Shiksha Mitra , TET, Recruitment in UP
शिक्षा मित्र और टी ई टी / व उत्तर प्रदेश में भर्तीयां
मुझे यह समझ नहीं आता की नियम कानून को समझते हुए भर्तीयां क्यों नहीं आयोजित की जाती ।
इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच पहले ही टी ई टी को आर टी ई शिक्षा के लिए अनिवार्य बता चुकी है
आर टी ई एक्ट में नियम कानून बनाने के लिए एन सी टी ई को अधिकृत किया है और एन सी टी ने कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक
के
शिक्षको के लिए टी ई टी जरूरी कर दिया है और इसी के अंतर्गत केंद्र
सरकारें व राज्य सरकारें सारे देश भर में टी ई टी परीक्षाएं आयोजित करती
चली आ रही हैं
फिर एक नया मामला कोर्ट में और विवादों में जाने वाला है
जूनियर भर्ती में भी टी ई टी मार्क्स का वेटेज क्यों नहीं दिया , यह समझ से परे है
मैंने
कई बार ब्लॉग पर नियमो व् एन सी टी ई गाइड लाइन की बात लिखी और लिखा था की
अगर टी ई टी सिर्फ पात्रता परीक्षा है तो इसके नियमो में
दोबारा
परीक्षा दे कर अंक वृद्दि के बारे में क्यों लिखा है , एक बार पात्र हो
चुके व्यक्ति को दोबारा से परीक्षा में शामिल होने के क्यों कहा गया ,
बेरोजगार अभ्यर्थी बार बार परीक्षा क्यों दे और उसकी फीस क्यूँ भरे ,
हालाँकि
अभी अपवाद भी देखने सुनने में आये हैं की के वी एस और डी एस एस बी ने अपनी
भर्ती में टी ई टी अंको के वेटेज की बात नहीं लिखी
पुलिस भर्ती में बीच में नियम परिवर्तित करके 10 किलो मीटर दौड़ की जगह 4. 2 किलो मीटर कर देना और बीच में नियम परिवर्तित हो जाना
जब नियम बीच में परिवर्तित होते हैं और नियमो में कहीं कमी छोड़ दी जाती है तो भर्ती का लटकना स्वाभाविक है
मेरे
ख्याल से शिक्षा मित्रो को अगर तत्काल राहत देनी है तो उनके मानदेय में
वृद्दि की जा सकती है , व छुट्टियां , बोनस , इन्सुरेंस आदि की व्यवस्था की
जा सकती है ,
क्यूंकि अगर मामला कोर्ट में पहुँचता है तो समायोजन
उलझ सकता है , चूँकि मुख्य मसला तो आर टी आई एक्ट , एन सी टी ई टेट नियम और
इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच के साथ पहले ही अटका हुआ है
हालाँकि शिक्षा मित्रों ने केवीट दाखिल की हुई है , लेकिन कोर्ट में कितना समय लगेगा , कुछ पता नहीं
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बीटीसी प्रशिक्षु कर सकते है आंदोलन
हाथरस
: शिक्षामित्रों को बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा के शिक्षक बनाने के मामले
में अब बीटीसी प्रशिक्षुओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है। लगातार बैठक आदि
करके प्रशिक्षु अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। शनिवार को सैकड़ों बीटीसी
प्रशिक्षुओं ने चांमुडा मंदिर में बैठक की।
शासन ने स्नातक पास
शिक्षा मित्रों को बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा दिए ही शिक्षक बनाने का
फैसला कर लिया है, जिससे तमाम बीटीसी प्रशिक्षुओं और बीएड धारकों में
आक्रोश है। एक ओर जहां शिक्षामित्र सरकार के इस निर्णय पर मिठाई वितरित कर
हर्ष व्यक्त कर रहे हैं। बीटीसी प्रशिक्षु प्रदेश सरकार के इस निर्णय के
खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक
बीटीसी प्रशिक्षुओं की हुई। कहा गया कि सरकार के इस निर्णय से बीटीसी
प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा, क्योंकि अधिकतर सीटों को
शिक्षामित्र घेर ले लेंगे। शासन में बैठे अधिकारियों को चाहिए कि वह
शिक्षामित्रों को पहले टीईटी की परीक्षा दिलाएं, जो उसे पास कर लें उसे
शिक्षक बनने का मौका दें। बैठक में डायट के अलावा कृष्ण योगीराज महा
विद्यालय, सुशीला देवी, नारायणी देवी, माया इंस्टीट्यूट सहित कई अन्य
विद्यालयों के बीटीसी प्रशिक्षु मौजूद रहे। निर्णय लिया गया कि सरकार कोई
बदलाव नहीं करती तो प्रशिक्षु कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बैठक के बाद
प्रशिक्षु जिला मुख्यालय पर पहुंचे। सीएम को संबोधित ज्ञापन अपर जिला
अधिकारी उदयीराम को दिया। ज्ञापन देने वालों में शिवा यादव, नीलम चौधरी,
कुलदीप, बंटी सिंह आदि प्रशिक्षु मौजूद रहे।
News Sabhaar : Jagran ( Publish Date:Sunday,Jun 08,2014 12:35:24 AM | Updated Date:Sunday,Jun 08,2014 12:35:46 AM
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