UPTET : टीईटी नहीं होगी निरस्त
शिक्षकों की भर्ती पूर्व की तरह शैक्षिक मेरिट से होगी
•टीईटी पास करने वाले केवल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के ही पात्र होंगे, कैबिनेट प्रस्ताव तैयार
लखनऊ। राज्य सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) रद्द नहीं करेगी। इसे पास करने वाले केवल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के पात्र होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती पूर्व की तरह शैक्षिक मेरिट के आधार पर ही की जाएगी। हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। भर्ती के लिए जिले स्तर पर ही आवेदन लिए जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी है। बेसिक शिक्षा नियमावली को संशोधित करने के लिए कैबिनेट का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसे शीघ्र ही मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी नवंबर 2011 में आयोजित की गई थी। तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने का निर्णय किया था। टीईटी रिजल्ट आने के बाद अंक बढ़ाने के नाम पर धांधली का खुलासा हुआ। शिक्षकों की भर्ती होती, इससे पहले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग गई और हाईकोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को मई में सौंपी थी। इसमें टीईटी निरस्त न करने की संस्तुति की गई थी।
मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग से प्रस्ताव मांगा था, जिसे एक सप्ताह पहले उनके पास भेजा गया था। इसमें शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट के आधार पर करने की बात कही गई थी। प्रस्ताव में कहा गया कि टीईटी को केवल पात्रता परीक्षा माना जाएगा और इसे पास करने वाला केवल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। मुख्यमंत्री ने इसके आधार पर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बेसिक शिक्षा विभाग अब शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट के आधार पर करेगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली संशोधित की जाएगी। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। मंजूरी के बाद शिक्षकों की भर्ती शुरू हो जाएगी।
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News source : http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20120704a_001163003&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20120704a_001163003 /
Amar Ujala (4.7.12)
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As per news selection criteria is going to change and selection base is - Academic Marks.
Where - Advertisement rights matter for selection of UPTET qualified is running in High court.
Both are contrary - As earlier advt. /rules published by UP Govt. - Selection through TET Merit,
And now this news says - Selection through Academic Merit.
में आप लोगो का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर दिलाना चाहती हूँ -
१. चलती हुई प्रक्रिया में बदलाव कैसे संभव है जो की अंतिम पड़ाव पर है |
२. कुछ लोगो का कहना है - कि उत्तर प्रदेश केबिनेट से मजूरी मिलने के बाद , पूर्ववर्ती शेक्षणिक मेरिट से भर्ती शुरू की जायेगी | तो उत्तर प्रदेश सरकार को एन सी टी ई गाइड लाइन्स मानने की भी क्या जरूरत है ,
एन सी टी ई गाइड लाइन्स साफ़ शब्दों में टी ई टी अंको को चयन में महत्व देने की बात कहती है , जबकि पूर्ववर्ती शेक्षणिक मेरिट में कहीं भी टी ई टी अंको की बात नहीं थी |
३. मामला हाई कोर्ट में विज्ञापन को लेकर है और मामला अभी लंबित है , जबकि हाई कोर्ट टी ई टी अंको से चयन की बात की पहले ही पुष्टि कर चुका है अगर यह विज्ञापन निरस्त भी हो जाये जिसके चांसेस १% भी नहीं है , तो नया विज्ञापन आएगा |
क्योंकी नियमावली थोड़े ही परिवर्ती हुई है और अभ्यर्थीयों से आवेदन की फीस भी ले चुके |
४. शेक्षणिक मेरिट में भी कोई एक राय नहीं है - कोई हाई स्कूल , इंटर , ग्रेजुएशन , बी एड के अंको को जोड़ कर मेरिट की बात कहता है, कोई ग्रेजुएशन , बी एड और टी ई टी के अंको को जोड़ कर मेरिट की बात कहता है,
कोई बी एड और टी ई टी के अंको को जोड़ कर मेरिट की बात कहता है|
कुछ लोग अलग अलग बोर्ड की अलग अलग मेरिट की वकालत करते हैं |
५. अगर प्रक्रिया में बदलाव होता भी है , तो फिर लोग अपने अधिकारों को लेकर हाई कोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में फिर प्रयास करेंगे | यहाँ तक की सब लोगो की नोकरी शेक्षणिक मेरिट से लग भी जाय तब भी हर कोई अच्छी जगह पोस्टिंग के लिये मेरिट में ऊँचा स्थान चाहता है| हम में से कई लोग संतुष्ट हो भी जाएँ , पर हर अभ्यर्थी के संतुष्ट होना लगभग असंभव है
और भी कई कारण हैं जो की विधि / कानूनी अडचने उत्पन्न कर देंगे |
हालाँकि सरकार के पास प्रक्रिया निर्धारित करने के अधिकार होते हैं परन्तु ये नयी भर्ती प्रक्रिया के लिये होंगे
अभी कुछ समय पहले कानपुर आई आई टी ने शेक्षणिक मेरिट से चयन का विरोध किया था , कारण - अलग अलग बोर्ड में अलग अलग मार्किंग पद्दति का होना |
जिसमें चयन को लेकर यु पी बोर्ड के अभ्यर्थीयों को बेहद नुकसान था | इसके बाद हर बोर्ड के टापर के प्रतिशत से २० प्रतिशत नीचे तक अभ्यर्थीयों को मोका देने की बात को मान लिया गया |
इस प्रकार यु पी बोर्ड का ६५% अंक पाने वाला अभ्यर्थी , सी बी एस ई के ७८ प्रतिशत अंकों के बराबर माना लिया गया |
इसी प्रकार यहाँ भी ऐसा हुआ -
अब यु पी में अगर कोई सही स्केलिंग पद्दति नहीं आती ( जो की मूल्यांकन /चयन में सामान अवसर नहीं प्रदान करती ) , तो फिर लोग कहेंगे की यु पी में ही यु पी बोर्ड वालों के साथ भेद भाव |