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Saturday, April 20, 2013

UP State Engineering Service Exam http://www.uppsc.org.in/ Download Admit Card


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UP State Engineering Service Exam

PUBLIC SERVICE COMMISSION U.P., ALLAHABAD

10, KASTURBA GANDHI MARG, ALLAHABAD


 Print Your Admit Card For:
COMBINED STATE ENGINEERING SERVICES EXAM. 2011


Download Admit Card Here - http://omrinfo.in/exam-new2/

सोमवार से प्रारम्भ होने वाली सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा (सीएसइएस) परीक्षा 2011 को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है। 25 अप्रैल तक चलने वाली परीक्षा दो सत्रों में होगी।

आयोग के परीक्षा नियंत्रक पीएन दुबे की ओर से जारी आदेश के मुताबिक परीक्षाएं 22, 24 एवं 25 अप्रैल को होंगी। लखनऊ व इलाहाबाद में परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। 22 अप्रैल को पहली पाली में सामान्य हिंदी और दूसरी पाली में सामान्य अध्ययन, 24 अप्रैल को अभियंत्रण विषय का पहला पेपर और दूसरी पाली में दूसरा पेपर (सभी वस्तुनिष्ठ)होगा। 25 अप्रैल को पहली पाली में अभियंत्रण विषय का प्रथम और दूसरी पाली में दूसरा पेपर (परंपरागत) होगा। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से प्रवेश पत्र भेज दिए गए हैं। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट से डुप्लीकेट प्रवेश पत्र भी डाउनलोड कर सकते हैं



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Bumper Recruitment : Uttar Pradesh Police Recruitment Board

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Bumper Recruitment : Uttar Pradesh Police Recruitment Board

Uttar Pradesh Police invites applications from eligible and interested candidates for filling up of 2849 posts of Computer Operator and Programmer Posts. Candidates who have desirable qualifications, should apply through Online mode only before 12th June 2013. For more details of the recruitment like Qualifications, Age limit, Pay Scale, how to Apply and more mentioned below.

UP Police Recruitment 2013 Details:
Total Number of Posts : 2849 posts
Name of the Posts:
1. Computer Operator Grade-A : 2842 posts
2. Programmer Grade-II : 07 posts

Qualifications: Candidates should have Intermediate (12th Class) with Physics, Maths and also have 'O' level certificate of DOEACC or its equivalent or Diploma in ITI / Electronics Engineering.

Age limit: Candidates age should be between 18 years to 28 years for Computer Operator posts and 21-30 yrs for Programmer posts as on 01 July 2013.

Application fee : Rs. 200/- to be pay in the shape of system generated challan in SBI / Punjab National Bank.


Selection Process : Eligible candidates will be selected on the basis of written test, interview.
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UPTET : लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से होगी लेखपाल भर्ती


Lekhpal Bhrtee UP : लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से होगी लेखपाल भर्ती

लखनऊ। सूबे में लेखपालों की भर्ती लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होगी। भर्ती संबंधी गाइडलाइन तैयार कर लिया गया है और अनुमोदन के लिए शासन को भेज दिया गया है। अनुमोदन मिलते ही भर्ती कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।
प्रदेश में करीब 7,000 पदों पर लेखपालों की भर्ती की जानी है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने इस संबंध में प्रक्रिया तय कर जल्द से जल्द कार्यवाही का निर्देश दिया था। इसके बाद विभाग ने भर्ती संबंधी गाइडलाइन तैयार कर अनुमोदन के लिए भेज दिया है। इसमें परीक्षा प्रारूप, आवेदन लेने के तरीके और चयन संबंधी प्रक्रिया शामिल है।
सूत्र के अनुसार लेखपाल का पद जिला कैडर के होने की वजह से चयन कार्यवाही जिला स्तर पर होगी लेकिन इसके लिए लिखित परीक्षा प्रदेश भर में एक ही दिन आयोजित की जाएगी। जबकि आवेदन ऑनलाइन लिए जाएं या मैनुअल या फिर दोनों तरह की व्यवस्था की जाए, इस पर फैसला होना शेष है। पर यह तय मानी जा रही है कि आवेदन प्राप्त होने के बाद पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी।
लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए आवेदक को परीक्षा में आंसरशीट की कार्बन कॉपी देने का प्रस्ताव है। तो लिखित परीक्षा के लिए 90 अंक और इंटरव्यू के लिए 10 अंक रखने का सुझाव दिया है। अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मिलेगा और इस दौरान उन्हें कुल 90 प्रश्नों के जवाब देने होंगे। इसमें इंटरमीडिएट स्तर की हिन्दी, गणित, सामान्य ज्ञान और सामाजिक व ग्रामीण परिवेश से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं


News Source / Sabhaar : अमर उजाला / Amar Ujala (20.4.13)
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In UP many recruitments get stuck in court matter like - Primary Teachers Recruitment , LT Grade Teacher Recruitment, Police Recruitment etc.

But now new recruitments can give some relief to Unemployeds as they are facing enormous pressure of Unemployedness.

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Friday, April 19, 2013

Anudeshak recruitment in UP : अनुदेशक चयन को हरी झंडी, 30 से होगी काउंसलिंग


Anudeshak recruitment in UP : अनुदेशक चयन को हरी झंडी, 30 से होगी काउंसलिंग


 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक अनुदेशकों के चयन को हरी झंडी दी गई है। 30 अप्रैल से काउंसिलिंग कराई जाएगी। जिसके लिए मेरिट सूची का कट-आफ जारी किया जाएगा।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर कला शिक्षा, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा कार्य शिक्षा (कंप्यूटर शिक्षा, गृह विज्ञान, संबंधित कला, कृषि शिक्षा तथा उद्यान एवं फल संरक्षण) के अंशकालिक अनुदेशकों का चयन किया जाना है। जिसमें तीनों के 480-480 कुल जिले में 1440 अनुदेशक रखे जाएंगे। चयन के लिए आन लाइन आवेदन जमा कराए गए थे। काफी दिनों से चयन प्रक्रिया लंबित चली आ रही थी। 17 अप्रैल को राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने बीएसए को जारी आदेश में 30 को काउंसिलिंग कराने का आदेश दिया है। काउंसिलिंग के बारे में बताया गया कि इसके लिए आवेदकों की कट आफ मैरिट सूची जारी की जाएगी। सीटों के सापेक्ष सामान्य तथा आरक्षणवार अलग अलग अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित होगी और मेरिट में चयनित अभ्यार्थियों को काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा। बुलाए गए अभ्यार्थियों में रिक्तियों से कम आवेदकों के आने पर आठ मई को दूसरी काउंसिलिंग कराई जाएगी। बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने बताया कि आदेशों का पालन कराया जाएगा और मेरिट जारी होते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

डायट में बनेगा प्रकोष्ठ

काउंसलिंग को पारदर्शी बनाने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में असुविधा निस्तारण प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। किसी शिकायत पर प्रत्यावेदन लेकर उसकी जांच होगी और फिर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

डीएम की देखरेख में होगी तैनाती

चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती में भी गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। निदेशक ने चयन सूची बनाकर जिलाधिकारी की देखरेख में तैनाती की बात कही है। साथ ही बीएसए को किसी भी गड़बड़ी पर कार्रवाई की चेतावनी दी है

News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Thu, 18 Apr 2013 10:30 PM (IST))
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This Anudeshak Recruitment is for ART/Other Category Candidates,

And now it is also expected that Science Stream Upper Primary Teacher Vacancies will also arrive Shortly.
Their DIRECT RECRUITMENT system is Made in Niyamavalee.


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Thursday, April 18, 2013

UPTET : अब प्राइमरी में नहीं पढाएंगे बीएड डिग्रीधारक


UPTET : अब प्राइमरी में नहीं पढाएंगे बीएड डिग्रीधारक



  न्यूज़ साभार - जागरण ई पेपर 

अब प्राइमरी में नहीं पढाएंगे बीएड डिग्रीधारक
- टीईटी में नहीं मिलेगा मौका
- एनसीटीई की समयसीमा को देख किया फैसला

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जागरण ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में होने वाली प्राथमिक स्तर की अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अब बीएड डिग्रीधारक नहीं शामिल होंगे। टीईटी के आयोजन को लेकर यहां कल हुई बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों में यह प्रावधान किया गया है

नये मार्गदर्शी सिद्धांतों में कक्षा एक से पांच के लिए प्राथमिक स्तर पर टीईटी के अभ्यर्थियों की जो शैक्षिक योग्यता तय की गई है, उसमें बीएड डिग्रीधारकों को नहीं शामिल किया गया है। वहीं उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीएड उत्तीर्ण करने वालों को भी मौका दिया गया है। गौरतलब है 2011 में प्राथमिक स्तर पर आयोजित गई टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक और बीएड उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था

शासन ने प्राथमिक स्तर की टीईटी में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल न करने का फैसला राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की निर्धारित समयसीमा पर किया। एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को जो अधिसूचना जारी की थी उसमें कहा गया था कि पहली जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक में टीईटी उत्तीर्ण वे अभ्यर्थी भी शिक्षक नियुक्त हो सकते हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व बीएड की योग्यता हासिल की हो। शर्त के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद एनसीटीई से मान्यताप्राप्त छह माह का विशेष प्रशिक्षण पूरा करना था। इसी कारण शासन ने 13 नवंबर 2011 को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी परीक्षा में बीएड डिग्रीधारकों को मौका दिया था जिसमें 2.92 लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए

राज्य सरकार के अनुरोध पर एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षक नियुक्त करने की समयसीमा को 31 मार्च 2014 तक बढ़ा दिया। चूंकि प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं जिन्हें शासन के लिए 31 मार्च 2014 तक शिक्षक नियुक्त कर पाना संभव नहीं होगा। लिहाजा शासन ने भविष्य में आयोजित होने वाली प्राथमिक स्तर की टीईटी में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल न करने का फैसला किया है।

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ये हो सकेंगे परीक्षा में शामिल

नये मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार प्राथमिक स्तर की टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक करने वाले तथा बीटीसी या एनसीटीई/भारतीय पुनर्वास परिषद से शिक्षा शास्त्र (विशेष शिक्षा) में दो वर्षीय डिप्लोमा या सीटी (नर्सरी)/नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) या स्नातक तथा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण/दो वर्षीय बीटीसी उर्दू विशेष प्रशिक्षण/अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग उत्तीर्ण/11 अगस्त 1997 के पूर्व के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक (उर्दू शिक्षक के लिए) या चार वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बीएलएड) उत्तीर्ण अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं


News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Thu, 18 Apr 2013 09:01 AM (IST))
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Matter is highly COMPLICATED (JATIL ) for B. Ed 2012 Candidates.
If this Guidelines followed - B. Ed candidates are eligible till 1st Jan.2012

But it is a Good News for UPTET 2011 candidates as they are highly confused and have fear that there seats may not fill by new B.Ed UPTET Qualified candidates.

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UPTET : टीईटी सभी के लिए अनिवार्य


UPTET : टीईटी सभी के लिए अनिवार्य

फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने दिया स्पष्टीकरण

टीईटी की अनिवार्यता पर बहस पूरी, आदेश सुरक्षित

इलाहाबाद(ब्यूरो)। टीईटी सभी के लिए अनिवार्य है। एनसीटीई ने किसी भी वर्ग को इससे छूट नहीं दी है। स्नातक बीएड डिग्री धारकों को भी इस अर्हता से मुक्त नहीं रखा गया है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर सुनवाई कर रही फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने यह स्पष्टीकरण दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिज़वान अली अख्तर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के प्रथम प्रस्तर में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टीईटी अनिवार्य अर्हता है। जहां तक

  प्रस्तर तीन में स्नातक बीएड के संबंध कही गई बात का प्रश्न है उसका अर्थ यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन पर टीईटी की बाध्यता नहीं है। अधिसूचना के पांच पैराग्राफ में पहला अर्हता से संबंधित है तथा शेष चार पैराग्राफ पहले पैराग्राफ की व्याख्या और स्पष्टीकरण है

सुनवाई पूरी होने के बाद फुल बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

बहस के दौरान सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने भी कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन आने के बाद बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया गया है। अब प्राथमिक विद्यालयों मेें टीईटी के बिना कोई नियुक्त नहीं हो सकेगा। हालांकि अपर महाधिवक्ता ने विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। कहना था कि इस मामले को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि वह प्रशिक्षित हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन हुआ है, इसलिए उनको टीईटी से छूट दी जाए। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी होना अनिवार्य है। विशिष्ट बीटीसी 2004 की नियुक्ति को लेकर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने कहा कि इनका चयन टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पूर्व हो चुकी थी इसलिए टीईटी पास किए बिना नियुक्ति दी जाए।



News Source / Sabhaar : Amar Ujala (18.4.2013)
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Paragraph 1 -



And NCTE Clears Para 3 is Interpretation and Linked to Para 1 And therefore TET is Must & Qualification for Teachers -

Para 3 -



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UPTET 2013 : URDU TET SPECIAL ESSAY EXAM


UPTET 2013 : URDU TET SPECIAL ESSAY EXAM - SIMPLE & EASY TO PASS

See news -

News Source / Sabhaar : Amar Ujala (18.4.2013)

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UPTET : टीईटी ः ऑनलाइन होंगे आवेदन


UPTET : टीईटी ः ऑनलाइन होंगे आवेदन
अगले हफ्ते आएगा नोटिफिकेशन, नहीं होगी निगेटिव मार्किंग

UPTET 2013 NEWS 

लखनऊ। टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के लिए इस बार एक घंटा ज्‍यादा मिलेगा। यानी परीक्ष्‍ाा अब ढाई घ्‍ांटे की होगी। इसका नोटिफिकेश्‍ान इस माह के अंतिम सप्ताह में आ जाएगा।


प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) सुनील कुमार ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसके साथ ही इस बारे में जारी दुविधा भी समाप्त हो गई है। आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। आवेदन के लिए तीन हफ्ते का समय मिलेगा। इसके चार सप्ताह बाद परीक्षा होगी और चार सप्ताह में नतीजे घोषित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) ने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आवेदन शुल्क 150 और अन्य के लिए 300 रुपये होगा। शुल्क ई-चालान से बैंकों में जमा किए जाएंगे। अलग-अलग परीक्षा के लिए अलग-अलग शुल्क देने होंगे। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बीएड वाले उच्च प्राइमरी के लिए पात्र होंगे। भाषा शिक्षकों जैसे संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू के लिए अलग से परीक्षा होगी। टीईटी की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई है। परीक्षा चार स्तर पर आयोजित की जाएगी। प्राथमिक कक्षा 1 से 5, भाषा शिक्षा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक कक्षा 6 से 8 तथा भाषा शिक्षा उच्च प्राथमिक ये चार होंगे। इसके लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक पाने वाले पात्र होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, नि:शक्त, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक (स्वयं) को अंकों में पांच प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

टीईटी में 60 प्रतिशत अंक पाने वाला पास माना जाएगा।
अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं तथा नि:शक्त को 55 प्रतिशत पर पास माना जाएगा। टीईटी आयोजित कराने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। यह केवल पात्रता परीक्षा होगी। टीईटी पास करने वाला केवल भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र होगा। टीईटी रोजगार का अधिकार नहीं देता है। इसका प्रमाण-पत्र पांच साल के लिए वैध होगा। इसके खोने पर 300 रुपये जमा करके नया प्राप्त किया जा सकेगा।



साल में एक बार होगी टीईटी
टीईटी साल में एक बार दो दिवसों में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार के निर्देश पर एक से अधिक बार भी टीईटी आयोजित की जा सकती है। इसके लिए विभागीय वेबसाइट बनाई जाएगी। इस पर आवेदन लेने के साथ सभी जानकारियां दी जाएंगी। प्रवेश&पत्र वेबसाइट पर 15 दिन पहले अपलोड कर दिया जाएगा। परीक्षार्थी इसे डाउनलोड कर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के एक माह के अंदर डायट से इसके प्रमाण-पत्र बंाटे जाएंगे।

एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी
टीईटी आयोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। इसमें एसएसपी, डायट प्राचार्य व बीएसए सदस्य तथा डीआईओएस सदस्य सचिव होंगे। कमेटी के निर्देश पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। एक केंद्र पर 500 परीक्षार्थी टीईटी दे सकेंगे। नकल रोकने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की होगी। इसके लिए वे केंद्र व्यवस्थापकों के साथ बैठक करेंगे। जिलों में प्रश्नपत्र कड़ी सुरक्षा के बीच भेजे जाएंगे





News Sabhaar / Source : Amar Ujala अमर उजाला (18.4.13)

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UPTET : टीईटी के बिना नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक


UPTET : टीईटी के बिना नहीं बन सकेंगे सहायक अध्यापक

News Sabhaar : Amar Ujala 
फुलबेंच के सामने एनसीटीई ने दिया स्पष्टीकरण
•टीईटी की अनिवार्यता पर बहस पूरी, आदेश सुरक्षित


इलाहाबाद। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सभी के लिए अनिवार्य है। एनसीटीई ने किसी भी वर्ग को इससे छूट नहीं दी है। स्नातक बीएड डिग्री धारकों को भी इस अर्हता से मुक्त नहीं रखा गया है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर सुनवाई कर रही फुल बेंच के सामने एनसीटीई ने यह स्पष्टीकरण दिया है। एनसीटीई के अधिवक्ता रिज़वान अली अख्तर ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के प्रथम प्रस्तर में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टीईटी अनिवार्य अर्हता है। जहां तक प्रस्तर तीन में स्नातक बीएड के संबंध कही गई बात का प्रश्न है उसका अर्थ यह नहीं समझा जाना चाहिए कि उन पर टीईटी की बाध्यता नहीं है। अधिसूचना के पांच पैराग्राफ में पहला अर्हता से संबंधित है तथा शेष चार पैराग्राफ पहले पैराग्राफ की व्याख्या और स्पष्टीकरण है। सुनवाई पूरी होने के बाद फुल बेंच ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
बहस के दौरान प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने भी कहा कि एनसीटीई का नोटिफिकेशन आने के बाद बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया गया है। अब प्राथमिक विद्यालयों मेें टीईटी के बिना कोई नियुक्त नहीं हो सकेगा। हालांकि अपर महाधिवक्ता ने विशिष्ट बीटीसी और बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। उनका कहना था कि इस मामले को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों ने कहा कि वह प्रशिक्षित हैं और नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन हुआ है, इसलिए उनको टीईटी से छूट दी जाए। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी होना अनिवार्य है। विशिष्ट बीटीसी 2004 की नियुक्ति को लेकर अधिवक्ता आलोक मिश्र ने कहा कि इनका चयन टीईटी की अनिवार्यता लागू होने से पूर्व हो चुकी थी इसलिए टीईटी पास किए बिना नियुक्ति दी जाए। केंद्र सरकार के अपर सॉलीसिटर जनरल आरबी सिंघल का कहना था कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है, जो पूरे देश में बाध्यकारी होगा। कोर्ट ने डायट की क्षमता न बढ़ाए जाने पर भी हैरानी जताई है



News Sabhaar : Amar Ujala (18.4.13)


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Wednesday, April 17, 2013

UPTET : टीईटी ने बिगाड़ा खेल

UPTET :  टीईटी ने बिगाड़ा खेल


  
 आगरा: टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों का बना बनाया खेल बिगाड़ दिया है। विभागीय प्रश्रय में शिक्षकों की नियुक्ति को सौदेबाजी कर चुके स्कूल संचालक दुविधा में हैं। नियुक्ति प्रक्रिया पर रद्द होने का संकट मंडरा रहा है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आठ अप्रैल, 2012 को शासन ने शासनादेश जारी किया है। शिक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदक का बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) या बीएड होने के साथ ही टीईटी या सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। 25 मई, 2012 को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक भर्ती के संबंध में जारी किए गए आदेशों के क्रम में ही शासनादेश जारी किया गया है। शासनादेश तभी से प्रभावी माना जाना चाहिए। टीईटी अनिवार्य होने से उन स्कूल संचालकों का खेल बिगड़ गया है, जिन्होंने आदेश जारी होने से पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति को विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदकों से सौदेबाजी शुरू कर दी थी। विभाग स्कूलों को आदेश के अनुपालन के लिए पत्र भेज रहा है। टीईटी अनिवार्य होने के बाद शिक्षकों की भर्ती को पुन: आवेदन प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, लकिन विभाग शासनादेश जारी होने की तिथि से ही उसके प्रभावी होने की बात कर रहा है

डीआइओएस राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासनादेश जारी होने की तिथि से ही प्रभावी माना जाता है। फिर भी आदेश के संबंध में बोर्ड से राय-मशविरा किया जाएगा


News Source/Sabhaar : Jagran (Updated on: Wed, 17 Apr 2013 08:33 PM (IST))

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UPTET / Allahabad Highcourt Triple Bench : आज की अदालती कार्यवाही पर एक नजर


UPTET / Allahabad Highcourt Triple Bench : आज की अदालती कार्यवाही पर एक नजर

Information Taken From Facebook Groups -


ये जानकारियाँ हमने अदालत में उपस्थित मित्रों,फेसबुक समूहों एवम् फेसबुक पेजों के माध्यम से जुटाई हैं , इन जानकारियों में कुछ अंतर भी हो सकता है|

1. आज दिनांक 17 अप्रैल को केवल बिना टीईटी वि. बी. टी. सी.2007,2008 और शिक्षामित्रों के मामले पर बहस हुई |

2. इस पक्ष के अधिवक्ताओ की दलीलों से वृहद् पीठ के न्यायाधीशगण आश्वस्त नजर नहीं आये | पीठ का कहना था कि टीईटी से छूट असंवैधानिक है | कक्षा एक से कक्षा आठ तक के शिक्षक बनने के लिए टी ई टी उत्तीर्ण होना आवश्यक है |
चाहे अभ्यर्थी बीटीसी हो या शिक्षा मित्र | बड़ी बात यह रही कि सभी पक्षों से पहले ही लिखित दलीले अदालत द्वारा ले ली गयी थी ताकि मामले पर जल्दी बहस हो सके | भारत सरकार की तरफ से अधिवक्ता श्री तिवारी उपस्थित रहे जिन्होंने लिखित तौर पर कहा कि कक्षा एक से आठ तक के शिक्षक नियुक्त होने के लिए टीईटी आवश्यक है |श्री खरे ने भी अपने विन्दुओं से अदालत को अवगत कराया | उन्होंने टीईटी के पक्ष में अपने विचारो से अदालत को अवगत कराया |

3. इसके पश्चात एनसीटीई ,सरकारी अधिवक्ता श्री सी बी यादव और कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अधिवक्तागणों ने अपने अपने पक्षों से अदालत को प्रमाण सहित अवगत कराया | एनसीटीई के अधिवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रो को भी प्रक्षिक्षण के बाद टीईटी उतीर्ण करना आवश्यक है |

4. सरकारी अधिवक्ता श्री सी बी यादव का कहना था कि सारी भर्तियाँ आर टी ई 2009 अधिनियम के अनुसार ही हो रही हैं | किसी को भी टीईटी से छूट प्रदान नहीं की गयी है | उन्होंने कहा कि टीईटी 2011 के आधार में शिक्षक भर्तियाँ की गयीं हैं | उन्होंने यह भी जोड़ा कि 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को शासन आदेश जारी करके टीईटी के दायरे में लाया गया है |

5. अंत में अदालत ने अपना फैसला एक सप्ताह के लिए सुरक्षित रख लिया| बहस और फैसले के सारे विन्दुओं को पुनरावलोकन करने के पश्चात अदालत अपना निर्णय बिना टीईटी वाले मामले पर सुनायेगी |

6. जहाँ तक भर्ती आधार को लेकर वृहद् पीठ में संदर्भित याचिका की बात है तो इस बारे में सरकारी वकील द्वारा अनापत्ति नहीं होने के पश्चात ही केस को पुनः डी. बी. में वापस भेजने पर चर्चा होने की सम्भावना है ,ये कार्यवाही उसी दिन संपन्न हो सकती है ,जिस दिन बिना टीईटी केस का अंतिम फैसला होगा


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Considering above details, Matter is in favour of TET Qualified Candidates.

Now next and an IMPRTANT matter is for 72825 teachers recruitment, Where selection base is going to decide - i.e. Either TET Merit OR Acad. Merit

However it is early to say anything till judgement arrive. That is wait for a week and see what happens in actual judgement as it comprise of written matters / debate and combined decision of expert efficient judges. 
And layman (simple) person can not understand facts in deep.
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UPTET / CTET : दस हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन इसी माह


UPTET / CTET : दस हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन इसी माह

टीईटी व सीटीईटी उत्तीर्ण ही पात्र होंगे


लखनऊ (ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों में 10,800 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया इसी माह शुरू हो जाएगी। इसके लिए बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी व दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षण प्राप्त और टीईटी व सीटीईटी उत्तीर्ण ही पात्र होंगे। भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके लिए शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। भर्ती प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करते हुए जुलाई में तैनाती दे दी जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव कार्यालय इलाहाबाद ने बीटीसी, विशष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षितों को सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने इस पदों पर भर्ती की अनुमति 12 मार्च को दी थी। इसके आधार पर अब भर्ती प्रक्रिया शुरू होनी है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव कार्यालय इलाहाबाद ने भर्ती कार्यक्रम का प्रस्ताव भेजा था, जिस पर सहमति बन गई है। अब इसके आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश जारी करने की तैयारी है


News Sabhaar : Amar Ujala (17.4.2013)
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UPTET : संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में भी अनिवार्य हुआ टीईटी


UPTET : संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में भी अनिवार्य हुआ टीईटी


News Sabhaar : जागरण  (17.4.13)

आगरा: माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में भी अब टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) अनिवार्य हो गया है। इन स्कूलों में रिक्त शिक्षक पदों पर अब टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों की ही नियुक्ति होगी। शासन ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

ताजनगरी में माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध 38 सहायता प्राप्त स्कूल ऐसे हैं, जिनमें प्राइमरी कक्षाओं का संचालन होना है। इनमें 21 बालक और 17 बालिका स्कूल हैं। इनमें अभी तक बीटीसी या बीएड किए हुए आवेदकों की नियुक्ति शिक्षक पदों पर होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबद्ध सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शासन ने नई अर्हता निर्धारित की है।

आवेदक के लिए किसी मान्यता प्राप्त विवि से स्नातक, बीटीसी या बीएड प्रशिक्षित होने के साथ ही टीईटी सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) पास होना अनिवार्य होगा। सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को शिक्षकों की भर्ती में अहर्ताओं का ध्यान रखने को पत्र भेजा है।

डीआइओएस राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्राइमरी कक्षाओं का संचालन कर रहे स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में शासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा।

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बेकार हो जाएंगे आवेदन

प्राइमरी कक्षाओं का संचालन कर रहे स्कूलों में रिक्त शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग में इन दिनों आवेदन पत्र जमा हो रहे हैं। शासन द्वारा शिक्षक भर्ती में टीईटी या सीटीईटी अनिवार्य करने के बाद अब इनमें से कई आवेदन पत्र बेकार हो जाएंगे। जब नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे, तब टीईटी का आदेश जारी नहीं हुआ था


News Source : Jagran(Updated on: Wed, 17 Apr 2013 01:06 AM (IST))
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Possibly Today OR in Coming Days, TET is MUST or NOT will be clear.

TET Vs. NON TET Matter is Allahabad Highcourt and an important Hearing for the same is going happen on TODAY.

Abhee TET Vs NON TET Mudde par Koee Final Decision Nahin Aayaa Hai, Aur Jald Hee Aaj Ya 1-2 Dino Mein Feslaa Aa Saktaa Hai

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If TET/CTET exam has no meaning then what is the purpose of conducting this examination.
As unemployed candidates have to pay fee from heavy nose  for UPTET/CTET exam.
For only one paper a candidate (Gen Cat.) has to pay Rs. 500 per exam. And for Primary / Upper Primary they have to Rs.1000.

In some states weightage of TET/CTET exam was also given for selection of teachers and as per NCTE guidelines - Re Exam for Improvement of Score is given.

Now it will be good if every thing will clear about this TET examination as lakhs/crores(All over India) of candidate's faith is attached with this examination.

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Vikash Ranjan
BY TODAY'S COURT VIEW NON-TET IS TOTALLY OUT.
A.p.shahi ji aur unki team ne sanyukt roop se tet ke tulna NET se karte huye kaha ki jis tarah m.phil, m.a. karne ke uprant lectr ki job karne ke liye net jaroori hai thik usi tarah sahayak adhyapak ki job ke liye tet pas hona aniwarya hai.
A.p.shahi ji ne is line ko kai bar dohraya ki NET sirf ek national eligibilty test hai jo ki essential qualification hai jo apko sirf qualified lectr ki job ke liye banati hai bad me university ya institution apko job basis criteria tay karti hai thik usi tarah TET bhi sirf ek patrata pariksha hai.
tet pass hona matra job ki gurantee nahi hai.
ye sirf ek minimum essential qualification hai jo ki sahayak adhyapk ke pad ke liye awasyak hai.
isi bases pe unhone siksha mitro ko tet pas hona anivarya bataya for appointment to sahayak adhyapak..
aj lunch ke bad pura waqt 2004,2005. etc anya batch ke sbtc ladko ko tet se choot ke liye bahas chalti rahi.
per judes panel ke rukh se nahi lagta ki unhe tet se mukti milegi.
aj koi bhi case db me transfer nahi huwa hai.
ntet wale matter pe faisla surakshit kar liya gaya hai.
last bat yahi kahunga ki a.p.shahi ji ne tet ko sirf ek patrata pariksha mana hai aur ye line base of selection pe kitna prabhaw dalegi ye to aane wala waqt batayega.
COURT WILL BE CONTINUE 2MORROW..

JUSTICE Amabwani comments that 95% Candidate Passed B.Ed while sitting at home So T.ET Exam is essential qualification for all the primary teacher and A.P.Sahi comments that in the recent survey conducted by the private agency more then 30% primary students even cannot read and write so T.E.T is must for every teacher recruitment
शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही 0 Posted on : 16-04-2013 |UPTET शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में बहस चल रही है| शुरुआत नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| बड़ी बेंच के तीनो जजनॉन टेट को शिक्षक भर्ती मामले में असहमत नजर आये| नॉन टेट मामले के वकीलों की दलीलों से भी जज संतुष्ट नहीं हुए| जस्टिसइ पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| अंतिम फैसला जारी होनेका इन्तजार करिये
Quality tchr chahiye isliye tet jaruri-AP Shahi ji

Tulsi Prasad Sahu
आज दि0 16-04-2013 को मा0 उच्च न्यायालय के कोर्ट नं0 29 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की सुनवाई
की कार्यवाही की गई, मा0 न्यायालय द्वारा वि0बी0टी0सी0 2004, 2007, 2008 व शिक्षामित्रो को टी0ई0टी0
उत्तीर्ण करना अनिवार्य बताया गया। मा0 न्यायालय द्वारा कहा गया कि यदि शिक्षकों की गुणवत्ता के लिए
प्रशिक्षुओं को टी0ई0टी0 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
जिस प्रकार एम0फिल करने के उपरान्त लेक्चरर बनने के लिए नेट क्वालीफाई होना आवश्यक है, उसी प्रकार सहायक अध्यापक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता टी0ई0टी0उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पर पदस्थित करने के लिए टी0ई0टी0 उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। नान
टी0ई0टी0 बीएड प्रशिक्षुओं को भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने हेतु तीनों जजो द्वारा असहमति जताई गई। नान टी0ई0टी0 के अधिवक्ता द्वारा दी गई दलील से जज संतुष्ट नजर नही आये।
फिलहाल नान टी0ई0टी0 बी0एड0 प्रशिक्षुओं की भर्ती प्रक्रिया मे शामिल होने की सम्भावना बहुत कम रह
गई है। जस्टिस ए पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए  टेट को जरुरी बताया| पूरे समय
सुनवाई जारी रही, उक्त सुनवाई कल दि0 17-04-2013 को भी जारी रहेगी।
पूर्णपीठ में न्यायमूर्ति सुनील अम्बानी, न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल शामिल हैं

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UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी


UPTET : कक्षा एक के लायक नहीं पांचवीं के छात्र
टीईटी पात्रता पर हाईकोर्ट में बहस जारी

दो लाख 58 हजार 239 पद अभी भी हैं रिक्त

News Sabhaar : AMAR UJALA (17.4.2013)

इलाहाबाद। सूबे की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र कक्षा एक का टेस्ट पास करने लायक भी नहीं हैं। सर्वे बताते हैं कि पांचवीं पास 33 फीसदी छात्र कक्षा एक के टेस्ट में फेल हो गए। यह प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का हाल बताने के लिए काफी है। सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता को लेकर फुल बेंच में चल रही बहस मंगलवार को पूरी नहीं हो सकी। बुधवार को भी इस पर बहस होगी
शिवकुमार शर्मा और प्रीतपाल सिंह आदि याचियों की ओर से बहस की गई। याचियों ने प्रभाकर सिंह केस में खंडपीठ द्वारा बीएड डिग्री धारकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि एनसीटीई के नोटीफिकेशन के मद्देनजर खंडपीठ का फैसला सही है। नोटीफिकेशन में स्पष्ट है कि बीएड अभ्यर्थियों को बिना टीईटी के भी सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। यदि टीईटी न्यूनतम अपरिहार्य योग्यता है तो फिर केंद्र ने बीएड अभ्यर्थियों के मामले में किस नियम में छूट दी है। याचियों का कहना था कि प्रदेश में पांच लाख 44 हजार 726 सहायक अध्यापकों के पद वर्ष 2010 में रिक्त थे। इनमें से अभी भी दो लाख 58 हजार 239 पद रिक्त हैं। हर साल 12000 के करीब अध्यापक रिटायर होते हैं। सरकार की नीतियों के चलते शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं हो पा रहा है। कहा गया कि स्नातक के साथ बीएड डिग्री रखने वालों की योग्यता अधिक होती है। उनके लिए टीईटी अनिवार्य है, जबकि सरकार शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सहायक अध्यापक बनाने की तैयारी में है। एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए प्रशिक्षण देने का कार्य जारी है। पूर्णपीठ के समक्ष बीएड अभ्यर्थियों के टीईटी की अनिवार्यता के प्रश्न पर निर्णय देने के साथ ही यह भी प्रश्न है कि क्या एनसीटीई द्वारा निर्धारित की गई न्यूनतम योग्यता शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार ही है। याचिका पर बुधवार को भी बहस होगी




News Sabhaar : अमर उजाला (17.4.2013)
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एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं

टीईटी मामले की सुनवाई में अधिवक्ताओं ने दिए तर्क

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ कर रही है सुनवाई



जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान वकील राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। वकील अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है।

News Sabhaar : Jagran (17.4.13)
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शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही- 17 को सुनवाई जारी
शिक्षक भारती मामले की सुनवाई के शुरुआत में नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| चर्चा हुई कि एक सर्वे के मुताबिक 30 फ़ीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों के प्राइमरी छात्र ठीक से पढ़ना और लिखना तक नहीं जानते| इतना ही नहीं बी एड पास 95 फ़ीसदी कैंडिडेट अभी भी घर बैठे है| इसीलिए शिक्षक बनने के लिए टेट पास होना जरुरी है| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| हालाँकि अंतिम फैसला जारी होने का इन्तजार करना होगा|

उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में मंगलवार को टीईटी प्रकरण को लेकर शुरू हुई बहस में इसकी अनिवार्यता को लेकर सवाल उठे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि टीईटी शैक्षिक योग्यता नहीं है। इसलिए इसे अनिवार्य नहीं माना जा सकता। एनसीटीई को इसे अनिवार्य करने का अधिकार ही नहीं है। पूर्णपीठ के समक्ष यह बहस जारी रहेगी। अभी सरकार और केंद्र सरकार का पक्ष आना बाकी है।

हाईकोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी शाही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ कर रही है। टीईटी को लेकर लगभग तीन दर्जन याचिकाएं दायर हैं। इसमें दो प्रमुख बिंदुओं कि टीईटी अनिवार्य है नहीं और क्या बीएड डिग्रीधारकों को प्रशिक्षण की शर्त पर सहायक अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है, पर विचार के लिए मामला पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया है। दायर याचिकाओं में कुछ में राज्य सरकार की अधिसूचनाओं को भी चुनौती दी गई है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राहुल अग्रवाल ने कहा कि एनसीटीई को न्यूनतम योग्यता निर्धारण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कई न्यायिक फैसलों का उदाहरण भी दिया। दूसरी ओर अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षुओं को भी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सरकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मौजूदगी के बावजूद गैर प्रशिक्षितों की नियुक्ति कर बाद में प्रशिक्षित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों को नियुक्त किया जा रहा है और प्रशिक्षित लोगों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

बहस के बिंदुओं में यह भी सवाल है कि क्या सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद उन्हें प्रशिक्षित करेगी। विशिष्ट बीटीसी धारकों की याचिका में यह तर्क है कि वे पहले से प्रशिक्षित हैं और टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। ऐसे में उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए। बीटीसी प्रशिक्षितों का तर्क है कि उन्हें प्रशिक्षण ही नियुक्ति के लिए दिया गया है। जिस समय उन्हें प्रशिक्षण दिया गया, उस समय टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी। ऐसे में उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।

दिन भर चली सुनवाई के दौरान अदालत लोगों से खचाखच भरी रही। इनमें अभ्यर्थी थे तो अधिकारी भी। अधिवक्ताओं की भीड़ भी दिन भर रही। सुनवाई लगातार कई दिन चलने के आसार हैं। आगे चलकर अदालत में एनसीटीई, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा जा सकता है। इस प्रकरण पर फैसले के बाद प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा के कानून को वास्तविक अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। साथ ही प्रदेश में 72 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त होगा
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In some states weightage of TET/CTET exam was also given for selection of teachers and as per NCTE guidelines - Re Exam for Improvement of Score is given.

Now it will be good if every thing will clear about this TET examination as lakhs/crores(All over India) of candidate's faith is attached with this examination.

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A.p.shahi ji aur unki team ne sanyukt roop se tet ke tulna NET se karte huye kaha ki jis tarah m.phil, m.a. karne ke uprant lectr ki job karne ke liye net jaroori hai thik usi tarah sahayak adhyapak ki job ke liye tet pas hona aniwarya hai.
A.p.shahi ji ne is line ko kai bar dohraya ki NET sirf ek national eligibilty test hai jo ki essential qualification hai jo apko sirf qualified lectr ki job ke liye banati hai bad me university ya institution apko job basis criteria tay karti hai thik usi tarah TET bhi sirf ek patrata pariksha hai.
tet pass hona matra job ki gurantee nahi hai.
ye sirf ek minimum essential qualification hai jo ki sahayak adhyapk ke pad ke liye awasyak hai.
isi bases pe unhone siksha mitro ko tet pas hona anivarya bataya for appointment to sahayak adhyapak..
aj lunch ke bad pura waqt 2004,2005. etc anya batch ke sbtc ladko ko tet se choot ke liye bahas chalti rahi.
per judes panel ke rukh se nahi lagta ki unhe tet se mukti milegi.
aj koi bhi case db me transfer nahi huwa hai.
ntet wale matter pe faisla surakshit kar liya gaya hai.
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JUSTICE Amabwani comments that 95% Candidate Passed B.Ed while sitting at home So T.ET Exam is essential qualification for all the primary teacher and A.P.Sahi comments that in the recent survey conducted by the private agency more then 30% primary students even cannot read and write so T.E.T is must for every teacher recruitment
शिक्षक भर्ती में अदालत की कार्यवाही 0 Posted on : 16-04-2013 |UPTET शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में बहस चल रही है| शुरुआत नॉन टेट वालो को भर्ती में शामिल करने के मामले पर बहस हुई| बड़ी बेंच के तीनो जजनॉन टेट को शिक्षक भर्ती मामले में असहमत नजर आये| नॉन टेट मामले के वकीलों की दलीलों से भी जज संतुष्ट नहीं हुए| जस्टिसइ पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए टेट को जरुरी बताया| लिहाजा नॉन टेट तो लगभग शिक्षक भर्ती से बाहर होने के आसार है| अंतिम फैसला जारी होनेका इन्तजार करिये
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Tulsi Prasad Sahu
आज दि0 16-04-2013 को मा0 उच्च न्यायालय के कोर्ट नं0 29 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की सुनवाई
की कार्यवाही की गई, मा0 न्यायालय द्वारा वि0बी0टी0सी0 2004, 2007, 2008 व शिक्षामित्रो को टी0ई0टी0
उत्तीर्ण करना अनिवार्य बताया गया। मा0 न्यायालय द्वारा कहा गया कि यदि शिक्षकों की गुणवत्ता के लिए
प्रशिक्षुओं को टी0ई0टी0 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
जिस प्रकार एम0फिल करने के उपरान्त लेक्चरर बनने के लिए नेट क्वालीफाई होना आवश्यक है, उसी प्रकार सहायक अध्यापक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता टी0ई0टी0उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पर पदस्थित करने के लिए टी0ई0टी0 उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। नान
टी0ई0टी0 बीएड प्रशिक्षुओं को भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने हेतु तीनों जजो द्वारा असहमति जताई गई। नान टी0ई0टी0 के अधिवक्ता द्वारा दी गई दलील से जज संतुष्ट नजर नही आये।
फिलहाल नान टी0ई0टी0 बी0एड0 प्रशिक्षुओं की भर्ती प्रक्रिया मे शामिल होने की सम्भावना बहुत कम रह
गई है। जस्टिस ए पी शाह ने शिक्षको की गुणवत्ता के लिए  टेट को जरुरी बताया| पूरे समय
सुनवाई जारी रही, उक्त सुनवाई कल दि0 17-04-2013 को भी जारी रहेगी।
पूर्णपीठ में न्यायमूर्ति सुनील अम्बानी, न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल शामिल हैं




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Sunday, April 14, 2013

UPTET : फैसले पर टिकी टीईटी अभ्यर्थियों की निगाहें


UPTET : फैसले पर टिकी टीईटी अभ्यर्थियों की निगाहें

मधुबन (मऊ) : पिछले लगभग दो साल से शिक्षक भर्ती की राह देख रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों की अब सारी उम्मीद आगामी 16 अपै्रल को आने वाले फैसले पर टिकी है। उस दिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन जजों की विशेष खंडपीठ द्वारा तीन बिंदुओं पर महत्वपूर्ण फैसला लेना है। पहला यह कि क्या चयन का आधार केवल टीईटी मेरिट हो यानी टीईटी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंक के मेरिट को ही चयन का आधार मान लिया जाय। दूसरा टीईटी में प्राप्त अंकों को भी हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीए, बीएड में प्राप्त अंकों के प्रतिशत को जोड़ दिया जाए और एक नई मेरिट सूची बने या टीईटी पास को केवल योग्यता मानकर अन्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बनी मेरिट पर चयन हो। निर्णय चाहे जो भी हो अभ्यर्थियों को इसका बेसब्री से इंतजार है क्योंकि पिछले दो सालों से इंतजार करते-करते थक चुके हैं। शनिवार को बातचीत के दौरान गजियापुर निवासी मनोज कुमार यादव, बिग्रहपुर निवासी रमेश सिंह, संतोष शर्मा, ममता शर्मा, दुबारी निवासी पिंटू गुप्ता, जितेंद्र कुमार, मनोज उपाध्याय आदि का कहना है कि शिक्षक भर्ती का सपना देखते-देखते आंखें पथरा चुकी हैं। कर्ज का बोझ जो सिर पर है वह अलग से परेशान किए है, इसलिए जो भी फैसला हो वह अंतिम हो ताकि चिंताओं के बोझ से मुक्ति मिल सके। इनमें से अधिकतर को यह उम्मीद है कि इस बार का फैसला शायद भर्ती की राह में पड़े सभी रोड़े को हटा दें





News Source : Jagran (13.4.2013)


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UPTET : बीएड गुणांक मामले में जवाब-तलब


UPTET : बीएड गुणांक मामले में जवाब-तलब


  
इलाहाबाद : प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड के गुणांक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। 11 अप्रैल को अरविंद कुमार शुक्ला और तीन अन्य की स्पेशल अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुशील हरकौली और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने माना कि बीएड में पूर्णाक अलग-अलग होने पर मेरिट पर असर पड़ सकता है। गुणांक अलग-अलग होने की दशा में तमाम अभ्यर्थियों का अहित हो सकता है। अदालत ने दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। गौरतलब है कि प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए तय की गई अर्हता में बीएड के अंकों को अधिभार दिया गया था। वहीं अलग-अलग संस्थानों द्वारा बीएड के प्रायोगिक परीक्षा के पूर्णांक में अंतर होने से बीएड में मिलने वाले अधिभार में भी अंतर आ रहा है। याचियों ने बताया कि बीएड प्रायोगिक परीक्षा कुछ संस्थानों में दो सौ अंक की तो कुछ जगह चार सौ अंक की होती है



News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Sat, 13 Apr 2013 10:58 PM (IST))
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What happens in court , See Case Details -

अलग अलग यूनिवर्सिटी के मार्क्स की तुलना /मेरिट बनाना सही है या नहीं 


अदालत ने कहा की सरकार का कोई भी  पालिसी डिसीजन अगर अनुच्छेद 14 व 16 का उल्लंघन करता है 
तो अदालत उसका परीक्षण  कर सकती है 
अनुच्छेद 14 नागरिकों के समानता के नियम को प्रतिपादित करता है 
अदालत ने सरकार को काउंटर एफिडेविट लगाने के लिए २ हफ्ते का समय दिया है 

अगली सुनवाई 29 अप्रैल 2013 को निर्धारित की गयी है ,

देखिये अदालत की कार्यवाही -




HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

?Court No. - 33
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 548 of 2013
Petitioner :- Arvind Kumar Shukla And 3 Ors.
Respondent :- State Of U.P. And 3 Ors.
Petitioner Counsel :- Anil Tiwari
Respondent Counsel :- C.S.C.,Harendra Yadav

Hon'ble Sushil Harkauli,J.
Hon'ble Manoj Misra,J.
It has been argued from the side of the petitioner-appellant that although the examination has taken place but the result has not yet been declared because of the stay order continuing in some other case.
The Rule has been amended by the State.� Its authority is under challenge on the ground that the method of computation of quality point marks in respect of B.Ed. degree is illegal.� This method of computation, which is provided in the amended Rule namely Adding of the Marks obtained in Theory and Practical and thereafter calculating the percentage leads to discrimination between candidates who have passed their B.Ed. examination from different Universities, which allot different marks for theory and practical.
Therefore, Counter affidavit will examine this aspect as to whether the suggested method namely calculation of percentage of marks separately in theory and practical for B.Ed. adding� the two and dividing them by 2 would remove the discrimination alleged.
We are passing this order after going through� the decision of learned Single Judge of this Court dated 21.01.2008 passed in a Bunch of writ petitions headed by the writ petition no. 54049 of 2007 which was set aside in a Bunch of Special� Appeals headed by Special Appeal No. 166 of 2008 decided on 03.04.2008 in as much as apparently the appellate judgment did not consider the case of discrimination� with regard the candidates passing B.Ed. from different Universities, which have different marks for theory and practical.� Moreover, because in that case the Special Appellate Bench refused to interfere on the ground that it was a policy decision.� Whereas, prima facie, even� a� policy decision, which results in discrimination and thus, violates the fundamental right guaranteed under Articles 14 and 16 could be� examined by the writ Court and lastly the decision of the Special Appeal was� also based on consideration of the situation.� Here� the result has not been declared because of the interim order passed in another case, which gives ample time to the writ Court to take corrective measures so far as the discrimination alleged is concerned. 
Counter affidavit will be filed within two weeks. 
List in the week commencing 29.04.2013. 

���� (Manoj Misra,J.) (Sushil Harkauli,J.)
Order Date :- 11.4.2013/-MAA/-


Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2496206
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फ़िलहाल समस्त भारत में शिक्षक भर्ती के लिए अकादमिक अंको का भी वेटेज दिया जा रहा है , जैसे कि - गुजरात ,बिहार , एस एस ए चंडीगढ़ , एल टी ग्रेड शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश , तमिलनाडु  इत्यादि


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