सीरिया में रूस के दूतावास पर दागा गया रॉकेट, रैली को बनाया निशाना, अफरा-तफरी
******************************************************
नुसरा फ्रंट ने सोशल साइट पर शेयर किया इनाम के पोस्टर
Al-Qaeda Affiliate Issues Bounty for Capture of Russian
सोशल साइट पर इनाम के पोस्टर
नुसरा फ्रंट के एक लीडर अबु हसन अल कुवैती ने ट्विटर हैंडल @AboHassan1123 से ट्वीट किया था, "मेरे मुजाहिदीन भाइयों, जो भी रूसी सैनिक को पकड़कर लाएगा, उसे एक मिलियन सीरियन पाउंड बतौर इनाम दिया जाएगा।" अल कुवैती को नुसरा फ्रंट का धार्मिक नेता माना जाता है। ट्विटर पर सपोर्टर्स के बीच दो पोस्टर शेयर किए जा रहे थे। इनमें इनाम दिए जाने की घोषणा की गई है।
पोस्टर में क्या?
सोशल मीडिया पर अरबी, रूसी और अंग्रेजी भाषाओं में पोस्टर के जरिए इनाम की घोषणा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टर में एक रूसी सैनिक को पकड़कर लाने वाले आतंकी को एक मिलियन सीरियन पाउंड (5,300 अमेरिकी डॉलर) बतौर इनाम दिया जाएगा।
पुतिन को भी मारने की धमकी
आतंकियों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी जान से मारने की धमकी दी। इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग ग्रुप SITE (आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाला संगठन) की डायरेक्टर रीटा कैज ने इस संबंध में एक ट्वीट किया था। बता दें, रूसी संसद से सीरिया में हवाई हमले की मंजूरी मिलने के बाद से ही रूसी फाइटर जेट आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा रहे हैं
दमिश्क. सीरिया में मंगलवार को रशियन एंबेसी पर हुए रॉकेट हमले को रूस ने टेररिस्ट अटैक करार दिया है। बता दें, राजधानी दमिश्क में मंगलवार सुबह रशियन एंबेसी के कम्पाउंड पर रॉकेटों से हमला किया गया था। इसमें किसी के घायल होने की खबर नहीं है। हमले को रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने 'एक्ट ऑफ टेररिज्म' बताया है।
विद्रोहियों को हो सकता है हाथ
हमले के पीछे सीरियाई विद्रोहियों का हाथ माना जा रहा है। बता दें कि रूस के जेट बीते 30 सितंबर से सीरिया में आईएसआईएस और सीरियाई विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं। एंबेसी पर हुए हमले को इसी का जवाब माना जा रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमला उस वक्त हुआ, जब रशियन एंबेसी के कम्पाउंड में सीरिया सरकार के 300 समर्थकों की रैली चल रही थी। ये लोग रूसी सरकार को सीरिया में दखल देने के लिए धन्यवाद देने आए थे। इसी दौरान दो धमाके हुए। इस दौरान कम्पाउंड धुएं से भर गया। माना जा रहा है कि ये रॉकेट से किया गया हमला था। इसके पीछे सीरिया के अल-नुसरा फ्रंट का हाथ हो सकता है। अल-नुसरा फ्रंट सीरिया में अल कायदा की ब्रांच बना है।
रूसी सैनिकों को पकड़ने के लिए रखा था इनाम
कुछ दिन पहले विद्रोही संगठन ने रूसी सैनिकों को पकड़कर लाने पर इनाम का एलान किया था। संगठन ने कहा था कि रूसी सैनिकों को पकड़ने वालों को तीन मिलियन सीरियन पाउंड या 16000 डॉलर (करीब 10 लाख रुपए) इनाम दिया जाएगा
\
एयर स्ट्राइक से बौखलाए विद्रोही? सीरिया में रशियन एंबेसी पर रॉकेटों से हमला
******************************************************
नुसरा फ्रंट ने सोशल साइट पर शेयर किया इनाम के पोस्टर
Al-Qaeda Affiliate Issues Bounty for Capture of Russian
सोशल साइट पर इनाम के पोस्टर
नुसरा फ्रंट के एक लीडर अबु हसन अल कुवैती ने ट्विटर हैंडल @AboHassan1123 से ट्वीट किया था, "मेरे मुजाहिदीन भाइयों, जो भी रूसी सैनिक को पकड़कर लाएगा, उसे एक मिलियन सीरियन पाउंड बतौर इनाम दिया जाएगा।" अल कुवैती को नुसरा फ्रंट का धार्मिक नेता माना जाता है। ट्विटर पर सपोर्टर्स के बीच दो पोस्टर शेयर किए जा रहे थे। इनमें इनाम दिए जाने की घोषणा की गई है।
पोस्टर में क्या?
सोशल मीडिया पर अरबी, रूसी और अंग्रेजी भाषाओं में पोस्टर के जरिए इनाम की घोषणा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टर में एक रूसी सैनिक को पकड़कर लाने वाले आतंकी को एक मिलियन सीरियन पाउंड (5,300 अमेरिकी डॉलर) बतौर इनाम दिया जाएगा।
पुतिन को भी मारने की धमकी
आतंकियों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी जान से मारने की धमकी दी। इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग ग्रुप SITE (आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाला संगठन) की डायरेक्टर रीटा कैज ने इस संबंध में एक ट्वीट किया था। बता दें, रूसी संसद से सीरिया में हवाई हमले की मंजूरी मिलने के बाद से ही रूसी फाइटर जेट आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा रहे हैं
दमिश्क. सीरिया में मंगलवार को रशियन एंबेसी पर हुए रॉकेट हमले को रूस ने टेररिस्ट अटैक करार दिया है। बता दें, राजधानी दमिश्क में मंगलवार सुबह रशियन एंबेसी के कम्पाउंड पर रॉकेटों से हमला किया गया था। इसमें किसी के घायल होने की खबर नहीं है। हमले को रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने 'एक्ट ऑफ टेररिज्म' बताया है।
विद्रोहियों को हो सकता है हाथ
हमले के पीछे सीरियाई विद्रोहियों का हाथ माना जा रहा है। बता दें कि रूस के जेट बीते 30 सितंबर से सीरिया में आईएसआईएस और सीरियाई विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहे हैं। एंबेसी पर हुए हमले को इसी का जवाब माना जा रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमला उस वक्त हुआ, जब रशियन एंबेसी के कम्पाउंड में सीरिया सरकार के 300 समर्थकों की रैली चल रही थी। ये लोग रूसी सरकार को सीरिया में दखल देने के लिए धन्यवाद देने आए थे। इसी दौरान दो धमाके हुए। इस दौरान कम्पाउंड धुएं से भर गया। माना जा रहा है कि ये रॉकेट से किया गया हमला था। इसके पीछे सीरिया के अल-नुसरा फ्रंट का हाथ हो सकता है। अल-नुसरा फ्रंट सीरिया में अल कायदा की ब्रांच बना है।
रूसी सैनिकों को पकड़ने के लिए रखा था इनाम
कुछ दिन पहले विद्रोही संगठन ने रूसी सैनिकों को पकड़कर लाने पर इनाम का एलान किया था। संगठन ने कहा था कि रूसी सैनिकों को पकड़ने वालों को तीन मिलियन सीरियन पाउंड या 16000 डॉलर (करीब 10 लाख रुपए) इनाम दिया जाएगा
\