UGAT : अव्यवस्था-हंगामे के बीच हुई यूजीएटी
इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्र्वविद्यालय की परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए आयोजित पीजीएटी हंगामे और अव्यवस्था के बीच डेढ़ घंटे देर से शुरू हुई। रानी रेवतीदेवी और सीएमपी डिग्री कॉलेज में सैकड़ों ऐसे परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंच गए, जिनका सीटिंग प्लान ही केंद्र के पास नहीं था और न ही विश्र्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी दी गई थी। परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में जाने से रोके जाने पर हंगामा शुरू हो गया। परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने देने की मांग कर रहे थे। बुधवार को शहर के 13 परीक्षा केंद्रो पर इलाहाबाद विश्र्वविद्यालय की एमए और एमएससी कक्षाओं में प्रवेश परीक्षा थी। परीक्षा का समय 7.30 से 10.30 रखा गया था। रानी रेवतीदेवी इंटर कॉलेज और सीएमपी डिग्री कॉलेज को भी सेंटर बनाया गया था। यहां साइंस वर्ग के परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी थी। इन्हीं केंद्रों पर कला वर्ग के सैकड़ों अभ्यर्थियों को भी बिना सीटिंग प्लान के प्रवेशपत्र जारी कर दिया गया। इस बात की जानकारी केंद्र प्रभारियों को नहीं थी। सुबह जब कला वर्ग के परीक्षार्थियों ने सीटिंग प्लान के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि आपकी परीक्षा यहां नहीं है। परीक्षार्थियों ने प्रवेशपत्र दिखाया तो उसपर उसी परीक्षा केंद्र का पता लिखा था। केंद्र व्यवस्थापकों ने परीक्षा कराने से हाथ खड़े कर दिए। इसपर परीक्षार्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। बात बढ़ती देख इसकी जानकारी इविवि के परीक्षा सेल के निदेशक को दी गई। बाद में दोनों केंद्रों के परीक्षार्थियों को मैरी लूकस और भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया गया। यहां भी पहले से एमए और एमएससी की प्रवेश परीक्षा थी। इन सभी कवायद में 7.30 बजे से शुरू होने वाली परीक्षा करीब साढ़े नौ बजे शुरू हो सकी। हालांकि विश्र्वविद्यालय प्रशासन इसे अपनी गलती नहीं मान रहा है। परीक्षा सेल के निदेशक प्रो. बीएन सिंह का कहना है कि आवेदन पत्रों की जांच में 3500 परीक्षार्थियों के ओएमआर में गड़बड़ी पाई गई थी। कोई बच्चा प्रवेश परीक्षा से वंचित न हो इसके लिए इन बच्चों के भी प्रवेश परीक्षा में बैठने की व्यवस्था की गई। हालांकि विश्र्वविद्यालय प्रशासन का यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है। यदि 3500 परीक्षार्थियों को प्रवेश देना ही था तो सीटिंग प्लान पहले क्यों नहीं किया गया।
News Source : Jagran.com (7.6.12)