72825 Teacher Recruitment / Allahabad Highcourt : After Final Decision of Allahabad Highcourt : बेहतर होगी टी ई टी अंकों से चयन की प्रक्रिया
जब इसी टी ई टी परीक्षा के पात्रता सर्टिफिकेट को सही मानकर अन्य भर्तियां हो सकती हैं तो 72825 क्यूँ नहीं
या तो सर्टिफिकेट गलत है या सही
और इस सब में अभ्यर्थीयों का क्या दोष ?
डेटा संभालकर रखने कि जिम्मेदारी संभंधित विभाग की है न की अभ्यर्थियों की ।
सी टी ई टी भी कई बार परीक्षायें आयोजित कर चुका है
इसी टी ई टी परीक्षा के परिणाम की कई बार जांच हुई , कई बार परिणाम बदले और ध्यान से देखा जाये तो यह परीक्षा के परिणाम की सुचिता को और मजबूत करता है व् बेहतर सेलेक्शन प्रदान करता है -
कारण :
१. जब पहली बार परिणाम आया (मान लीजिये उसमें अभ्यर्थीयों को अंक इस प्रकार मिले : A को 120 , B को 87, B सामान्य श्रेणी का है और वह फेल है )
कुछ समय बाद कुछ अभ्यर्थीयों ने आपत्तियां जाहिर की - कि परीक्षा के कुछ प्रश्न गलत हैं , इस आपत्ति का निराकरण करते हुए
सभी को गलत प्रश्नो का फायदा देते हुए सभी के मार्क्स बढ़ा दिए
अब देखिये क्या होता है
२. मान लीजिये कि अब A और B दोनों को 4 नंबर का फायदा हो जाता है
और A के मार्क्स 124 हो जाते हैं व बी के 91
अब B पात्र न होते हुए भी गलत प्रश्नो के फायदे से पात्र (टी ई टी परीक्षा पास ) हो जाता है
अब मान लीजिये चयन का आधार बदल जाता है और भर्ती अकादमिक अंको से हो रही होती है :
३. मान लीजिये कि A के अकादमिक में 65 गुणांक है और B का 66 , और नए तरह से भर्ती होने से B को पूर्णता फायदा हो रहा है , परीक्षा में अपात्र होते हुए भी किसी किस्मत से पात्र हो जाता है और चयन में भी A को पीछे छोड़ देता है ,
वहीं A नुक्सान में है
लेकिन अगर चयन पूर्व निर्धारित टी ई टी परीक्षा के अंको से होता है तो दोनों के ऊपर कोई प्रभाव नहीं पडेगा , क्यूंकि मेरिट में दोनों कि रेंक सामान है ।
इस परीक्षा में ३ नक़ल बनी थी , डेटा कम्प्यूटराइजड हुआ था , सभी अभ्यर्थीयों ने अपने व अगल बगल के , दोस्तों, रिश्तेदारों के परिणाम देखे थे ।
नक़ल वगेरह कि ख़बरें भी नहीं आयी , टी ई टी परीक्षा के परिणाम की कई बार जाँच हुई
जबकि आजकल सामान्य बोर्ड परीक्षाओं में चिट से नक़ल आदि कि खूब घटनाएं होती हैं, मेनेजमेंट कॉलेज में इंटरनल परीक्षाओं में खूब नंबर मिलते हैं
प्रोफेशनल कोर्सेस में परसेंटज , डिविसन का फॉर्मूला भी अलग अलग है जबकि सामान्य डिग्री में तीनो साल के एवरेज अंक दिए जाते हैं
मैंने हाल ही में देखा कि कुछ संस्थान / विभाग अपनी भारतीयों में इन प्रोफेसनल कोर्सेस (B.E ) के चारों साल के अंक का औसत मार्क्स लेते हैं जबकि इनकी वास्तविक पर्सेंटेज अलग होती है (अंतिम साल के अंक को ज्यादा वेटेज और पहले साल के अंकों को कम वेटेज आदि )
अलग अलग बोर्ड्स की मार्किंग भी अलग अलग होती है ।
हालाँकि किसी भी भर्ती में विभाग का अपना क्राइटेरिया होता है और अगर कहीं मामला उलझता है तो न्यायलय का कार्य है कि कैसे मामला सुलझे और
सभी को न्यायलय कि भूमिका को समझना चाहिए ।
See NCTE Notification / NCTE kee Adhisuchna :
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कुछ लोग कहते हैं की टीईटी सिर्फ पात्रता परीक्षा है चयन का आधार नहीं , लेकिन देखीये एन सी टी ई ने अपने नियमों में स्पष्ट कहा है की -
टीईटी मार्क्स को भर्ती प्रक्रिया में महत्व (वेटेज ) दिया जाये और शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी क्वालीफाई होना जरूरी है , इसका मतलब -
ये सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं है , चयन का एक आधार भी देती है
(specified clearly weightage of TET marks in selection , See pt No. 9(b))
साथ ही ये भी नहीं कहती की इसके (टीईटी मार्क्स ) मार्क्स का कितना वेटेज , चयन के लिए उपयोग में लिया जाये | अभी हाल ही में केवीएस ने अपने सेलेक्सन में टीईटी मार्क्स को कट - ऑफ़ में लिया |
पर उत्तर प्रदेश में कई लोग टीईटी परीक्षा को पात्रता परीक्षा बताते हैं
पूर्व
में कई बार खबर आयी (एल टी ग्रेड टीचर सेलेक्सन , बी टी सी चयन आदि ) की
उत्तर प्रदेश में यु पी बोर्ड के लोग पिछड़ जाते हैं और कुछ घोठाले भी
उजागर हुए हैं ( सम्पूर्णानन्द यूनीवर्सिटी आदि द्वारा और अदालत ने इस पर
तल्ख़ टिप्पणी भी की है ) देखीये -
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अगर टी ई टी सिर्फ पात्रता का आधार है तो क्यों कहा गया है की अंकों के सुधार हेतु आप सी टी ई टी / टी ई टी परीक्षा में दोबारा से बेठ सकते हैं |
जब एक बार परीक्षा उत्तीर्ण करके पात्र हो गए तो दोबारा से परीक्षा में बेठने का क्या लाभ |
See : A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score (Pt. No. 11)
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Allahabad High court ke Final Decision (20 Nov. 2011) Mein Yah Baat Kahee Gayee Hai :-
While
deciding the Issue No.3 we have already held that the guidelines dated
11.2.2011, issued by the National Council for Teacher Education require
the State to give weightage of the marks obtained in the 'Teacher
Eligibility Test' Examination -2011 in appointment on the post of
Teachers. The guidelines dated 11.2.2011 issued by the National Council
for Teacher Education have been held to be binding. A Full Bench of this
Court in Shiv Kumar Sharma (Supra) in paragraph 88 (as quoted above)
has already laid down that the State Government has to give weightage to
the marks of the Teacher Eligibility Test in the recruitment process.
In view of the binding nature of the guidelines dated 11.2.2011, issued
by the National Council for Teacher Education and the decision of the
Full Bench of this Court in Shiv Kumar Sharma's case (Supra) the State
Government could not have taken any decision to ignore the weightage of
the marks of the Teacher Eligibility Test Examination-2011.
Jo KI Triple Bench (Full Bench) ke TET Marks ko ignore na karne ke Saath Kahee Gayee Hai
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आज कि न्यूज़ देखकर एक ईमानदार टी ई टी अभ्यर्थी की और से मुझे बहुत दुःख हुआ कि उसका क्या कसूर :-
See news :
आसान नहीं होगी टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती
मिले अंकों का मिलान करना होगी बड़ी चुनौती, परीक्षा की पारदर्शिता भी संदेह के घेरे में
•
शैलेंद्र श्रीवास्तव
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षक बनने की राह युवाओं को जितनी आसान लग रही है, उतनी दिख नहीं रही। इसमें विभागीय अधिकारियों के सामने कई चुनौतियां होंगी। सबसे बड़ी चुनौती टीईटी में मिले अंकों का मिलान करना होगा। वजह, माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2011 में आयोजित टीईटी का रिजल्ट जारी होने के बाद 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों में फेरबदल किया था। ऐसे में यह पता लगाने में जरूर कठिनाई आएगी कि कितनों के अंक सही बढ़ाए गए थे व कितनों के गलत, क्योंकि अंक बढ़ाने के घोटाले के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है, पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने परिषदीय स्कूलों में बीएड वालों को टीईटी पास करने पर ही शिक्षक रखने की अनुमति राज्यों को दी थी। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित करते हुए रिजल्ट जारी किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर अंक संशोधन के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन लिए गए और 5,49,742 के अंकों में बदलाव हुए। कुछ के अंक बढ़ाए गए तो कुछ के कम हो गए।
अंक बढ़ाने के नाम पर हुई धांधली के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया था। टीईटी में धांधली और विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते उस समय शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। सत्ता बदलने के साथ ही शिक्षक भर्ती का मानक टीईटी मेरिट के स्थान पर शैक्षिक मेरिट कर दिया गया और इसके आधार पर आवेदन लिए गए। हाईकोर्ट ने अब पुन: टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती का आदेश दिया है।
विभागीय जानकारों की मानें तो टीईटी मेरिट पर शिक्षक भर्ती में कई पेंच हैं। टीईटी में धांधली के दौरान कुल कितने अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए गए, अभी तक इसकी जांच नहीं हुई है। इसके अलावा परीक्षा की पारदर्शिता भी संदेह के घेरे में है। वर्ष 2011 की टीईटी में जहां बंपर युवा पास हुए, वहीं टीईटी 2013 में रिजल्ट का प्रतिशत काफी कम रहा। यह भी संदेह पैदा करता है। टीईटी मेरिट के आधार पर यदि शिक्षकों की भर्ती हुई तो इसके प्रमाण पत्रों के मिलान में भी दिक्कत आ सकती है। वजह, धांधली के दौरान कुछ दस्तावेज इधर-उधर होना स्वाभाविक है।
संशोधन के दौरान 5,49,724 अभ्यर्थियों के अंकों में किया गया था बदलाव
एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (24.11.13)
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Aaj Bahut se TET Merit Holders ko Amar Ujala ki Is Baat Se Dukh Huaa :
एनसीटीई की अधिसूचना
राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते
हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के
स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य
होगी। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा है न कि अर्हता परीक्षा