आठ लाख सालाना आय वाले पा सकेंगे आरक्षण का लाभ
लखनऊ। राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आय सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये सालाना कर दी है। इस दायरे में आने वाले अब आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। आठ लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय वाले ही क्रीमी लेयर में रखे जाएंगे। पहले यह सीमा पांच लाख रुपये थी। इस फैसले से लाखों परिवार लाभान्वित होंगे।
वर्ष 2008 में जारी शासनादेश के मुताबिक, अन्य पिछड़ा वर्ग के उन परिवारों को ही आरक्षण का लाभ मिल सकता था, जिनकी लगातार तीन वर्ष तक सालाना आय पांच लाख रुपये से अधिक न हो। इन वर्षों में सरकारी मुलाजिमों की तनख्वाह काफी बढ़ गई और वे क्रीमी लेयर में आ गए।
यहां बता दें कि क्रीमी लेयर को आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती। इसलिए आय सीमा बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
इस बाबत बुधवार को प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक राजीव कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया। इसके अनुसार, अन्य पिछड़ा वर्ग के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की लगातार तीन साल तक सकल वार्षिक आय आठ लाख रुपये से अधिक नहीं है और जिनके पास धनकर अधिनियम 1957 में निर्धारित छूट सीमा से अधिक संपत्ति भी नहीं है, उन्हें जाति प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। संशोधित प्रारूप राज्य सरकार की अधिकृत वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है।
News Sabhaar : अमर उजाला ब्यूरो
दोस्तोँ
ReplyDeleteकाश ! ! !
72825 को इस कमीने ने टेट मैरिट से नियुक्ति पत्र दे दिया होता तो आज डेढ दो लाख लोगो को माया के फ़ारमूले पर आजीवन भर्ती न करनी पड़ती !!!!
इसीलिए मै बार बार बार यही बात कहता हूँ .
ReplyDelete.
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खुदा बख्श देता है उनको जिनकी किस्मत खराब होती है .....
लेकिन वो हरगिज नही बख्शे जायेंगे जिनकी नियत खराब होती है .....
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्छे काम के लिये तैयार रहें। किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें।'' .
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तीतुस 3:1-2
बधाई हो दोस्तों
ReplyDeleteपरम पिता परमेश्वर (जीसस) की कृपा से
आख़िरकार हम जीत गये
आप सभी लोगों सहित आप लोगों के स्नेहिजनो को भी बधाई !
Sabhi bhaiyo ko TET MERIT ki jeet ki badhaiya.
ReplyDeleteAap sabhi ka sangharsh aur mehnat rang laaya. is duniya mein isswar hai yeh sabit ho gaya.
aaj ka faisla ki 70% gen aur 65% OBC,ST,SC sabhi ko niyukti patr gov 6 weeks mein dekar court mein progress submit kare.
Jai TET
SC दिल्ली-
ReplyDelete70% अंक पानेवाले जनरल
अभ्यर्थियो,65% अंक पानेवाले
ओबीसी अभ्यर्थियो को नौकरी,25
फरवरी तक यूपी सरकार दे अनुपालन
रिपोर्ट-सुप्रीमकोर्ट
कपिलवा कि कोई पोस्ट नहीं आ रही हैं न जाने कहाँ जाकर रो रहा होगा .
ReplyDeleteJeet to uski bhi huyi h.bade bhai.aprtyksh roop se.ab o mane ya n mane.
DeleteTET अभ्यर्थियों को कल सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश सरकार को 6 हफ़्तों में भर्ती करके अदालत को रिपोर्ट करना होगा। मेरे लिए यह निर्देश विशेष रूप से संतोष का विषय है क्यूंकि हम लगातार इस मामले को उठाते रहे हैं।
ReplyDeleteहमार 105 बा बॉर्डर लाइन केस
ReplyDeleteलगता कोर्ट चुम्मा ले लेह लस
Badhiya hai na...shubhkamnayen aapko!!
DeleteCongrts bhai
Deleteसुप्रीम कोर्ट में न्याय की पूरी उम्मीद थी जो पूरी हुयी ।
ReplyDeleteबेशक इससे एक नयी परम्परा का जन्म हुआ हो।
मै समस्त बीएड बेरोजगारों के समायोजन तक लड़ता रहूँगा।
कोई भी बेरोजगार चिंता न करें।
जस्टिस श्री दीपक मिश्र जी एवं जस्टिस श्री यूयू ललित जी ने जब
देखा कि केन्द्रीय/प्रादेशिक सरकारी वकील चयन के आधार पर न्यायमूर्ति को संतुष्ट नहीं कर पा रहे थे तो उन्होंने चयन के
आधार से ऊपर उठते हुये
आपने ही एक आदेश एवं RTE की दुर्दशा पर
प्रदेश सरकार को पहले
जनरल 75 परसेंट एवं आरक्षित वर्ग को 70 परसेंट टीईटी मार्क
पर आठ सप्ताह में अंतरिम नियुक्ति का आदेश किया परन्तु
हमारे वकील द्वारा निवेदन करने पर
जनरल 70 परसेंट टेट मार्क एवं आरक्षित 65 परसेंट टेट मार्क कर दिया।
इतने में किसी वकील ने महिला के लिए छूट का अलग से मुद्दा उठाया तो हमारे वकील द्वारा प्रतिकार करने पर न्यायमूर्ति ने कहा कि जनरल जनरल होता है आरक्षित आरक्षित होता है उसमे महिला पुरुष अलग से नहीं होता है।
इस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार को
25 फरवरी 2015 को
सभी अनारक्षित 105 अंक तक एवं सभी आरक्षित 97 अंक तक वालों को अंतरिम नियुक्ति पत्र बांटकर रिपोर्ट करना है।
धन्यवाद।
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
ReplyDeleteअबकी मैं भी आऊंगा !!
चढ़ कंधे पर तेरे मैं भी, पार्टी नई बनाऊंगा !
खाँस - खाँस कर इस जनता से ढेरों वोटें पाउँगा !
दे गाली कांग्रेस - भाजपा को, सीएम
मैं बन जाऊंगा !
साथ छोड़ते मेरे साथी, उनको सबसे
" भ्रष्ट " बताऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
खुद का तो मुझे पता नहीं, पर सब पर ऊँगली उठाऊंगा !
झूठ बोलकर दिल्ली की जनता को,
हर पल बुद्धू बनाऊंगा !
कौन बेईमान - किसमें है इमां, यह सब मैं ही
बताऊंगा !
आये शरण में जो भी मेरी, उसे " हरीशचंद्र " बतलाऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
नित्य करूँ कुछ ऐसा " ड्रामा " मैं " नौटंकी "
कहलाऊंगा !
कभी सड़क - कभी सचिवालय, बिछा
" दरी " सो जाऊंगा !
संविधान की क्या " मर्यादा " मैं " अराजकता "
फैलाऊँगा !
कैसी शपथ और कैसा कानून, स्वयं
" चुनौती " बन जाऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
नहीं पहननी मुझको " खादी ", इमेज गढूंगा
सीधी – सादी !
पहन के स्वेटर - ओढ़ के " मफलर ", आम – आदमी बन जाऊंगा !
कभी झोंपड़ी - कभी गली में, फोटो खूब
खिचाऊंगा !
पब्लिसिटी मुझे चाहिए , नित नई कहानी
सुनाऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
ना कोई जादू - ना कोई जंत्री, नाम मिला
मुझे " धरना मंत्री " !
जलवा मेरा होगा ऐसा, घूमें पीछे मंत्री - संत्री !
पूँछ पकड़ कर " जन लोकपाल " की,
संसद मैं भी जाऊंगा !
" अन्ना " मेरी बात सुनो, धरना छोडो " गद्दी "
चुनो !
" राजनीति " की पहन ली टोपी, अब सबको
पहनाऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
सर पर टोपी - हाथ में झाड़ू, नेता हूँ
मैं सबसे " ताड़ू " !
ताड़ के मौका - सबसे पहले, तीसरे मोर्चे में
जाऊंगा !" ड्रामे " की पटकथा भी सुन लो,
जनता दरबार लगाउँगा !
अगर जबाव न दे पाया, फिर भाग के " छत "
चढ़ जाऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
चप्पल - जूते - थप्पड़ – स्याही, कुछ मत
फेंको मेरे भाई !
एक बार फिर दे दो " मांफी ", अब " कुर्सी "
गले लगाउँगा !
विधानसभा को भंग कर दो, ये आरोप
" कमल " पे धर दो !
" जनता " तो " मन " बना चुकी है,
ऐसा " सर्वे " कराऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
अबकी मैं भी आऊंगा !!
दिल्ली अब भी मुझको चाहती, रोज हजारों
मिलती " पाती " !" अफवाहें " ऐसी फैला दो,
" 36 " सीटें दिल्ली में पाउँगा !
चुनाव बाद कुछ कमी जो रह गई, " कमल "
लहर में जनता बह गई !
" बच्चों " की मैं कसम हूँ खाता, फिर
" हाथ " से " हाथ " मिलाऊंगा !
हे अन्ना एक और अनशन कर दो,
ReplyDeleteअगर किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ
लेना दोस्तों
दरअसल छोटी सी इस उम्र मे परेशानियां बहुत
हैं...!!
Logo ka bhla krne wala khud grj nhi hota.
Deletejuske sir pe ho hath rb ka, o chhoti umr ka nhu hota.
Tum jivo hjaro sal.
sal k din ho kai hjar.
अब तक सरकार कोर्ट में मामला होने के कारण बहुत धीरे -धीरे काम कर रही थी क्योकि उसे लगता था कि शायद फैसला उसके फेवर में आएगा | लेकिन अब सुपर फ़ास्ट एक्सप्रेस की तरह काम करेगी ......उसके हरामीपन का नशा कोर्ट ने उतार दिया |
ReplyDeleteजय हो न्यायपालिका |
-SUPREME COURT ने TET को base of selection बनाना सही माना है और इसी आधार पर भर्ती का आदेश दिया है
ReplyDelete-SUPREME COURT - खेल के नियम खेल के बीच मे नहीं बदले जा सकते
-अब तक कुल 18 order hc से लेकर supreme court तक हमारे favour में
- OLD ADD को शीर्ष अदालत ने सही माना है
- 12amendment को शीर्ष अदालत ने विधि के अनुरूप माना है
- new add v 15amendment रद् द
-gen 70% TET MARKS
obc 65% TET MARKS
प्राप्त करने वाले applicant's को joining letter
6 weeks में देने का order किया ह
अब भी अगर कोई नासमझ यह बोले की अमेंडमेंट में अकादमिक के क्वालिटी पॉइंट है वह टेट मेरिट में नही तो यह जान लेना चाहिए की १२ अमेंडमेंट जो टेट मेरिट का है अकादमिक की सभी पात्रता परीक्षाओँ को पार करके ही बनता है ;
ReplyDeleteटेट एग्जाम वही दे सकता था जिसने बी. एड. किया हो ;बी एड वही कर सकता है जिसने 45 % स्नातक में लाये हो ;स्नातक वही कर सकता है जिसने इंटर पास किया हो ;इंटर वही कर सकता है जिसने है स्कूल किया हो मतलब टेट मेरिट में अकादमिक के पूरे क्वालिटी पॉइंट हैटीचर बनने के लिए वरीयता देनी है तो टेट को ही दी जा सकती है क्योकि है स्कूल इण्टर स्नातक से कोई और भी जॉब पाई जा सकती है लेकिन बिना टेट के आप टीचर नही बन सकते
सरकारी वकील के लाख दावों के बावजूद जज साहब ने कहा कि 7 लाख बैठे हुये छात्रों में पौने तीन लाख पास हुये है तो फिर ये तो बिल्कुल कम्पटीशन इग्जाम के जैसा हो गया
ReplyDelete# और कम्पटीशन एवं एकेडमिक की तुलना नही की जा सकती , और वैसे भी टीईटी अंकों को एनसीटीई ने महत्व दिया है ,
# तब तक जस्टिस मिश्र जी के सामने वह आदेश प्रस्तुत कर दिया गया जिसमें उन्होंने बहुत पहले राज्य सरकार को तीन लाख पद भरने का आदेश दिया था और तब तक राज्य सरकार की दलील न सुनने का जिक्र था , जिसे 1 मिनट पढने के बाद वह तुरन्त रमानी जी से बोले
# क्या राज्य सरकार ने आरटीई के तहत दिये दिये गये इस महत्वपूर्ण आदेश को पूरा कर दिया
# इस पर जबाब न मिला
# उन्होने तत्काल कहा ऐसे में अब और अधिक देर करना उचित नही है । अतः तत्काल सामान्य आरक्षित सभी के लिये सरकार के नाम लिखित आदेश जारी कर दिया कि इस दायरे में आ रहे लोगों को नियुक्ति देकर आप 6 हफ्तों बाद तत्काल हमें रिपोर्ट करें
Bdae bhai
ReplyDeleteEk nuvedn h.
ki pak me huye is drdnak krity k liye hm sbhi ko UTTER PRDESH TET MORCH KI SNGH KI TRF SE BHI snvedna bykt krni chahiy.hme ummeed hi nhi poord bishwas h.aap is pahl ko aage badhyenge.aur un priwaro tk apni sahanbhoiti ko pahuchayenge.
Apka anuj singham
This comment has been removed by the author.
DeleteWell said bhai Unka kya kasur tha jinko sayad abhe dharam ka sahe tarike se pata bhe nahe. Jaihad ke naam pe bagunaho ki jaan la le. Akhir kya bhara gaya he in logo ke dimag me ki masume ko marte unke haath bhe nahe kapte.
DeleteGudmrng Tet frnds n congrats a lot to those who r in selected merit n all d best to those who r not in it. 70% se1mark bhi kam k gen cat ka koi chance nhi is bharti me? Pls anybody tell.
ReplyDeleteDOSTO VAISE DEKHA JAYE TO ABHI TK JO COUNSELING HUE HAI USME GEN70% K UPAR WALE OBC 65% K UPAR WALE AND SC 60% K UPAR WALE HE SHAMIL SARKAR CHAHE TO THODA BHUT CHANGE KRK IS PRAKRIYA KO AAGE BADHA SAKTI HAI...
ReplyDelete300000 लोग नियुक्त हो गए तो 72 डाइट में ट्रेनिंग कैसे करेंगे
ReplyDeleteअभी टेढ़ीनाक के और कमिया उजागर होनी बाकि हैं
Agree
Deleteचोंच डुबा कर दो चार बूँदें हाथ में लेकर अपने ऊपर छिड़कने को "चंचु" स्नान कहते हैं..
ReplyDelete.
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इससे भी श्रेष्ठ स्नान होता है "नल नमस्कार स्नान" जो शीतॠतु में नल को "नमस्कार" करके किया जाता है।
कई वीर साहस करके "नल" को "स्पर्श" कर लेते हैं। परंतु ज्ञानी जन दुस्साहस की वर्जना करते हैं।
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इन सबसे सर्वश्रेष्ठ स्नान होता है।
"जल स्मरण स्नान" इस स्नान में परम ज्ञानी जन अपने बिस्तर में बैठे बैठे "जल देवता" का स्मरण करके करते है।
उपरोक्त स्नानों से निम्न लाभ होते हैं।
(1)इन सभी स्नानों से जल बर्बाद नहीं होता है।
(2) हम इन सभी स्नानों के माध्यम से बहुत बड़ी मात्रा में "अमूल्य जल" की बचत कर मानव मात्र की सेवा कर सकते हैं।
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शीतॠतु में इस "चमत्कारी जल स्मरण स्नान" का यथा-संभव पुण्य-लाभ लें...
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बहुत पुण्य का काम है।
bhai ye chindi chor acedmic wale kaha gaye sale enko jooto ki mala pahnao aur jute maro kutto ko.lakho ka chanda lekar bhag gaye
ReplyDeleteसर्व शिक्षा अभियान
ReplyDeleteका असली मतलब है
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हर किसी को टीचर बना दो :):):)
उस दिन भी बुद्धवार था,
ReplyDeleteउस दिन भी जज दीपक मिश्रा थे,
ये पढीए गुजरात का आदेश
सुप्रीमकोर्ट ने फिर कहा, केवल योग्य टीचर ही पढाएं स्कूलों में
नई दिल्ली। सुप्रीम> कोर्ट में जस्टिस बीएस चौहान और जस्टिस दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि स्कूलों में सिर्फ प्रशिक्षित शिक्षकों को ही अध्यापन की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने राज्यों में प्राथमिक स्कूलों में उचित योग्यता के आधार के पालन बगैर ही तदर्थ शिक्षक नियुक्त करने पर सवाल उठाया है।
खंडपीठ ने तदर्थ नियुक्तियों की व्यवस्था से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के लोक लुभावन तरीकों से शिक्षा प्रणाली के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। न्यायालय ने गुजरात में प्राथमिक स्कूलों में विद्या सहायक की नियुक्ति से संबंधित मामले में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। कोर्ट ने राज्य सरकार को उस नियम से संबंधित सारी सूचना पेश करने का निर्देश दिया है जिसके तहत विद्या सहायक की भर्ती की जा रही है। न्यायालय ने कहा कि प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा ही शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
न्यायाधीशों ने कहा कि आपको विद्या सहायक के चयन की प्रक्रिया, योग्यता, कार्यकाल और दूसरे विवरण पेश करने होंगे। आप प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों और विद्या सहायक की योग्यता और वेतन मान सहित विभिन्न पहलुओं का तुलनात्मक विवरण पेश करें। ज्ञात रहे, कोर्ट ने 20 मई को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की तदर्थ नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुये कहा था कि इस तरह की नीति समूची शिक्षा प्रणाली और देश के भविष्य को चौपट कर रही है। संविधान का अनुच्छेद 21-क प्रभावी होने की स्थिति में इस तरह की नीति कैसे लाई जा सकती है। इस तरह की नियुक्तियां उत्तर प्रदेश में भी हो रही हैं। न्यायालय ने कहा था कि ये शिक्षा सहायक तो शिक्षा शत्रु हैं।
विभिन्न समाचार-पत्रों में छपीं 72825 शिक्षक भर्ती से सम्बंधित खबर से बेचैन कदापि न हों और न्यायालय आदेश की प्रति प्राप्त होने तक प्रतीक्षा करें क्योंकि प्रत्येक पक्ष जहाँ इस आदेश की अपने-अपने अनुसार व्याख्या कर रहा है वहीँ दूसरी ओर 65% से कम अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों और महिला अभ्यर्थियों में संशय का माहौल बन गया है,,,अतः हवा में तीर चलाने अथवा तुक्के बैठाने से बेहतर है की सत्य सूचना की पुष्टि होने तक प्रतीक्षा करें और धैर्य रखें। अवनीश यादव, अनिल वर्मा जी अभी दिल्ली में ही रुके हुए हैं और न्यायालय आदेश की सत्यापित प्रति लेकर ही वापस लौटेँगे,,,आदेश की प्रति प्राप्त होते ही आपको यथार्थ से सूचित अवश्य करवा दिया जाएगा।
ReplyDeleteधन्यवाद,,
जय हिन्द-जय टेट।।
टेट मोर्चे का नेतृत्व और सक्रिय कार्यकर्ता कल की कोर्ट कार्यवाही की अपने-अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया को वो व्याख्या प्रभावित करेगी जो उत्तर प्रदेश सरकार का विधि विभाग करेगा ,,,, विधि विभाग की उस व्याख्या को अमली जामा पहनाने के सम्बन्ध में कैबिनेट निर्णय लेगी जिसकी अगली मीटिंग मंगलवार 24 दिसंबर को होनी चाहिए ...... तब तक के लिए अपने दिमाग को विश्राम का अवसर दें तथा इस विवाद के न्यायसंगत समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें ...... यदि सरकार ने इस आदेश की मूल भावना का पालन किया तो टेट मोर्चे के लगभग सभी कार्यकर्ताओं का चयन हो जाएगा ,,, इसके बावजूद जो थोड़े बहुत लोग रह जायेंगे उनका हम सब मिलकर कोई न कोई प्रबंध करेंगे ....
ReplyDeleteBhut bhut dhanyawad tprt ji.
DeleteMay god bless u
दोस्तोँ कल से कुछ लोग लगातार यह कह रहे हैं कि इस आदेश का अनुपालन संभव नहीं है उसमें कुछ लोग कपिल के वंशज हैं तो कुछ हमारे अपरिपक्व लोग।
ReplyDeleteएक बात आप लोग अपने दिमाग में गाठ बांध करके रख लीजिए सर्वोच्च न्यायालय का आदेश कभी अव्यावहारिक होता ही नहीं है। जो लोग इस आदेश को अव्यावहारिक कह रहे हैं उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारों की जानकारी नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय अगर सचिव को सात दिनों तक सर के बल खड़ा होने का आदेश भी दे देगा तो वो भी व्यावहारिक आदेश माना जाएगा।
यह हाई कोर्ट नहीं है कि फैसले को पलटा जा सके या ए॰सी॰ खराब हो या चुनौती दी जा सके।
इस आदेश को चुनौती देने के सभी रास्ते फिलहाल बंद है लेकिन अब सच में इतना आत्मविश्वास बढ़ चुका है कि सरकार के पास अगर कोई रास्ता है कहीं भी किसी न्यायालय में इस आदेश को चुनौती देने के लिए तो वो जरूर चुनौती दे क्योंकि जितना न्यायालय और जितने न्यायाधीश के समक्ष हमारा टेट मेरिट का मुद्दा गया है वहाँ से हम और मजबूत होकर ही आयें है।
हम लोगों को सरकार और कपिल को लाख लाख धन्यवाद देना चाहिए उनकी मेहनत ने ही हमारे टेट मेरिट के दायरे को 72825 के बाहर तक फैला दिया। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि अब 72825 पदों के के बाद अन्य पदों की भी भर्ती टेट मेरिट से ही होगी।
मजेदार बात यह है कि एकडमिक मेरिट के समर्थकों का सारा चंदा टेट मेरिट की मजबूती में लग गया।
दोस्तों थोड़ा सा भी न घबराइए व्यावहारिक और अव्यावहारिक की परिभाषा भी सर्वोच्च न्यायालय ही तय करता है और हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश को लागू करवाना सरकार की जिम्मेदारी है और इस बार तो कोई बहाना भी नहीं है सरकार के पास पिछली बार लोकसभा चुनाव का सहारा लेकर हम लोगों को परेशान किया गया था।
वैसे जो लोग शोर कर रहे हैं कि इस फैसले को लागू करना असंभव है उनकी तरफ ध्यान ही न दीजिए यह बहुत आसान है 72825 पदों की भर्ती को पूरा करने की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है इसके बाद लगभग 30 से 40 हजार और नये पदों के लिये एक नया अध्यादेश लाने की जरूरत होगी बस, इसके बाद आदेश का पालन संभव और व्यावहारिक दोनों हो जाएगा।
धन्यवाद !
प्रशिक्षु शिक्षक चयन - 2011
ReplyDeleteजनपद लॉगिन
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Ye www.upbasiceduboard.gov .in pr show ho ra hai
Its a official website of up gov.
Wat is d password...???
Anybody know....?????
uptet breaking news Brearking News: आर्ट, साइंस, मेल, फीमेल आरक्षण समाप्त नहीं हुआ है.
ReplyDeleteदोस्तो खबर मिल रही है कि आर्ट, साइंस, मेल, फीमेल आरक्षण समाप्त नहीं हुआ है. टेट मोर्चा अग्रणी जितेंद्र सिंह पाल के अनुसार...
ऐसा मा० कोर्ट ने कुछ भी नहीं कहा है. जब आदेश लिखाया जा रहा था तो ये भी लिखाया गया है राज्य सरकार की आरक्षण नीति को ध्यान में रखते हुए नियक्ति की बात कही है.
पहले कोर्ट ने 75% एवं 70% का पैरामीटर निर्धारित किया था किन्तु सीनियर अधिवक्ता श्री विकास सिंह कोर्ट में 15-मिनट लेट आये थे. सारे मामले को समझकर उन्होंने कहा कि उपरोक्त पैरामीटर को लागु करने से वंचित वर्ग को नुकसान हो जायेगा, नियुक्ति के लिए न्यूनतम 60% टेट मार्क्स बालों को भी नियुक्ति का अवसर दिया जाए. साथ ही विकास सिंह की बात पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने 70% और 65% कर दिया, जिससे अधिकतम अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा. जब आर्ट, साइंस, मेल, फीमेल etc. पर जब बात उठाई गयी तो विकास सर ने कोर्ट को बताया कि ये सभी मामले मा० हाईकोर्ट से निर्णीत नहीं हैं अतैव इनको यहाँ नहीं सुना जा सकता और इसे मा० कोर्ट ने सुनने से मना कर दिया.
हालांकि टेट मोर्चा के अन्य सदस्य गणेश दीक्षित जी ने आरक्षण समाप्त होने कि खबर दी थी...
तो भैया लिखित में आर्डर जो नेट पर है अगर अक्षर शत् सही है तो
ReplyDeleteपुरुष महिला अदर रिजर्व केटेगरी जारी रहेगी और वो प्रदेश सरकार के पक्ष से निर्धारित रहेगी
SC कट ऑफ फॉर नाव टिल 25थ फरवरी
70 %जन 65% फॉर रिजर्व इन्क्लूडिंग SC
अब तक हुई कॉन्सेलिंग जारी रहेगी 4थ का इन्तेजार करे
लोअर टेट मार्क्स पर प्रभाव जरूर है पर आशा करता करता हु 2नद SC कट ऑफ नीचे जरूर आएगा
Teacher's HelpDesk
ReplyDelete37 mins ·
सभी टेट मित्र ....HELP PLEASE...
पहीले पूरी बात सुन लिजीए फिर हेल्प किजीएगा....
बात कुछ यूँ है कि.......
हम और हमरे यार "लुटावन" घनघोर टेट मेरिट सपोटर हैं, दुनु यार कौन्सलिंग करा के नियुक्ति अगोर रहे थे कि अचानके जाने कौन ससुरा फैनल हियरिंग के लाँग निद्रा में सोये "भूत" को लात मार के जगा दिया, अब उ सरवा भूत बउरा गया और कच्ची नींद से उठ के हड़कम्प मचा दिया....
अब जिस ओर से टेट नेता लोग हाँक लगाये हम लोग डर के मारे ऊंहा ऊँहा चन्दा दिये, 10 को डेट लगा.....अगोरते रहे पर कुछु नहीं हुवा, 16 के सुनवाई के बाद "कपिला एण्ड कम्पनी" की ललकार सुन के तो लुटावन रात भर "बरबाद हो गये" "लुट गये" "हाय टेट" आदि आदि कहके बउआते रहे, खैेर सुबह हुइ और 17 के डेट में लुटावन तड़के से उठ के सुनवाई का वेट करने लगे, हमने समझाया भाई सुनवाई 2 बजे होगी, काहें टेन्शन में पड़े हो ? आज जरूर फरिया जाएगा !
कहने को तो कही दिये पर टेन्शन हमरो मन में भी था....
तब तक "चिलरा" जिसका गुणाँक 69 पर टेट में 91 ही था और "बिलरा" जो गाँवे का शिक्षामित्र है, इ दुनु की जोड़ी ऊधर से निकली हमरी जोड़ी को देख कर सरवा अइसन दाँत चियारे की हमन के ##टें जल के राख हो गइल, लेकिन का करें...
अब हम चले गये बैंक में बड़े भाई लोगन के खाता में कुछ पइसा जमा करे ताकि वकील साहब के टाइम पर पेमेन्ट हो जाए, उधर से शाम के 5 बजे लौटे तो देखें कि हमरे यार लुटावन "कबो रोयें कबो हँसे" हमको बड़ी चिन्ता हुई कि कौनो गड़बड़ तो नहीं हो गया ?
जब पूछा तो बताये कि हम टेट वाला केस जीत गये, अब हम का बताये कि ई सुनकर हम केतना "गच्च" हुए , लेकिन खुशी के मौका पर रोने का कारन पूछा तो बताइन कि जज साहब 70/60 वाला कौनो बड़ी "अड़सावन आदेश पास" किये हैं हमरे भेजा में नहीं घुस रहा है और हमके पूरी कहानी सुनाये, पूरी बात सुन के तो हम खुद ही कन्फ्यूजिया गये, हमको भी रोने का मन करने लगा, पर अपने को कन्टरोल किये और लुटावन को समझाने लगे,
अबही हम लोग माथा पच्ची कर रहे कि "चिलरा -बिलरा" फिर आ गये, बड़े ही अनमना के पूछे.... का हुवा आज ?
लुटावन जेतना जानते थे आधा-अधूरा कहानी सुना दीहीन अब इ दुनु "भकोल" के तरह मुँह बाये ........ई का होई गवा ?
लुटावन का माथा गरम.....भाग बा###द ! ईहाँ तो अपने कुछ नहीं बूझा रहा है इनको कहाँ से समझाएँ ?
अब जैसे तैसे लुटावन के कन्टरोल किये और उनके समझायें हैं कि भाई आज कल में "लिखित आदेश" आने दो सब मैटर बूझा जाएगा।
अब आप सभी बड़के भाई लोगन से अर्जी है कि हमरे यार लुटावन के बचा लिजीए उ रात भर नींद मे बउआ रहें हैं और चिहुक के उठ जा रहें हैं और आज सबेरे से तो भिन्न भिन्न प्रकार के पेपर पढ़ के औरी कन्फ्यूजिया गये...आर्डर बूझने के लिए चार बार दीवाल पर मुड़ी पटक चुके हैं....
फिलहाल आपके समझ में जेतना बूझा रहा है ओतना ही समझा दिजीए बाकी आदेश आने के बाद खुद ही समझ जाएँगे...
बड़ी कृपा होगी !
अगली सुनवाई तक हम दुनो मित्र आपके आभारी रहेंगे...........जय टी.ई.टी.
Nanu bhaiya aap lutawan se kah dijiye ki oo jyada bhakuawas mat judge saheb puri tarah se faisla t e t ke paksha me kar dihale bani.lutawan ke babuji se kahi di ki jaldi se lutawan ki biyah kara di.mehraru aayi tab lutawan ke chihukal ar bhakuwail sab door kar di.jai tet.
Delete70%- 105 मार्क्स
ReplyDelete65%- 97.5 मार्क्स
लेकिन 97 मार्क्स मतलब 64.67 % जिसे 65 के कट ऑफ के लिए उपयुक्त माना जाना तय है तो इस प्रकार है कट ऑफ
GENRAL 105
RESERVED 97
बाकि किसी रयूमर पे यकीं न करे