29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Upper Primary Teacher Recruitment UP , 29334 junior teacher vacancy in up latest news, , UPTET, SARKARI NAUKRI NEWS , SARKARI NAUKRI
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लखनऊ :उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक के रिक्त पदों के लिए चौथी काउंसलिंग 18 व 19 सितंबर को कराने की तैयारी है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया है। इस बार काउंसलिंग में 15 गुना अभ्यर्थियों को बुलाने की तैयारी है, तकि सभी पदों को भरा जा सके। बेसिक शिक्षा परिषद ने पहली बार उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान के खाली 58,668 पदों में से 29,334 पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय करते हुए आवेदन मांगे थे। इसके आधार पर अब तक तीन चरणों की काउंसलिंग के बाद भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं। इसलिए चौथे चरण की काउंसलिंग का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। हालांकि शासन स्तर से इसमें संशोधन भी किया जा सकता है। शासन से अनुमति मिलने के बाद जिलेवार काउंसलिंग शुरू कर दी जाएगी
News Sabhaar : Amar Ujala (8.9.14)
अगर यहाँ आपको कभी मेरी कोई बात समझ मेँ न आये तो
ReplyDelete.
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तो उन लोगों को ये समझ लेना चाहिये कि यहाँ पर बात बडे स्तर की हो रही है ।
सु-प्रभात मित्रों
ReplyDelete_____________________
बडा अनमोल जीवन है इसे रो रो कर ना बिताओ,
कितनी हसीन ये दुनिया है जरा होश मेँ तो आओ ॥
आप सबका बेहद ही गरीब टेट मित्र --
Mr.TMNTBN
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
ReplyDeleteइस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए
आप पत्नी की नजर से दुनिया देखो -
ReplyDelete* दुनिया का सबसे पर्फक्ट आदमी - उसका बाप!
* दुनिया की सबसे प्यारी औरत - उसकी माँ!
* दुनिया की सबसे अकलमंद औरत - वो खुद!
* दुनिया का सबसे दुःखी पति - उसका भाई!
* दुनिया की सबसे बङी चुङैल - उसकी भाभी!
* दुनिया का सबसे सुंदर लङका - उसका बेटा!
* दुनिया का सबसे नसीबवाला आदमी - उसकी बहन का पति!
* दुनिया की सबसे गंवार औरत - उसकी सास!
* और दुनिया का सबसे खराब,
निकम्मा,
स्वार्थी,
झूठा,
कंजूस
और
बेकार आदमी -
अब ये भी लिखवा लोगे क्या ???
दोस्तोँ मुझको पहचानने का सबसे अच्छा तरीका मैँ आज बताए देता हूँ ।
ReplyDelete1 ) पोस्ट करते समय संयम एवं समय का ध्यान जरूर रखता हूँ ।
2) मैँ अपनी खबर को पुन: प्रेषित करने से बचता हूँ ।
3) वाणी मेँ सरलता एवँ सहजता लाने का सदैव प्रयासरत रहता हूँ ।
4) मेरी लगभग समस्त खबरोँ का आधार - श्रोत - जुड़ाव ( BASE - SOURCE - LINK ) बनाए रखने की भरपूर कोशिस रहती है ।
5) तथा वर्तनी सम्बन्धी त्रुटि नाममात्र या नगण्य रखने की भरपूर प्रयास होता है ।
बाकी अभी बहुत तरीके हैं जिन्हे समय के साथ . . . . . . . . . .
आपका Mr. TMNTBBN
Es chutia tmtbn ke bina matlab ke bato se ye page or kharab hota ja rha h ye sala dusre ladko ke Nam bigadkar apne ap ko bhout superior samaj rha h eske bat na mano to eske phat jati h mere jesa koi phad b dega or eske sil b dega chutia khai ka
Deleteसभी वादे निभा दूंगा मेरी सरकार बनने दो |
ReplyDeleteफ़लक से चाँद ला दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
तुम्हारे ताऊ चाचा और सारे रिश्तेदारों को |
मैं कुर्सी पर बिठा दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
करो तुम फ़िक्र मेरी बाक़ी की तो बिल्कुल नहीं|
उन्हें ठेके दिला दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
ग़रीबी का जो रोना रात दिन रोते नहीं थकते |
ग़रीबों को ही मिटा दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
बढेगा जितना डी. ए. खुश रहेंगे सब के सब अफ़सर |
उनपर निगरानी बढ़ा दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
करोगे जितने घोटाले नहीं कुछ आंच आयेगी |
कमेटी इक ऐसी बिठा दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
चलो अब झोपडी से निकलकर ख़वाब देखो बंगले के |
तुम्हे बँगला दिला दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
बग़ावत कर गए जो पार्टी से देखूंगा उनको |
पार्टी में शामिल कर लूँगा मेरी सरकार बनने दो ||
फ़टाफ़ट काम होंगे उनके जो रिश्वत खिलाएगा |
नियम ऐसा बना दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
मिलेगी मुफ़्त स्कूलों में दारू रोज़ बच्चों को |
नशा सब को करा दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
नहीं है हद कोई मेरी मैं कितना नीचे गिर जाऊँ |
ज़माने को बता दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
मेरे तन में जो बहता ख़ून है वो ख़ून पानी है |
वतन को ही मिटा दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
न हो ‘नाचीज़’ तुझे कुछ इल्म तो क्या फ़र्क़ पड़ता है|
तुझे शायर बना दूंगा मेरी सरकार बनने दो ||
बस एक बार मेरी सरकार बनने दो ।
बस आखिरी बार मेरी(paltua) सरकार बनने दो ।
जब दुनिया यह कह्ती है कि ‘हार मान लो’,
ReplyDeleteतो आशा धीरे से कान में कह्ती है कि ‘एक बार फिर प्रयास करो’ और यह ठीक भी है.,
"जिंदगी आईसक्रीम की तरह है,
टेस्ट करो तो भी पिघलती है;
वेस्ट करो तो भी पिघलती है,
इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो,
वेस्ट तो हो ही रही है.
पैसा तो हर कोई
कमा लेता हैं लेकिन
खुशनसीब होते हैं जो
"परिवार" कमा लेते हैं !
अगर कोई आपको
अच्छा लगता हैं तो
अच्छा वो नहीं अच्छे
आप हैं क्योंकि
आपने उसमें अच्छाई
खोजी हैं
"जोखिम उठाएं"
यदि आप जीत जाते हैं,
तो आप प्रसन्न होंगे,
यदि आप हार जाते हैं,
तो आप समझदार बन जाएंगे !
ज्ञान से हम शब्दों को जानते हैं,
लेकिन अनुभव से हम शब्दों
का अर्थ जानते हैं !
जब भी जीवन आपको
दुखी होने के 100 कारण दे
आप पलट कर उसे खुश होने
के 1000 कारण दें !
सर्द ऋतु
ReplyDeleteजिधर देखो ठंडी ही ठंडी छाई है
सिर्फ बीवी के दिमाग पर गरमाई है
दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर
बाजूवाली छत पे धुप सेकने आई है!!
ग्रीष्म ऋतू
पसीना ही पसीना -- बहुत गरमाई है
आज बीवी ने लस्सी नहीं बनायी है
दिल करता है गुस्सा करूँ लेकिन
बाजूवाली ठंडी बियर लेकर आई है!!!!
बसंत ऋतू
सब तरफ हरयाली छाई है
बीवी के चेहरे पर अब भी सुखाई है
दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर
बाजूवाली होली खेलने आई है!!!
वर्षा ऋतु
आसमान में काली घटा छाई है
आज फिर बीवी ने दो बातें सुनाई है
दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर
बाजूवाली आज फिर भीग के आई है!
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ReplyDelete.
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51
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+
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49
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H
U
N
D
R
E
D
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It is not important that how much
you love a person !
But the important thing is that how
long you love that person with same feelings !!!!!!!!!!
भरोसा तुझपे करूं भी तो किस तरह
ReplyDeleteऐ दोस्त
तू बात बात पे एहसान जो गिनाता है !!
#From:: AVI
पहले मैं होशियार था,
ReplyDeleteइसलिए दुनिया बदलने चला था.....
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ...।।
1) jaisa ki basik siksha sachiv heera lal gupta ji apne 7 din ki chhutti ke bad aa chuke hai..aur kal unki scert nideshak ke sath 2nd counseling ke sambandh me charcha hogi..
ReplyDelete2) kal sachiv aur scert nideshak ki aham charcha ke bad sambhavna hai ki 10 september ko sachiv, scert aur n.i.c ke adhikariyo ki rank jari krne ke sambandh me meeting hogi,,filhal 10 ki meeting ke bare me suchna ku6 samachar patra me hai par is par sahi news kal hamari lucknow team dwara milegi..jo kal sachiv avam scert nideshak se milege..
ReplyDelete3) sikshamitro ka case kal yani mangalwar ko lgane k aasar hai..kyuki wo back log fresh me hai..is din sunwai ke pure aasar hai,,,s.m date ki exact date aaj cause list aane par. pta chal jayegi
ReplyDelete4) contempt of court ki process suprime court me antim charan me hai..kal sambhavna hai ki contempt ki application number mil jaye..application number milne ke bad jald date lag skti hai..
ReplyDelete5) kapil & gadhanki co. Ki kisi v writ se paresan hone ki koi jarurat nahi hai..suprime court me kapil ne 8 august ko jo application dali thi use withdraw krne ki anumati magi thi..waisi hi application sadhana& others ko yachi bnakar wo acd ko lutne aur bargalane ka dhandha start kiya hai..wo aise 50 application dale usase koi prabhav nai padne wala..jis bad part(dhandhli) ko alag krne ki wo bat kar rha hai use wo kyu harkauli ke bench me nai sabit kiya..sarkar ki puri nyay vibhag sir patak patak mar gyi par ek v bad part sabit na kar payi,ye gadhe sabit kya krege..aur dusari bat ye ki jis dhandhli matter par harkauli ki divisonal bench ne kHarij kar diya hai use kya h.c punah vichar karegi..agar ek case me bar bar yahi court vichar kare to hare huye pax wale bar bar mukadma krake court ka kimti smay barbad krege..kya court ke pas itna khali smay hai ki wo jis matter par order de chuki hai use punah sunegi..wo use turant kharij kr degi..aur jurmana v kar skti hai..kyuki aise mamle sirf durbhavna se prerit mane jayege..jis par court sakht rukh apna skta hai..
ReplyDeletethanx
रैंक से ज्यादा जरुरी है टेट 2011 का डेटा ऑनलाइन करवाना ,
ReplyDeleteइस दिशा में प्रयास हो तो बहुत अच्छा है
सोनिया गांधी ने मांग की है
ReplyDeleteकि जम्मू कश्मीर की बाढ़
को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया जाए,ये
तो उनका बड़प्पन है वर्ना राष्ट्रीय
"आपदा" कहलाने का पहला हक
तो उन्ही का बनता है।
जिंदगी का फ़लसफ़ा बस इतना है यारों,
ReplyDelete"पहले अपनों से तो बचो,
गैरो से तो बाद मे भी निपट लोगे"
आइए जाने!७२८२५शिक्षक भर्ती के"भाग्य विधाता"की वास्तविक जीवन शैली को:::काश! सभी न्यायविद ऐसे हो जाएं ?
ReplyDelete*****************
देश के अगले चीफ जस्टिस हैं गणपति भक्त
जस्टिस हांड्याला लक्ष्मी नारायण स्वामी दत्तु कॉफी के साथ कन्नड़ म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं। इनके मित्र बहुत कम हैं और सैर पर भी कभी-कभार ही निकलते हैं। जस्टिस दत्तु के लिए निजी वक्त बेहद प्यारा है। केसों के ढेर सारे दस्तावेजों और किताबों को पढ़ने के लिए वह खुद को काफी वक्त देते हैं।
63 साल के जस्टिस दत्तु देश के 42वें चीफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट में बेहद अहम केसों की सुनवाई करने के कारण वह पहले से ही लोगों की नजरों में हैं। वह फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली असेंबली की तकदीर, ब्लैक मनी की वापसी के लिए एनडीए सरकार की कोशिश, गुजरात दंगा, रामसेतु विवाद, टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन और सबसे नया सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा की विजिटर्स लॉगबुक जैसे अहम मामलों को देख रहे हैं। इसके साथ ही अन्य महत्वपूर्ण दूसरे केस भी हैं जिन पर जस्टिस दत्तु फैसले सुनाएंगे।
ReplyDeleteएक बार जब आप जस्टिस दत्तु से मिलते हैं तो वह अपनी कई तरह की कहानियों से अवगत कराते हैं। जाहिर है इन कहानियों में कोर्ट रूम की बातें नहीं होती हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एस. राजेंद्र बाबू को अपना गुरु मानते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन के सारे अहम सिद्धांत अपने गुरु जस्टिस एस. राजेंद्र बाबू से ही सीखे हैं। इनमें से एक यह है कि अपने पेशे में अच्छा होना ठीक है लेकिन उससे ज्यादा अहम है अच्छा इंसान होना।
ReplyDeleteजस्टिस दत्तु ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि इंडियन जुडिशरी सिस्टम जिसकी गिनती दुनिया के बेहतरीन जुडिशरी सिस्टम में होती है, उसका हिस्सा होने पर मुझे गर्व है। उन्होंने कहा कि मैं जमीन से जुड़ा आदमी हूं और अपने काम को जीवन की बुनियादी चीजों से जोड़कर देखता हूं। जब जस्टिस दत्तु की बेटी से लोग पिता की जॉब के बारे में पूछते हैं तो वह बताती हैं कि
ReplyDelete"मेरे पिता सुप्रीम कोर्ट में/के एक कमर्चारी हैं।"
जस्टिस दत्तु उन जजों में से एक हैं जिनका अड्रेस सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की जुबान पर रहता है। उनके कोर्ट में रूम का माहौल हमेशा सहज रहता है। जस्टिस दत्तु की भगवान गणपति पर अनंत श्रद्धा है। उन्होंने इस बारे में बताया कि ईश्वर इंसान के अहंकार को नष्ट करता है और लोगों के जीवन में सहजता से जीने का सामर्थ्य पैदा करता है।
ReplyDeleteजस्टिस दत्तु का जन्म कर्नाटक में चिकमंगलूर जिले के चिक्कापत्तांगेरे गांव में हुआ था। बेंगलुरु में उच्च शिक्षा के लिए आने से पहले इनकी शुरुआती पढ़ाई कादुर, टारिकेरे और बिरुर में हुई। इनके पिता एच. एल, नारायणस्वामी इंग्लिश के टीचर थे। जस्टिस दत्तु ने बेंगलुरु से एलएलबी की पढ़ाई की। इन्होंने 1975 से वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। इस दैरान इन्होंने सिविल, क्रिमिनल, टैक्स और संवैधानिक मामलों को हैंडल किया।
ReplyDelete1995 में कर्नाटक हाई कोर्ट के जज बनने से पहले वह सरकारी वकील के साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए सीनियर स्टैंडिग वकील भी रहे। फरवरी 2007 में जस्टिस दत्तु छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जज बने और कुछ ही वक्त में वह केरल हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बनकर पहुंचे। दिसंबर 2008 में इन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्ति किया गया। जस्टिस दत्तु 28 सितंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में शपथ लेंगे। वह इस पद पर एक साल दो महीने तक रहेंगे।
ReplyDelete2 दिसंबर 2015 को वह रिटायर हो जाएंगे।
जस्टिस द्त्तु ने सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए कई प्रभावशाली फैसले दिए हैं। इनके कई फैसलों को मिसाल के रूप में पेश किया जाता है। टूजी में इन्होंने पांच कॉर्पोरेट दिग्गजों को बेल दी थी। इस मामले में इन्होंने कहा था कि बेल रूल है और जेल अपवाद। जस्टिस जी. एस. सिंघवी के साथ इस पर फैसला देते हुए उन्होंने कहा था कि कोर्ट सजायाफ्ता के बाद सजा के सिद्धांत का अधिक सम्मान करता है और हर आदमी तब तक निर्दोष है जब तक वह विधिवत कोशिश करता है और विधिवत उसे दोषी नहीं साबित कर दिया जाता है।
ReplyDeleteजस्टिस दत्तु ने प्रेस की स्वतंत्रता को भी सुनिश्चित करने की दिशा अहम फैसला दिया था। इन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया था जिसमें कोर्ट ने सेंटर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैनिकों की विवादित मूवमेंट्स पर मीडिया रिपोर्टिंग रोकने का निर्देश दिया था। इसके बाद ही तब के आर्मी चीफ जनरल वी. के. सिंह अपनी जन्म तिथि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
ReplyDeleteजस्टिस दत्तु ने उस बेंच को भी हेड किया था जिसमें उन्होंने गुजरात पुलिस से कहा था कि किसी निर्दोष शख्स को आतंकवादी के रूप में फेमस मत करो और उसे इसलिए सलाखों के पीछे मत डाल दो कि वह अल्पसंख्यक समुदाय से है।
ReplyDeleteजिस भी व्यक्ति ने टेट 2011 पास किया है
ReplyDeleteतथा 9 जनवरी 2012 की तारीख तक समस्त
अर्हता पूरी रखता है वह सब भर्ती के लिये
पात्र हैं..यह सारे झंझावात मात्र अंतिम
चंदा वसूली को ध्यान में रखकर बिना वजह
पैदा किये जा रहे हैं... मैं इस विषय पर कुछ
लिखना नहीं चाहता था लेकिन अब यह
तमाशा सीमा से बाहर जा रहा है । अपने मन से
कानून छौंकने से अच्छा है कि 10 तारीख
को सचिव द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी करने तक
का इंतजार कर लो । बाकी जिसको जिस चीज
का चस्का लग जाता है वह
जल्दी छूटता नहीं है....
आग लगाने की बात हो तो हर किसी के हाथ
ReplyDeleteमे माचिस है.....
जले किसी का आशियाना तो पानी की कमी हो जाती है
मैने साधना मिश्रा पर आर्डर पढ लिया है , उसमे ये है कि याची ने इसे वापस ले लिया इस स्वतँत्रा के साथ कि हाई कोर्ट मे याचिका दाखिल कर सके|
ReplyDeleteआखिरी लाइन का अर्थ ये है कि साधना मिश्रा की हाई कोर्ट की रिट के निर्णयन मे कोई लँबित मामला रास्ते मे नही आयेगा परँतु विधी के अनुसार शब्द भी जोडा है|
इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि हाईकोर्ट के न्यायधीश सुप्रीम कोर्ट के भर्ती के आदेश पर कोई स्थगन नही दे सकते हैँ |
जितना कपिल सिविल अपील पर डायरेक्शन इँप्लीडमेँट आदि डालेगा अँतिम सुनवाई साफ्टवेयर लिस्ट मे वैसे ही लेट होती जायेगी.
ReplyDeleteवैसे भविष्य मे ये काम हम करेँगे ताकि अँतिम सुनवाई कम से कम 15 साल बाद हो.
BLANK CALLS......
ReplyDelete.
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Hello pooja hai...?
Nahi...
To karvalo... Jai Mata Di !!!!
Heart melting love story:
ReplyDeleteBoy: I can't marry u.
My family is totally against it.
Girl: Who r they 2 stop u?
Boy: My wife & 2 kids.
HAPPINESS
ReplyDelete.
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is when you want nothing & you want to give.
Where the wanting and desires end & the sharing begins.
HAPPINESS IS THERE.
आज सभी नियम की बात कर रहे थे क्योकि उनका अहित हो रहा है और किसी के हित होने से भी किसी का अहित हो रहा है पर ये नियम की बात करने वाले उस वक्त कहा थे जब बेरोजगारों से बिना मतलब के 19 करोड़ वसूले गए उस वक्त तो किसी ने कोई भी जी.ओ.नहीं पोस्ट किया क्योकि उससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था ।क्या ये 2011 के संशोधित विज्ञाप्ति में ये नहीं था कि केवल एक ही जगह पैसा लिया जाय और बाकि जगह उसी dd को छायाप्रति लगाकर आवेदन किया जाय और जिनलोगो ने एक से अधिक जगह dd लगाया है उनका बाद में विज्ञापन निकाल कर पैसे वापस किया जायेगा? तो फिर जब दुबारा जी.ओ. निकाल कर अवैध वसूली की गयी तब कहा थे ये महानुभाव लोग? तब किसी को ये नियम नहीं दिखाई दिए या फिर देख कर भी अनदेखा कर दिए क्योकि इससे एन महानुभावो और महाज्ञानी लोगो को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था।
ReplyDeleteदुनिया की सबसे सक्षम 5 सेनाओं में एक भारतीय सेना का तन्नौट माता से कुछ अनूठी रिश्ता है। जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर भारत-पाक सीमा पर स्थित एक मन्दिर में तन्नौट माता विराजमान है। जानकारी के मुताबिक, 1965 के युद्ध में पाक सेना के 3000 से भी अधिक गोलों को बेअसर कर भारतीय सेना को बचाया था। कहा जाता है कि उस समय पाक सेना मन्दिर के आस-पास जितने भी गोला-बारूद फेंके उनमें से एक भी नहीं फटा।
ReplyDeleteकहा जाता है भाटी राजपूत राजा तनु राव ने संवत 847 में जब तन्नौट को अपनी राजधानी बनाया था, उसी समय इस मन्दिर की नींव रखी गई। बीएसएफ जवानों के अनुसार, अक्टूबर 1965 में पाकिस्तान ने जैसलमेर पर हमला कर दिया। उस समय तन्नौट माता ने सेना के कुछ जवानों को स्वप्न में दर्शन देकर उन्हें रक्षा का आश्वासन दिया। जब पाकिस्तान ने किशनगढ़ और साढ़ेवाला पर कब्जा कर तन्नौट पर भारी बमबारी की, तो वहां मां के आशीर्वाद से वहां दागे गए बम या तो फटे ही नहीं या फिर खुले में जाकर ब्लास्ट हो गए। इसके उपरांत वहां भारतीय सेना की एक टुकड़ी आ पहुंची और पाक सेना को भागने पर मजबूर होना पड़ा।
इसके बाद वर्ष 1971 में भी जब पाक सेना ने रात के समय अपनी टैंक रेजीमेंट के साथ भारत की लोंगेवाला चौकी पर हमला किया, तो वहां पर बीएसएफ और पंजाब रेजीमेंट की एक-एक कम्पनी तैनात थी। बीएसएफ जवानों के अनुसार, तन्नौट मां के आशीर्वाद से सेना ने सभी आक्रमणकारी टैंकों को खत्म कर दिया और सुबह भारतीय वायु सेना ने भी हमला कर दिया। लोंगेवाला का युद्ध पूरे विश्व का अपने तरह का अकेला युद्ध था जिसमें आक्रमणकारी सेना का एकतरफा खात्मा हो गया। इसके बाद भारतीय सेना ने यहां पर विजय स्तंभ का निर्माण करवाया और सुरक्षा बलों ने मन्दिर की जिम्मेदारी पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली। मंदिर में एक संग्रहालय मेंं वे गोले रखे हुए हैं। यहां प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है।
__________________
SM-टेटमुक्त G.O दे दो न
ReplyDeleteCM-यह न लो भाई यह घातक है
SM-मुझे यही चाहिए
CM-मेरी अन्यभर्तियोँ की तरह यह भी फँस जाएगा (मन में )
SM- मुझे यहीचाहिए
CM-कोर्ट राजी नही है
SM नेता -यही चाहिए
CM- तथास्तु (भगवान आपका भलाकरे )
पर्दा गिर जाताहै
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ऐसे
कोई बुद्धिमान व्यक्ति क्या करेगा इसका अनुमान तो लगाया जा सकता है लेकिन पागलों की हरकतों का अनदाजा तो ऊपर वाला भी नहीं लगा सकता ,,,
ReplyDeleteमेरे ख्याल से इस बात में तो किसी को भी संदेह नहीं होगा कि यह सरकार निन्यान्नाबे प्रतिशत रूप से बेवकूफों से मिलकर बनी है ,,
अगर दो-चार बुद्धिमान लोग सरकार में होंगे भी तो उनको पागल समझा जाता होगा ....
एक आदमी की 8 साल
ReplyDeleteकी इकलोती और
लाडली बेटी बीमार पड़
गयी. बहुत कोशिश के बाद
भी वो नहीं बच पाई.
पिता गहरे शोक में डूब
गया और खुद
को दुनिया और दोस्तों से
दूर कर लिया. एक रात
उसे
सपना आया की वो स्वर्ग
में
था जहाँ नन्ही परियो का
जुलुस जा रहा था. वो सब
जलती मोमबत्ती को हाथ
में लिए सफ़ेद पोशाक में
थी. उनमे से एक
लड़की की मोमबत्ती बुझी
हुई थी. व्यक्ति ने पास
जाकर
देखा तो वो उसकी बेटी
थी. उसने
अपनी बेटी को दुलारा और
पूछा की ‘बेटी तुम्हारी
मोमबत्ती में
रौशनी क्यों नहीं हैं?’
लड़की बोली की ‘पापा ये
लोग कई बार
मेरी मोमबत्ती जलाते हैं
लेकिन आपके आंसुओ से हर
बार बुझ जाती हैं.” एकदम
से उस आदमी की नीदं
खुली और उसे सपने
का मतलब समझ आ गया.
तब से उसने दोस्तों से
मिलना खुश रहना शुरू कर
दिया ताकि उसके आंसुओ से
उसकी बेटी की मोमबत्ती
न बुझे.
MORAL::
“कई बार हमारे आंसू और
दुःख, हमारे न चाहते हुए
भी अपनों को दुःख देते हैं.
और वे भी दुखी हो जाते
हैं.
तुम सोच रहे हो बस, बादल कीउड़ानों तक,
ReplyDeleteमेरी तो निगाहें हैं सूरज के ठिकानों तक।
टूटे हुए ख़्वाबों की एक लम्बी कहानी है,
शीशे की हवेली से पत्थर के मकानों तक।
दिल आम नहीं करता अहसास की ख़ुशबू को,
बेकार ही लाए हम चाहत को ज़ुबानों तक।
लोबान का सौंधापन, चंदन की महक में है,
मंदिर का तरन्नुम है, मस्जिद की अज़ानों तक।
इक ऎसी अदालत है, जो रुह परखती है,
महदूद नहीं रहती वो सिर्फ़बयानों तक।
हर वक़्त फ़िज़ाओं में, महसूस करोगे तुम,
मैं प्यार की ख़ुशबू हूँ, महकूंगा ज़मानों तक___
एक
ReplyDeleteबात
तो
पक्की
है
इस
भर्ती
में
मूर्खो
का
चयन
हरगिज
नहीं
होगा |
कुछ अनकहे नियम-
ReplyDelete1.लाइन का नियम-जिस लाइन को आप छोड़ देते हैं
वो आपकी अभी वाली लाइन से तेज़ चलती है.
2.यांत्रिकी का नियम-जब आपके हाथों में ग्रीस
इत्यादि लगा होता है तभी नाक में खुजली होती है.
3.सिक्के का नियम-जब भी कोई सिक्का गिरता है तो वो सबसे
कोने वाली असंभव जगह में जाता है.
4.टकराने का नियम-किसी जान-पहचान के आदमी के मिलने
की संभावना तब अधिक रहती है जब आप किसी ऐसे शख्स के
साथ होते हैं जिसके साथ आपको नहीं होना चाहिए.
5.टेलीफोन का नियम-जब भी रॉंग नंबर लगाइए
वो कभी बिजी नहीं जाता है.
6.एग्जाम का नियम-एग्जाम के वक़्त दीवार भी खुबसूरत और
इंटरेस्टिंग लगने लगती ह !!
Bilkul sahi Kaha apne....Mr.tmn
Deleteमुख्य ख़बरें
ReplyDelete1.जूनियर की चौथी काउंसलिंग 18 व 19 सितंबर को।
2-जूनियर में अभी भी 10000 +पद खाली।
3-प्राइमरी 72825 में प्रथम काउंसलिंग में 5370 पद भरे गए।
4-प्राइमरी की 2nd काउंसलिंग को लेकर 10 सितम्बर को बैठक।
5-जिला मिर्जापुर के शिक्षा मित्र को प्रथम वेतन में 27923(नगर)
&
27670(ग्रामीण) जारी होकर उनके बैंक खाते में पंहुचा।
6-बी टी सी की नए पदों के लिय शासनादेश सितम्बर के अंतिम सप्ताह में
उठेंगे चलेंगे गिरेंगे-उठेगें, मगर आखिरी साँस तक हम लड़ेंगे!
ReplyDeleteजिंदगी मौत से हो गई है बत्तर,अब मौत से नहीं डरेंगे!
हमें आम-इंसान कब तक कहोगे !
फांस बनकर अगले इलेक्शन में चुभेंगे !
तारीक के भरोसे न रहने वाले अब हम !
हवाओ से आगे बढ़ेंगे !
नहीं मरने वाले अब बेमौत हम !
मरना है तो लड़ कर मरेंगे!
जो हक है हमारा हमको दे दो !
वर्ना छीन के हम रहेंगे !
बड़ा भोला बड़ा सादा बड़ा सच्चा है
ReplyDeleteतेरे शहर से तो मेरा गाँव अच्छा है
वहां मैं मेरे बाप के नाम से जाना जाता हूँ
और यहाँ मकान नंबर से पहचाना जाता हूँ
वहां फटे कपड़ो में भी तन को ढापा जाता है
यहाँ खुले बदन पे टैटू छापा जाता है ...
यहाँ कोठी है बंगले है और कार है
वहां परिवार है और संस्कार है
यहाँ चीखो की आवाजे दीवारों से टकराती है
वहां दूसरो की सिसकिया भी सुनी जाती है ... ...
यहाँ शोर शराबे में मैं कही खो जाता हूँ
वहां टूटी खटिया पर भी आराम से सो जाता हूँ
यहाँ रात को बहार निकलने में दहशत है
वहां रात में भी बाहर घुमने की आदत है
मत समझो कम हमें की हम गाँव से आये है
तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने ही सजाये है
वह इज्जत में सर सूरज की तरह ढलते है
चल आज हम उसी गाँव में चलते है .............
उसी गाँव में चलते है।
हम चले तो आंधियां-तूफ़ान खुद ही चल पड़ेंगे
ReplyDelete.
सागर की तो क्या बात करें, पर्वत भी ढल पड़ेंगे
.
ये सारी दिशाएं क्या पथ हमारा रोक लेंगी?
.
हम चले तो दीप क्या, सूरज भी हजारों जल पड़ेंगे.........
आज कल हर शख़्श हमे ज़िंदगी कैसे जिए ये सीखा जाता है,
ReplyDeleteउन्हे कौन समझाए कुछ ख्वाब अधूरे है हमारे,
वरना हमसे बेहतर जीना किसे आता है.
जब भी आप सिला हुआ वस्त्र खरीदें तो ये
ReplyDeleteमत सोचें कि आपके पास पैसे थे और आपने
खरीद लिया. आप ये सोचिये कि इसके लिए
किसी गरीब ने 40-45 डिग्री तापमान
पर खेत में काम करते हुए कपास
उगाया होगा. किसी गरीब ने उसमें से रुई
को अलग किया होगा. किसी मजदूर ने अपने
रंग की परवाह नहीं करते हुए उसे
रंगा होगा. किसी विधवा मां ने रात-रात
भर जाग कर अपनी अंगुली में चुभते सुई और
निकलते रक्त की परवाह नहीं करते हुए उसे
सिला होगा, ताकि उससे मिले पैसे से
उसकी बेटी की शादी हो सके. किसी युवक
ने स्टॉल पर खड़े होकर उसे बेचा होगा. तब
जा कर आपके सीने पर वो वस्त्र सुशोभित
हुआ होगा. जिस दिन आप पल भर उन
श्रमवीरों के लिए सोचना शुरू कर देंगे,
कृतग्य होंगे तो देश का चेहरा बदल
जाएगा :
________________________ नरेंद्र मोदी
मित्रो हमारे देश मे 3000 साल पहले एक ऋषि हुए जिनका नाम था बागवट जी ! वो 135 साल तक जीवित रहे ! उन्होने अपनी पुस्तक अशटांग हिरद्यम मे स्वस्थ्य रहने के 7000 सूत्र लिखे ! उनमे से ये एक सूत्र राजीव दीक्षित जी की कलम से आप पढ़ें !
ReplyDelete_________________________________
बागवट जी कहते है, ये बहुत गहरी बात वो ये कहते है जब आप भोजन करे कभी भी तो भोजन का समय थोडा निश्चित करें । भोजन का समय निश्चित करें । ऐसा नहीं की कभी भी कुछ भी खा लिया । हमारा ये जो शरीर है वो कभी भी कुछ खाने के लिए नही है । इस शरीर मे जठर है, उससे अग्नि प्रदिप्त होती है । तो बागवटजी कहते है की, जठर मे जब अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र हो उसी समय भोजन करे तो आपका खाया हुआ, एक एक अन्न का हिस्सा पाचन मे जाएगा और रस मे बदलेगा और इस रस में से मांस,मज्जा,रक्त,मल,मूत्रा,मेद और आपकी अस्थियाँ इनका विकास होगा ।
हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की, खाना खाते का समय निर्धरित करें । और समय निर्धरित होगा उससे जब आप के पेट में अग्नी की प्रबलता हो । जठरग्नि की प्रबलता हो । बागवटजी ने इस पर बहुत रिसर्च किया और वो कहते है की, डेढ दो साल की रिसर्च के बाद उन्हें पता चला की जठरग्नि कौन से समय मे सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो वो कहते की सूर्य का उदय जब होता है, तो सूर्य के उदय होने से लगभग ढाई घंटे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होती है ।
मान लो अगर आप चेन्नई मे हो तो 7 बजे से 9 बजे तक जठरग्नि सबसे ज्यादा तीव्र होगी । हो सकता है ये इसी सूत्रा अरूणाचल प्रदेश में बात करूँ तो वो चार बजे से साडे छह का समय आ जाएगा । क्यांे कि अरूणाचल प्रदेश में सूर्य 4 बजे निकल आता है । अगर सिक्कीम मे कहूँगा तो 15 मिनिट और पहले होगा, यही बात अगर मे गुजरात मे जाकर कहूँगा तो आपसे समय थोडा भिन्न हो जाएगा तो सूत्रा के साथ इसे ध्यान मे रखे । सूर्य का उदय जैसे ही हुआ उसके अगले ढाई घंटे तक जठर अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र होती है । तो बागवटजी कहते है इस समय सबसे ज्यादा भोजन करें ।
बागवटजी ने एक और रिसर्च किया था, जैसे शरीर के कुछ और अंग है जैसे हदय है, जठर,किडनी,लिव्हर है इनके काम करने का अलग अलग समय है ! जैसे दिल सुबह के समय सबसे अधिक काम करता है ! 4 साढ़े चार बजे तक दिल सबसे ज्यादा सक्रीय होता है और सबसे ज्यादा heart attack उसी समय मे आते है । किसी भी डॉक्टर से पूछ लीजीए, क्योकि हदय सबसे ज्यादा उसी समय में तीव्र । सक्रीय होगा तो हदय घात भी उसी समय होगा इसलिए 99 % हार्ट अॅटॅक अर्ली मॉनिंग्ज मे ही होते है । इसलिए तरह हमारा लिव्हर किडनी है, एक सूची मैने बनाई है, बाहर पुस्तको मे है । संकेतरूप मे आप से कहता हूँ की शरीर के अंग का काम करने का समय है, प्रकृती ने उसे तय किया है । तो आप का जठर अग्नी सुबह 7 से 9.30 बजे तक सबसे ज्यादा तीव्र होता है तो उसी समय भरपेट खाना खाईए ।
ठीक है । फिर आप कहेगे दोपहर को भूख लगी है तो थोडा और खा लीजीए । लेकीन बागवट जी कहते है की सुबह का खाना सबसे ज्यादा । अगर आज की भाषा में अगर मे कहूँ तो आपका नाष्टा भरपेट करे । और अगर आप दोपहर का भोजन आप कर रहे है तो बागवटजी कहते है की, वो थोडा कम करिए नाश्ते से थोडा 1/3 कम कर दीजीए और रात का भोजन दोपहर के भोजन का 1/3 कर दीजीए । अब सीधे से आप को कहता हूँ । अगर आप सवेरे 6 रोटी खाते है तो दोपहर को 4 रोटी और शाम को 2 रोटी खाईए । अगर आप को आलू का पराठा खाना है आपकी जीभ स्वाद के लिए मचल रही है तो बागवटजी कहते है की सब कुछ सवेरे खाओ, जो आपको खानी है सवेरे खाओ, हाला की अगर आप जैन हो तो आलू और मूली का भी निषिध्द है आपके लिए फिर अगर जो जैन नहीं है, उनके लिए ? आपको जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है वो सुबह आओ । रसगुल्ला , खाडी जिलेबी, आपकेा पसंद है तो सुबह खाओ । वो ये कहते हे की इसमें छोडने की जरूरत नहीं सुबह पेट भरके खाओ तो पेट की संतुष्टी हुई , मन की भी संतुष्टी हो जाती है ।
और बागवटजी कहते है की भोजन में पेट की संतुष्टी से ज्यादा मन की संतुष्टी महत्व की है।
ReplyDeleteमन हमारा जो है ना, वो खास तरह की वस्तुये जैसे , हार्मोन्स , एंझाईम्स से संचालित है । मन को आज की भाषा में डॉक्टर लोग जो कहते हैं , हाला की वो है नहीं लेकिन डाक्टर कहते हैं मन पिनियल गलॅंड हैं ,इसमे से बहुत सारा रस निकलता है । जिनको हम हार्मोन्स ,एंझाईम्स कह सकते है ये पिनियल ग्लॅंड (मन )संतुष्टी के लिए सबसे आवश्यक है , तो भोजन आपको अगर तृप्त करता है तो पिनियललॅंड आपकी सबसे ज्यादा सक्रीय है तो जो भी एंझाईम्स चाहीए शरीर को वो नियमित रूप मंे समान अंतर से निकलते रहते है । और जो भोजन से तृप्ती नहीं है तो पिनियल ग्लॅंड मे गडबड होती है । और पिनियल ग्लॅंड की गडबड पूरे शरीर मे पसर जाती है । और आपको तरह तरह के रोगो का शिकार बनाती है । अगर आप तृप्त भोजन नहीं कर पा रहे तो निश्चित 10-12 साल के बाद आपको मानसिक क्लेश होगा और रोग होंगे । मानसिक रोग बहुत खराब है । आप सिझोफ्रनिया डिप्रेशन के शिकार हो सकते है आपको कई सारी बीमारीया ,27 प्रकार की बीमारीया आ सकती है , । कभी भी भोजन करे तो, पेट भरे ही ,मन भी तृप्त हो । ओर मन के भरने और पेट के तृप्त होने का सबसे अच्छा समय सवेरे का है ।
अब मैने(राजीव भाई ने ) ये बागवटजी के सूत्रों को चारो तरफ देखना शुरू किया तो मुझे पता चला की मनुष्य को छोडकर जीव जगत का हर प्राणी इस सूत्रा का पालन कर रहा है । मनुष्य अपने को होशियार समझता है । लेकिन मनुष्य से ज्यादा होशियारी जीव जगत के प्राणीयों मे है । आप चिडीया को देखो, कितने भी तरह की चिडीये, सबेरे सुरज निकलते ही उनका खाना शुरू हो जाता है , और भरपेट खाती है । 6 बजे के आसपास राजस्थान, गुजरात में जाओ सब तरह की चिडीया अपने काम पर लग जाती है। खूब भरपेट खाती है और पेट भर गया तो चार घंटे बाद ही पानी पीती है । गाय को देखिए सुबह उठतेही खाना शुरू हो जाता है । भैंस, बकरी ,घोडा सब सुबह उठते ही खाना खाना शुरू करंगे और पेट भरके खाएँगे । फिर दोपहर को आराम करेंगे तो यह सारे जानवर ,जीवजंतू जो हमारी आँखो से दीखते है और नही भी दिखते ये सबका भोजन का समय सवेरे का हैं । सूर्योदय के साथ ही थे सब भोजन करते है । इसलिए, थे हमसे ज्यादा स्वस्थ रहते है ।
मैने आपको कई बार कहा है आप उस पर हँस देते है किसी भी चिडीया को डायबिटीस नही होता किसी भी बंदर को हार्ट अॅटॅक नहीं आता । बंदर तो आपके नजदीक है ! शरीर रचना मे बस बंदर और आप में यही फरक है की बंदर को पूछ है आपको नहीं है बाकी अब कुछ समान है । तो ये बंदर को कभी भी हार्ट अॅटॅक, डासबिटीस ,high BP ,नहीं होता ।
मेरे एक बहुत अच्छे मित्रा है, डॉ. राजेंद्रनाथ शानवाग । वो रहते है कर्नाटक में उडूपी नाम की जगह है वहाँपर रहते है । बहुत बडे ,प्रोफेसर है, मेडिकल कॉलेज में काम करते है । उन्होंने एक बडा गहरा रिसर्च किया ।की बंदर को बीमार बनाओ ! तो उन्होने तरह तरह के virus और बॅक्टेरिया बंदर के शरीर मे डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी माध्यम से । वो कहते है, मैं 15 साल असफल रहाँ । बंदर को कुछ नहीं हो सकता । और मैने कहा की आप ये कैसे कह सकते है की, बंदर कुछ नहीं हो सकता , तब उन्हांने एक दिन रहस्य की बात बताई वो आपको भी ,बता देता हूँ । की बंदर का जो है न RH factor दुनिया में ,सबसे आदर्श है, और कोई डॉक्टर जब आपका RH factor नापता है ना ! तो वो बंदर से ही कंम्पेअर करता है , वो आपको बताता नहीं ये अलग बात है । कारण उसका ये है की, उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती । ब्लड मे कॉलेस्टेरॉल बढता ही नहीं । ट्रायग्लेसाईड कभी बढती नहीं डासबिटीस कभी हुई नहीं । शुगर कितनी भी बाहर से उसके शरीर मे डंट्रोडयूस करो, वो टिकती नहीं । तो वो प्रोफेसर साहब कहते है की, यार ये यही चक्कर है ,की बंदर सवेरे सवेरेही भरपेट खाता है । जो आदमी नहीं खा पाता ।
तो वो प्रोफेसर रवींद्रनाथ शानवागने अपने कुछ मरींजों से कहा की देखो भया , सुबह सुबह भरपेट खाओ ।तो उनके कई मरीज है वो मरीज उन्हे बताया की सुबह सुबह भरपेट खाना खाओ तो उनके मरीज बताते है की, जबसे उन्हांने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तो , डासबिटीस माने शुगर कम हो गयी, किसी का कॉलेस्टेरॉल कम हो गया, किसी के घटनों का दर्द कम हो गया कमर का दर्द कम हो गया गैस बनाना बंद हो गई पेट मे जलन होना, बंद हो गयी नींद अच्छी आने लगी ..... वगैरा ..वगैरा । और ये बात बागवटजी 3500 साल पहले कहते ये की सुबह की खाना सबसे अच्छा । माने जो भी स्वाद आपको पसंद लगता है वो सुबह ही खाईए ।
तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया की, सुरज उगा तो ढाई घंटे तक । माने 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपक भोजन हो जाना चाहिए । और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । ये नाष्ता हिंदुस्थानी चीज नहीं है । ये अंग्रेजो की है और आप जानते है हमारे यहाँ क्या चक्कर चल गया है , नाष्टा थोडा कम, करेंगे ,लंच थोडा जादा करेंगे, और डिनर सबसे ज्यादा करेंगे । सर्वसत्यानाष । एकदम उलटा बागवटजी कहेते है की, नाष्टा सबसे ज्यादा करो लंच थोडा कम करो और डिनर सबसे कम करो । हमारा बिलकूल उलटा चक्कर चल रहा है !
ReplyDeleteये अग्रेज और अमेरिकीयो के लिए नाष्टा सबसे कम होता है कारण पता है ??वो लोग नाष्टा हलका करे तो ही उनके लिए अच्छा है। हमारे लिए नाष्टा ज्यादा ही करना बहूत अच्छा है । कारण उसका एकही है की अंग्रेजो के देश में सूर्य जलदी नही निकलता साल में 8-8 महिने तक सूरज के दर्शन नहीं होते और ये जठरग्नी है । नं ? ये सूरज के साथ सीधी संबंध्ति है जैसे जैसे सूर्य तीव्र होगा अग्नी तीव्र होगी । तो युरोप अमेरिका में सूरज निकलता नहीं -40 तक . तापमान चला जाता है 8-8 महिने बर्फ पडता है तो सूरज नहीं तो जठरग्नी तीव्र नहीं हो सकती तो वो नाष्टा हेवियर नही कर सकते करेंगे तो उनको तकफील हो जाएँगी !
अब हमारे यहाँ सूर्य हजारो सालो से निकलता है और अगले हजारो सालों तक निकलेगा ! तो हमने बिना सोचे उनकी नकल करना शुरू कर दिया ! तो बाग्वट जी कहते है की, सुबह का खाना आप भरपेट खाईए । ? फिर आप इसमें तुर्क - कुतुर्क मत करीए ,की हम को दुनिया दारी संभालनी है , किसलिए ,पेट के लिए हीं ना? तो पेट को दूरूस्त रखईये , तो मेरा कहना है की, पेट दुरूस्त रखा तो ही ये संभाला तोही दुनिया दारी संभलती है और ये गया तो दुनिया दारी संभालकर करेंगे क्या?
मान लीजिए, पेट ठीक नहीं है , स्वास्थ ठीक नहीं है , आप ने दस करोंड कमा लिया क्या करेंगे, डॉक्टर को ही देगे ना ? तो डॉक्टर को देने से अच्छा किसी गोशाला वाले को दिजीए ;और पेट दुरूस्त कर लिजिए । तो पेट आपका है तो दुनिया आपकी है । आप बाहर निकलिए घरके तो सुबह भोजन कर के ही निकलिए । दोपहर एक बजे में जठराग्नी की तीव्रता कम होना शुरू होता है तो उस समय थोडा हलका खाए माने जितना सुबह खाना उससे कम खाए तो अच्छा है। ना खाए तो और भी अच्छा । खाली फल खायें , ज्यूस दही मठठा पिये । शाम को फिर खाये ।
अब शाम को कितने बजे खाएं ???
तो बाग्वट जी कहते हैं हमे प्रकति से बहूत सीखने की जरूरत हैं । दीपक । भरा तेल का दीपक आप जलाना शुरू किजीए । तो पहिली लौ खूप तेजी से चलेगी और अंतिम लव भी तेजी से चलेगी माने जब दीपक बूजने वाला होगा, तो बुझने से पहले ते जीसे जलेगा , यही पेट के लिए है । जठरग्नी सुबह सुबह बहूत तीव्र होगी और शमा को जब सूर्यास्त होने जा रहा है, तभी तीव्र होगी, बहुत तीव्र होगी । वो कहते है , शामका खाना सूरज रहते रहते खालो; सूरज डूबा तो अग्नी भी डूबी । तो वैसे जैन दर्शन में कहा है सभी भोजन निषेध् है बागवटजी भी यही कहते है ,तरीका अलग है ,बस । जैन दर्शन मे अहिंसा के लिए कहते है,वो स्वास्थ के लिए कहेते है । तो शाम का खाना सूरज डुबने की बाद दुनिया में ,कोई नहीं खाता । गाय ,भैंस को खिलाके देखो नहीं खाएगी ,बकरी ,गधे को खिलाके देखो, खाता नहीं । हा बिलकूल नहीं खाता । आप खाते है , तो आप अपने को कंम्पेअर कर लीजीए किस के साथ है आप ? कोई जानवर, जीवटाशी सूर्य डूबने के बाद खाती नही ंतो आप क्यू खा रहे है ?
ReplyDeleteप्रकृती का नियम बागवटजी कहते है की पालन करीए माना रात का खाना जल्दी कर दीजिए ।
सूरज डुबने के पहले 5.30 बजे - 6 बजे खायिए । अब कितना पहले ? बागवट जीने उसका कॅल्क्यूलेशन दिया है, 40 मिनिट पहले सूरज चेन्नई से शाम 7 बजे डूब रहा है । तो 6.20 मिनट तक हिंदूस्थान के किसी भी कोने में जाईए सूरज डूबने तक 40 मिनिट तक निकलेगा । तो 40 मिनिट पहले शाम का खाना खा लिजीए और सुबह को सूरज निकलने के ढाई घंटे तक कभी भी खा लीजीए । दोनो समय पेट भरके खा लिजिए । फिर कहेंगे जी रात को क्या ? तो रात के लिए बागवटजी कहेते है की, एक ही चीज हैं रात के लिए की आप कोई तरल पदार्थ ले सकते है । जिसमे सबसे अच्छा उन्होंने दूध कहा हैं । बागवटजी कहते है की, शाम को सूरज डूबने के बाद ‘हमारे पेट में जठर स्थान में कुछ हार्मोन्स और रस या एंझाईम पैदा होते है जो दूध् को पचाते है’ । इसलिए वो कहते है सूर्य डूबने के बाद जो चीज खाने लायक है वो दूध् है । तो रात को दूध् पी लीजीऐ । सुबह का खाना अगर आपने 9.30 बजे खाया तो 6.00 बजे खूब अच्छे से भूक लगेगी ।
फिर आप कहेंगे जी, हम तो दुकान पे वैठे है 6 बजे तो डब्बा मँगा लीजिए । दुकान में डिब्बा आ सकता है । हाँ दुकान में आप बैठे है, 6 बजे डब्बा आ सकता है और मैं आपको हाथ जोडकर आपसे कह रहाँ हूँ की आप मेरे से अगर कोई डायबिटीक पेशंट है, कोई भी अस्थमा पेशंट है, किसी को भी बात का गंभीर रोग है आज से ये सूत्रा चालू कर दिजीए । तीन महिने बाद आप खुद मुझे फोन करके कहंगे की, राजीव भाई, पहले से बहुत अच्छा हूँ sugar level मेरा कम हो रहा है ।
अस्थमा कम हो रहा है। ट्रायग्लिसराईड चेक करा लीजीए, और सूत्रा शुरू करे, तीन महीने बाद फिर चेक करा लीजीए, पहले से कम होगा, LDL बहुत तेजी से घटेगा ,HDL बढ़ेगा । HDL बढना चाहिए, LDL VLDL कम होना ही चाहिए । तो ये सूत्रा बागवटजी का जितना संभव हो आप ईमानदारी से पालन करिए वो आपको स्वस्थ रहने में बहुत मदद करेगा !!
पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
ज्योतिष विज्ञानं की अदभुत खोज-
ReplyDeleteएक ऐंसा टेस्ट जो बतायेगा कि आपको खाने में क्या पसंद है !!
1 से 9 तक का कोई भी एक अंक सोच लीजिये ।
अब उसे 3 से गुणा कीजिये ।
अब उसमें 3 जोड़ दीजिये ।
अब फिर 3 से गुणा कीजिये ।
अब जो उत्तर आये उसके दोनों अंकों को आपस में जोड़ दीजिये ।
अब जो अंक आया उसे यहाँ जाँचिये-
1. राजमा चावल
2. पनीर
3. चिकन
4. पिज़्ज़ा
5. बर्गर
6. गुलाब जामुन
7. चाउ मीन
8. छोले भठूरे
9. गोबर
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क्या हुआ ?
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छी छी छी..
पता नहीं क्या क्या खाते रहते हो.. :
दादा जी़– दादा जी आपके लिए कोई लेटर आया है।
ReplyDeleteबेटा जरा पढ तो सही किस का है।
पोता- दादा जी अपने कोई 72825 के लिए आवेदन
किया था हा बेटा शायद किया तो था। दादा जी कुछ
नेताओ का नाम लिखा हुआ है। कहते है आप सब
लोगो से सहयोग चाहिए 72825 का केस री ओपन
करवाना है। दादा जी बेटा तुम पुछते थे न
कि आपको बच्चो को पढना पसन्द था तो आप टीचर
क्यो नही बने, इन्ही जैसे कमीनो की वजह से,
पोता अच्छा किया आपने बता दिया मैं तो बी0एड0
करने जा रहा था। अब मै वकील या जज बनुगा,
दादाजी– बेटा वकील तो ओर भी कमीने
निकले उन्ही कमीनो की वजह से ही तो अध्यापक
बनने की इच्छा न रही। कमीने हमेशा डेट ओर डेट रहे।
न ही अभ्यर्थीयो की परवाह की और न उनकी जिन
बच्चो के स्कूल में अध्यापक नही है ओर केवल
कागजो में स्कुल चल रहे है। बच्चा तो दादा जी में
नेता बन जाता हॅू, दादाजी –
बेटा सारा डरमा तो नेताओ ने ही रचा था पहले ने दूसरे
को ओर दूसरे ने पहले के नियमो को गलत बताया और
भर्ती को अपने निजी स्वार्थ के लिए लटकाया। पोता–
तो दादा जी मे क्या बनू दादाजी– बनना है
तो बेटा देश का सैनिक बन जा जो देश के लिए
स्वतन्त्र होकर लड तो सकता है क्याकि बोर्डर पर
ये दुष्ट नेता, वकील और लीडर नही जायेगे। वहॉ तू
अपने देश के लिए कुछ कर सकता है। ये नेता केवल
खाना जानते है। इनके हाथ उठते है
तो लोगो को उत्थान के लिए नही,जनता से मांगने के
लिए ।
बेटा -हॅा दादाजी कुछ हद तक सच्चाई है
तुम्हारी बातो में।
Q. आसमान में जो बिजली कड़कती है ये कैसे पैदा होती है, कितने वोल्ट की होती है..? . Ans==> बिजली आमतौर से गरजदार तूफ़ान के दौरान पैदा होती है. बादल जब काफ़ी ऊँचाई पर पहुंच जाते हैं तो वहां तापमान बहुत कम होता है. उस समय आधे जमे पानी के कणों का घनात्मक और ऋणात्मक चार्ज बदलने लगता है. इस बदलाव की प्रक्रिया में ये कण आपस में टकराते हैं और चिंगारी पैदा होती है. इसी को हम बिजली कहते हैं. ये 10 करोड़ वोल्ट तक की हो सकती है. ये बिजली बादलों के बीच में पैदा हो सकती है, बादलों और हवा के बीच या फिर बादलों और ज़मीन के बीच. इस बिजली का तापमान 50 हज़ार डिग्री फ़ैरनहाइट तक का हो सकता है. जो सूर्य की सतह के तापमान से भी अधिक है. इसलिए अगर यह ज़मीन पर किसी से टकरा जाए तो उसे तुरंत भस्म कर देती है. बिजली बहुत तेज़ी से हवा को गर्म करती है जिससे वह अचानक फैलती है और फिर सिकुड़ती है. इससे विस्फोट होता है और ध्वनि तरंगें पैदा होती हैं. इसी को हम बादलों के गर्जन के रूप में सुनते हैं. प्रकाश एक लाख 86 हज़ार मील प्रति सैकेंड की रफ़्तार से चलता है जबकि ध्वनि एक सैकेंड में 352 गज़ की गति से, इसलिए हमें बिजली कड़कती पहले दिखाई देती है और गरज उसके बाद सुनाई देती है. .
ReplyDeleteवक़्त अच्छा ज़रूर आता है;मगर वक़्त पर ही आता है......
ReplyDeleteकागज अपनी किस्मत से उड़ता है;
लेकिन पतंग अपनी काबिलियत से! .....
इसलिए किस्मत साथ दे या न दे;काबिलियत जरुर साथ देती है!
....
दो अक्षर का होता है लक;ढाई अक्षर का होता है भाग्य;तीन अक्षर का होता है नसीब;साढ़े तीन अक्षर की होती है किस्मत;पर ये चारों के चारों चार अक्षर, मेहनत से छोटेहोते हैं!........
जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है!
पिता: जिसने तुम्हारीजीत के लिए सब कुछहारा हो!
माँ: जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो!
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें;
यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं;जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये!
भगवान की भक्ति करने से शायद हमें माँ न मिले;लेकिन माँ की भक्ति करने से भगवान् अवश्य मिलेंगे!
अहंकार में तीन गए;धन, वैभव और वंश!
ना मानो तो देख लो;रावन, कौरव और कंस!'
इंसान' एक दुकान है, और'जुबान' उसका ताला;जब ताला खुलता है, तभी मालुम पड़ता है;कि दूकान 'सोने' कि है, या 'कोयला !!
सब कुछ माँगने से मिल जाता तो इतिहास के पन्ने कभी लाल नही होते ।
ReplyDeleteआज के जमाने मे सिर्फ वही बन्दा सिर उठा के चल सकता है ,
ReplyDelete.
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जिसके पास स्मार्ट फोन ना हो ..
हम तो सरे राह लिए बैठे हैं एक चिंगारी,
ReplyDeleteकोई भी आये और चिरागों को जलाकर ले जाये,
हम तो कहाँ किसी को कुछ देने के काबिल ऐ खुदा,
हाँ !!
जो चाहे हमसे जीने की अदा ले जाये"..
भर्ती सम्बन्ध में आदेश जारी नही हो रहा है, इसका मतलब ये नही है, कि प्रक्रिया बंद है, सभी कार्य चल रहे है, जिन कार्यों समय लगता है,उन कार्यों को ..........
ReplyDeleteफैसला कभी भी ले
लेकिन लगभग ढाई लाख लोगो की बुरी दुआ से नही बच पायेगे,
वह समय दूर नही है,
जब कोई स्कूल आपका इंतज़ार कर रहा हगा,,
जय हो,
एक लड़की स्वर्ग मे गयी और यमराज से बोली : मेरी शादी किसी INDIA के लड़के से करवा दो। यमराज : सब्र करले बेटी पहले INDIA के किसी लड़के को स्वर्ग मे तो आने दे. |'\(':')
ReplyDeleteसुधर जाओ, | ' (>
सुधर जाओ, | <|
कमीनोँ बात उपर तक पहुच गयी है।"
एक दिन पप्पू नदी के किनारे लकड़ियाँ काट रहा था
ReplyDeleteअचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई .
.
वो रोने लगा ..उसको रोते हुए देख कर
भगवान को उस पर दया आ गई
.
भगवान ने नदी में से एक सोने की कुल्हाड़ी निकाल कर पप्पू से कहा -: क्या यही है तुम्हारी कुल्हाड़ी ..
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पप्पू :"ये मेरी कुल्हाड़ी नहीं है
भगवान् ने नदी में से चाँदी की कुल्हाड़ी निकाली .
.
पप्पू ने चाँदी की कुल्हाड़ी लेने से मना कर दिया
अंत में भगवान ने पप्पू की लोहे की कुल्हाड़ी निकाल कर दी !
पप्पू ने झट से उस कुल्हाड़ी को ले लिया .
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भगवान पप्पू की ईमानदारी देख कर बहुत ख़ुश हुए और पप्पू को तीनो ( लोहे .सोने, चाँदी ) कुल्हाड़ी दे कर
चले गए
.
थोड़े दिनों बाद पप्पू की wife नदी में
गिर गई, पप्पू फिर रोने लगा
भगवान् नदी में से कैटरीना कैफ निकाल कर पप्पू से बोले-:
क्या यही है तुम्हारी wife.. ??
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पप्पू -: जी हाँ यही है ..
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भगवान बहुत नाराज हो गए बोले :-
तुम तो बड़े ईमानदार थे ... आज तुम एक सुन्दर लड़की के लिए बेईमान बन
गए ..
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पप्पू -: प्रभू, "मैं आज भी उतना ही ईमानदार हूँ , मैंने झूंठ इसलिए बोला क्यूँ की, अगर मैं मना करता तो फिर आप करीना कपूर को नदी से निकाल कर लाते.. फिर मना कर देता तो अंतिम में मेरी wife को निकाल कर लाते, तो मैं हाँ बॊल देता ...
मेरी ईमानदारी देख कर आप तीनो मुझे दे कर चले जाते
पप्पू (रोते हुए) -: हे प्रभू "इस कमरतोड़ मंहगाई में मैं लकड़ियाँ काटने वाला गरीब इन्सान तीन-तीन wife नहीं सम्हाल सकता"..!!
मेरे प्रिय टीईटी और एकडमिक साथियों ये समय है इन बाप-बेटों से अपने अपमान का बदला लेने का
ReplyDeleteअब आप कहोगे कि दोनों का अपमान कैसे?
मित्रों इन बाप बेटों ने हमारा हजारों रुपया फार्म भरवाने के नाम पर खा लिया।
हमको हमारी मेहनत का फल अभी तक नहीं मिला।
अगर ये सही समय पर टीईटी मेरिट से भर्ती करवा लेता तो लाखों बी.एड, टीईटी अभ्यर्थियों का भला हो जाता और नयी भर्तियां समय रहते एकेडमिक से हो जाती तो हमारे भाई-बहनों को भी सरकारी नौकरी मिल जाती।
इन्होनें हम दोनों के भविष्य से खिलवाड़ किया और अब ये टीपू अपने बाप को देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहता था हमें बर्बाद करके।
हम इसके मंसूबो को कभी पूरा नहीं होने देंगे।
हम उस चाणक्य के सिद्धांतो को मानने वाले हैं जिन्होंने देशविरोधी और स्वार्थी नन्दवंश को समूल नाश कर दिया था हमें इन बाप-बेटों की महत्वाकांक्षा का समूल नाश कर देना है। हमें इनको इनकी औकात बता देनी है।राजनैतिक पार्टी को अगर जवाब देना है तो उसके राजनैतिक बाप को जिताना होगा और आज के राजनैतिक परिदृश्य में देखा जाये तो प्रदेश में में इस नमाजवादी पार्टी का केवल एक विरोधी पार्टी है वो है भारतीय जनता पार्टी
आओ मित्रों इन बाप-बेटों को सबक सिखाकर अपने परिवार और कांग्रेस एवं उसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोगियों को सबक सिखाकर देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें
सरकार ने किस कदर रौंद डाला है टेट पास जांबाजो का उज्ज्वल भविष्य ये मै खुद से और अपने तडपते साथियों को देखकर समझ सकता हूँ । उन लड़कियों के आँसू भी मैंने देखे हैं जिन्हें यदि समय पर नौकरी मिल जाती तो आज उनकी शादी किसी अच्छे घर में हो जाती . हालात से मजबूर होकर उन्हें अपने जीवन को सामान्य हाथों में सौंप देना पडा । शाम को थके हुये अपने साथियों की भावनाओं से रूबरू होता हूँ तो यकीन मानिए आँसू आये बिना नहीं रहते ।
ReplyDeleteइस युवा मुख्यमंत्री ने हमारी भावनाओं और हमारे सपनों को कुचल कर रख दिया है । कसम है जन्म देने वाली की कि जितनी नफरत हमें मल मूत्र से होती है उससे दोगुनी नफरत इस बेरहम सी॰एम॰ से हो गयी है ।
ReplyDeleteभुलाये नहीं भूलता है वो पल जब एक शादीशुदा सज्जन सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनकर गले से लिपटकर आखिरकार रो ही पडे थे । दिसंबर की हाड कंपा देने वाली ठंड मे 20 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपनी टयूशन के 1500 रूपये हमें देने आये कि केस लडने के लिये इस राशि को हमारे भाइयों तक पहुँचा दें । हाथ काँप रहे थे हमारे उस पैसे को लेने में । ऐसे अनेक योगदान हैं जिन्हें याद करके रोंये सिहर जाते हैं । एक मित्र जिन्हें अस्थमा की बीमारी थी और अपने स्वास्थ्य की जाँच वाला पैसा संगठन को देकर चुपचाप हमारे हाथ जोड लेते थे और भरे गले से एक ही वाक्य निकलता था कि
ReplyDelete"हमारी भर्ती बचा लो मित्र ।"
हम सही थे सत्य के लिये लडे और ईश्वर ने जीत से हमें नवाजा भी । लेकिन ये बात हमारा सी॰एम॰ नहीं महसूस करता है । कि हजारों जिन्दगी उसकी अहंकार की बलि चढ जायेंगी । तिल तिल कर मार रहा है हमें और हमारे माँ बाप के अरमानो को । ईश्वर करे जहन्नुम भी ना मिले इस व्यक्ति को ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteसबको मिलेगी भाई. . . . .
ReplyDelete.
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नौकरी भी
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और "वो' भी ।
अब अगर
ReplyDeleteसमाजवादियो को अंग्रेजी नहीं आती तो अफसरों का नैतिक
कर्तव्य बनता है कि उन्हें आदेश का हिन्दी अनुवाद
करके बताये।
यह सुप्रीम कोर्ट है सैफई की पंचायत नहीं।
सुब्रतो राय सहारा समूह के मालिक जिनके नीचे
ReplyDeleteलाखों कर्मचारी कार्यरत हैं वो सहारा श्री तिहाड़
जेल में सिर्फ इसलिए दिन रात रो रहे हैं
क्योंकि उन्होंने कोर्ट के आदेश को हल्के में ले
लिया था।
सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा कार्य यही है
ReplyDeleteकि न्यायपालिका को मजबूती प्रदान करना और अगर
किसी ने उसके आदेश को हल्के में लेकर
न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश
किया तो सुप्रीम कोर्ट उसे कभी माफ नहीं करती।
हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं;
ReplyDeleteकितने लिखे फ़साने, फिर भी सारे कागज़ कोरे है।
" सूरज तो नहीं हूँ, एक अदना सा दिया हूँ मैं,
ReplyDeleteजितनी मेरी बिसात, उतनी रौशनी कर रहा हूँ मैं "
GOOD BYE ..................
Mera nivas december 2012 kab bana hai valid hai ya nahi
ReplyDeleteCall 09494860586 I will clarify ur doubt.....
DeletePG base b.ed TET pass mitro,
ReplyDeletejoin PG PASS TET group on facebook.
Thanks.
वैधानिक चेतावनी :- थोड़ा टाइम हो तो ही पढ़िए , पक कर टपकने पर कोई मुआवज़ा नहीं दिया जायेगा !
ReplyDeleteपत्नी ने पति को फ़ोन किया।
पत्नी: प्रिये , मुझे तुम्हारी याद आ रही थी ! लव यू !
पति (धीरे से) : ठीक है , मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ।
पत्नी: फोन क्यू नहीं उठा रहे थे इतनी देर से ?
पति: वो मैं जरूरी मीटिंग में था और फ़ोन साइलेंट मोड पर था !
पत्नी: खाना खाया की नहीं ?
पति: नहीं मन नही है अभी।
पत्नी: ऐसा क्यों ? फेसबुक पर समय नहीं मिला होगा ?
पति: हर बात में फेसबुक क्यों घुसेड़ती हो ,बस थोड़ा सा मूड़ ख़राब था !
पत्नी: फेसबुक के दोस्तों के साथ तो बड़े खुश रहते हो, मेरे साथ ही तुम्हारा मूड खराब होता है।
पति(प्यार से) : ऐसा कुछ नहीं जानू, तबियत थोड़ी सी ठीक नहीं है।
पत्नी : हाँ, दोस्त अभी फोन कर देंगे तो 2 सेकंड में तबियत ठीक हो जायेगी !
पति: फेसबुक के बाद अब दोस्त कहाँ से आ गए बीच में, मेरा मूड़ थोड़ा ठीक नहीं है बस।
पत्नी: मेरे साथ ही ये सब होता है, दोस्तों के साथ मज़े करते हो, या कोई और लड़की तो पसंद नहीं आ गई ?
पति (और ज्यादा प्यार से): अरे, जानेमन तुम कहाँ से कहाँ ले जा रही हो बात को ?
पत्नी: आज सब साफ़-साफ़ हो कर रहेगा ।
पति: क्या साफ़ करना है जानू, ऐसा क्या हो गया है ?
पत्नी (खुद कंफ्यूज होते हुए ) : जब तुम खुद साफ़ नहीं, तुम्हें कुछ पता नहीं तो मैं क्या बोलूं।
पति: तुम्हे क्या हुआ है, किस बात पर परेशान हो, बताओ तो ?
पत्नी: मुझे लगता है की तुम्हारा किसी फेसबुक फ्रेंड से चक्कर चल रहा है और तुम्हारी संगत खराब है।
पति: मेरे साथ तो तुम ही रहती हो और फेसबुक भी तुम्हारे सामने ही खोलता हूँ ।
पत्नी: अब बहुत हो गया, अब और नहीं सहन होता मुझसे ।
पति (चिल्लाते हुए): हुआ क्या है, ये तो बताओ सही - सही ?
पत्नी: हम अब साथ नहीं रह सकते बस !
पति: अब ,ये बात कहाँ से आई ?
पत्नी: मैं बस इस रिश्ते को तोड़ना चाहती हूँ !
पति(चिढ़कर गुस्से से ): तो ठीक है फिर।
पत्नी (गुस्सा होते हुए): हाँ, यही चाहते हो तुम तो, फिर तुम जो मर्ज़ी कर सको और दिन भर फेसबुक पर बैठे रहो ! नयी नयी फ्रेंड बनाकर दिन भर चैटिंग करो क्यों ?
पति: अरे तुमने खुद ही तो बोला अभी, मैंने क्या गलत कहा इसमे ?
पत्नी: इतनी तकलीफ़ थी तो बोला क्यों नहीं, मैं खुद ही चली जाती तुम्हारी जिन्दगी से।
पति (अपने बाल नोचते हुए): अरे मेरी माँ ,मुझे मेरी गलती तो बता दो ?
पत्नी: वक़्त आने पर सब पता चल जायेगा तुम्हें अपने आप, जब मैं दूर चली जाऊँगी।
पति: अच्छा, तो मैं इंतज़ार करता हूँ, सही वक़्त का।
पत्नी: तुम सिरियस कब होगे ज़िन्दगी में ? हर बात में मजाक ?
पति: अब क्या हॉस्पिटल में भर्ती हो जाऊं सिरियस होने के लिए। 2 बोतल खून और 8 सीलेंडर ऑक्सीजन के लगवा लूँ ???
पत्नी: भाड़ में जाओ तुम और तुम्हारी फेसबुक !
पति: अब दोबारा मुझे फोन मत करना ! ढेर सारा काम पड़ा है ! समझी ( पति ने फ़ोन काट दिया )
3 घंटे बाद...
पत्नी : तुम्हें पता है न, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती जानू, सॉरी आई लव यू मेरे प्राणनाथ ।
पति (सब भूलकर): अच्छा फिर, मैं भी तुमसे फेसबुक से ज्यादा प्यार करता हूँ।
पत्नी: पर इतनी उदास आवाज में क्यों...? और ये फेसबुक कहाँ से आ गयी हमारे बीच में ??
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), ख़बरदार एनसीटीई (मान्यता मानदंड और प्रक्रिया) विनियम, 2007 10 दिसंबर, 2007 को अधिसूचित किया है, बीएड करने के लिए छात्रों के दाखिले के लिए मानदंडों में संशोधन किया कार्यक्रम और इस तरह के कार्यक्रमों प्रदान कॉलेजों में अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए योग्यता. मानदंडों, अन्य बातों के साथ कम से कम 45% अंकों के साथ उम्मीदवारों, या तो स्नातक की डिग्री में और / या मास्टर की डिग्री या किसी अन्य योग्यता बराबर बहां में, कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र हैं कि उपलब्ध कराते हैं. प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षण संकाय के पद के लिए योग्यता से संबंधित मानदंडों भी कहा नियमन के तहत संशोधित किया गया है.
ReplyDeleteमानदंड और बीएड के लिए मानक विनियम के साथ 2002/11/18 पर अधिसूचित पाठ्यक्रम, 2002 बीएड में प्रवेश के लिए स्नातक / मास्टर डिग्री में न्यूनतम अंक के रूप में 45% निर्धारित कोर्स. यह बाद में B..Ed के लिए मानदंडों और मानकों में 50% करने के लिए उठाया गया था. कोर्स 2006/07/21 पर अधिसूचित. 45% करने के लिए न्यूनतम अंक को कम करने और 2002 के मानदंडों को बहाल करने के लिए कई राज्यों से प्राप्त संदर्भों के कारण, 2007 में एनसीटीई द्वारा अधिसूचित मानदंड स्थिति 2002 में निर्धारित की गई बहाल कर दिया है.
शिक्षा अनुशासन और उम्मीदवारों M.Ed साथ मास्टर डिग्री होने की अपर्याप्त संख्या में Ph.Ds साथ उम्मीदवारों की भारी कमी, बीएड में विभिन्न स्तर पर रिक्त पदों की एक बड़ी संख्या के लिए नेतृत्व कॉलेज. विभिन्न सुझावों को ध्यान में रखते हुए प्रधानाध्यापकों के लिए बुनियादी योग्यता को कम करने के लिए प्राप्त हुआ, मानक और योग्यता आवश्यकता व्यक्तियों बीएड के साथ स्नातकोत्तर उपाधि धारण की अनुमति के लिए निश्चिंत थे बीएड में व्याख्याता के रूप में नियुक्ति के लिए (55% अंक) कॉलेज.
एनसीटीई लगातार इस तरह के संस्थानों में वांछित गुणवत्ता बनाए रखने के लिए, विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा अपने नियमों, मानदंडों और मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रयास. इस दिशा में, 2007 के नियमन संस्थाओं बीएड की तरह माध्यमिक स्तर के शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है कि निर्धारित किया है और बी पी इ डी., इन कार्यक्रमों में अतिरिक्त सेवन की मांग से पहले एनएएसी द्वारा विकसित एक 'अक्षर ग्रेड बी' के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से मान्यता प्राप्त करने के लिए होगा.
यह जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्री श्री मां राज्य मंत्री द्वारा दिया गया था लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में फातमी
sir please ispar kya vichar hai
ReplyDelete29334 proffeshnial ko bhar carna hoga.
ReplyDeleteAfsos jet va prt dono mein shamil hone vaalee मयंक यादव वाली रिट कि नयी डेट 18 सितंबर ...सरकार ने माँगा समय......इसमेँ तो तुरंत फैसला होना चाहिये था
ReplyDeleteAfsos jrt va prt dono mein shamil hone vaalee मयंक यादव वाली रिट कि नयी डेट 18 सितंबर ...सरकार ने माँगा समय......इसमेँ तो तुरंत फैसला होना चाहिये था
ReplyDeletejrt &prt. dono me counseling karvana thik nahi hai. a to do nawo par chadhane. vali bat ho gayi .
ReplyDeleteye vo bande he jinke acd me good marks he or tet me bhe ,jab inhe aandolan me jane k l khate to inka reply hota tha ki acd se ho ya tet se hmara to dono tharf se ho jayga hum lukn. kyo jaye, or aaj inhe dono hath me laddu lena chaete he ,inke karan 72825+29000 nhokar keval 72825 bharti hogi hum jese 110 tet valo jinhone aandolan me pura sath dya unki 29000 seet bekar kar denge
ReplyDeleteBREAKING NEWS :::::
ReplyDeleteAGALI PRIMARY BHARTI KAY LIEAY IIND COUNSELLING 16 AUGUST KO HOGI....
14 august ko merit jaari honay ki sambhavna hai....thnx
ReplyDeleteinko jara batao ki ye september month chal raha hai
ReplyDeleteaur jinko mere page pe aane me koi pareshani/sharm/darr/gussa/hichaq hoti hai wo log mere page se doooooooooooooooooooooooooooor raha karen
ReplyDelete.
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aur haan ek baat aur
isiliye main apna page alag rakhta hun, jisse kisiko koi pareshani na ho ne paaye
THANKS
टेट मेरिट समर्थक कपिल की रिवीजन एप्लीकेशन अथवा साधना की फ्रेश रिट को लेकर कतई चिंतित ना हों क्योंकि 72825 पर सिंगिल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक एक ही फैसला हुआ है कि उन पदों के सन्दर्भ में चयन प्रक्रिया बदली नही जा सकती
ReplyDeleteभले ही 29,30,31 को गलत प्राधिकारी द्वारा काउंसिलिंग करायी गयी हो लेकिन कराई टेट मेरिट से एवं सरकार की सहमति से ही है
ReplyDeleteअब सवाल यह है कि दत्तू साहब ने सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग रिटो के महत्त्व को स्वीकार करते हुए भी साधना मिश्रा को हाई कोर्ट में रिट की अनुमति के साथ ही हाई कोर्ट को मामले के गुण-दोष के आधार पर स्वतन्त्र फैसला देने की छूट क्यों दे दी ? कपिलदेव ने शिव कुमार पाठक की अपील पर रिवीजन ना डालकर नवीन की अपील पर डाला है जिनपर हरकौली साहब ऐसे-ऐसे order ठोंक गए थे जिनकी कोई काट ही नहीं है यही वजह है कि सरकार ने sc की अपनी अपील में उनके द्वारा जारी किसी आदेश को नही लगाया था जिन्हें बाद में हमने पटवालिया जी के AOR से लगवाया था ,,, हरकौली साहब ने मेरे सामने ही कोर्ट में हम सबकी ओर ऊँगली उठाते हुए सी बी यादव से कहा था कि आप जिनकी भर्ती करना चाहते हो कर लेते लेकिन इन बच्चों का भी तो कुछ ख्याल किया होता ,अब ये कहाँ जायेंगे ,,,, हरकौली साहब बहुत दूर की सोचकर सेवानिवृत हुए थे
ReplyDeletesry, per mera maksad sab logo tak information dena hai aur kuch nahi.... mujhey yeh information mili thi isleay share kiya aap sabsay........
ReplyDeleteaur date ki information September say hai..... aurgust nahin... mai galat type kar gaya.....
screen per name nahi aa paa raha hai.....pata nahi.. per mera naam
GAURAV SHUKLA hai....
thnx
आज सरकार वहीं लौटकर आई है जहाँ लार्जर बेंच में केस रेफर किये जाने के दिन खड़ी थी ,,, अब सरकार को यह डिसाइड करना है कि 30-11-11 के पदों पर भर्ती के बाद 7-12-12 के संभावित चयनितों का क्या होगा ,,, पिक्चर अभी बाकी है ,,,यदि हाईकोर्ट में रिवीजन या फ्रेश रिट हुयी तो मैं भी intervention डालूंगा ,बिना किसी से चंदा लिए , अपने लिए नहीं बल्कि अपने उन साथियों के लिए जिन्होंने टेट मेरिट के लिए संघर्ष तो किया है लेकिन 72825 में उनका चयन नही हो रहा ....
ReplyDeleteसफलता से जुड़े सात प्रश्नों के उत्तर हमें अपने कमरे के भीतर ही मिल सकते है
ReplyDeleteयही कामयाबी के सूत्र हैँ
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छत ने कहा
ऊँचे उद्देश्य रखो |
पंखे ने कहा
ठंडे रहो |
घड़ी ने कहा
हर मिनट कीमती है |
कैलेंडर ने कहा
अप टू डेट रहो |
खिड़की ने कहा
दुनिया को देखो |
दरवाजे ने कहा
अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिये पूरा जोर लगाओ ,
अपने खोल से बाहर निकलो |
शीशे ने कहा
कुछ करने से पहले अपने अंदर झांक लो |
बड़ा महत्व है एक बार पढ़ के तो देखो
ReplyDeleteससुराल में साली का
बाग़ में माली का
होंठो में लाली का
पुलिस में गाली का
मकान में नाली का
कान में बाली का
पूजा में थाली का
खुशी में ताली का------बड़ा महत्व है
फलों में आम का
भगवान में राम का
मयखाने में जाम का
फैक्ट्री में काम का
सुर्ख़ियों में नाम का
बाज़ार में दाम का
मोहब्ब्त में शाम का-------बड़ा महत्व है
व्यापार में घाटा का
लड़ाई में चांटा का
रईसों में टाटा का
जूतों में बाटा का
रसोई में आटा का-----बड़ा महत्व है
फ़िल्म में गाने का
झगड़े में थाने का
प्यार में पाने का
अंधों में काने का
परिंदों में दाने का-----बड़ा महत्व है
ज़िंदगी में मोहब्ब्त का
परिवार में इज्ज़त का
तरक्की में किसमत का
दीवानो में हसरत का------बड़ा महत्व है
पंछियों में बसेरे का
दुनिया में सवेरे का
डगर में उजेरे का
शादी में फेरे का------बड़ा महत्व है
खेलों में क्रिकेट का
विमानों में जेट का
शारीर में पेट का
दूरसंचार में नेट का-----बड़ा महत्व है
मौजों में किनारों का
गुर्वतों में सहारों का
दुनिया में नज़ारों का
प्यार में इशारों का------बड़ा महत्व है
खेत में फसल का
तालाब में कमल का
उधार में असल का
परीक्षा में नकल का-----बड़ा महत्व है
ससुराल में जमाई का
परदेश में कमाई का
जाड़े में रजाई का
दूध में मलाई का -----बड़ा महत्व है
बंदूक में गोली का
पूजा में रोली का
समाज में बोली का
त्योहारों में होली का
श्रृंगार में चोली का-----बड़ा महत्व है
बारात में दूल्हे का
रसोई में चूल्हे का-------बड़ा महत्व है
सब्जियों में आलू का
बिहार में लालू का
मशाले में बालू का
जंगल में भालू का
बोलने में तालू का-------बड़ा महत्व है
मौसम में सावन का
घर में आँगन का
दुआ में दामन का
लंका में रावन का-------बड़ा महत्व है
चमन में बहार का
डोली में कहार का
खाने में अचार का
मकान में दीवार का-----बड़ा महत्व है
सलाद में मूली का
फूलों में जूली का
सज़ा में सूली का
स्टेशन में कूली का------बड़ा महत्व है
पकवानों में पूरी का
रिश्तों में दूरी का
आँखों में भूरी का
रसोई में छूरी का ----बड़ा महत्व है
खेत में साप का
सिलाई में नाप का
खानदान में बाप का
और
BLOG पर आप का----
बड़ा महत्व है....
दूरस्थ शिक्षा का मामला अति संवेदनशील और गम्भीर है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये यह मैं अपने उन समस्त साथियों को परामर्श देना चाहता हूँ कि आप सभी कोर्ट की शरण में जाने के लिये तैयार हो जायें । उसका कारण मेरे ऐसे समस्त मित्र भलीं भांति जानते हैं ।
ReplyDeleteदूरस्थ शिक्षा से पास मित्रों को मैं कोर्ट
की शरण में जाने की तैयारी करने के लिये
इसलिये कह रहा हूँ क्योंकि टेट 2011
की पात्रता की शर्तों को अगर आप देखें
तो उसमें साफ तौर पर लिखा है कि एक वर्षीय बी0एड0 होना चाहिये अथवा डी0एड0 एवं बी0एड0 विशेष शिक्षा ..............दूरस्थ शिक्षा का कहीं नामोनिशान
नहीं है...ऐसी स्थिति में ....सरकार कलाकारी कर सकती है......वहीं दूसरी ओर 2011 के विज्ञापन में सिर्फ बी0एड मांगा है ......उसमें एक या दो वर्ष
का कहीं कोई जिक्र नही हैं.......
समझदार के लिये इशारा काफी होता है ।
Plz koi to batae ki 45% gradution aur bed 2008-2009 walo ka counselling hoga ki nahi obc candidate ke liye.
ReplyDeleteITS,O.K.
ReplyDeleteSHUKLA ............G
कभी कभी सोचता हूँ
ReplyDeleteकि समय क्या होता है??
अब जाके जान पाया कि समय ही सब कुछ होता है
याद है 2011 क्या समय था....सब कुछ अच्छा लग रहा था
31 dec 2011 तक नौकरी जो मिलने वाली थी
पर समय को कुछ और ही मंजूर था
2011 बीत गया...2012 / 2013 भी तमाम उतार चढ़ाव के बीत गया
फिर 2014 आया....फिर से सब कुछ अच्छा हो गया
लेकिन क्या कोई भी इन बीते हुए समय को याद रखना चाहेगा??
निश्चित रूप से ऩही??
Koi chance for obc female 92 arts.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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“A great marriage is not when the ‘perfect couple’ comes together.
It is when an imperfect couple learns to enjoy their differences.”
एक सुन्दर मोर को मनुष्य सुंदरता के रूप में देखता है ;जबकि भेड़िया उसे भोजन के रूप में ;उस मोर का बच्चा उसे माँ के रूप में जबकि मोरनी उसे अपना साथी समझती है ; यह चित्त की बिभिन्नता है ; एक ही मोर को विभिन्न रूपों में समझा जाता है ;बिना चित्त को समझे हम ज्ञान कैसे पा सकते है ?
ReplyDeleteकभी समझा ?
एक ही पोस्ट को विभिन्न चित्त के लोग बिभिन्न अर्थ निकालेंगे !
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletesir,
ReplyDeletescience female - general ki cutoff 2nd counl. mai kitni hogi.... pls tell me....
thnx, archana
इलाहाबाद हाईकोर्ट के 3 जजो की पीठ नें 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्ति पाने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को टी ई टी पास होना अनिवार्य बताया है,
ReplyDeleteउधर एन सी टी ई के वकील ने भी लखनऊ खंडपीठ मे बताया कि किसी को टी ई टी से छूट नही दिया गया,
इसी को ध्यान मे रखते हुए अब संभावना बढ़ गई है कि शिक्षामित्रो का समायोजन रद्द होने वाला है,
उधर राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षामित्रो ने नियुक्ति पत्र लेने से पहले उच्च न्यायालय के निर्णय को मंजूर करने का हलफनामा दिया है, अत: यदि हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रो का समायोजन रद्द कर दिया तो राज्य सरकार इसमें कुछ नही कर सकती।
9
ReplyDelete8
ये बोल कर हमे छोड़ बाजार चली गयी
दोस्तों .
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तुम्हारे तो आर्टिकल ही
ख़त्म नहीं होते , .
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तुम प्यार क्या करोगे ?
किसी गांव में दो भाई
ReplyDeleteरहते थे ।
बडे की शादी हो गई थी । उसके दो बच्चे भी थे ।
लेकिन छोटा भाई अभी कुंवारा था ।
दोनों साझा खेती करते थे ।
एक बार उनके खेत में गेहूं की फसल पककर तैयार
हो गई ।
दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूं तैयार
किया ।
इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूं बांट लिया ।
अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था । रात
हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन
ही हो पाता । रात में दोनों को फसल
की रखवाली के लिए खलिहान पर
ही रुकना था । दोनों को भूख भी लगी थी ।
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची । पहले
बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया ।
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया । वह
सोचने लगा- भैया की शादी हो गई है,
उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज
की जरूरत होगी ।
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूं
निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया ।
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा ।
उसके बाद छोटा भाई खाना खाने घरचला गया ।
बड़ा भाई सोचने लगा - मेरा तो परिवार है,
बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं
लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे
देखने वाला कोई नहीं है ।
इसे मुझसे ज्यादा गेहूं की जरूरत है
। उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूं छोटे
भाई वाले गेहूं के ढेर में मिला दिया!
इस तरह दोनों के गेहूं की कुल मात्रा में कोई
कमी नहीं आई। हां, दोनों के आपसी प्रेम और
भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई ।
" बेचारा आम आदमी "
ReplyDeleteएक बार एक सेठ शहर से अपने गांव पैदल ही आ रहा था कि रास्ते में डाकू आ गए| डाकू ने सेठ को लट्ठ जमा दिए। सेठ ने डर के मारे अपनी जेब में जो धन था वह डाकू को दे दिया, फिर भी डाकुओं ने सेठ की कमीज उतरवा ली|
तभी डाकुओं ने देखा की बनियान में भी एक जेब हे सो सेठ की बनियान भी उतरवा ली|
सेठ ने कुछ धन अपनी धोती की अंटी में भी रखा था सो डाकू सरदार ने सेठ की धोती भी खुलवा ली|
अब सेठ जी सिर्फ कच्छे में थे|
डाकू सरदार ने सेठ का कच्छा गौर से देखा तो उसे लगा कि सेठ ने कच्छे में भी कुछ छुपा रखा है| सो डाकू सरदार ने सेठ से पुछा- “कच्छे में भी धन छुपा रखा है क्या?"
सेठ : जी धन नहीं है! इसमें मैंने एक पिस्टल छुपा रखी है|
डाकू सरदार : पिस्टल किस लिए? तू क्या करेगा पिस्टल का? तेरे किस काम की पिस्टल?
सेठ : जी! समय आने पर मौके पर काम लूँगा!
डाकू सरदार : ओ पागल, इस से बढ़िया मौका कबआयेगा? तेरी धोती, तेरा कुर्ता, तेरी बनयान तक लुट गया| तू कच्छे में नंगा खड़ा है, तेरा सारा धन लुट गया! फिर भी इस पिस्टल को इस्तेमाल करने का तुझे मौका नजर नहींआया? लगता है तू भी भारत के आम आदमी मतदाता की तरह ही पागल है|
सेठ को कुछ समझ नहीं आया, तो उसने डाकू से निवेदन किया – "हे डाकू महाराज! कम से कम मुझे ये तो बता दीजिये कि मुझमें व भारतीय मतदाता में आपको ऐसी कौन सी समानता नजर आई जो आपने मुझे भारतीय मतदाता के समान पागल कह दिया|"
डाकू कहने लगा : देख सेठ तू पिस्टल पास होते हुए भी पूरा लुट गया| धन के साथ तेरे कपड़े तक हमने उतार लिये| फिर भी तूने अपना धन और कपड़े बचाने को पिस्टल का उपयोग नहीं किया. यह ठीक उसी तरह है जैसे भारतीय मतदाता पुरे पांच साल तक नेताओं से लुटता हुआ डायलोग मारता रहता है कि अगले चुनाव आने दीजिये, अपने वोट से इन नेताओं को सबक सिखाऊंगा|
अब देख भारतीय जनता को नेताओं ने इतना लुटा कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा है जबकि उसके पास "मत" (वोट) रूपी ऐसा हथियार है जिसके इस्तेमाल से वह नेताओं द्वारा लुटे जाने से आसानी से बच सकता है| पर वह भी तेरी तरह ही सोचता रहता है कि इस चुनाव में नहीं, अगले चुनावों में इस नेता को देखूंगा! और इसी तरह देखने का इंतजार करते करते भारतीय मतदाता नेताओं के हाथों लुटता रहता है, ठीक वैसे ही जैसे तुम पिस्तौल होने के बावजूद हमसे लुट गए|
इतने घोटालों के बाद भी सत्ता और विपक्ष दोनों मस्त हैं। सत्ता वाले तो मस्त हें ही, विपक्ष अगली बार सत्ता के सपने देखने में मस्त हे। और बेचारा लुटा पिटा आम आदमी कोने में खडा हाथ बांधे रो रहा हे।
धरम-जाति, बाहु-बल, पर्लोभनो, पैसे से सत्ता, सत्ता से पैसा की राजनीति में बंटा हुआ आम आदमी अपने पिस्टल (मत ) का सही इस्तेमाल नहीं करता और फिर कभी एक या दूसरा दल इसे बुधू बना कर सत्ता में आ जाता है। मतदान के दिन का 'एक दिन का राजा' पांच साल के लिए भुला दिया जाता हे। एक ईमानदार भारत निर्माण में जुट जाएँ।
जय हिन्द !
sir,
ReplyDeletescience female - general ki cutoff 2nd counl. mai kitni hogi.... pls tell me....
thnx, archana
Muft Ka Ehsan Na Lena Yaro,,
ReplyDeleteDIL Abhi Aur Bhi Saste Honge..
कितनी अजीब बात है की --
ReplyDeleteजब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं,
और दुसरे गलत होते है तो हम न्याय चाहते हैं.....
sir,
ReplyDeletescience female - general ki cutoff 2nd counl. mai kitni hogi.... pls tell me....
thnx, archana
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अच्छे रिश्तों को वादों और शर्तों की ज़रुरत नहीं होती,
उसके लिए दो खूबसूरत लोग चाहिए,
जिनमे एक भरोसा कर सके
और दूसरा उसे समझ सके..
sir,
ReplyDeletescience female - general ki cutoff 2nd counl. mai kitni hogi.... pls tell me....
thnx, archana
Ye to is baat pe nirbhar karta h ki kitne guna abhyarthi bulaye jayenge ..sachin kumar baliyan
Deleteजितनी मुझे जानकारी हुयी है उसके अनुसार साधना NCTE से कहलवाना चाहती थी कि टेट एक पात्रता परीक्षा है और उसकी मेरिट से चयन नही हो सकता लेकिन ncte के वकील ने अपनी बेइज्जती कराने से इनकार कर दिया ...
ReplyDeleteदूरस्थ शिक्षा का मामला अति संवेदनशील और गम्भीर है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये यह मैं अपने उन समस्त साथियों को परामर्श देना चाहता हूँ कि आप सभी कोर्ट की शरण में जाने के लिये तैयार हो जायें । उसका कारण मेरे ऐसे समस्त मित्र भलीं भांति जानते हैं ।
ReplyDeleteस्वार्थ से रिश्ते बनाने कि कितनी भी कोशिश करो, रिश्ते बनेगें नहीं।
ReplyDeleteऔर प्यार से बने रिश्ते तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो, रिश्ते टूटेगें नहीं।
#From :; Shashank
sir,
ReplyDeletescience female - general ki cutoff 2nd counl. mai kitni hogi.... pls tell me....
thnx, archana
दूसरों की भूलों से सीखें
ReplyDeleteआपके पास इतना वक़्त नहीं कि खुद इतनी भूलें कर सकें....
sir,
ReplyDeletescience female - general ki cutoff 2nd counl. mai kitni hogi.... pls tell me....
thnx, archana
कपिल एंड कम्पनी का जबरदस्त
ReplyDeleteमनी मेकिंग गेम प्लान जारी है पर अफसोस
यह बात अकादमिक समर्थकों के समझ से
बाहर है..कैसे???
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अभी कुछ दिनों पहले चन्दे के लिए ह्रदय
विदारक अपील की जा रही थी पर अचानक
अपील भी हो जाती है सुप्रीम कोर्ट से
हाईकोर्ट तक बहस भी हो जाती है और
तो और बहस के लिए राकेश द्विवेदी जैसे
वकीलों से बात भी हो जाती है....
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आखिर ये पैसा आ कहाँ से रहा है...मतलब
पैसा अकादमिक समर्थक न भी देते हैं
तो भी कमी नही...
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सावधान हो जाओ उसकी जयकारा लगाने
वालो यह डबल क्राॅस गेम कहलाता है
मतलब यह पैसा टेट विरोधियो से
लिया तो जा रहा है पर आप लोगो के भले के
लिए नही..
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सोचिए जिस व्यक्ति का चयन न
तो अकादमिक से संभव है और न ही टेट से
वह इस भर्ती के पीछे क्यों पडा है..
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याचिका में अपने वह
पार्टी क्यों नही बनता हमेशा दूसरों को आगे
क्यों कर दे रहा है?
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सीधी बात समझ लो वह इस वक्त टेट मेरिट
व अकादमिक के दुश्मनों से हाथ
मिला चुका है..मूर्ख अकादमिक
वालो को बना रहा है...
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सावधान हो जाओ अकादमिक वालों.
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टेट इतना मजबूत हो गया है जितना आग मे
तप सोना कुंदन बन जाता है..
एक टेटियन ही उसकी याचिका खारिज करा सकता है।
हर एक को कसूरवार क्यों ठहराते हो तुम,
ReplyDeleteअपने सामने भी तुम एक आइना रख लो.
मै एक उदाहरण दे रहा हूँ टेट मेरिट के साथ जो नाइंसाफी होनी थी वो पहले ही हो चुकी है अब तो उनके साथ इंसाफ होगा।
ReplyDeletesadhna ka ilaj karna hi hoga,uski sadi kisi gabdu jawan se karwani hogi.wohi uska ilaj kar sakega.
ReplyDelete.......
ReplyDeleteISS SARKAR NE TO HUM BEROJGARO KO BHUT PARESHAN KAR DIYA..... MITRO KOI BUSINESS IDEA HE DO JO SMALL CAPITAL LAGA KE ACHAA RETURN DE SAKE.....KAB TAK MAA BAAP KE SAHARE BAITHE RAHENGE JABKI YE SAMAY AISA HAI KI UNKI JIMMEDARI HUM PER HONI CHAHIYE PER......ISLIYE AGAR KISI K PAAS ACHAA BUSINESS IDEA HO TO JAROOR SHARE KARE.
ReplyDeleteBHAI EK IDEA HAI MERE PAAS AGAR KAR SAKO TAU MUJHE CALL KARE.Mob.9368953159 S.S.
DeleteSCIENCE MALE LOWEST MERIT KITNA JA SAKTI TMNTBN JI PLEASE AGAR AAPKO CLEAR HO TO BATAIYEGA
ReplyDeleteGood evening bhaio
ReplyDeleteAaj jrt me professional course ka visay court me tha uska Kya hua
Kisi sajjan ko agar jankari hai to kripya share kare
Dhanyawad