सीएच-5 रैनबो ड्रोन शक्तिशाली बम बरसाएगा चीन,
चीन ने अन्य देशों को बेचने के लिए इसका व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू कर दिया
Tue, 18 Jul 2017 06:24 PM (IST)
ड्रोन की खासियत
-सीएच-5 रैनबो में 16 मिसाइल ले जाने की क्षमता
-ड्रोन एक हजार किलोग्राम तक का भार ले जाने में सक्षम
-दस हजार किमी के दायरे में हवा में रह सकता है 60 घंटे

बीजिंग, प्रेट्र। रक्षा क्षेत्र में अपनी क्षमता तेजी से बढ़ा रहे चीन ने शक्तिशाली बमबर्षक ड्रोन सीएच-5 रैनबो का निर्माण किया है। यह जमीन पर स्थित लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। चीन ने अन्य देशों को बेचने के लिए इसका व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है। चीन ने अपने ड्रोन को अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 रीपर के समान करार दिया है।
बीहांग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एयरोनॉटिक साइंस एंड इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर वांग सांग ने कहा, बड़े पैमाने पर तैयार भारी सैन्य ड्रोन सीएच-5 रैनबो ने पिछले शुक्रवार को पहली उड़ान भरी। इससे संकेत मिलते हैं कि चीन इसके निर्यात को लेकर तैयार है। यह एमक्यू-9 रीपर के मुकाबले किसी मामले में कम नहीं है। उसकी तुलना में सीएच-5 रैनबो की लागत भी आधी है। जबकि अमेरिकी ड्रोन 1.69 करोड़ डॉलर (करीब 109 करोड़ रुपये) का है।
यह दुनिया का सबसे महंगा ड्रोन है। हालांकि सीएच-5 में अमेरिकी ड्रोन की तुलना में एक कमजोरी है। एमक्यू-9 रीपर 12 हजार से 15 हजार मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। इससे वह जमीन से होने वाले हमले से बच सकता है। जबकि सीएच-5 रैनबो नौ हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा सकता है। इससे वह एंटी एयरक्राफ्ट हथियारों के दायरे में आ सकता है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने रैनबो ड्रोन प्रोजेक्ट के प्रमुख इंजीनियर शी वेन के हवाले से बताया कि यह टोही अभियान, निगरानी, लक्ष्य का पता लगाने और हमला करने में सक्षम है।
चीन ने अन्य देशों को बेचने के लिए इसका व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू कर दिया
Tue, 18 Jul 2017 06:24 PM (IST)
ड्रोन की खासियत
-सीएच-5 रैनबो में 16 मिसाइल ले जाने की क्षमता
-ड्रोन एक हजार किलोग्राम तक का भार ले जाने में सक्षम
-दस हजार किमी के दायरे में हवा में रह सकता है 60 घंटे

बीजिंग, प्रेट्र। रक्षा क्षेत्र में अपनी क्षमता तेजी से बढ़ा रहे चीन ने शक्तिशाली बमबर्षक ड्रोन सीएच-5 रैनबो का निर्माण किया है। यह जमीन पर स्थित लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। चीन ने अन्य देशों को बेचने के लिए इसका व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है। चीन ने अपने ड्रोन को अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 रीपर के समान करार दिया है।
बीहांग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एयरोनॉटिक साइंस एंड इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर वांग सांग ने कहा, बड़े पैमाने पर तैयार भारी सैन्य ड्रोन सीएच-5 रैनबो ने पिछले शुक्रवार को पहली उड़ान भरी। इससे संकेत मिलते हैं कि चीन इसके निर्यात को लेकर तैयार है। यह एमक्यू-9 रीपर के मुकाबले किसी मामले में कम नहीं है। उसकी तुलना में सीएच-5 रैनबो की लागत भी आधी है। जबकि अमेरिकी ड्रोन 1.69 करोड़ डॉलर (करीब 109 करोड़ रुपये) का है।
यह दुनिया का सबसे महंगा ड्रोन है। हालांकि सीएच-5 में अमेरिकी ड्रोन की तुलना में एक कमजोरी है। एमक्यू-9 रीपर 12 हजार से 15 हजार मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। इससे वह जमीन से होने वाले हमले से बच सकता है। जबकि सीएच-5 रैनबो नौ हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा सकता है। इससे वह एंटी एयरक्राफ्ट हथियारों के दायरे में आ सकता है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने रैनबो ड्रोन प्रोजेक्ट के प्रमुख इंजीनियर शी वेन के हवाले से बताया कि यह टोही अभियान, निगरानी, लक्ष्य का पता लगाने और हमला करने में सक्षम है।