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Monday, June 11, 2012

UPTET : दिल्ली जाएंगे आज टीईटी पास


UPTET : दिल्ली जाएंगे आज टीईटी पास

ज्ञानपुर (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा भदोही इकाई के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों का जत्था 11 जून को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा। जहां वे12 जून को वाराणसी से दिल्ली तक पद यात्रा करने वाले टीईटी अभ्यर्थियों का अभिनंदन करेंगे। यह जानकारी मोर्चा के अरुण चतुर्वेदी ने दी
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प्रदेश सरकार की आलोचना
मुरादाबाद। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा मित्रों को दो वर्ष का प्रशिक्षण देकर उन्हें शिक्षक बनाने की नीति के लिये प्रदेश सरकार की आलोचना की है। बैठक में कहा गया कि यह टीईटी एवं बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का शोषण है। वक्ताओं ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल के उस बयान की सराहना की है। महीपाल सिंह, एम के मिश्रा, फिरोज खान, प्रियांक त्यागी, प्रदीप शर्मा, सुशील कुमार, सलमान आदि मौजूद रहे।
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अनशन में दिल्ली जाएंगे टीईटी अभ्यर्थी
कानपुर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली में एक दिन का अनशन करेंगे। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी रत्नेश पाल ने बताया कि धरने के बाद एचआरडी मंत्री से मिलेंगे। जिले से करीब 500 अभ्यर्थी भी दिल्ली जाएंगे।
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टीईटी अभ्यर्थियों ने सरकार को कोसा
फतेहपुर। रविवार को नहर कालोनी में हुई टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक में सरकार के रवैये पर आक्रोश जाहिर करते हुए सदस्यों ने शासन की मंशा पर सवाल खड़े किए। अध्यक्षता करते हुए राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि छह माह से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी के बाद भी सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर ठोस कदम नहीं उठा रही है। बैठक में 12 जून को दिल्ली में प्रस्तावित रैली के बारे में जानकारी देते हुए भारी संख्या में लखनऊ पहुंचने का आवाहन किया गया। अनिल कुमार, शिवशंकर गुप्ता, रामबाबू, संतोष पाल, अरुण गर्ग, राकेश, कपिल, फूल सिंह, मनीष श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी मौजूद रहे।
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टीईटी अभ्यर्थियों को धरना दिल्ली में कल
महराजगंज। सदर बीआरसी परिसर में रविवार को टीईटी उत्तीर्ण एकता मोर्चा की बैठक हुई। इसमें प्रदेश सरकार के आश्वासन के बावजूद नियुक्ति न होने पर रोष व्यक्त किया गया। अभ्यर्थियों ने सरकार से चयन का आधार स्पष्ट करने की मांग की। अपनी मांगाें को मनवाने के लिए अभ्यर्थी 12 जून को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना, प्रदर्शन करेंगे।
जिलाध्यक्ष महेन्द्र वर्मा ने कहा कि टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की घोषणा होने पर ही संगठन संतुष्ट होगा। हम केवल आश्वासन से संतुष्ट होने वाले नहीं हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों से दिल्ली पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन करने की अपील की। आंदोलन के दौरान टीईटी अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलेगा। महामंत्री मदन यादव ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उससे पहले हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।
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दिल्ली में धरने को लेकर बनी रणनीति
•जंतर-मंतर पर कल जुटेंगे टीईटी अभ्यर्थी
महराजगंज। सदर बीआरसी परिसर में रविवार को टीईटी उत्तीर्ण एकता मोर्चा की बैठक हुई। इसमें प्रदेश सरकार के आश्वासन के बावजूद नियुक्ति न होने पर रोष व्यक्त किया गया। अभ्यर्थियों ने सरकार से चयन का आधार स्पष्ट करने की मांग की। अपनी मांगाें को मनवाने के लिए अभ्यर्थी 12 जून को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना, प्रदर्शन करेंगे।
जिलाध्यक्ष महेन्द्र वर्मा ने कहा कि टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की घोषणा होने पर ही संगठन संतुष्ट होगा। हम केवल आश्वासन से संतुष्ट होने वाले नहीं हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों से दिल्ली पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन करने की अपील की। आंदोलन के दौरान टीईटी अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलेगा। महामंत्री मदन यादव ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उससे पहले हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।
इस मौके पर विजय बहादुर राय, हरिप्रकाश गुप्ता, उमेश चन्द्र मिश्र, राकेश अग्रहरी, प्रवीण पटेल, अवधेश वर्मा, कमलेश कुमार, महेन्द्र प्रसाद यादव, मनीष पटेल, सदानन्द पासवान, मनोज कुमार प्रजापति और रामकुमार पटेल आदि मौजूद रहे।
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धरना सफल बनाने की बनाई रणनीति

देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल प्रांगण में हुई। जिसमें जंतर-मंतर दिल्ली में होने वाले एक दिवसीय धरना को सफल बनाए जाने पर रणनीति बनाई गई। साथ ही संगठन के विस्तार किए जाने पर भी बल दिया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि वाराणसी से मनोज कुमार सिंह मयंक ने पदयात्रा निकाली है। 20 मई से शुरू हुई यह यात्रा 12 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचेगी। जहां पर पूरे प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी एक दिवसीय धरना देंगे। धरना के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक हमारा हक नहीं मिलता।
मोर्चा के पदाधिकारी रघुवंश शुक्ल, राजित दीक्षित, राकेश मणि त्रिपाठी, पुंडरीकाक्ष शर्मा, राजीव दीक्षित, पद्माकर, संतोष, श्रीप्रकाश, हरेंद्र पुरी, अरविंद मिश्र, मनोज कुमार, चंद्रभूषण सिंह, रतेंद्र सिंह, शालिनी, शैलेष, मुन्ना विश्वकर्मा, श्याम रंजन आदि रहे।

News Source : Amar Ujala (11.6.12)
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UPTET : शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट पर ही की जाए शिक्षकों की नियुक्ति


UPTET : शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट पर ही की जाए शिक्षकों की नियुक्ति

•प्रवेश परीक्षा का विकल्प ही बेहतर
सहारनपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर रविवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार कई बार दावे करने के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति पर टालमटोल कर रही है। इससे अभ्यर्थियों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भर्ती को लेकर बयानबाजी या गुमराह करने की बजाय नियुक्ति को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। भर्ती प्रक्रिया को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन के तहत अब 12 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रस्तावित धरने प्रदर्शन और अनशन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की गई।

मोर्चा अध्यक्ष संजय कुमार और संरक्षक प्रदीप धीमान ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से टीईटी की परीक्षा के जारी परिणाम की त्रुटियों और अन्य मामलों के कारण यह भर्ती प्रक्रिया अधर में लटकी है। नई सरकार बनने से उन्हें शिक्षक बनने का सपना पूरा करने की उम्मीद थी, मगर ऐसा नहीं हो सका।
टीईटी अभ्यर्थियों ने इस बात पर हैरानी जताई कि विशिष्ट बीटीसी सहित अन्य चयन प्रक्रियाओं में एकेडमिक मेरिट के दुुरुपयोग के मामलों को देखने के बाद भी प्रदेश सरकार एकेडमिक मेरिट को ही आधार बनाकर नियुक्तियां करने की मंशा रखती है, जबकि योग्य अभ्यर्थियों के चयन के लिए प्रवेश परीक्षा का विकल्प ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि टीईटी के परिणाम में अब भी अनियमितताएं हैं तो उनकी पूरी जांच कराकर अपात्रों को अलग कर दें और पात्रों का चयन करा लिया जाए।
इसी आंदोलन के मद्देनजर वाराणसी से दिल्ली तक पदयात्रा करने वाले अभ्यर्थियों मयंक और मनोज को सम्मानित करने का भी प्रस्ताव बैठक में रखा गया। सत्यवीर, संदीप कुमार, रवींद्र राठौर, सुखपाल सिंह आदि रहे। 
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टीईटी संघर्ष मोर्चा करेगा प्रदर्शन


मुजफ्फरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा की टाउनहाल में बैठक में जिलाध्यक्ष बलकेश चौधरी ने बताया कि 12 जून को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मुलाकात करके टीईटी भर्ती की मांग की जाएगी। रालोद एमएलसी चौधरी मुश्ताक ने छात्रों को टीईटी भर्ती प्रक्रिया मुद्दा विधान परिषद में उठाने का आश्वासन दिया है। बैठक में फारुख हसन, कपिल शर्मा, मनोज मंयक, साकिद अली, मोहित बालियान, राशिद, रवि प्रकाश, सिद्धार्थ, वकील अहमद, राहुल, नकल, मनोज, नदीम, नूर मौहम्मद, पिंकी, शालिनी और नेहा आदि मौजूद रहे।


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दिल्ली में धरना देंगे टीईटी अभ्यर्थी


खेकड़ा। टीईटी की परीक्षा पास करने पर भी शिक्षकों की भर्ती न करने से अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त है। छात्र आज दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना देंगे।
नगर में रेलवे रोड पर रविवार की शाम टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक हुई। अभ्यर्थियों ने कहा कि टीईटी की परीक्षा पास करने पर भी सरकार ने उनकी नियुक्ति नहीं की है। उनके भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ किया जा रहा है। बैठक में संजय गुप्ता, सौरभ, अमितेश धामा, लोकेंद्र धामा आदि मौजूद थे


News Source : Amar Ujala (11.6.12)
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Sunday, June 10, 2012

UPTET : केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे टीईटी अभ्यर्थी

UPTET : केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे टीईटी अभ्यर्थी

देवरिया: टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल परिसर में आयोजित की गई। इसमें मोर्चा पदाधिकारियों ने आगे की रणनीति तय की। अभ्यर्थियों ने केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले एक दिवसीय धरने को सफल बनाने का संकल्प लिया



















बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि वाराणसी से मनोज कुमार मयंक द्वारा 20 मई को शुरू की गई पदयात्रा 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचेगी। जहां टीईटी अभ्यर्थियों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। धरने के दौरान अभ्यर्थी केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को ज्ञापन सौंपेंगे। श्री सिंह ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती यह संघर्ष जारी रहेगा

मोर्चा के रघुवंश शुक्ला ने कहा कि सरकार चारों तरफ से घिर चुकी है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार की नीयत साफ नहीं है, लेकिन किसी भी हाल में हम अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना चुप बैठने वाले नहीं हैं। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने कहा कि हम सरकार के सामने घुटने टेकने वाले नहीं हैं। राजीव दीक्षित ने कहा कि लखनऊ में जो कुछ हुआ वह ऐतिहासिक था। अभ्यर्थियों के इस प्रदर्शन से सरकार पूरी तरह भयभीत हो चुकी है। उम्मीद है जल्द ही इसका सार्थक परिणाम दिखेगा। संचालन संदीप कुशवाहा ने किया

इस अवसर पर प्रमुख रूप से राकेश मणि त्रिपाठी, पुण्डीकाक्ष शर्मा, पद्माकर, संतोष, हरेंद्रपुरी, विश्वकर्मा, चंद्रभूषण सिंह, अरविंद मिश्र, मनोज कुमार, रतेंद्र सिंह, शालिनी चौहारी, शैलेष मुन्ना विश्वकर्मा, श्याम रंजन, शैलेष कुमार पांडेय, मुन्ना विश्वकर्मा, हरेंद्र, रति शर्मा, अनिल कुमार, संतोष चौबे, रघुवंश मणि दूबे, विकास पाण्डेय, मनोज कुमार सिंह, यशवंत कुमार, संतोष कुमार आदि मौजूद थे

News Source : Jagran.com (10.6.12)
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UPTET : हक पाने को संघर्ष करें


UPTET : हक पाने को संघर्ष करें

रामपुर । टीईटी संघर्ष मोर्चा ने बैठक कर कहा है कि हक पाने के लिए कड़ा संघर्ष किया जाएगा।

















टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक शनिवार को अंबेडकर पार्क में हुई, जिसमें नियुक्ति को लेकर विचार किया गया। प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रताप ने कहा कि टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी की जा रही है। उन्हें नौकरी देकर रोजगार से जोड़ा जाए। इसके लिए वे मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों लखनऊ भी गए थे, लेकिन उन पर लाठीचार्ज किया गया, जिसकी निंदा की जाती है। अब संघर्ष मोर्चा ने 12 जून को दिल्ली जंतर-मंतर पर आंदोलन का निर्णय लिया है। इसमें अधिक से अधिक अभ्यर्थी शामिल हों और हक पाने के लिए कड़ा संघर्ष करें

इस मौके पर मोहम्मद सलीम, राजपाल सिंह यादव, मुनेश कुमार, गुरपाल सिंह, संतोष राज, प्रदीप भटनागर, रिजवान खान, विजय कुमार, विनय कुमार, कुलदीप सिंह, प्रियंक त्यागी, पंकज सिंह, हरजीत सिंह आदि शामिल रहे।

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आज आगामी रणनीति को जुटेंगे अभ्यर्थी


बड़ौत,बागपत। टीईटी की बहाली को लेकर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा लगातार प्रयास जारी हैं। अपनी इसी कवायद के तहत रविवार को सभी अभ्यर्थी नगर के रेलवे स्टेशन पर एक जुट होगें और आगामी रणनीति की रूपरेखा तैयार करेंगे

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक की भर्ती का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। टीईटी संघर्ष मोर्चो के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि लखनऊ में अभ्यर्थियों पर हुए पुलिस लाठी-चार्ज के बाद इस आदोलन को जबरदस्त समर्थन मिलना शुरू हो गया है। इधर वारणसी से दो अथ्यर्थी पैदल यात्रा करते हुए आगामी 12 जून को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच रहे हैं। यहां एक दिन का धरना प्रस्तावित है। इस धरना में प्रदेश भर से अभ्यर्थी भाग लेने नई दिल्ली पहुंचेगे। इसी कड़ी में अभ्यर्थियों को एकजुट करने के लिए रविवार को रेलवे स्टेशन में बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इसमें लखनऊ धरने के बाद लिए गए निर्णय आदि की जानकारी दी जाएगी। बैठक सवेरे नौ बजे आहूत की जाएगी। सभी से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की गई है


News Source : Jagran.com (9.6.12)
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INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI ( Drafted by Shyam Dev Mishra )

INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI ( Drafted by Shyam Dev Mishra )

---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>
दिनांक: 10 जून 2012 9:38 am
विषय: INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI
प्रति: rashid azad <rashid.khurshid@gmail.com>, Sarkari Damad <sarkaridamad007@gmail.com>, Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>, dev02019654@gmail.com, rajesh rao <rajeshrow86@gmail.com>, nnitinmehta1982@rediffmail.com, Naved Ahmed <navedahmeds@gmail.com>, dharmchand1980@gmail.com


दिनांक:
सेवा में,
महोदय,
विषय: उत्तर प्रदेश में टी..टी.-उत्तीर्ण 72825 प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब पर राज्य-सरकार की निष्क्रियता के विरोध में दिनांक 12.06.2012 को जन्तर-मंतर, नई दिल्ली में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित एक-दिवसीय धरना-प्रदर्शन की सूचना एवं कवरेज हेतु आमंत्रण.




















जैसा कि आपको ज्ञात होगा, उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा (यू.पी.टी.ई.टी.) 2011 के माध्यम से दिसंबर 2011 में प्रारंभ हुई 72825 प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब से प्रदेश में शिक्षा का अधिकार के हनन एवं लाखों शिक्षित और योग्य बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य पर छाई अनिश्चितता पर राज्य-सरकार के अस्पष्ट रवैये के विरोध में प्रदेश के लगभग 272000 टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी मार्च 2012 से लगातार आन्दोलनरत हैं.


ज्ञात हो कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राज्य सरकार ने नियमों में आवश्यक संशोधन करके अध्यापकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के दिशा-निर्देशों के अनुसार 13 नवम्बर 2011 को अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया. मालूम हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् ने अध्यापन की गुणवत्ता को बनाये रखने के उद्देश्य से यह निश्चित किया कि अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को उसके द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सम्बंधित राज्य-सरकार द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली  "अध्यापक पात्रता परीक्षा" उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा. साथ ही चयन में भी इसके अंको को महत्त्व देने की सिफारिश की. इस नई व्यवस्था को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी महत्त्व देते हुए इसे अनिवार्य कर दिया.


परीक्षा के परिणाम में कई बार संशोधन हुए और कई असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने अपने पास मौजूद उत्तर-पुस्तिका की कार्बन-कापी के आधार पर उच्च  न्यायालय में भी अपील की और अंततः न्यायालय के निर्देश के अनुसार अंतिम रूप संशोधित परिणाम जारी किया गया. तदुपरांत भर्ती-प्रक्रिया की शुरुआत हुई और हर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अलग-अलग विज्ञापन निकालने की समयसाध्य और खर्चीली पुरानी परिपाटी के स्थान पर राज्य-सरकार द्वारा अधिकृत की गई माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से 2 दिसंबर 2011 को एक संयुक्त विज्ञप्ति प्रकाशित कर टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए थे. इस बीच माध्यमिक शिक्षा परिषद् के निदेशक संजय मोहन द्वारा कुछ अभ्यर्थियों से अध्यापक पात्रता परीक्षा में अंक बढवाने के नाम पर रुपये लेने का मामला सामने आया जिसमे हुई जाँच में ये मामला महज ठगी तक सीमित रहा और परिणामों में धांधली के आरोप साबित नहीं हुए हैं. वैसे भी हर अभ्यर्थी के पास मौजूद उत्तर-पुस्तिका की प्रति के आधार पर परिणाम की सत्यता की जाँच का विकल्प सबके लिए खुला है.


इसके बाद तमाम अभ्यर्थियों ने, जिनके लिए टी.ई.टी. में अंक कम होने से चयन के आसार कम थे, टी.ई.टी. के आधार पर चयन की प्रक्रिया को उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में चुनौती दी पर ऐसे सभी मामलों में न्यायालय ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए इसे न्याय-संगत और नियम-संगत ठहराया. परन्तु वाराणसी के एक अभ्यर्थी कपिल देव यादव ने एक याचिका दायर कर भर्ती का विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारियों के स्थान पर उनकी ओर से माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा जारी किये जाने को तकनीकी आधार पर चुनौती दी जिसपर न्यायालय ने 4 जानवरी 2012 को भर्ती-प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब माँगा. तब से इस मसले में सुनवाई कम तारीखें ज्यादा मिली हैं और कोर्ट के बाहर भी राज्य-सरकार ने अबतक इस मसले पर अपना रुख जाहिर नहीं किया है साथ ही सरकारी पक्ष ने जिस प्रकार का लापरवाही भरा रवैया कोर्ट के अन्दर दिखाया है वह भी इस मामले के निस्तारण में इतने विलम्ब का प्रमुख कारण रहा है. और तो और, कई तारीखों पर तो यह भी साबित हुआ कि सरकारी वकील को महज विज्ञप्ति में दिए गए निर्देशों-तथ्यों तक की जानकारी न थी.


यहाँ यह बताना महत्वपूर्ण होगा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के नियमों के अनुसार कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापन के लिए बी.एड. डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति की समय-सीमा 1 जनवरी 2012 रखी गई थी. ऐसे में राज्य-सरकार की लापरवाही और उसके द्वारा किये गए विलम्ब का खामियाजा निर्दोष अभ्यर्थियों को न भुगतना पड़े और प्रक्रिया शुरू होने के पहले निर्धारित हो चुके नियमों के अनुसार भर्ती हो, इस मांग को लेकर आक्रोशित अभ्यर्थियों ने प्रदेश-भर में जिला-स्तर पर तो प्रदर्शन किये ही, समय समय पर राज्य-सरकार तक अपनी आवाज़ पहुचने के लिए लखनऊ तक पहुंचे. इस क्रम में अभ्यर्थियों द्वारा लखनऊ में 20 मार्च को एक-दिवसीय धरने का आयोजन किया गया था, जिसमे शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया. इसके उपरान्त पुनः लखनऊ में 30 मार्च से 2 अप्रैल तक अनशन किया गया जिसपर स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन देकर समाप्त करवाया. . गौरतलब है कि इस अनशन के दौरान कई अभ्यर्थियों की स्थिति इस कदर बिगड़ गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री से शीघ्र कार्यवाही के आश्वासन के सिवा कुछ न मिल सका. अभ्यर्थियों द्वारा पुनः 20 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन किया गया जिसे प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता कराकर हल निकालने के आश्वासन के साथ समाप्त करवाया. माननीय मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में इस समस्या को सुना तो पर नतीजा फिर सिफर ही रहा. पुनः 29 से 31 मई को लखनऊ में आक्रोशित अभ्यर्थियों ने विधान सभा का लगातार घेराव किया जिसमे पुलिस ने बर्बरता पूर्वक महिलाओं तक पे लाठियां चलाई, सैकड़ो गिरफ्तारियां की गई, हज़ारों लोगो को अलग-अलग स्थानों पे निरुद्ध किया गया और इस जनाक्रोश का हल निकालने के बजाय इसे कुचलने का हर संभव उपाय किया. इस सारे घटनाक्रम को मीडिया ने लगातार महत्त्व दिया.


अभ्यर्थियों को शांत करने के उद्देश्य से कभी निर्णय लेने के लिए राज्य-सरकार ने दस दिन का समय माँगा तो कभी मुख्य-सचिव की अध्यक्षता में जाँच-समिति बनाकर 3 हफ्ते में रिपोर्ट आने और तदनुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया पर आज ये सारी समय-सीमायें समाप्त हो गई है और मसला वहीँ का वहीँ है.


इन स्थितियों से व्यथित हो कई अभ्यर्थियों का मानसिक अवसाद के कारण निधन तक हो चुका है. प्रदेश-भर में सभी अभ्यर्थी अपने पाने स्तर से सरकार से इस मसले के निराकरण का आग्रह कर रहे हैं. सही मनोज कुमार "मयंक" और उनके साथियों ने इस समस्या की ओर न सिर्फ प्रदेश, बल्कि केंद्र सरकार तक को आकृष्ट करने के लिए इस भीषण गर्मी में वाराणसी से दिल्ली तक की पदयात्रा शुरू की जिसके इस अतुल्य प्रयास की सराहना व्यापक स्तर पे हुई है और उन्हें इस प्रदर्शन के दौरान सम्मानित भी किया जाना प्रस्तावित है.


शिक्षा का अधिकार को न सिर्फ यू. पी.ए. सरकार और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए एक महत्वपूर्ण विषय रहा है बल्कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे बच्चों का संवैधानिक अधिकार करार दिया है. केंद्र सरकार इस सम्बन्ध में होने वालों खर्चों में 65% अंशदान देती है और समय-समय पर दिशा-निर्देश देने को अधिकृत होती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के उद्देश्यों की प्राप्ति में आने वाली बाधाओं की ओर, इस समूचे प्रकरण पर राज्य-सरकार की चुप्पी और अस्पष्ट रुख की ओर केंद्र सरकार और माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल जी का ध्यान आकर्षित करते हुए निवेदन है कि,
1. प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती-प्रक्रिया को लेकर अपने रुख को न सिर्फ स्पष्ट करे बल्कि न्यायालय में लंबित मामले के शीघ्र निपटारे के लिए ठोस कार्यवाही करे.
2. भर्ती-प्रक्रिया को पुनः किसी कानूनी बाधा से सुरक्षित रखने के लिए न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का परिवर्तन नियम व् शर्तों में में न करे और पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चयन व् नियुक्ति की जाये.
3. प्रदेश में अध्यापकों की आवश्यकता के मुकाबले एन.सी.टी.ई. द्वारा निर्धारित योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भारी कमी को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापकों के लिए बी.एड. डिग्रीधारकों को दी गई समय सीमा (१ जनवरी 2012) को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत बढाया जाये.
4. समाचारपत्रों में छपी खबरों के अनुसार प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा विधान सभा में में बिना आवश्यक अर्हता (टी.ई.टी.) रखने वाले शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने की सरकार की योजना का जिस प्रकास विधान सभा में दिए जवाब से हुआ, उस से स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले की को पर्याप्त गंभीरता से नहीं ला रही है या फिर जानबूझकर गुमराह कर रही है. इस लिए व्यापक जनहित में आवश्यक है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात के लक्ष्य को प्राप्त करने की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए राज्य-सरकार को इस दिशा में बनाई गई कार्य-योजना स्पष्ट करने का निर्देश दिया जाये तथा वैधानिकता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश केंद्र-सरकार द्वारा जारी किये जाएँ.
टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की इस मुहिम को उत्तर प्रदेश में मीडिया का जबरदस्त समर्थन मिला है. मीडिया द्वारा इस मामले को दिए गए महत्त्व का नतीजा था कि उत्तर प्रदेश सरकार को विधान-सभा और विधान-परिषद् में सदस्यों के तीखे सवालों का सामना कररना पड़ा और सदस्यों ने टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की स्थिति और उस पर सरकार के रुख पर रोष जताते हुए जरुरु कदम उठाने को कहा. आशा है कि राजधानी में अपनी आवाज़ उठाने के लाखो टी.ई.टी. अभ्यर्थियों के इस प्रयास को स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया का भरपूर सहयोग मिलेगा और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पे सम्बंधित पक्षों के साथ-साथ जनता का भी ध्यान आकृष्ट करने के हमारे इस प्रयास में आप हमारा यथासंभव सहयोग करेंगे और इस आन्दोलन को प्रमुखता से प्रकाशित-प्रसारित करेंगे.


धन्यवाद,
निवेदक
समस्त यू.पी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी


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UPTET : यूपीः रेग्यूरल शिक्षा मित्रों को भी ट्रेनिंग


UPTET : यूपीः रेग्यूरल शिक्षा मित्रों को भी ट्रेनिंग


शिक्षा मित्र रहते हुए रेग्यूलर स्नातक करने वालों को भी ट्रेनिंग देने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश पर उच्चाधिकारियों की बैठक हो चुकी है। इस संबंध में शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र शुरू किया जाएगा, ताकि वर्ष 2014 तक सभी शिक्षा मित्रों को ट्रेंड कर शिक्षक बनाया जा सके। इंटर पास शिक्षा मित्रों के बारे में भी शीघ्र निर्णय कर लिया जाएगा, ताकि उनको भी ट्रेनिंग दी जा सके

शिक्षा का अधिकार अधिनियम में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि कोई भी शिक्षक अनट्रेंड नहीं रहेगा। शिक्षा मित्र अनट्रेंड शिक्षकों की श्रेणी में आते हैं। इसलिए माया सरकार ने स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीईई) ट्रेनिंग देने का निर्णय किया था। स्नातक उत्तीर्ण शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देने के लिए आवेदन मांगे गए, तो इसमें रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को इससे अलग कर दिया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है कि शिक्षा मित्र रहते हुए कोई रेग्यूलर स्नातक नहीं कर सकता है। रेग्यूलर स्नातक को अवैध करार दे दिया गया। इसको लेकर शिक्षा मित्रों ने उच्चाधिकारियों से कई बार संपर्क किया, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं किया जा सका

सपा ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने में शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाएगा। सरकार बनने के बाद घोषणा पर अमल करने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को भी ट्रेनिंग देने पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा गया। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद उच्चाधिकारियों की हुई बैठक में रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग पर सहमति बनी है। यदि जरूरी हुआ, तो सरकार इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर न्याय विभाग से दिशा-निर्देश भी प्राप्त करेगी, ताकि आगे चलकर किसी तरह की समस्या न खड़ी हो। मौजूदा समय करीब 62 हजार शिक्षा मित्रों को ब्लाक संसाधन केंद्र और न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर ट्रेनिंग दी जा रही है


News Source : Amar Ujala ( 10.6.12)
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HPTET : 2950 शिक्षकों की भर्ती करेगी हिमाचल सरकार


Himachal Pradesh Teacher Eligibility Test (TET ) News : 

शिमला. प्रदेश में 2950 शिक्षकों की जल्द भर्ती की जाएगी। खाली पड़े इन पदों को भरने की प्रक्रिया शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम आने के बाद शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर को टीईटी परीक्षा का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग की है।


अब तक बोर्ड की तरफ से शास्त्री विषय का परिणाम ही घोषित किया गया है। शिक्षकों के कुछ पद पिछले काफी समय से खाली चल रहे थे, जबकि कुछ पद स्कूलों के अपग्रेड होने के बाद सृजित हुए हैं। शिक्षकों की भर्ती होने के बाद कई स्कूलों में चल रही कमी दूर हो जाएगी।


प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा के अनुसार सरकार ने 2950 शिक्षकों के पदों को भरने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह भर्ती प्रक्रिया टीईटी परीक्षा परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद शुरू होगी। शास्त्री का परिणाम घोषित हो चुका है और इन पदों को पहले चरण में भरा जाएगा।



अपग्रेड मिडिल स्कूलों को मिलेंगे 500 पद
किस श्रेणी के कितने पद
श्रेणी पद
शास्त्री 470
भाषा अध्यापक 500
टीजीटी ऑर्ट्स 780
टीजीटी मेडिकल 324
टीजीटी नॉन मेडिकल 876
कुल 2950

सरकार ने हाल ही में राज्य के 100 प्राइमरी स्कूलों को अपग्रेड कर मिडिल का दर्जा दिया है। तीन चरणों में इन स्कूलों को अपग्रेड किया है। इसमें दो बार क्रमश: 45-45 स्कूल और इसके बाद करीब दस स्कूलों को अपग्रेड किया गया। इस तरह एक मिडिल स्कूल में टीजीटी नॉन मेडिकल, टीजीटी ऑर्टस, डीपीई, भाषा अध्यापक और शास्त्री के पद भरे जाने हैं।


जल्द घोषित होगा टीईटी परीक्षा परिणाम (HPTET / TET  Result will be declared shortly )
हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर ने अब तक शास्त्री पद के लिए ली गई टीईटी परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है। इसके बाद भाषा अध्यापक और टीजीटी के पदों के लिए ली गई परीक्षा का परिणाम आना है। शास्त्री टीईटी का परीक्षा परिणाम आने के बाद इस श्रेणी के 470 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।


नई भर्ती में टीईटी पास करना अनिवार्य
सरकार ने भर्ती प्रक्रिया के लिए टीईटी की शर्त को अनिवार्य कर दिया है। इसमें न्यूनतम 60 अंक आने अनिवार्य हैं। आरक्षित वर्ग के लिए इसमें छूट है। टीईटी परीक्षा के बाद नई भर्ती पर नए आरएंडपी नियम लागू होंगे। इस तरह टीईटी परीक्षा और नए नियमों के अनुसार, वरीयता सूची को तैयार कर स्कूलों में खाली पदों को भरा जाएगा।


आयुर्वेद विभाग में भर्ती होंगे 154 डॉक्टर
आयुर्वेद विभाग में 154 डॉक्टरों के पद भरे जाएंगे। 12 जून से शुरू हो रही भर्ती प्रक्रिया में 50 फीसदी पदों को बैच वाइज भरा जाएगा, जिसके तहत 77 डॉक्टरों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। डायरेक्ट भरे जाने वाले 78 पदों के लिए परीक्षा ली जाएगी।


प्रदेश में 2950 शिक्षकों की जल्द भर्ती की जाएगी। खाली पड़े इन पदों को भरने की प्रक्रिया शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम आने के बाद शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर को टीईटी परीक्षा का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग की है।

अब तक बोर्ड की तरफ से शास्त्री विषय का परिणाम ही घोषित किया गया है। शिक्षकों के कुछ पद पिछले काफी समय से खाली चल रहे थे, जबकि कुछ पद स्कूलों के अपग्रेड होने के बाद सृजित हुए हैं। शिक्षकों की भर्ती होने के बाद कई स्कूलों में चल रही कमी दूर हो जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा के अनुसार सरकार ने 2950 शिक्षकों के पदों को भरने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह भर्ती प्रक्रिया टीईटी परीक्षा परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद शुरू होगी। शास्त्री का परिणाम घोषित हो चुका है और इन पदों को पहले चरण में भरा जाएगा।


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News Source : Bhaskar.com ( 9.6.12)
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Counselling Scheduled / To Be Started

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Results Announced This Week

Results Announced This Week


Results Announced

CBSE Exam Results
All India Engineering Entrance Exam (AIEEE)-2012
Announced on June 9, 2012 at 22:45Hrs
Jharkhand Academic Council
JAC Madarsa results 2012
Announced on June 9, 2012 at 12:00Hrs
Tripura Board Examination Results
Madhyamik Pariksha (10th Standard Examination)- Year 2012
Announced on June 9, 2012 at 09:30Hrs
Uttar Pradesh Examination Results
UP High School (Class X) Examination Results 2012
Announced on June 8, 2012 at 12:30Hrs
Tripura Board Examination Results
Tripura Joint Entrance Examination - Year 2012
Announced on June 7, 2012 at 16:00Hrs
Tripura Board Examination Results
Higher Secondary Examination (H.S. +2 Stage) - Year 2012
Announced on June 7, 2012 at 09:30Hrs






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UPTET : दिल्ली में धरने को सफल बनाने पर चर्चा


UPTET : दिल्ली में धरने को सफल बनाने पर चर्चा


•टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक

आजमगढ़ (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को कुंवर सिंह उद्यान में उमेश की अध्यक्षता में हुई। इसमें दिल्ली में जंतर-मंतर पर 12 जून को आयोजित धरने को सफल बनाने सहित अन्य मुद्दाें पर चर्चा की गई। अरविंद वर्मा और सूबेदार यादव ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर 12 को टीईटी संघर्ष मोर्चा द्वारा धरने का आयोजन किया गया है। अजय यादव ने कहा कि 15 जून को मंडलस्तरीय कार्यक्रम करके टीईटी मेरिट पर नियुक्ति करने के लिए मजबूर किया जाएगा। इसी क्रम में राकेश, पंकज, तेजबहादुर, राणा प्रताप सिंह ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता आजाद यादव ने किया। इस मौके पर गजानंद, विरेंद्र कुमार राजभर, बृजराज यादव, अरविंद यादव, सुरेश सरोज, शिवचंद, सूर्यभान, परमहंस, यादव, रामाश्रय आदि उपस्थित थे।


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मंत्री के बयान की निंदा
•टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने उठाई आवाज

बलिया। बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से छह जून को पड़रौना में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के संबंध में दिए गए बयान पर उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक वैदिक बाल विद्या मंदिर में संपन्न हुई। जिसमें वक्ताओं ने सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए शिक्षा मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, गैर जिम्मेदाराना एवं मानसिक दिवालियापन का परिचायक बताया।
वक्ताओं ने कहा कि एक महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी ओर से दिया गया यह बयान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कन्नौज के चुनावी जनसभा में दिए गए बयान के ठीक विपरीत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुखिया के बयान का खंडन उनके अधिनस्थ मंत्री कर दें। उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा द्वारा 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में जिले के अधिक से अधिक टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भाग लेंगे। बैठक में प्रमुख रूप से दिग्विजय पाठक, पीयूष चौबे, सुरेंद्र कुमार सिंह, अतुल सिंह, मंजीत सिंह आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता संजय पांडेय तथा संचालन नागेंद्र ने किया



News Source : Amar Ujala (10.6.12)
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MPTET : कई निकायों में आवेदन कर सकेंगे उम्मीदवार


MPTET : कई निकायों में आवेदन कर सकेंगे उम्मीदवार
MP Teacher Eligibility Test News :
MP Samvida Shikshak Varg Recruitment By Vyapam for Teacher Eligibility Test Pass Candidates (Online Application Form will be Invited, result for  for Varg 1, Varg 3 already declared:
भोपाल. संविदा शिक्षक वर्ग के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा पास करने और सारी शैक्षणिक योग्यताएं रखने वाले उम्मीदवारों को जल्द ही ज्वाइनिंग मिल सकती है। स्कूल शिक्षा विभाग एक माह में संविदा शिक्षकों के विभिन्न वर्ग के खाली पदों को भरने जा रहा है। उम्मीदवार एक साथ कई निकायों में आवेदन कर सकेंगे।

प्रदेशभर के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत छात्रों की संख्या के मान से शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इसके लिए व्यापमं विभिन्न वर्ग की पात्रता परीक्षा आयोजित 
कर चुका है। साथ ही वर्ग-1, वर्ग-3 के रिजल्ट भी घोषित कर चुका है। पात्रता परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवारों से अगले माह से ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाएंगे

फीस 85 रुपए :
इस प्रक्रिया में एक क्लिक पर कोई भी आवेदक कई निकाय में आवेदन कर सकेगा। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से की जाने वाली इस आवेदन प्रक्रिया के लिए आवेदक 85 रुपए बतौर शुल्क चुकाने होंगे। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक को एक कोड यानी रजिस्ट्रेशन नंबर दे दिया जाएगा। जिला स्तर पर आवेदकों की मेरिट सूची तैयार कर निकाय आवंटित कर दिया जाएगा।

डीएड वालों को प्राथमिकता : स्कूल शिक्षा विभाग के प्रभारी प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल के अनुसार वर्ग-3 के लिए डीएड उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

रिजल्ट नहीं आने से परेशानी
अभी व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने वर्ग-2 की पात्रता परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं किया है। इस कारण इस वर्ग के पदों की भर्ती सबसे बाद में होने की संभावना है।

संविदा शिक्षकों के वर्गवार खाली पद
: वर्ग-3 के खाली पदों की संख्या - 60 हजार
: वर्ग-2 के खाली पद- 10 हजार ( शेष 10 हजार प्रमोशन से भरे जाएंगे ) 
: वर्ग-1 के लिए खाली पदों की संख्या- 5200 (शेष दो-ढाई हजार पद प्रमोशन के से भरने के लिए)
( पदों की संख्या वरिष्ठ अधिकारियों 
के अनुसार। )

॥ नए पदों पर भर्ती किए जाने वाले संविदा शिक्षक इसी शिक्षण ड्डत्र से स्कूलों में पढ़ाएंगे। भर्ती प्रक्रिया में ज्यादा देरी नहीं होगी।
अर्चना चिटनीस, स्कूल शिक्षा मंत्री

News Source : Bhaskar.com ( 10.6.12)
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HTET : शिक्षक भर्ती बोर्ड के नियम बने आवेदकों के लिए सिरदर्द



HTET : शिक्षक भर्ती बोर्ड के नियम बने आवेदकों के लिए सिरदर्द

झज्जर, 9 जून (निस)। लंबे अरसे के बाद पीजीटी के विभिन्न विषयों के लिए 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के नियम आवेदकों के गले नहंी उतर रहे। नए नियम बनाते हुए न तो पुराने शिक्षित आवेदकों का ध्यान रखा गया और न ही नयों के लिए एक जैसे नियम हैं। बीएड की अनिवार्यता को लेकर दोहरा मानदंड है तो बीए तक दो कक्षाओं के लिए अच्छा अकादमिक  रिर्काड कालेज स्तर से स्कूल स्तर पर लाया गया है। जिससे पुराने शिक्षित लोग आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। अनुभव का प्रमाण पत्र बनवाना भी जटिल किया गया है।

दो दिन पूर्व विभिन्न समााचार पत्रों में पीजीटी के 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड ने रिक्तियां घोषित की हैं। इनके घोषित होने के साथ ही नियमों की चर्चा तेज हो गई है। बोर्ड द्वारा बनाए गए नए नियम आवेदकों के गले नहीं उतर रहे। खास बात यह है कि आवेदकों को फार्म भी ऑन लाइन भरना है और किसी भी योग्यता को यदि आवेदक पूरा नहीं करता तो उसका फार्म सॉफ्टवेयर स्वीकार नहीं करेगा, ऐसे में अनेक आवेदक आवेदन कर ही नहीं पाएंगे।

 अमर सिंह, राकेश कुमार, प्रदीप, अशोक सहित अनेक आवेदकों का कहना है कि बोर्ड ने बीएड की अनिवार्यता में दोहरा मानदंड अपनाया है। यदि आवेदक एचटेट पास है तो उसे बीएड की छूट है और यदि वह चार वर्ष के अनुभव के आधार पर आवेदन कर रहा है तो उसे बीएड की छूट नहीं है। ऐसे में दोहरा मानदंड गले नहीं उतरता। इनका कहना है कि हरियाणा में अब से पहले प्राध्यापक के लिए बीएड अनिवार्य नहीं थी, इसलिए ज्यादातर लोग सीधे स्नातकोत्तर में प्रवेश लेते थे। यदि बीएड लागू की जानी है तो उसके लिए बोर्ड को बाकायदा भविष्य के लिए डेट घोषित करके ही लागू किया जाना चाहिए। इस नई नीति से अनेक पात्रता पास अभ्यर्थी भी अयोग्य हो जाएंगे, चूंकि बोर्ड ने अच्छे अकादमिक रिर्काड के तहत स्नातक तक दो कक्षाओं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य किए हैं, जबकि एचटेट लेते समय इस तरह की कोई शर्त नहीं रखी गई थी। ऐसे में उनकी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद वे दो कक्षाओं में कम नंबर होने पर आवेदन नहीं कर पाएंगे। अमर सिंह का कहना है कि 90 के दशक तक तो बोर्ड की परीक्षाओं में 40 से 50 प्रतिशत नंबर महत्वपूर्ण होते थे। ऐसे में वे लोग वंचित रह जाएंगे जो 40 वर्ष के करीब के हैं और उनके नंबर कम हैं। अमर सिंह का यह भी कहना है कि नंबरों में एससी वर्ग के लिए पांच प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी नहीं किया गया है। इसलिए इन वर्गों के लोग भी इसका लाभ उठा नहीं पाएंगे।
आरक्षण की नीति को लेकर भी आवेदक सवाल उठा रहे हैं। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मांग की  हैै कि बोर्ड के नियमों को दोबारा से इस तरीके से बनाया जाए जिससे अधिक से अधिक लोग आवेदन कर सकें वरना ज्यादातर लोग तो फार्म भरे बिना ही प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे।


News Source : Denik Tribune (9.6.12)
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HTET : पीजीटी के लिये गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त वापस लेने की मांग


HTET : पीजीटी के लिये गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त वापस लेने की मांग

उकलाना मंडी, 9 जून (एस)। भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रदेश सचिव सुरेंद्र सेलवाल ने हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा पीजीटी के लिये विज्ञापित 14216 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को कड़ा एतराज जताया है और इसमें लगायी गयी गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति के पदों को सुनियोजित ढंग से रिक्त रखे जाने के लिये ही बोर्ड ने यह अड़ंगा लगाया है। सुरेंद्र सेलवाल ने कहा कि विज्ञापन मेें जारी हिदायतों  में गुड एकेडमिक रिकार्ड को योग्यता में शमिल किया है जिसके तहत उम्मीदवार को दसवीं व बारहवीं ,स्नातक में से किन्ही दो में से पचास प्रतिशत अंक तथा में एक पैंतालीस प्रतिशत अंक हासिल हो की शर्ता रखी गई है जबकि पात्रता परीक्षा के लिए इस प्रकार की कोई शर्त नहीं थी। इस प्रकार अनेको उम्मीदवार जो उपरोक्त शर्तों क ो पूरा नहीं करते और पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके है , अयोग्य ठहराकर उनको नियुक्तियों से दूर रखने की योजना है।  सेलवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति के बच्चों को इससे बड़ा नुकसान होगा ,इस वर्ग का असली आरक्षण का हकदार वर्ग निर्धारित शर्तों के कारण स्वत: ही अयोग्य ठहरा दिया जाएगा और योग्य उम्मीदवार न मिलने का नोटिस जारी कर इस वर्ग के पदों को संवैधानिक हकों से वङ्क्षचत कह दिया जाएगा। सेलवाल ने इन गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त को हटाने की मांग की है।


News Source : Denik Tribune (9.6.12)
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HTET : पात्र अध्यापक अब बन गए अपात्र


HTET : पात्र अध्यापक अब बन गए अपात्र

हरियाणा स्कूल शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा निकाली गई शिक्षकों की भर्ती में निर्धारित मापदंडों से काफी संख्या में पात्र अध्यापक आवेदन करने से ही वंचित रह जाएंगे। जबकि पात्रता परीक्षा में बैठने पर इस तरह के कोई मापदंड निर्धारित नहीं किए गए थे और डिप्लोमा कर चुके लोगों ने पात्रता परीक्षा भी पास कर ली। पात्रता परीक्षा पास करने वाले पात्र अध्यापकों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर खुशी की लहर थी लेकिन शिक्षकों के हजारों पद का जैसे ही विज्ञापन जारी हुआ तो पात्र अध्यापकों के अरमानों पर पानी फिर गया। 


To See Advertisement for Teachers Selection By Haryana School Teacher Selection Board :
HARYANA SCHOOL TEACHERS SELECTION BOARDClick here to apply Online for Post Graduate Teachers(PGT)-H.E.S.-II (Group-B Services) (New) Click here to view the Advertisement (New)
Click here to view Special Instructions (New)


विज्ञापन के अनुसार पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी के लिए डिप्लोमा से पहले की दो परीक्षा 50 प्रतिशत व एक परीक्षा 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण का मापदंड दिया गया है।
 इस मापदंड पर खरे नहीं उतरने वालों ने भी बीएड और एमए करने के बाद पात्रता परीक्षा पास की है। इसी का उदाहरण बरनाला रोड निवासी मंजू रानी है। मंजू ने 1994 में 57 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं पास की थी और 1996 में बारहवीं कक्षा में 39 प्रतिशत अंक हैं। 55 प्रतिशत अंकों के साथ बीए उत्तीर्ण करने के बाद मंजू ने 51.70 प्रतिशत अंक लेकर हिंदी में एमए की। इसी के आधार पर मंजू ने एचटेट की परीक्षा भी 62 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। अब मंजू को 12वीं कक्षा में 45 प्रतिशत अंक न होने पर हिंदी शिक्षक के लिए आवेदन करने के लिए पात्र नहीं माना जा रहा है। मंजू का कहना है कि पात्रता परीक्षा के समय यह शर्त निर्धारित होनी चाहिए थी। क्योंकि पात्रता परीक्षा का मतलब ही यह है कि वह उम्मीदवार शिक्षक पद के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हो गया है। इन दोहरे मापदंडों के चलते तो पात्र ही अपात्र हो गए हैं। 


अब मैं 16 वर्ष पहले पास की गई बारहवीं की परीक्षा को दोबारा कैसे उत्तीर्ण करूं। ऐसा पता नहीं प्रदेश में कितने ही ओर पात्रता परीक्षा पास कर चुके पात्र अध्यापक होंगे जो शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने में अपात्र हैं। सोमवार को बनाएंगे रणनीति शिक्षक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों के लिए आवेदन करने में नए निर्धारित मापदंड से खफा पात्र अध्यापक सोमवार को बैठक करेंगे। 


पात्र अध्यापक संघ के जिला प्रधान नानक चंद ने बताया कि एक तरफ तो सरकार चार वर्ष का अनुभव रखने वाले अध्यापकों को पात्रता में छूट दे रही है वहीं दूसरी तरफ पात्रता पास शिक्षकों पर डिप्लोमा से पूर्व की परीक्षाओं में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता कर रही है। ऐसे में बहुत से शिक्षक आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। डिप्लोमा या डिग्री के बाद पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद एक और बाधा डाल दी गई है। परीक्षाओं में अंकों का लाभ तो साक्षात्कार में होता है। इन सब मुद्दों को लेकर संघ सोमवार को सुबह नौ बजे टाउन पार्क में बैठक करने जा रहा है
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IIT JEE : आईआईटी कानपुर की सिब्बल को चुनौती


एेकेडमिक सीनेट ने जेईई में बदलाव का फैसला रद्द किया, खुद कराएगा अपना एंट्रेंस
आईआईटी कानपुर की सिब्बल को चुनौती

IIT Kanpur Against New Model of Selection process Through Academic Marks. And for better transparency IITK wants to conduct admission test on its own NOT through CBSE Board


क्या है विरोध की वजह
सीनेट ने वर्ष 2013 से जेईई में बदलाव के उनके प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। देश में 44 स्टेट बोर्ड हैं। सबकी मूल्यांकन प्रक्रिया अलग है। इन सभी के अंकों का फार्मूला समान करना संभव नहीं। ऐसे में इंटरमीडिएट के अंकों को जेईई में चयन का आधार बनाना ठीक नहीं



कानपुर। ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) में बदलाव के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और आईआईटी काउंसिल के फैसले को आईआईटी, कानपुर की ऐकेडमिक सीनेट ने खारिज कर दिया है। सौ सदस्यों वाली सीनेट ने कहा है कि आईआईटी, कानपुर की सीटें जेईई से नहीं भरी जाएंगी। संस्थान अपनी अलग प्रवेश परीक्षा कराएगा। अन्य आईआईटी भी चाहें तो इसमें शामिल हो सकते हैं। परीक्षा में देशभर के विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। पूरा ब्योरा जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है, जो 2013 की प्रवेश परीक्षा की तैयारियों में जुट गई है। कमेटी का चेयरमैन डॉ. नीरज मिश्रा को बनाया गया है। प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने का अधिकार सीनेट को ही मिला है, जो हर साल कमेटी नामित करके परीक्षा कराएगी। सीनेट के फैसले की जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दे दी गई है।
आईआईटी, कानपुर के निदेशक और सीनेट के चेयरमैन प्रोफेसर संजय गोविंद धांडे की अगुवाई वाली ऐकेडमिक सीनेट ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को यह तगड़ा झटका दिया

•अन्य आईआईटी को भी शामिल होने का दिया प्रस्ताव
•देशभर के विद्यार्थी ले सकेंगे भाग, पूरा ब्योरा जल्द
2013 से आईआईटी, एनआईटी और एआईईईई की एक प्रवेश परीक्षा कराई जाए। मेरिट बनाते समय जेईई में मिले अंकों के साथ ही छात्र को 12वीं में मिले अंकों का 40 फीसदी वेटेज दिया जाए। यह परीक्षा सीबीएसई कराए

क्या है विरोध की वजह
सीनेट ने वर्ष 2013 से जेईई में बदलाव के उनके प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। देश में 44 स्टेट बोर्ड हैं। सबकी मूल्यांकन प्रक्रिया अलग है। इन सभी के अंकों का फार्मूला समान करना संभव नहीं। ऐसे में इंटरमीडिएट के अंकों को जेईई में चयन का आधार बनाना ठीक नहीं। सीबीएसई से परीक्षा कराने में पेपर आउट होने का भी खतरा है


प्रवेश परीक्षा को आईआईटी अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाने देगा। सीबीएसई से प्रवेश परीक्षा कराने की सोच गलत है। उसकी देखरेख में होने वाले एआईईईई के पेपर आउट हो चुके हैं। - सीनेट
सीनेट के निर्णय को नहीं दी जा सकती चुनौती
सीनेट के निर्णय को मंत्रालय या काउंसिल द्वारा चुनौती नहीं दी जा सकती है क्योंकि बदलाव के सभी अधिकार सीनेट के पास सुरक्षित हैं। सीनेट के अनुसार सिब्बल के प्रस्तावित बदलाव के हिसाब से 2012 की प्रवेश परीक्षा में शामिल लाखों छात्र-छात्राएं को आगामी 2013 की प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए दोबारा इंटरमीडिएट की परीक्षा देनी पड़ेगी, जो गलत है

News Source : Amar Ujala (9.6.12)
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Saturday, June 9, 2012

UP News : कन्नौज लोकसभा सीट से डिम्पल निर्विरोध निर्वाचित


UP News : कन्नौज लोकसभा सीट से डिम्पल निर्विरोध निर्वाचित 

कन्नौज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को कन्नौज लोकसभा सीट के उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है

जिला निर्वाचन अधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डिम्पल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल करने वाले संयुक्त समाजवादी दल के प्रत्याशी दशरथ शंखवार तथा निर्दलीय उम्मीदवार संजू कटियार द्वारा अपना नाम वापस ले लिए जाने के बाद शनिवार को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।


यह सीट डिंपल के पति मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई है। इस पर 24 जून को चुनाव होना था।


समाजवादी पार्टी ने बताया कि डिम्पल यादव 12 जून को कन्नौज जाकर अपना निर्वाचन प्रमाण पत्र लेगी।


कन्नौज संसदीय सीट से डिम्पल दूसरी महिला सांसद होंगी। इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इस संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुकी
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Shiksha Mitra are Warned NOT to PROTEST TET Exam and Appointment of TET Qualified candidates


ATET : Sarma warns against TET protests


Assam Teacher Eligibility Test News :
Guwahati, June 8: Dispur today issued a subtle warning to schoolteachers opposing the appointment of TET-qualified teachers by asking them to fall in line or see their institutions close down by January under the Right to Education (RTE) Act guidelines.

Education minister Himanta Biswa Sarma today said he saw no reason why siksha mitras in some areas should oppose the appointment of Teachers Eligibility Test-qualified teachers as the Supreme Court had ruled on May 8 that nobody could be appointed as teachers without qualifying TET after 2001.

Siksha mitras were appointed on contract basis by the Axom Sarba Siksha Abhijan to run centres under the education guarantee scheme and have been demanding regularisation of their services. There are now around 6,000 siksha mitras.

“Under the circumstances, regularising their services would be violating the court’s order and the RTE Act. If they can get a ruling in their favour, I will abide by it. But it is my humble submission that they allow the TET teachers to join or else we will have to issue a notification by January to close down schools violating RTE regulations. This opposition is inimical to the interests of students. We are going strictly by the RTE regulations,” Sarma said.

The minister was responding to protests in the rural and interior areas by teachers and local residents against TET-qualified teachers, a few of whom were injured in attacks in Karbi Anglong when they went to join duty. Nearly 1,500 of the 26,000 teachers who have been given appointment letters are yet to join duty because of the protests.


“I did not want to reveal this but a good many of those opposing the TET appointees are not even matriculates. But we are ready to hold a special TET for them since they are affected by the ongoing reforms. We are not for confrontation, we only want them to be reasonable,” Sarma said. He said preparations for holding TET for Madhyamik schools have started (see chart). Around 8,000 permanent and contractual teachers will be appointed to high and higher secondary schools. “The cabinet gave its approval yesterday. Though there are exemptions, those with MEd, BEd and BT degrees will get additional marks, as those with NCC certificates. Everything remaining equal, we could be the first state in the country to hold TET for Madhyamik,” he said.

The cabinet has also decided to extend the services of government teachers who bag national awards by two years and those who win state awards by one year. “The number of state awards will be restricted to 27 a year,” he added.


News Source : telegraphindia.com (8.6.12)
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Test for Head Master post: Teachers irked


KTET -Test for Head Master post: Teachers irked

Teacher Oppose Aptitude Test for Promotion to Head Masters (HM) in Kerala
Kerala Teacher Eligibility Test News :
Teacher’s associations have come out against the General Education Department proposal to conduct a mandatory aptitude test for promotion to the post of headmaster.

The State Council for Education Research and Training has been entrusted with preparing norms for the test.

The pro-CPM Kerala School Teachers Association general secretary, Mr M. Shajahan, told Deccan Chronicle that the move, backed by the office of education minister, Mr P.K. Abdu Rabb, was aimed at promoting Arabic, Urdu and Sanskrit teachers without B Ed degree as headmasters.

The earlier curriculum committee decision to declare a language diploma in these subjects as a B Ed-equivalent was part of this move,he alleged.

Of the nine teacher organisations, only three support the aptitude test. Organizations that support the move belong to Arabic and Urdu teachers and Muslim League, he said.

Promoting teachers without B Ed or Teacher's Training Certificate would benefit over 500 high school and 2,000 primary schoolteachers.

The office of the minister had earlier suggested promoting Arabic, Urdu and Sanskrit teachers without B Ed degree or TTC as headmasters arguing that the Right to Education (RTE) Act permitted promotion of any teacher, who passed the Teacher Eligibility Test (TET), to the post.

However, those opposed to the move point out that the RTE Act proposed TET as an eligibility test for appointment of teachers and not for promotion.

The pro-Congress Government School Teachers Union president, Mr J. Sasi, pointed out that Kerala Education Rules stipulated a degree and BEd for appointment as high school teachers and TTC for primary teachers.

Now most language teachers without BEd or TTC work as Arabic munshis in Malappuram district, according to sources.


News Source : deccanchronicle.com (9.6.12)
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ATET : TET schedule within a week, says Himanta


ATET : TET schedule within a week, says Himanta


Assam Teachers Eligibility Test (TET) News :

GUWAHATI, June 8 – The schedule for the Teachers' Eligibility Test (TET) to fill the post of teachers in High Schools and Higher Secondary Schools will be announced within a week.
This was stated by State Education Minister Himanta Biswa Sarma while talking to media persons today.

Sarma informed that the eligibility for the posts would be as per the norms laid by the National Council for Teacher Education (NCTE), which makes it mandatory to have B Ed and M Ed.

"However, there will be an exemption till January 1, 2015 before which candidates without B Ed and M Ed can also apply. In any case, TET degree will be mandatory," the Minister pointed out.

Sarma also informed that there will be no viva and special marking will be given to those presently working on contractual terms.

Meanwhile, the Government has also decided to extend services of award-winning teachers of the State.

"While the tenure of national award winning teachers will be extended by two years, the State award winning teachers will get an extension of one year," the Minister said.


News Source : assamtribune.com (9.6.12)

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HTET : Put answer key on website in future: Haryana SIC to school board


HTET : Put answer key on website in future: Haryana SIC to school board


The Haryana State Information Commission has directed the state's school board to make available on its website the "answer key" to questions for exams taken by it in future. 
Disposing of an RTI appeal of a Bahadurgarh resident seeking the answer key to questions of the Haryana 
Teacher Eligibility Test in which he appeared in November 2011, State Information Commissioner Urvashi Gulati said provision of the answer key would avoid unnecessary applications for information under the RTI Act.
"The aim of the Act is to bring transparency and accountability. It is, therefore, directed that the board should ensure availability of 'answer key' to questions on its website in future," Gulati said in her order.

The Haryana Board of School Education had denied information to petitioner Anil Kumar and had not provided the answer key to questions for the Teacher Eligibility exam on the plea that documents such as OMR sheet of answer book, answer key and question paper are intellectual property/trade secret of Board and fall within the ambit of Section 8 of the RTI Act, 2005.

The Commission held that Section 8(1)(d) exempts the State Public Information officer of the Haryana Board of School Education from furnishing information including intellectual property, the disclosure of which would harm the competitive position of a third party, unless the competent authority is satisfied that larger public interest warrants disclosure of such information.

The Commission held that the burden of establishing that the information sought was exempted from disclosure under Section 8 (1)(d) of the RTI Act shall lie with the SPIO and held that "to claim this exemption, the SPIO must establish that the information sought would harm the competitive position of a third party.

"The Board is under no obligation to disclose any such material to a third party unless it is satisfied that larger public interest warrants disclosure of information as it related to third party," the order states.


News Source : hindustantimes.com (9.6.12)
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Punjab Teacher : वीरू' बने शिक्षक चढ़ गए पानी की टंकी पर


वीरू' बने शिक्षक चढ़ गए पानी की टंकी पर 

भास्कर न्यूज  भदौड़ (बरनाला)

प्रदेशभर से अध्यापक वर्ग ने शुक्रवार को शिक्षामंत्री सिकंदर सिंह मलूका की कोठी का घेराव करने के प्रोग्राम बनाया हुआ था। पुलिस ने अध्यापकों को जगह-जगह रोक लिया लेकिन कुछ अध्यापक संगठन पुलिस को चकमा देकर आगे बढ़ गए। गांव नैणेवाल में एकत्रित होकर आ रहे एसएसए व रमसा अध्यापकों को पुलिस ने उन्हें वहीं पर ही रोक लिया। इससे तैश में आए अध्यापक गांव नैणेवाल की जलापूर्ति विभाग की टंकी पर चढ़ गए और अनिश्चितकाल के लिए टंकी पर ही रहने का ऐलान कर दिया। टंकी पर चढ़े अध्यापकों निर्भय सिंह, राकेश कुमार, लखबीर सिंह, बलविंदर सिंह, परमजीत सिंह, मेघराज सिंह, राहुल कुमार ने बताया कि उनका महीना भत्ता 32 हजार के करीब बनता है, पर सरकार उन्हें उसमें से 16500 दे रही थी। केंद्र सरकार के 32 हजार से 35 फीसदी पंजाब सरकार की ओर से दिया जाना था लेकिन कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। 

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UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू


UPSESSB / UPMSSCB : माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में भ्रष्टाचार की जांच शुरू


लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार और शिक्षकों के चयन में धांधली की जांच सरकार ने शुरू कर दी है। मामले की जांच प्रमुख सचिव गन्ना और चीनी उद्योग को सौंपी गई है। लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित शिक्षकों के इंटरव्यू पर भी रोक लगा दी गई है। बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में शिक्षक दल द्वारा कार्यस्थगन की सूचना देने पर सत्ता पक्ष के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन को यह जानकारी दी

शिक्षक दल के ओमप्रकाश शर्मा ने कार्यस्थगन की सूचना देते हुए बताया कि शासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए गठित माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। दस-दस लाख रुपये लेकर ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जा रहा है जिन्होंने न तो लिखित परीक्षा दी और न ही इंटरव्यू। बोर्ड के अध्यक्ष के रिश्तेदारों की भी फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इन फर्जी नियुक्तियों के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। अब तक 200 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। रिश्वत के पैसे की बंदरबांट को लेकर बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों में दफ्तर में मारपीट भी हो चुकी है। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों के काम पर सरकार रोक लगायेगी। सभापति गणेश शंकर पांडेय ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर सरकार को प्रभावी कार्यवाही का निर्देश दिया

निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल और चेत नारायण सिंह ने अनुदानित विद्यालयों में शिक्षकों की एकल स्थानांतरण व्यवस्था में आये गतिरोध की जानकारी देते हुए कार्यस्थगन की सूचना दी जिसे अस्वीकार करते हुए सभापति ने सूचना को आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को संदर्भित किया। बसपा सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन की दो और सूचनाएं दी गई। एक सूचना आगरा के बाह क्षेत्र में ग्राम प्रधान व बसपा कार्यकर्ता मुन्नालाल जाटव की हत्या से संबंधित थी। दूसरी घटना कांशीराम नगर के सोरों ब्लाक के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सत्यप्रकाश की हत्या के बारे में थी। दोनों सूचनाओं को अस्वीकार करते हुए सभापति ने दोनों प्रकरणों में सरकार को प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया


News Source : Jagran.com (9.6.12) 
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UTET : बेरोजगारों का अनशन शुरू, आचार संहिता के चलते स्थगित

Uttrakhand Teacher Eligibility Test News :
सितारगंज। टीईटी उत्तीर्ण बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के प्रशिक्षितों का भर्ती में पदों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को संगठन के कुमाऊं प्रभारी जोध सिंह मनोला और आदेश कुमार ने आमरण अनशन शुरू किया, लेकिन आचार संहिता लागू होने पर शाम छह बजे अनशन समाप्त कर दिया गया।
इससे पहले अनशन स्थल पर आयोजित सभा में प्रदेश महामंत्री आलोक गोयल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक (30:1) की व्यवस्था के अनुसार जिले में करीब 12 सौ पद रिक्त हैं जबकि भर्ती के लिए जिले में सिर्फ 60 पद दिए हैं

कहा कि अध्यापकों की पात्रता परीक्षा तो कराई गई लेकिन आरटीई के तहत 30 छात्रों पर एक शिक्षक की व्यवस्था लागू नहीं की गई। कहा कि जिले भर में 12 सौ पदों पर भर्ती की जाए। संचालन सत्येंद्र चौहान ने किया। इस दौरान योगेंद्र सिंह, मंगल सिंह राना, मनोज सिंह राना, छत्र सिंह राना, दीवानी धामी, चमन कुमार, विनय कुमार, त्रिलोक जोशी, भूदयाल सिंह, रश्मि बिष्ट, कुसुम आर्य, रमेश भट्ट, जगजीत सिंह, नवीन पोखरिया, गोपाल सिंह बिष्ट आदि थे। उधर, आचार संहिता लागू होने से शाम छह बजे आमरण अनशन स्थगित कर दिया गया। बेरोजगारों का कहना है कि सितागरंज से कांग्रेस को समर्थन दिया जाएगा
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PSTET : बैठक रही बेनतीजा, फिर जाम हुआ एनएच


PSTET : बैठक रही बेनतीजा, फिर जाम हुआ एनएच


Punjab State Teacher Eligibility Test News :
No solution arrives between TET Candidates and Education Minister Sikandar Singh Maluka.
TET Candidates jammed National Highway once again.
Some TET Candidates sitting on water tank from last 5 days.
रामपुराफूल (बठिंडा),
चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में बुधवार की शाम शिक्षामंत्री सिकंदर सिंह मलूका के साथ हुई बैठक बेनतीजा रहने पर टीईटी पास अध्यापकों ने रामपुराफूल नेशनल हाइवे पर वीरवार सुबह दस बजे धरना दिया। इससे तीन दिनों बाद खुला यह मुख्य मार्ग फिर से अवरुद्ध हो गया। उधर, रविवार से लहरा धूरकोट की वाटर व‌र्क्स टंकी पर चढ़े अध्यापक वीरवार को पांचवें दिन भी जमे रहे। हालांकि दो दिनों की वर्षा के बाद मौसम भी साथ दे रहा है

टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट पास अध्यापक यूनियन के चेयरमैन अमनदीप, महासचिव रघवीर, कोर कमेटी मेंबर प्रिंस अरोड़ा का छह सदस्यीय शिष्टमंडल बुधवार को चंडीगढ़ सचिवालय में शिक्षामंत्री सिकंदर सिंह मलूका व शिक्षा सचिव हुसन लाल से मिला। शिक्षामंत्री ने इन्हें जल्द नोटिफिकेशन जारी करने का आश्वासन दिया किंतु शिक्षक ठोस कार्रवाई पर अड़ गए। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को नियुक्ति पत्र का बंदोबस्त करें या फिर मीडिया के सामने टीईटी पास शिक्षकों को नौकरी देने संबंधी नोटिफिकेशन का बयान दें। शिक्षामंत्री ने इसे कोई खास तवज्जो नहीं दी। शिष्टमंडल ने अपने संघर्षरत साथियों को बैठक के बेनतीजा रहने की खबर दी तो संघर्ष तेज कर दिया गया। विगत तीन दिनों के बाद प्रशासन के आग्रह पर हटाया धरना फिर बुधवार सुबह 10 बजे नेशनल हाइवे पर लग गया और शिक्षकों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए चक्का जाम कर दिया।

दूसरी ओर, बीते रविवार से लहरा धूरकोट की वाटर व‌र्क्स टंकी पर अध्यापक डटे हुए हैं। पिछले पांच दिनों से टंकी पर आधा दर्जन युवतियों समेत जहां 21 अध्यापक टंकी पर जमे हैं जबकि 15-20 अध्यापक सीढि़यों पर बैठे हैं। अध्यापक अपने आंदोलन पर डटे हैं और शिक्षा विभाग भी उन्हें आश्वासन ही दे रहा है। आंदोलन के लंबा खिंचने से पुलिस प्रशासन की जान पर बनी है और सामान्य जन भी चक्का जाम की परेशानी झेल रहा है


News Source : Jagran.com (8.6.12)
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