तो नहीं, लेकिन मैंने डिजिटल इंडिया का काम शुरू किया है। मैं चाहता लोग तकनीक और विज्ञान से जुड़ें। मैं डिजिटल इंडिया का सपना लेकर चल रहा हूं। हर भाषा में डिजिटल इंडिया का सपना पूरा होना चाहिए। व्यक्ति को पढ़ने की आदत होती चाहिए। मेरी अब किताब पढ़ने की आदत छूट गई है, अब मैं फाइलें पढ़ता हूं।

* पर्यावरण की रक्षा कैसे करें?
इस सवाल के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम बदल गए हैं, हमारी आदतें बदल गई हैं। हमने पूरे पर्यावरण का नुकसान किया है। हम बदल जाएं तो संतुलन तुरंत हो जाता है। मनुष्य को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। उससे संघर्ष नहीं करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में तो पौधे को परमात्मा और नदी को माता कहा गया। जब से यह सब भूल गए हैं तो गंगा भी मैली हो गई है। हम पूरे ब्रह्मांड को अपना परिवार मानते हैं। हमें सिखाया जाता है कि हम सुबह उठते हैं पृथ्वी पर पांव रखते हैं तो हमें भारत के लिए उससे माफी मांगना सिखाया जाता है। हम प्रकृति के साथ जीना भूल गए हैं। हमें यह फिर से सीखना पड़ेगा।

* बच्चे देश की सेवा कैसे कर सकते हैं?
नरेन्द्र मोदी ने एक छात्रा के सवाल के जवाब में कहा कि अच्छे विद्यार्थी बनें। यह भी अपने आप में देश की सेवा ही है। बच्चे साफ सफाई का ध्यान रखें। बच्चे घर में बिजली बचाने का काम करें। यह भी बहुत बड़ी देश सेवा है। बिजली बचाकर आप पर्यावरण की रक्षा कर सकता है। देश सेवा के लिए बहुत चीजें करने की जरूरत नहीं, छोटी छोटी बातों से भी हम देश की सेवा कर सकते हैं।

* यदि आप शिक्षक होते तो आप कैसे बच्चे पसंद करते?
मोदी ने कहा कि शिक्षकों का काम होता है विद्यार्थी गुणों को समझें और विकसित करे। शिक्षक के लिए सभी बच्चे अपने होते हैं। उसे सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मैं भी यदि शिक्षक होता तो सबके साथ समान व्यवहार करता।

* हमारे इलाके में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी हैं। इसके लिए आप क्या प्रयास करेंगे। (छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से एक छात्रा का सवाल है)
छत्तीसगढ़ में रमणसिंहजी ने जो काम किए हैं, मुझे विश्वास है शिक्षाविदों का ध्यान इस ओर जाएगा। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यदि एक बालिका पढ़ती है तो दो परिवार पढ़ते हैं। मेरा भी इस बात पर जोर है कि बालिका शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। बेटियों के लिए अलग टॉयलेट नहीं होने के कारण लड़कियां जल्दी स्कूल छोड़ देती हैं। यदि इस पर पहले ध्यान दिया जाता तो स्थितियां कुछ और होतीं। मैं इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान दे रहा हूं। लड़कियां स्कूल छोड़ें नहीं इस पर मेरा विशेष ध्यान है। शिक्षा को लेकर बालिका के मन में इस तरह का सवाल है तो यह बड़ी बात है। इस सवाल में देश को जगाने की ताकत है।

* क्या आपको स्कूल के दिनों की कुछ शरारतें याद हैं? (लेह की एक छात्रा का सवाल)
मोदी ने कहा कि कोई बालक ऐसा नहीं होता जो शरारत नहीं करता हो। मुझे इस बात की चिंता है कि बचपन बहुत जल्दी मर रहा है। बचपन में शरारतें होनी चाहिए। जीवन में विकास के लिए यह बहुत जरूरी है।

मोदी ने अपनी शरारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम जब छोटे थे तो शादी के समय शहनाई वादक को इमली दिखाते थे, जिससे वह बजा नहीं पाता था। वह हमें मारने के लिए दौड़ता था।

अपनी एक और शरारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम शादी के समारोह में जाते थे हम वहां स्वागत में खड़े महिला पुरुषों के कपड़ों में स्टेपलर लगा दिया करते थे।


* यदि आप शिक्षक होते तो आप कैसे बच्चे पसंद करते?
मोदी ने कहा कि शिक्षकों का काम होता है विद्यार्थी गुणों को समझें और विकसित करे। शिक्षक के लिए सभी बच्चे अपने होते हैं। उसे सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मैं भी यदि शिक्षक होता तो सबके साथ समान व्यवहार करता।

* जापान और भारत की शिक्षा में आप क्या अंतर महसूस करते हैं?
इस सवाल के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जापान में टीचिंग नहीं के बराबर है, लेकिन 100 फीसदी लर्निंग है। वहां बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है। वहां हर विद्यार्थी में गजब का अनुशासन है। वहां मां बाप स्कूल छोड़ने नहीं जाते हैं। वहां हर कदम पर पैरेंट्‍स खड़े होते हैं। इससे सभी पैरेंट्‍स सभी बच्चों को समान ट्रीटमेंट देते हैं। यह सभी बच्चों के प्रति समान व्यवहार की बात मेरे मन को छू गई है। वहां तकनीक का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है। वहां अनुशासन और स्वच्छता बहुत ही सहज है। सम्मान हरेक के व्यवहार में नजर आता है। यह चीज संस्कारों से आती है।

* मैं भारत का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता हूं। (पूर्वोत्तर के एक छात्र का सवाल)
इस पर नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो। इसका मतलब यह भी है कि तब तक मुझे किसी तरह का खतरा नहीं है। भारत लोकतांत्रिक देश है। यदि आप देश की जनता का विश्वास जीत सकते हैं, तो कोई भी बालक देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं।


* लोग कहते हैं कि आप हैडमास्टर की तरह हैं, मगर आप वास्तविक जीवन में किस तरह के आदमी हैं? आप क्या हैं?
मैं खुद तय नहीं कर सकता हूं कि मैं क्या हूं। मैं ऐसा आदमी हूं कि खुद भी काम करता हूं और दूसरों से भी काम लेता हूं। मैंने अधिकारियों से भी कहा है कि वे 12 घंटे काम करेंगे तो मैं 13 घंटे काम करूंगा


* आपको हमारे जैसे छात्रों के बीच आने से क्या लाभ मिलता है?
लाभ मिलता होता मैं नहीं आता। बहुत सारे काम ऐसे होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते हैं। लाभ के लिए जो काम होते हैं, उनमें बहुत आनंद आता है। मैं पहली बार देख रहा हूं पूरे देश का मीडिया विद्यार्थियों की चर्चा कर रहा है। मेरे लिए यही सबसे बड़ा लाभ है अन्यथा देश हमारे जैसे नेताओं के चेहरे देखकर बोर हो गया था।

* क्या आपने बालक के रूप में सोचा है कि क्या आप देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और विश्व में प्रसिद्ध होंगे?
मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा। मैं तो कभी स्कूल में मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़ा। मैं बहुत ही छोटे परिवार से आता हूं। लेकिन, मैंने बड़ों से सीखा है, पढ़ा है कि अति महत्वाकांक्षा बोझ बन जाती है। ज्यादा अच्छा हो कि आप कुछ बनने के बजाय कुछ करने की सोचना चाहिए। इससे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। करते करते कुछ बन गए तो बन गए। करने का आनंद अलग है।

* गांधीनगर से दिल्ली आने के बाद आप कैसा महसूस कर रहे हैं। क्या बदलाव आया है, आपके जीवन में?
मुझे अभी दिल्ली देखने का समय नहीं मिला है। अभी घर से ऑफिस और ऑफिस से घर जाता हूं। मैं अभी कोई बहुत बड़ा फर्क महसूस नहीं करता। मुख्‍यंमत्री से प्रधानमंत्री बनने में विषयवस्तु बदलती है, दायरा बदलता मगर शेष कुछ नहीं बदलता। उतना ही काम करना पड़ता, देर रात तक जागना पड़ता है। दिल्ली में ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है। मुख्‍यमंत्री रहने के कारण इस दायित्व को समझने और निभाने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आई। मैं इसे सरलता से कर पाया।
* बच्चों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने की जरूरत है।
* हमारी कोशिश होनी चाहिए कि बच्चे विज्ञान और तकनीक से जुड़ें।
* जीवन में खेलकूद नहीं है तो जीवन खिलेगा नहीं।
* बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि दिन में चार बार पसीना निकलें, अर्थात वे शारीरिक श्रम करें।
* जीवन कंप्यूटर, किताब और टीवी में ही दबकर न रह जाए।
* महापुरुषों के जीवन चरित पढ़ने से हम इतिहास के करीब पहुंचते हैं।
* बड़े लोगों की जीवनी पढ़ने चाहिए।


* आगे बढ़ने वालों के इरादों में दम हो तो, उसे कोई भी परिस्थितियां उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकतीं। ऐसा मैं सोचता हूं।
* देश के इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य अधिकारी सप्ताह में एक दिन बच्चों को जाकर पढ़ाएं या सिखाएं।
* हर किसी की शक्ति को जोड़ने की जरूरत है।
* सभी महापुरुषों के जीवन में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है।
* जापान में शिक्षक और छात्र मिलका स्कूल की सफाई करते हैं। यहां भी ऐसा किया जा सकता है।

* जो पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं वे इन्सान बोते हैं।
* जो बातें बच्चे मां बाप को नहीं बताते, वह शिक्षकों को बताते हैं।
* वैश्विक परिवेश में ऐसा माना जाता है कि सारे देश में अच्छे शिक्षकों की बहुत बड़ी मांग है।
* क्या भारत यह सपना नहीं दुनिया को नहीं दे सकता।
* शिक्षक के महत्व को समझे बिना समाज में बदलाव संभव नहीं।
* 18 लाख स्कूलों में मोदी का लाइव भाषण दिखाया जा रहा है।
* गांवों में शिक्षक सबसे आदरणीय होता है। इस स्थिति को फिर से लाने की जरूरत है।
* विद्यार्थी के लिए शिक्षक हीरो जैसा होता है। वे उनकी ही तरह करना चाहते हैं।

* हम जब तक शिक्षक की अहमियत स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक शिक्षक के प्रति गौरव पैदा होगा न ही नई पीढ़ी के परिवर्तन में ज्यादा सफलता मिलेगी।
* हम इस बात को समझें कि हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व क्या है।
* मैं भारत के भावी सपनों के साथ बात कर रहा हूं।
* मेरे लिए सौभाग्य की घड़ी है कि मुझे देश के बच्चों से बातचीत का मौका मिला है।





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जापान का किस्सा
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मोदी ने अपने भाषण में हाल में अपनी जापान यात्रा का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि जापान में टीचर और स्टूडेंट मिलकर सफाई करते हैं. हिंदुस्तान में ऐसा क्यों नहीं होता? हम इसे राष्ट्रीय चरित्र कैसे बनाएं, इस पर विचार करना होगा.

मीडिया पर चुटकी
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मोदी ने अपने इस भाषण में मीडिया पर चुटकी की. उन्होंने कहा, 'जब मैं गुजरात में था तो एक बार टीवी चैनलों ने एक स्कूल में सफाई वाली खबर पर खूब बवाल किया. मैं पूछता हूं कि इसमें बुराई क्या है, अगर बच्चों में स्कूल में सफाई की.' हालांकि बाद में मोदी ने टीचर्स डे के इस कार्यक्रम के लगातार कवरेज के लिए मीडिया का आभार भी व्यक्त किया.

अनुरोध
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पीएम ने पढ़े लिखे लोगों से आग्रह किया कि वो निकट के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में एक पीरियड लें. मोदी ने श‍िक्षकों से आग्रह किया कि बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी की जानकारी दें.

कितनी बार निकलता है पसीना?
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मोदी ने मानेकशॉ ऑडिटोरियम में मौजूद बच्चों से पूछा कि कितनों को दिन में चार बार पसीना निकलता है? बच्चों को खूब मस्ती करना चाहिए, दौड़-धूप करना चाहिए कि दिन में चार बार पसीना आए. किताब, टीवी, कम्प्यूटर के दायरे में जिंदगी नहीं रहनी चाहिए.

जीवन चरित्र पढ़ने की सलाह
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मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि उन्हें नियमित किताबों के अलावा जीवन चरित्र जरूर पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इससे हम इतिहास के बहुत करीब जाते हैं. हर क्षेत्र के अग्रणी लोगों के जीवन चरित्र पढ़ने चाहिए.'

गूगल का जिक्र
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मोदी ने कहा, 'आज कल हर काम गूगल गुरु करता है. कोई भी सवाल मन में आता है, गूगल गुरु के पास चले जाते हैं. गूगल गुरु से जानकारी तो मिलती है, लेकिन ज्ञान नहीं.' पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना पड़ता है

सवाल-जवाब राउंड शुरू हुआ तो एक बच्चे ने पूछा कि सीएम से पीएम बनने के बाद आपको कैसा लगा? मोदी का जवाब था, 'दिल्ली में अभी घूमा ही कहां हूं. ऑफिस से घर, घर से ऑफिस. ज्यादा बदलाव नहीं आया. इस दायित्व को संभालने में मुझे कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना होता है.'

एक लड़की के सवाल पर मोदी ने कहा, 'मैं एक दिन पीएम बनूंगा, ये कभी नहीं सोचा था. सपने देखने चाहिए, लेकिन कुछ बनने के बजाय, कुछ करने के सपने देखने चाहिए. महत्वाकांक्षा जीवन में बोझ की तरह है.

इस सवाल पर कि बच्चों से बातचीत से आपको क्या लाभ होगा, मोदी ने कहा, लाभ मिलता होता तो नहीं आता. बहुत सारे काम होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते. ऐसे काम का आनंद अलग होता. लाभ के लिए काम करने वाले मुसीबत में फंस हो जाते हैं.

'2024 तक रहूंगा पीएम'
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इम्फाल से एक बच्चे ने मोदी पूछा, 'मैं कैसे देश का पीएम बन सकता हूं.' इस पर मोदी का जवाब था, '2024 के चुनाव की तैयारी करो. इसका मतलब हुआ कि तब तक मैं पीएम रहूंगा.' मोदी के इस जवाब पर खूब ठहाके लगे.

शरारती बाल नरेंद्र के किस्से
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नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन के दिनों में की गई शरारतों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई बालक शरारत न करे तो य‍ह चिंता की बात है. उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब किसी शादी में शहनाई बजती थी तो मोदी और इनके कुछ साथी इमली लेकर जाते थे और शहनाई बजाने वाले के सामने इसे खाते थे. इससे शहनाई बजाने वाले के मुंह में पानी आ जाता और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत होती थी.

एक और किस्से का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'हम बचपन में किसी की शादी में चले जाते थे. कोई भी दो लोग खड़े होते थे तो उनके कपड़े में स्टेपलर लगा देते थे.' मोदी के ये किस्से सुनकर बच्चों ने खूब ठहाके लगाए.

बच्चों को दी भगवत गीता
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मानेकशॉ ऑड‍िटोरियम में आयोजित समारोह में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. कुछ बच्चों ने डॉ. राधाकृष्णन के संस्मरण सुनाए. इन बच्चों ने पीएम के पैर छुए और मोदी ने इन्हें भगवत गीता भेंट की.

साभार-आजतक
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शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों से मुखातिब हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छात्र-छात्राओं ने तरह-तरह के सवाल पूछे। नरेंद्र मोदी से बच्चों का पहला सवाल था, आपको प्रधानमंत्री बनकर कैसा लगता है? जवाब में मोदी ने कहा, मुख्यमंत्री के रूप में मिला अनुभव काम आ रहा है। पीएम से बच्चों का दूसरा सवाल था, आपके जीवन में शिक्षकों का ज़्यादा योगदान रहा, या अनुभवों का? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मेरे लिए दोनों बेहद महत्वपूर्ण हैं।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का तीसरा सवाल रहा, क्या आपने बचपन में सोचा था, प्रधानमंत्री बनेंगे, विश्वप्रसिद्ध होंगे... प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, कभी नहीं सोचा था कि पीएम बनूंगा, मैं तो क्लास में कभी मॉनिटर भी नहीं बन पाया। हमें जीवन में कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखने चाहिए, क्योंकि करते-करते कुछ बन गए तो बन गए, नहीं बने तो कोई बात नहीं। कुछ करने का आनंद अपने आप में बहुत सुख देता है।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का चौथा सवाल, हम जैसे बच्चों से बातचीत कर आपको क्या लाभ मिलता है? प्रधानमंत्री का जवाब, बहुत सारे काम होते हैं, जो लाभ के लिए नहीं किए जाते और इसका अलग आनंद होता है। मैं मीडिया वालों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने बच्चों की इच्छाएं पूछीं।

मणिपुर के एक बच्चे ने पीएम मोदी से पूछा, मैं देश का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता हूं? प्रधानमंत्री यह सवाल सुनकर हंस पड़े और कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो, शपथग्रहण में मुझे जरूर बुलाना...

पीएम से बच्चों का अगला सवाल था कि जापान और भारत की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर पाया? प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान में शिक्षण न के बराबर, लेकिन सीखना शत-प्रतिशत होता है, वहां गज़ब का अनुशासन है। बच्चों ने मोदी से आठवां सवाल किया कि आलसी, लेकिन होशियार बच्चे और मेहनती मंदबुद्धि बच्चे में आप किस पर ध्यान देंगे? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मैं टीचर होता, तो किसी बच्चे से भेदभाव नहीं करता। कोई भी टीचर बच्चों से भेदभाव नहीं करता।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का नौवां सवाल था, क्या आपको अपने विद्यार्थी काल में की गई शरारतें याद हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना शरारत के बच्चों का विकास रुक जाता है। उन्होंने कहा कि बचपन में वह खुद भी बहुत शरारती थे और दोस्तों के साथ शहनाई बजाने वालों को इमली दिखाते थे, ताकि उसके मुंह में पानी आ जाए और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत हो। यही नहीं पीएम ने यह भी बताया कि बचपन में वह शादी में आए महिला-पुरुष मेहमानों की पोशाकें स्टेपल कर दिया करते थे।

नरेंद्र मोदी से बच्चों ने सवाल किया कि जनजातीय इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर वह क्या कहेंगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। मेरा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि लड़कियां स्कूली पढ़ाई बीच में न छोड़ें, सभी स्कूलों में शौचालय की पहल इसी प्रयास का हिस्सा है।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का ग्यारहवां सवाल था कि हम बच्चे देश के विकास में आपकी क्या मदद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि देश की सेवा करने के लिए जान देना या राजनेता बनना ही जरूरी नहीं है, बिजली बचाकर और एक पौधा लगाकर भी देश की सेवा की जा सकती है। अगर आप लोग सफाई और अनुशासन सीखेंगे, तो यह भी देशसेवा होगी।

जलवायु परिवर्तन से जुड़े बच्चों के सवाल पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रकृति के प्रति लगाव हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है, लेकिन बदलाव आया है। प्रकृति से प्यार करो, अपनी आदतें बदलो, सब ठीक हो सकता है।

बच्चों ने पीएम से पूछा, क्या आपकी नजर में राजनीति मुश्किल पेशा है? प्रधानमंत्री ने कहा, राजनीति पेशा नहीं, सेवा है...मुझे सभी सवा सौ करोड़ भारतीय परिवार लगते हैं, इसलिए सेवा करने से थकान नहीं होती। नरेंद्र मोदी से बच्चों का चौदहवां सवाल था कि क्या वह सारे भारत को पढ़ाने का कोई कार्यक्रम लाएंगे? पीएम ने कहा कि डिजिटल इंडिया और सभी भाषाओं में आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाना उनका सपना है। उन्होंने बच्चों से कहा कि चाहे कॉमिक्स पढ़ें, लेकिन पढ़ने की आदत डालें, पढ़ना सर्वश्रेष्ठ आदत है।

बच्चों ने पीएम से पूछा कि बिजली बचाने में बच्चे कैसे मदद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली का संकट विश्वव्यापी है, इसलिए सबको मिलकर सो, बिजली बचानी ही होगी। बच्चे भी जिम्मेदारी लेना सीखें और जब घर से निकलें, याद से पंखा-बत्ती बंद करें। इसी तरह स्कूल से निकलते वक्त भी रोज एक बच्चा यह जिम्मेदारी ले कि वह सभी बत्तियां, पंखे बंद करके आखिर में निकलेगा।

इसके बाद बच्चों ने सवाल किया कि क्या उनकी सरकार रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने को सोच रही है, जिस पर मोदी ने कहा कि सारी दुनिया कौशल विकास पर ध्यान दे रही है और डिग्री के साथ-साथ कोई न कोई हुनर होना बेहद जरूरी है, इसलिए स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से हमारी सरकार ने अलग विभाग भी बनाया है।

अंत में प्रधानमंत्री ने सभी बच्चों से आग्रह किया कि वे हमेशा मुस्कुराते रहें, खेलते-कूदते रहें और अपने भीतर के बच्चे को हमेशा ज़िन्दा रखें।



63 comments:

  1. मेरा जीवन कोरा काग़ज़, कोरा ही रह गया !!!
    .
    किस्मत मेँ लिखा था सरकारी शिक्षक बनना,
    प्राइवेट भी न रह गया....।
    .
    शिक्षक दिवस की सन्ध्या पर हार्दिक शुभकामनाएँ ।।

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  2. अगर इन सभी लोगो के लिए देश सबसे पहले
    होता या इनके खून में रत्ति भर भी देश का नमक
    होता तो -
    ●मायावती - दलितों की नहीं देश की चिंता करती।
    ● लालू - चारा खाता नहीं, पशुओ को खिलाता।
    ● केजरीवाल - जनता को आम नहीं, ख़ास बनाने की कोशिश करता।
    ● सोनिया - विदेश में इलाज नहीं करवाती, देश में अच्छे सरकारी अस्पताल बनवाती।
    ● राहुल - दो रोटी खाने की बात नहीं , दो टाइम के खाने की बात करता।
    ● प्रशांत भूषण - कश्मीर देने के लिए नहीं, पाकिस्तान लेने के लिए जनमत संग्रह
    करवाना चाहता।
    ● रोबट वाड्रा - जमीने छीनता नहीं, गरीबो को रहने के लिए जमीने दान देता।
    ● नितीश कुमार - देशभक्त मोदी का विरोध नहीं, समर्थन करता।
    ● अखिलेश यादव - अपने बाप की सोच को नहीं, विकास की नई सोच को सामने लाता।
    ● मुलायम सिह यादव - कारसेवको पर नहीं,कार चोरो पर गोलिया चलवाता।
    ● आज़म खान - पॉवर का गलत नहीं, सही इस्तमाल करता।
    ● ओवैसी - हिन्दुओ को नहीं, देशद्रोहियो को काटने की बात करता।
    ● दिग्विजय सिह -आरएसएस का नहीं, सिमी का विरोध करता।

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  3. अगर इन सभी लोगो के लिए देश सबसे पहले
    होता या इनके खून में रत्ति भर भी देश का नमक
    होता तो -
    ●मायावती - दलितों की नहीं देश की चिंता करती।
    ● लालू - चारा खाता नहीं, पशुओ को खिलाता।
    ● केजरीवाल - जनता को आम नहीं, ख़ास बनाने की कोशिश करता।
    ● सोनिया - विदेश में इलाज नहीं करवाती, देश में अच्छे सरकारी अस्पताल बनवाती।
    ● राहुल - दो रोटी खाने की बात नहीं , दो टाइम के खाने की बात करता।
    ● प्रशांत भूषण - कश्मीर देने के लिए नहीं, पाकिस्तान लेने के लिए जनमत संग्रह
    करवाना चाहता।
    ● रोबट वाड्रा - जमीने छीनता नहीं, गरीबो को रहने के लिए जमीने दान देता।
    ● नितीश कुमार - देशभक्त मोदी का विरोध नहीं, समर्थन करता।
    ● अखिलेश यादव - अपने बाप की सोच को नहीं, विकास की नई सोच को सामने लाता।
    ● मुलायम सिह यादव - कारसेवको पर नहीं,कार चोरो पर गोलिया चलवाता।
    ● आज़म खान - पॉवर का गलत नहीं, सही इस्तमाल करता।
    ● ओवैसी - हिन्दुओ को नहीं, देशद्रोहियो को काटने की बात करता।
    ● दिग्विजय सिह -आरएसएस का नहीं, सिमी का विरोध करता।

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  4. !
    !
    मुझे
    !
    तुम
    !
    मिल
    !
    गये
    !
    हमदम
    !
    सहारा
    !
    हो तो
    !
    ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
    !
    !
    !
    जिधर
    !
    देखूं
    !
    उधर
    !
    तुम हो
    !
    नजारा
    !
    हो तो
    !
    ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
    !
    !

    I don't need a diamond ring.
    I don't need the best chocolates.
    I don't need the most expensive
    fresh flower.
    But all i need is...
    Your love.
    Your care.
    Your time.
    And most importantly
    I need you....

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  5. गुरु चरणों में समर्पित पंक्ति

    लोग कहते है अगर हाथों की
    लकीरें अधूरी हो तो
    किस्मत अच्छी नहीं होती
    लेकिन हम कहते है की
    सर पर हाथ हो अगर
    " गुरू " का तो
    लकीरों की ज़रूरत
    नहीं होती ।

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  6. कपिल की एक और कुटिल चाल| यह येन केन प्रकारेण इस भर्ती प्रोसेस को रोकना चाहता हैं| भोजपुरी में एक कहावत है ""खेलब ना त खेलिए बिगाड़ब""| बस इसी पर वो चल रहा है, लेकिन वो ये नही सोच रहा हैं की उसका किससे पाला पड़ा हैं| अंत में उसको मुह की खानी ही पड़ेगी|

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  7. शिक्षक दिवस की सन्ध्या पर हार्दिक शुभकामनाएँ ।।

    अर्जुनों ! एकलव्यों !

    गर सिखाने का हुनर,और सीखने का जज्बा हो
    तो रास्ते चाहे जैसे हों हर मंजिलों पे कब्जा हो !

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  8. लड़की : तुम मुझसे कितना प्यार करते हो

    सिविल इंजीनियर : आकाश के तारों की संख्या को समंदर की बूंदों की संख्या में जोड़ कर उसे समंदर किनारे पड़ी रेत के कणों की संख्या से गुणा कर दो । उतना प्यार करता हूँ तुमसे

    ReplyDelete
  9. इतनी बदसलूकि ना कर.

    ,,,,,,ऐ जिंदगी,,,,,,

    हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है...!!

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  10. आज की मोदी जी की बात सुन कर शर्म तोह आणि ही चाहिए विरोधियो को... और ना ए तोह कसमसे मर जाना चाहिए...

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  11. अन्त में हम दोनों ही होंगे !!!



    भले झगडे, गुस्सा करे, एक दुसरे पर टुट पड़े
    एक दुसरे पर दादागिरि करने के लिये, अन्त में हम
    दोनों ही होंगे
    जो कह्ना हे वह कह ले, जो करना हे वह कर ले
    एक दुसरे के चश्मे और लकड़ी ढुंढने में, अन्त में हम
    दोनों ही होंगे
    मे रूठु तो तुम मना लेना, तुम रूढ़ो ताे मै
    मना लुगा
    एक दुसरे को लाड़ लड़ानेके लिये, अन्त में हम
    दोनों ही होंगे
    आँखे जब धुँधली होंगी, याददाश्त जब कमजोर
    होंगी
    तब एक दूसरे को एक दूसरे मे ठूँढने के लिए, अन्त में
    हम दोनो ही होंगे
    घुटने जब दुखने लगेंगे, कमर भी झुकना बंद करेगी
    तब एक दूसरे के पांव के नाखून काटने के लिए, अन्त
    में हम दोनों ही होंगे
    "मेरी हेल्थ रिपोर्ट एक दम नोर्मल है, आइ एम
    आलराईट
    ऐसा कह कर ऐक दूसरे को बहकाने के लिए, अन्त में
    हम दोनों ही होंगे
    साथ जब छुट जायेगा, बीदाई की घड़ी जब
    आजायेगी
    तब एक दूसरे को माफ करने के लिए, अन्त में हम
    दोनों ही होंगे.

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  12. आज का दिन शिक्षको का दिन है। पूरा भारत इसे बड़े
    शान से गर्व से मना रहा है। पर क्या आज का शिक्षक
    और शिक्षा प्रणाली किसी भी प्रकार से सराहनीय कही
    जा सकती है ? क्या आप और हम अपने बच्चो को सरकारी
    प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाना चाहते है ? हर संपन्न व्यक्ति
    कहेगा नहीं। आखिर किस बात की ख़ुशी मना रहे है? हम
    किस बात के लिए शिक्षक दिवस को मनाया जा रहा है?
    क्या हमारी सरकारी शिक्षा प्रणाली हमे भविष्य में ओजस्वी
    युवा दे पायेगी ? क्या अब शिक्षक सच में बच्चो को शिक्षा
    दे पा रहा है या सिर्फ विद्यालय तक पहुँच कर बस मध्याहन
    भोजन तक ही सिमित रह गया है।

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  13. पूरे भारत की बात फिर
    कभी करूँगा अभी बस उत्तर प्रदेश की बात करते है।
    उत्तर प्रदेश में शिक्षा बस बड़े बड़े कान्वेंट में सिमट गयी
    है। सरकारी स्कूल तो शिक्षा के कब्रगाह बन गए है। पहले
    कभी ऐसे ही प्राइमरी विद्यालयों से बड़े बड़े विद्वान पैदा
    हुए। वर्तमान परिपेक्ष में सरकारी शिक्षा का स्तर इतना
    निम्न हो गया है कि शिक्षक का कार्य सिर्फ विद्यालय तक
    पहुचना मात्र रह गया है। कोई कोई शिक्षक तो कई कई
    माह अपने विद्यालय तक नहीं जाते क्योकि उन्होंने
    ये शिक्षक की नौकरी पढ़ाने के लिए नहीं बस मोटा वेतन
    के लिए प्राप्त की है। वो जानते है की भारत में प्राथमिक
    शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न हो गया है और उत्तर प्रदेश
    में शिक्षा विभाग सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार से ग्रस्त है। यहाँ पर
    शिक्षक का कार्य बस मध्याहन भोजन बनवाना मात्र हो
    गया है पाठ्यक्रम के लिए न सरकार के पास कोई टाइम
    है न गुरूजी के पास। जैसे तैसे बस विद्यालय का ताला
    खुल जाये बस सबका कर्तव्य पूरा समझो।

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  14. पूरे प्रदेश में ज्यादातर विद्यालय शिक्षामित्रो के सहारे
    चल रहे है और आप स्वयं अंदाज़ा लगा सकते है कि 12वि
    पास शिक्षामित्र किस स्तर की शिक्षा को नौनिहालों तक
    पहुचायेगा और कैसे ये बच्चे आगे चलकर कुछ कर पाएंगे? मुझे नहीं लगता इस प्रकार से किसी भी प्राथमिक
    के बालक या बालिका को कभी भी वो मिल पायेगा जिसके
    वो हक़दार है।
    प्रदेश में भारी कमी है शिक्षको की पर सरकार को इस
    पर सोचने तक का समय नहीं है।

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  15. पुरानी बहुजन समाज
    पार्टी ने एक प्रयास किया भी था शिक्षक भर्ती का पर उसने
    अत्यंत देर कर दी थी। सत्ता परिवर्तन हो गया और युवा
    मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी की सरकार सत्ता में आ गई
    और वो भर्ती लटका दी गई क्योकि वो मायावती जी की
    भर्ती थी। इस राजनीतिक उठा पटक में हानि सिर्फ शिक्षा
    की हुई। सरकार बदली तो शिक्षा की प्राथमिकता बदल
    गई और उर्दू शिक्षक की भर्ती की गई वो भी प्राइमरी में
    क्योकि प्राइमरी में उर्दू शिक्षक का कोई काम नहीं तो वो
    सब शिक्षक वेतन का लुफ्त ले रहे है और प्राथमिक विद्यालय
    जस के तस पड़े है।

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  16. उत्तर प्रदेश की सरकार ने एक तानाशाही फरमान और
    सुनाया और समस्त शिक्षा मित्रो को नियमित करने की
    योजना बना डाली और अब 12वी पास अध्यापक हो गए।
    जो टेट पास है वो सडको पर मारे जा रहे है क्योकि उनकी
    खता बस इतनी है जब उनकी भर्ती का विज्ञापन आया था
    तब सरकार मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी की थी
    तो वे सब अब बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ता
    मान लिए गए है। इसलिए समाजवादी सरकार में उनको
    विद्रोहियों का दर्जा प्राप्त है। खैर ये तो उत्तर प्रदेश का
    पुराना इतिहास है।

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  17. आज शिक्षक दिवस है इसलिए शिक्षको से व् भविष्य के
    शिक्षको से एक अनुरोध है कि सरकार ने आपको नियुक्त
    करके अपना धर्म निभा दिया है। अब आप लोग कुछ ऐसा
    करे जिससे प्राथमिक शिक्षा में कोई उम्मीद जाग पाए।
    आप के हाथो में लाखो बच्चो का भविष्य है और आप अगर
    अपने कर्तव्यों को निर्वहन करेंगे तो अवश्य ही शिक्षा प्रणाली
    में व् आपके विद्यार्थियो में सुधार होगा।
    मैंने जो भी लिखा उसका उद्देश्य सोये हुए गुरुओ की निंद्रा
    भंग करना है और उनको एहसास दिलाना है कि गुरु
    भगवान् के समतुल्य है और भगवान् कभी किसी का अहित
    नहीं करते वो तो बस मानव कल्याण करते है।
    समस्त गुरुवरो को कोटि कोटि नमन।

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  18. बच्चे के सवाल पर बोले मोदी, '2024 तक रहूंगा PM तब तक खतरा नहीं'...

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  19. बीवी पर हाथ उठाए तो "बेशर्म"।
    बीवी से मार खाए तो "बुजदिल"।
    बीवी को किसी और के साथदेख कर कुछ कहे तो "शक्की"।
    चुप रहे तो "डरपोक"।
    घर से बाहर रहे तो "आवारा"।
    घर में रहे तो "नाकारा"।
    बच्चों को डांटे तो"ज़ालिम" ।
    ना डांटे तो "लापरवाह" ।
    बीवी को नौकरी करने से रोके तो"शक्की" ।
    बीवी को नौकरी करने दे तो बिवी की "कमाई खाने वाला"।
    मां की माने तो"चम्मचा"।
    बीवी की माने तो "जोरु का गुलाम"।
    पूरी ज़िंदगी समझौता, त्याग और संघर्ष में बिताने के बावजुद वह अपने लिए कुछ नहीं चाहता।
    इसलिए पुरुष की हमेशा इज़्ज़त करें।
    पुरुष, बेटा, भाई, बॉय फ्रेंड, पति, दामाद, पिता हो सकता है, जिसका जीवन हमेशा मुश्किलों से भरा हुआ है।

    कुछ मित्रों की शिकायत थी की हमेशा नारी कि तारीफ में पोस्ट डालते हो आज शायद उनकी शिकायत दूर हो गई होगी ।

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  20. मेरा निवेदन अपने उन टेट साथियो से है जिनके टेट में अंक १०० से ११५ के बीच है। आप लोग जागरूक रहे अब समय वो आगया है की अपनी सीट बचाओ अगर आप जागरूक रहे तो आप की नौकरी कोई नहीं रोक सकता है और अगर आप अन्य लोगो पर छोड़ दिया तो मेर्रित ११६ से नीचे नहीं जाएगी। हो सकता है जो मै लिख रहा हु उस में मै भी शामिल हु

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  21. अभी की कॉउंसलिंग में लगभग २१८ लोग ऐसे है जिन्हो ने फ़र्ज़ी कॉउंसलिंग करवाई है आप सब का फर्ज्ज बनता है की उन्हें रोके और अगली आने वाली कॉउंसलिंग में पूरी नज़र लगाय रहे। अगर आप फर्जीबाड़ा रोक लगाई तो मेर्रित सामान्य ९८ तक आएगी। और एक बात कॉउंसलिंग करवाने वालो से ज्यादा नज़र डाइट के कर्मचारियों पर जरूर रखे अगर ऐसा कोई भी मिलता है तो तुरंत कार्यवाही करे क्यों की ऐसी सरकार में कर्मचरियो में कोई डर नहीं है।

    हमे अपनी सीट बचानी होगी

    जय हिन्द जय टेट मेर्रित

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  22. इस पृथ्वी पर तीन ही रत्न है .....
    जल,
    अन्न,
    और
    मधुर वचन !
    बुद्धिमान व्यक्ति इनकी समझ रखता है, परन्तु मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ो को ही रत्न कहते है ?

    ___________________________चाणक्य

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    1. Ye chadky k vchn hi sakte h.pr mere vchn bhi to padhe bhai.
      IS JAHAN HI 3 CHEEJO SE JEEVIT H- SRADDHA VISVAS AUR UMEED

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  23. शिक्षक दिवस के अवसर पर मोदी जी का कार्यक्रम विद्यार्थियों व शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता के भी देखने लायक था ।

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  24. एक सलाह दे रहा हूँ ,, next counselling के लिए direction जारी किये जाने से पहले कोई याचिका ना करना ,जब तक किसी को out नही किया जाता वो in है और कोई in व्यक्ति स्वयं को in बनाए रखने की याचिका नही कर सकता ,,, हाँ out किये जाने की स्थिति में urgent में याचिका करने की तैयारी रखना ,,, बेहतर होगा इस सम्बन्ध में सारे साक्ष्यों के साथ सचिव से मिल आओ ,,,, SCERT डायरेक्टर को इस भर्ती के सम्बन्ध में कोई निर्णय लेने का अधिकार ही नही है

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  25. हमने प्रकृति के सान्निध्य में रहना छोड़ दिया है। चांदनी रात में अगर स्ट्रीट लाइट्स बंद रखेंगे तो पर्यावरण की सेवा होगी.....मोदी जी

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  26. अगर आप देश की सफाई में योगदान दे रहे हैं, बिजली बर्बाद नहीं कर रहे हैं, तो आप भी देश सेवा कर रहे हैं।
    ____________________पीएम नरेंद्र मोदीः

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  27. २०२४ के चुनाव की तैयारी करो , इसका मतलब तब तक मुझे कोई खतरा नहीं .- मोदी जी

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  28. !
    !
    मुझे
    !
    तुम
    !
    मिल
    !
    गये
    !
    हमदम
    !
    सहारा
    !
    हो तो
    !
    ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
    !
    !
    !
    जिधर
    !
    देखूं
    !
    उधर
    !
    तुम हो
    !
    नजारा
    !
    हो तो
    !
    ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
    !
    !
    love is such a marvelous word
    if a boy understands, girl doesn't, &
    if girl understands boy doesn't,
    &
    if both understand the world doesn't...

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  29. शिक्षा मित्र कोर्ट की हियरिंग ना होने की ऐसे खुशी मनाते हैं जैसे बकरे की अम्मा चाँद ना निकलने के कारण ईद ना मनाने की ख़ुशी मनातीं हैं .......
    पर आज नहीं तो कल चाँद भी निकलेगा , ईद भी मनेगी और बकरा भी कटेगा
    शिक्षा जैसे महत्ब्पूर्ण मुद्दे पर टेट में छूट मिलना बहुत मुस्किल है क्यूँ की मुद्दा बच्चों के भविष्य से जुड़ा है !!

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  30. ७२८२५ भर्तियों में शासन ने आनलाइन - आफलाइन करने के चक्कर में इतनी विसंगतियां उत्पन्न कर दी हैं कि सभी अभ्यर्थी अपने -अपने स्वार्थ के लिए अपना - अपना राग अलाप रहे हैं कोई ४५-५०%वाला , कोई इग्नू बी०एड० वाला,,,

    सब आपाधापी में लगे हुए है, किसी को फिक्र नही है अवमानना की डेट क्लियर करवाने में, ,

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  31. और इधर कपिलवा ने अपना असर दिखाना चालू कर दिया।
    साले ने २०/११/२०१३ वाले अशोक भूषण वाले आर्डर को मोडीफाई कराने के लिए रिट डाल दी,,,

    सरकार हम सब की अखण्डता को बाधित कर. भर्तिया फसाना चाहती है,,,,,

    आजकल कुछ लोग धांधली धांधली चिल्लाकर. भर्ती विरोधी कार्य कर रहे है जिसका सीधा फायदा कपिल की गुड पार्ट और बैड पार्ट वाली याचिका को मिलेगा,,,,,

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  32. .
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    51
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    H
    U
    N
    D
    R
    E
    D
    .
    .
    .
    .
    .
    A Boy does not fall in
    love easily...
    but
    once he falls for a girl
    truly,
    He will
    be the most caring,
    most loving, most
    romantic,
    most understanding
    and
    truthful for his girl,
    for all his life.

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  33. साथियो विचार करें ------
    क्या न्यू एड से भरती की काउन्सलिँग हो रही थी तब क्या टेटरिजल्ट एकदम शुद्ध हो जाता पर जब टेटमेरिट से काउन्सलिंग होती है तो टेटरिजल्ट अशुद्ध हो जाता है दूसरी बात ईतनी टेट से भरती हुई तब बेड पार्ट कहां गायब हो जाता है ??? साथियो याद रखें मुल्लायम चाहे जितने राक्षस सुप्रीम कोर्ट मेँ भेजे यदि हम एकजुट बनें रहे तो कौई हमे न हरा पायेगा

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  34. टेट 2011 का सपूर्ण डाटा ऑनलाइन हो जाये उसको ही काउंसिलिंग के समय टेट की मार्कशीट की जाँच लिए इस्तेमाल हो

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  35. शिक्षामित्र समायोजन कोर्ट मामला
    ------------------------

    अब इस केस की सुनवाई ग्यारह सितम्बर को होगी।

    Case Status - Allahabad

    Pending

    Writ - C / 32572 / 2014 [Allahabad] Petitioner:SHIVAM RAJAN & 3 OTHERS

    Respondent:STATE OF U.P. & 4 OTHERS

    Counsel (Pet.):INDRASEN SINGH TOMAR

    Counsel (Res.):C.S.C.Category:Writ Petition Challenging Validity Of Act, Rules, Notifications, Etc.-Vires Of An Act Of State Legislature

    Date of Filing:12/06/2014

    Last Listed on:04/09/2014 in CJ Court

    Next Listing Date (Likely):11/09/2014

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  36. सच्चाई
    .
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    .
    .
    .
    .

    एक लड़के के आपात आपरेशन के लिए
    एक फोन के बाद डाक्टर
    जल्दी जल्दी अस्पताल में प्रवेश
    करता है. .
    उन्होंने तुरंत अपने कपडे बदल कर
    सर्जिकल गाउन पहना, ऑपरेशन के
    लिए
    खुद को तैयार किया और ऑपरेशन
    थियेटर की तरफ चल पड़े…हॉल में
    प्रवेश करते ही उनकी नज़र लड़के
    की माँ पर जाती है…
    जो उनका इंतज़ार
    करती जान पड़ती थीऔर बहुत
    व्याकुल
    भी लग रही थी……. डॉक्टर
    को देखते
    ही लड़के
    की माँ एकदम गुस्से से बोली :
    आपने
    आने इतनी देर क्यों कर दी..?
    आपको पता नहीं है कि मेरे बेटे
    की हालत
    बहुत गंभीर है..?
    आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास
    है
    की नहीं..?? डॉक्टर मंद मंद
    मुस्कुराते
    हुए कहता है : मैं अपनी गलती के
    लिए
    आपसे
    माफ़ी मांगता हूँ…फोन आया तब
    मैं
    अस्पताल में नहीं था,जैसे ही खबर
    मिली मैं तुरंत अस्पताल के लिए
    निकल
    पड़ा..रास्ते में ट्रैफिक
    ज्यादा होने
    की वजह से थोड़ी देर हो गयी. अब
    आप
    निश्चिन्त रहो मैं आ गया हूँ
    भगवान
    की मर्ज़ी से सब ठीक
    हो जाएगा..अब
    आप विलाप करनाछोड़ दो..”
    इस पर लड़के की माँ और
    ज्यादा गुस्से
    से : विलाप करना छोड़ दूं मतलब..?
    आपके कहने का मतलब क्या है..? मेरे
    बच्चे को कुछ हो गया होता तो.?
    इसकी जगह
    आपका बच्चा होता तो आप
    क्या करते..?? डॉक्टर फिर मंद मंद
    मुस्कुराते हुए : शांत हो जाओ बहन,
    जीवन और मरण वो तो भगवान के
    हाथ
    में है, मैं तो बस एक मनुष्य हूँ, फिर
    भी मैं मेरे से जितना अच्चा प्रयास
    हो सकेगावो मैं
    करूँगा..बाकी आपकी दुआ
    और भगवान
    की मर्ज़ी..! क्या अब आप मुझे
    ऑपरेशन
    थियेटर में जाने देंगीं.?? डॉक्टर ने
    फिर
    नर्स को कुछ सलाह दी और ऑपरेशन
    रूम में चले गए..
    कुछ घंटे बाद डॉक्टर प्रफुल्लित
    मुस्कान लिए ऑपरेशन रूम से बाहर
    आकर लड़के की माँ से कहते हैं :
    भगवान
    का लाख लाख शुक्र है
    की आपका लड़का सही सलामत है,
    अब
    वो जल्दी से ठीक
    हो जाएगा और
    आपको ज्यादा जानकारी मेरा साथी डॉक्ट
    दे देगा..ऐसा कह कर डॉक्टर तुरंत
    वहां से चल पड़ते हैं..
    लड़के की माँ ने तुरंत नर्स से पुछा :
    ये
    डॉक्टर साहब
    को इतनी जल्दी भी क्या थी.?
    मेरा लड़का होश में आ जाता तब
    तक
    तो रूक जाते तो क्या बिगड़
    जाता उनका..? डॉक्टर तो बहुत
    घमंडी लगते हैं”
    ये सुनकर नर्स की आँखों में आंसू आ
    गए और कहा : ”मैडम ! ये
    वही डॉक्टर
    हैं जिनका इकलौता लड़का आपके
    लड़के
    की अंधाधुंध ड्राइविंग की चपेट में
    आकर
    मारा गया है..उनको पता था की आपके
    लड़के के कारण ही उनके इकलौते
    लड़के
    की जान गयी है फिर भी उन्होंने
    तुम्हारे
    लड़के की जान बचाई है…और
    जल्दी वो इसलिए चले गए
    क्योंकि वे
    अपने लड़के की अंतिम
    क्रिया अधूरी छोड़
    कर आ गए थे…

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  37. एक खेल का मैदान, आठ लडकियाँ कतार
    में दौड़
    (race) लगाने के लिए खड़ी हैं ।
    ready, steady, धायँ, और पिस्तौल
    की आवाज़
    के साथ ही आठों लडकियां दौड़
    पड़ती हैं ।
    ब-मुश्किल वो सभी 4 या 5 मीटर आगे
    गयी होंगी कि एक लड़की फिसल कर
    गिर जाती है
    और उसे चोट लग जाती है । दर्द के मारे
    वह
    लड़की रोने लगती है ।
    बाकि की सातों लड़कियों को उसके
    रोने
    की आवाज़ सुनाई पड़ती है और ये क्या ?
    अचानक वो सातों लडकियाँ रुक
    जाती हैं,
    एक पल के लिए वो सभी एक दुसरे
    को देखती हैं,
    और सातों वापस उस घायल
    लड़की की तरफ
    दौड़ पड़ती हैं । मैदान में
    सन्नाटा छा गया,
    आयोजक परेशान, अधिकारी हैरान ।
    तभी एक अप्रत्याशित घटना घटती है

    वो सातों लडकियाँ अपनी घायल
    प्रतिभागी को उठा लेती हैं और
    फिर चल
    पड़ती हैं उस तरफ जहाँ जीत
    की रेखा खींची गयी है।
    एक साथ आठों लडकियाँ उस जीत
    की रेखा पर
    पहुँच जाती है और लोगों की आँखों में
    आँसू आ
    जाते हैँ ।।
    मित्रों ये race "NATIONAL INSTITUTE
    OF MENTAL HEALTH"
    द्वारा आयोजित
    थी और
    वो आठों लडकियां मानसिक रूप से
    बीमार
    थी । लेकिन जो इंसानियत,
    जो मानवता,
    जो प्यार, जो sportsman ship,
    जो team work,
    जो समानता का भाव उन
    आठों ने
    दिखाया वो शायद हम जैसे
    मानसिक रूप से
    विकसित और पूर्ण रूप से ठीक
    नही दिखा पाते ।
    क्योंकि हमारे पास ब्रेन है, उनके पास
    नही था।
    हमारे पास ईगो है, उनके पास
    नही था।
    हमारे पास attitude है, उनके पास
    नही था।
    मित्रों,
    प्यार इंसान से करो, उसकी औकात से
    नही।
    रूठो उनकी बातों से, उनसे नही।
    भूलो उनकी गलतियों को,
    उनको नही।
    रिश्तों से बढकर कर कुछ भी नही।
    अगर दोस्त न मिलते तो ये कभी समझ
    नही आता कि अजनबी लोग
    भी अपनों से
    ही नही, अपनी जान से भी प्यारे
    हो सकते
    हैं ।।

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  38. गरूर तो नहीं करता मगर इतना यकीन
    ज़रूर है,
    अगर याद नहीं करोगे
    तो भुला भी ना पाओगे मुझे...

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  39. आज कल हर शख़्श हमे ज़िंदगी कैसे जिए ये सीखा जाता है,
    उन्हे कौन समझाए कुछ ख्वाब अधूरे है हमारे,
    वरना हमसे बेहतर जीना किसे आता है.


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  40. सूरज तो नहीं हूँ, एक अदना सा दिया हूँ मैं,
    जितनी मेरी बिसात, उतनी रौशनी कर रहा हूँ मैं "

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  41. Zindagi Hey To Khwab Hain,
    Khwab Hain Tu Manzilen Hain,
    Manzilen Hain To Rastay Hain
    Rastay Hain To Mushkilen Hain
    Aur Mushkilen Hain To TMN Hai Na. . . . . . . .

    #From :: AVI

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  42. 1) jaisa ki 1st counseling me kitni seat fill hui iska avi tak 55 dist ne hi data ka byora scert ko diya hai..lekin chuki 50 dist ki data ko tet morcha ke sadasy ne khud dekha tha jisme 3050 log hi counseling me shamil the..is adhar par sambhavna yeh hai ki kul 4000 ya 4500 tk hi seat fill hui hai..newspaper walo ki news galat hai..

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  43. 2) dosto tet morcha ne counseling se judi 12 samasya jisme (b.ed 45% vivad, profesonal ko art me rakhne ka vivad, samet 5 guna bulane avam any) ko likhit me scert nideshak ko saup diya hai..aur un samasyao (apatiyo) ke nivaran hetu basik vibhag ne sanjay sinha ko samasya nivaran samiti ka adhyax bnate huye tet morcha ke samasyao ke nistaran me kadam bdha diya hai..samsya nivaran samiti tet morcha ke apatti ko 2nd counseling ke pahle hal nikal lega..

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  44. 3) dosto acording to lko team 2nd counseling ke sambandh me 8 ya 9 sep. Ko adhikariyo ki meeting honi hai..jisme tet morcha ki apattiyo ke nistaran ho jane par counseling ki date ghosit ho sakti hai..2nd counseling ke pahle dist wise rank jari hogi tb counseling hogi..

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  45. 4) dosto s.k. Pathak dwara dali gyi contempt of court ki application no. Jald mil jayegi aur us par 2nd week september me date lag sakti hai..contempt jaruri hai kyuki contempt na huwa to let latifi ke karan puri bharti me 6 mah v lag skta hai..

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  46. 5) siksha mitro ka case avi tak take up hi nai huwa hai..halaki kal saturday hone ke bavjud court khula hai aur kal s.m case lgne ki aasha thi par cause list aane par ye pta chala hai ki s.m case kal nai lga hai ,sambhavna hai monday ko case lage ..waise s.m case ka roda bna ganna bakaya bhugtan case par aaj h.c ne order de diya hai..atah next date par s.m case fresh me rakhe jane se sunwai tay hai..

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  47. 6) dosto acording to tet morcha vidhik salahkar and h.c wakil navin sharma.. agar profesional walo ko art me se hataya nai gya to us par writ karne par h.c pahle date me hi unhe science me bhejne ka order de degi...kyuki b.tech, b.h.m.s, aur b.farma..ye kabhi art me nai the na rahege..inki padhai se lekar b.ed training avam teaching sb science subject ke anusar hui hai..inke teacher subject v science ke subject rahe hai..aur inhone old add ke form me science ka code bhara hai..
    thanx

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  48. सिद्धान्तो से कोई समझौता नही होना चाहिए,
    भर्ती 30/11/2011 के अनुसार ही होना चाहिए

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  49. कपिल ने कोर्ट से कहा है कि डिविजन बेंच ने आर्डर देते समय कुछ मामले पर विचार नही किया...
    इसलिए उसे हाइकोर्ट में मामले को उठाने की अनुमति दी जाए..

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  50. राहुल बाबा का कहना है कि मोदी जी कांग्रेस
    का बाजा बजाने के बाद अब जापान मे डंका
    बजा रहे है और अमेठी मे बिजली नही है
    उनका कहना है कि
    भाजपा सरकार आने से पहले अमेठी में इतनी
    ज्यादा बिजली थी की स्थानीय लोग पॉवर
    हाउस जाकर आग्रह करते थे की कुछ मिनट
    बिजली काट भी लें ?
    ये भी बताया कि आज से 100 दिन पहले
    अमेठी में इतनी ज्यादा बिजली आती थी
    कि बटन बंद करने के बाद भी 1 घंटे तक
    पंखा घूमता रहता था।
    कभी कभी तो बिजली दीवारों और जमीनो मे
    उतर कर कलावती के यहाँ इन्डेक्शन पर
    रोटी भी बना आती थी।
    कई अमेठी वाले रायबरेली के एम्स मे भरती है
    क्योंकि बिजली के कारण उनको अनिद्रा की
    बिमारी हो गई है।
    जनता ने बिजली कटवाने के लिए कई बार
    हड़ताल भी की,इसलिए तत्कालीन कथीत
    पीएम मोनसिंह जी को मजबूरी मे
    कोयला घोटाला करना पड़ा ताकि बिजली
    कम बने हालाँकि उन्हें मौसेरे भाई अखिलेश
    यादव की कमी नजर नही आती जो अपने
    क्षेत्रों मे बिजली दिए है लेकिन अन्य जगहों
    पर कटौती कर रहे है
    क्योंकि उनके पापा कांग्रेस के हर पाप मे
    भागीदार जो है।
    ‪#‎From पोगो चैनल....

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    मेरे सिर की कसम ना खाया करो...
    उसमेँ पहले से ही काफी दर्द रहता है...

    !

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  52. उनका हुस्न तो बयाँ ना हो सका..........
    हम भी अब थक गए, शायरी कर करके . . . !
    G
    O
    O
    D
    .
    .
    N
    I
    G
    H
    T...................9.............8

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  53. dekho bhaya sidhi baat hmera tet mkam no h yani 98 wo bhi art isliya umeed kam thi lakin ek umid thi pr ab pro walo ko art m laker to bas hogya kam to sidhi baat m to apne hakk liye court jauga or wahi se samadan kruga kyuki ye pro wale jbsc k stu h yo art m con kyu ab courth addikario se puchega m bs mon tue ka wait kr rha hu dekg lu meeting m kya decisen atta h phir wed m court ka rukh karuga or rti bhi daluga ye tet neta jo ki high merit wale h sirf apna acha chate h baki ka nhi lakin koi baat nhi naukri to hme bhi chaye to ab hum khud huladege kyoki is hisab se to 30000 jrtsci aur 35000prt sci yani 65000 sci or art m sirf 35000 or pro bhi ise m samil ise to acha h ki ye adikari in 35000 seat ki coucl bhi sci se kra le kyuki bs wo hi to padde h art wale to pagal h m bhi dekh luna in adikario ko

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  54. baki k art walo tum bi jago or matter final krao vrna rhe jaoge

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  55. Suna bhashad modi ka.hme to sharm aati h aise bhasdo ko sunane me.
    HM MANTE H.KI AAJ K SMY KI MANG H MODI JI.
    pr hm inke dwara is sikshak divs pr diye bhashad ko usi trh bahiskar krte h.jaise kukshek rajyo ne kiya.
    KYA MODU KO HMARI PEEDA NHI MALUM.KI HM PICHHALE 3 SALO SE KAISE DANSO KO JHELTE AA RAHE H.
    VIGT 3 MAH BEET CHUKE AUR IS BEETE 3 MAH ME KENDR NE RAJY KO N JANE KITNE KROD RUPAYE DIYE HINGE PR KYA KABHI.HMARI IS BHRTI K BARE ME EK BAR BHI POOCHHA.KI AKHLESH BHAIYA YE 72825 SIKAHAKO KA KYA MAMLA H.JB SC.N AADESH PARIT KR DIYA AUR HM 75% AAPKO DE BHI RAHE H.TO FIR AAP Q NHI JLD SE JLD INHE SCHOOL PADHANE HETU NAHI BHEJ RAHE HI. JB KI SCHOOLO ME TALE BHI PADE H.
    BANARS KI JMEEN SE BHART K PM BANNE WAKE MANANEEY NARENDR MODI JI.
    KYA AB AAP BHI YAHI CHAHTE H.KI TET SMOOH AA KR SANSD K AAGE AATMDAH KRE TABHI AAP IS TWT BHRTI KI KHABR LENGE
    BAHANE BANANA CHHODO SUCH KA SAMNA KRO.
    YE VOTO KI RAJNEET BND KR KABHI APNI ORAJA K LIYE JIYO.
    TUM VAHA K SHASAK HO JAHA PRJA KI EK AAWAJ PR HMARE ""RAJA SRI RAM CHANDR JI NE APNI ARDHANGNI PRAD PRIY SEEYA KO BHI DESH NIKALA KR DIYA THA""
    MIDI JI KA RAG ALAPNE WALO.SUCHCHAI KA HO SKE TO SAMNA KRO.
    Q KI JHA TK HM JIS BJP KO JANTE THE O BJP AAJ NAHI H.
    INKA MASD POORD HO GYA AUR AAP BHI H HM BHI SMBHAVTA RAHENGE AUR DEKH LENA 5 VARSJ U HI NIKAL JAYEGA.
    CHALTE-2 ITNA JAROO KAHENGE------ KI MANANEY AUR POOJNEEY SRI ATAL BIHARI BAJPEYI K PM. BANANE SE HAMARA BHART VARSH GULAMI KI JANJEERO ME JAKDNE SE BACH GYA THA AUR UNI KI NEET THI JO CONGRESH 10 VARSO TK BHR ME BHI ISE GULAM N BNA SKI ANY KISI PADOSI MULKO KI.
    AAJ THEEK USI TRH BHART K NV PM JI KI VJAH SE PUNH KUCHHH VARSHO K LIYE HAMARA BHART SHURKSHIT H.
    JY HIN JY BHART JY TWT JY TET MORCH JY TET JY TMTBBN
    JY SRI HRI

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    1. Singham ji aap direct modi ji ki f.b. account and up govt.ki bhartio se unhe awagat kara sakte hai,and kal mene manney p.m.ji ki speech sune usme unhone kaha ki acche high qualified log teacher banne me interested nahi hai ,to is baare me unko batana chahye ki teachers to hai par job kuch c.m.gandi rajneti dura nahi karna chah rahe.....

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  56. or tet sagrse morcha ke neta ji ap log btaye ki kya art walo ne sangres nhi kia to phir une ye nuksan kyu ya rajniti ke kilaf ladte ladte app log bhi rajniti h sikh gye h ki bs apna ho jae baki sb jao bhaad m lathia to art walo ne bhi khai h .. .. jb morcha sab bato kliye ek sath sagresh kr rha h is matter pr kyu nhi

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  57. Bade bhai ko pradam.
    ye in aur out k chkker me apne hi ghr me rar shuru ho gyi h.jra smjhavo unhe ki ye prof. Wale dono k liye khtarnak h kya art kya sci.
    inhe to bhrti se hi bahar kr dena chahiye vrna ye shiksh bnane k bad pesa apnyenge prof. Wala ya shiksha denge .so plz bade bhai aone is ghr ki bachane ki jimmedari punh aapk kandho pr aa gyi g.
    SUBHRATI AAPKA ANUJ SUNGHAM

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  58. apne bilkul sahi bola singham ji ye sab sirf hwai fire the jinme koi sachai nhi h aj modi n kaha wo siksha k istar ki sudrna chte h taki girl study kr sake to phir sbse jyada seat up se laker wo rha ki edu prbl m interest kyu nhi lete jbki sari baate unki jankari m h or dyan se dekhi to malum chalega ki modi sirf uni kamo ko jyada ahmyet de rhe h jo une v unki sarkar ko highlight m lati h jamini kareye wo nhi kr rhe h unke kammo se sabse jyada fyada business mens ko h bharat k kisan v garib ko nhi

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  59. Sonbathr ma frgee tet ank k madam sa 50/60.%log na apna kausling karaa raha h un log ko out area lab bsa sa melkar prt ho raha ha kuch logo n sansothan k bad 25,30, ank banna ha

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  60. professional wale profession karein inhe bharti she hi out Karl dena chahiye ya phir inki bharti a lag se kisi professional shiksha ke liye govt kre but 72824 me never. issue ham sabhi ka haq Mara ja raja he.

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