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Saturday, February 28, 2015

बजट 2015-16 : अब बैंकों में सोना जमा करवाओ, ब्याज पाओ

आम #बजट: 2015-16; अपने सोना से नियमित कमाएं, देश के विकास में भी भागीदार बनें 

 बजट 2015-16 : अब बैंकों में सोना जमा करवाओ, ब्याज पाओ 

Budget 2015-16 : Jaitley announces Gold monetisation scheme

  आम बजट: 2015-16; अपने सोना से नियमित कमाएं, देश के विकास में भी भागीदार बनें





अब गोल्ड मैटल अकाउंट में जमा करवा सकेंगे सोना, इस पर ब्याज भी मिलेगा
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वर्ष 2015-16 के लिए बजट पेश करते हुए गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम की घोषणा की। इसके तहत अब उपभोक्ता बैंक के लॉकर में सोना रखने की बजाए गोल्ड मैटल अकाउंट में जमा कर उस पर ब्याज कमा सकते हैं। इसके अलावा जेटली ने गोल्ड बॉन्ड भी जारी करने की घोषणा की।


जेटली ने बजट भाषण में इंडियन गोल्ड कॉइन जारी करने की घोषणा की। इन सिक्कों पर अशोक चक्र भी बना होगा। विदेशी सोने के सिक्कों की बजाए देसी सिक्कों को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। जेटली ने कहा कि देसी सोने के सिक्कों के जरिए देश में मौजूद सोने को री-साइकिल करने में मदद मिलेगी।

जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करता है बसेरा,
वह भारत देश है हमारा। जी हां, अब ये सोना सचमुच में देश की तकदीर बदलेगा। सदियों से घरों और गले-कलाइयों-अंगुली की शोभा बढ़ाने वाला सोना अब नियमित कमाई के साथ-साथ देश के विकास का भी जरिया बनेगा। अब अनुत्पादक होने का आरोप झेलने वाले सोने के भी अच्छे दिन आएंगे। आपके पास भी अगर सोना यूं ही पड़ा है तो उसका इस्तेमाल अपनी कमाई बढ़ाने में कर सकते हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पहले पूर्ण आम बजट 2015-16 में सोना मुद्रीकरण योजना (Gold Monetisation Scheme)का प्रस्ताव किया है। लंबे समय से जानकार देश में बेकार पड़े सोने का देश के विकास में इस्तेमाल करने के लिए इस तरह की स्कीम लाने की मांग कर रहे थे। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि हम हर साल 800-1000 टन सोने का आयात करते हैं और इस समय करीब 20 हजार टन सोना हमारे घरों में बेकार पड़ा है। इस स्कीम से गोल्ड लोन के साथ-साथ सोना को बेकार रखने की आदत को भी खत्म किया जा सकेगा।
Gold Monetisation स्कीम के फायदे: 
1-अपने सोना को मेटल अकाउंट में रखकर ग्राहक उस पर ब्याज पा सकते हैं।
2-ज्वेलर्स को उनके सोना के बदले लोन मिल सकता है
2-बैंक या दूसरे डीलर्स को भी सोने को मॉनेटाइज करने की सुविधा
      वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोने की जगह पर वैकल्पिक फाइनेंशियल एसेट सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड विकसित करने का भी प्रस्ताव अपने पहले पूर्ण बजट में किया है। इसमें ग्राहकों को फिक्स्ड ब्याज तो मिलेगा ही, बॉन्ड को रीडिम यानी बेचने की भी सुविधा होगी। रीडिम्प्शन के समय सोने के फेस वैल्यू के आधार पर पैसे मिलेंगे।
                         पेट्रो पदार्थों के बाद देश का सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा सोने के आयात पर खर्च होता है। देश की इकानॉमी के लिए सिरदर्द बने करंट अकाउंट डिफिसिट यानी चालू  खाता का घाटा बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका सोने की है। क्योंकि सोने के इंपोर्ट पर काफी विदेशी मुद्रा खर्च होता है लेकिन ये अनुत्पादक है। मैन्युफैक्चरिंग में इसका कोई खास इस्तेमाल नहीं होता है। इसलिए सोने के इंपोर्ट को कम से कम करने के लिए अरुण जेटली ने इंडियन गोल्ड कॉइन विकसित करने का एलान किया है, जिस पर अशोक चक्र का निशान रहेगा। इससे विदेशों में बने गोल्ड कॉइन की मांग को कम करने में मदद मिलेगी।
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Budget India #आम-बजट

#News आम बजट 2015-16 का सारांश
· लोगों के विकास के लिए नीलामी के माध्‍यम से कोयला और खनिज जैसे प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी और अधिकतम आवंटन।
· वित्‍तीय समायोजन
· सभी के स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता
· बालिका और देखभाल और उनकी शिक्षा
· युवाओं के लिए रोजगार सृजन
· बाधा मुक्‍त व्‍यापारिक वातावरण
· गरीबों के लिए लाभों की प्राप्ति को और उपयुक्‍त बनाया जाएगा।
· रोजगारों के सृजन के लिए आकर्षक निवेष
· रोजगार बाजार का विस्‍तार और श्रमिकों के कल्‍याण को सुनिश्चित करना
· किसानों के लिए अधिक आय के सृजन हेतु कृषि उत्‍पादकता में सुधार
· नवीन और नवीकरण ऊर्जा स्रोतों सहित सभी संसाध्‍नों का उपयोग करते हुए देश को ऊर्जा युक्‍त बनाना
· धरा से अंतरिक्ष तक प्रौद्योगिकी को अपनाना
· कौशल भारत कार्यक्रम
· सरकार में कुशल और बेहतर कार्य वातावरण
· व्‍यापार के सरलीकरण के लिए रेड टेप से रेड कारपेट तक की नीति
· देश के पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों को मुख्‍य धारा में शामिल करना।
· राष्‍ट्र के सम्‍मान और इसकी संस्‍कृति को प्रोत्‍साहन देना।
मनरेगा के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन
केंद्रीय वित्‍तमंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में केंद्रीय बजट 2015-16 प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि सरकार मनरेगा के जरिए रोजगार में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी गरीब रोजगार के बगैर न रह जाए। वित्‍तमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन किया गया है। उन्‍होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत कार्यों की गुणवत्‍ता और प्रभावशीलता में सुधार लाने पर ध्‍यान दिया जाएगा।

मध्यम वर्ग के करदाताओं को रियायतों का तोहफा

वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में दिए अपने बजट भाषण में विभिन्न कर रियायतों एवं प्रोत्साहनों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया, ताकि कर विवादों में कमी आ सके और कर प्रशासन बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि बचत को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के मामले में इसे 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
घरेलू विनिर्माण एवं ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन के जरिए रोजगारों का सृजन
बड़ी संख्या में रोजगारों के सृजन हेतु घरेलू विनिर्माण एवं ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में पेश आम बजट 2015-16 में सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क में अनेक रियायतों की घोषणा की।
स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में अंशदान कर 100 फीसदी कटौती
वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा आज पेश आम बजट में स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि के बारे में एक अहम प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत स्वच्छ भारत कोष (निवासी और अनिवासी दोनों द्वारा) और स्वच्छ गंगा निधि (निवासी द्वारा) में दिए गए दान (कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार किए गए सीएसआर अंशदान को छोड़कर) आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत 100 फीसदी कटौती के पात्र होंगे।
रोजगार सृजन के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए में संशोधन का प्रस्‍ताव
आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्‍ताव, न्‍यूनतम 100 मजदूरों की पात्रता को घटाकर 50 मजदूर करने का प्रस्‍ताव

स्‍वच्‍छ भारत कोष की स्‍थापना
स्‍वच्‍छ भारत कोष और स्‍वच्‍छ गंगा निधि के महत्‍व पर विचार करते हुए अधिनियम की धारा 10 (23 ग) में संशोधन का प्रस्‍ताव है, जिससे स्‍वच्‍छ भारत कोष और स्‍वच्‍छ गंगा निधि की आय को आयकर से छूट दी जा सके। ये संशोधन 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी होंगे।
विश्‍व सांस्‍कृतिक धरोहर स्‍थलों का जीर्णोंद्धार किया जाएगा
निम्‍नलिखित धरोहर स्‍थलों पर काम शुरू करने के लिए संसाधन उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव किया है:
1- पुराने गोवा के गिरिजाघरों और कॉन्‍वेन्‍टस
2- हम्‍पी, कर्नाटक
3- कुम्‍भलगढ़ और राजस्‍थान के अन्‍य किले
4- रानी की वाव, पाटन, गुजरात
5- लेह पैलेस, लद्दाख, जम्‍मू-कश्‍मीर
6. वाराणसी मंदिर शहर, उत्‍तर प्रदेश
7. जलियांवाला बाग, अमृतसर पंजाब
8. कुतुबशाही मकबरा, हैदराबाद, तेलंगानाश्री जेटली ने 43 देशों के यात्रियों को आगमन पर वीजा देने की सुविधा की सफलता के बाद 150 देशों के यात्रियों को यह सुविधा देने का प्रस्‍ताव किया है।
क्षेत्र तटस्‍थ वित्‍तीय शिकायत निवारण एजेंसी गठित करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा
सरकार को भारतीय वित्‍तीय कोड (आईएफसी) के बारे में बड़ी संख्‍या में सुझाव प्राप्‍त हुए हैं जिसकी समीक्षा वर्तमान में न्‍यायमूर्ति श्री कृष्‍णा कमेटी द्वारा की जा रही है। वित्‍त मंत्री ने आशा व्‍यक्‍त की आने वाले समय में वे विचार-विमर्श के लिए संसद में आईएफसी पेश कर सकेंगे।
वायदा बाजार आयोग का सेबी में विलय किया जाएगा
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने वस्‍तु वायदा बाजार के निगमन को मजबूत बनाने और अन्‍धाधुंध सट्टेबाजी कम करने के लिए वायदा बाजार आयोग को सेबी में विलय करने का प्रस्‍ताव किया है। वित्‍त विधेयक-2015 में सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्‍ताव है।
कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) के तहत कर्मचारियों को दो विकल्‍प दिए जाएंगे
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण ने घोषणा की है कि कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) के संदर्भ में कर्मचारियों को दो विकल्‍प देने की आवश्‍यकता है। पहला, कर्मचारी या तो ईपीएफ को चुन सकते हैं अथवा नई पेंशन योजना को। दूसरा, निश्चित मासिक आय के नीचे के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में योगदान वैकल्पिक होना चाहिए और यह मालिकों के योगदान को कम किए बिना या प्रभावित किए बिना होना चाहिए। ईएसआई के बारे में उन्‍होंने कहा कि कर्मचारियों को ईएसआई या बीमा निगमन विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त स्‍वास्‍थ्‍य बीमा उत्‍पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्‍प होना चाहिए।
वित्‍त मंत्री ने घोषणा की हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद इस बारे में संशोधित कानून लाया जाएगा।
कारपोरेट टैक्‍स में कमी होगी और जीएसटी को लागू किया जाएगा
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि कारपोरेट टैक्‍स दर के अगले 4 वर्षों के दौरान वर्तमान 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रावधान है।
स्‍वरोजगार और प्रतिभा का उपयोग (सेतु) की स्‍थापना होगी
सेतु एक औद्योगिकीय-वित्‍तीय उद्भवन होगा और अन्‍य स्‍व-रोजगार के क्रियाकलापों, विशेषकर प्रौद्योगिकी प्रेरित क्षेत्रों में व्‍यवसाय चलाने के सभी पहलुओं की सहायता करने हेतु सहायता कार्यक्रम होगा। इस प्रयोजन के लिए, नीति आयोग में आरंभिक रूप में 1000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
सरकार की ‘एक्‍ट ईस्‍ट‘ नीति
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज कंबोडिया, म्‍यांमार, लाओस, और वियतनाम नामक सीएमएलवी देशों में विनिर्माण केंद्रों के गठन की घोषणा की। लोकसभा में आम बजट 2015-16 को प्रस्तुत करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ नीति दक्षिण-पूर्वी एशिया में सघन आर्थिक और कार्यनीतिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में किया गया प्रयास है।
विदेशी निवेश जुटाने के लिए प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने के लिए विभिन्‍न प्रकार के विदेशी निवेशों और विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेशों के बीच के विभेद को दूर
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने विदेशी निवेश जुटाने के लिए, भारतीय कंपनियों हेतु प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने हेतु, विभिन्‍न प्रकार के विदेशी निवेशों, खासकर विदेशी पोर्टफोलियों निवेशों और विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेशों के बीच के विभेद को दूर करने और उनके स्‍थान पर समिश्र उच्‍चतम सीमाएं लाए जाने की मांग की है। जो क्षेत्र पहले से ही 100 प्रतिशत स्‍वचालित मार्ग के अंतर्गत आते हैं, प्रभावित नहीं होंगे।
सोने का मुद्रीकरण
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने सोने के मुद्रीकरण के लिए कई कदमों की घोषणा की है। आज लोकसभा में आम बजट 2015-16 प्रस्‍तुत करते हुए उन्‍होंने कहा कि भारत विश्‍व में सबसे बड़े उपभोक्‍ताओं में से एक है तथा प्रतिवर्ष 800-1000 टन स्‍वर्ण का आयात करता है।

विकास को हरित होना चाहिए
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि सरकार विकास प्रक्रिया को जहां तक संभव है, हरी-भरी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज यहां संसद में आम बजट 2015-16 प्रस्‍तुत करते हुए श्री जेटली ने कहा है कि अधिकांश पैट्रोलियम उत्‍पादों पर हमारा वास्‍तविक ‘कार्बन टैक्‍स’ अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप है।

बजट 2015-16 की मुख्‍य विशेषताएं
· पिछले नौ माह में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की साख बढ़ी।
· भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था तीव्र विकास के पथ पर प्रशस्‍त है।
· कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के अधिकांश विकास संकेतक उन्‍नति के मार्ग पर।
· भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में आर्थिक रूप से सशक्‍त राज्‍यों की समान रूप से सहभा‍गिता।
· प्रतिकूल वृहद आर्थिक संकेतकों के साथ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पहले ‘’नियति और निराशा’’ के दौर में थी, किंतु पिछले नौ महीनों में देश कामयाबी की छलांग लगाते हुए 7 दशमल चार प्रतिशत के वास्‍तविक सकल घरेलू उत्‍पाद के साथ अब नई श्रृंखला में विश्‍व की सबसे बड़ी और तेजी से उभरने वाली अर्थवस्‍था के रुप में सामने आया है।
· शेयर बाजार में 2014 में दूसरा सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन।
· दीर्घकालिक ग‍रीबी उन्‍मूलन, रोजगार सृजन और दोहरे अंकों की विश्‍वसनीय आर्थिक विकास दर हासिल की गई।
· वि‍भिन्‍न क्षेत्रों में बेहतर सेवा के माध्‍यम से सरकार ने जनता का विश्‍वास हासिल किया।
· वित्‍तीय समायोजन- सौ दिनों के भीतर 12 दशमलव पांच करोड़ परिवारों को वित्‍तीय मुख्‍य धारा में शामिल गया।
· राज्‍यों के संसाधनों में वृद्धि के लिए पारदर्शी कोयला ब्‍लॉक नीलामी।
· स्‍वच्‍छ भारत अभियान न सिर्फ स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता में सुधार का एक कार्यक्रम है बल्कि यह भारत के पुनर्निर्माण आंदोलन का रूप ले चुका है।
· व्‍यापक सुधारों का शुभारंभ- माल और सेवाकर (जी एस टी)
· प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण के लिए - जन धन, आधार और मोबाइल (जे ए एम) कारगर हथियार
· मुद्रा स्‍फीति में महत्‍वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई।
· वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत सीपीआई स्‍फीति। इसके परिणाम स्‍वरूप मौद्रिक नीति को सरल बनाया।
· मुद्रास्‍फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने की दृष्टि से भारतीय रिजर्व के साथ मौद्रि‍क नीति प्रारूप समझौता।
· अमृत महोत्‍सव- वर्ष 2022 – स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ, प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में ‘’टीम इंडिया’’ हेतु दृष्टिकोण
· सभी के लिए आवास- शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ आवास।
· 24 घंटे बिजली, स्‍वच्‍छ पेयजल, एक शौचालय सड़क संपर्क की मूलभूत सुविधा।
· आजीविका के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्‍य को रोजगार।
· महत्‍वपूर्ण गरीबी उन्‍मूलन।
· 2020 तक ऑफ–ग्रिड सौर ऊर्जा सहित शेष 20 हजार ग्रामों का विद्युतिकरण।
· ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे महत्‍वपूर्ण कार्यक्रमों से भारत को विश्‍व के विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना।
· युवाओं को रोजगार सृजन बनाने के लिए उद्यमिता की भावना का प्रोत्‍साहन और विकास।
· पूर्व और पूर्वोत्‍तर क्षेत्रों का देश के अन्‍य भागों की तरह ही विकास कारना।
· सरकार सकल घरेलू उत्‍पाद की तीन प्रतिशत की दर पर राजकोषीय घाटा लक्ष्‍य हासिल करने के लिए कृतसंकल्‍प है।
· लाभार्थियों की संख्‍या एक करोड से बढ़ाकर 10 दशमलव 3 करोड़ के लिए प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण का विस्‍तार।
· कृषि उत्‍पादन हेतु दो महत्‍वपूर्ण निर्णायक कारकों मृदा और जल से निपटने के‍लिए महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गए।
· ‘परंपरागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।
· ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ प्राप्‍त करने हेतु ‘प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना’।
· वर्ष 2015-16 के लिए आठ दश्‍मलव पांच लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्‍य।
· ऋण देने में अंतरजातीय और अंतर जन जातीय उद्यमों को वरीयता।
· गांवों में फैले 1,54,000 उपस्थित केंद्रों वाले डाक नेटवर्क का सामान्‍य वित्‍तीय प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
· केवल 12 प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए के दुर्घटना जन्‍य मृत्‍यु जोखिम को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना।
· पी पी एफ में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए कर्मचारी भविष्‍यनिधि की संचित राशि में अनुमानत: 6 हजार करोड़ रुपए की अदावाकृत जमा राशि।
· सड़कों और रेल मार्गों के लिए परिव्‍यय में तीव्र वृद्धि।
· सरकारी क्षेत्र में पूंजीगत व्‍यय बढ़ाया गया।
· 20,000 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रवाह से राष्‍ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि की स्‍थापना की जाएगी।
· प्‍लग और प्‍ले मोड में प्रत्‍येक 4000 मेगावाट वाली 5 नई अल्‍ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं।
· सोना खरीदने के लिए विकल्‍प के तौर पर सरकारी स्‍वर्ण बाण्‍ड स्‍कीम बनाना।
· भारतीय सोने के सिक्‍के बनाने की दिशा में कार्य करना, जिसके अग्र भाग में अशोक चक्र होगा।
· निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रुपए।
· आगमन पर वीजा सुविधा का विस्‍तार चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करना।
· नवी‍करणीय ऊर्जा क्षमता को 2022 तक बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट तक करने का लक्ष्‍य।
· आंध्र प्रदेश की तरह बिहार और पश्चिम बंगाल में विशेष सहायता उपलब्‍ध कराई।
· जम्‍मू-कश्‍मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम में नए एम्‍स की स्‍थापना, बिहार में एम्‍स जैसे दूसरे संस्‍थान की स्‍थापना।
· वित्‍त वर्ष हेतु आयोजा भिन्‍न व्‍यय 13,12,200 करोड़ रुपए अनुमानित।
· आयोजना व्‍यय 4,65,277 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· कुल व्‍यय 17,77,477 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्‍यय और अन्‍य आवश्‍यक व्‍यय की आवश्‍कता की पर्याप्‍त पूर्ति का प्रावधान किया गया।
· सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· राज्‍यों को अंतरण 5,23,958 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· केन्‍द्र सरकार का हिस्‍सा 9,19,842 करोड़ रुपए होगा।
· आगामी वित्‍त वर्ष के लिए कर-भिन्‍न राजस्‍व 2,21,733 करोड़ रुपए अनुमानित है।
· अगले वित्‍त वर्ष से चार वर्षों में कारपोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव।
· बचत सुगम बनाने के लिए व्‍यष्टि करदाता को छूट जारी करेगी।
· काले धन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्‍य से प्रभावी और बलपूर्वक निपटा जाएगा।
· इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत का एक प्रमुख सकारात्‍मक परिणाम भी सामने आया है।
· काले धन पर महत्‍वपूर्ण नए कानून।
· देश में विनिर्माण इकाईयों का विकास और निवेश तथा संवर्द्धन उपलब्‍ध कराना ताकि उनमें रोजगार सृजन हो सके।
· एंबुलेंस के चेसिस पर उत्‍पाद शुल्‍क को 24 प्रतिशत से घटाकर 12 दशमलव 5 प्रतिशत किया गया।
· कर प्रक्रियाओं को सरलीकरण।
· वार्षिक रूप से एक करोड़ से अधिक कर योग्‍य आय वाले धनिकों पर 2 प्रतिशत का अतिक्‍त अधिभार।
· घरेलू अंतरण मूल्‍य निर्धारण की प्रारंभिक सीमा पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए की गई।
· नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्‍ट्रीय निधि में किया गया अनुदान आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट।
· स्‍वच्‍छ भारत कोष और स्‍वच्‍छ गंगा निधि में सीएसआर अंशदान के अलावा, अंशदानों के लिए 100 प्रतिशत की छूट।
· स्‍वच्‍छ पर्यावरण पहलों के लिए वित्‍त पोषण के लिए कोयला आदि पर स्‍वच्‍छ ऊर्जा उप कर को 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति मी‍ट्रिक टन किया गया।
· विद्युत चालित वाहनों और हाई ब्रिड वाहनों पर लागू रियायती सीमा शुल्‍क और उत्‍पाद शुल्‍क की समय सीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई।
· स्‍वास्‍थ्‍य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक, जबकि वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 20,000 से 30,000 हजार तक किया गया।
· 80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्‍ठ नागरिक जो स्‍वास्‍थ्‍य बीमा में कवर नहीं है, उन्‍हें चिकित्‍सीय व्‍यय के लिए 30 हजार रुपए की कटौती की अनुमति दी गई।
· विक्‍लांग व्‍यक्तियों के लिए 25 हजार रुपए की अतिरिक्‍त कटौती। पेंशन निधि और नई पेंशन स्‍कीम में अंशदान के लिए 50 हजार रुपए की अतिरिक्‍त छूट।
· कृषि उत्‍पाद की ढुलाई में सेवाकर से छूट जारी रहेगी।
· कृत्रिम ह्रदय को 5 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्‍क और सी वी डी से छूट

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