TET परीक्षा केस: पांच लोगों के साथ 87 लाख रुपए बरामद (UPTET :Accused accepted that they are going to deliver money to Officers)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में टीईटी परीक्षा में हुए घोटाले में 5 लोगों को 87 लाख रूपए के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया कि वो ये पैसा लखनऊ में बैठे शिक्षा विभाग के कुछ बड़े अफसरों तक पहुंचाने वाले थे। आपको बता दें कि आईबीएन7 ने ही कुछ दिन पहले टीईटी परीक्षा में धांधली का खुलासा किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक कानपुर देहात से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 87 लाख रूपये नगद और टीईटी परीक्षा से जुड़े तमाम अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि टीईटी परीक्षा में रिजल्ट संशोधन के नाम पर धांधली कराई जा रही थी और इस काम में शिक्षा महकमे के कुछ बड़े अधिकारी भी शामिल थे। इन अधिकारियों को ही काम के बदले लाखों रूपए पहुंचाए जा रहे थे।
News :
http://khabar.ibnlive.in.com/news/64913/3/21
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सरकारी टीचर निकला मथुरा का अस्थाई शिक्षक
बाह/आगरा। टीईटी में पैसे लेकर नंबर बढ़वाने के खेल में फंसे आरोपियों में से एक मथुरा के लॉ कालेज में अस्थायी शिक्षक के तौर पर काम करने वाला रतन मिश्रा शातिर निकला।वह फर्जीवाडे़ के साथ-साथ सरकार को भी चपत लगा रहा था। जानकारी पर जो खुलासा हुआ वह चौंकाने वाला है। रतन मिश्रा सरकारी शिक्षक के पद पर तैनात होते हुई भी मथुरा के लॉ कालेज में पढ़ा रहा है। मामला प्रकाश में आने से हड़कंप मच गया।
टीईटी में अच्छी मेरिट बनवाने के लिए छात्रों से मोटी रकम वसूल कर लखनऊ में पैसा देने जाते समय रमाबाई नगर में पकडे़ गए रतन कुमार मिश्रा पुत्र कैलाश चंद्र मिश्रा निवासी अलीगंज एटा ने पुलिस को बताया था कि वह मथुरा स्थित वृंदावन लॉ कालेज में अस्थाई शिक्षक के रूप में कार्यरत है। मगर, इसके आगे का सच यह है कि रतन मिश्रा जैतपुर ब्लाक के नगला बृज गांव के प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में तैनात हैं। सरकार की आंख में धूल झोंककर वह दूसरे स्थान पर नौकरी कर रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। वहीं कानपुर में पकडे़ गए पांच लोगों में से दो शिक्षकों के जैतपुर ब्लाक के सरकारी स्कूल में तैनात होने के साथ ही बाह क्षेत्र के टीईटी परीक्षा में गड़बड़झाले से तार जुड़ गए हैं।
कभी पढ़ाते नहीं देखा गयाबाह। मालौनी में विनय सिंह सिकरवार व नगला बृज में रतन मिश्रा की नियुक्ति की जानकारी अब तक गांव वालों को भी नहीं थी। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने भी दोनों को कभी गांव में पढ़ाते नहीं देखा। इसके बाद भी दोनों को लगातार वेतन मिलता रहा। इससे साफ होता है कि विभाग में दोनों की अच्छी सांठगांठ है।बाह, जैतपुर के कई लोगों को फंसे हो सकते है
बाह। 87 लाख रुपए के साथ पकडे़ गए शातिरों में दो लोगों के बाह क्षेत्र से जुडे़ होने से दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों ने बाह और जैतपुर क्षेत्र के कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाया होगा। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कौन-कौन इनके जाल में फंसा है।
News : Amar Ujala (2.1.12)
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टीईटी पर नया सवाल
[स्थानीय संपादकीय: उत्तरप्रदेश]
उत्तर प्रदेश में कई कारणों से चर्चा में रही शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी के संदर्भ में यह जो नया मामला सामने आया कि कुछ लोगों ने अभ्यर्थियों से लाखों रुपये की वसूली की उससे इस परीक्षा को लेकर संदेह गहराता ही है। आयकर विभाग के एक दल ने जिस तरह कानपुर देहात में टीईटी अभ्यर्थियों से वसूले गए 87 लाख रुपये बरामद करने के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया उससे यह
आशंका मजबूत होना स्वाभाविक ही है कि इस परीक्षा में गड़बड़ी करने की कोशिश की गई। यह संभव है कि जो लोग गिरफ्तार किए गए वे किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हों अथवा उनके संबंध उन लोगों से भी हो सकते हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली को अंजाम देते हैं। इस
आशंका को एकदम आधारहीन नहीं कहा जा सकता कि कहीं परीक्षा परिणाम को प्रभावित करने में इन लोगों का हाथ तो नहीं रहा? धांधली की आशंका इसलिए भी है, क्योंकि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उनमें कुछ शिक्षक भी हैं और उनके पास से अभ्यर्थियों के दो दर्जन से अधिक प्रवेश पत्र भी बरामद किए गए हैं। यह आवश्यक है कि इस मामले की गहन जांच हो और यह पता लगाया जाए कि कहीं परीक्षा की गोपनीयता भंग करने की कोशिश तो नहीं की गई।
टीईटी के संदर्भ में इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि यह परीक्षा प्रारंभ से ही गड़बड़ियों की शिकार होती रही। इन गड़बडि़यों के संदर्भ में
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यह कहकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता कि उसे इतने बड़े पैमाने पर प्रतियोगी परीक्षा के आयोजन का अनुभव नहीं था अथवा उसे तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिला। सच तो यह है कि परीक्षा के आयोजन में अनेक ऐसी गड़बड़ियां हुईं जिनसे बचा जा सकता था। यह इन गड़बडि़यों का ही परिणाम था कि टीईटी के संदर्भ में न केवल अनेक याचिकाएं उच्च न्यायालय में दाखिल की गईं, बल्कि परीक्षा परिणाम भी संशोधित करना पड़ा। यह सही है कि इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी बैठे और इस कारण यूपी बोर्ड के लिए परीक्षा का आयोजन एक बड़ी चुनौती बन गया था, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि गड़बडि़यों की एक पूरी श्रृंखला बन जाती।
[स्थानीय संपादकीय: उत्तरप्रदेश]
Jagran News (02.12.11)
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अनुज प्रसाद जी बेशक दो दिन पहले ये कहा गया हो की मेरिट टेट पे बनेगी लेकिन ये फैसला सब पर लागू हुआ है न की जिनके नंबर कम आये हैं केवल उन पर लागू हुआ है . जिनकी अकादमिक मेरिट मेहनत के दम पर मेन्टेन की गयी है उनके लिए इस एक्साम मै 105 या इस से उपर नंबर लाना कोई बड़ी बात नहीं होनी चाहिए , ऐसा मुझे लगता है . किसी भी जॉब मै सेलेक्सन भी हमेशा रिटन एक्साम मै पर्फोर्मांस पर निर्भर करता है न की अकादमिक मेरिट पर .रही धान्द्ली वाली बात तो इसकी जाँच होगी अगर इस हद तक धान्द्ली हुई है तो एक्साम दोबारा करा लिया जाये और सीधे उसी के आधार पर पोस्टिंग कर दी जाये .एक्साम वही लोग दे सके जो टेट पास कर गए हैं .इस से वो बाहर हो जायेंगे जो धान्द्ली या और किसी रस्ते से नंबर लाये हैं . अकादमिक मेरिट मै केवल फर्जी मार्कशीट वाले ही नहीं हैं बल्कि नकलची और नंबर बद्वाने वाले भी हैं और सीबीएसई तथा यु पी बोर्ड की परसेंटेज % मै बहुत विसमता है . यही हाल बी .एड . का भी है , कोए मैनेजमेंट कोटे से है तो कोइ पैसे देके परसेंटेज % मेन्टेन किये है . टेट की मेरिट से ऐसे लोगो को फायदा होगा जो पहले परसेंटेज % मेन्टेन नहीं कर पाए लेकिन प्रेसेंट टाइम पर अच्छी पर्फोर्मांस दे सकते हैं .टेट सबके लिए कोमन भी है और भी कई रीजन दिए जा सकते हैं . हम लोग कितनी भी बहस कर लें आगे तो सब कुछ हाई कोर्ट और यु पी सरकार पे डिपेंड करेगा की क्या होगा . मेरी तो कामना है की किसी के भी साथ बुरा न हो , सबके साथ अच्छा ही होगा . "काबिलियत हमेशा भीड़ से ही निकल के आती है "
- ब्रिजेश राजपूत
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हाई फ्रेंद्ज़ , अब न तो अकादमिक पर भरोसा रहा और न ही टेट पर . टेट की इस हद्द तक कुअलिटी गिर चुकी है की अब मेरिट टेट पर बनाना बेवकूफी होगी . अगर देखा जाये तो गलती सरकार की ही है जो एक क्वालिफ्यिंग एक्साम को कोम्पीटेटिव बना दिया . अगर अकादमिक बसे पर मेरिट बनायीं जाये तो सबसे पहले फर्जी मार्कशीट वालो को पकड़ा जाये , युपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की अलग -अलग मेरिट बनायीं जानी चाहिए अन्यथा मेरिट अकादमिक नही होनी चाहिए लेकिन में सोचता हूँ ये संभव नहीं है . टेट का दोबारा एक्साम भी नही कराया जा सकता क्यूंकि अब इतना टाइम भी नही है और अगर दोबारा एक्साम करा भी लिया जाये तो क्या गारंटी है की उसमे धांधली नही होगी . सिर्फ एक ही रास्ता नज़र आता है - बी .एड . थेओरी + टेट क्वालिफ्यिंग ..
- अनुज प्रसाद
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ये जो लोग टेट के दुश्मन है .ये कोई एक्साम पास नहीं कर सकते .जिन्होंने गलत काम किया उसकी निंदा करने की जगह टेट को कोस रहे हो .दस लोगो की गलतियों की सजा नब्बे लोग नहीं भुगत सकते ...ये मई नहीं हाईकोर्ट कहा है .और जहा तक उन लोगो की बात है जो बार बार अकादमिक मेरिट की बात कर रहे है वो कान खोल क सुंन ले अपने दिमाग में बैठा ले ज्यादा न उड़े ..बार बार हाईकोर्ट जाने से वो राईट नहीं हो सकते .एक बार हाई कोर्ट ने धक्के मार के भगाया था .लेकिन अभी भी अकडन नहीं गयी है .नक़ल मार मार के पिताजी के पैसे से नंबर बना के आये हो नौकरी पाने .मै तो हाई कोर्ट जा कर वो लोगो की नौकरी को भी चुनौती देने वाला हूँ जो अकादमिक मेरिट से नौकरी पे चुके है .और मेरे पास ऐसे ऐसे सबूत और लोजिक है बहुत आराम से उनकी नौकरी चली जाएगी . टेट वाले दोस्तों अप बिलकुल मत परेशान मत हो ...ये जो रेकेट पकड़ा गया है ये फर्जी रेकेट था जिसमे कुछ टीचर्स भी शामिल थे ..ये उन लोगो को पास करने के लिए दिए गए पैसे थे जो फेल हो चुके है .उन्हें पास करा नहीं पाए है ये बस पैसे लेकर भाग रहे थे .ध्यान से न्यूज़ पढ़ा कीजिये .टीवी पे भी दिखा रहा था .और अभी इन्होने ऐसा कोई सबूत भी नहीं दिया की इनकी बात पे भरोसा हो सके .हर किसी के रोल नंबर का रिकॉर्ड स्टेट लेवल के अधिकारियो के पास है .एक सीडी हाई कोर्ट के पास है ..किसी भी हालत में कोई धांधली नहीं हो सकती .और जहा तक मेरिट की बात है आप ही अपने कोमन सेन्स से सोचो की एक्साम से पहेले ये अधिसूचना जरी हो गयी थी की इसी के आधार पे मेरिट बनेगा .अब ये कोई भी चेंज नहीं कर सकता .इवेन हाई कोर्ट भी नहीं .बार बार किसी झूठ को कहने से वो सच नहीं बन जाता .ये वही लोग है जो मार्क्स तो पाए नहीं है बस ऐसे उजुल फिजूल की बातो से अपना मन बहला रहे है .अभी तक टेट से सम्बंधित कई अर्ज़िया हाई कोर्ट में ख़ारिज हो चुकी है .सिर्फ दो केस पे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया जो टेट अभ्यर्थियों के फेवर में ही रहा है .फर्स्ट सभी जिले से आवेदन करने वाला और सेकंड मार्क्स ठीक करने वाला .अब आप ही सोचो क्यों परेशान हो हमलोग ..परेशान इन्हें होना . चाहिए और परेशान आप लोग हो रहे हो .
.. आशीष
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क्या NCTE से मन्जूरी मिल गयी कोई बताएगा
- एनोनिमस
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ये रोज की टेंसन से अच्छा है की टेट कैंसल हो जाये ..और बोर्ड गलतियों से सबक ले .. आर के टी
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इस बात को नकारा नही जा सकता कि अ.पा.प. मेँ भ्रष्टाचार नही हुआ है । और इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का लिये पूरा का पूरा समय प्रदान कर दिया गया था, तो जाहिर सी बात है कि बार-बार के संशोधित परिणाम मे मन चाहा परिवर्तन किया जा सकता है । अत: इस परीक्षा की सुचिता, पवित्रता एंव विश्वनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है । ऐसी परीक्षा तो पूर्व मेँ कभी हुयी ही नही है जिसके परिणाम मेँ ऋतुओ की तरह परिवर्तन हुए हो । ¥अमित सिँहानिया¥
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ये यु पी में बाबुओ को कुछ नहीं आता वो माउस पकड़ना तो जानते नहीं .. केवल पान चबाना और शासन का हवाला दे कर हम लोगो को इधर उधर टहलाते है
- एनोनिमस
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टेट से भर्ती होगी भी या नहीं और कब तक इंतजार करे क्या नई सरकार पुरानी सरकार के आदेश के अनुसार भर्ती टेट मेरिट से करेगी .
- एनोनिमस
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ये अकादमिक से मेरिट की डिमांड करने वाले चोर है ,गलत रोल नंबर दे के क्या साबित करना चाहते है ,अब तो पक्का यकीन हो गया की गलत तरीके से टेट में नंबर .बढवाने में इनका भी पैसा लगा है ,यदि ऐसा न होता तो ये श्रीमान अपना सही नंबर देते .
- अजय
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अब टेट की मेरिट पर सेलेक्सन करना बिलकुल गलत होगा ,मेरे 127 मार्क्स है पर मै ये मानता हु की जिस परीशा में यु पी बेसिक एजुकेसन विभाग खुद करप्सन पर उतर गया हो वहां मेरा ही नहीं कई हजार लोगों का फ्यूचर बर्बाद कर दिया जायेगा अब या तो टेट को कैंसल कर दोबारा एक्साम कराया जाये ,अगर समय कम है तो टेट +अकादमिक पर मेरिट बने
- एनोनिमस
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अरे कोई ये बताओ फॉर्म पोस्ट करे या नही ? कुछ समझ नही आ रहा है .
- एलिक्स