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Saturday, July 19, 2014

70 फीसदी से कम नहीं जाएगी सामान्य की मेरिट

70 फीसदी से कम नहीं जाएगी सामान्य की मेरिट
गणित-विज्ञान शिक्षकों की दूसरी मेरिट तैयार, जल्द होगी जारी





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चंदौसी। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित-विज्ञान शिक्षकों के पदों रिक्त पदों पर दूसरी काउंसलिंग की तैयारियों में विभाग जुट गया है। प्रदेश शासन की अनुमति के बाद बेसिक शिक्षा विभाग 23-24 जुलाई को दूसरी काउंसलिंग कराएगा। दूसरी मेरिट तैयार कर ली गई है।


गणित-विज्ञान शिक्षकों के रिक्त रहे पदों पर काउंसलिंग की दूसरी मेरिट जल्द जारी होगी। संभल जिले में पहली मेरिट के मुकाबले दूसरी मेरिट में पांच गुना अभ्यर्थी बुलाए गए हैं। लेकिन कट ऑफ पर कोई बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। हालांकि निदेशालय ने निर्देश दिए थे कि सामान्य वर्ग की मेरिट 65 फीसदी तक लेकर जाएंगे जिससे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को मौका मिल सके। लेकिन संभल में ऐसी राहत नहीं मिली है। अनारक्षित श्रेणी की विज्ञान विषय की मेरिट एक प्रतिशत नीचे आई है जबकि गणित की मेरिट दो प्रतिशत तक कम हुई है। यदि इस मेरिट में भी सभी पद नहीं भरे गए तब तीसरी मेरिट जारी की जाएगी। विभाग को उम्मीद है कि इस मेरिट में रिक्त पद भर जाएंगे।
पांच गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा काउंसलिंग के लिए
23 और 24 जुलाई को होगी काउंसलिंग
यह रहेगी मेरिट -
वर्गविज्ञानगणित
सामान्य7068.97
ओबीसी68.3967.17
एससी65.5963.30
एसटी53.31
हमने पांच गुना अभ्यर्थी बुलाए हैं। इस बार भी मेरिट ऊंची गई है। पांच गुना अभ्यर्थियों की संख्या के आधार पर जहां कट ऑफ रुकी है उसमें और पहली मेरिट के कट ऑफ प्रतिशत में कोई बहुत खास अंतर नहीं है। 23-24 जुलाई को काउंसलिंग की पूरी व्यवस्था पूर्व रूप में ही की जाएगी।
सतेंद्र कुमार, बीएसए संभल।

News Sabhaa : अमर उजाला चंदौसी (19.7.14)

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UPTET / NTT: टीईटी पास हजारों के सर्टिफिकेट रुके

UPTET / NTT: टीईटी पास हजारों के सर्टिफिकेट रुके
UPTET 2013-14 MARK SHEET / CERTIFICATE DISTRIBUTION

एनसीटीई से बिना मान्यता प्राप्त संस्थानों से एनटीटी कर आवेदकों ने कर भरे दिए थे टीईटी के फार्म
परीक्षा में पास भी हो गए लेकिन अब प्रमाणपत्र लेने से रोक दिया गया
 

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इलाहाबाद। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) से बिना मान्यता प्राप्त संस्थानों से नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद टीईटी की परीक्षा देना हजारों परीक्षार्थियों पर भारी पड़ गया है। टीईटी की परीक्षा पास करने के बाद हजारों परीक्षार्थियों के टीईटी प्रमाणपत्रों का वितरण रोक दिया गया है।
टीईटी 22 और 23 फरवरी को हुई थी। डायट में प्रमाणपत्रों का वितरण बृहस्पतिवार से शुरू हुआ है। जिससे काफी संख्या में ऐसे परीक्षार्थी प्रमाणपत्र लेने पहुंच रहे हैं। जिन्होंने एनटीटी बिना एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से किया हुआ है। इन आवेदकों ने फार्म भरके टीईटी पास कर ली है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की डायट को प्रमाणपत्र वितरण के दौरान जिन दिशा निर्देशों का पालन करना है, उसमें भी ऐसे आवेदकों को प्रमाणपत्र देना है या नहीं उसका जिक्र नहीं है। ऐसे में इन परीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है।
हालांकि इन परीक्षार्थियों से प्रत्यावेदन ले लिए गए हैं, जिन्हें सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भेजा जाएगा। साथ ही में दिशा निर्देश भी मांगे जाएंगे। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव का कहना है कि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त कॉलेजों से एनटीटी का प्रशिक्षण प्राप्त कर टीईटी पास करने वाले परीक्षार्थियों को ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा। टीईटी के लिए आवेदन करते वक्त वेबसाइट पर इस संबंध में दिशा निर्देश भी दिए गए थे।

News Source Sabhaar : Amar Ujala (19.07.2014)

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UPTET : डायट में आपत्तियों का एक लाख का आंकड़ा पार

UPTET : डायट में आपत्तियों का एक लाख का आंकड़ा पार
SARKARI NAUKRI NEWS
इलाहाबाद : 72,825 पदों पर भर्ती प्रक्रिया के आवेदकों के लिए पहुंचने वाली आपत्तियां शुक्रवार को एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है। स्पीड पोस्ट के माध्यम से शुक्रवार को 17 बोरे आपत्तियां पहुंची हैं। अनुमान है कि एक बोरे में एक हजार आपत्तियां होंगी।





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Shiksha Mitra Counslling Primary Teacher Samayojan News : सहायक अध्यापक बनते ही होगा शिक्षामित्रों का तबादला

Shiksha Mitra Counslling Primary Teacher Samayojan News : सहायक अध्यापक बनते ही होगा शिक्षामित्रों का तबादला
जनपद के एकल व बंद पडे़ स्कूलों में होगी तैनाती: बेसिक शिक्षा मंत्री

छह माह के अंदर दोबारा होगी अभिलेखों की जांच
31 जुलाई तक पूरी होगी काउंसलिंग प्रक्रिया 




झांसी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाते ही जनपद के एकल व बंद पडे़ विद्यालयों में तैनात किया जाएगा। छह माह बाद दोबारा उनके अभिलेखों की जांच की जाएगी। गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित शिक्षा मित्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



उन्होंने ‘अमर उजाला’ से फोन पर बातचीत में बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शैक्षिक उन्नयन के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर गठित टीमों द्वारा शिक्षा मित्रों के अभिलेखों की जांच की जा रही है। प्रदेश में पारदर्शिता के साथ काउंसलिंग कराई जा रही है। 31 जुलाई तक काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद सहायक अध्यापक बने शिक्षा मित्रों को उनके मूल तैनाती स्थल से बंद पडे़ व एकल शिक्षकों वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा। वहीं, सहायक अध्यापक बनाने के बाद भी विभागीय स्तर पर छह माह के अंदर मूल अभिलेखों की जांच कराई जाएगी। इस दौरान फर्जी अंक पत्र मिलने पर संबंधित शिक्षा मित्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


News Source / Sabhaar : Amar Ujala अमर उजाला (19.07.2014)
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UP Police SI Sub-Inspector Recruitment : यूपी में सब इंस्पेेक्टरों की नियुक्ति का खुला रास्ता

UP Police SI Sub-Inspector Recruitment : यूपी में सब इंस्पेेक्टरों की नियुक्ति का खुला रास्ता
 
सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद 2 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती 

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नई दिल्ली : सब इंस्पेक्टरों की नियुक्ति मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। सर्वोच्च अदालत ने दो हजार से अधिक सब इंस्पेक्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया। परीक्षा देने वाले हजारों अभ्यर्थियों की गुहार पर अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस नियुक्ति एवं पदोन्नति बोर्ड को मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया है। साथ ही सरकार को भर्ती प्रक्रिया को तीन माह में पूरा कर नियुक्तियां करने को कहा है। गत वर्ष अदालत ने 3223 सब इंस्पेक्टरों को राज्य में तैनात किए जाने के मसले पर अपनी मंजूरी दी थी।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अभ्यर्थी अनिल कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर चयन बोर्ड और राज्य सरकार को तीन माह में दो हजार से भी अधिक पदों पर नियुक्ति करने का आदेश जारी किया।
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UP Recruitment News : समूह ‘ग’ में कैसे होंगी तीन लाख भर्तियां?

UP Recruitment News : समूह ‘ग’ में कैसे होंगी तीन लाख भर्तियां?

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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अध्यादेश हुआ निष्प्रभावी,
विधानमंडल में विधेयक पारित नहीं करा सकी सरकार
 

लखनऊ। सरकारी नौकरी की उम्मीदें संजोने वाले युवाओं को झटका लगा है। सचिवालय समेत सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों और निकायों में समूह ‘ग’ के करीब तीन लाख पदों पर भर्ती की योजना कुछ समय के लिए लटक सकती है। इन भर्तियों के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया जाना था। इसके लिए सरकार अध्यादेश लेकर आई थी लेकिन विधानसभा में विधेयक पारित न होने के कारण यह निष्प्रभावी हो गया।
प्रदेश सरकार की योजना समूह ‘क’ से ‘घ’ तक सभी समूहों में करीब पांच लाख पदों पर भर्तियां करने की है। समूह ‘क’ और ‘ख’ के लगभग लगभग एक लाख पदों पर भर्तियां उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिये होंगी। समूह ‘ग’ की भर्तियां करने के लिए कैबिनेट ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग बनाने का फैसला लिया था। समूह ‘ग’ के रिक्त पदों की अनुमानित संख्या करीब तीन लाख है। समूह घ के करीब एक लाख पदों पर होने वाली भर्तियां भी चयन आयोग के जरिये करने का प्रस्ताव था लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी।
सभी भर्तियों के लिए कैबिनेट की पिछली बैठक में प्रस्ताव लाया गया था। चूंकि विधानमंडल का सत्र नहीं चल रहा था, इसलिए सरकार ने गत दो जून को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन के लिए अध्यादेश जारी कर दिया। आयोग में अध्यक्ष और आठ सदस्यों की नियुक्ति की व्यवस्था की गई।
आयोग को भर्ती प्रक्रिया से संबंधित विषयों पर गाइडलाइंस तैयार करने, परीक्षाएं व साक्षात्कार कराने और अभ्यर्थियों के चयन का जिम्मा सौंपा गया।
विधानमंडल का बजट सत्र गत 19 जून से शुरू हुआ तो सरकार ने पहले ही दिन विधानसभा में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग विधेयक पेश किया। सात जुलाई तक सदन की कई बैठकें हुईं लेकिन सरकार इस विधेयक को पारित नहीं करा सकी। संसदीय मामलों के जानकार कहते हैं कि सदन के पटल पर विधेयक रखे जाने के बाद अध्यादेश निष्प्रभावी हो जाता है। चूंकि विधेयक पारित नहीं हो सका है, इसलिए दो जून को जारी अध्यादेश के कोई मतलब नहीं रह गए हैं


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