RTE / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment /SARKARI
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कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है कि क्या बी. एड धारी अभ्यर्थी , 1 जनवरी 2012 के बाद भी प्राइमरी शिक्षक की भर्ती के पात्र हैं |
यह फैसला देश के लाखों बी. एड धारी अभ्यर्थीयों के लिए महत्वपूर्ण है कारण आर टी ई के जरिए सर्वाधिक भर्ती प्राइमरी शिक्षकों की होनी है और योग्य शिक्षकों की कमी को देखते हुए , बी एड धारी अभ्यर्थीयों को नजरंदाज करना बेहद मुश्किल है |
अभी अधिकांश राज्यों में भर्ती शुरू नहीं हुई है जैसे कि - बिहार , उत्तरांचल , हरयाणा , दिल्ली , राजस्थान , गुजरात , पंजाब , उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश में भर्ती तो समय सीमा से प्रारंभ हुई पर कोर्ट के आदेश से स्टे लग गया , और इसको देखते हुए एन सी टी ई द्वारा छूट इतना गंभीर मुद्दा नहीं है , पर आगामी भर्ती प्रक्रियाओं के लीए एक गंभीर मुद्दा है ) आदि
इसको देखते हुए लगता है कि - सुप्रीम कोर्ट के निर्णय बी एड धारी टी ई टी अभ्यर्थीयों के लीए राहत दे सकता है |
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी लखनऊ में धरने पर बेठे हुए हैं जो कि सरकार का रूख जानने के लिए परेशान हैं | शायद इसका भी फैसला जल्द ही आ जाये |
३१ मई को हाई कोर्ट में टी ई टी मामले पर विज्ञापन को लेकर सुनवाई होनी है | और यह दिन उत्तर प्रदेश के टी ई टी अभ्यर्थियों के लिए बेहद महवपूर्ण हैं क्योंकि इसके बाद इलाहबाद हाई कोर्ट की समर वेकेशन
शुरू होनी हैं और फिर हाई कोर्ट १ जुलाई को खुलेगी
आज मीडिया जिस तरह से टीईटी मामले को दिखा रहा है, उससे लगता है कि वह वास्तविक स्थिति से भटका रहा है |
उत्तर प्रदेश में जिस तरह से टीईटी परीक्षा हुई और ओ . एम् . आर की तीन कापी बनाई गयी परिणाम , Answer Key ऑनलाइन जारी की गयी ,
और धांधली हुई है तो कितने अभ्यर्थी धांधली में लिप्त पाए गए ऐसा कोई प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है
उत्तर प्रदेश में टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती का मामला एक विज्ञापन को लेकर अदालत में चल रहा है , जिसका फैसला जानने के लीए अभ्यर्थी काफी समय से बैचेन हैं
ऐसे पूरे मामले पर चर्चा कराई जाये , तब पता पड़ेगा की अभ्यर्थियों की पीड़ा क्या है - कैसे उन्होंने रात रात जागकर पढाई की , कितने रूपए की फीस ड्राफ्ट के माध्यम से दी , कितने फार्म भरे ,
कितनी बार लाइन में लगे, बहुत सारे अभ्यर्थी दूसरे राज्यों से आवेदन करने तथा परीक्षा देने भी आये
इन मीडिया वालों से पूछना चाहिए कि किसी और परीक्षार्थी के नक़ल करने के कारण क्या इनको भी हाई स्कूल या १२ वी की परीक्षा में फेल कर दिया जाये, और तब तक परीक्षा कराई जाये , जब तक परीक्षा शत प्रतिशत शुद्धता से पूर्ण न हो जाये | तो उनको कैसा लगेगा
कई बार मीडिया ने भ्रामक ख़बरें दी - जैसे टीईटी सिर्फ पात्रता परीक्षा है, माया सरकार ने चयन का आधार बदल कर गलत किया
जिसका खंडन हाई कोर्ट के आदेश व एन सी टी ई गाइड लाइन स्वत करती है