सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
UPTET News - - शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार सेवानिवृत्ति शिक्षकों को नियुक्त करने की तैयारी , अमल राज्यों पर निर्भर पहल ’ केंद्र राज्यों को जारी कर सकता है निर्देश, अमल राज्यों पर निर्भर ’ देश में पांच लाख से अधिक पद खाली, जिन्हें भरने के उपाय हो रहे नई दिल्ली विशेष संवाददाता शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार सेवानिवृत्ति शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। हालांकि, इसे मानना या नहीं मानना राज्यों पर निर्भर करेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के पास सेवानिवृत्त शिक्षकों के इस्तेमाल का प्रस्ताव विचाराधीन है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि शिक्षकों की कमी से निपटने को तात्कालिक तरीका यही है कि सेवानिवृत्त शिक्षकों को जो स्वस्थ हैं, उन्हें स्कूलों में तैनात किया जा सकता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ऐसे शिक्षकों की तैनाती की जा सकती है। देश में शिक्षकों के पांच लाख से अधिक पद खाली होने का अनुमान है। नियुक्ति प्रक्रिया में होने वाली देरी, योग्य उम्मीदवारों की कमी आदि के चलते इसमें विलंब होता है। जबकि सेवानिवृत्त शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता है। ऐसे में सरकार उन्हें निविदा आदि पर नियुक्त कर कमी को दूर कर सकती है। विश्वविद्यालयों, आईआईटी, मेडिकल कॉलेजों आदि में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल है। उसके बाद भी स्वास्थ्य सही होने पर शिक्षकों को पांच साल तक और नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन स्कूलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों के इस्तेमाल का चलन नहीं है। जबकि कई राज्यों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल ही है
UPTET News - LT Grade शिक्षक स्थानान्तरण के लिए ऑनलाइन आवेदन का लिंक जारी शासनादेश डाउन लोड करके पढ़े ऑनलाइन लिंक यहां देखें : - http://upbasiceduparishad.gov.in
शिक्षामित्रों का दिल्ली में सत्याग्रह का एलान, अन्ना हजारे ने शिक्षामित्रों से सहानुभूति जताते हुए कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समय रहते शिक्षामित्रों के बारे में उचित निर्णय ले नहीं तो देशव्यापी आंदोलन होगा **** Koi ye bataye ki Supreme court ke faisle ke baad bhi aisa sambhav hai kya, halanki uchit mandey mil sakta lekin sarkar ko anya contract workers ko bhi dekhna hai **** राब्यू, लखनऊ : शिक्षक पद पर समायोजन रद किए जाने से आंदोलनरत शिक्षामित्रों ने अपनी आवाज बुलंद करने के लिए 25 अगस्त से नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने का एलान किया है। वहीं शुक्रवार को उत्तर प्रदेश कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने भी शिक्षामित्रों के आंदोलन को समर्थन देने का एलान किया है। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने बताया कि संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि जाकर अन्ना हजारे से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताया। बकौल यादव, अन्ना हजारे ने शिक्षामित्रों से सहानुभूति जताते हुए कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समय रहते शिक्षामित्रों के बारे में उचित निर्णय ले नहीं तो देशव्यापी आंदोलन होगा। यादव ने कहा कि संगठन ने 25, 26 व 27 अगस्त को नई दिल्ली में जंतर मंतर पर सत्याग्रह की तैयारी की है जिसकी रूपरेखा के बारे में 21 अगस्त को बताया जाएगा। उधर शुक्रवार को शिक्षक विधायक ओम प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में रायल होटल में उप्र कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की बैठक हुई। समिति ने आंदोलन के दौरान 44 शिक्षामित्रों की मृत्यु पर शोक प्रस्ताव पारित किया। निर्णय किया कि यदि राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों की मांगें नहीं मानीं तो समन्वय समिति उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनके आंदोलन में शामिल होगी। शिक्षामित्र समान कार्य के लिए समान वेतन यानी शिक्षक की तनख्वाह दिये जाने की की मांग कर रहे हैं। समन्वय समिति के अध्यक्ष और उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि हमने शिक्षामित्रों के मुद्दे को विधान परिषद में उठाया है और आगे भी उच्च सदन में इस लड़ाई को जारी रखेंगे। हालांकि बैठक में यह भी तय हुआ है कि शिक्षामित्र जो भी आंदोलन करेंगे, वह अ¨हसात्मक होना चाहिए। उधर शिक्षामित्रों को लेकर सरकार के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री के साथ बैठक के अलावा बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी कोई ऐसी सूरत नहीं निकली है जो शिक्षामित्रों को मंजूर हो। शिक्षामित्रों के कार्य बहिष्कार व आंदोलन से परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन ठप होने से शासन की चिंता बढ़ गई है।
UPTETShiksha Mitra News - क्या आंदोलनरत शिक्षकों की सेलरी कटेगी या सर्विस ब्रेक होगी , क्या सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे शिक्षा मित्रों पर कार्यवाही करेगी - *********************************** Himanshu Rana >>>
खैर इनसे , इससे ज्यादा उम्मीद भी क्या की जा सकती है ? एक पॉइंट ऐसा भी होता विधिक जो इन्हे बचा पाता भारतीय संविधान के अनुसार तो मा० उच्च न्यायालय पूर्ण पीठ और खंडपीठ मा० सर्वोच्च न्यायालय के मिलाकर पांच न्यायाधीश कहीं न कहीं तो कुछ सोचते इनके लिए | लेकिन इनकी संकीर्ण मानसिकता इस हद तक गिर गई है कि जिस प्रकार कभी पूर्व न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा के पुतले कांग्रेसियों ने फूंक दिए थे जब उन्होंने इंदिरा गाँधी का चुनाव विधिक अनुसार गलत पाया था और चुनाव रद्द कर दिया था या शाह बानो केस में मुस्लिम संगठनों के द्वारा मा० सर्वोच्च न्यायालय के न्याय की किरकिरी सड़कों पर की थी ये भी ठीक वैसा ही कर रहे हैं | सबसे ज्यादा मन खिन्न होता है ये सोचकर की सरकार और अधिकारी क्या कर रहे हैं ? *कितने आदेश हुए हैं अब तक अधिकारियों द्वारा कि शिक्षामित्र जब धरने पर थे तो आज उनके हस्ताक्षर कैसे हैं अटेंडेंस रजिस्टर में ? *क्या कोई आदेश शासन स्तर से हुआ है अभी तक कि शिक्षामित्र सहायक अध्यापक के पदों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे ? *क्या मा० सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सरकार द्वारा गंभीरता से लिया गया है अभी तक जो विचारने हेतु इन्हे पंद्रह दिन का समय दिया गया था और अब तक स्थिति साफ़ नहीं की गई है ? खैर इन सभी से अलग होकर सरकार को 16 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया गया है फिर पूरे प्रदेश के हर जिले से लेकर प्रदेश की राजधानी और देश की राजधानी में आंदोलन करने की बात कर रहे हैं ये लोग जबकि गोरखपुर त्रासदी से पहले ही बच्चों के भविष्य को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार पहले से ही जूझ रही है लेकिन सब अपनी धुन में सवार हैं | योगी सरकार तो वैसे भी कुछ नहीं कर सकती है इसमें बस थोड़ा बहुत सर्व-शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार से बातचीत कर मानदेय (वेतनमान नहीं) बढ़ा सकती है वो भी उतना कि अन्य संगठन रोष में न आ जाएं वरना उत्तरप्रदेश की तदर्थ नियुक्तियां हिचकोले लेने लगेंगी और सड़क पर उतर जाएंगी मानदेय बढ़वाने के लिए | बात रही मोदी सरकार की तो वो कर नहीं पाएंगे वरना पूरा देश खड़ा हो जाएगा इसके तहत और सभी को (कोई सा विभाग हो और न ही न्यूनतम अहर्ता मायने रखेंगी फिर यानी कम्पाउण्डर बनेगा डाक्टर , होमगार्ड डी०आई०जी और ये सहायक अध्यापक) नियमित करना पड़ेगा और मा० सर्वोच्च न्यायालय ने जिन नजीरों को दिखाकर संविदा कर्मियों के विरुद्ध में फैसले दिए थे सब पलटेंगे | केवल ये ही विकल्प है कि मानदेय (सम्मानित तरह से) बढ़ जाए और खुली भर्ती में प्रतियोगिता में भाग लेकर आएं वरना प्रदेश क्या पूरे देश की व्यवस्था बदल जाएगी | बाकी ये न्यूज़ 👇🏻 फर्जी है और शिक्षामित्रों की मानसिकता को बताता है कि किस प्रकार इन्होने न्यायपालिका , न्यायाधीश , प्रधानमन्त्री , राष्ट्रपति , मुख्यमंत्री आदि जैसे पदों का खुले तौर पर असम्मान किया है जिसके प्रति अब योगी मोदी सरकार को सचेत होकर कड़ी कार्रवाई कर जल्द से जल्द प्रशिक्षित अध्यापक विद्यालयों में पहुंचाने चाहिए ताकि इनकी गुंडागर्दी समाप्त हो और नौनिहालों का भविष्य सुरक्षित हो
UPTETShiksha Mitra News -शिक्षा मित्रों नेे दियाधरना, स्कूल की पढ़ाई बाधित होगी, आखिर बच्चों का क्या दोष, सरकार को शीघ्र हल निकालना चाहिए या फिर वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम करना चाहिए
UPTETShiksha Mitra News - शिक्षा मित्र व सचिव वार्ता का आंखों देखा सार, एक शिक्षा मित्र की कलम से
जावेद की कलम से...* *आज की वार्ता का सार...* 👉मित्रों जैसा कि आप जानते हैं कि आज समायोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में समस्त संगठनों को माननीय मुख्यमंत्री जी ने वार्ता के लिए बुलाया था। जिस पर सभी संगठनों के प्रतिनिधि एनेक्सी भवन अपने निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। परंतु अनेक कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण काफी देर इंतजार करने के बाद भी माननीय मुख्यमंत्री जी नहीं आए। काफी देर के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से संदेश आया की अपर सचिव से वार्ता कराई जाए। जिस पर पहले तो संगठन के पदाधिकारी राजी नहीं हुए परंतु चूँकि माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से स्वयं कहा गया था, इसलिए अपर सचिव राज प्रताप सिंह जी से वार्ता की गई। वार्ता में मुख्य बिंदुओं पर बातचीत हुई, और संगठनों ने अपनी मंशा से अवगत कराया। *सर्वप्रथम अपर सचिव बेसिक शिक्षा ने कहा कि आप लोगों की मांग पर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीटीई को पैरा 4 में संशोधन करते हुए आप लोगों को टीईटी से छूट करने का आग्रह करेंगे।* उसके बाद जब *अध्यादेश* की बात कही, तब अपर सचिव ने कहा कि *अध्यादेश बनाया जाए या नियमावली में संशोधन किया जाए, यह माननीय मुख्यमंत्री जी ही स्वयं तय करेंगे।* तथा *समान कार्य समान वेतन* पर जब बात की गई तब भी अपर सचिव ने यही कहा कि इस पर भी गहनता से विचार चल रहा है और इस संबंध में भी माननीय मुख्यमंत्री जी ही अपने स्तर से निर्णय लेंगे कि *आप लोगों को समान कार्य समान वेतन या सम्मानजनक कितना मानदेय दिया जाए?* अंत में संगठनों ने एक प्रस्ताव रखा की सरकार को माननीय सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन डालना चाहिए। और मजबूती से पैरवी की जानी चाहिए, जिससे न्याय संगत फैसला आ सके। तभी पैरा चार में छूट का लाभ मिल सकता है। इस पर भी सचिव महोदय ने अपने ऊपर से टालते हुए कहा कि इन सभी बातों पर माननीय मुख्यमंत्री जी को ही अंतिम निर्णय लेना है। अपर सचिव ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि आज अनेक कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण आपकी वार्ता माननीय मुख्यमंत्री जी से नहीं करा सके, लेकिन शीघ्र ही आप सभी लोगों की वार्ता हम माननीय मुख्यमंत्री जी से कराएंगे। इसलिए आप लोग आंदोलन समाप्त कर शिक्षण कार्य पर ध्यान दीजिए। *जिस पर हम सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एक सुर में सचिव साहब से कहा कि जब तक आप अमल में कोई चीज नहीं ले आते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। लेकिन इतना कह सकते हैं कि आंदोलन को हम शांतिपूर्वक ढंग से करेंगे। और यदि आपके द्वारा कोई ठोस व उचित निर्णय नहीं लिया गया तो धीरे-धीरे यह आंदोलन, जो सत्याग्रह के रूप में चल रहा है, उसे उग्र रूप भी दिया जा सकता है।* । लेखक, सय्यद जावेद मियाँ, आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन/ समायोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश।
UPTETShiksha Mitra News - सरप्लस बेसिक शिक्षको की जिले के भीतर तबादले की विज्ञप्ति जारी , 5 स्कूलों का देना होगा विकल्प प्रमाणिकता के लिए विभाग का नोटिस बोर्ड देखें या संपर्क करें
*शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट के लिए राज्य करेगा एनसीटीई से अनुरोध* हिन्दुस्तान टीम, लखनऊUpdated: 17 अगस्त, 2017 10:43 PM प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय देर रात बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह से वार्ता के बाद शिक्षामित्रों ने ऐलान किया कि बैठक का कार्यवृत्त जारी होने तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। बैठक में श्री सिंह ने शिक्षामित्रों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी। अध्यापक पात्रता परीक्षा से छूट के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को पत्र लिखने के लिए भी सहमति दे दी है। अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा मित्रों को आश्वस्त किया कि वह न्याय विभाग की राय लेने के बाद एनसीटीई को टीईटी से छूट के लिए पत्र लिखेंगे। शिक्षामित्रों ने अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने की मांग सामने रखी। उन्होंने मांग की कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करे और शिक्षक बनने तक शिक्षामित्रों को समान काम, समान वेतन के तहत मानदेय दे। अपर मुख्य सचिव ने इन तीनों मांगों को मुख्यमंत्री के सामने रखने का आश्वासन दिया। बेसिक शिक्षा विभाग समायोजित शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव रख रहा है जिस पर वे तैयार नहीं है। समायोजित शिक्षा मित्रों की मांग है कि वेतन की पूरी धनराशि उन्हें मानदेय के तौर पर दी जाए यानी 10 हजार की जगह लगभग 40 हजार रुपये मानदेय के तौर पर दिए जाएं। दूसरी तरफ शिक्षामित्रों का प्रदर्शन गुरुवार से फिर शुरू हो गया। कई जिलों में समायोजित शिक्षामित्रों ने सड़क जाम की और स्कूलों में पढ़ाई बाधित कीं। शिक्षा मित्र 19 अगस्त तक जिलों में प्रदर्शन करेंगे और 21 अगस्त को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन की तैयारी है। वहीं 25 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर भी आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार हो रही है। मैराथन बैठकों का दौर शिक्षामित्रों का मसला सुलझाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में सुबह से बैठकों का दौर जारी हो गया। गुरुवार को शासन स्तर पर दो बार शिक्षामित्रों से वार्ता की गई। वहीं देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से समायोजित शिक्षामित्रों की मुलाकात निर्धारित थी लेकिन किन्हीं कारणों से मुलाकात नहीं हो पाई। रात साढ़े 9 बजे दोबारा अपर मुख्य सचिव ने बैठक की और डेढ़ घण्टे की मैराथन बैठक के बाद भी नतीजा नहीं निकल पाया। बुधवार को भी विभागीय अपर मुख्य सचिव ने शिक्षामित्रों को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन पहले बिन्दु पर ही सहमति न बनने पर शिक्षा मित्र वार्ता अधूरी छोड़ बाहर निकल आए थे।
UPTETShiksha Mitra News - - मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्र मामले में दिया दखल -मुख्यमंत्री खुद बात करके शिक्षामित्र मामले का निकालेंगे समाधान हिन्दुस्तान टीम, लखनऊUpdated: 17 अगस्त, 2017 7:48 PM - मुख्यमंत्री खुद बात कर के शिक्षामित्र मामले का निकालेंगे समाधान प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय शासन स्तर पर बात न बनने से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ खुद शिक्षा मित्रों से बात करेंगे। गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने शिक्षा मित्रों को दोबारा बातचीत के लिए बुलाया लेकिन मानदेय पर सहमति न बनने पर मुख्यमंत्री से वार्ता करवाने के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री के अन्य कार्यक्रमों के कारण देर शाम तक वार्ता शुरू नहीं हो पाई है। बेसिक शिक्षा विभाग समायोजित शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव रख रहा है जिस पर वे तैयार नहीं है। समायोजित शिक्षा मित्रों की मांग है कि वेतन की पूरी धनराशि उन्हें मानदेय के तौर पर दी जाए यानी 10 हजार की जगह लगभग 40 हजार रुपये मानदेय के तौर पर दिए जाएं। वहीं ये धनराशि उन्हें तब तक दी जाए जब तक वे टीईटी पास न कर ले। वहीं उनकी एक और मांग है कि विभाग जो अगली टीईटी आयोजित करे उसमें केवल 1.37 लाख शिक्षामित्र ही भाग लें, इसमें अन्य अभ्यर्थियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाए। बुधवार को भी विभागीय अपर मुख्य सचिव ने शिक्षामित्रों को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन पहले बिन्दु पर ही सहमति न बनने पर शिक्षा मित्र वार्ता अधूरी छोड़ बाहर निकल आए थे। दूसरी तरफ, शिक्षामित्रों का प्रदर्शन गुरुवार से फिर शुरू हो गया। कई जिलों में समायोजित शिक्षामित्रों ने सड़क जाम की और स्कूलों में पढ़ाई बाधित की। शिक्षामित्र 19 अगस्त तक जिलों में प्रदर्शन करेंगे और 21 अगस्त को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन की तैयारी है। वहीं 25 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर भी आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार हो रही है। UPTET / टीईटी / TET - Teacher EligibilityTest Updates / Teacher Recruitment / शिक्षक भर्ती / SARKARI NAUKRI NEWS UP-TET 2011, 72825 Teacher Recruitment,Teacher Eligibility Test (TET), 72825 teacher vacancy in up latest news join blog , UPTET , SARKARI NAUKRI NEWS, SARKARI NAUKRI
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वार्ता विफल, गतिरोध बरकरार राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों और शासन के बीच गुरुवार को दो चक्रों में हुई वार्ता के बाद भी गतिरोध बरकरार है। शिक्षामित्रों की कुछ मांगों पर शासन की ओर से सकारात्मक रुख दिखाने पर तय हुआ कि लिखित आश्वासन मिलने तक आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह से गुरुवार को हुई वार्ता विफल रहने के बाद शिक्षामित्रों ने शाम को फिर बात की। उन्होंने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर करे और शिक्षक बनाने के लिए सरकार नया अध्यादेश लाए। अपर मुख्य सचिव का कहना था कि ऐसे अध्यादेश के बारे में फैसला मुख्यमंत्री ही ले सकते हैं। शिक्षक के लिए टीजीटी की अनिवार्यता से छूट दिलाने के लिए वह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यापक परिषद को पत्र लिखेंगे। किसी भी निर्णय पर पहुंचने में आठ से दस दिन का समय लगेगा।
ऑनलाइन आवेदन होंगे मान्य, जनपद के भीतर तबादला प्रक्रिया शुरू >>बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने बीएसए को भेजे स्थानांतरण के दिशा-निर्देश ’>>शिक्षक पैन व आधार नंबर से करेंगे आवेदन, बीएसए ऑनलाइन करें सत्यापन राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में जिले के अंदर तबादले के लिए केवल वही ऑनलाइन आवेदन मान्य होंगे, जो रिक्त पदों के सापेक्ष किए जाएंगे। अन्य विद्यालयों या फिर जहां कोई पद खाली नहीं है वहां के लिए आवेदन मान्य नहीं होगा। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने तबादले के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।
परिषदीय स्कूलों में जिले के अंदर होने वाले यह तबादले बीते 13 जून को जारी स्थानांतरण नीति के तहत होना है। निर्देश है कि हर शिक्षक व शिक्षिका ऑनलाइन आवेदन करने से पहले जिले के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्तियों की सूचना बीएसए व बीआरसी कार्यालय से अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लें, क्योंकि रिक्त पद के सापेक्ष ही आवेदन मान्य होंगे अन्य ऑनलाइन आवेदनों पर विचार ही नहीं किया जाएगा। शिक्षकों के सैलरी डाटा में उपलब्ध सभी स्कूलों की सूची प्रदर्शित होगी लेकिन, उन्हीं स्कूलों को विकल्प के रूप में चुनना होगा, जहां रिक्तियां प्रदर्शित हों। शिक्षकों को आवेदन में प्रथम नियुक्ति की तारीख, आधार संख्या, पैन नंबर, वेतन खाता संख्या, जन्मतिथि, पांच विद्यालयों के नाम जहां रिक्ति हो का विवरण बीएसए को पहले ही तैयार कराना होगा। शिक्षक आवेदन करते समय पैन नंबर व आधार संख्या का प्रयोग करेंगे। आवेदन में शिक्षक को अपनी फोटो भी अनिवार्य रूप से अपलोड करानी होगी। आवेदन पत्र अंतिम रूप से भरने के बाद शिक्षक को उसका दो प्रिंट आउट लेना होगा। जिसमें से एक प्रति को संबंधित साक्ष्यों के साथ बीएसए कार्यालय में 21 से 29 अगस्त के बीच अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। सचिव ने निर्देश दिया है कि आवेदन अंतिम रूप से भरे जाने के बाद ही वह पत्र पूर्ण माना जाएगा, उसके बाद आवेदन पत्र में कोई संशोधन नहीं हो सकेगा। यह आवेदन पत्र बीएसए के लॉगिन पर ऑनलाइन संस्तुति के लिए उपलब्ध रहेगा। परिषद केवल बीएसए की ओर से संस्तुत आवेदनों पर ही विचार करेगा। यदि शिक्षक को बैंक खाता या फिर पैन नंबर का प्रयोग करके आवेदन करने में कोई कठिनाई होती है तो वह बीएसए कार्यालय से अपने डाटा की जानकारी प्राप्त कर ले और जो सैलरी डाटा में उपलब्ध है उसी का प्रयोग करके आवेदन करें। सचिव ने निर्देश दिया है कि जिले की रिक्तियों, शिक्षकों के सैलरी डाटा में किसी तरह की विसंगति के लिए बीएसए कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। परिषद ने भी हेल्पलाइन शुरू की है जिसका नंबर 9455413563 है।’