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Sunday, June 9, 2013

UPTET : 72825 Teacher Recruitment and TET Marks Weightage Vs Gunank


UPTET : 72825 Teacher Recruitment and TET Marks Weightage Vs Gunank



UP mein 72825 ki bhrtee TET merit se hee hogee , kyonki TB ne kaha hai ki -
Uniformity in selection process. Alag alag college/steram se aane vaalon ke liye ek samaan chayan prkriya aur ise TB ne bade hee behtar dhang se bataya hai ki TET kaise basic school ke bachhon ke liye special exam hai.

Yahee mere Blog ne apne articles/views bataya thaa. Ki har recruitment ke liye special aptitude exam hota hai. Clerk ke liye Clerical Aptitude, Officer ke Liye Officer Aptitude Exam, Vaise hee Basic School Teacher ke liye TET Exam.

Aage ki Bhrteeyon mein Gunank + TET weightage chalne ke Aasaar Hain.

Ye Aaklan Triple Bench Ke Decision ko Padne Ke Baad Diya Hai.


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Thursday, June 6, 2013

NareeLata Tree : 20 साल के अंतराल पर खिलते हैं यह फूल.......


Visit of Amazing / Funny Information - http://7joke.blogspot.com

NareeLata Tree : 20 साल के अंतराल पर खिलते हैं यह फूल.......

I don't know how much this information is TRUE. But if it is TRUE then it is really amazing !!!!!!!!!!!!! 


कहा जाता है कि "नारीलता फूल " पौधा भारत में हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है. और वे 20 साल के अंतराल पर खिलते हैं। यह फूल एक औरत के आकार का होता है यह एक दुर्लभ फूल है आश्चर्यजनक..!!

प्रकृति कुछ भी कहिये ग़ज़ब गज़ब के रंग दिखाती है जरा इस अनोखे फूल को देखिये इसका अकार देखिये इसकी बनावट को देखिये शायद आपको पेड़ो पर यह लटकी हुई गुडिया सी नज़र आ रही किसी इंसान की इंसानी हरकत लगे लेकिन है ऐसा नहीं यह हिमालय श्रीलंका और थाईलेंड में एक पेड में लगने वाला फूल है जिसे उपरी हिमालय में "नारीलता फूल " कहा जाता है कहते है की 20 साल के अंतराल पर यह इस पेड पर खिलते हैं। महिला के बनावट का यह फूल है वाकई में दुर्लभ प्रक्रति की अनमोल किलकारी .......!!!!! 
यह वृक्ष हिमालय, श्रीलंका और थाईलैंड में पाया जाता है




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Wednesday, June 5, 2013

UP Board Result 2013 Declared http://upresults.nic.in


UP Board Intermediate Result Declared यूपी: 12वीं का रिजल्ट घोषित,लड़कियों ने मारी बाजी

 यूपी बोर्ड की 12 वीं क्लास का रिजल्ट तय समय पर घोषित कर दिया गया. इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारी. करीब 96.32 प्रतिशत छात्राएं और 89.79 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. कुल मिलाकर 92.68 प्रतिशत छात्र यूपी बोर्ड में पास हुए हैं


 To see Result , Visit following website  - http://upresults.nic.in, www.upmsp.nic.in , www.results.nic.in, www.up.nic.in

राजधानी लखनऊ के हर्षित श्रीवास्तव ने टॉप किया'

एसकेडी एकेडमी के इस छात्र ने 96.80 फीसदी अंकों के साथ पूरे प्रदेश में टॉप किया है। हर्षित ने अभावों का से लड़ कर  सफलता का इतिहास रचा है।

वर्ष 2009 में पिता सुनील श्रीवास्तव के गुजरने के बाद परिवार के इकलौते सहारा हर्षित को अपनी मां की उम्मीदों पर खरा उतरने पर बेहद खुशी है।

तीन साल पहले छूट गया पिता का साथ
राजाजीपुरम में रहने वाले हर्षित श्रीवास्तव के पिता सुनील श्रीवास्तव की मृत्यु 2009 में एक हादसे में हो गई थी। वह निजी संस्थान में नौकरी करके परिवार का भरण पोषण करते थे।

पिता सुनील श्रीवास्तव की मृत्यु के बाद मां रश्मि श्रीवास्तव ने घर की कमान संभाली। वह एक निजी स्कूल में बतौर शिक्षक कार्यरत हैं।

कोचिंग पर निर्भर नहीं रहा
हर्षित कहते हैं कि वह रिजल्ट से बहुत खुश हैं। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की थी। बकौल हर्षित, वह कभी कोचिंग पर निर्भर नहीं रहा। निर्धारित समय सारिणी के मुताबिक, आठ से नौ घंटे तक सेल्फ स्टडी की।

वैज्ञानिक बनने की तमन्‍ना
स्कूल में शिक्षकों का अच्छा सहयोग मिला और घर पर नियमित पढ़ाई ने सफलता दिलाई। हर्षित वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। लेकिन, पहले बीटेक करके इंजीनियर बनने की तमन्ना है। जेईई (मेन) और यूपी एसईई में बेहतर नतीजे न सामने आने के चलते हर्षित ने एक साल रुककर तैयारी करने का फैसला किया है।

हर्षित कहते हैं कि सफलता की इस राह में उसकी बड़ी बहन प्रतीक्षा ने एक दोस्त की तरह साथ दिया। हर मुश्किल समय में राह दिखाई। वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी मां, बहन और शिक्षकों को देते हैं


इंटरमीडिएट परीक्षा में इस साल 26 लाख 40 हजार 776 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। इनमें से 25 लाख 48 हजार 814 ने परीक्षा पास की है। इस बार लखनऊ के एसकेडी अकादमी राजाजीपुरम के हर्षित श्रीवास्तव, आरएस यादव स्मारक इंटर कलेज बाराबंकी की अर्पिता वर्मा तथा त्रिवेणी काशी इंटर कलेज उन्नाव के मनु सिंह 96.30 प्रतिशत अंक के साथ संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पाने में सफल रहे हैं




हापुड़ जिला 97.45 प्रतिशत उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि राजधानी लखनऊ इस मामले में 15वें स्थान पर है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक वासुदेव यादव के मुताबिक इस वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट को मिलाकर लगभग 57 लाख बच्चों ने परीक्षा दी थी। हाईस्कूल के रिजल्ट 8 जून को मुख्यालय में ही दोपहर 12:30 बजे तक घोषित किए जाएंगे।


हाईस्कूल का रिजल्ट 8 जून को घोषित किया जाएगा

UP Board High school Result will Be Declared on 8th June 2013

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UPTET : मुश्किल में उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षक भर्ती नियमावली



UPTET : मुश्किल में उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षक भर्ती नियमावली 


आजकल जिस तरह से फेस बुक पर भर्ती नियमावली की चर्चा चल रही है वह सरकार की भर्ती नियमवाली के लिए नयी समस्या खडी कर रही है ,
फेस बुक के कुछ सदस्यों ने आज के हिंद्स्तान न्यूज़ पेपर की कटिंग डाली हैं जो की सरकार के टी ई टी मार्क्स का वेटेज देने का इशारा करती हैं -
See










कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने टी ई टी परीक्षा को सिर्फ पात्रता परीक्षा करार दिया था और शिक्षक भर्ती नियमावली संसोधित कर दी थी । 

लेकिन इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच ने एन सी टी ई की १ १ फरवरी २ ०१ १ का हवाला देते हुए कहा की टी ई टी परीक्षा के अंको की उपेक्षा करने न  करने की बात कही है  है और एन सी टी ई को भर्ती मानक तय करने वाला बताया है और राज्य सरकार एन सी टी ई के नियमों का पालन करने को बोला  है , see -
To See Triple Bench Decision , Click Here - 
To Read Complete Judgement of Triple Bench , Click Here -

We wish to clarify that the binding effect of the notifications and the guidelines is such that the weightage which is contemplated under the guidelines dated 11th February, 2011 cannot be ignored. The minimum score that is required of a candidate is 60% to pass the teacher eligibility test. A concession of 5% has been made in favour of the reserved category candidates including the physically challenged and disabled persons.
This norm therefore cannot be diluted. Apart from this, the State Government has to take notice of the fact that weightage has to be given in the recruitment process as well. It is for the State Government to suitably adopt the said guidelines and we do not wish to add anything further at this stage as we are only concerned with the essentiality of the qualification of the teacher eligibility test to be possessed by any candidate aspiring to be appointed as a teacher. 

We wish to make it clear that the law has to be followed in the manner in which it has been legislated. It cannot be diluted on account of the inaction of the State. In such circumstances all teachers whose appointment relate to the period after 23.8.2010 have to be possessed of TET.

NCTE Guideline dated 11 February 2011 is -http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf
 9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment

टी ई टी अंकों के  सुधार  / वृद्धी   हेतु  , अभ्यर्थी पुन : परीक्षा  में   बैठ  सकते -
See :
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score



हमारे ब्लॉग ने शुरू से एन सी टी ईकी इस गाइड लाइन को बताया था जिसमे -
१. अभ्यार्थीयों को टी ई टी परीक्षा में पुन : बेठ कर अंक सुधारने की बात है 
२. टी ई टी परीक्षा के मार्क्स को नियोक्ता द्वारा चयन में शामिल करने को बोला  है 

इलाहबाद हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय में टी ई टी मेरिट से भर्ती एन सी टी ई नियमो के विरुद्द नहीं माना था 

अब भर्ती  मामला इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच में दोबारा चला गया है जहाँ अकादमिक मेरिट से भर्ती व टी ई टी मेरिट से भर्ती  के विवाद का फेसला होना है ।

Triple Bench also told -
TET exam is good for Uniform Evaluation  (Ek Samaan Mulyankan) of Candidates from different stream. 
See -

There also the word qualification came up for consideration and the apex court after having noticed the requirement came to the conclusion that there has to be a uniform scrutiny of all the candidates as they are possessed of educational and training qualifications from different sources. 

The eligibility test therefore is to ensure that candidates coming with diverse educational and training qualifications acquired from different sources are assessed uniformly for the purpose of being selected as the best material for being appointed as a teacher. This is another essential ingredient of a eligibility test, which has been designed as in the present case to ensure an even method of selection. It is for this reason that the curriculum of the teacher eligibility test at the national level has been prescribed by the National Council for Teacher Education for it being implemented throughout the country. It is therefore not only to get the best available candidates for teaching but also to ensure a uniform pattern throughout the nation for employing teachers to provide quality education at the elementary level. 
TRIPLE BENCH appreciate contents of TET exam which is specific to handle children at basic  education level.
The next is the structure and content of the test which has five sections in relation to examination for Classes 1 to 5 with which we are presently concerned. These five sections are Child Development and Pedagogy, Language 1 - focussing on proficiency relating to medium of instruction, Language 2- an optional language, Mathematics and Environmental Studies. The test items for the last two subjects should be correlated with concepts of problem solving ability and pedagogical understanding of the subject. 

The scheme of the said examination therefore is not limited to one particular course of study like an individual subject or a B. Ed. Course. The argument of Sri Agrawal was to compare the curriculum of the higher educational qualifications possessed by a candidate under Clause 3 of the Notification dated 23.8.2010 to indicate that it is inclusive of everything that may be required of a teacher and which qualification has been acquired by a due process, recognised in law. Having perused the curriculum as enumerated hereinabove, we have no doubt that the structure and content of the teacher eligibility test is of a comprehensive character not narrowed down to any individual subject but relates to the overall performance of a candidate to test his capacity and attribute as a teacher. The curriculum therefore cannot be compressed so as to be compared with the claim of possession of a higher qualification of graduation or a B. Ed. Degree

The subject of Child Development and Pedagogy assumes importance and consequently a teacher eligibility test no longer remains a mere eligibility test but becomes the most essential qualification to be possessed for being appointed as a teacher. The word Pedagogy is derived from the word Pedagogue. It originates from the combination of two Greek words, Piados which means Boy and Agogos which means leading or guiding. In ancient times a Greek Slave who was charged with the care of his master's child in his youth with a job to escort the child, to and fro, from school, was known as a pedagogue. Slowly with the passage of time the said word came to be adopted as a synonym for a person who taught in a class room, and was a tutor as he was supposed to lead or guide a child. Thus Pedagogy came to be acknowledged as a science that related to the skill of teaching. It became a scientific art and was developed for the very purpose and aim of Child Development.

Many children are victims of apathy and wrongly motived parental treatment. Their emotional and skilful assessment, and proper treatment, has to be handled within the clinic of an elementary school where the sole physician is none else than a trained teacher. A candidate possessing a mere educational or a training qualification without any genuine attribute may not necessarily be a good teacher

कुछ लोग इस भर्ती को सपा सरकार वर्सस मायावती सरकार वर्सस केंद्र सरकार बता रहे हैं 
वैसे देखा जाये तो इस भर्ती में तीनो सपा, बसपा व कोंग्रेस का सम्मिलत रूप दिखाई देता है -
पुराना भर्ती का विज्ञापन बसपा सरकार ने निकला , कोंग्रेस या केंद्र सरकार एन सी टी ई की नियमावली /आर टी ई एक्ट के तहत भर्ती नियम /सैलरी का हिस्सा देने के तोर मोजूद है , और सपा या वर्तमान सरकार इस भर्ती को नए सिरे से पूरा करने के तोर पर मोजूद है । 
आर टी ई एक्ट में बताया गया है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत होने वाली भर्ती में राज्य व केंद्र सरकार दोनों की सहभागिता होगी 



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Monday, June 3, 2013

UPTET : Best Parts of Triple Bench Decision

UPTET : Best Parts of Triple Bench Decision 

http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/
http://joinuptet.blogspot.com/

When I read decision, I felt Anivarya Yogyata (TET ek anivarya yogyta hai) means -
TET is One of the essential Qualification Just Like Graduation, B. Ed etc.

Yachee ke adhivakta ka kehna thaa ek TET sirf ek Test hai, Shikshak Bhrtee ke liye Anivary Yogyaton mein  to Degree , B.Ed etc. hote hain.

Tab Triple Bench ne NCTE / RTE Act kee Guidelines ka havala dete hue TET ko Anivarya Yogyata maana.
Matlab Bhrtee ke liye TET Pass hona jarooree hai.

Dusree Baat TB ne Kaha ki TET ek Visesh Pariksha Hai, Ho Ek Samaan Roop Se Sabhee Tare Ke Shikshakon Ka Mulyankan Keren Ke Liye Behad Jarooree Hai.

Chote Bachho Ko Samjhne Ke Liye " pedagogical 

understanding" Behad Jarooree Hai. Aur TET pariksha mein 


aise sabhee vishyaon ka samvaesh hai.


Court ne ye Bhee Maana ki NCTE ka 11 Feb 2011 vaalee Guidelines Division Bench Se Choot Gayee Thee, Dekheeye  -
To further understand as to why the teacher eligibility test is a qualification one can refer to the guidelines dated 11th February, 2011 where the background and rationale for conducting the said test has been referred. We may mention at the outset that the said guidelines had totally escaped the notice of the division bench and its ingredients while proceeding to treat the teacher eligibility test to be not necessary for the candidates falling under Clause 3 of the Notification dated 23.8.2010. The guidelines provide that persons to be recruited as teachers should possess the essential aptitude and ability to meet the challenges of teaching at the elementary level. The consequences were explained by the rationale that it would bring about national standards and bench mark of teacher quality in the recruitment process. It would further induce teacher education institutions to improve their performance standards and a positive signal to all stake holders that the Government lays special emphasis on teacher quality. This rationale therefore justifies the teacher eligibility test as an additional norm apart from the educational and training qualifications


Isee Guidelines mein TET marks weightage dene ki Baat Bhee Likhee Hai, Jisko TB ne Ignore nahin karne Ko Bolaa hai.

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There also the word qualification came up for consideration and the apex court after having noticed the requirement came to the conclusion that there has to be a uniform scrutiny of all the candidates as they are possessed of educational and training qualifications from different sources


The eligibility test therefore is to ensure that candidates coming with diverse educational and training qualifications acquired from different sources are assessed uniformly for the purpose of being selected as the best material for being appointed as a teacher. This is another essential ingredient of a eligibility test, which has been designed as in the present case to ensure an even method of selection. It is for this reason that the curriculum of the teacher eligibility test at the national level has been prescribed by the National Council for Teacher Education for it being implemented throughout the country. It is therefore not only to get the best available candidates for teaching but also to ensure a uniform pattern throughout the nation for employing teachers to provide quality education at the elementary level


I will Publish More Details About Triple Bench Judgement shortly as I am busy during these days.

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UPTET : उच्च प्राथमिक में भर्ती का रास्ता साफ...


 UPTET : उच्च प्राथमिक में भर्ती का रास्ता साफ...
*रिक्तियों के 50 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा..
*आवेदकों से लिया जाएगा एफिडेविड..
*शिक्षा निदेशालय में तैयार किया जा रहा शासनादेश का ड्राफ्ट..




इलाहाबाद। यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) 2011 देने के बाद नियुक्ति का इंतजार करने वालों के लिए राहत भरी खबर है। बेसिक शिक्षा परिषद उच्च प्राथमिक कक्षाओं में खाली पड़े विज्ञान,गणित शिक्षकों के पदों पर जल्द ही नियुक्तियां करेगा। इसके लिए सीधी भर्ती होगी। शिक्षा निदेशालय मेंशासनादेश का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसे शासन के पास भेजा जाएगा। इसमें अगर जरूरत हुई तो संशोधन कर शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29,334 पद कला और विज्ञान के हैं, जिसमें 14,667 पद कला और 14a,667 पद विज्ञान एवं गणित के हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान एवं कला के रिक्त पदों के 50 प्रतिशत पर सीधी भर्ती जिलेवार की जाएगी। नवंबर 2011 में हुए टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर में कुल 519665 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 209789 उत्तीर्ण हुए थे। तभी से ही आवेदक भर्ती का इंतजार कररहे हैं। खास यह कि इसके लिए टीईटी 2013में होेने वाली उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षाएं पास करने वाले आवेदकों को भी मौका दिया जा रहा है। टीईटी 2013 की परीक्षाएं 27 और 28 जून को हैं। इसके बाद ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
टीईटी 2011 में विवाद के बाद सारे साक्ष्य पुलिस के पास हैं। पास परीक्षार्थियों के सत्यापन के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के पास कोई साक्ष्य नहीं है। ऐसे में प्रक्रिया शुरू होने पर सभी आवेदकों से एफिडेविड लिया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा का कहना है कि एफिडेविड में आवेदकों को यह लिखना होगा कि उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई सभी सूचनाएं सही हैं। उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई किसी भी तरह की सूचना में कुछ भी गलत हुआ तो सीधे कार्रवाई की जाएगी





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Shiksha Mitra News : सुप्रीम कोर्ट जाएंगे शिक्षामित्र


Shiksha Mitra News : सुप्रीम कोर्ट जाएंगे शिक्षामित्र

इलाहाबाद : शिक्षामित्रों पर टीईटी अनिवार्यता की कानूनी लड़ाई लंबी खिंचसकती है। प्रदेश भर के शिक्षामित्र टीईटी अनिवार्य किए जाने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों की भर्ती शिक्षा का अधिकार कानून के अस्तित्व में आने से पहले हुई है। इसके चलते शिक्षा मित्रों पर टीईटी की अनिवार्यता लागू नहीं होती। शिक्षामित्र संघ ने 18 जून को नई दिल्ली में धरना आयोजित किया है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक निर्देश में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य किए जाने की बात कही है






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Sunday, June 2, 2013

Must Must Read Story


Must Must Read Story

एक 7 साल की लड़की को मैथ्स पढ़ा रहे टीचर ने पूछा ,” अगर मैं तुम्हे एक सेब दूं , फिर एक औरसेब दूं , और फिर एकऔर सेब दूं , तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जायेंगे ?”
लड़की ने कुछ देर सोचा और , और अपनी ऊँगली पर जोड़ने लगी …
” चार ” , लड़की का उत्तर आया .
टीचर थोड़ा निराश हो गया, उसे लगा कि ये तो कोई भी बता सकता था. “शायद बच्चे ने ठीक से सुना नहीं .” – टीचरने मन ही मन सोचा .
उसने पुनः प्रश्न दोहराया ; ” ध्यान से सुनो – अगर मैं तुम्हे एक सेब दूं, फिर एक और सेब दूं, और फिर एक और सेब दूं , तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जायेंगे ?”
लड़की टीचर का चेहरा देख कर समझ चुकी थी कि वो खुश नहीं है, वह पुनः अपनी उँगलियों पर जोड़ने लगी, और सोचने लगी कि ऐसा क्या उत्तर बताऊँ जिससे टीचेर खुश हो जाए . अब उसके दिमाग में ये नहीं था कि उत्तर सही हो, बल्कि ये था कि टीचर खुश हो जाये.
पर बहुत सोचने के बाद भी उसने संकोच करते हुए कहा , ” चार “
टीचर फिर निराश हो गया , उसे याद आया कि लड़की को स्ट्रॉबेरी बहुत पसंद हैं , हो सकता है सेब
पसनद न होने के कारण वो अपना फोकस लूज़ कर दे रही हो.
इस बार उसने बड़े प्यार और जोश के साथ पूछा ,” अगर मैं तुम्हे एक स्ट्रॉबेरी दूं , फिर एक और स्ट्रॉबेरी दूं , और फिर एक और स्ट्रॉबेरी दूं , तो तुम्हारे पास कितने स्ट्रॉबेरीहो जायेंगे ?”
टीचर को खुश देख कर, लड़की भी खुश हो गयी और अपने उँगलियों पर जोड़ने लगी …अब उसके ऊपर कोई दबाव नहीं था बल्कि टीचर को ही चिंता थी कि उसका नया तरीका काम कर जाये.
उत्तर देते समय लड़की फिर थोड़ा झिझकी और बोली , ” तीन !!!”
टीचर खुश हो गया , उसका तरीका काम कर गया था . उसे लगा किअब लड़की समझ चुकी है है ,और अब वो इस तरह के किसी भी प्रश्न का उत्तर दे सकती है .
“अच्छा बेटा तो बताओ , अगर मैं तुम्हे एक सेब दूं, फिर एक और सेब दूं, और फिर एक और सेब दूं , तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जायेंगे ?”
पिछला जवाब सही होने से लड़की का आत्मविश्वास बढ़ चुका था , उसने बिना समय गँवाए उत्तर दिया , ” चार.”
टीचर क्रोधित हो उठा , ” तुम्हारे पास दिमाग नहीं है क्या , ज़रा मुझे भी समझाओ कि चार सेब कैसे हो जायेंगे .”

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UPTET: फिर फंसीं संबद्ध प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां


UPTET: फिर फंसीं संबद्ध प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां

Recruitment in Govt. Aided School Again Blocked


UPTET News Specific Blog - http://joinuptet.blogspot.com


कानपुर  : संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में खाली पदों पर शिक्षकों की नियुक्तियां फिर खतरे में पड़ गई हैं। हरजेंदर नगर इंटर कालेज में तीन जून को प्रस्तावित साक्षात्कार फिलहाल टाल दिया गया है

जिले में एक दर्जन से अधिक इंटर कालेजों से संबद्ध प्राथमिक स्कूलों में वर्षो से शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।

 इस बीच शासन ने इन पदों को भरने की बार बार व्यवस्था बदली। 
पहले शासनादेश जारी हुआ कि शासन की पूर्व अनुमति के बिना प्रबंधतंत्र खाली पदों पर नियुक्ति नहीं कर सकेंगे। 

कई प्रबंधकों ने अनुमति के लिए आवेदन किया पर शासन ने किसी को अनुमति नहीं दी। इस बीच शासन ने खाली पदों को भरने की अनुमति देने का अधिकार जिला विद्यालय निरीक्षकों को दे दिया तो नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई। 

यहां हरजेंदर नगर इंटर कालेज, माया देवी मोहन विद्यामंदिर बालिका इंटर कालेज समेत कुछ और कालेजों को नियुक्ति की अनुमति दी गई। 

कालेजों के दिए विज्ञापन में टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों ने न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। 
उनका तर्क है कि हरजेंदर नगर इंटर कालेज में पहले भी इन पदों को भरने का विज्ञापन दिया गया था तब टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी

 शिक्षा अधिकार अधिनियम में भी संबद्ध प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता नहीं है। इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी जाए। 
कोर्ट ने इसपर जिला विद्यालय निरीक्षक से जवाब लगाने को कहा है। इसी के चलते हरजेंदर नगर इंटर कालेज में प्रस्तावित 3 जून का साक्षात्कार टाल दिया गया। दूसरे कालेजों के प्रबंधकों को भी कोर्ट के फैसले का इंतजार है। 

उधर यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि हाईकोर्ट ने टीईटी की अनिवार्यता पर तो फैसला दे दिया है पर टीईटी अर्हता मानी जाएगी या मेरिट पर नियुक्तियां होगी का फैसला आना शेष है

 जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता संबद्ध प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्तियां कैसे की जा सकती हैं?

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कोर्ट में मामला जाने से साक्षात्कार की तैयारी नहीं हो पाई, इसीलिए टाला गया। नई तिथि 10 जून प्रस्तावित है।

-बलराम सिंह ओबेराय, अध्यक्ष हरजेंदर नगर कालेज प्रबंध समिति



News Source / Sabhaar : Jagran (02 Jun 2013 )
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News Analysis -
Recently Allahabad High Court Triple Bench Suggested to Adopt Some Guidelines Related to NCTE specified TET exam, And it Appears that Schools are Awaiting Government Order Regarding Such Issues.

Such issues will effect entire Government Aided Schools in Uttar Pradesh. So wait and watch to see what happens for such issues.

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UPTET : शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी जरूरी



UPTET : शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी जरूरी




बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से पांच तक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य है।


हाईकोर्ट की वृहद पीठ ने श्शिवकुमार शर्मा सहित कई अन्य की याचिकाओं व अपीलों को निस्तारित करते हुए अपने फैसले में 23 अगस्त 2010 के बाद शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी को हर हाल में जरूरी माना है। दरअसल 16 जनवरी 2013 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता को खारिज कर दिया था। डिवीजन बेंच ने 50 फीसदी अंकों के साथ स्नातक और बीएड डिग्रीधारकों को बिना टीईटी पास किए ही शिक्षक भर्ती में मौका दिए जाने का आदेश दिया था। उसके बाद 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में नया विवाद पैदा हो गया था।

विवाद पर लगा विराम

मृतक आश्रितों को नहीं मिली राहत
23 अगस्त 2010 के बाद सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी  से छूट मांग रहे मृतक आश्रितों को काई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने माना है कि जो भी नियुक्तियां सहायक अध्यापक पद के लिए होंगी उन्हें टीईटी पास करना जरूरी है। भले ही ऐसे आवेदक मृतक आश्रित कोटे के दायरे में आते हों।

बगैर टीईटी नियुक्त 20 हजार को राहत
टीईटी की अनिवार्यता का वृहद पीठ का फैसला शिक्षामित्रों पर भी लागू होगा। शिक्षामित्रों को पत्राचार माध्यम से बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति होनी है। अधिकतर शिक्षामित्र नियुक्तित को समायोजन मानकर चल रहे हैं और इसलिए टीईटी से अपने को मुक्त मान रहे थे


News Source / Sabhaar : Livehindustan.com (1.6.2013)
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Now it is expected that 72825 teacher Recruitment happens after Allahabad High Court Double Bench Judgement.

And new advertisement for Juinor Teacher (29333 approx) may come after UPTET 2013 Exam and for this recruitment chances can be POSSIBLE that TET Marks Weightage can be taken + Gunak/ Acad. marks Weighatge.

As Allahaabd HC Triple Bench Strongly favours NCTE guidelines dated 11th Feb 2011 of TET exam , where weighate of marks is selction mentioned.


What Allahabad High Court Triple Bench  says -

We wish to clarify that the binding effect of the notifications and the guidelines is such that the weightage which is contemplated under the guidelines dated 11th February, 2011 cannot be ignored. The minimum score that is required of a candidate is 60% to pass the teacher eligibility test. A concession of 5% has been made in favour of the reserved category candidates including the physically challenged and disabled persons.

This norm therefore cannot be diluted. Apart from this, the State Government has to take notice of the fact that weightage has to be given in the recruitment process as well. It is for the State Government to suitably adopt the said guidelines and we do not wish to add anything further at this stage as we are only concerned with the essentiality of the qualification of the teacher eligibility test to be possessed by any candidate aspiring to be appointed as a teacher.

We wish to make it clear that the law has to be followed in the manner in which it has been legislated. It cannot be diluted on account of the inaction of the State. In such circumstances all teachers whose appointment relate to the period after 23.8.2010 have to be possessed of TET.

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UPTET : आज का विचार


UPTET : आज का विचार 


जिस प्रकार इलाहबाद ट्रिपल बेंच का निर्णय आया है उस से एक बार फिर टी ई टी मेरिट से भर्ती की संभावनाएं प्रबल हो गयी हैं ,
हालाँकि अगर इलाहबाद डबल बेंच ने टी ई टी मेरिट के पक्ष में फेसला दिया तो भर्ती में अनुमानत ४-५ महीने से कम समय नहीं लगेगा -
कारण -
१. राज्य सरकार ने बहुत से अभ्यर्थीयों का आवेदन शुल्क वापस कर दिया है 
२. राज्य सरकार को नयी व्यवस्था के अंतर्गत तयारी करनी पड़ेगी 
३. इलाहबाद डबल बेंच के फेसले में भी समय लग सकता है जो कि अनिश्चित है 

अगर इलाहबाद डबल बेंच टी ई टी मेरिट के विरोध में फेसला देती है तो कुछ सूत्रों के हवाले से सुना जा रहा है कि टी ई टी मेरिट 
वालों ने सुप्रीम कोर्ट में केवीट लगाई हुई है और शायद मामला आगे सुप्रीम कोर्ट जा सकता है । 

राज्य सरकार की आगामी भर्तियों में सम्भावना इस बात  की है की भर्ती में टी ई टी मार्क्स का वेटेज + गुणांक वेटेज को जोड़ा जा सकता है । 


N.C.T.E. dated 11th February, 2011. Clause 9, provides for the minimum marks for qualifying TET Examination as 60%. Clause 9(b) provides that the State or the appointing authority may provide weightage as per the TET Score to the candidates in the recruitment process. It is further stated that the State Government has accepted the guidelines so framed by the NCTE as is apparent from its letter dated 7th September, 2011 and therefore, the State Government has to provide weightage with reference to the TET Score of the candidates

Now Allahabad Highcourt Triple Bench Says about this -
1. We wish to clarify that the binding effect of the notifications and the guidelines is such that the weightage which is contemplated under the guidelines dated 11th February, 2011 cannot be ignored. The minimum score that is required of a candidate is 60% to pass the teacher eligibility test. A concession of 5% has been made in favour of the reserved category candidates including the physically challenged and disabled persons.
This norm therefore cannot be diluted. Apart from this, the State Government has to take notice of the fact that weightage has to be given in the recruitment process as well. It is for the State Government to suitably adopt the said guidelines and we do not wish to add anything further at this stage as we are only concerned with the essentiality of the qualification of the teacher eligibility test to be possessed by any candidate aspiring to be appointed as a teacher. 

We wish to make it clear that the law has to be followed in the manner in which it has been legislated. It cannot be diluted on account of the inaction of the State. In such circumstances all teachers whose appointment relate to the period after 23.8.2010 have to be possessed of TET.



A long time back, Allahabad High court not objected 100% TET marks i.e. TET merit for selection,
UPTET : Petition against selection on the basis  of TET Marks is Dismissed
इलाहाबाद हाईकोर्ट : टी ई टी मार्क्स / मेरिट से सेलेक्सन के विरोध की याचिका ख़ारिज

 can be construed as contrary to the guidelines issued by National Council for Teacher Education (hereinafter referred to as "NCTE") inasmuch as, NCTE provides T.E.T. qualification as a necessary qualification for appointment of Primary Teachers but simultaneously provides that it shall not guarantee appointment to any person merely on account of possession of such qualification. The Rules do not go contrary thereto but only provide that before a candidates is to be considered by Selection Committee, list of candidates, who have applied for appointment to the post of Assistant Teacher, shall be prepared and in that preparation of list, T.E.T. marks shall be the criteria.� It� is� like� a� guideline� for� ascertaining� zone� of 
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consideration and field of eligibility but by itself does not provide any guarantee for appointment. The Rules thus cannot be said to be contrary to NCTE guidelines.
3.��� No interference therefore called for.
4.��� Dismissed.
Order Date :- 2.1.2012
KA


However many candidates informed/suggested that 100% weighatge has no meaning of weightage.
I also found that many States in India using some percentage of TET marks for weightage purpose.

Mera purpose na to TET merit dharee ko support karna hai na hee Gunank Dharee aur na hee kisee Shiksha   Mitra ke against hai. jaisee information aatee hai aur jaise conclusion nikalte dikhayee dete hain. Blog par share kar diye jaate hain.

Laste year se huee gatividhiyon va TB ka Nirnay dekhte hue. Blog ka sochna hai ki shayad State Govt. aagamee bhrtee mein - TET marks ka thoda sa weightage + Acad marks ka weighatge bhrtee mein shamil kar saktee hai.
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Other Points of Triple Becnh -

The questions that have been therefore framed by us are answered as follows:-

1. The teacher eligibility test is an essential qualification that has to be possessed by every candidate who seeks appointment as a teacher of elementary education in Classes 1 to 5 as per the notification dated 23.8.2010 which notification is within the powers of the NCTE under Section 23(1) of the 2009 Act.

2. Clause 3(a) of the notification dated 23.8.2010 is an integral part of the notification and cannot be read in isolation so as to exempt such candidates who are described in the said clause to be possessed of qualifications from the teacher eligibility test.

3. We approve of the judgment of the division bench in Prabhakar Singh's case to the extent of laying down the interpretation of the commencement of recruitment process under Clause 5 of the notification dated 23.8.2010 but we disapprove and overrule the ratio of the said decision in relation to grant of exemption and relaxation from teacher eligibility test to the candidates referred to in Clause 3 (a) of the notification dated 23.8.2010, and consequently, hold that the teacher eligibility test is compulsory for all candidates referred to in Clause 1 and Clause 3 (a).

Let the judgement be accordingly placed before the respective benches for appropriate orders.



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