सोना हो सकता है और सस्ता, 23000 तक आ सकती है कीमत
बैंक ऑफ अमेरिका, मैरिल लिंच ने कहा है कि सोने की कीमतों में अभी और गिरावट आ सकती है। बैंक के विश्लेषकों की मानें तो अगर सोने की कीमतें और ज्यादा गिरती हैं तो भारत में सोना 23-24 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक आ सकता हैइंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन की माने तो भारतीय रिजर्व बैंक के सोने के आयात नियमों में ढील दिए जाने से सोने की कीमत दीवाली तक 23000-24000 रुपये प्रति दस ग्राम तक आ सकती है।
इसके अलावा संगठन को आगामी बजट में सीमा शुल्क में कटौती की भी उम्मीद है
आने वाले 3 से 4 महीनों में सोने के भाव 23,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकते हैं। पिछले दो दिन में सोने की कीमतों में 1000 रुपए तक की गिरावट आई है। हालांकि, कल के मुकाबले हाजिर बाजारों में सोना आज कुछ बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। दिल्ली हाजिर बाजार में सोना 100 रुपए की मजबूती के साथ 28,100 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, वायदा बाजार में सोना गिरावट के साथ 27,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
ज्वैलरों के मुताबिक, अगले 3 से 4 महीने में सोना 23,000-24,000 रुपए हो सकता है। दरअसल, आरबीआई के सोने के आयात में ढील देने से सोने पर लगने वाला प्रीमियम कम हो गया है, जिसके कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है।
क्यों आ रही गिरावट ?
पिछले साल आरबीआई ने वित्तीय घाटे को कम करने के लिए और रुपए को मजबूत करने के लिए सोने के इंपोर्ट के नियम सख्त कर दिए थे। सिर्फ बैंको को सोने के इंपोर्ट की इजाजत दी थी, लेकिन अब आरबीआई ने इन नियमों में ढील देकर स्टार ट्रेडिंग हाउस और प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस को भी इंपोर्ट की मंजूरी दे दी है।
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है, जिसके कारण सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 महीने की ऊंचाई पर है। फॉरेक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, आने वाले दिनों में 1 डॉलर की कीमत 58 से भी कम हो सकती है, जिससे सोना और सस्ता होगा।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1300 डॉलर नीचे कारोबार कर रहा है, जिसका असर घरेलू बाजार पर देखने को मिल रहा है। दरअसल, दुनिया भर के निवेशक अब सोने से पैसा निकाल रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड की होल्डिंग गिरकर 780 टन के स्तर पर आ गई है, जो पिछले 6 साल का निचला स्तर है। पिछले 2 महीने में इसकी होल्डिंग से करीब 2,200 डॉलर बाहर हो चुके हैं।
बढ़ेगा सोने का इंपोर्ट
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, आरबीआई के कदमों से साल 2014 में सोने की मांग 1000 टन तक पहुंच सकती है। साल की पहली तिमाही में सोने की मांग में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी की गिरावट आई है। डब्ल्यू सी जी के मुताबिक, सरकार को सोने पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को घटाना चाहिए, जिससे देश में सोने का आयात बढ़ेगा और ज्वैलरों को सोना मिल पाएगा। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है।
साल 2012 में 860 टन सोने का आयात हुआ, जो कि इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के बाद 2013 में घटकर 825 टन हो गया। वहीं साल की पहली तिमाही में 190.3 टन सोना आयात हुआ है। इसके अलावा करीब 200 टन सोना अवैध रुप से देश में लाया गया।
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सोने की कीमत में गिरावट का यह दौर अचानक नहीं आया है, इसकी आशंका काफी समय से जताई जा रही थी।
साल 2008 के शुरू में सोने की कीमत 10,500 रुपये प्रति ग्राम थी जो 2012 में बढ़कर 32,500 रुपये जा पहुंची। सोने में पागलपन की हद तक निवेश ने यह स्थिति पैदा की है।
पिछले तीन दिनों में सोने की कीमत रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को तो सोना 18 महीने के न्यूनतम स्तर 25,270 रुपये तक पहुंच गया था, हालांकि बाद में यह सुधार करते हुए शाम में 26,700 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया।
14 टन सोना बेचेगा साइप्रस
आर्थिक मंदी से जूझ रहा साइप्रस का केंद्रीय बैंक रिजर्व 14 टन सोना बेचना चाहता है। यह खबर अंतरराष्ट्रीय सटोरियों को जैसे ही लगी, उन्होंने धड़ाधड़ अपना स्टॉक निकालना शुरू कर दिया। इस वजह से सोने के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर तक जा गिरे।
यूरोप के सेंट्रल बैंक के सोना बेचने के भय ने भी निवेशकों में घबराहट पैदा की है। अगर साइप्रस की तरह अन्य यूरोपीय देशों ने भी सोने बेचने की घोषणा कर दी तो सोने का औंधे मुंह गिरना तय है।
अमेरिकी इकोनॉमी में सुधार
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में पिछले छह-सात महीने में सुधार और वहां सरकारी बांडों में बेहतर रिटर्न की संभावना से सोने के दाम गिर गए। अमेरिकी विश्लेषकों का कहना है कि वहां की अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। इससे सोना ही पैसा कमाने का एकमात्र विकल्प नहीं रह जाता है।
अंतरराष्ट्रीय हालात प्रतिकूल
अंतरराष्ट्रीय हालात भी सोने के प्रतिकूल हैं। सीरिया की अंतर्कलह और कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध की आशंका सोने के दाम गिर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सभी देशों के केंद्रीय बैंक मौद्रिक सुरक्षा के लिए सोना रिजर्व रखते हैं। अंतरराष्ट्रीय हालात के मुताबिक इसमें वे बदलाव करते रहते हैं। ऐसे में जब ये बैंक कोई फैसला लेते हैं तो इसका असर दुनिया के सराफा बाजार पर पड़ता है
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लांग टर्म निवेश में फायदा
शेयर बाजार के जानकार विजय कुमार का कहना है कि सोने के भाव में गिरावट से खास सहित आम लोग भी इसमें निवेश कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में निवेश लांग टर्म (पांच वर्ष तक) में ही फलदायी होगा। शॉर्ट व मिड टर्म (तीन महीने और एक वर्ष) में निवेश से अच्छा मुनाफा नहीं होगा।
सदर बाजार स्थित जिंदल ज्वैलर्स के संचालक अमित जिंदल बताते हैं कि सोने के भाव में कमी से भी बाजार में ज्यादा गर्मी नहीं है। इसका कारण ग्राहकों का वह बड़ा वर्ग सोने के भाव में और गिरावट का इंतजार कर रहा है। फिर भी रूटीन ग्राहक रोजाना खरीदारी कर रहे हैं
News Sabhaar : Amar Ujala
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See Gold Statistics, Sabhaar Economic Times of India :
Source : http://economictimes.indiatimes.com/commodityprices/symbol-GOLD.cms